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Saturday, June 18, 2022

BSEB Class 12 Geography Human Settlements Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 12th Geography Human Settlements Book Answers

BSEB Class 12 Geography Human Settlements Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 12th Geography Human Settlements Book Answers
BSEB Class 12 Geography Human Settlements Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 12th Geography Human Settlements Book Answers


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Bihar Board Class 12th Geography Human Settlements Textbooks Solutions PDF

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Bihar Board Class 12th Geography Human Settlements Books Solutions

Board BSEB
Materials Textbook Solutions/Guide
Format DOC/PDF
Class 12th
Subject Geography Human Settlements
Chapters All
Provider Hsslive


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Bihar Board Class 12 Geography मानव बस्तियाँ Textbook Questions and Answers

(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन-सा नगर नदी तट पर अवस्थित नहीं है?
(क) आगरा
(ख) पटना
(ग) भोपाल
(घ) कोलकाता
उत्तर:
(ख) पटना

प्रश्न 2.
भारत की जनगणना के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सी एक विशेषता नगर की परिभाषा का अंग नहीं है?
(क) जनसंख्या घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
(ख) नगरपालिका, निगम का होना
(ग) 75 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या का प्राथमिक खंड में संलग्न होना
(घ) जनसंख्या आकार 5000 व्यक्तियों से अधिक
उत्तर:
(ग) 75 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या का प्राथमिक खंड में संलग्न होना

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किस पर्यावरण में परिक्षिप्त ग्रामीण बस्तियों की अपेक्षा नहीं की जा सकती?
(क) गंगा का जलोढ़ मैदान
(ख) राजस्थान के शुष्क और
(ग) हिमालय की निचली घाटियाँ
(घ) उत्तर-पूर्व के वन और पहाड़ियाँ
उत्तर:
(ख) राजस्थान के शुष्क और

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से नगरों का कौन-सा वर्ग अपने पदानुक्रम के अनुसार क्रमबद्ध है?
(क) बृहद मुंबई, बंगलौर, कोलकाता, चेन्नई
(ख) दिल्ली, बृहन मुंबई, चेन्नई, कोलकाता
(ग) कोलकाता, बृहन मुंबई, चेन्नई, कोलकाता
(घ) बृहन मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई
उत्तर:
(घ) बृहन मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें

प्रश्न 1.
गैरिसन नगर क्या होते हैं? उनका क्या प्रकार्य होता है?
उत्तर:
गैरिसन, छावनी नगर होते हैं। इन नगरों का उदय गैरिसन नगरों के रूप में हुआ है, जैसे अंबाला, जालंधर, महू, बबीना, उधमपुर इत्यादि।

प्रश्न 2.
किसी नगरीय संकुल की पहचान किस प्रकार की जा सकती है?
उत्तर:
बहुसंख्यक महानगर और मेगा नगर नगरीय संकुल हैं। एक नगरीय संकुल में निम्नलिखित तीन संयोजकों में से किसी एक का समावेश होता है –
(क) एक नगर व उसका संलग्न नगरीय बहिर्ब
(ख) बहिर्बद्ध (outgrowth) के सहित अथवा रहित दो अथवा संस्पर्शी नगर, और
(ग) एक अथवा अधिक संलग्न नगरों के बहिर्बद्ध से युक्त एक संस्पर्शी प्रसार नगर का निर्माण।

प्रश्न 3.
मरुस्थली प्रदेशों में गाँवों की अवस्थिति के कौन-से मुख्य कारक होते हैं?
उत्तर:
जल का अभाव और पर्यावरणीय समस्याएँ मरुस्थली प्रदेशों में गाँवों की अवस्थिति का मुख्य कारक है।

प्रश्न 4.
महानगर क्या होते हैं? ये नगरीय संकुलों से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर:
10 लाख से 50 लाख की जनसंख्या वाले नगरों को महानगर कहा जाता है। बहुसंख्यक महानगर नगरीय संकुल हैं। बृहन मुंबई सबसे बड़ा नगरीय संकुल है।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।

प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार की ग्रामीण बस्तियों के लक्षणों की विवेचना कीजिए। विभिन्न भौतिक पर्यावरण में बस्तियों के प्रारूपों के लिए उत्तरदायी कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों के प्रकार निर्मित क्षेत्र के विस्तार और अंतर्वास दूरी द्वारा निर्धारित होते हैं। भारत में कुछ सौ घरों से युक्त संहत अथवा गुच्छित गाँव विशेष रूप से उत्तरी मैदानों में एक सार्वत्रिक लक्षण है। फिर भी अनेक क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ अन्य प्रकार की ग्रामीण बस्तियाँ पाई जाती हैं। ग्रामीण बस्तियों के विभिन्न प्रकारों के लिए अनेक कारक और दशाएँ उत्तरदायी हैं। इनके अंतर्गत-भौतिक लक्षण-भू-भाग की प्रकृति, ऊँचाई, जलवायु और जल की उपलब्धता आदि। बृहत् तौर पर भारत की ग्रामीण बस्तियों को चार प्रकारों में रखा जा सकता है –

  1. गुच्छित, संकुलित अथवा आकेंद्रित
  2. अर्ध-गुच्छित अथवा विखंडित
  3. पल्लीकृत, और
  4. परिक्षिप्त अथवा एकाकी

1. गुच्छित बस्तियाँ (Clustered Settlements):
इस प्रकार के गाँव में रहन-सहन का सामान्य क्षेत्र स्पष्ट और चारों और फैले खेतों, खलिहानों और चरागाहों से पृथक् होता है। संकुचित निर्मित क्षेत्र और इसकी मध्यवर्ती गलियाँ कुछ जाने-पहचाने प्रारूप अथवा ज्यामितीय आकृतियाँ प्रस्तुत करते हैं जैसे कि आयताकार, अरीय, रैखिक इत्यादि।

2. अर्ध-गुच्छित बस्तियाँ (Semi-clustered Settlements):
अधिकतर ऐसा प्रारूप किसी बड़े संहत गाँव के संपृथक्न अथवा विखंडन के परिणामस्वरूप भी उत्पन्न हो सकता है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण समाज के एक अथवा अधिक वर्ग स्वेच्छा से अथवा बलपूर्वक मुख्य गुच्छ अथवा गाँव से थोड़ी दूरी पर रहने लगते हैं। ऐसी स्थितियों में, आमतौर पर जमींदार और अन्य प्रमुख समुदाय मुख्य गाँव के केंद्रीय भाग पर आधिपत्य कर लेते हैं जबकि समाज के निचले तबके के लोग निम्न कार्यों में संलग्न लोग गाँव के बाहरी हिस्सों में बसते हैं।

3. पल्ली बस्तियाँ (Hamleted Settlements):
कई बार बस्ती भौतिक रूप से एक-दूसरे से पृथक् अनेक इकाइयों में बंट जाती है लेकिन उन सबका नाम एक रहता है। इन इकाइयों को देश के विभिन्न भागों में स्थानीय स्तर पर पान्ना, पाड़ा, पाली, नगला, ढाँणी इत्यादि कहा जाता है।

4. परिक्षिप्त बस्तियाँ (Dispersed Settlements):
भारत में परिक्षिप्त अथवा एककी बस्ती प्रारूप सुदूर जंगलों में एकाकी झोपड़ियों अथवा कुछ झोंपड़ियों की पल्ली अथवा छोटी पहाड़ियों की ढालों पर खेतों अथवा चरागाहों के रूप में दिखाई पड़ता है।

प्रश्न 2.
क्या एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना की जा सकती है? नगर बहुप्रकार्यात्मक क्यों हो जाते हैं?
उत्तर:
नहीं, हम एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना नहीं कर सकते क्योंकि अपनी केंद्रीय अथवा नोडीय स्थान की भूमिका के अतिरिक्त अनेक शहर और नगर विशेषीकृत सेवाओं का निष्पादन करते हैं। कुछ शहरों और नगरों को कुछ निश्चित प्रकार्यों से विशिष्टता प्राप्त होती है –

और उन्हें कुछ विशिट क्रियाओं, उत्पादनों अथवा सेवाओं के लिए जाना जाता है। फिर भी प्रत्येक शहर अनेक प्रकार्य करता है। नगर अपने प्रकार्यों में स्थिर नहीं है उनके गतिशील स्वभाव के कारण प्रकार्यों में परिवर्तन हो जाता है। विशेषीकृत नगर भी महानगर बनने पर बहुप्रकार्यात्मक बन जाते हैं जिनमें उद्योग व्यवसाय, प्रशासन, परिवहन इत्यादि महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं। प्रकार्य इतने अंतग्रंथित हो जाते हैं कि नगर को किसी विशेष प्रकार्य वर्ग में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता।

Bihar Board Class 12 Geography मानव बस्तियाँ Additional Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
ग्रामीण लोगों के मुख्य क्रियाकलाप क्या हैं?
उत्तर:
ग्रामीण लोगों का मुख्य कार्य कृषि तथा पशुपालन है। ये लोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति भूमि-आधारित क्रियाकलापों द्वारा करते हैं।

प्रश्न 2.
ग्रामीण लोगों की जीवन-शैली कैसी होती है?
उत्तर:
ग्रामीण लोगों की जीवन-शैली नगरीय बस्तियों से भिन्न होती है। ग्रामीण लोग कम गतिशील होते हैं। अतः इनमें सामाजिक सम्बन्ध बहुत प्रगाढ़ होते हैं।

प्रश्न 3.
ग्रामीण बस्तियों के प्रकार व प्रतिरूप में क्या अंतर है?
उत्तर:
बस्तियों के प्रकार का निर्धारण निर्मित क्षेत्र के विस्तार और घरों के बीच की दूरी के द्वारा किया जाता है, जबकि धरातल पर बस्तियों के विवरण की व्यवस्था के अनुसार बस्ती की आकृति या प्रतिरूप निर्धारित होता है।

प्रश्न 4.
नगरों के क्रिया कलाप किस प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
नगरों के क्रिया कलाप मुख्यतः द्वितीयक तथा तृतीयक होते हैं।

प्रश्न 5.
ग्रामीण बस्तियों को प्रभावित करने वाले कारकों के नाम बताइए।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों को प्रभावित करने वाले तीन कारक हैं –

  1. भौतिक
  2. सांस्कृतिक, और
  3. सुरक्षा कारक

प्रश्न 6.
रैखिक आकृति के गाँव कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर:
किसी मार्ग, नदी या नहर के किनारे बसे गाँवों की आकृति रैखिक होती है। केरल के तटीय क्षेत्रों तथा दून घाटी में ऐसे गाँव पाए जाते हैं।

प्रश्न 7.
संवैधानिक नगर किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे सभी स्थान जहाँ नगरपालिका या नगर-निगम या कंटोनमैंट बोर्ड या नोटीफाइड टाउन एरिया कमेटी है, संवैधानिक नगर कहलाते हैं।

प्रश्न 8.
‘जनगणना नगर’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जिन नगरों की जनसंख्या 5000 से अधिक हो, 75 प्रतिशत कार्यशील पुरुष जनसंख्या गैर कृषि कार्य में लगी हो और जनसंख्या का घनत्व भी कम से कम 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. हो उन्हें जनगणना नगर कहते हैं।

प्रश्न 9.
भारत के गाँवों के बीच औसत दूरी कितनी है?
उत्तर:
संपूर्ण भारत में गाँवों के बीच की औसत दूरी 2.52 किमी. है। बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के गाँवों के बीच की दूरियाँ राष्ट्रीय औसत से कम हैं।

प्रश्न 10.
दक्षिण के पठार तथा केरल में गाँव समूहों के रूप में बसे हैं क्यों?
उत्तर:
स्थलाकृतिक बाधाओं, मृदा की सीमित उर्वरता और जल की समस्याओं के कारण देश के इस भाग में गाँव समूहों के रूप में बसे हैं। इन राज्यों में प्रति 100 वर्ग किमी. में 15 से भी कम गाँव हैं।

प्रश्न 11.
राजस्थान में गाँव दूर-दूर क्यों बसे हैं?
उत्तर:
पर्यावरणीय समस्याओं के कारण राजस्थान के मरुस्थल, हिमालयी राज्यों और .. उत्तरी-पूर्वी पहाड़ी राज्यों में गाँव दूर-दूर स्थित हैं।

प्रश्न 12.
मलिन बस्तियों से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किसी भी प्रशासनिक या केन्द्र-शासित प्रदेश में अवैध बस्तियों (झुग्गी झोपड़ियों) को मलिन बस्तियाँ कहा जाता है। मलिन बस्तियों की कुल जनसंख्या 4 करोड़ 3 लाख है।

प्रश्न 13.
किन्हीं दो औद्योगिक नगरों के नाम बताइए।
उत्तर:
मुंबई, मोदीनगर

प्रश्न 14.
प्रशासनिक नगर किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रमुख प्रशासनिक मुख्यालय के रूप में विकसित नगरों को प्रशासनिक नगर कहा जाता है। चण्डीगढ़, दिल्ली, भोपाल आदि प्रशासनिक नगर हैं।

प्रश्न 15.
प्रकार्यात्मक क्षेत्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह क्षेत्र जो व्यापार, उद्योग, प्रशासन, संस्थागत, परिवहन, आवास जैसी गतिविधियों के केन्द्र होते हैं, प्रशासनिक क्षेत्र कहलाते हैं।

प्रश्न 16.
‘कस्बा’ क्या होता है?
उत्तर:
एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगरीय केन्द्र को कस्बा कहते हैं।

प्रश्न 17.
भारतीय नगरों को कितने भागों में वर्गीकृत किया गया है?
उत्तर:
भारतीय नगरों को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है –

  1. प्राचीन नगर
  2. मध्यकालीन नगर, और
  3. आधुनिक नगर

प्रश्न 18.
वृहत् नगर किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन नगरों की जनसंख्या 50 लाख से अधिक हो, वृहत् नगर कहलाते हैं।

प्रश्न 19.
सबसे बड़ा महानगर कौन-सा है?
उत्तर:
मुंबई वृहत्तर महानगर है। यहाँ की जनसंख्या 1.64 करोड़ है। ये सबसे बड़ा महानगर है।

प्रश्न 20.
अर्ध-गुच्छित बस्तियाँ किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी सीमित क्षेत्र में समूहन प्रवृत्ति या समेकित प्रादेशिक आधार के परिणामस्वरूप अर्ध-गुच्छित या विखंडित बस्तियाँ बनती हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
भारत में कितने प्रकार की ग्रामीण बस्तियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
भारत में कई प्रकार की ग्रामीण बस्तियाँ पाई जाती हैं। इनके आकार, आकृति तथा अभिन्यास में स्पष्ट भिन्नता मिलती है। भारत में तीन प्रकार की ग्रामीण बस्तियाँ पाई जाती हैं –

1. केन्द्रीकृत बस्तियाँ:
इन बस्तियों में संहत खण्ड पाए जाते हैं। घरों को दो कतारों की संकरी, तंग गलियां पृथक् करती हैं। इनका अभिन्यास प्राय: रैखिक, आयताकार तथा ‘L’ आकृति वाला होता है।

2. अर्द्ध-गुच्छित बस्तियाँ:
इन बस्तियों में एक केन्द्र के चारों ओर छोटे आवास मुद्रिका के रूप में बिखरे होते हैं।

3. परिक्षिप्त बस्तियाँ:
ये छोटे-छोटे हैमलेट आकार के बड़े क्षेत्र पर दूर-दूर बिखरे होते हैं। इन बस्तियों में केवल कुछ घर ही होते हैं।

प्रश्न 2.
विकास के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
रहने के लिए निवास मानव की प्रारम्भिक तथा प्रमुख आवश्यकता है। मानव अपने निवास के अतिरिक्त कारखाने, कार्यालय, इमारतें तथा धार्मिक स्थानों का भी निर्माण करता है। यह सम्पूर्ण अधिवास एक सामाजिक इकाई हो जाता है जिसे बस्तियों का नाम दिया जाता है।

प्रश्न 3.
घर मानव के सामाजिक तथा सांस्कृतिक मूल्यों को परिलक्षित करता है-व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
घर मानव का निवास स्थान है। मानव का पर्यावरण तथा सांस्कृतिक कारकों के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। यह भारतीय सभ्यता के मूलभूत तत्त्वों को परिलक्षित करता है। घर में मानव के सामाजिक जीवन की छाप पाई जाती है। हमारे परिवार की संकल्पना, बन्धुओं से सम्बन्ध तथा धार्मिक विश्वास के प्रतीक हमारे घर हैं। घर के आंगन में कृषि पर आधारित सभी कार्य सम्भव होते हैं।

दक्षिण भारत के घरों में कई आंगन होते हैं केवल मछुआरे अपने आंगन में एक छोर खुला रखते हैं। उत्तरी भारत में समृद्ध परिवार दो मंजिले मकान बनाते हैं। शीत एवं आर्द्र प्रदेशों में मकान के आगे एक बरसाती बना दी जाती है। इस प्रकार घर का डिजाइन, दीवारों तथा छतों की बनावट मुख्य द्वार की दिशा तथा आंगन का विस्तार लोगों के सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ा होता है।

प्रश्न 4.
बस्तियाँ किस प्रकार नगरों में परिवर्तित होती है?
उत्तर:
निवास की मूलभूत इकाई घर है। घरों के बड़े समूह से किसी बस्ती का निर्माण होता है। ग्रामीण तथा नगरीय बस्तियाँ अपने कार्यों के आधार पर एक-दूसरे से भिन्न होती हैं। ग्रामीण बस्तियाँ मुख्यत: कृषि पर निर्भर करती हैं। ये अधिक जनसंख्या का पोषण नहीं कर सकतीं। परंतु कई बस्तियों में कृषि से सम्बन्धित कार्य किए जाते हैं। जिनसे उन बस्तियों का चरित्र ग्रामीण से नगरीय बन जाता है। कई बस्तियों में आस-पास के गाँवों से कृषि उत्पाद लाकर बेचे जाते हैं।

वे एक अनाज मण्डी का रूप धारण कर लेते हैं। मण्डी में एक बाजार विकसित हो जाता है। कुछ समय के बाद उस बस्ती में कुछ प्रशासनिक कार्य भी किए जाते हैं। इस प्रकार उस बस्ती का रूप बदल जाता है। भारत के नगरों में वर्ग छः में बहुत छोटे नगर आते हैं जिनकी जनसंख्या 5000 से कम होती है। वास्तव में यह संवृद्ध गाँव है। इन नगरों में आधुनिक सुविधाएँ प्राप्त नहीं होतीं। इन नगरों में मुख्य कार्य कृषि से सम्बन्धित हैं। इसलिए इन्हें गाँव ही समझा जाता है।

प्रश्न 5.
नगरों का विकास किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
नगर प्रागैतिहासिक काल से फलते फूलते रहे हैं। सिंधु घाटी सभ्यता के समय ही हड़प्पा और मोहनजोदड़ों जैसे नगरों का अस्तित्त्व था। 600 ईसा पूर्व नगरीकरण का दूसरा दौर शुरू हुआ। 18 वीं शताब्दी में यूरोपीय लोगों के आने तक थोड़े उतार-चढ़ाव के साथ निरंतर चलता रहा। लगभग 101 वर्तमान नगरों का विकास मध्य काल में हुआ। इसके पश्चात् अंग्रेजों और अन्य यूरोपवासियों ने नगरीय परिदृश्य को बदल दिया। स्वतंत्रता के बाद प्रशासनिक मुख्यालयों और औद्योगिक केन्द्रों के रूप में अनेक नगरों का उदय हुआ।

प्रश्न 6.
भारत में नगरीकरण की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत में कुल जनसंख्या का एक चौथाई भाग नगरों में रहता है। 1901 में भारत की नगरीय जनसंख्या 2.5 करोड़ थी जो 2001 में बढ़कर ग्यारह गुनी अर्थात् 28.54 करोड़ हो गई। इस तीव्र वृद्धि का प्रमुख कारण नगरीय केन्द्रों की ओर जनसंख्या का प्रवास है। नगरों में वृद्धि में दो प्रकार की प्रक्रियाओं की विशेष भूमिका रही है। नगरीय केन्द्रों का विस्तार तथा नए नगरों का उदय। इन दोनों ने नगरीय जनसंख्या की वृद्धि और नगरीकरण में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

प्रश्न 7.
‘नगर संकुल’ की क्या विशेषता है?
उत्तर:
अधिकतर महानगर और वृहत् नगर नगरीय संकुल हैं। नगरीय संकुल निम्न में से किसी एक प्रकार का हो सकता है –

  1. नगर तथा इसका संलग्न विस्तार,
  2. विस्तार सहित अथवा बिना विस्तार के दो या दो से अधिक सटे हुए नगर, और
  3. एक नगर और इसमें सटे हुए एक या एक से अधिक नगरों और उनके क्रमिक विस्तार जैसे-रेलवे कॉलोनी, विश्वविद्यालय परिसर, पत्तन क्षेत्र, सैन्य छावनी आदि नगरीय विस्तार के उदाहरण हैं।

प्रश्न 8.
‘परिक्षिप्त बस्तियाँ’ कहाँ पाई जाती हैं। विवेचना करो।
उत्तर:
‘परिक्षिप्त बस्तियाँ’ सुदूर वनों में एकाकी झोपड़ी या कुछ झोपड़ियों के समूह के रूप में पाई जाती हैं। ऐसी बस्तियाँ छोटी पहाड़ियों पर भी होती हैं, जिसके आस-पास के ढालों पर खेत या चारागाह होते हैं। बस्तियों का चरम फैलाव, बसने योग्य क्षेत्रों में जीविका-निर्वाह के भूमि संसाधनों के अत्यधिक बिखरे होने के कारण होता है। मेघालय, उत्तरांचल और हिमाचल प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में इस प्रकार की बस्तियाँ पाई जाती हैं।

प्रश्न 9.
बस्तियों के ‘पंखाकृति’ प्रतिरूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
संगम पर दो नदियों के बीच या दो सड़कों की शाखाओं के बीच बसे गाँवों और कस्बों की आकृति त्रिभुजीय या बाण की चोंक जैसी हो जाती है। इसी प्रकार पंखों या डेल्टाओं के शीर्ष पर बसे गाँवों का विकास वितरिकाओं के सहारे होता है। इससे बस्ती का प्रतिरूप पंखे के समान हो जाता है।

प्रश्न 10.
भारत में गाँवों के आकार के अनुसार जनसंख्या का वितरण चित्र द्वारा दशाईए।
उत्तर:
जनसंख्या के अनुसार गाँवों के आकार

चित्र: भारत-ग्राम के आकार के अनुसार जनसंख्या का वितरण, 1991

प्रश्न 11.
उत्तरी भारत में घरों की रूपरेखा को प्रभावित करने वाले मुख्य कारकों का उल्लेख करो।
उत्तर:
घर निवास की मूल इकाई हैं। देश के लोगों के सामाजिक तथा सभ्याचारक दशाओं का प्रतीक घर होता है। घर की रूपरेखा तथा डिजाइन पर चार कारक प्रभाव डालते हैं-जलवायु, सभ्याचारक मूल्य, प्रयोग तथा भवन निर्माण सामग्री। उत्तर-पूर्वी भारत में जलवायु बहुत शीत-आर्द्र है, इसलिए इन मकानों में खुला आंगन नहीं होता। यहाँ मकान को बढ़ाकर बरसाती बना दी जाती है, ताकि वर्षा से बचाव हो सके। मकानों की छत्ते ढलानकार होती हैं ताकि वर्षा का पानी शीघ्र वह जाए पशुओं के लिए अलग स्थान प्रदान किया जाता है।

प्रश्न 12.
‘परिवहन’ नगर किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रत्येक नगर का कोई न कोई प्रमुख कार्य होता है जो नगर मुख्य रूप से आयात और निर्यात की गतिविधियों में लिप्त पत्तन होते हैं, उन्हें परिवहन नगर कहते हैं, जैसे कांडला, कोच्चि, कालीकट, विशाखापट्टनम आदि। कुछ आन्तरिक परिवहन के केन्द्र हो सकते हैं, जैसे आगरा, धूलिया, मुगलसराय, इटारसी, कटनी आदि।

प्रश्न 13.
भारत में महानगरों के प्रतिरूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
(1991-2001) में नगरीय जनसंख्या की वृद्धि के साथ 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की संख्या 23 से बढ़कर 35 हो गई है। इसमें 1.64 करोड़ की जनसंख्या वाला वृहत्तर मुंबई सबसे बड़ा महानगर है। कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, बंगलौर, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, सूरत, कानपुर, जयपुर, लखनऊ और नागपुर प्रत्येक की जनसंख्या 20 लाख से अधिक है। सन् 2001 में इन नगरों में 10.788 करोड़ लोग रहते थे। 1991 में इन नगरों की जनसंख्या कुल नगरीय जनसंख्या का 32.5 प्रतिशत थी, जो बढ़कर 37.8% हो गई है। इन नगरों में जनसंख्या का संकेन्द्रण निरंतर बढ़ रहा है।

प्रश्न 14.
‘मलिन बस्तियाँ’ क्या हैं, तथा कहाँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
मलिन बस्तियाँ अवैध बस्तियाँ हैं जो महानगरों के साथ फैली हुई होती हैं। मलिन बस्तियों का फैलाव भारतीय नगरों की एक प्रमुख विशेषता है। देश के 28 राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों, 607 कस्बों और नगरों में मलिन बस्तियाँ हैं। मलिन बस्तियों की कुल जनसंख्या 4 करोड़ 3 लाख है, जो मलिन बस्तियों वाले नगरों की कुल जनसंख्या का 22.58% है। महाराष्ट्र में मलिन बस्तियों की जनसंख्या 1.064 करोड़ है। केरल में सबसे कम तथा मेघालय में सबसे अधिक 41.33 प्रतिशत है और राष्ट्रीय औसत का 14.1% है। 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों में मलिन बस्तियों की जनसंख्या का अनुपात सबसे अधिक वृहत्तर मुंबई में 48.88% और सबसे कम पटना में 0.25 प्रतिशत है। मलिन बस्तियों से अधिकांश नगरीय समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

प्रश्न 15.
भारत के नगरों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विशेषताएँ –

  1. अधिकतर कस्बे और नगर बड़े गाँव के विस्तृत रूप हैं। इनकी गलियों में गाँव का स्वरूप स्पष्ट दिखाई पड़ता है।
  2. अपनी आदतों और व्यवहार में लोग अधिक ग्रामीण हैं जो उनके सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण, मकानों की बनावट और अन्य पक्षों में स्पष्ट दिखाई देता है।
  3. अधिकतर नगरों में अनेक मलिन बस्तियाँ हैं। ये प्रवास के प्रतिकर्ष कारकों का परिणाम है। इसमें आर्थिक अवसरों का योगदान कम है।
  4. अनेक नगरों में पूर्व शासकों और प्राचीन प्रकार्यों के चिह्न स्पष्ट दिखाई पड़ते हैं।
  5. प्रकार्यात्मक पृथक्करण स्पष्ट तथा प्रारम्भिक है। भारत के नगरों की पश्चिमी देशों के नगरों के साथ तुलना नहीं की जा सकती है।
  6. जनसंख्या का सामाजिक पृथक्करण जाति, धर्म, आय अथवा व्यवसाय के आधार पर किया जाता है।

प्रश्न 16.
‘प्रकार्यात्मक क्षेत्र’ का क्या अर्थ है?
उत्तर:
प्रत्येक मध्यम और बड़े नगरों में कुछ विशेष क्षेत्र होते हैं। जो व्यापार, उद्योग, प्रशासन, संस्थागत, परिवहन, आवास जैसे विविध गतिविधियों के केन्द्र बन जाते हैं, इन्हें प्रकार्यात्मक क्षेत्र कहते हैं। व्यापारिक क्षेत्र प्रायः नगर का केन्द्र बिन्दु होता है। यह घना, भीड़-भाड़ वाला तथा तंग गलियों वाला क्षेत्र होता है। यहाँ व्यापारिक गतिविधियाँ होती रहती हैं।

औद्योगिक क्षेत्र प्रायः कुछ दूरी पर होते हैं तथा जल की आपूर्ति का स्रोत इनकी अवस्थिति में मुख्य कारक होता है। थोक व्यापार के क्षेत्र, परिवहन क्षेत्र, प्रशासनिक क्षेत्र तथा संस्थागत क्षेत्रों की स्थिति भी कुछ अलग-अलग होती है। पुराने आवासीय मध्यवर्ती क्षेत्र व्यापार क्षेत्र के निकट होते हैं। लेकिन नए आवासीय क्षेत्र नगर के विभिन्न क्षेत्रों में फैले होते हैं। इस प्रकार प्रकार्यात्मक पृथक्करण तथा परिणामस्वरूप विकसित प्रकार्यात्मक क्षेत्र नगरों की विशेषता होती है।

प्रश्न 17.
कृष्णा-गोदावरी तटीय मैदान का उल्लेख करो।
उत्तर:
पूर्वी तट पर कृष्णा-गोदावरी डेल्टा तथा उसकी निकटवर्ती निम्न भूमियों में कस्बों और नगरों का एक उल्लेखनीय क्षेत्र है। यह तट से अंदर की ओर विजयवाड़ा वारगल और हैदराबाद तक विस्तृत है इसका विस्तार उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटीय मैदान में विशखपत्तनम् तक है।

प्रश्न 18.
भारत में घरों के प्रकारों को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करो।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों के प्रकार निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करते हैं –

1. भौतिक कारक-बस्तियों के प्रकार प्रायः
भौतिक कारकों द्वारा निर्धारित होते हैं। उच्चावच, ऊँचाई, अपवाह, तंत्र भौमजल-स्तर तथा जलवायु एवं मृदा एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शुष्क प्रदेशों में पानी की कमी के कारण प्रायः मकान तालाबों के चारों ओर बनाए जाते हैं। बस्तियाँ प्रायः संहित प्रकार की होती हैं।

2. सांस्कृतिक कारक-इनमें जन:
जातियता, सम्प्रदाय, जाति वर्ग बस्तियों के अभिन्यास पर प्रभाव डालते हैं। प्रायः गाँव के मध्य में भू-स्वामियों के मकान होते हैं। इसके चारों ओर नौकरी-चाकरी करने वाली जातियों के मकान होते हैं। हरिजनों के मकान गाँव की सीमा पार मुख्य बस्ती से दूर स्थित होते हैं। इस प्रकार का गाँव कई सामाजिक इकाइयों में खण्डित होता है।

3. ऐतिहासिक कारक:
उत्तरी भारत के मैदानों से बाहर आक्रमण होते रहे हैं। इन आक्रमणों से बचने के लिए प्रायः संहित बस्तियाँ पाई जाती हैं। लुटेरों से सुरक्षा पाने के लिए भी संहित बस्तियाँ बसाई जाती थीं।

प्रश्न 19.
भारत में ग्रामीण बस्तियों के वितरण प्रारूप की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियाँ अनेक प्रकार से वितरित हैं। अनेक बस्तियों के रैखिक प्रतिरूप दिखाई पड़ते हैं। ये बस्तियाँ सड़क, नदी, नहर तथा पर्वतीय क्षेत्रों में दरों या संकीर्ण रास्तों के किनारे निर्मित मकानों के रूप में देखी जा सकती हैं। रैखिक बस्तियाँ विशेष रूप से केरल में पाई जाती हैं। असम घाटी में भी रैखिक बस्तियाँ नदियों के प्राकृतिक तटबंधों और सड़कों के साथ-साथ बसी हैं।

भारत के उत्तरी मैदानों में जनसंख्या का घनत्व पूर्व की ओर निरंतर बढ़ता जाता है। इस क्षेत्र में बस्तियों का आकार तो पूर्व की ओर घटता जाता है, लेकिन गाँवों के बीच दूरी घटती जाती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रायः बड़े संहत गाँव एक-दूसरे से कुछ दूरी पर स्थित हैं। ये गाँव अनेक दिशाओं से आने वाली सड़कों और मार्गों से जुड़े हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गाँव प्रायः विखंडित हैं। ये बस्तियाँ मुख्य गाँव से जुड़ी नहीं होती। राजस्थान में भिन्न प्रवृति दिखाई पड़ती है। पश्चिम के मरुस्थलीग भाग में बड़े-बड़े गाँव दूर-दूर स्थित हैं। लेकिन पूर्व के अर्धशुष्क भाग में गाँव छोटे लेकिन एक-दूसरे के अधिक निकट बसे हैं।

प्रश्न 20.
अपने क्षेत्र के कस्बे या नगर का निरीक्षण कीजिए तथा उसके मध्यवर्ती व्यापार क्षेत्र (सी.बी.डी.) पहचान कर, इसके बारे में एक संक्षिप्त विवरण तैयार कीजिए।
उत्तर:
भारत की राजधानी दिल्ली, बड़े नगरों और कस्बों का संकेन्द्रण है। दिल्ली का चांदनी चौंक, सदर बाजार का क्षेत्र बहुत भीड़-भाड़ वाला तथा व्यापारिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। यह क्षेत्र व्यापार का विशिष्ट केन्द्र है। व्यापारिक क्षेत्र प्रायः नगर का केन्द्र बिन्दु होता है। यहाँ भूमि की ऊँची कीमते हैं और क्षेत्र तंग गलियों वाला क्षेत्र है। इसे मध्यवर्ती व्यापारिक क्षेत्र (सी.बी. डी.) कहते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या के आधार पर कस्बों और नगरों के वर्गीकरण का प्रतिरूप प्रस्तुत करें।
उत्तर:
जनसंख्या के आधार पर जनगणना विभाग ने नगरीय केन्द्रों को 6 वर्गों में विभाजित किया है। एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय केन्द्र को नगर तथा एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगर को कस्बा कहा जाता है। 10 से 50 लाख तक की जनसंख्या वाले नगर को महानगर तथा 50 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों को वृहत् नगर कहते हैं। अधिकतर महानगर और वृहत् नगर नगरीय संकुल होते हैं। संकुल में एक या एक से अधिक नगर और उनके क्रमिक विस्तार के लिए रेलवे कालोनी, विश्वविद्यालय परिसर, पत्तन क्षेत्र, सैन्य छावनी आदि होते हैं। ये सभी कस्बे या नगर के निकटस्थ गाँव या गाँवों की राजस्व सीमाओं में स्थित होते हैं।

कस्बों और नगरों का आकार 338 व्यक्तियों वाले वासना बोरसद औद्योगिक अधिसूचित क्षेत्र . से लेकर 1.19 करोड़ की जनसंख्या वाले वृहत्तर मुंबई जैसा हो सकता है । सन् 2001 की जनसंख्या के आधार पर कस्बों और नगरों की वर्ग आधारित जनसंख्या तालिका में दी गई है। तालिका के अनुसार अधिकतर जनसंख्या 423 नगरों में रहती है। इनमें देश की कुल नगरीय जनसंख्या का 61.48 प्रतिशत भाग रहता है। 423 नगरों में से 35 महानगर या नगरीय संकुल हैं, जिनमें से प्रत्येक की जनसंख्या 10 लाख से अधिक है, इसलिए इन्हें महानगर कहते हैं। इनमें से छः वृहत्नगर हैं, जिनमें से प्रत्येक की जनसंख्या 50 लाख से अधिक है।

तालिका भारत: जनसंख्या सहित आकार के अनुसार कस्बों और नगरों की संख्या-2001

20 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरीय केन्द्र कुल कस्बों के आधे से भी अधिक हैं। इनमें 11.0 प्रतिशत नगरीय जनसंख्या रहती है। लगभग एक चौथाई (27.30 प्रतिशत) नगरीय जनसंख्या देश के मध्यम आकार के नगरों में रहती है। ऐसे नगरों की कुल जनसंख्या 24.3 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 27.3 प्रतिशत हो गई है।

चित्र: भारत में वर्गानुसार नगरीय जनसंख्या का वितरण, 2001

प्रश्न 2.
नगरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण करो।
उत्तर:
नगरों में अनेक प्रकार के व्यवसाय मिलते हैं। कुछ नगरों में सामाजिक तथा आर्थिक महत्त्व के कार्य पाए जाते हैं तो कुछ नगर उद्योग या सैनिक महत्त्व के होते हैं। फिर भी किसी एक कार्य के लिए किसी नगर को विशेष वर्ग में रखा जाता है। इस प्रकार कार्य व्यवस्था के आधार पर नगरों को निम्नलिखित वर्गों में रखा जाता है।

  1. प्रशासनिक नगर-प्रशासनिक नगरों का मुख्य सम्बन्ध जन प्रशासन से होता है। देशों और राज्य की राजधानियों तथा जिलों के मुख्यालय प्रशासनिक नगरों के वर्ग में रखे जाते हैं।
  2. औद्योगिक नगर-उद्योग ही ऐसे नगरों की प्रेरक शक्ति होते हैं, जैसे-मुम्बई, सेलम, कोयंबटूर, मोदीनगर, जमेशदपुर, हुगली, भिलाई आदि।
  3. परिवहन नगर-ये नगर मुख्य रूप से आयात और निर्यात की गतिविधियों में लिप्त पत्तन हो सकते हैं। जैसे कांडला, कोच्चि, कालीकट, विशाखापत्तनम, आदि। कुछ आंतरिक परिवहन के केन्द्र हो सकते हैं, जैसे-आगरा, धूलिया, मुगलसराय, इटारसी, कटनी आदि।
  4. व्यापारिक नगर-व्यापार में विशिष्टता प्राप्त करने वाले कस्बे और नगर इसी वर्ग में शामिल किए जाते हैं। जैसे-कोलकाता, सहारनपुर, सतना आदि।
  5. खनन नगर-रानीगंज, झरिया, दिगबोई, अंकलेश्वर, सिंगरौली आदि।
  6. छावनी नगर-अंबाला, जालंधर, महू, बबीना, मेरठ कैंट आदि।
  7. शैक्षिक नगर-रुड़की, वाराणसी, अलीगढ़, पिलानी आदि।
  8. धार्मिक और सांस्कृतिक नगर-वाराणसी, मथुरा, अमृतसर, मदुरै, तिरूपति आदि।
  9. पर्यटन नगर-नैनीताल, मसूरी, शिमला, पंचमढ़ी, उडगमंडलम् (ऊटी), माऊँट आबू आदि।

विशिष्टीकृत नगर भी महानगरों के रूप में विकसित होने के बाद बहुप्रकार्यात्मक बन जाते हैं। तब इनमें उद्योग, व्यापार, प्रशासन और परिवहन आदि प्रकार्य प्रमुख हो जाते हैं।

प्रश्न 3.
ग्रामीण व नगरीय बस्तियों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण तथा नगरीय बस्तियों में अंतर निम्न प्रकार से है:
1. ग्रामीण बस्तियों का आर्थिक सुधार मुख्यतः
कृषि होता है। ग्रामीण बस्तियों का भरण-पोषण या आवश्यकताओं की पूर्ति भूमि-आधारित प्राथमिक क्रिया कलापों द्वारा होती है। दूसरी ओर नगर प्रमुखतः द्वितीयक व तृतीयक क्रिया कलापों में संलग्न होते हैं। नगरीय बस्तियों के लोग विविध प्रकार के काम-धंधे करते हैं। इन काम-धंधों में वस्तुओं के निर्माण के लिए पदार्थों का प्रसंस्करण और अनेक प्रकार की सेवाएँ शामिल हैं।

2. नगर वस्तुएँ और सेवाएँ न केवल अपने लिये पैदा करते हैं अपितु उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों को भी प्रदान करते हैं। इसके बदले में नगर गाँवों से कच्चा माल और खाद्य पदार्थ प्राप्त करते हैं।

3. ग्रामीण बस्तियाँ अपनी प्राथमिक, आर्थिक क्रियाओं के लिए भूमि पर निर्भर करती हैं। ग्रामीण बस्तियाँ सामान्यतः
छोटे आकार की होती हैं, क्योंकि इनके प्रत्येक परिवार को कृषि-भूमि, चरागाह या वन के रूप में विस्तृत क्षेत्र की जरूरत होती है। यह एक अकेले परिवार की बस्ती भी हो सकती है, जिसे वास-भूमि या होम कहते हैं। परिवारों का बड़ा समूह भी हो सकता है, जो किसी सुरक्षित स्थान पर घरों का स्पष्ट संकेन्द्रण होता है। दूसरी ओर, नगरीय बस्तियाँ आकार में बड़ी होती हैं और उनका एक संहत रूप दिखाई पड़ता है। नगरों में घर और गलियाँ पास-पास बनी होती है। और निर्वाह आधार के रूप में यहाँ खुले क्षेत्र कम होते हैं।

4. ग्रामीण और नगरीय बस्तियों की जीवन:
शैली, व्यवहार और दृष्टिकोण में भी अंतर होता है। ग्रामीण लोग कम गतिशील होते हैं। अतः इनके सामाजिक संबंध बहुत प्रगाढ़ होते हैं। वे अपने काम धंधे-साधारण तकनीकों के द्वारा पूरा करते हैं और इनके जीवन की गति धीमी होती है। दूसरी ओर, नगरीय क्षेत्रों में जीवन जटिल और तेज है तथा सामाजिक संबंध औपचारिक और दिखावटी होते हैं।

प्रश्न 4.
ग्रामीण बस्तियों के विविध प्रतिरूपों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ग्रामीण बस्तियों का मुख्य प्रतिरूप इनके विस्तार, स्थिति तथा बसाव की आकृति के अनुसार होता है। ग्रामीण बस्तियों को पाँच श्रेणियों में बाँटा जाता है –

1. आयताकार प्रतिरूप:
दो मुख्य प्रतिरूप समकोण पर मिलने के कारण आयताकार प्रतिरूप का. विकास होता है। चौराहे के साथ-साथ सड़कों के समानान्तर गाँवों की गलियों का निर्माण होता है। भारत के उत्तरी मैदान में आयताकार प्रतिरूप की ग्रामीण बस्तियाँ मिलती हैं।
चित्र: ग्रामीण बस्तियों के विभिन्न प्रतिरूप

2. रैखिक प्रतिरूप:
जब गाँव किसी नदी सड़क या रेल-मार्ग, नहर, समुद्री तट के सहारे बसा हो, तब रैखिक प्रतिरूप बनता है। इसमें मकान सड़क के समानान्तर एक पंक्ति में बने होते हैं तथा गाँवों का आकार एक रेखा जैसा लम्बा होता है।

3. त्रिभुजाकार प्रतिरूप-दो नदियों के संगम पर प्रायः
त्रिभुजाकार बस्ती का विकास होता है। दोनों नदियों के संगम तक के प्रदेश पर गाँव का विस्तार होता है। दो सड़कों के बीच में प्रायः त्रिभुजाकार प्रतिरूप की बस्तियाँ मिलती हैं।

4. तारक प्रतिरूप:
बस्ती के मध्य से विभिन्न दिशाओं को निकलने वाली सड़कों के किनारे बाहर की ओर मकान बनाने से तारक प्रतिरूप की बस्तियों का विकास होता है।

5. गोलाकार प्रतिरूप:
किसी झील या तालाब के किनारे चारों ओर बने मकानों से गोलाकार प्रतिरूप की बस्तियों का निर्माण होता है।

प्रश्न 5.
भारत में कस्बों और नगरों के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत के उत्तरी मैदानों में सबसे अधिक नगर थे। पश्चिमी और पूर्वीतट के प्राचीन पत्तनों के निकट भी नगर स्थित थे। भारत के मध्यवर्ती और दक्षिणी पठारों की विस्तृत भूमि पर नगर अपेक्षाकृत कम और दूर-दूर स्थित थे। विशेष रूप से देश के आंतरिक भागों में, प्रायः प्रशासनिक मुख्यालय, केन्द्रीय स्थानों पर व्यापारिक केन्द्र या धार्मिक महत्त्व के स्थान थे।

मध्यकाल में कुछ परिवर्तन नहीं हुए केवल कुछ नगरों के नाम बदले गए। लेकिन आधुनिक काल में कस्बों और नगरों के प्रतिरूप में काफी परिवर्तन आया है। निम्नलिखित क्षेत्रों में कस्बों और नगरों की संख्या अधिक तथा आकार बड़ा है। पंजाब-हरियाणा-गंगा का ऊपरी मैदान-उत्तर भारत के मैदानों में विभिन्न आकार के कस्बों और नगरों की संख्या अधिक है।

1. कोलकाता-रांची पट्टी:
दक्षिण पश्चिम बंगाल के निकटवर्ती झारखण्ड और उड़ीसा के उत्तरी भाग में भारत की खनिज सम्पदा के भण्डार हैं। इसे भारत का रूर बेसिन कहना सर्वथा इचित है। खनिज बहुल क्षेत्र का प्रमुख केन्द्र कोलकाता है। इस पट्टी में कोलकाता के अतिरिक्त अन्य नगर हैं। आसनसोल, धनबाद, जमेशदपुर।

2. मुंबई-गुजरात प्रदेश:
बड़े नगरों व कस्बों का दूसरा संकेन्द्रण गुजरात में है। यहाँ चार महानगर सूरत, बड़ोदरा, राजकोट और अहमदाबाद हैं। उत्तर-पश्चिम महाराष्ट्र की नगरीय पट्टी मुंबई से लेकर दक्षिण पूर्व में पुणे तक तथा मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग के साथ-साथ विस्तृत है।

3. केरल तट:
केरल तट पर माहे से लेकर कन्या कुमारी तक नगरों की एक निरंतर पट्टी है। कोच्चि और तिरुवन्नतपुरम् महत्त्वपूर्ण नगर हैं।

4. तमिलनाडु:
दक्षिण कर्नाटक पट्टी-चेन्नई और बंगलौर दोनों ही वृहत् नगर हैं। आंतरिक क्षेत्र में कोयम्बटूर, तिरुचिरापल्ली, मदुरै, सेलम और पांडिचेरी प्रमुख औद्योगिक नगरीय क्षेत्र हैं।

5. ऊपरी कृष्णा द्रोणी:
सतारा से लेकर कर्नाटक के शिमोगा तक पश्चिमी घाट के समानांतर कस्बों और नगरों की एक अविच्छिन्न पट्टी है। खनिज भंडारों और जल विद्युत विकास ने इस पट्टी के औद्योगीकरण और नगरीकरण में बहुत सहायता की है।

6. कृष्णा: गोदावरी डेल्टा:
पूर्वी तट पर कृष्णा-गोदावरी डेल्टा तथा उसकी निकटवर्ती निम्न भूमियों में कस्बों और नगरों का उल्लेखनीय स्थान है।

7. उत्तरी महाराष्ट्र-मुंबई:
कोलकाता के मुख्य मार्ग के सहारे भी नगरों का उल्लेखनीय विकास हुआ है। यह मार्ग विदर्भ देश के कपास सम्पन्न क्षेत्र से होकर गुजरता है तथा पूर्व में और आगे छत्तीसगढ़ के खनिज सम्पन्न क्षेत्र से होता हुआ भारत के रूर बेसिन तक चला जाता है इस क्षेत्र में नागपुर सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। रायपुर भिलाई, नगर-दुर्ग और बिलासपुर अन्य महत्त्वपूर्ण नगर हैं।

तालिका: जनसंख्या सहित आकार के अनुसार कस्बों और नगरों की संख्या – 2001

प्रश्न 6.
निम्नलिखित के संक्षेप में उत्तर दीजिए

  1. कस्बा किसे कहते हैं?
  2. जनगणना नगर क्या हैं?
  3. दो प्राचीन नगरों के नाम बताइए।
  4. दो मध्यकालीन नगरों के नाम बताइए।
  5. नगर किसे कहते हैं?
  6. जनसंख्या के आधार पर नगरों का वर्गीकरण किस प्रकार किया जाता है?
  7. किस वर्ग के नगरों में भारत की जनसंख्या का सबसे अधिक प्रतिशत निवास करता है?
  8. भारत में कितने महानगर हैं?

उत्तर:

  1. कस्बा-एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगरीय केन्द्र को कस्बा कहते हैं।
  2. जनगणना नगर-वे सभी स्थान जिनकी जनसंख्या 5000 कम से कम है, जिनकी 75 प्रतिशत कार्यशील पुरुष जनसंख्या गैर-कृषि कार्यों में लगी हो और जनसंख्या का घनत्व कम से कम,400 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी हो।
  3. प्राचीन नगर-अयोध्या और प्रयाग (इलाहाबाद)।
  4. मध्यकालीन नगर-दिल्ली, जयपुर।
  5. नगर-एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय केन्द्र को नगर कहते हैं।
  6. नगरों का वर्गीकरण-एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय केन्द्र को नगर कहते हैं।
    • 10 से 50 लाख तक की जनसंख्या वाले नगरों को महानगर कहते हैं।
    • 50 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरे को वृहतनगर कहते हैं।
  7. वृहत नगरों में भारत की जनसंख्या सबसे अधिक है। मुंबई की जनसंख्या 1 करोड़ 64 लाख है।
  8. मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बंगलौर, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, सूरत, कानपुर, लखनऊ और नागपुर महानगर हैं।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए:

  1. महानगर
  2. मलिन बस्तियाँ (झुग्गी-झोपड़ियाँ)
  3. मध्यवर्ती व्यापार क्षेत्र (सी.बी.डी.)
  4. प्रकार्यात्मक क्षेत्र।।

उत्तर:
1. महानगर-1991:
2001 में 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों की संख्या 23 से बढ़कर 35 हो गई है। इनमें 1.64 करोड़ की जनसंख्या वाला वृहत्तर मुंबई सबसे बड़ा महानगर है। कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, बंगलौर, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुर्ण, सूरत, कानपुर, जयपुर, लखनऊ और नागपुर में से प्रत्येक की जनसंख्या 20 लाख से अधिक है। 1991 में इन नगरों की जनसंख्या कुल नगरीय जनसंख्या का 32.5 प्रतिशत थी, जो 2001 में बढ़कर 37.8 प्रतिशत हो गई है। इन नगरों में जनसंख्या का संकेन्द्रण निरंतर बढ़ रहा है, लेकिन आर्थिक क्रियाकलाप उसी अनुपात में नहीं बढ़ रहे हैं।

2. मलिन बस्तियाँ:
इन अवैध बस्तियों का फैलाव भारतीय नगरों की एक प्रमुख विशेषता है। देश के 28 राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों में 607 कस्बों और नगरों में मलिन बस्तियाँ हैं। मलिन बस्तियों की कुल जनसंख्या 22.58 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में मलिन बस्तियों की जनसंख्या 1.064 करोड़ है। 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरों में मलिन बस्तियों की जनसंख्या का अनुपात सबसे अधिक मुंबई में 48.88 प्रतिशत और सबसे कम पटना में 0.25 प्रतिशत है। अधिकतर नगरीय समस्याएँ इन्हीं मलिन बस्तियों में होती हैं।

3. मध्यवर्ती व्यापार क्षेत्र (सी.बी.डी.):
प्रत्येक मध्यम और बड़े आकार के नगरों में विशिष्ट क्षेत्र होते हैं। ये क्षेत्र व्यापार, उद्योग, प्रशासन, संस्थागत, परिवहन, आवास जैसी विविध गतिविधियों के केन्द्र बन जाते हैं। व्यापारिक क्षेत्र प्राय: नगर का केन्द्र बिन्दु होता है। भूमि की ऊँची कीमतों के कारण यह घना बसा भीड़ भाड़ वाला और तंग गलियों वाला हो जाता है। इसे मध्यवर्ती व्यापारिक क्षेत्र (सी.बी.डी.) कहते हैं। व्यापारिक गतिविधियों के दौरान यहाँ बहुत भीड़ रहती है। इसलिए इसे नगर की हृदय स्थली कहते हैं।

आजकल मुख्य नगर से कुछ दूरी पर, बाहर या एकाकी क्षेत्रों में उपनगरों का विकास हो जाता है। ये उपनगर प्रकार्यात्मक दृष्टि से मुख्य नगर से जुड़े होते हैं। ऐसे नगरों में प्रकार्यात्मक क्षेत्रों का विकास मध्यवर्ती व्यापार क्षेत्रों के चारों ओर वृत्ताकार रूप में हो जाता है लेकिन बाद में कार्यालय क्षेत्रों के मुख्य मार्गों के साथ-साथ होने से इनका आकार ताराकृत या खण्डों में विभाजित नगर का रूप ले लेता है।

4. प्रकार्यात्मक क्षेत्र:
प्रत्येक मध्यम और बड़े नगरों में कुछ विशेष क्षेत्र होते हैं। जो व्यापार, उद्योग, प्रशासन, संस्थागत, परिवहन, आवास जैसे विविध गतिविधियों के केन्द्र बन जाते हैं, इन्हें प्रकार्यात्मक क्षेत्र कहते हैं। व्यापारिक क्षेत्र प्राय: नगर का केन्द्र बिन्दु होता है। यह घना, भौड़-भाड़ वाला तथा तंग गलियों वाला क्षेत्र होता है। यहाँ व्यापारिक गतिविधियाँ होती रहती हैं।

औद्योगिक क्षेत्र प्रायः कुछ दूरी पर होते हैं तथा जल की आपूर्ति का स्रोत इनकी अवस्थिति में मुख्य कारक होता है। थोक व्यापार के क्षेत्र, परिवहन क्षेत्र, प्रशासनिक क्षेत्र तथा संस्थागत क्षेत्रों की स्थिति भी कुछ अलग-अलग होती है। पुराने आवासीय मध्यवर्ती क्षेत्र व्यापार क्षेत्र के निकट होते हैं। लेकिन नए आवासीय क्षेत्र नगर के विभिन्न क्षेत्रों में फैले होते हैं। इस प्रकार प्रकार्यात्मक पृथक्करण तथा परिणामस्वरूप विकसित प्रकार्यात्मक क्षेत्र नगरों की विशेषता होती है।

प्रश्न 8.
अंतर स्पष्ट कीजिए:

  1. ग्रामीण और नगरीय बस्तियाँ
  2. गुच्छित एवं अर्ध-गुच्छित बस्तियाँ

उत्तर:
1. ग्रामीण और नगरीय बस्तियाँ:

2. गुच्छित एवं अर्ध-गुच्छित बस्तियाँ:

प्रश्न 9.
अंतर स्पष्ट कीजिए:

  1. पुरवा तथा परिक्षिप्त बस्तियाँ
  2. रैखिक और वृत्ताकार ग्रामीण बस्तियाँ।

उत्तर:
1. पुरवा तथा परिक्षिप्त बस्तियाँ:

2. रैखिक और वृत्ताकार ग्रामीण बस्तियाँ:

प्रश्न 10.
किसी क्षेत्र के स्थलाकृतिक मानचित्र का अध्ययन कीजिए तथा इसमें पाई जाने वाली ग्रामीण बस्तियों के विविध प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

चित्र: ग्रामीण बस्तियों के विविध प्रकार

प्रश्न 11.
किसी क्षेत्र के स्थलाकृति मानचित्र का अध्ययन कीजिए तथा इसमें पाई जाने वाली ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूपों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
गाँवों के अभिन्यास और रूप –

चित्र: गाँवों के प्रतिरूप: युग्म ग्राम, खंडित, दीर्घित, पंखाकार, किलाबंद तथा आकारहीन

चित्र: ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
सामान्य आकार के घरों के समूह को क्या कहते हैं?
(A) बस्ती
(B) कस्बा
(C) नगर
(D) बसावट
उत्तर:
(A) बस्ती

प्रश्न 2.
500 से कम जनसंख्या के आकार के गाँव में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत कितना है?
(A) 1.7 प्रतिशत
(B) 16.8 प्रतिशत
(C) 7.8 प्रतिशत
(D) 29.8 प्रतिशत
उत्तर:
(B) 16.8 प्रतिशत

प्रश्न 3.
संपूर्ण भारत में गाँवों के बीच की औसत दूरी कितनी होती है?
(A) 2.52 किमी.
(B) 3.52 किमी.
(C) 1.52 किमी.
(D) 25.2 किमी.
उत्तर:
(A) 2.52 किमी.

प्रश्न 4.
पास-पास बने घरों वाली ग्रामीण बस्तियों को क्या कहते हैं?
(A) गुच्छित बस्तियाँ
(B) अर्ध गुच्छित बस्तियाँ
(C) पुरवे
(D) बसावट
उत्तर:
(A) गुच्छित बस्तियाँ

प्रश्न 5.
भारत में सुदूर वनों में एकाकी झोपड़ी या कुछ झोपड़ियों के समूह में पाई जाने वाली बस्तियों को क्या कहते हैं?
(A) पुरवे बस्तियाँ
(B) गुच्छित बस्तियाँ
(C) परिक्षिप्त बस्तियाँ
(D) अर्ध गुच्छित बस्तियाँ
उत्तर:
(C) परिक्षिप्त बस्तियाँ

प्रश्न 6.
संगम पर दो नदियों के बीच या दो सड़कों की शाखाओं के बीच बसे गाँवों और कस्बों की आकृति कैसी होती है?
(A) आयताकार
(B) त्रिभुजाकार
(C) रैखिक
(D) पंखाकृति
उत्तर:
(B) त्रिभुजाकार

प्रश्न 7.
किसी मार्ग, नदी या नहर के किनारे बसे गाँवों की आकृति कैसी होती है?
(A) रैखिक
(B) आयताकार
(C) गोलाकार
(D) त्रिभुजाकार
उत्तर:
(A) रैखिक

प्रश्न 8.
आक्रमणों, डाकुओं और जंगली जानवरों से सुरक्षा को क्या कहते हैं?
(A) सुरक्षा कारक
(B) सांस्कृतिक कारक
(C) नृजातीय कारक
(D) भौतिक कारक
उत्तर:
(A) सुरक्षा कारक

प्रश्न 9.
ग्रामीण बस्तियों के क्रिया कलाप किस प्रकार के हैं?
(A) द्वितीयक
(B) प्राथमिक
(C) तृतीयक
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) प्राथमिक

प्रश्न 10.
पास बने घरों वाली ग्रामीण बस्तियों का प्रकार क्या है?
(A) गुच्छित
(B) अर्ध-गुच्छित
(C) पुरवा
(D) परिक्षिप्त
उत्तर:
(A) गुच्छित

प्रश्न 11.
वे स्थान जहाँ नगर पालिका या नगर निगम या कंटोनमैंट बोर्ड या नोटीफाइड टाउन एरिया कमेटी हैं, क्या कहलाते हैं?
(A) संवैधानिक नगर
(B) जनगणना नगर
(C) नगर
(D) महानगर
उत्तर:
(A) संवैधानिक नगर

प्रश्न 12.
जिन नगरों का अस्तित्त्व 2000 वर्ष से भी पूर्व से है उन्हें क्या कहते हैं?
(A) मध्यकालीन नगर
(B) प्राचीन नगर
(C) आधुनिक नगर
(D) जनगणना नगर
उत्तर:
(B) प्राचीन नगर

प्रश्न 13.
अयोध्या किस प्रकार का नगर है?
(A) प्राचीन
(B) मध्यकालीन
(C) आधुनिक
(D) संवैधानिक
उत्तर:
(A) प्राचीन

प्रश्न 14.
2001 में भारत में नगरीय जनसंख्या कितनी थी?
(A) 28.54 करोड़
(B) 2.5 करोड़
(C) 25.94 करोड़
(D) 25.8 करोड़
उत्तर:
(A) 28.54 करोड़

प्रश्न 15.
5.50 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर को क्या कहते हैं?
(A) कस्बा
(B) जनगणना नगर
(C) महानगर
(D) वृहत्नगर
उत्तर:
(D) वृहत्नगर

प्रश्न 16.
10-50 लाख तक की जनसंख्या वाले नगर को क्या कहते हैं?
(A) वृहत्नगर
(B) महानगर
(C) नगर
(D) आधुनिक नगर
उत्तर:
(B) महानगर

प्रश्न 17.
1991-2001 के दशक में मुंबई महानगर की जनसंख्या कितनी थी?
(A) 10.788 करोड़
(B) 1.64 करोड़
(C) 80 लाख
(D) 1 करोड़
उत्तर:
(B) 1.64 करोड़

प्रश्न 18.
अवैध बस्तियों को क्या कहते हैं?
(A) मलिन बस्तियाँ
(B) कस्बा
(C) नगर
(D) संकुल
उत्तर:
(A) मलिन बस्तियाँ

प्रश्न 19.
महाराष्ट्र में मलिन बस्तियों की जनसंख्या कितनी है?
(A) 6 प्रतिशत
(B) 0.25 प्रतिशत
(C) 14.1 प्रतिशत
(D) 1.81 प्रतिशत
उत्तर:
(A) 6 प्रतिशत

प्रश्न 20.
नैनीताल नगर किस विशेषता के कारण जाना जाता है?
(A) शैक्षिक नगर
(B) छावनी
(C) पर्यटन नगर
(D) खनन नगर
उत्तर:
(A) शैक्षिक नगर


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