![]() |
AP Board Class 10 Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Book Answers |
Andhra Pradesh Board Class 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Textbooks Solutions PDF
Andhra Pradesh State Board STD 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Books Solutions with Answers are prepared and published by the Andhra Pradesh Board Publishers. It is an autonomous organization to advise and assist qualitative improvements in school education. If you are in search of AP Board Class 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Books Answers Solutions, then you are in the right place. Here is a complete hub of Andhra Pradesh State Board Class 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) solutions that are available here for free PDF downloads to help students for their adequate preparation. You can find all the subjects of Andhra Pradesh Board STD 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Textbooks. These Andhra Pradesh State Board Class 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Textbooks Solutions English PDF will be helpful for effective education, and a maximum number of questions in exams are chosen from Andhra Pradesh Board.Andhra Pradesh State Board Class 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Books Solutions
Board | AP Board |
Materials | Textbook Solutions/Guide |
Format | DOC/PDF |
Class | 10th |
Subject | Maths |
Chapters | Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) |
Provider | Hsslive |
How to download Andhra Pradesh Board Class 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Textbook Solutions Answers PDF Online?
- Visit our website - Hsslive
- Click on the Andhra Pradesh Board Class 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Answers.
- Look for your Andhra Pradesh Board STD 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Textbooks PDF.
- Now download or read the Andhra Pradesh Board Class 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Textbook Solutions for PDF Free.
AP Board Class 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Textbooks Solutions with Answer PDF Download
Find below the list of all AP Board Class 10th Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Textbook Solutions for PDF’s for you to download and prepare for the upcoming exams:10th Class Hindi Chapter 1 बरसते बदल Textbook Questions and Answers
InText Questions (Textbook Page No. 1)
प्रश्न 1.
मीटे गीत कौन गाती है?
उत्तर:
मीठे गीत कोयल गाती है।
प्रश्न 2.
प्यासी धरती पानी किससे माँगती है?
उत्तर:
प्यासी धरती पानी मेघों से माँगती है।
प्रश्न 3.
बादल प्रकृति की शोभा बढ़ाते हैं। कैसे?
उत्तर:
नीले गगन में काले-काले बादल छाये रहते हैं। ये बरसकर हमें पानी देते हैं। धरती पर स्थित सारी प्रकृति को जीवन दान मिलता है। हर जगह हरियाली छा जाती है। सब पानी के स्रोत भरकर सुंदर लगते हैं। प्राणिमात्र के जीवन में हर्ष उमड पडता है। सारा वातावरण खुशहाल हो शोभायमान लगता है। इस तरह बादल प्रकृति की शोभा बढाते हैं।
InText Questions (Textbook Page No. 2)
प्रश्न 1.
मेघ, बिजली और बूंदों का वर्णन यहाँ कैसे किया गया है?
उत्तर:
‘बरसते बादल’ कविता में कविवर पंतजी ने सावन के समय की प्राकृतिक चीजों का वर्णन किया है। वर्षा के समय घने काले मेघ आसमान में छाये झम – झम बरसते हैं। काले मेघों के बीच बिजली चम – चम चमकती है। वर्षा की बूंदें पेडों से छनकर छम – छम गिरती हैं।
प्रश्न 2.
प्रकृति की कौन – कौनसी चीजें मन को छू लेती हैं?
उत्तर:
सावन के समय की प्रकृति मनमोहक होती है। घुमडते बरसनेवाले घन घोर बादल, वर्षा की बूंदें, चमकनेवाली बिजली, बूंदों के रिमझिम स्वर, बहती जल धाराएँ, पेड़ – पौधे, आदि प्रकृति की चीजें मन को छू लेती हैं।
प्रश्न 3.
तृण – तृण की प्रसन्नता का क्या भाव है?
उत्तर:
धरती पर वर्षा के होने से पानी की धाराएँ बहती हैं। इससे रज के कण – कण से कोमल अंकुर फूट पडते हैं। वे खुशी से पुलकित हो झूमते हैं। धरती पर हरियाली छा जाती है। संसार के चारों ओर आनंद और उल्लास होता है। तृण – तृण की प्रसन्नता का यही भाव है।
अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया
अ) प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रश्न 1.
धरती की शोभा का प्रमुख कारण वर्षा है। इस पर अपने विचार बताइए।
उत्तर:
सावन के महीने में वर्षा होती है। वर्षा से पानी मिलता है। धरती पर स्थित प्राणिमात्र को जीवन दान मिलता है। सारी प्रकृति में सब ओर हरियाली फैलती है। मिट्टी के कण – कण से कोमल अंकुर फूटते हैं। खेतों में नदी, नाले भर जाते हैं | फसलें उगती हैं। सब प्राणी खुशी से विभिन्न स्वरों में अपना आनंद प्रकट करते हैं । इस तरह कह सकते हैं कि धरती की शोभा का प्रमुख कारण वर्षा ही है।
प्रश्न 2.
घने बादलों का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
घने काले बादल सावन के महीने में आसमान में छाये रहते हैं। विविध आकारों में विश्रृंखलता से मंडराते हैं। भीषण ध्वनि करते वे भयानक होते हैं। उनके बीच बिजली चमक उठती है। इनकी शोभा देखनेलायक होती है। ठंडी बहार के छूते ही वे मूसलधार वर्षा देते हैं। प्रकृति में नूतन शोभा नज़र आती है। जन जीवन को आनंदमय बनाते हैं।
आ) वाक्य उचित क्रम में लिखिए।
प्रश्न 1.
हैं झम – झम बरसते झम – झम मेघ के सावन।
उत्तर:
झम – झम – झम – झम मेघ बरसते हैं सावन के।
प्रश्न 2.
गगन में गर्जन घुमड़ – घुमड़ गिर भरते मेघा
उत्तर:
घुमड – घुमड गिर मेघ गगन में भरते गर्जन।
प्रश्न 3.
धरती पर झरती धाराएँ पर धाराओं।
उत्तर:
धाराओं पर धाराएँ झरती धरती पर।
इ) नीचे दिये गये भाव की पंक्तियाँ लिखिए।
प्रश्न 1.
बादलों के घोर अंधकार के बीच बिजली चमक रही है और मन दिन में ही सपने देखने लगा है। .
उत्तर:
चम – चम बिजली चमक रही रे उर में घन के, थम – थम दिन के तम में सपने जगते मन के।
प्रश्न 2.
मिट्टी के कण – कण से कोमल अंकुर फूट रहे हैं।
उत्तर:
रज के कण – कण में तृण – तृण को पुलकावलि थर।।
प्रश्न 3.
कवि चाहता है कि जीवन में सावन बार – बार आयें और सब मिलकर झूलों में झूलें।
उत्तर:
आओ रे सब मुझे घेर कर गाओ सावन। इंद्रधनुष के झूले में झूलें मिल सब जन।।
ई) पद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
बादल और बूंदें, बंद किये हैं बादल ने
अंबर के दरवाज़े सारे, नहीं नज़र आता है सूरज ना कहीं चाँद – सितारे ?
ऐसा मौसम देखकर, चिड़ियों ने भी पंख पसारे,
हो प्रसन्न धरती के वासी, नभ की ओर निहारे॥
1. इसने अंबर के दरवाज़े बंद कर दिये हैं –
अ) आकाश
आ) सूरज
इ) चाँद
ई) बादल
उत्तर:
ई) बादल
2. पंख किसने पसारे हैं?
अ) चिड़िया
आ) मौसम
इ) धरती
ई) सितारे
उत्तर:
अ) चिड़िया
3. पद्यांश में आया युग्म शब्द है –
अ) बादल – अंबर
आ) सूरज – चाँद
इ) चाँद – सितारे
ई) धरती – वासी
उत्तर:
इ) चाँद – सितारे
4. धरती के लोग किस ओर निहार रहे हैं?
अ) चिड़िया
आ) नभ
इ) बादल
ई) चाँद
उत्तर:
आ) नभ
5. इस कविता का विषय है –
अ) प्रकृति
आ) सूरज
इ) तारे
ई) अंबर
उत्तर:
अ) प्रकृति
अभिव्यक्ति – सृजनात्मकता
अ) इन प्रश्नों के उत्तर तीन – चार पंक्तियों में लिखिए।
प्रश्न 1.
वर्षा सभी प्राणियों के लिए जीवन का आधार है। कैसे?
उत्तर:
वर्षा सभी प्राणियों के लिए आवश्यक है। वर्षा से ही संसार का चक्र चलता है। बादल वर्षा के रूप में बरसकर पानी देते हैं। धरती के सब भूभागों में पानी जमा रहता है। यह पानी पेय जल, खाना, दाना, बिजली आदि अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। प्रकृति में हरियाली इसीसे व्याप्त होती है । वर्षा के बिना धरती पर प्राणिमात्र का जीवन यापन असंभव है। अतः कह सकते हैं कि वर्षा सभी प्राणियों के जीवन का आधार है।
प्रश्न 2.
वर्षा ऋतु के प्राकृतिक सौंदर्य पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
वर्षा ऋतु सदा से सबकी प्रिय ऋतु रही है। आसमान में फैले काले, घनघोर बादल बरसते हैं। बिजली की चकाचौंध चमक होती है। वर्षा की बूंदें रिमझिम बरसती हैं। पानी की धाराओं से धरती पुलकित होती है। मिट्टी के कण – कण से कोमल अंकुर फूट पड़ते हैं। पेड – पौधे हरियाली से झूमते हैं। पशु – पक्षी, मानव और हर प्राणी आनंद विभोर हो जाते हैं। विभिन्न जीवों के आनंद स्वरों से सारी प्रकृति मनमोहक होती है।
आ) ‘बरसते बादल’ कविता में प्रकृति का सुंदर चित्रण है। उसे अपने शब्दों में लिखिए।
(या)
‘बरसते बादल कविता के आधार पर प्रकृति का वर्णन कीजिए।
(या)
‘बरसते बादल कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
(या)
पंतजी ने वर्षा ऋतु के प्राकृतिक सौंदर्य का संदर चित्रण किया है। अपने शब्दों में लिखिए।
(या)
‘बरसते बादल’ कविता का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
कवि का नाम : श्री सुमित्रानंदन पंत
जीवनकाल : 1900 – 1977
रचनाएँ : वीणा, ग्रंथि, पल्लव आदि।
पुरस्कार : ज्ञानपीठ (विवंबरा) साहित्य आकादमी, सोवियत रूस।
सारांश : आधुनिक हिंदी के विख्यात कवि हैं श्री सुमित्रानंदन पंतजी। प्रकृति सौंदर्य के वर्णन में आप सुकुमार और बेजोड कवि माने जाते हैं। वीणा, ग्रंथि, पल्लव, ग्राम्या, युगांत आदि आपके प्रसिद्ध काव्य संकलन हैं। “चिदंबरा” काव्य रचना के लिए आपको ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला।
“बरसते बादल” कविता में पंतजी ने वर्षा ऋतु का सुंदर और सजीव चित्रण किया है।
पंतजी कहते हैं कि वर्षा ऋतु हमेशा से सबकी प्रिय ऋतु रही है। उसमें भी सावन का महीना अधिक सुंदर और मनभावन होता है। सावन की वर्षा सबका मन मोहती है।
सावन के मेघ झम – झम बरसते हैं। वर्षा की बूंदें पेडों से छनकर छम – छम आवाज़ करती धरती पर गिरती हैं। मेघों के हृदय में बिजली चम – चम चमकती है। दिन में भी वर्षा के कारण अंधेरा छा जाता है। लोगों के दिलों में सपने जगने लगते हैं।
वर्षा के बरसने पर दादुर टर – टर आवाज़ करते हैं। झींगुर झींझी आवाज़ देते हैं। मोर म्यव – म्यव करते नाचते हैं। पपीहे पीउ – पीउ करके कूकते हैं। सोनबालक पक्षी गीली – खुशी से आह्वान करते हैं। आसमान पर बादल घुमडते गरजते हैं। ..
रिमझिम बरसनेयाली बूंदों के स्वर हम से कुछ कहते हैं। अर्थात् मन खुश करते हैं। उनके छूते ही शरीर के रोम सिहर उठते हैं। धरती पर जल की धाराएँ झरती हैं। इससे मिट्टी के कण – कण में कोमल अंकुर फूट पडते हैं। अर्थात् मिट्टी का हर कण अतिप्रसन्न लगता है।
वर्षा की धाराओं के साथ कवि का मन झूलने लगता है। वे लोगों को आमंत्रित करते हैं कि आप सब आइए मुझे घेरकर सावन के गीत गाइए। हम सब लोग इंद्रधनुष के झूले में झूलने का आनंद लें। यह कामना करें कि मनभावन सावन हमारे जीवन में बार – बार आये।
विशेषता : इस कविता में प्रकृति का सुंदर चित्रण अंकित किया है। इस कविता से संवेदनशीलता का विकास होता है।
इ) प्रकृति सौंदर्य पर एक छोटी-सी कविता लिखिए।
उत्तर:
ये नदियों की कल कल
ये मौसम की हलचल
ये पर्वत की चोटियाँ
ये झींगुर की सीटियाँ
कुछ कहना चाहती हैं हम से
ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हम से ।।
ई) ‘फिर – फिर आये जीवन में सावन मनभावन’ ऐसा क्यों कहा गया होगा? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वर्षा ऋतु सबकी प्रिय ऋतु है। यह ऋतुओं की रानी कहलाती है। सावन के आने से प्रकृति रमणीय होती है। प्रकृति का कण – कण अति प्रसन्न दिखता है। पशु – पक्षी, पेड – पौधे मानव यहाँ तक कि धरती के सभी प्राणी, धरती तक खुशी से नाच उठते हैं। प्रत्येक जीवन खुशी से गीत गाने लगता है। सावन के समय बरसनेवाली वर्षा का पानी सबके जीवन का आधार है। प्राणिमात्र के जीवन यापन के लिए आवश्यक और महत्वपूर्ण है। इसीलिए कविवर पंतजी ने मनभावन सावन को बार – बार आने के लिए कहा होगा।
भाषा की बात
अ) कोष्ठक में दी गयी सूचना पढ़िए और उसके अनुसार कीजिए।
1. तरु, गगन, घन (प्रत्येक शब्द का वाक्य प्रयोग करते हुए पर्याय शब्द लिखिए।)
उत्तर:
वाक्य प्रयोग
तरुः – हमें तरु फूल और फल देते हैं।
गगन – हवाई जहाज़ गगन में उड़ रहा है।
घनः – आसमान में काले घन छाये हुये हैं।
पर्याय शब्द
तरु – पेड, पादप, वृक्ष
गगन – आकाश, आसमान, नभ
घन – बादल, मेघ
2. साक्न, सपना, सूरज (एक-एक शब्द का तत्सम रूप लिखिए।)
उत्तर:
तत्सम रूप
सावन – श्रावण सपना – स्वप्न
सूरज – सूर्य
3. गण, वारि, चंद्र (एक-एक शब्द का तद्भव रूप लिखिए।)
उत्तर:
तदभव रूप
गण – गन
वारि – बारि
चंद्र – चाँद
4. चम – चम, तृण – तृण, फिर – फिर (पुनरुक्ति शब्दों से वाक्य प्रयोग कीजिए।)
उत्तर:
चम – चम = बिजली चम – चम चमक रही है।
तृण – तृण = तृण – तृण पुलकित हो रहा है।
फिर – फिर = सावन फिर – फिर आता तो कितना अच्छा होगा।
आ) इन्हें समझिए और सूचना के अनुसार कीजिए।
1. धाराओं पर धाराएँ झरती धरती पर। (अंतर स्पष्ट कीजिए।)
उत्तर:
यहाँ पंत जी ने “धारा” शब्द को दो. बार प्रयोग किया हैं। यह संज्ञा शब्द है। इसका बहुवचन रूप ‘धाराएँ’ है। इसके साथ “पर” कारक जोडने से “धाराएँ” शब्द रूपांतरित होकर “धाराओं” बन गया है। इस प्रकार के वर्णन से वाक्य का सौंदर्य बढ़ता है।
(अंतर स्पष्ट कीजिए।)
“झूले” शब्द का मूल रूप झूला है। यह संज्ञा शब्द है। इसके साथ में “में” कारक के जोडने से झूले में रूपांतरित हो गया है। “झूलें” शब्द तो ‘झूलना’ क्रिया का रूपांतरण है।
(रेखांकित शब्द का पद परिचय दीजिए।)
संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, पुंलिंग, बहुवचन, कर्ता कारक।
एक शब्द में लिखिए।)
मनभावन
(समास पहचानिए।)
द्वंद्व समास
द्वंद्व समास
खेलते – कूदते बच्चे तंदुरुस्त रहते हैं।
बहते पानी में गंदगी नहीं रहती है।
उडती पंछी वर्षा में भीग गयी है।
रोती बच्ची माँ की गोद पहुंची।
हँसते और खिलते फूलों से उद्यान भरा है।
झम-झम-झम-झम मेघ बरसते हैं सावन के,
छम-छम-छम गिरती बूंदें तरुओं से छन के।
अलंकार शब्द का अर्थ है – आभूषण। किसी बात को साधारण ढंग से न कहकर चमत्कार व सौंदर्यपूर्ण ढंग से कहना ही अलंकार है।
इस कविता में अनुप्रास अलंकार का सुंदर प्रयोग हुआ है। जब वाक्य में कोई अक्षर या शब्द बार – बार प्रयोग होता है तो वहाँ वाक्य का ध्वन्यात्मक सौंदर्य बढ़ जाता है। इस प्रकार का काव्य – सौंदर्य अनुप्रास अलंकार कहलाता है।
परियोजना कार्य
वर्षा, बादल, नदी, सागर, सूरज, चाँद, झरने आदि में किसी एक विषय पर प्रकृति वर्णन से जुड़ी कविता का संग्रह कीजिए। कक्षा में उसका प्रदर्शन कीजिए।
चाँद
चम – चम – चम – चम चंदा चमके
तारे चमके झिलमिल।
आओ – आओ खेले हिल मिल
आज – चाँदनी में हम – सब ।।
ठंडी – ठंडी हवा बह रही
लोरी – सी कुछ गाती।
अभी नहीं सोयेगा कोई
नींद किसे है आती ।।
देखो धीमे – धीमे झूमीं
फूलों के ये पाँखें।
जुही, चमेली चमकी जैसे
बगिया की सौ आँखें।।
खूब भरी है नदी दूध हो
दूध भरा है झरना।
अच्छा लगता आज सभी को
दूर – दूर तक फिरना।
अरे चाँद, तुम कौन बताओ
चाँदी की थाली – से।
प्यारे तारे, झरे फूल से
बोलो, किस डाली से ॥
झरना
कल – कल करता झरना बहता
कानों में रस घोल रहा है।
गुनगुनी धूप, रेत की चादर
माता के आंचल में छुपाकर
जैसे बच्चा सो रहा है।
कल – कल करता झरना बहता
कानों में रस घोल रहा है।
कलख करते पंछी गाते,
तोता मैना गीत सुनाते
मेरा भी मन डोल रहा है।
कल – कल करता झरना बहता
कानों में रस घोल रहा है।
नीला अंबर, मीठा पानी,
प्रकृति कहे सुनो कहानी
जग अपने पट खोल रहा है
कल – कल करता झरना बहता।
कानों में रस घोल रहा है।
AP Board Textbook Solutions PDF for Class 10th Hindi
- AP Board Class 10 Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 1 बरसते बदल (कविता) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 2 ईदगाह (कहानी) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi यह रास्ता कहाँ जाता है? (पठन हेतु नाटक) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 3 हम भारतवासी (कविता) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi शांति की राह में (उपवाचक – निबंध) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 4 कण-कण का अधिकारी (कविता) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 5 लोकगीत (निबंध) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi उलझन (पठन हेतु कविताएँ) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 6 अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी (पत्र) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi दो कलाकार (उपवाचक – कहानी) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 7 भक्ति पद (कविता) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 8 स्वराज्य की नींव (एकांकी) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi माँ मुझे आने दे! (पठन हेतु कविता) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 9 दक्षिणी गंगा गोदावरी (यात्रा-वृत्तांत) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi अपने स्कूल को एक उपहार (उपवाचक – कहानी) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 10 नीति दोहे (कविता) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 11 जल ही जीवन है (कहानी) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi क्या आपको पता है? (पठन हेतु पी.पी.टी. निबंध) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi Chapter 12 धरती के सवाल अंतरिक्ष के जवाब (साक्षात्कार) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi अनोखा उपाय (उपवाचक – अनूदित कहानी) Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi पत्र लेखन Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi निबंध लेखन Textbook Solutions PDF
- AP Board Class 10 Hindi शब्दकोश Textbook Solutions PDF
0 Comments:
Post a Comment