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Wednesday, June 22, 2022

BSEB Class 11 Economics Employment Growth Informalisation and Other Issues Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 11th Economics Employment Growth Informalisation and Other Issues Book Answers

BSEB Class 11 Economics Employment Growth Informalisation and Other Issues Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 11th Economics Employment Growth Informalisation and Other Issues Book Answers
BSEB Class 11 Economics Employment Growth Informalisation and Other Issues Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 11th Economics Employment Growth Informalisation and Other Issues Book Answers


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Bihar Board Class 11th Economics Employment Growth Informalisation and Other Issues Books Solutions

Board BSEB
Materials Textbook Solutions/Guide
Format DOC/PDF
Class 11th
Subject Economics Employment Growth Informalisation and Other Issues
Chapters All
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Bihar Board Class 11 Economics रोजगार-संवृद्धि, अनौपचारीकरण एवं अन्य मुद्दे Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
श्रमिक किसे कहते हैं?
उत्तर:
श्रमिक उस व्यक्ति को कहते हैं जो आर्थिक क्रियाओं में संलग्न है और राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान कर रहा है।

प्रश्न 2.
श्रमिक जनसंख्या अनुपात की परिभाषा दें?
उत्तर:
श्रमिक जनसंख्या अनुपात से अभिप्राय एक निश्चित जनसंख्या में कितने व्यक्ति रोजगार परक हैं से है। श्रमिक जनसंख्या अनुपात की गणना करने के लिए हम देश के सभी श्रमिकों की संख्या को देश की जनसंख्या से भाग कर उसे 100 से गुणा करते हैं।

प्रश्न 3.
क्या ये भी श्रमिक हैं – एक भिखारी, एक चोर, एक तस्कर, एक जुआरी। क्यों?
उत्तर:
एक भिखारी, एक चोर, एक तस्कर तथा एक जुआरी श्रमिक नहीं हैं क्योंकि वे आर्थिक क्रियाओं में संलग्न नहीं हैं और वे राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान नहीं करते।

प्रश्न 4.
इस समूह में कौन असंगत लगता है
(क) नई की दुकान का मालिक
(ख) एक मोची
(ग) मदर डेयरी का कोषपाल
(घ) ट्यूशन पढ़ाने वाला शिक्षक
(ङ) परिवहन कंपनी का संचालक
(च) निर्माण मजदूर
उत्तर:
(ग) मदर डेयरी का कोषपाल असंगत है क्योंकि यह नौकरी कर रहा है। शेष सभी स्वरोजगारी हैं।

प्रश्न 5.
नये उभरते रोजगार मुख्यतः ……….. क्षेत्र में ही मिल रहे हैं।
उत्तर:
नये उभरते रोजगार मुख्यत सेवा क्षेत्रक में ही मिल रहे हैं।

प्रश्न 6.
चार व्यक्तियों को मजदूरी पर काम देने वाले प्रतिष्ठान ………… को क्षेत्रक कहा जाता हैं।
उत्तर:
चार व्यक्तियों को मजदूरी पर काम देने वाले प्रतिष्ठान को अनौपचारिक क्षेत्रक कहा जाता है।

प्रश्न 7.
राज स्कूल जाता है। पर जब वह स्कूल में नहीं होता, तो प्रायः अपने खेत में काम करता दिखाई देता है। क्या आप उसे श्रमिक मानेंगे? क्यों?
उत्तर:
नहीं क्योंकि इसके योगदान से देश को लाभ नहीं प्राप्त हो रहा।

प्रश्न 8.
शहरी महिलाओं की अपेक्षा अधिक ग्रामीण महिलाएँ काम करती दिखाई देती हैं। क्यों?
उत्तर:
क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में अधिक आय कमाने के सीमित साधन हैं। अतः अधिक आय कमाने के लिये और घर का खर्च चलाने के लिये पुरुषों के साथ महिलायें भी काम करती हैं।

प्रश्न 9.
मीना एक गृहिणी है। घर के कामों के साथ-साथ वह अपने पति के कपड़े की दुकान में भी हाथ बँटाती है। क्या उसे एक श्रमिक माना जा सकता है? क्यों?
उत्तर:
उसे श्रमिक माना जा सकता है क्योंकि वह आर्थिक क्रियाओं में भी संलग्न है और वे सभी व्यक्ति जो आर्थिक क्रियाओं में संलग्न होते हैं, श्रमिक कहलाते हैं।

प्रश्न 10.
यहाँ किसे असंगत माना जाएगा –
(क) किसी अन्य के अधीन रिक्शा चलाने वाला
(ख) राज मिस्त्री
(ग) किसी मैकेनिक की दुकान पर काम करने वाला श्रमिक
(घ) जूते पालिश करने वाला लड़का
उत्तर:
जूते पालिश करने वाला लड़का।

प्रश्न 11.
निम्न सारणी में सन् 1972-73 में भारत के श्रम बल का वितरण दिखाया गया है। इसे ध्यान से पढ़कर श्रम बल के वितरण के स्वरूप के कारण बताइए। ध्यान रहे ये आँकड़े 30 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं।

उत्तर:
तालिका से पता चलता है कि आज से तीस वर्ष पहले भारत में श्रम बल का आकार 23.3 करोड़ आँका गया था क्योंकि देश के अधिकांश लोग ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते थे, इसलिए ग्रामीण श्रम बल का अनुपात भी शहरी श्रम बल से कहीं अधिक है। ग्रामीण श्रम बल 19.4 करोड़ जबकि शहरी श्रम बल 39 करोड़, 23.3 करोड़ श्रमिकों में लगभग 83% श्रमिक ग्रामीण है।

भारत में श्रम शक्ति में पुरुषों की बहुलता है। श्रम बल में लगभग 64% पुरुष तथा .शेष महिलायें थी। ग्रामीण क्षेत्र में महिला श्रमिक शहरी क्षेत्र में महिला श्रमिकों से अधिक थी। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएँ खाना बनाने, पानी लाने, ईंधन बीनने के साथ-साथ खेतों में भी काम करती है। उन्हें नकद या अनाज के रूप में मजदूरी मिलती हैं।

प्रश्न 12.
इस सारणी में 1999-2000 ई. में भारत की जनसंख्या और श्रमिक जनानुपात दिखाया गया है। क्या आप भारत के (शहरी और सकल) श्रमबल का अनुमान लगा सकते हैं?

उत्तर:

प्रश्न 13.
शहरी क्षेत्रों में नियमित वेतन भोगी कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक क्यों होते हैं?
उत्तर:
शहरों में कार्यालय, अस्पताल, पाठशालायें तथा कारखाने गाँवों की अपेक्षा अधिक हैं। इन संस्थानों में नियमित वेतनभोगी काम करते हैं। इन संस्थाओं में नौकरी प्राप्त करने के लिये शिक्षित तथा निपुण होना आवश्यक है। गाँवों की अपेक्षा शहरों में अधिक प्रशिक्षित, योग्य तथा निपुण व्यक्ति रहते हैं, अतः गाँवों की अपेक्षा शहरों में नियमित वेतनभोगी कर्मचारी अधिक हैं।

प्रश्न 14.
नियमिति वेतनभोगी कर्मचारियों में महिलाएँ कम क्यों हैं?
उत्तर:
महिलाओं को घरेलू काम करने पड़ते हैं। अधिकांश महिलायें पुरुषों की अपेक्षा कम शिक्षित, कम योग्य और कम निपुण होती हैं। नियमित वेतनभोगी रोजगार के लिये निपुणता, साक्षरता का स्तर आदि उच्च होना चाहिये। अत: नियमित वेतनभोगी रोजगार में महिलायें कम पाई जाती हैं।

प्रश्न 15.
भारत में श्रमबल के क्षेत्रवार वितरण की हाल की प्रवृत्तियों का विश्लेषण करें।
उत्तर:
निम्नलिखित तालिका की सहायता से हम भारत में कार्य शक्ति की क्षेत्रीय वितरण की नई प्रवृत्ति की विवेचना करेंगे –
भारत में कार्यशक्ति का क्षेत्रीय वितरण (प्रतिशत में) –

ऊपरी की तालिका से हमें पता चलता है कि रोजगार कृषि क्षेत्र से गैर-कृषि क्षेत्र की और बढ़ रहा है। 1972-73 ई. में कार्यशक्ति का 74% भाग प्राथमिक (कृषि) क्षेत्र में संलग्न था। यह अनुपात 1999-2000 ई. में गिरकर. 60 प्रतिशत हो गया। द्वितीयक क्षेत्र तथा सेवा क्षेत्र (गैर-कृषि क्षेत्रों) में कार्यशक्ति का अनुपात बढ़ गया। द्वितीयक क्षेत्र में यह अनुपात 11% से बढ़कर 16% हो गया है जबकि सेवाक्षेत्र में यह 15% से बढ़कर 24% हो गया है।

महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक संख्या में काम में लगे हुए होते हैं। शहरी क्षेत्र में यह अंतर बहुत अधिक पाया जाता है। तालिका से हमें पता चलता है कि 39 मिलियन लोगों में से केवल 7 मिलियन (केवल 18%) महिलायें काम करती हैं, जबकि 32 मिलियन (82%) पुरुष काम पर लगे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 194 मिलियन कर्मचारियों में से 69 मिलियन (अर्थात् 36%) महिलायें आर्थिक क्रियाओं में संलग्न हैं, जबकि 64% पुरुष काम पर लगे हुए हैं।

इसका, कारण यह है कि जब पुरुष अधिक आय कमाते हैं तब परिवार महिलाओं को काम करने के लिए हतोत्साहित करते हैं। शहरों में अधिक कमाने के अवसर अपेक्षाकृत अधिक होते हैं। शहरों में काम करने वाले पुरुषों की आय से उनके परिवार का गुजारा चल जाता है। अतः शहरों में कम महिलायें नौकरी करती हैं। इसके विपरीत गाँवों में कम आय से परिवार का पालन-पोषण ठीक प्रकार से नहीं होता। अतः घर का गुजारा चलाने के लिये पुरुषों के साथ महिलायें काम पर जाती हैं।

प्रश्न 16.
1970 से अब तक विभिन्न उद्योगों में श्रमबल के वितरण में शायद ही कोई परिवर्तन आया। टिप्पणी करें।
उत्तर:
यह बात पूर्णतः सत्य नहीं है कि भारत में 1970 की तुलना में कार्यशक्ति के क्षेत्रीय वितरण में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। 1970 में कार्य शक्ति का लगभग 74% भाग प्राथमिक क्षेत्र में संलग्न था जो घटकर 1999-2000 में लगभग 60% हो गया। द्वितीयक क्षेत्र में कार्यशक्ति का 11% भाग 1970 में संलग्न था जो बढ़कर 1999-2000 में लगभग 16% हो गया। इसी तरह सेवा क्षेत्र में कार्यशक्ति का अनुपात 15% से बढ़कर 24% हो गया है।

प्रश्न 17.
क्या आपको लगता है पिछले 50 वर्षों में भारत में रोजगार के सृजन में भी सकल घरेलू उत्पाद के अनुरूप वृद्धि हुई है? कैसे?
उत्तर:
1960-2000 ई. की अवधि में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में धनात्मक वृद्धि हुई और यह रोजगार वृद्धि से ऊँची थी। परंतु सकल घरेलू उत्पाद में हमेशा घटती-बढ़ती रही। इस समयावधि में रोजगार स्थिर रूप से 2 प्रतिशत बढ़ता रहा। 1990 ई. के पश्चात् भारत में रोजगार में संवृद्धि घटने लगी और रोजगार संवृद्धि के उस स्तर पर पहुँच गया जो कि नियोजन की प्रारंभिक अवस्था में था। इन्हीं वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद में सवृद्धि तथा रोजगार संवृद्धि में काफी अंतर आ गया।

इसका अभिप्राय यह हुआ कि भारतीय अर्थव्यवस्था रोजगार के सृजन के बिना भी अधिक वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन कर सकती है। विद्वान इस घटना को नौकरी के बिना संवृद्धि (Jobless growth) कहते हैं। रोजगार तथा सकल घरेलू उत्पाद की संवृद्धि की प्रवृत्ति के कार्य शक्ति के विभिन्न वर्गों को काफी प्रभावित किया।

1972-73 में 74.3% लोग प्राथमिक क्षेत्र में थे। 1999-2000 में यह प्रतिशत घटकर 60.4 प्रतिशत हो गया। द्वितीयक क्षेत्र में कर्मचारियों का प्रतिशत 10.9% (1972-73) से बढ़कर 15.8% (1999-2000) हो गया। इसी प्रकार सेवा में कर्मचारियों का प्रतिशत 14.8% (1972 73) से बढ़कर 23.8% हो गया यह तथ्य निम्नलिखित तालिका से स्पष्ट है –

रोजगार संवृद्धि तथा सकल घरेलू उत्पाद की संवृद्धि की प्रवृत्ति ने रोजगार की प्रस्थिति (Status) पर भी प्रभाव डाला जिसे नीचे की तालिका में दर्शाया गया है।


इस तालिका से हमें यह भी पता चलता है कि शहर में काम करने वाले लोगों की संख्या ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की संख्या से कम है। शहर में 23.3 करोड़ लोगों में से केवल 39 करोड़ लोग (लगभग 16.74) कार्य करते हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 233 करोड़ लोगों में से 194 करोड़ लोग (लगभग 83.26) काम करते हैं।

दूसरे शब्दों में ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत लोगों का केवल पाँचवाँ भाग शहरी क्षेत्र में कार्यरत है। इसका कारण यह है कि गाँवों में ऊँची आय के सीमित संसाधन हैं और पेट पालने के लिये परिवार के अधिकांश सदस्य कार्य करते हैं। प्रायः गाँव के लोग पाठशालाओं, कॉलेजों और अन्य प्रशिक्षित संस्थाओं में नहीं जाते और यदि जाते भी हैं तो वे किसी कारणवश बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं और काम पर लग जाते हैं। इसके विपरीत शहरी क्षेत्र में अधिकांश लोग विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में अध्ययन करते हैं।

प्रश्न 18.
क्या औपचारिक क्षेत्र में ही रोजगार सृजन आवश्यक है? अनौपचारिक में नहीं? कारण बताइए।
उत्तर:
अनौपचारिक क्षेत्र की अपेक्षा में कर्मचारियों को औपचारिक क्षेत्र में निम्नलिखित कारणों से रोजगार अर्जित करना आवश्यक है –

  1. अनौपचारिक क्षेत्र में कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के लाभ मिलते हैं – जैसे मातृत्व लाभ, प्रोविडेन्ट. फण्ड, ग्रेच्यूटी (Gratuity), पेंशन आदि।
  2. औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की अपेक्षा अच्छा वेतन मिलता है।
  3. औपचारिक क्षेत्र पर श्रमिक कानून लागू होते हैं।
  4. औपचारिक क्षेत्र में ट्रेड यूनियन (Trade Unions) होती हैं जो कर्मचारियों के हित में मालिकों के साथ मजदूरी तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा उपायों के लिये सौदेबाजी करती है।
  5. औपचारिक क्षेत्र में कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित होती है।
  6. औपचारिक क्षेत्र में कर्मचारियों के लिए आवास की व्यवस्था की जाती है।
  7. औपचारिक क्षेत्र में कर्मचारियों की कार्यकुशलता तथा उत्पादकता बढ़ाने के लिए उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है।
  8. औपचारिक क्षेत्र में लेन-देन का पूरा लेखा-जोखा रखा जाता है। गबन, हेराफेरी आदि की संभावना कम होती है।
  9. औपचारिक क्षेत्र से राज्य तथा केन्द्र सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है।
  10. औपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों का जीवन स्तर ऊँचा होता है।

प्रश्न 19.
विक्टर को दिन में केवल दो घंटे काम मिल पाता है। बाकी सारे समय वह काम की तलाश में रहता है। क्या वह बेरोजगार है? क्यों विक्टर जैसे लोग क्या काम करते होंगे?
उत्तर:
विक्टर प्रति दो घंटे का काम करता है अतः वह रोजगार है परंतु पूर्ण रोजगार नहीं। वह अल्परोजगार है। विक्टर जैसे लड़के निम्न प्रकार के कार्य कर रहे होंगे –

  1. धनी व्यक्तियों की कार, स्कूटर साफ कर रहे होंगे।
  2. सुबह हो घंटे समाचार पत्र बाँट रहे होंगे।
  3. दूध के डिपो पर काम कर रहे होंगे।
  4. दूध के डिपो से दूध लाकर गलियों में बेच रहे होंगे।
  5. कबाड़ी का काम कर रहे होंगे।
  6. धर्मार्थ औषधोलय में रोगियों की पर्ची बनाने का काम कर रहे होंगे।
  7. घरों से लंच बॉक्स इकट्ठे करके कार्यस्थल पर पहुँच रहे होंगे।

प्रश्न 20.
क्या आप गाँव में रह रहे हैं? यदि आपको ग्राम-पंचायत को सलाह देने को कहा जाए तो आप गाँव की उन्नति के लिए किस प्रकार के क्रियाकलाप का सुझाव देंगे, जिससे रोजगार सृजन हो।
उत्तर:
ग्राम पंचायत को ग्राम सुधार के लिये निम्नलिखित क्रियायें अपनाने के लिये कहूँगा। इन क्रियाओं से रोजगार का सृजन भी होगा –

  1. कच्ची सड़कें बनवाना।
  2. गाँव की सफाई करवाना।
  3. नलियों आदि की सफाई करवाना।
  4. कुँओं की सफाई करवाना।
  5. शाम को प्रौढ़ शिक्षा का प्रबंध करना।
  6. पढ़ाई में कमजोर बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था करना।
  7. गाँव में खेलकूद क्लब का निर्माण करना। क्लब के सदस्यों को क्रिकेट, हॉकी आदि के उपकरणों की व्यवस्था करना।
  8. तालाब बनवाना तथा उसकी नियमित रूप से सफाई करवाना।

प्रश्न 21.
अनियत. दिहाड़ी मजदूर कौन होते हैं?
उत्तर:
अनियत दिहाड़ी मजदूर वे होते हैं जिन्हें किसी व्यक्ति या उद्यम से नियमित रूप से काम नहीं मिलता। ये मजदूर शहरों में निर्माण कार्य में लगे होते हैं। गाँव में ये अन्य लोगों के खेतों में काम करते हैं।

प्रश्न 22.
आपको यह कैसे पता चलेगा कि कोई व्यक्ति अनौपचारिक क्षेत्र में काम कर रहा है?
उत्तर:
यह जानने के लिये कि एक कर्मचारी अनौपचारिक क्षेत्र में काम कर रहा है या नहीं, हम यह पता लगाएँ कि जिस उद्यम में वह काम कर रहा है वहाँ पर कितने सवैतनिक कर्मचारी हैं। यदि कर्मचारियों की संख्या 10 से कम है तो वह कर्मचारी अनौपचारिक क्षेत्र में काम कर रहा है।

Bihar Board Class 11 Economics रोजगार-संवृद्धि, अनौपचारीकरण एवं अन्य मुद्दे Additional Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
विदेशों से शुद्ध आय कब ऋणात्मक होती है?
उत्तर:
विदेशों से शुद्ध साधन आय उस समय ऋणात्मक होती है जब निर्यात से प्राप्त राशि से आयात के भुगतान की राशि कम होती है।

प्रश्न 2.
सकल राष्ट्रीय उत्पाद क्या है?
उत्तर:
सकल राष्ट्रीय उत्पाद, सकल घरेलू उत्पाद तथा विदेशों से शुद्ध आय का योगफल है।

प्रश्न 3.
एक देश का सकल घरेलू उत्पाद 10,000 करोड़ रुपये और विदेशों से साधन आय 100 करोड़ है। उस देश का सकल राष्ट्रीय उत्पाद कितना होगा?
उत्तर:
सकल राष्ट्रीय उत्पाद = सकल घरेलू उत्पाद + विदेशों से शुद्ध आय = 10,000 + 100 = 10,000 करोड़ रुपये

प्रश्न 4.
सकल घरेलू उत्पाद क्या है?
उत्तर:
देश में एक वर्ष में उत्पादित अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं का मौद्रिक मूल्य सकल घरेलू उत्पाद कहलाता है।

प्रश्न 5.
विदेशी व्यापार में शुद्ध आय किसे कहते हैं?
उत्तर:
विदेशी व्यापार में शुद्ध आय से अभिप्राय विदेशी व्यापार द्वारा प्राप्ति तथा भुगतान के अंतर को व्यापार से शुद्ध आय कहते हैं। यह धनात्मक भी हो सकता है, ऋणात्मक भी और शून्य भी। इसे विदेशों का शुद्ध आय भी कहते हैं।

प्रश्न 6.
विदेशों से शुद्ध साधन आय कब शून्य होती है?
उत्तर:
विदेशों से शुद्ध साधन आय तब शून्य होती है जब निर्यात से प्राप्त होने वाली आय आयात पर किये गये भुगतान की राशि के बराबर होती है।

प्रश्न 7.
विदेशों से शुद्ध आय कब धनात्मक होती है?
उत्तर:
विदेशों से शुद्ध आय उस समय धनात्मक होती है जब निर्यात से प्राप्त राशि आयात के भुगतान की राशि से अधिक होती है।

प्रश्न 8.
1999-2000 ई. में भारत में कितनी कार्यशक्ति थी?
उत्तर:
1999-2000 ई में भारत के पास 400 मिलियन कार्य बल था।

प्रश्न 9.
कार्यरत जनसंख्या अनुपात से हमें किस बात का पता चलता है?
उत्तर:
कार्यरत जनसंख्या अनुपात से हमें पता चलता है कि 100 व्यक्तियों में कितने व्यक्ति रोजगार में हैं।

प्रश्न 10.
कार्यरत जनसंख्या अनुपात क्या है?
उत्तर:
कार्यरत जनसंख्या अनुपात एक संकेतक (Indication) है जिसका प्रयोग एक देश की रोजगार स्थिति की विवेचना के लिये किया जाता है।

प्रश्न 11.
‘क’ देश का कार्यरत अनुपात 50 है जबकि “ख’ देश का कार्यरत अनुपात 40 है। किस देश में अधिक लोग रोजगार में लगे हुए हैं?
उत्तर:
‘क’ देश में अधिक कर्मचारी रोजगार में लगे हुए हैं।

प्रश्न 12.
एक देश की जनसंख्या 28.52 करोड़ है और उस देश में कार्यरत जनसंख्या अनुपात 33.7 है। बताइये कितने लोग कार्य पर लगे हुए हैं?
उत्तर:
कार्य पर लगे कर्मचारी = 33.7100 = 9.61 करोड़

प्रश्न 13.
एक देश में 9.61 करोड़ लोग काम पर लगे हुए हैं और देश की कुल जनसंख्या, 28.52 करोड़ है। कार्यरत जनसंख्या का अनुपात बतायें।
उत्तर:

प्रश्न 14.
किसी देश का सकल राष्ट्रीय उत्पाद तथा विदेशों से शुद्ध आय क्रमशः 10,100 करोड़ रुपये तथा 100 करोड़ रुपये है। उस देश का सकल घरेलू उत्पाद ज्ञात करें।
उत्तर:
सकल राष्ट्रीय उत्पाद = सकल राष्ट्रीय उत्पाद – विदेशों से साधन आय
10,100 – 100 = 10,000 करोड़ रुपये।

प्रश्न 15.
एक देश का सकल घरेलू उत्पाद 9,000 करोड़ रुपये है और उसकी विदेशों से शुद्ध आय (-) 10 करोड़ रुपये है। उस देश का सकल राष्ट्रीय उत्पाद क्या होगा?
उत्तर:
सकल राष्ट्रीय उत्पाद = सकल घरेलू उत्पाद + विदेशों से शुद्ध आय
= 9,000 + (-10) = 9,000 – 10
= 8990 करोड़ रुपये।

प्रश्न 16.
आर्थिक क्रियायें किसे कहते हैं?
उत्तर:
आर्थिक क्रियायें उन क्रियाओं को कहते हैं जो सकल राष्ट्रीय उत्पाद में योगदान देती हैं।

प्रश्न 17.
कर्मचारी किसे कहते हैं?
उत्तर:
कर्मचारी उन व्यक्तियों को कहते हैं जो आर्थिक क्रियायें करते हैं।

प्रश्न 18.
रोजगार में किन व्यक्तियों को सम्मिलित किया जाता है?
उत्तर:
रोजगार में उन व्यक्तियों को सम्मिलित किया जाता है जो आर्थिक क्रियाओं में संलग्न हैं।

प्रश्न 19.
महिलाएँ घरों में काम करती हैं, खाना बनाती हैं, पानी तथा जलाने की लकड़ियाँ लाती हैं। वे खेतों में भी काम करती हैं, खाना बनाती हैं, फिर भी उनको कर्मचारियों की श्रेणी में नहीं रखा जाता क्यों?
उत्तर:
क्योंकि उनको उनके काम के बदले मुद्रा या खाद्यान्न के रूप में मजदूरी नहीं दी जाती है।

प्रश्न 20.
ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में एक साल में कितने दिनों के लिये रोजगार की गारंटी है?
उत्तर:
एक वर्ष में 100 दिनों के लिये रोजगार की गारंटी है।

प्रश्न 21.
ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना 2 फरवरी 2006 ई. को कितने जिलों में शुरू किया गया है?
उत्तर:
200 जिलों में।

प्रश्न 22.
क्या एक भिखारी कर्मचारी है?
उत्तर:
भिखारी कर्मचारी नहीं है क्योंकि भिक्षा माँगना आर्थिक क्रिया नहीं है और न ही भिक्षा से प्राप्त राशि से देश के विकास में कोई वृद्धि होती है।

प्रश्न 23.
एक देश में कार्यरत जनसंख्या अनुपात 33.7 है और उस देश में 9.61 करोड़ व्यक्ति काम पर लगे हुए हैं। उस देश की जनसंख्या ज्ञात करें।
उत्तर:

प्रश्न 24.
अनिश्चित रोजगार पाने वाले व्यक्ति को चुनिये।

  1. रिक्शा स्वामी के अधीन काम करने वाला रिक्शा चालक।
  2. राज मिस्त्री।
  3. दुकान पर काम करने वाला मैकेनिक।
  4. जूते पालिश करने वाला लड़का।

उत्तर:
2. राज मिस्त्री।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन से कर्मचारी अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं?

  1. एक होटल में काम करने वाला व्यक्ति जिसने सात कर्मचारी नौकरी पर रखे हुए हैं और तीन कर्मचारी परिवार के सदस्य हैं।
  2. एक निजी पाठशाला जिसमें 20 वैतनिक अध्यापक हैं।
  3. एक पुलिस कांस्टेबल।
  4. सरकारी अस्पताल में नर्स।
  5. साइकिल-रिक्शा चलाने वाला।
  6. एक टेक्सटाइल दुकान का स्वामी।
  7. एक बस कंपनी का स्वामी जिसके पास 10 बसें हैं और 20 ड्राइवर, कंडक्टर तथा अन्य कर्मचारी हैं।
  8. एक वकील।

उत्तर:
निम्नलिखित कर्मचारी अनौपचारिक क्षेत्र में काम करते हैं –

  1. एक होटल में कार्य करने वाला व्यक्ति जिसमें सात वैतनिक कर्मचारी और तीन परिवार के सदस्य कार्य करते हैं।
  2. साइकिल रिक्शा चलाने वाला।
  3. एक टैक्सटाइल दुकान का स्वामी।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय उत्पाद क्या है? ऐसी कोई पाँच क्रियाएँ बताइये लो राष्ट्रीय उत्पाद में योगदान देती हैं।
उत्तर:
एक राष्ट्र के द्वारा एक वर्ष में उत्पादित अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं के मौद्रिक मूल्य को राष्ट्रीय उत्पाद कहते हैं। दूसरे शब्दों में एक वर्ष में एक देश की घरेलू सीमा में उत्पादित अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्य को घरेलू उत्पाद कहते हैं। इस घरेलू उत्पाद में विदेशों से अर्जित शुद्ध आय को जोड़ने से राष्ट्रीय उत्पाद प्राप्त होता है। अध्यापक द्वारा स्कूल में पढ़ाना, नर्स द्वारा अस्पताल में रोगी की सेवा करना, एक कर्मचारी का बैंक में काम करना, एक श्रमिक का एक कारखाने में काम करना, एक दुकानदार द्वारा अपनी दुकान पर ग्राहकों को वस्तुएँ बेचना आदि क्रियायें राष्ट्रीय उत्पाद में योगदान देती हैं।

प्रश्न 3.
भारत में महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक काम करने वाले पाये जाते हैं, क्यों?
उत्तर:
प्रायः देखा गया है कि यदि पुरुष अधिक आय कमा रहे हैं तब परिवार महिला सदस्यों के नौकरी करने के लिये हतोत्साहित करते हैं। इसके अतिरिक्त भारत में कई ऐसे समुदाय हैं जो महिलाओं से नौकरी करवाने के घोर विरोधी हैं। उस समुदाय के लोग भूखे मर जायेंगे, परंतु महिलाओं के कमाई को हाथ नहीं लगायेंगे। इसके अतिरिक्त महिलायें पुरुषों की अपेक्षा कम शिक्षित होती है और नौकरी प्राप्त करने की उनमें योग्यता नहीं होती। इन सब कारणों से वे पुरुषों की अपेक्षा कम काम में लगी हुई हैं।

प्रश्न 4.
स्वनियोजित, नियमित वेतन पाने वाले कर्मचारी तथा दैनिक मजदूरी वाले श्रमिकों के लिये क्रमशः
(a) (b) तथा
(c) लिखें

  1. एक सैलून (Saloon) का स्वामी।।
  2. चावल की मिल में काम करने वाला कर्मचारी जिसे दैनिक आधार पर भुगतान किया जाता है परंतु वह नियमित रूप से नौकरी में है।
  3. भारतीय स्टेट बैंक में कैशियर।
  4. राज्य सरकार के कार्यालय में दैनिक मजदूरी पर काम करने वाला टाइपिस्ट जिसे मासिक भुगतान दिया जाता है।
  5. एक जुलाहा।
  6. थोक सब्जी की दुकान पर माल लादने वाला कर्मचारी।
  7. ठंडे पेय पदार्थ की दुकान का स्वामी जो पेप्सी, कोका-कोला तथा मिरिण्डा बेचता है।
  8. एक निजी चिकित्सालय में 5 साल से निरंतर काम करने वाली नर्स जिसे महीने के महीने वेतन दिया जाता है।

उत्तर:

प्रश्न 5.
आर्थिक क्रियाओं को कितनी औद्योगिक श्रेणियों में बाँट सकते हैं? इनमें से कौन-सी औद्योगिक श्रेणी प्राथमिक क्षेत्र में सम्मिलित की जाती हैं।
उत्तर:
आर्थिक क्रियाओं को निम्नलिखित औद्योगिक श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है –

  1. कृषि
  2. खनन तथा उत्खनन
  3. विनिर्माण
  4. विद्युत, गैस तथा पानी की आपूर्ति
  5. निर्माण
  6. व्यापार
  7. परिवहन व भण्डारण तथा
  8. सेवायें

प्राथमिक क्षेत्र में कृषि, खनन और उत्खनन उद्योग शामिल किये जाते हैं।

प्रश्न 6.
द्वितीयक तथा तृतीयक क्षेत्र के उपक्षेत्र लिखें।
उत्तर:
द्वितीयक क्षेत्र के उपक्षेत्र:

  1. विनिर्माण
  2. विद्युत, गैस तथा जल आपूर्ति
  3. निर्माण

तृतीयक क्षेत्र के उपक्षेत्र –

  1. व्यापार
  2. परिवहन तथा भण्डारण
  3. सेवायें

प्रश्न 7.
निम्नलिखित उपक्षेत्र किन क्षेत्रों में शामिल किये जाते हैं?

  1. सेवायें
  2. कृषि
  3. निर्माण
  4. विनिर्माण तथा
  5. व्यापार

उत्तर:

प्रश्न 8.
निम्नलिखित क्षेत्रों के दो-दो उपक्षेत्र लिखें प्राथमिक क्षेत्र, द्वितीय क्षेत्र, तृतीयक क्षेत्र।
उत्तर:
1. प्राथमिक क्षेत्र –

  • कृषि
  • खनन तथ उत्खनन

2. द्वितीयक क्षेत्र –

  • निर्माण
  • विनिर्माण

3. तृतीयक क्षेत्र –

  • सेवा
  • व्यापार

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निम्न तालिका 1972-73 वर्ष के लिये भारत वर्ष में कार्यबल (Work Force) के वितरण को दर्शाती है। इसका विश्लेषण करें और इस प्रकार के कार्य बल के वितरण की प्रकृति का कारण बतायें। आप देखेंगे कि यह आँकड़े 35 वर्ष पहले भारत के हैं।

उत्तर:
ऊपर की तालिका से हमें पता चलता है कि 1972-73 ई. में भारत में कार्य बल 233 मिलियन था जिसमें 157 मिलियन पुरुष हैं तथा 76 मिलियन महिलायें थी। महिलाओं की संख्या पुरुषों की संख्या से आधी थी। इसका कारण यह था कि भारत में अधिकांश शहरी महिलायें नौकरी नहीं करतीं। उनका अधिकांश समय घरेलू कार्य करने में व्यतीत होता है, इसके अतिरिक्त वे कार्यालयों तथा बैंकों में कार्य करने की योग्यता नहीं रखती।

इसके अतिरिक्त भारत में कुछ ऐसे समुदाय हैं जो अपनी लड़कियों या पत्नियों से नौकरी नहीं करवाते। कुछ लोग पाठशालाओं, कॉलेजों में जाते हैं, परंतु उनमें से अधिकांश विद्यार्थी किसी कारणवश बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं तथा कार्य शक्ति में शामिल हो जाते हैं। जहाँ तक महिलाओं के काम करने का प्रश्न है, उसके बारे में हम कह सकते हैं कि गाँव। में काम करने वाली महिलाओं का प्रतिशल शहर में काम करने वाली महिलाओं से अधिक है। इसका कारण प्रश्न एक (दीर्घ उत्तरीय) के उत्तर में दे दिया गया है।

प्रश्न 2.
1972-73 की तुलना में भारत में कर्मचारियों की प्रास्थिति (Status) में बहुत अधिक परिवर्तन हुआ है। टिप्पणी करें।
उत्तर:
निम्नलिखित तालिका की सहायता से हम 1972-73 की तुलना में भारत में कर्मचारियों की प्रास्थिति (Status) में होने वाले परिवर्तन की विवेचना करेंगे।

ऊपर दी गई तालिका से हमें पता चलता है कि कार्यशक्ति में स्वनियोजितों का प्रतिशत 1972-73 में 61.4 था जो घटकर 1999-2000 में 52.6 हो गया। जहाँ तक वेतनभोगी कर्मचारियों का संबंध है इनमें बहुत कम प्रतिशत परिवर्तन आया था। 1972-73 में कार्यशक्ति का 15.4% भाग नियमित वेतनभोगी रोजगार में था जबकि 1999-2000 में यह 14.6% हो गया। वेतनभोगी रोजगार में लगी कार्यशक्ति में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया परंतु दैनिक मजदूरी श्रमिकों का प्रतिशत 23.2 (1972-73) से बढ़कर 1999-2000 में 32.8% हो गया।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित तालिका भारत में 1993-94 की कार्यरत जनसंख्या अनुपात को दर्शाती है। तालिका का विश्लेषण करें।

उत्तर:
तालिका से हमें पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्र में 100 में से 44.4 लोग आर्थिक क्रियाओं में संलग्न हैं जबकि शहरी क्षेत्र में 34.7% अर्थात् 100 में से 35 लोग काम करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में शहरी क्षेत्र की अपेक्ष कार्यरत जनसंख्या दर के ऊंचा होने के निम्नलिखित कारण हैं –

  1. गाँवों में उच्च आय कमाने के साधन सीमित हैं। फलस्वरूप अपनी आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये परिवार के अधिकांश लोग काम करने जाते हैं।
  2. ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश जनसंख्या स्कूलों और कालेजों में नहीं जाती। जो बच्चे स्कूल जाते हैं, वे बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं और कार्य में लग जाते हैं। अतः ग्रामीण क्षेत्र में शहरी क्षेत्र की अपेक्षा अधिक लोग काम पर जाते हैं।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित तालिका 1972-73 तथा 1999-2000 वर्ष के लिए पुरुषों के रोजगार की प्रवृत्ति को दर्शाती है। विश्लेषण करें और इन परिवर्तनों के उचित कारण बतायें।

उत्तर:
तालिका से हमें निम्नलिखित बातों का पता चलता है –

1. स्वनियोजित कर्मचारी:
1972-73 में 100 में से लगभग 61 लोग स्वनियोजित थे अर्थात् अपना काम-धन्धा स्वयं चलाते थे। वे स्वयं ही स्वामी थे और स्वयं ही कर्मचारी थे। वे अपनी सेवायें किसी को किराये पर नहीं देते थे। इनका
प्रतिशत अब कम होकर 51.3% हो गया है। इसका मुख्य कारण जनसंख्या में तीव्र वृद्धि है। स्वनियोजित व्यक्तियों की संख्या तो बढ़ रही है परंतु वह उस दर से नहीं बढ़ रही है जिस दर से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है।

2. नियमित वेतनभोगी कर्मचारी (Regular Salaried Employees):
नियमित वेतनभोगी कर्मचारी का 1972-73 में 18.7 प्रतिशत था। 1999-2000 में इनका प्रतिशत भी गिरकर 17.8 प्रतिशत हो गया। इसका मुख्य कारण जनसंख्या का तेजी से बढ़ना और रोजगार के अवसरों में बहुत ही धीमी गति से वृद्धि थी।

3. दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले कर्मचारी (Casual Wage labourers):
1972-73 में दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले कर्मचारी 19.7 प्रतिशत थे। इनका प्रतिशत बढ़कर 1999-2000 में 30.9 प्रतिशत हो गया है। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं –

  • जनसंख्या का तीव्र गति से बढ़ाना।
  • स्वनियोजित कर्मचारियों के प्रतिशत में कमी आना।
  • नियमित वेतनभोगी कर्मचारियों के प्रतिशत में कमी आना।
  • एक वकील।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
आपकी स्थिति एक श्रमिक की है, यदि आपको 1 वर्ष की अवधि में –
(a) 183 दिन से कम काम मिलता है।
(b) 183 दिन से अधिक काम मिलता है।
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) 183 दिन से अधिक काम मिलता है।

प्रश्न 2.
श्रम बल भागीदारी दर का सूत्र है –
(a)

(b)

(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a)

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय प्रतिवर्ष सर्वेक्षण के आँकड़ों का आधार है –
(a) प्रतिचयन
(b) संगणना
(c)(a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) प्रतिचयन

प्रश्न 4.
अर्थव्यवस्था में 15 से कम तथा 60 से ऊपर की आयु वाले लोग कहलाते हैं –
(a) उत्पादक
(b) उपभोक्ता
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) उपभोक्ता

प्रश्न 5.
विश्वव्यापी मंदी के समय इंग्लैंड तथा अमेरिका में बेरोजगारी दर हो गई थी –
(a) 20 प्रतिशत
(b) 40 प्रतिशत
(c) 30 प्रतिशत
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) 20 प्रतिशत

प्रश्न 6.
आर्थिक मंदी के दौरान संभाव्य उत्पादन में कमी उत्पन्न हो गई थी –
(a) 20 प्रतिशत
(b) 40 प्रतिशत
(c) 30 प्रतिशत
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) 40 प्रतिशत

प्रश्न 7.
भारत में प्रच्छन्न बेरोजगारी पाई जाती है –
(a) कृषि में
(b) पारिवारिक व्यवसायों में
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) (a) और (b) दोनों

प्रश्न 8.
महिलाओं के कार्यों को –
(a) काम की श्रेणी में रखा जाता है
(b) काम की श्रेणी में नहीं रखा जाता
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) काम की श्रेणी में रखा जाता है

प्रश्न 9.
भारत में 1999-00 में बेरोजगारी का आकार था –
(a) 0.39 करोड़
(b) 1.24 करोड़
(c) 0.80 करोड़
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) 0.80 करोड़

प्रश्न 10.
भारत में 1999-00 में 1972-73 की तुलना में बेरोजगारी के आकार में बढ़ोतरी हुई –
(a) दो गुनी
(b) तीन गुनी
(c) चार गुनी
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) दो गुनी


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