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Friday, June 24, 2022

BSEB Class 10 Social Science Geography Chapter 1B जल संसाधन Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 10th Social Science Geography Chapter 1B जल संसाधन Book Answers

BSEB Class 10 Social Science Geography Chapter 1B जल संसाधन Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 10th Social Science Geography Chapter 1B जल संसाधन Book Answers
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Bihar Board Class 10th Social Science Geography Chapter 1B जल संसाधन Textbooks Solutions PDF

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Bihar Board Class 10th Social Science Geography Chapter 1B जल संसाधन Books Solutions

Board BSEB
Materials Textbook Solutions/Guide
Format DOC/PDF
Class 10th
Subject Social Science Geography Chapter 1B जल संसाधन
Chapters All
Provider Hsslive


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Bihar Board Class 10 Geography जल संसाधन Text Book Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वृहद क्षेत्रों में जल की उपस्थिति के कारण ही पृथ्वी को कहते हैं
(क) उजला ग्रह
(ख) नीला ग्रह
(ग) लाल ग्रह
(घ) हरा ग्रह
उत्तर-
(ख) नीला ग्रह

प्रश्न 2.
कुल जल का कितना प्रतिशत भाग महासागरों में निहित है ?
(क) 9.5%
(ख) 95:5%
(ग) 96.5%
(घ) 96.6%
उत्तर-
(ग) 96.5%

प्रश्न 3.
देश के बाँधों को किसने ‘भारत का मंदिर’ कहा था?
(क) महात्मा गाँधी
(ख) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(ग) पंडित नेहरू
(घ) स्वामी विवेकानन्द
उत्तर-
(ग) पंडित नेहरू

प्रश्न 4.
प्राणियों के शरीर में कितना प्रतिशत जल की मात्रा निहित होती है ?
(क) 55%
(ख) 60%
(ग) 65%
(घ) 70%
उत्तर-
(ग) 65%

प्रश्न 5.
बिहार में अति जल दोहन से किस तत्व का संकेन्द्रण बढ़ा है ?
(क) फ्लोराइड
(ख) क्लोराइड
(ग) आर्सेनिक
(घ) लोह
उत्तर-
(ग) आर्सेनिक

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बहुउद्देशीय परियोजना से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
वैसी परियोजना जिसके द्वारा कई उद्देश्यों जैसे बाढ़ नियंत्रण, मृदा अपरदन पर रोक, पेय एवं सिंचाई हेतु जलापूर्ति, विद्युत उत्पादन, मत्स्य पालन, जल कृषि, वन्य जीव संरक्षण, पर्यटन इत्यादि की पूर्ति एक साथ हो जाती है बहुउद्देशीय परियोजना कहलाती है।

प्रश्न 2.
जल संसाधन के ज्या उपयोग हैं ? लिखें।
उत्तर-
जल को ही जीवन कहा जाता है। जल के उपयोग की सूची लंबी है। पेयजल, घरेलू कार्य, सिंचाई, उद्योग, जनस्वास्थ्य, स्वच्छता तथा मल-मूत्र विसर्जन इत्यादि कार्यों के लिए जल अपरिहार्य है। इसके अलावे जल-विद्युत निर्माण तथा परमाणु संयंत्र-शीतलन, मत्स्य पालन, जल कृषि वानिकी, जल क्रीड़ा जैसे कार्य की कल्पना बिना जल के नहीं की जा सकती है।

प्रश्न 3.
अंतर्राज्यीय जल-विवाद का क्या कारण है ?
उत्तर-
चूँकि जल एक व्यापक उपयोगिता वाला संसाधन है और सभी के लिए आवश्यक भी है अतः अपनी-अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अधिकाधिक जल प्राप्त करना अर्थात् जल का बँटवारा ही विवाद का मुख्य कारण है। भारत में कर्नाटक एवं तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी के जल बंटवारे का विवाद काफी पुराना है।

प्रश्न 4.
जल संकट क्या है?
उत्तर-
उद्देश्य जनित जल की अनुपलब्धता को ही जल-संकट के रूप में जाना जाता है। पृथ्वी पर विशाल जलसागर होने एवं नवीकरणीय संसाधन होने के बावजूद जल दुर्लभता एक जटिल समस्या है। जल संकट के भाव उत्पन्न होते ही मानस पटल पर सूखाग्रस्त या अनावृष्टि क्षेत्र का चित्र उपस्थित होने लगता है।

प्रश्न 5.
भारत की नदियों के प्रदूषण के कारणों का वर्णन करें।
उत्तर-
भारत की नदियों के प्रदूषण के कारण निम्नलिखित हैं

  • शहरों में बढ़ती आबादी और जीवन-शैली।
  • वाहित मल-जल का नदियों में निस्तारण।
  • धार्मिक अनुष्ठान एवं अंधविश्वास।
  • औद्योगिक अवशिष्टों का नदियों में निस्तारण।
  • शवों का विसर्जना

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर –

प्रश्न 1.
जल संरक्षण से आप क्या समझते हैं ? इसके क्या उपाय हैं ?
उत्तर-
उद्देश्य जनिल जलं की पर्याप्तता को बनाये रखना, जल को प्रदूषित होने से बचाना तथा वर्षाऋतु में निरुद्देश्य बहने वाले जल को सुरक्षित करना ही जल संरक्षण कहलाता है। जल संरक्षण के उपाय निम्न हैं

(i) भूमिगत जल की पूनर्पूर्ति- भूमिगत जल एक बहुत ही महत्वपूर्ण जल स्रोत है। आज इसका कई प्रकार से दोहन भी हो रहा है जिससे भूमिगत जल के स्तर में लगातार गिरावट हो रही है। अत: इसकी पूनर्पूर्ति आवश्यक है। इसके लिए वृक्षारोपण, जैविक तथा कम्पोस्ट खाद का उपयोग, वेटलैंड्स का संरक्षण, वर्षा जल का संचयन एवं मल-जल शोधन पुनः चक्रण जैसे क्रियाकलाप उपयोगी होते हैं।

(ii) जल संभर प्रबंधन (Watershed Management)- जल प्रवाह या जल जमाव का उपयोग कर उद्यान, कृषि वानिकी, जल कृषि, कृषि उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। इससे पेयजल की आपूर्ति भी की जा सकती है। इस प्रबंधन को छोटी इकाइयों पर लागू करने की आवश्यकता है। इसके लिए जलाशयों, नहरों इत्यादि का निर्माण करना चाहिए।

(iii) तकनीकि विकास- तकनीकी विकास से तात्पर्य ऐसे उपक्रम से है जिसमें जल का कम-से-कम उपयोग कर, अधिकाधिक लाभ लिया जा सके। जैसे ड्रिप सिंचाई, लिफ्ट सिंचाई, सूक्ष्म फुहारों से सिंचाई, सीढ़ीनुमा खेती इत्यादि।

प्रश्न 2.
वर्षा जल की मानव जीवन में क्या भूमिका है ? इसके संग्रहण एवं पुनःचक्रण की विधियों का उल्लेख करें।
उत्तर-
हमारे लिए उपयोगी जल की एक बड़ी मात्रा वर्षा जल द्वारा ही पूरी होती है। खासकर । हमारे देश की कृषि वर्षाजल पर ही आधारित होती है। पश्चिम भारत खासकर राजस्थान में पेयजल हेतु वर्षाजल का संग्रहण छत पर किया जाता था। पं. बंगाल में बाढ़ मैदान में सिंचाई के लिए बाढ़ जल वाहिकाएँ बनाने का चलन था।

शुष्क एवं अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल को एकत्रित करने के लिए गड्ढों का निर्माण किया जाता था जिससे मृदा सिंचित कर खेती की जा सके। इसे राजस्थान के जैसलमेर में ‘खरदीन’ तथा अन्य क्षेत्रों में जोहड़’ के नाम से पुकारा जाता है। राजस्थान के वीरानों फलोदी और बाड़मेर जैसे शुष्क क्षेत्रों में पेय-जल का संचय भूमिगत टैंक में किया जाता है जिसे ‘टाँका’ कहा जाता है। यह प्रायः आँगन में हुआ करता है जिसमें छत पर संग्रहित जल को पाइप द्वारा जोड़ दिया जाता है।

इस कार्य में राजस्थान की N.G.O. ‘तरुण भारत संघ’ पिछले कई वर्षों से कार्य कर रही है। मेघालय के शिलांग में छत वर्षाजल का संग्रहण आज भी प्रचलित है। कर्नाटक के मैसूर जिले में स्थित गंगथर गाँव में छत-जल संग्रहण की व्यवस्था 200 घरों में है जो तब संरक्षण की दिशा में एक मिसाल है। वर्तमान समय में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश बाजस्थान एवं गुजरात सहित कई राज्यों में वर्षा-जल संरक्षण एवं पुनः चक्रण किया जा रहा है।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
अपने विद्यालय के आस-पास बहने वाली नदियों के जल-उपयोग पर एक ‘परियोजना तैयार करें।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 10 Geography जल संसाधन Additional Important Questions and Answers

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
इनमें राजस्थान की सबसे महत्वपूर्ण परियोजना कौन-सी है?
(क) चंबल परियोजना
(ख) नागार्जुन सागर परियोजना
(ग) भाखड़ा-नांगल परियोजना
(घ) इंदिरा गांधी नहर परियोजना
उत्तर-
(घ) इंदिरा गांधी नहर परियोजना

प्रश्न 2.
इनमें किस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बाढ़-नियंत्रण रहा है?
(क) चंबल
(ख) भाखड़ा
(ग) कोसी
(घ) हीराकुद
उत्तर-
(ग) कोसी

प्रश्न 3.
विश्व के कुल जल का कितना प्रतिशत महासागरों में पाया जाता है ?
(क) 96.5%
(ख) 90%
(ग) 98%
(घ) 95%
उत्तर-
(क) 96.5%

प्रश्न 4.
प्रतिव्यक्ति प्रतिशत जल उपलब्धता के संदर्भ में विश्व में भारत का कौन स्थान है ?
(क) 182वाँ
(ख) 150वाँ
(ग) 133वाँ
(घ) 100वां
उत्तर-
(ग) 133वाँ

प्रश्न 5.
वर्षा जल संग्रहण के ढांचों को हर घर में बनाना किस राज्य में कानूनन अनिवार्य है ?
(क) बिहार में
(ख) तमिलनाडु में
(ग) पश्चिम बंगाल में
(घ) मध्य प्रदेश में
उत्तर-
(घ) मध्य प्रदेश में

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
विश्व में उपलब्ध जल का कितना प्रतिशत महासागरों में जमा है ?
उत्तर-
विश्व में उपलब्ध जल का 96.5% महासागरों में पाया जाता है।

प्रश्न 2.
दिल्ली में 14वीं सदी में जल संग्रहण के लिए बने विशिष्ट तालाब का नाम क्या है?
उत्तर-
दिल्ली में 14वीं सदी में जल संग्रहण के लिए बने विशिष्ट तालाब का नाम हौज-ए-खास है।

प्रश्न 3.
टिहरी बाँध किस राज्य में स्थित है ?
उत्तर-
टिहरी बाँध उत्तराखण्ड राज्य में स्थित है।

प्रश्न 4.
राजस्थान में भूमिगत टकियों में एकत्रित वर्षा जल का दूसरा स्थानीय नाम क्या है ?
उत्तर-
राजस्थान में भूमिगत टकियों में एकत्रित वर्षा जल का दूसरा स्थानीय नाम टांका है।

प्रश्न 5.
पश्चिमी हिमाचल क्षेत्र में पानी की धारा बदलकर सिंचाई के लिए प्रवाहित करनेवाली प्रणाली का क्या नाम है ?
उत्तर-
पश्चिमी हिमाचल क्षेत्र पानी की धारा बदलकर सिंचाई के लिए प्रवाहित करनेवाली प्रणाली का नाम ‘गुल’ अथवा ‘कुल’ है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
जल किस प्रकार एक दुर्लभ संसाधन है ?
उत्तर-
पृथ्वी को जल ग्रह कहा जाता है। परन्तु 96.5% जल सात महासागरों में पाया जाता है जो यातायात को छोड़कर उपयोगी नहीं है। यह हमारी बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता। क्योंकि यह खारा जल है। धरती पर पाए जाने वाले जल में मात्र 2.5% भाग ही उपयोगी है। इसमें भी 70% भाग बर्फ के रूप में ग्रीनलैण्ड, अंटार्कटिका महादेश तथा हिमालय के शिखरों एवं हिमनदों में पाये जाते हैं शेष 30% जल ही नदी, तालाबों, भूमिगत जल के रूप में पाया जाता है। वर्षा का जल मीठा होता है। विश्व की कुल वर्षा का 4% जल ही भारत में उपलब्ध होती है। भारत में अधिक जनसंख्या के कारण प्रतिव्यक्ति प्रतिवर्ष जल उपलब्धता की दृष्टि से भारत का विश्व में 33वां स्थान है, एक अन्दाजे के मुताबिक 2025 ई. तक विश्व के अनेक देशों में जल का अभाव होने लगेगा। भारत को भी इस संकट का सामना करना पड़ेगा। इस प्रकार यह कह सकते हैं कि जल एक दुर्लभ संसाधन है।

प्रश्न 2.
भारत में जल के प्रमुख स्रोत कौन-कौन हैं ?
उत्तर-
जल एक महत्वपूर्ण प्रकृति-प्रदत्त संसाधन है। भारत में जल के प्रमुख स्रोत निम्नलिखित हैं-
(i) वर्षा वर्षा जल का सबसे प्रमुख स्रोत है, वर्षा के जल का उपयोग कृषि-कार्यों में किया जा सकता है। वर्षा के जल का संरक्षण करके और उसका समुचित उपयोग करके जल की कमी को पूरा किया जा सकता है।

(ii) नदियाँ-नदी भी जल का एक प्रमुख स्रोत है, नदियों के जल को आधुनिक तकनीक की मदद से शुद्ध करके उसे दैनिक जीवन में उपयोग किया जा सकता है। नदियों के जल को पाइप द्वारा खेतों तक पहुँचाकर फसलों का सिंचाई किया जाता है। नदियों के जल का उपयोग नदियों पर बाँध बनाकर किया जाता है। मैदानी इलाकों में ही नदियों से अधिकतर नहरें निकाली गयी हैं। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में नदी का उपयोग सिंचाई के लिए बहुत अधिक हुआ है।

(iii) भूमिगत जल-यह भी जल का एक प्रमुख स्रोत है। भूमिगत जल को कुआँ खोदकर निकाला जाता है। भूमिगत जल को झरनों द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है। इस जल का उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं। इस जल की सहायता से कृषि कार्य किया जाता है।

ग्लेशियर_यह भी जल-प्राप्ति का एक प्रमुख स्रोत है। गर्मियों में हिमालय का बर्फ पिघलकर नदियों के पानी को बढ़ाता है। इस जल की सहायता से दैनिक और कृषि कार्य किया जाता है।

(v) झील, तालाब एवं अन्य जलाशय ये भी बल प्राप्ति का एक प्रमुख स्रोत हैं। इस जल का उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं। इस जल की सहायता से कृषि-कार्य और अन्य महत्वपूर्ण क्रिया-कलाप किए जाते हैं।

प्रश्न 3.
बहु-उद्देशीय नदीघाटी परियोजनाएं किस प्रकार लाभप्रद हैं ? यह भी बताएं कि वे किस प्रकार हानिकारक हैं?
उत्तर-
बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना लाभप्रद है। इसे निम्न विचार-बिन्दुओं के आधार पर स्पष्ट किया जा सकता है

  • नदियों पर बांध (बराज) बनाकर नहरें निकाली जाती हैं जिससे वर्षाभाव के क्षेत्र में सिंचाई की जाती है।
  • जल विद्युत उत्पन्न किया जाता है।
  • बाढ़ की रोकथाम करना, मिट्टी के कटाव को रोकना।
  • मछलीपालन, यातायात की सुविधा प्राप्त करना।
  • पर्यटकों के लिए आकर्षण केंद्र बनाना आदि।

बहुउद्देशीय नदीघाटी परियोजना के लाभ के साथ-साथ हानियाँ भी हैं। इसे निम्न-विचार-बिंदुओं के आधार पर स्पष्ट किया जा सकता है-

  • नदियों पर बाँध बनाने से स्वाभाविक प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है जिससे नदी की तली में कचड़े जमा हो जाता है और प्रत्येक वर्ष बाढ़ का दृश्य बनता रहता है।
  • जल प्रदूषण की संभावना बढ़ जाती है। इसका दुष्प्रभाव जलीय जीवों पर पड़ता है।
  • इस प्रकार की परियोजना से बड़े पैमाने पर विस्थापन की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ।
  • नहरों से अधिक सिंचाई करने पर भूमि की उर्वरता घटने लगती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बड़े-बड़े बाँधों और तटबंधों की आवश्यकता पर जोर देते हुए इनकी उपयोगिता का वर्णन करें।
उत्तर-
बड़े-बड़े बाँधों और तटबंधों की आवश्यकता हमारे देश के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि बाँधों और तटबंधों की समुचित व्यवस्था होने से उपलब्ध जल संसाधन का समुचित उपयोग किया जा सकता है। बड़े-बड़े बाँध और तटबंधों की उपयोगिता बहुत अधिक है। इसका कारण यह है कि तटबंधों और बाँधों के द्वारा जल को समुचित रूप से उपयोग में लाया जा सकता है। जल को ही जीवन कहा जाता है। जल की उपयोगिता की सूची लंबी है।

पेयजल, घरेलू कार्य, सिंचाई, उद्योग, जनस्वास्थ्य, स्वच्छता तथा मल-मूत्र विसर्जन इत्यादि कार्यों के लिए जल अपरिहार्य है। इसके अलावे जल-विद्युत निर्माण तथा परमाणु संयंत्र-शीतलन, मत्स्य पालन, जल कृषि वानिकी, जल क्रीड़ा जैसे कार्य की कल्पना बिना जल के नहीं की जा सकती है। नदियों पर बाँध बनाकर बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना को भी सुचारू रूप से चलाया जा सकता है जिससे सिंचाई का काम अच्छे तरीके से हो सकता है।

अतः बाँधों और तटबंधों के लाभ बहुत अधिक हैं। इसके अतिरिक्त जल संसाधन का समुचित उपयोग करने से मछली पालन का व्यवस्था करने में भी सुविधा होती है। जिससे राष्ट्रीय आय बढ़ती है और देश का आर्थिक विकास करने में सुविधा होती है। जल संसाधन का समुचित उपयोग करके बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ चलायी जाती हैं जिसका देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है। नदियों पर बाँध बनाकर यातायात की सुविधा बढ़ायी जाती है और पर्यटकों के लिए भी यह अनुकूल माना जाता है। इन सभी से देश का आर्थिक विकास करने में सहायता मिलती है। वास्तव में कृषि, वाणिज्य-व्यवसाय, उद्योग-धन्धे, पर्यटन व्यवसाय और जल परिवहन के माध्यम से देश का आर्थिक विकास करने में सुविधा होती है।

प्रश्न 2.
भारत के आर्थिक विकास में जल संसाधन का योगदान बताएँ।
उत्तर-
भारत के आर्थिक विकास में जल संसाधन का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जल संसाधन एक प्राकृतिक संसाधन है जिसका भारत में समुचित उपयोग करके आर्थिक विकास किया जा सकता है और देश की अर्थव्यवस्था को संतुलित बनाया जा सकता है।

भारत के आर्थिक विकास करने में विभिन्न तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान होता है जिसमें जल संसाधन की उपयोगिता बहुत अधिक है।

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ पर मॉनसूनी जलवायु पायी जाती है जिसका लक्षण यह है कि कभी वर्षा अधिक होती है और कभी सुखाड़ पड़ जाता है। इसी प्रकार देश के सभी क्षेत्रों में वर्षा का वितरण एक समान नहीं है। इसलिए कृषि-कार्य करने के लिए सिंचाई की बहुत आवश्यकता है। नदियों, तालाबों तथा कुओं के जल से खेतों की सिंचाई की जाती है। साथ ही नलकूप के जल से भी खेतों की सिंचाई होती है। नदियों पर नहरें बनाकर इसे सिंचाई के काम में लाया जाता है। अतः जल संसाधन का सिंचाई के कार्य में बहुत योगदान होता है। समुचित रूप से सिंचाई की व्यवस्था करने से खाद्यान्न फसलों और व्यावसायिक फसलों का उत्पादन समुचित रूप से होता है। इससे राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है जिससे देश का आर्थिक विकास करने में सहायता मिलती है।

जल संसाधन के द्वारा पन बिजली का भी उत्पादन किया जाता है। जिससे उद्योग-धन्धों मेंबिजली की आवश्यकता की पूर्ति की जाती है। इससे कल-कारखानों में समुचित रूप से उत्पादन कार्य होता है जिससे देश में उद्योग-धन्धों की उत्पादकता बढ़ती है। इससे राष्ट्रीय आय में भी वृद्धि होती है और देश का आर्थिक विकास करने में सहायता मिलती है।

प्रश्न 3.
भारत की चार प्रमुख नदी घाटी परियोजनाओं का वर्णन करें।
उत्तर-
विभिन्न उद्देशों की पूर्ति के लिए भारत में कई बहुउद्देशीय परियोजनाओं का निर्माण किया गया है, इनमें से प्रमुख चार परियोजनाएँ निम्नलिखित हैं-
1. भाखड़ा नांगल परियोजना- यह भारत की एक प्रमुख नदो योजना है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान इस योजना के साथ सीधे संबंधित हैं। भाखड़ा बाँध सतलुज नदी पर बनाया गया है। यह संसार का सबसे बड़ा बाँध है। इसकी ऊँचाई कोई 225 मीटर है। इस योजना का भारत के विकास में बड़ा हाथ है।

  • इसकी जल भंडारण की क्षमता 7.8 लाख हेक्टेयर मीटर है और यह 14 लाख हेक्टेयर भूमि को सींचती है। इस योजनों में नहरों की कुल लंबाई 3,400 किलोमीटर है।
  • आजकल इस योजना से प्रतिवर्ष 1.204 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है। इससे पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में उद्योगों के विकास में बड़ा योगदान मिला है।
  • इस योजना ने निःसंदेह पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में कृषि के विकास में बहुत बढ़ावा दिया है। अब ग्रामों में भी बिजली पहुंच गई है जिससे वहाँ के लोगों का जीवन काफी सुखमय हो गया है। इस बिजली से ट्यूबवेलों का चलाना भी काफी आसान हो गया है। इस प्रकार भाखड़ा नांगल परियोजना से इन राज्यों की लाखों बीघा जमीन की सिंचाई भी होती है।
  • इससे जो लाखों क्विटल गन्ना पैदा होता है। इसके परिणामस्वरूप इन भागों में विशेषकर पंजाब और हरियाणा में कई मंडियाँ स्थापित हो गई हैं। इस परियोजना से दिल्ली को भी बहुत लाभ हुआ है।

2. दामोदर घाटी योजना यह परियोजना बिहार राज्य में दामोदर नदी पर बनी हुई है। इसमें कई बाँध हैं जो दामोदर नदी की सहायक नदियों पर बनाए गए हैं। इस परियोजना का भारत के विकास में निम्न योगदान है-

  • इससे पहले यह नदी बिहार में बहुत तबाही लाती थी किंतु अब नदी पर बहुत-से बाँध बन जाने से इस नदी के जल पर नियंत्रण कर लिया गया है और बाढ़ आदि के प्रकोप को समाप्त कर दिया गया है।
  • इसके अतिरिक्त इस परियोजना से 3,94,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई भी होती है।
  • बाएँ तट पर बनी मुख्य नहर से 136 किलोमीटर तक नौका परिवहन की सुविधा भी है। इससे दामोदर घाटी को बहुत लाभ हुआ है क्योंकि इस स्थान पर बहुत-से खनिज भंडार हैं जिन्हें नहर परिवहन द्वारा अपेक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा सकता है।
  • यही नहीं, दामोदर परियोजना से 104 मेगावाट विद्युत का उत्पादन भी होता है जिससे इस क्षेत्र में औद्योगीकरण के विकास को काफी सहायता मिली है।

3. हीराकुंड परियोजना- उड़ीसा राज्य में महानदी पर निर्मित इस योजना में बांध की लंबाई विश्व में सबसे अधिक है। यह बाँध 4,801 मीटर लंबा है और लगभग 21 किलोमीटर तक इसके दोनों ओर भित्ति बनाई गई है। इस परियोजना के परिणामस्वरूप 1,54,000 हेक्टेयर भूमि को सींचा जा सकता है और बाढ़ पर नियंत्रण पाया गया है। 270 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने की क्षमता इस परियोजना में है।

4. तुंगभद्रा परियोजना- यह योजना आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के राज्यों ने मिलकर शुरू की है। एक बाँध जो 50 मीटर ऊँचा और ढाई किमी लंबा है, तुंगभद्रा नदी पर बनाया गया है। यह नदी कृष्णा नदी की एक सहायक नदी है। इस परियोजना का भारत के विकास में बड़ा योगदान है-

  • इस परियोजना ने दोनों संबंधित राज्यों (आंध्र प्रदेश और कर्नाटक) में लगभग 3,35,000 हेक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई की सुविधा प्रदान करके कृषि को बहुत बढ़ावा दिया है।
  • इस परियोजना द्वारा पैदा की जाने वाली बिजली से आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में उद्योगों को भी बहुत प्रोत्साहन मिला है।
  • इसके अतिरिक्त इस परियोजना द्वारा इन दोनों राज्यों ‘ में मछली पालन के कार्य को भी बहुत बढ़ावा मिला है।

Bihar Board Class 10 Geography जल संसाधन Notes

  • पृध्वी अश्वी पर जल के स्रोत निम्न हैं –
    (i) भू-पृष्ठीय जल (ii) भूमिगत जल (iii) वायुमंडलीय जल (iv) महासागरीय जल।
  • भारत में विश्व की 16% आबादी निवास करती है और इसके लिए मात्र 4% जल ही उपलब्ध हैं
  • भारत में कुल भू-पृष्ठीय जल का लगभग 2/3 भाग देश की तीन बड़ी नदियों सिन्धु, गंगा और ब्रह्मपुत्र में प्रवाहित है।
  • ब्रह्मपुत्र एवं गंगा विश्व की 10 बड़ी नदियों में से हैं। इन नदियों को विश्व की बड़ी नदियों में क्रमशः 8वाँ एवं 10वां स्थान प्राप्त है।
  • प्राणियों में 65% तथा पौधों में 65-99% जल का अंश विद्यमान रहता है।
  • स्वीडेन के एक विशेषज्ञ फॉल्कन मार्क के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को प्रति दिन एक हजार घन लीटर जल की आवश्यकता है। इससे कम जल उपलब्धता जल संकट है।
  • वर्तमान समय में भारत में कुल विद्युत का लगभग 22% भाग जल विद्युत से प्राप्त होता है।
  • पृथ्वी की तीन-चौथाई भाग जल से ढंका है जिसमें अधिकांश जल लवणीय है।
  • जल की उपस्थिति के कारण ही पृथ्वी को नीला ग्रह कहा जाता है।
  • विश्व के कुल जल आयतन का 96.6% जल महासागरों में ही पाया जाता है। उनमें मात्र 2.5% प्रतिशत ही अलवणीय (मृदु) जल है।
  • जल एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संसाधन है। इसका उपयोग घरेलू कार्यों के अतिरिक्त पन-बिजली के उत्पादन और परिवहन के लिए किया जा रहा है।
  • जल दो प्रकार का होता है-मीठा जल और खारा जल। नदी एवं तालाब का जल मीठा होता है। साथ ही वर्षा का जल भी मीठा होता है। जो पीने योग्य है जबकि समुद्र का जल खारा होता है।
  • दक्षिणी गोलार्द्ध को जल गोलार्द्ध एवं उत्तरी गोलार्द्ध को स्थल गोलार्द्ध कहा जाता है।
  • पृथ्वी पर जल के स्रोत निम्न हैं (i) भू-पृष्ठीय जल (ii) भूमिगत जल (iii) वायुमण्डलीय जल (iv) महासागरीय जला
  • मीठे जल की सबसे बड़ी झील सुपीरियर झील और सबसे गहरी झील बैकाल झील है। जबकि सबसे ऊँची झील टिटिकाका है
  • खारे जल की सबसे बड़ी झील कैस्पियन सागर और सबसे गहरी झील मृत सागर है।
  • भारत में विश्व की 16% आबादी निवास करती है और इसके लिए मात्र 4% जल ही उपलब्ध है।
  • जल में कुल भू-पृष्ठीय जल का लगभग 2/3 भाग देश की तीन बड़ी नदियों सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र में प्रवाहित है।
  • * ब्रह्मपुत्र एवं गंगा विश्व की 10 बड़ी नदियों में से है। इन नदियों को विश्व की बड़ी नदियों में क्रमशः 8वां एवं 10वां स्थान प्राप्त है। ‘
  • गंगा नदी का जल विश्व में सबसे अधिक पवित्र माना जाता है, लेकिन वर्तमान समय में यह प्रदूषित हो रहा है।
  • जल ही जीवन है। इसलिए जीव-जगत के लिए जल एक अनिवार्य संसाधन है।
  • जल सतह पर उपलब्ध है और भूमि के अन्दर भी। भूमिगत जल प्राप्त करने के लिए कुआँ आदि खोदना पड़ता है।
  • हमारे देश में जल के प्रमुख स्रोत हैं-वर्षा, झरना, नदी, हिमनद (हिमालय क्षेत्र में), कुआं, तालाब, झोल आदि।
  • 2005 तक विश्व के अनेक देशों में जल का अभाव होने की संभावना है। यह समस्या भारत में भी उत्पन्न हो सकती है।
  • वर्तमान समय में जल प्रदूषण की एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो चुकी है जिससे हमारा भौतिक पर्यावरण बिगड़ रहा है और मानव जीवन के लिए भी यह एक गंभीर समस्या है।
  • प्राणियों में 65% एवं वनस्पतियों में 65-99% जल का अंश विद्यमान होता है।
  • नदियों के जल का उपयोग नदियों पर बाँध बनाकर किया जाता है। मैदानी इलाकों में ही नदियों से अधिकतर नहरें निकाली गयी हैं।
  • पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में नदी का उपयोग सिंचाई के लिए बहुत अधिक हुआ है। दक्षिण भारत में नदियों के डेल्टा भाग में अधिक नहरें बनायी गयी हैं।
  • भारत की जनसंख्या विश्व की जनसंख्या का 16% है, लेकिन जल संसाधन के मामले में इसके पास विश्व के कुल जल संसाधन का मात्र 4% उपलब्ध है।
  • बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं में मुख्यतः सिंचाई की सुविधाएँ प्राप्त हुयी हैं और जल-विद्युत उत्पादन किया जा रहा है।
  • मत्स्योद्यम का विकास देश के जलाशयों में किया जाता है। साथ ही तटीय भाग में सटे समुद्रों में भी किया जाता है।
  • झील, तालाब एवं अन्य जलाशय देश के विभिन्न भागों में हैं। उनका जल भी उपयोग में लाया जाता है। तालाबों की अधिक संख्या दक्षिण भारत में (पठारी भाग में) है।
  • ग्लेशियर गर्मी में पिघलकर नदियों को जल प्रदान करते हैं। भारत में इसका क्षेत्र उच्च हिमालय है, हिमालय की चोटियाँ हिमाच्छादित हैं और वे पिघलकर नदियों को जलपूरित रखती हैं।
  • भारत में कई प्रमुख बहुउद्देशीय नदीघाटी परियोजनाएँ हैं जैसे- दामोदर घाटी परियोजना, भाखड़ा नांगल परियोजना, हीराकुंड परियोजना, कोसी परियोजना, चंबल घाटी परियोजना, तुंगभद्रा परियोजना, नागार्जुन सागर परियोजना, नर्मदा घाटी परियोजना, इंदिरा गाँधी परियोजना तथा सोन परियोजना।
  • सतलज नदी पर एशिया का सबसे ऊंचा और विश्व का दूसरा सर्वोच्च परियोजना भाखड़ा नांगल परियाजना है।
  • कोसी परियोजना तथा सोन परियोजना प्रमुख बिहार की नदीघाटी परियोजनाएँ हैं।
  • स्वीडन के एक विशेषज्ञ फॉल्कन मार्क के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को प्रति दिन एक हजार घन लीटर जल की आवश्यकता है। इससे कम जल उपलब्धता जल संकट है।

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