इयत्ता दहावी भारत महिमा मराठी स्वाध्याय PDF |
या लेखात, आम्ही भारत महिमा विषयासाठी इयत्ता दहावी मराठी सोल्यूशन्स देऊ. इयत्ता दहावी मधील विद्यार्थी पाठ्यपुस्तकांमध्ये उपस्थित असलेल्या व्यायामांसाठी प्रश्न आणि उत्तरे डाउनलोड आणि कॉपी करण्यास सक्षम असतील.
इयत्ता दहावी भारत महिमााच्या पुस्तकात महाराष्ट्र बोर्डाच्या अभ्यासक्रमातील सर्व प्रश्नांचा समावेश आहे. येथे सर्व प्रश्न पूर्ण स्पष्टीकरणासह सोडवले आहेत आणि डाउनलोड करण्यासाठी विनामूल्य उपलब्ध आहेत. महाराष्ट्र बोर्ड इयत्ता दहावी भारत महिमााचे पुस्तक खाली दिले आहे. आम्हाला आशा आहे की आमच्या इयत्ता दहावी वीच्या भारत महिमााचे पुस्तक तुमच्या अभ्यासात मदत करेल! जर तुम्हाला आमचे इयत्ता दहावी चे पुस्तक आवडले असेल तर कृपया ही पोस्ट शेअर करा.
इयत्ता दहावी भारत महिमा स्वाध्याय
मंडळाचे नाव |
Maharashtra Board |
ग्रेडचे नाव |
दहावी |
विषय |
भारत महिमा |
वर्ष |
2022 |
स्वरूप |
PDF/DOC |
प्रदाता |
|
अधिकृत संकेतस्थळ |
mahahsscboard.in |
समाधानासह महाराष्ट्र बोर्ड आठवा स्वाध्याय कसे डाउनलोड करायचे?
महाराष्ट्र बोर्ड दहावी स्वाध्याय PDF डाउनलोड करण्यासाठी खालील स्टेप्स फॉलो करा:
- वेबसाइट- Hsslive ला भेट द्या. 'स्वाध्याय' लिंकवर क्लिक करा.
- महा बोर्ड दहावी स्वाध्याय PDF पहा.
- आता महाराष्ट्र बोर्ड दहावी स्वाध्याय तपासा.
- डाउनलोड करा आणि भविष्यातील संदर्भांसाठी जतन करा.
इयत्ता दहावी भारत महिमा स्वाध्याय उपाय
इयत्ता दहावी स्वाध्याय मधील विद्यार्थी खालील लिंक्सवरून भारत महिमााचे उपाय डाउनलोड करू शकतील.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का तात्पर्य लिखिए:
a. कहीं से हम आए थे नहीं → …………………….
b. वही हम दिव्य आर्य संतान → …………………….
उत्तर:
(a) हम भारतवासी किसी अन्य देश से आकर यहाँ नहीं बसे। हम यहीं के निवासी हैं। सभ्यता के प्रारंभ से हम यहीं रहते आए हैं।
(b) भारतवासी आर्य थे और हम उन्हीं आर्यों की दिव्य संतानें हैं।
प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:
संचय
सत्य
अतिथि
रत्न
वचन
दान
हृदय
तेज
देव
उत्तर:
(i) संचय – दान
(ii) सत्य – वचन
(iii) अतिथि – देव
(iv) रत्न – तेज।
प्रश्न 3.
लिखिए.
a. कविता में प्रयुक्त दो धातुओं के नाम:
उत्तर:
b. भारतीय संस्कृति की दो विशेषताएँ:
उत्तर:
प्रश्न 4.
प्रस्तुत कविता की अपनी पसंदीदा किन्हीं दो पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
उत्तर:
हमारे संचय में था दान, अतिथि थे सदा हमारे देव वचन में सत्य, हृदय में तेज, प्रतिज्ञा में रहती थी टेव। हम भारतीय दीन-दुखियों की सेवा करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। हम यदि धन और संपत्ति का संग्रह करते भी थे तो दान के लिए करते थे। दानवीरता भारतीयों का गुण रहा है। महर्षि दधीचि और कर्ण जैसे दानवीर इसी भूमि पर हुए हैं। हमारे देश में अतिथियों को देवता के समान माना जाता था। भारतीय सत्यवादी हरिश्चंद्र की संतानें हैं। हमारे हृदय में तेज था, गौरव था। हम सदा अपनी प्रतिज्ञा पर अटल रहते थे। भारतीयों का मानना था- प्राण जाएँ,: पर वचन न जाएँ।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए:
a. रचनाकार का नाम
b. रचना का प्रकार
c. पसंदीदा पंक्ति
d. पसंदीदा होने का कारण
e. रचना से प्राप्त संदेश
उत्तर:
a. रचनाकार का नाम → जयशंकर प्रसाद।
b. रचना की विधा → कविता।
c. पसंद की पंक्तियाँ → व्योमतम पुंज हुआ तब नष्ट, अखिल संसृति हो उठी अशोक। (सूचना: विद्यार्थी अपनी पसंद की पंक्ति लिखेंगे।)
d. पंक्तियाँ पसंद होने का कारण → हम भारतीयों ने पूरे विश्व में ज्ञान का प्रसार किया, जिसके कारण समग्र संसार आलोकित हो गया। अज्ञान रूपी अंधकार का विनाश हुआ और संपूर्ण सृष्टि के सभी दुख-शोक दूर हो गए।
e. रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा → हमें सदैव अपने देश और इसकी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। जब भी आवश्यकता पड़े, देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देने के लिए तत्पर रहना चाहिए।
Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 1 भारत महिमा Additional Important Questions and Answers
पद्यांश क्र. 1
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
पद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) अभिनंदन
(ii) आलोक।
उत्तर:
(i) उषा ने हँसकर क्या किया?
(ii) जब भारतीयों ने ज्ञान का प्रचार किया तो संसार में क्या फैला?
प्रश्न 2.
पद्यांश में प्रयुक्त इन शब्दों से सहसंबंध दर्शाने वाले शब्द लिखिए:
(i) हिमालय – ……………………..
(ii) किरण – ……………………..
(iii) विमल – ……………………..
(iv) कोमल – ……………………..
उत्तर:
(i) हिमालय -आँगन
(ii) किरण – उपहार
(iii) विमल -वाणी
(iv) कोमल -कर
प्रश्न 3.
विधानों के सामने सत्य/असत्य लिखिए:
(i) जब पूरा विश्व जगा तो भारतवासी भी जग गए।
(ii) वीणापाणि ने अपने हाथ में वीणा ली।
(iii) हिमालय के आँगन में किरणों का उपहास मिला।
(iv) सप्तसिंधु में सातों स्वर गूंजने लगे।
उत्तर:
(i) असत्य
(ii) सत्य
(iii) असत्य
(iv) सत्य।
प्रश्न 4.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:
(i) उषा – आलोक
(ii) हीरक – संगीत
(iii) विश्व – अभिनंदन
(iv) वीणा – हार
उत्तर:
(i) उषा – अभिनंदन।
(ii) हीरक – हार
(iii) विश्व – आलोक
(iv) वीणा -संगीत।
कृति 2: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
पद्यांश में से ढूँढ़कर उपसर्गयुक्त शब्द लिखिए:
(i) ………………. (ii) ……………….
उत्तर:
(i) अभिनंदन
(ii) उपहार।
प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक-एक शब्द लिखिए:
(i) गले में पहनने की मूल्यवान माला
(ii) सितार जैसा वह वाद्य जो सब वाद्यों में श्रेष्ठ माना जाता है, ……………….
उत्तर:
(i) हार
(ii) वीणा।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के लिए पद्यांश में प्रयुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए:
(i) संपूर्ण
(ii) शोकरहित
(iii) संसार
(iv) आकाश।
उत्तर:
(i) संपूर्ण – अखिल
(ii) शोकरहित – अशोक
(iii) संसार – संसृति
(iv) आकाश – व्योम।
कृति 3: (सरल अर्थ)
प्रश्न.
उपर्युक्त पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
भारत देश हिमालय के आँगन के समान है। प्रतिदिन उषा भारत को सूर्य की किरणों का उपहार देती है, मानो हँसकर भारत-भूमि का अभिनंदन कर रही हो। ओस की बूंदों पर जब प्रातःकालीन सूर्य की रश्मियाँ पड़ती हैं, तो ओस की बूंदें चमकने लगती हैं और ऐसा लगता है मानो, उषा ने भारत को हीरों का हार पहना दिया हो।
सबसे पहले ज्ञान का उदय भारत में ही हुआ। अर्थात सबसे पहले हम जाग्रत हुए। फिर हमने पूरे विश्व में ज्ञान का प्रसार किया। इसके कारण समग्र संसार आलोकित हो गया। अज्ञानरूपी अंधकार का विनाश हुआ और संपूर्ण सृष्टि के सभी दुख-शोक दूर हो गए।
पद्यांश क्र. 2
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 2.
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:
(i) भारत में केवल …………………………. की ही विजय नहीं रही। (चाँदी/लोहे/सोने)
(ii) यहाँ …………………………. भिक्षु की तरह रहते थे। (लोग/लड़के/सम्राट)
(iii) हमसे चीन को …………………………. की दृष्टि मिली। (धर्म/कर्म/धन)
(iv) हमारा देश सदा प्रकृति का …………………………. रहा। (खिलौना/आँगन /पालना)
उत्तर:
(i) भारत में केवल लोहे की ही विजय नहीं रही।
(ii) यहाँ सम्राट भिक्षु की तरह रहते थे।
(iii) हमसे चीन को धर्म की दृष्टि मिली।
(iv) हमारा देश सदा प्रकृति का पालना रहा।
प्रश्न 3.
उपर्युक्त पद्यांश पर आधारित ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) सम्राट
(ii) धर्म।
उत्तर:
(i) कौन भिक्षु होकर रहते?
(ii) चीन को कौन-सी दृष्टि मिली?
प्रश्न 4.
निम्नलिखित पंक्तियों का तात्पर्य लिखिए:
(ii) प्रकृति का रहा पालना यहीं।
उत्तर:
(ii) हमें प्रकृति ने प्रत्येक वस्तु मुक्तहस्त से प्रदान की। यहाँ की शस्य श्यामला भूमि, हिमाच्छादित गिरि शिखर, घाटियाँ, वादियाँ, सदानीरा नदियाँ, झरने, फल-फूल, संसाधनों से भरपूर जंगल सभी अनुपम हैं।
प्रश्न 5.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) हमने गोरी को इसका दान दिया – [ ]
(ii) भारत की धरती पर इसकी धूम रही – [ ]
उत्तर:
(i) हमने गोरी को इसका दान दिया – [दया का]
(ii) भारत की धरती पर इसकी धूम रही – [धर्म की]
कृति 2: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द-समूहों के लिए शब्द लिखिए:
(i) बहुमूल्य चमकीले प्रसिद्ध खनिज पदार्थ, जो आभूषणों आदि में जड़े जाते हैं –
(ii) छोटे बच्चों के लिए एक प्रकार का झूला या हिंडोला –
(iii) वह स्थान जहाँ किसी का जन्म हुआ हो –
(iv) बौद्ध संन्यासियों के लिए प्रयोग किया जाने वाला शब्द –
उत्तर:
(i) रत्न
(ii) पालना
(iii) जन्मस्थान
(iv) भिक्षु।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:
(i) विजय x ………………….
(ii) धर्म x ………………….
(iii) भूमि x ………………….
(iv) जन्म x ………………….
उत्तर:
(i) विजय x पराजय
(ii) धर्म x अधर्म
(iii) भूमि x आकाश
(iv) जन्म – मरण।
कृति 3: (सरल अर्थ)
प्रश्न.
उपर्युक्त पद्यांश की अपनी पसंदीदा किन्हीं दो पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
विजय केवल लोहे की नहीं, धर्म की रही धरा पर धूम भिक्षु होकर रहते सम्राट, दया दिखलाते घर-घर घूम। भारतीयों ने शस्त्रों के बल पर दूसरे देशों को नहीं जीता, बल्कि उन्होंने प्रेमभाव से लोगों के हृदय जीते हैं। भारत में प्राचीन काल से ही लोगों के मन में धर्म की भावना रही है। यहाँ वर्धमान महावीर और गौतम बुद्ध जैसे त्यागी धर्मपुरुष हुए हैं, जिन्होंने अपना विशाल साम्राज्य छोड़कर भिक्षु का स्वरूप धारण किया और घर-घर घूमकर लोगों का कष्ट दूर करने का प्रयास किया, धर्म का प्रचार किया।
पद्यांश क्र. 3
प्रश्न.
निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)
प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का तात्पर्य लिखिए:
(i) किसी को देख न सके विपन्न।
उत्तर:
(i) भारतीय कभी किसी को दुखी नहीं देख सके। दीन-दुखियों की सेवा करने के लिए हम भारतीय सदैव तत्पर रहते हैं।
प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) हम चरित्र के ऐसे थे – [ ]
(ii) हम दान के लिए यह करते थे – [ ]
(iii) हमारे लिए ये देवता के समान थे – [ ]
(iv) हमें अपने गौरव पर यह था – [ ]
उत्तर:
(i) हम चरित्र के ऐसे थे [पवित्र]
(ii) हम दान के लिए यह करते थे [संचय]
(iii) हमारे लिए ये देवता के समान थे [अतिथि]
(iv) हमें अपने गौरव पर यह था [गर्व]
प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न 4.
आकृति पूर्ण कीजिए:
उत्तर:
कृति 2: (शब्द संपदा)
प्रश्न 1.
पद्यांश से उपसर्ग वाले दो शब्द ढूँढकर लिखिए:
(i) ……………………. (ii) …………………….
उत्तर:
(i) अतिथि
(ii) अभिमान।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) पूत = …………………….
(ii) गर्व = …………………….
(iii) प्रतिज्ञा = …………………….
(iv) प्यारा = …………………….
उत्तर:
(i) पूत – पावन
(ii) गर्व = घमंड
(iii) प्रतिज्ञा = प्रण
(iv) प्रिय = प्यारा।
प्रश्न 3.
पद्यांश से शब्द ढूँढकर लिखिए:
(i) पवित्र शब्द के लिए प्रयुक्त शब्द – …………………….
(ii) गरीब शब्द के लिए प्रयुक्त शब्द – …………………….
उत्तर:
(i) पवित्र शब्द के लिए प्रयुक्त शब्द – पूत
(ii) गरीब शब्द के लिए प्रयुक्त शब्द – विपन्न।
कृति 3: (सरल अर्थ)
पदय विश्लेषण
सूचना: यह प्रश्नप्रकार कृतिपत्रिका के प्रारूप से हटा दिया गया है। लेकिन यह प्रश्न पाठ्यपुस्तक में होने के कारण विद्यार्थियों के अधिक अभ्यास के लिए इसे उत्तर-सहित यहाँ समाविष्ट किया गया है।
भाषा अध्ययन (व्याकरण)
प्रश्न. सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
1. शब्द भेद:
अधोरेखांकित शब्दों का शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) राजा दशरथ वृद्ध दंपति के सामने बैठ गए।
(ii) सड़क कदाचित कच्ची थी।
उत्तर:
(i) दशरथ – व्यक्तिवाचक संज्ञा।
(ii) सड़क – जातिवाचक संज्ञा।
2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) बहुत
(ii) सामने
(iii) किंतु।
उत्तर:
(i) प्रयाग बहुत थक गया था।
(ii) स्कूल के सामने एक बगीचा है।
(iii) घर में दीपक तो था, किंतु उसमें तेल न था।
3. संधि:
कृति पूर्ण कीजिए:
संधि शब्द | संधि विच्छेद | संधि भेद |
उज्ज्व | ……………… | ……………… |
अथवा | ||
प्रश्न + उत्तर | ……………… | ……………… |
उत्तर:
संधि शब्द | संधि विच्छेद | संधि भेद |
उज्ज्वल | उत् + ज्वल | व्यंजन संधि |
अथवा | ||
प्रश्नोत्तर | प्रश्न + उत्तर | स्वर संधि |
4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका ‘मूल रूप लिखिए:
(i) इस पद ने मोहिनी मंत्र का जाल बिछा दिया।
(ii) बालक भूमि पर लेट गया।
उत्तर:
सहायक क्रिया | मूल रूप |
(i) दिया | देना |
(ii) गया। | जाना |
5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) दौड़ना
(ii) बोलना
(iii) रोना।
उत्तर:
क्रिया | प्रथम प्रेरणार्थक रूप | द्वितीय प्रेरणार्थक रूप |
(i) दौड़ना। | दौड़ाना | दौड़वाना |
(ii) बोलना | बुलाना | बुलवाना |
(iii) रोना | रुलाना | रुलवाना |
6. मुहावरे:
(1) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) दृष्टि फेरना
(ii) राह देखना।
उत्तर:
(i) दृष्टि फेरना।
अर्थ: नजर डालना।
वाक्य: नेताजी ने श्रोताओं पर दृष्टि फेरी।
(ii) राह देखना।
अर्थ: प्रतीक्षा करना।
वाक्य: विद्यार्थी कई दिनों से छुट्टियों की राह देख रहे थे।
(2) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए गए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए: (सपने की संपत्ति होना, चल बसना, भनक पड़ना)
(i) हफ्ते भर की बीमारी में मरीज चला गया।
(ii) दारोगाजी ने उड़ती हुई खबर सुनी कि कल दंगा होने वाला है।
(ii) ऐसा भूकंप आया कि क्षण भर में सारी चहल-पहल विलुप्त हो गई।
उत्तर:
(i) हफ्ते भर की बीमारी में मरीज चल बसा।
(ii) दारोगाजी के कान में भनक पड़ी कि कल दंगा होने वाला है।
(iii) ऐसा भूकंप आया कि क्षण भर में सारी चहल-पहल सपने की संपत्ति हो गई।
7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए:
(i) नारी महान है।
(ii) वह किसी को किसी प्रकार की कमी नहीं होने देती।
(iii) प्रेरणा का सूक्ष्म प्रभाव होता है।
उत्तर:
(i) नारी – कर्ता कारक
(ii) किसी को – कर्म कारक
(iii) प्रेरणा का – संबंध कारक।
8. विरामचिह्न:
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) क्या बताऊँ गाय ने दूध देना बंद कर दिया है बूढ़ी हो गई है इस जमाने में गाय भैंस पालने का खर्चा
(ii) हे मेरे मित्रो परिचितो आओ अपने सारे बदले लेने का यही वक्त है
उत्तर:
(i) “क्या बताऊँ। गाय ने दूध देना बंद कर दिया है, बूढ़ी हो गई है। इस जमाने में गाय-भैंस पालने का खर्चा …।”
(ii) “हे मेरे मित्रो, परिचितो! आओ, अपने सारे बदले लेने का यही वक्त है।”
9. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) मनु पीछे की ओर मुड़ता है। (सामान्य भूतकाल)
(ii) तुम्हारा मुख लाल होता है। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(iii) रोगी की अवस्था बदल जाती है। (पूर्ण भूतकाल)
उत्तर:
(i) मनु पीछे की ओर मुड़ा।
(ii) तुम्हारा मुख लाल हो रहा है।
(iii) रोगी की अवस्था बदल गई थी।
10. वाक्य भेद:
(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) भारतीय चरित्र के पवित्र होते हैं।
(ii) बादल आए किंतु पानी नहीं बरसा।
उत्तर:
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य।
(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए:
(i) तुम्हें अपना ख्याल रखना चाहिए। (आज्ञावाचक)
(ii) मास्टर जी ने पुस्तकें लाने के लिए पैसे दिए। (प्रश्नवाचक)
उत्तर:
(i) तुम अपना ख्याल रखो।
(ii) क्या मास्टर जी ने पुस्तकें लाने के लिए पैसे दिए?
11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए:
(i) क्रोध से उसकी नेत्र लाल हो गए।
(ii) राम ने हिरण का शिकार की।
(iii) मैं मेरा काम करता है।
उत्तर:
(i) क्रोध से उसके नेत्र लाल हो गए।
(ii) राम ने हिरन का शिकार किया।
(iii) में अपना काम करता हूँ।
इयत्ता दहावी हिंदी स्वाध्याय उपाय
- इयत्ता दहावी भारत महिमा मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी लक्ष्मी मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी वाह रे! हमदर्द मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी मन मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी गोवा : जैसा मैंने देखा मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी गिरिधर नागर मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी खुला आकाश मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी गजल मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी रीढ़ की हड्डी मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी ठेस मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी कृषक गान मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी बरषहिं जलद मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी दो लघुकथाएँ मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी श्रम साधना मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी छापा मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी ईमानदारी की प्रतिमूर्ति मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी हम उस धरती की संतति हैं मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी महिला आश्रम मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी अपनी गंध नहीं बेचूँगा मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी बूढ़ी काकी मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी समता की ओर मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी सोंधी सुगंध मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी खोया हुआ आदमी मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी सफर का साथी और सिरदर्द मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी जिन ढूँढ़ा मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी अनोखे राष्ट्रपति मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी ऐसा भी होता है मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी दो लघुकथाएँ मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी कर्मवीर मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी मातृभूमि मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी कलाकार मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी मुकदमा मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी दो गजलें मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी चार हाथ चाँदना मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी अति सोहत स्याम जू मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी प्रकृति संवाद मराठी स्वाध्याय PDF
- इयत्ता दहावी ऐसा वसंत कब आएगा? मराठी स्वाध्याय PDF
0 Comments:
Post a Comment