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Tuesday, March 1, 2022

इयत्ता सातवी हिंदी जीवन नहीं मरा करता है मराठी स्वाध्याय PDF

 

इयत्ता सातवी हिंदी जीवन नहीं मरा करता है मराठी स्वाध्याय PDF
इयत्ता सातवी हिंदी जीवन नहीं मरा करता है मराठी स्वाध्याय PDF


या लेखात, आम्ही हिंदी जीवन नहीं मरा करता है विषयासाठी इयत्ता सातवी मराठी सोल्यूशन्स देऊ. इयत्ता सातवी मधील विद्यार्थी पाठ्यपुस्तकांमध्ये उपस्थित असलेल्या व्यायामांसाठी प्रश्न आणि उत्तरे डाउनलोड आणि कॉपी करण्यास सक्षम असतील.

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इयत्ता सातवी हिंदी जीवन नहीं मरा करता है स्वाध्याय

मंडळाचे नाव

Maharashtra Board

ग्रेडचे नाव

सातवी

विषय

हिंदी जीवन नहीं मरा करता है

वर्ष

2022

स्वरूप

PDF/DOC

प्रदाता

hsslive.co.in

अधिकृत संकेतस्थळ

mahahsscboard.in


समाधानासह महाराष्ट्र बोर्ड आठवा स्वाध्याय कसे डाउनलोड करायचे?

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इयत्ता सातवी हिंदी जीवन नहीं मरा करता है स्वाध्याय उपाय

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Hindi Sulabhbharti Class 7 Solutions Chapter 8 जीवन नहीं मरा करता है Textbook Questions and Answers

 

जरा सोचो….. चर्चा करो:


Answer:
बनस्पतिः सूर्य के न होने से इसका बहुत बड़ा प्रभाव वनस्पति जगत पर पड़ेगा। वनस्पतियाँ कार्बन डाइऑक्साइड और पानी की सहायता से सूर्य प्रकाश में अपना भोजन तैयार करती हैं। सूर्य प्रकाश न होने से उनकी वृद्धि नहीं होगी। उनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। शाकाहारी पशुपक्षियों को भोजन न मिलेगा। मानव को ऑक्सीजन की प्राप्ति नहीं होगी। वनस्पति ही सजीवों के अन्न स्रोत का मुख्य आधार है। सूर्य के न होने से वनस्पति जगत समाप्त हो जाएगा और उसका सबसे बड़ा प्रभाव प्राणी जगत पर होगा। पशु-पक्षी: पशु-पक्षियों का जीवन सूर्य के न होने से कष्टप्रद हो जाएगा। बनस्पति समाप्त होने से पशु-पक्षियों को अपना अन्न न मिलेगा। कुछ मांसाहारी प्राणी शाकाहारी प्राणियों पर आधारित होते हैं। उन्हें अपना अन्न न मिलने पर जंगली पशु-पक्षियों का जीवन संकट में आ जाएगा।

सर्य के न रहने के कारण वनस्पति, पेड-पौधे जीवित नहीं रहेंगे। जिससे बड़े-बड़े वन नष्ट हो जाएंगे। इसका सबसे बड़ा असर प्राणी जगत पर ही होगा। मनुष्यः यदि सूर्य प्रकाश न मिले, तो मनुष्य का जीवन शून्य के समान हो जाएगा। सूर्य का प्रकाश मनुष्य के जीवित रहने का मुख्य आधार है। प्रकृति ही अन्न स्रोत की मालिका होती है। प्रकृति की प्रत्येक वस्तु एकदूसरे पर निर्भर होती है। वनस्पति, पशु-पक्षी, मानव ये तीनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इनके जीवित रहने का मुख्य आधार सूर्य प्रकाश है। मनुष्य का जीवन तो प्रकृति में स्थित वनस्पति व प्राणी जगत पर आधारित होता है। जलचर, थलचर, उभयचर इन सभी जीवों का जीवन सूर्य प्रकाश पर ही आधारित है। बिना सूर्य प्रकाश के वनस्पति व प्राणीजगत की कल्पना ही नहीं की जा सकती। बिना सूर्य प्रकाश के प्रकृति का विनाश हो जाएगा तथा मनुष्य की प्रगति पर प्रश्नचिह्न भी लग सकता है।

 

सुनो तो जरा:

ई-न्यूज, आकाशवाणी, दुरदर्शन एवं अन्य प्रसार माध्यमों आदि से समचार पढ़ो। सुनो और मुख्य बातें सुनाओ। सदैव ध्यान में रखो कालचक्र निरंतर गतिमान है।

अध्ययन कौशल

सौरऊर्जा पर टिप्पणी तैयार कीजिए।

Answer:
सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को ‘सौरऊर्जा’ कहा जाता है। सूर्य के किरणों को एक बिंदु पर एकत्रित करके जब ऊर्जा उत्पन्न करते है। तो उसे ‘सौरऊर्जा’ कहते हैं। सौरऊर्जा मनुष्य के लिए कई दृष्टि से लाभकारी है। यह कभी समाप्त न होने वाला संसाधन है। यह वातावरण के लिए लाभकारी है। यह वातावरण में कार्बन डाइऑक्साईड व अन्य हानिकारक गैस नहीं छोड़ती। इसके कारण वातावरण प्रदूषित नहीं होता। इसके प्रयोग से कोयला, पानी जैसे प्राकृतिक संसाधनों की बचत होगी। सौरऊर्जा उष्णता के लिए, भोजन पकाने, कार, हवाई जहाज, बड़ी नावें, उपग्रहों आदि के उपयोग में सहायक होती हैं। अन्य ऊर्जा संसाधनों की तुलना में यह अत्यंत सस्ता व बेहतरीन विकल्प है। सौरऊर्जा हमारे देश में विकसित रूप ग्रहण कर चुकी है। इसके उपयोग से मानव जाति की प्रगति अवश्य होगी, परंतु इसका हमें उपयोग योग्य और ठीक ढंग से करना चाहिए।

मेरी कलम से


Answer:
(१) दीपशिखा
(२) दीपमाला
(३) दीपावली
(४) दीपमय
(५) दीपनीय
(६) दीपाधार
(७) दीपक
(८) दीपिका

 

विचार मंथन

‘जीवन चलता ही रहेगा।।’ विषय पर अपने विचार लिखिए। (विचारात्मक लेखन)
Answer:
संसार में हर एक प्राणी अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है। सूर्य, चंद्र, तारे अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहते हैं। तो फिर मनुष्य अपने जीवन को बिना उद्देश्य से कैसे रख सकता है। जीवन हिमालय पर्वत से उद्गमित गंगा नदी के समान हमेशा चलता ही रहता है। जीवन में कई कठिनाइयाँ मनुष्य को सदैव रोकने का प्रयास करती हैं। उस समय उसकी गति शायद थोड़ी धीमी होती है, किंतु वह रूकता नहीं है। जीवन मनुष्य की अंतिम सांस तक चलता रहता है। जीवन और संघर्ष का एक अटूट संबंध होता है। जीवन की धारा अबाध गति से बहती रहती है और मनुष्य आगे बढ़ते जाता है। जब तक प्रकृति रहेगी, जीवन चलता ही रहेगा।

निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ लिखिए।

Question 1.
“लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता
Answer:
इन पंक्तियों का अर्थ यह है कि पतझर के मौसम में पेड़, पौधों के पत्ते झड़ जाते हैं और सारा वन-उपवन उजड़ा व वीरान-सा लगने लगता है किंतु इससे उपवन में स्थित पेड़पौधों का जीवन समाप्त नहीं होता। वसंत ऋतु आते ही वे फिर से हरे-भरे होने लगते हैं। उसी प्रकार जीवन में किसी के भी द्वारा कितनी ही तकलीफें देने या अपने रास्ते में संकट पैदा करने से मनुष्य का जीवन रूक नहीं जाता। वह
निरंतर आगे ही बढ़ते रहता है।

Question 2.
कितनी बार गगरियाँ फूटी शिकन न आई पनघट पर।
Answer:
इन पंक्तियों का अर्थ यह है कि पनघट पर पानी भरते समय कितनी गगरियाँ वहाँ गिरकर टूट जाती हैं, किंतु पनघट उस पर कभी चिंतित नहीं होता। उसी प्रकार जीवन में रुकावटें व संकट तो आते ही रहेंगे। उनकी चिंता न करते हुए तथा उन्हें जीवन का एक भाग समझकर आगे बढ़ना चाहिए। चिंता करने से मनुष्य अपने लक्ष्य को साध्य नहीं कर सकता।

‘जीवन नहीं मरा करता है।’ कविता का मुख्य आशय लिखिए। Answer: इस कविता का मुख्य आशय यह है कि मंजिल को प्राप्त करने के लिए संकटों से लड़ने का हौसला मनुष्य के भीतर होना चाहिए। जीवन में आने वाली समस्याओं से निराश, चिंतित एवं डरकर भागने से वह समाप्त नहीं होती। जब तक जीवन रहेगा, समस्याएँ आती रहेंगी। जीवन शाश्वत होता है, वह कभी नहीं मरता। जीवन में तूफान आते रहेंगे, किंतु असली नाविक वह है, जो उस तूफ़ान में भी राह निर्माण करें। हौसला झरने से नहीं बल्कि हौसला रखकर लड़ने से जीवन शाश्वत रहेगा।

Question 3.
‘जीवन की शाश्वतता’ को बताने वाली पंक्तियाँ चुनकर लिखिए।
Answer:
(१) “छिप-छिप अश्रु बहाने वालों! मोती व्यर्थ लुटाने वालों!
कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।”

(२) “खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर
केवल जिल्द बदलती पोथी,
जैसे रात उतार चाँदनी
पहने सुबह धूप की धोती।”

 

निम्नलिखित वाक्यों में निश्चित स्थान पर उचित विराम चिह्नों का प्रयोग कीजिए।

Question 1.
कामायनी महाकाव्य कवि जयशंकर प्रसाद
Answer:
‘कामायनी’ महाकाव्य कवि ‘जयशंकर प्रसाद’।

Question 2.
विशाखा लंदन से दिल्ली आती है हवा जैसी आने की सूचना नहीं देती।
Answer:
विशाखा लंदन से दिल्ली आती है, “हवा, जैसी आने की सूचना नहीं देती।”

Question 3.
बालभारती हिंदी की पुस्तकें हैं सुलभभारती
Answer:
बालभारती ,सुलभ भारती। हिंदी की पुस्तकें हैं।

Question 4.
किसी दिन हम भी आपके घर आएँगे
Answer:
किसी दिन हम भी आपके घर आएँगे।

Question 5.
कल मेरी हिंदी की परीक्षा है
Answer:
कल मेरी हिंदी की परीक्षा है।

Question 6.
पिता जी ने बाज़ार से केले आम सेब और अमरूद खरीदें।
Answer:
पिता जी ने बाजार से केले, आम, सेब और अमरूद खरीदें।

Question 7.
तुम्हारी परीक्षाएँ कब आरंभ होंगी
Answer:
तुम्हारी परीक्षाएँ कब आरंभ होंगी?

Question 8.
बाह तुमने तो कमाल कर दिया
Answer:
वाह! तुमने तो कमाल कर दिया।

 

सदैव ध्यान में रखो

कालचक्र निरंतर गतिमान है।

भाषा की ओर

पढ़ो, समझो और करो:

() छोटा कोष्ठक, [ ] बड़ा (वर्गाकार) कोष्ठक, { } मँझला (सर्पाकार) कोष्ठक, ∧ हंसपद

 

Hindi Sulabhbharti Class 7 Solutions Chapter 8 जीवन नहीं मरा करता है Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित कविता की पंक्तियों को पूर्ण कीजिए।

Question 1.
माला बिखर गई तो क्या है
……………………….. ,
आँसू गिर निलाम हुए तो
………………………..,
Answer:
माला बिखर गई तो क्या है
खुद ही हल हो गई समस्या,
आँसू गिर निलाम हुए तो
समझो पूरी हुई समस्या

Question 2.
………………………… ,
केवल जिल्द बदलती पोथी,
………………………….. ,
पहने सुबह धूप की धोती,
Answer:
ङ्केखोता कुछ भी नहीं यहाँ पर
केवल जिल्द बदलती पोथी,
जैसे रात उतार चाँदनी
पहने सुबह धूप की धोती,

Question 3.
कितनी बार गगरियाँ फूटी
……………………… ,
कितनी बार किश्तियाँ डूबी
………………………,
Answer:
कितनी बार गगरियाँ फूटी
शिकन न आई पनघट पर,
कितनी बार किश्तियाँ डूबी
चहल-पहल वो ही है तट पर

Question 4.
………………….. ,
लुटी न, गंध फूल की,
……………………. ,
खिड़की बंद न हुई धूल की
Answer:
लूट लिया माली ने उपवन
लुटी न, गंध फूल की,
तूफानों तक ने छेड़ा पर
खिड़की बंद न हुई धूल की,

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।

Question 1.
कविता के माध्यम से कवि ने किसे संबोधित किया है?
Answer:
कविता के माध्यम से कवि ने आज के मानव को संबोधित किया है।

Question 2.
जीवन के सपने समाप्त होने से क्या समाप्त नहीं होता?
Answer:
जीवन के सपने समाप्त होने से जीवन समाप्त नहीं होता।

Question 3.
दीपक के बुझ जाने से क्या नहीं मरता?
Answer:
दीपक के बुझ जाने से आँगन नहीं मरता।

Question 4.
खिलौनों के खोने से क्या नहीं मरा करता?
Answer:
खिलौनों के खोने से बचपन नहीं मरा करता।

Question 5.
आज भी नदी तट पर क्या दिखाई देता है?
Answer:
आज भी नदी तट पर लोगों की चहल-पहल दिखाई देती है।

Question 6.
मुखड़ों की नाराजी से कौन मरा नहीं करता?
Answer:
मुखड़ों की नाराजी से दर्पण मरा नहीं करता।

 

निम्नलिखित शब्दों का बाक्य में प्रयोग कीजिए।

Question 1.
आयु
Answer:
मेरे दादाजी की आयु सौ बरस की है।

Question 2.
उपवन
Answer:
मोहन प्रतिदिन उपवन में घूमने जाता है।

Question 3.
गंध
Answer:
फूलों की गंध मनुष्य के मन को आकर्षित करती है।

Question 4.
नफरत
Answer:
हमें दूसरों के साथ नफरत का व्यवहार नहीं करना चाहिए।

Question 5.
मुखड़ा
Answer:
हंसते मुखड़े को सभी लोग पसंद करते हैं।

Question 6.
व्यर्थ
Answer:
मनुष्य को अपना जीवन व्यर्थ नहीं गँवाना चाहिए।

Question 7.
नीलाम
Answer:
गरीबी से तंग आकर मोहन ने अपना सब कुछ नीलाम कर दिया।

Question 8.
बचपन
Answer:
मनुष्य को अपना बचपन बड़ा प्यारा लगता है।

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए।

Question 1.
कवि ने अश्रु को किसकी उपमा दी है?
Answer:
मोती की

Question 2.
आँसू नीलाम होने से क्या समाप्त नहीं होगी?
Answer:
समस्या

Question 3.
सुबह ने किसकी धोती पहनी है?
Answer:
धूप की

Question 4.
गगरियाँ फूटने पर भी किस पर शिकन नहीं आती है?
Answer:
पनघट पर

Question 5.
माली क्या नहीं लूट पाया?
Answer:
फूल की गंध

 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन पंक्तियों में लिखिए।

Question 1.
कविता में कवि ने तम की उम्र बढ़ाने व लौ की आयु घटाने की बात क्यों कही है?
Answer:
कविता में कवि ने तम की उम्र बढ़ाने व लौ की आयु घटाने की बात इसलिए कही है क्योंकि आज समाज में बुरे कर्म करने वाले लोगों का बोलबाला है और सज्जन लोगों की संख्या कम होती जा रही है। इस पंक्ति में तम बुरे लोगों का तथा लौ अच्छे कर्म करने वाले लोगों का प्रतीक है। हमें भी जीवन में अच्छे कर्म करके जीवन रूपी उपवन को पुष्पित-पल्लवित करना चाहिए।

Question 2.
दूसरों से नफ़रत करने वालों व उन पर धूल उड़ाने वालों से कवि ने क्या कहा है?
Answer:
दूसरों से नफ़रत करने वालों व उन पर धूल उड़ाने वालों से कवि कहते हैं कि दूसरों को बदनाम करने अथवा उनके साथ घृणा करने से उस सज्जन व्यक्ति का कुछ भी न बिगड़ेगा। सज्जन व्यक्ति को ऐसे लोगों से समाज में मुकाबला करना ही पड़ता है। ऐसी छोटी-बड़ी मुसीबतों से निडर व्यक्ति नाराज नहीं होता, न समाप्त होता है।

Question 3.
‘जिल्द बदलती पोथी’ से आप क्या समझते हैं?
Answer:
‘जिल्द बदलती पोथी’ से हम यह समझते हैं कि जीवन में दिन-प्रतिदिन बदलाव आते रहता है; किंतु जिस प्रकार नाम बदलने से इंसान नहीं बदलता; उसी प्रकार जीवन में आने वाली समस्याओं से मनुष्य में थोड़ा-सा परिवर्तन जरूर आ जाता है, परंतु जीवन की शाश्वतता उसी रूप में कायम रहती है।

 

व्याकरण और भाषाभ्यास

निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. अश्रु
  2. सपना
  3. कमीज़
  4. पोथी
  5. चंद
  6. गगरी
  7. किश्ती
  8. उपवन
  9. मुखड़ा

Answer:

  1. आँसू
  2. स्वप्न
  3. पोशाक
  4. पुस्तक
  5. थोड़े
  6. मटका
  7. नाव
  8. बगीचा
  9. चेहरा

 

निम्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए।

  1. समस्या
  2. चाँदनी
  3. गगरी
  4. किश्ती
  5. खिड़की
  6. खिलौना
  7. मुखड़ा
  8. कमीज़

Answer:

  1. समस्याएँ
  2. चाँदनियाँ
  3. गगरियाँ
  4. किश्तियाँ
  5. खिड़कियाँ
  6. खिलौने
  7. मुखड़े
  8. कमीजें

 

निम्नलिखित शब्दों का विलोम लिखिए।

  1. जीवन
  2. दिवस
  3. बुझा
  4. रात
  5. धूप
  6. खोना
  7. बचपन
  8. तम
  9. सुगंध

Answer:

  1. मरण
  2. रात्रि
  3. जला
  4. दिन
  5. छाँव
  6. पाना
  7. बुढ़ापा
  8. प्रकाश
  9. दुर्गध

 

निम्नलिखित उचित विशेषण शब्दों को संज्ञा शब्दों के सामने लिखिए।

(कुछ, रूठे, फटी, चंद, फूटी, गंध, बंद, मरा, डूबी, नाराज)

Answer:


इयत्ता सातवी हिंदी स्वाध्याय उपाय

निष्कर्ष

आम्हाला आशा आहे की महाराष्ट्रावरील हा लेख तुम्हाला 'सातवी हिंदी जीवन नहीं मरा करता है स्वाध्याय' मदत करेल. तुम्हाला काही प्रश्न असल्यास, त्यांना खाली टिप्पणी विभागात मोकळ्या मनाने पोस्ट करा. आम्ही लवकरात लवकर तुमच्याकडे परत येऊ.
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