इयत्ता ११ हिंदी कलम का सिपाही मराठी स्वाध्याय PDF |
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इयत्ता ११ हिंदी कलम का सिपाही स्वाध्याय
मंडळाचे नाव |
Maharashtra Board |
ग्रेडचे नाव |
११ |
विषय |
हिंदी कलम का सिपाही |
वर्ष |
2022 |
स्वरूप |
PDF/DOC |
प्रदाता |
|
अधिकृत संकेतस्थळ |
mahahsscboard.in |
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इयत्ता ११ हिंदी कलम का सिपाही स्वाध्याय उपाय
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आकलन
1. लिखिए :
प्रश्न अ.
प्रेमचंद का व्यक्तित्व अधिक विकसित होता है, जब
(a) …………………………………………………………….
(b) …………………………………………………………….
उत्तर :
(a) वह निम्न मध्यवर्ग और कृषक वर्ग का चित्रण करते हुए अपने युग की प्रतिगामी शक्तियों का विरोध करते हैं।
(b) एक श्रेष्ठ विचारक और समाज सुधारक के रूप में प्रकट होते हैं।
प्रश्न आ.
प्रेमचंद लिखित निम्नलिखित रचनाओं का वर्गीकरण कीजिए – (कफन, प्रतिज्ञा, बूढ़ी काकी, निर्मला, नमक का दरोगा, गोदान, रंगभूमि, सेवासदन)
कहानी | उपन्यास |
…………………….. | …………………….. |
…………………….. | …………………….. |
…………………….. | …………………….. |
…………………….. | …………………….. |
उत्तर :
कहानी | उपन्यास |
कफन | निर्मला |
प्रतिज्ञा | गोदान |
बूढ़ी काकी | रंगभूमि |
नमक का दरोगा | सेवासदन |
प्रश्न इ.
निम्नलिखित पात्रों की विशेषताएँ –
(a) होरी
(b) अलोपीदीन
(c) वंशीधर
उत्तर :
(a) होरी – भूख, बीमारी, उपेक्षा और मौत से लड़नेवाला।
(b) अलोपीदीन – कालाबाजारी, समाज का ठेकेदार।
(c) वंशीधर – शोषक को गिरफ्तार करने वाला, ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ।
शब्द संपदा
2. निम्नलिखित भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ लिखिए :
(1) अपत्य –
अपथ्य –
(2) कृपण –
कृपाण –
(3) श्वेत –
स्वेद –
(4) पवन –
पावन –
(5) वस्तु –
वास्तु –
(6) व्रण –
वर्ण –
(7) शोक –
शौक –
(8) दमन –
दामन –
दामन
उत्तर :
(1) अपत्य – संतान
अपथ्य – प्रतिकूल
(2) कृपण – कंजूस
कृपाण – तलवार
(3) श्वेत – सफेद
स्वेद – पसीना
(4) पवन – हवा
पावन – पवित्र
(5) वस्तु – किसी भी चीज का आधार, सत्य
वास्तु – मकान बनाने योग्य स्थान, गृह
(6) व्रण – निशान
वर्ण – रंग
(7) शोक – दुःख
शौक – अभिरूचि
(8) दमन – दबाने या बलपूर्वक शांत करने का काम
दामन – पहाड़ के नीचे की जमीन, आँचल, पल्ला
अभिव्यक्ति
3.
प्रश्न अ.
‘वर्तमान कृषक जीवन की व्यथा’, इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
सदियों पहले किसानों की जो दुरावस्था और परेशानियाँ थीं उनमें और आज की परिस्थितियों में कुछ भी परिवर्तन नहीं है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले बीज से लेकर मजदूर तक सब कुछ आसानी से और कम व्यय में मिलता था; जबकि आज इन सब के दाम बढ गए हैं।
जितना दाम लगता है उतने बड़े पैमाने पर अनाज़ उगता भी नहीं और उसके दाम भी उतने नहीं मिलते। बारिश के कारण पहले की तरह आज भी परेशानी उसके सामने है।
बाजार में अन्य वस्तुओं के दाम दुगुने हो नहीं बल्कि चौगुने बढ़े हैं; जबकि अनाज़ के दामों में उतने बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। परिणामत: अपनी निजी आवश्यकताओं की पूर्ति करते समय किसान परेशान हो रहा है।
प्रश्न आ.
‘ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा सफलता के सोपान हैं’, इस विषय पर अपना मत लिखिए।
उत्तर:
ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इन्हीं के बलबूते पर मनुष्य अपने जीवन में यश एवं सफलता प्राप्त कर सकता है। कोई भी काम श्रेष्ठ या कनिष्ठ नहीं होता। काम करने से ही व्यक्ति की प्रतिष्ठा होती है।
व्यक्ति ईमानदार तो है किंतु कर्तव्य के प्रति आनाकानी करता है या कर्तव्य सही समय पर करता है परंतु ईमानदार नहीं है, तो वह अपने जीवन में कभी कामयाब नहीं हो सकता।।
4. पाठ पर आधारित लघूत्तरी प्रश्न :
प्रश्न अ.
रूपक के आधार पर प्रेमचंद जी की साहित्यिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
प्रेमचंद जी के साहित्य में सामाजिक जीवन की विशालता, अभिव्यक्ति का खरापन, पात्रों की विविधता, सामाजिक अन्याय का घोर विरोध, मानवीय मूल्यों से मित्रता तथा संवेदना पाई जाती है। युग की चुनौतियों को सामाजिक धरातल पर उन्होंने स्वीकारा और नकारा भी।
प्रेमचंद जी का साहित्य लोगों को अन्याय से जूझने की शक्ति प्रदान करता है। उनका साहित्य समय की धडकनों से जुड़ा सजग, आदर्शवादी है। ऐसा लगता है, आज भी वे जीवन से जुड़े हुए युगजीवी हैं और युगांतर तक मानवसंगी दिखाई पड़ते हैं। उनके कहानी और नाटकों में व्याप्त माननीय संवेदना उनके साहित्य की विशेषता मानी जाती है।
प्रश्न आ.
पाठ के आधार पर ग्रामीण और शहरी जीवन की समस्याओं को रेखांकित कीजिए।
उत्तर :
प्रेमचंद जी स्वयं ग्रामीण माहौल में पैदा हुए, पले, गरीबी में जीवनयापन किया। उनके अधिकांश उपन्यास और कहानियों में देहाती जीवन का ही चित्रण मिलता है। ‘गोदान’ उपन्यास, ‘कफन’, ‘ईदगाह’, बूढ़ी काकी’ आदि कहानियों में ग्रामीण जीवन का चित्रण मिलता है।
‘प्रतिज्ञा’, ‘निर्मला’, ‘सेवासदन’ में शहरी जीवन से जुड़ी समस्याओं का चित्रण मिलता है। इन उपन्यासों में हमें भारतीय नारी की समस्या का चित्रण मिलता है। ‘निर्मला एक ऐसी स्त्री है जो परंपराओं, रुढ़ियों, धर्म और कर्मकांडों से जुड़ी हुई है। इस प्रकार ग्रामीण और शहरी जीवन की समस्याओं को रेखांकित किया है।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान
5. जानकारी दीजिए :
प्रश्न अ.
डॉ. सुनील केशव देवधर जी लिखित रचनाएँ –
उत्तर :
मत खींचो अंतर रेखाएँ (काव्य संग्रह), मोहन से महात्मा, आकाश में घूमते शब्द (रूपक संग्रह) संवाद अभी शेष है, संवादों के आईने में (साक्षात्कार) (आ) रेडिओ रूपक की विशेषताएँ – उत्तर : इसके प्रस्तुतीकरण का ढंग सहज, प्रवाही, संवादात्मक होता है।
प्रश्न आ.
रेडियो रूपक की विशेषताएँ –
6. कोष्ठक की सूचना के अनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए –
(1) मछुवा नदी के तट पर पहुँचा। (सामान्य वर्तमानकाल)
उत्तर :
मछुवा नदी के तट पर पहुँचता है।
(2) एक बड़े पेड़ की छाँह में उन्होंने वास किया। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
उत्तर :
एक बड़े पेड़ की छाँह में वे वास कर रहे हैं।
(3) आदमी यह देखकर डर गया। (पूर्ण वर्तमानकाल)
उत्तर :
आदमी यह देखकर डर गया है।
(4) वे वास्तविकता की ओर अग्रसर हो रहे हैं। (सामान्य भूतकाल)
उत्तर :
वे वास्तविकता की ओर अग्रसर हए।
(5) उन लोगों को अपनी ही मेहनत से धन कमाना पड़ता है। (अपूर्ण भूतकाल)
उत्तर :
उन लोगों को अपनी ही मेहनत से धन कमाना पड़ रहा था।
(6) बबन उसे सलाम करता है। (पूर्ण भूतकाल)
उत्तर :
बबन ने उसे सलाम किया था।
(7) हम स्वयं ही आपके पास आ रहे थे। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर :
हम स्वयं ही आपके पास आएँगे।
(8) साहित्यकार अपने सामयिक वातावरण से प्रभावित हो रहा है। (सामान्य भूतकाल)
उत्तर :
साहित्यकार अपने सामयिक वातावरण से प्रभावित हुआ।
(9) आकाश का प्यार मेघों के रूप में धरती पर बरसने लगता है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
उत्तर :
आकाश का प्यार मेघों के रूप में धरती पर बरसा है।
(10) आप सबको जीत सकते हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर :
आप सबको जीत सकेंगे।
Yuvakbharati Hindi 11th Textbook Solutions Chapter 6 कलम का सिपाही Additional Important Questions and Answers
कृतिपत्रिका
(अ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
गद्यांश- “आज जब हम ………………………………………………………………………………………………………. में प्रासंगिक हैं। (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 28-29) |
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
उत्तर :
प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए :
उत्तर :
उत्तर :
प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए :
(1) विश्वास x ……………………………..
(2) उत्साह x ……………………………..
(3) गतिशील x ……………………………..
(4) जिए x ……………………………..
उत्तर:
(1) विश्वास x अविश्वास
(2) उत्साह x निरूत्साह
(3) गतिशील x गतिहीन
(4) जिए x मरे
प्रश्न 4.
‘वर्तमान कृषक जीवन की व्यथा’ अपने शब्दों में लिखिए :
उत्तर :
सदियों पहले किसानों की जो दुरावस्था और परेशानियाँ थीं उनमें और आज की परिस्थितियों में कुछ भी परिवर्तन नहीं है। फर्क सिर्फ इतना है कि पहले बीज से लेकर मजदूर तक सब कुछ आसानी से और कम व्यय में मिलता था; जबकि आज इन सब के दाम बढ गए हैं।
जितना दाम लगता है उतने बड़े पैमाने पर अनाज़ उगता भी नहीं और उसके दाम भी उतने नहीं मिलते। बारिश के कारण पहले की तरह आज भी परेशानी उसके सामने है। बाजार में अन्य वस्तुओं के दाम दुगुने ही नहीं बल्कि चौगुने बढ़े हैं; जबकि अनाज़ के दामों में उतने बड़े पैमाने पर बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। परिणामत: अपनी निजी आवश्यकताओं की पूर्ति करते समय किसान परेशान हो रहा है।
(आ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
गद्यांश- जहाँ तक मैंने प्रेमचंद को …………………………………………………………………………………………. हाँ यह तो ठीक ही है। (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 30-31) |
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
उत्तर :
प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए :
उत्तर :
प्रश्न 3.
निम्न शब्दों का वर्गीकरण कीजिए : (निरुद्देश्य, प्रभावित, भारतीय, प्रत्येक)
उपसर्गयुक्त शब्द – प्रत्यययुक्त शब्द
(1) ……………. – …………………
(2) ……………. – …………………
उत्तर :
उपसर्गयुक्त शब्द – प्रत्यययुक्त शब्द
(1) निरुद्देश्य – (2) प्रत्येक
(2) प्रभावित – (2) भारतीय
प्रश्न 4.
‘आज की भारतीय नारी’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
आज भी भारतीय नारी का सफर चुनौतियों से भरपूर है परंतु आज उसमें चुनौतियों से लड़ने का साहस अवश्य है। आज की शिक्षित नारी ने आत्मविश्वास के बल पर दुनिया में अपनी अलग पहचान बना ली है। परिवार और करियर दोनों में तालमेल बिठाते हुए आगे बढ़ना निश्चय ही प्रशंसनीय है।
विभिन्न परीक्षाओं के नतीजे जब सामने आते हैं तब लड़कियाँ बाजी मार जाती है। मेहनत और मेधा शक्ति के बल पर वे आगे बढ़ रही हैं। हर क्षेत्र में वह पुरुषों की तरह ही सफलता पा रही है फिर वह क्षेत्र सामाजिक हो, राजनीतिक हो, आर्थिक हो या ज्ञान-विज्ञान का। वास्तव में नारी देश की शक्ति है।
भारतीय संस्कृति में नारी को दुर्गा और लक्ष्मी का रूप मानकर सम्मान दिया है। किसी कवि ने खूब कहा हैं, जिसके हाथ में झूले की डोर, वह सारी दुनिया का उद्धार करने का सामर्थ्य रखती है।’ यह कथन अतिशयोक्ति पूर्ण निश्चित ही नहीं है।
(इ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
गद्यांश – आलोपीदीन : बाबू जी कहिए …………………………………………………………………………………….. यह समझता क्या है मुझे। (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 29) |
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
उत्तर :
प्रश्न 2.
कारण लिखिए :
(i) आलोपीदीन रिश्वत दे रहे थे ………………………………..
उत्तर :
आलोपीदीन रिश्वत दे रहे थे ताकि इज्जत माटी में न मिले।
(ii) वंशीधर रिश्वत नहीं ले रहे थे ………………………………..
उत्तर :
वंशीधर रिश्वत नहीं ले रहे थे क्योंकि वे उन सरकारी अफसरों में से नहीं थे जो कौड़ियों पर अपना ईमान बेच दें।
प्रश्न 3.
(क) कृदंत रूप लिखिए :
उत्तर :
(i) चढ़ना – ………………………………..
(i) चढ़ना – चढ़ावा / चढ़ाई
(ii) चाहना – चाह / चाहत
(ख) वचन बदलिए :
(i) गाड़ियाँ – ………………………………..
(ii) बात – ………………………………..
उत्तर :
(i) गाड़ियाँ – गाड़ी
(ii) बात – बातें
प्रश्न 4.
‘ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा सफलता के सोपान हैं’, इस विषय पर अपना मत लिखिए
उत्तरः
ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इन्हीं के बलबूते पर मनुष्य अपने जीवन में यश एवं सफलता प्राप्त कर सकता है। कोई भी काम श्रेष्ठ या कनिष्ठ नहीं होता। काम करने से ही व्यक्ति की प्रतिष्ठा होती है। व्यक्ति ईमानदार तो है किंतु कर्तव्य के प्रति आनाकानी करता है या कर्तव्य सही समय पर करता है परंतु ईमानदार नहीं हैं, तो वह अपने जीवन में कभी कामयाब नहीं हो सकता।
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