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Saturday, June 18, 2022

BSEB Class 12 Geography The World Population Distribution Density and Growth Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 12th Geography The World Population Distribution Density and Growth Book Answers

BSEB Class 12 Geography The World Population Distribution Density and Growth Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 12th Geography The World Population Distribution Density and Growth Book Answers
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Bihar Board Class 12th Geography The World Population Distribution Density and Growth Books Solutions

Board BSEB
Materials Textbook Solutions/Guide
Format DOC/PDF
Class 12th
Subject Geography The World Population Distribution Density and Growth
Chapters All
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Bihar Board Class 12 Geography विश्व जनसंख्या-वितरण, घनत्व और वृद्धि Textbook Questions and Answers

(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किस महाद्वीप में जनसंख्या वृद्धि सर्वाधिक है:
(क) अफ्रीका
(ख) एशिया
(ग) दक्षिण अमेरिका
(घ) उत्तर अमेरिका
उत्तर:
(ख) एशिया

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक विरल जनसंख्या वाला क्षेत्र नहीं है?
(क) अटाकामा
(ख) भूमध्यरेखीय प्रदेश
(ग) दक्षिण-पूर्वी एशिया
(घ) ध्रुवीय प्रदेश
उत्तर
(घ) ध्रुवीय प्रदेश

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्रतिकर्ष कारक नहीं है:
(क) जलाभाव
(ख) बेरोजगारी
(ग) चिकित्सा/शैक्षणिक सुविधाएं
(घ) महामारियां
उत्तर
(ग) चिकित्सा/शैक्षणिक सुविधाएं

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक तथ्य ठीक नहीं है:
(क) विगत 500 वर्षों में मानव जनसंख्या 10 गुणा से अधिक बढ़ी है।
(ख) विश्व जनसंख्या में प्रतिवर्ष 8 करोड़ लोग जुड़ जाते हैं।
(ग) 5 अरब से 6 अरब तक बढ़ने में जनसंख्या को 100 वर्ष लगे।
(घ) जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था में जनसंख्या वृद्धि उच्च होती है।
उत्तर
(ग) जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था में जनसंख्या वृद्धि उच्च होती है।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए:

प्रश्न 1.
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले तीन भौगोलिक कारकों का उल्लख कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले तीन भौगोलिक कारक इस प्रकार हैं:

  1. जल की उपलब्धता: लोग उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहां जल आसानी से उपलब्ध होता है।
  2. भू-आकृति: लोग समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता देते हैं।
  3. जलवायु: अति ऊष्ण अथवा ठंडे मरुस्थलों की विषम जलवायु मानव बसाव के लिए असुविधाजनक होती है।

प्रश्न 2.
विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व वाले अनेक क्षेत्र हैं। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
कुछ क्षेत्र वास्तव में सघन बसे हैं। इसका कारण आर्थिक कारक जैसे खनिज, नगरीकरण तथा औद्योगीकरण हैं। अच्छी नागरकि सुविधाएं तथा नगरीय जीवन लोगों को आकर्षित करता है। इसका विश्व के अनेक क्षेत्र खनिज भंडारों की उपस्थिति, अच्छी नगरीकरण सुविधाओं तथा औद्योगीकरण के कारण सघन बसे हुए हैं।

प्रश्न 3.
जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक कौन-से हैं?
उत्तर:
जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक हैं – जन्म, मृत्यु और प्रवास। अशोधित जन्म दर (CBR) को प्रति हजार स्त्रियों द्वारा जन्म दिए जीवित बच्चों के रूप में व्यक्त किया जाता है। घटती हुए मृत्यु दर से भी जनसंख्या में परिवर्तन हो सकता है। प्रवास को मनुष्य और संसाधन के बीच बेहतर संतुलन प्राप्त करने की दिशा में एक स्वतः स्फूर्त प्रयास के रूप में निरूपित किया जा सकता है।

(ग) अंतर स्पष्ट कीजिए:

  1. जन्म दर और मृत्यु दर
  2. प्रवास के प्रति कर्ष कारक और अपकर्ष कारक

उत्तर:
1. जन्म दर और मृत्यु दर में अंतर:

2. प्रवास के प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारक में अंतर:

(घ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों में दीजिए।

प्रश्न 1.
विश्व में जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी पर जनसंख्या के असमान वितरण, घनत्व एवं वृद्धि को अनेक कारकों ने प्रभावित किया है। जनसंख्या के घनत्व और वितरण को प्रभावित करने वाले कारक इस प्रकार हैं।

(I) भौगोलिक कारक:

1. जल की उपलब्धता:
लोग उन क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता देते हैं जहां जल आसानी से उपलब्ध होता है। जल का उपयोग पीने, नहाने और भोजन बनाने के साथ-साथ पशुओं, फसलों, उद्योगों तथा नौसंचालन में किया जाता है। यही करण है कि नदी-घटियां विश्व के सबसे सघन बसे हुए क्षेत्र हैं।

2. भू-आकृति:
लोग समतल मैदानों और मंद ढालों पर बसने को वरीयता देते हैं इसका कारण यह है कि ऐसे क्षेत्र फसलों के उत्पादन, सड़क निर्माण और उद्योगों के लिए अनुकूल होते हैं। पर्वतीय और पहाड़ी क्षेत्र परिवहन-तंत्र के विकास में अवरोधक हैं, इसलिए प्रारंभ में कृषिगत और औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल नहीं होते। अत: इन क्षेत्रों में कम जनसंख्या पाई जाती है। उदाहरण के लिए गंगा का मैदान विश्व के सर्वाधिक सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है जबकि हिमालय के पर्वतीय भाग विरल जनसंख्या वाले क्षेत्र हैं।

3. जलवायु:
अधिक वर्षा अथवा विषम और रुक्ष जलवायु के क्षेत्रों में कम जनसंख्या पाई जाती है। भूमध्य सागरीय प्रदेश सुखद जलवायु के कारण इतिहास के आरंभिक कालों से बसे हुए हैं।

4. मृदाएं:
उपजाऊ दोमट मिट्टी वाले प्रदेशों में अधिक लोग रहते हैं क्योंकि ये मृदाएं गहन कृषि का आधार बन सकती हैं।

(II) आर्थिक कारक:

1. खनिज:
खनन और औद्योगिक गतिविधियां रोजगार उत्पन्न करते हैं। अत: कुशल एवं अर्धकुशल कर्मी इन क्षेत्रों में पहुंचते हैं और जनसंख्या को सघन बना देते हैं। अफ्रीका की कटंगा, जांबिया तांबा पेटी इसका एक अच्छा उदाहरण है।

2. नगरीकरण:
अच्छी नागरकि सुविधाएं तथा नगरीय जीवन के आकर्षण लोगों को नगरों की ओर खींचते हैं। विश्व के विराट नगर प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में प्रवासियों को निरंतर आकर्षित करते हैं।

3. औद्योगीकरण:
औद्योगिक पेटियां रोजगार के अवसर उपलब्ध कराती हैं और बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करती हैं। जापान का कोबे-ओसाका प्रदेश अनेक उद्योगों की उपस्थिति के कारण सघन बसा हुआ है।

(III) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक:
कुछ स्थान धार्मिक अथवा सांस्कृतिक महत्त्व के कारण अधिक लोगों को आकर्षित करते हैं। ठीक इसी प्रकार लोग उन क्षेत्रों को छोड़ कर चले जाते हैं जहां सामाजिक और राजनीतिक अशांति होती है। कई बार सरकारें भी लोगों को विरल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में बसने को प्रोत्साहन देती हैं।

प्रश्न 2.
जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत तीन अवस्थाओं वाले मॉडल की विवेचना करता है:
प्रथम अवस्था में उच्च प्रजननशीलता व उच्च मर्त्यता होती है क्योंकि लोग महामारियों और भोजन की अनिश्चित आपूर्ति से होने वाली मृत्युओं की क्षतिपूर्ति अधिक पुनरुत्पादन से करते हैं। जनसंख्या वृद्धि धीमी होती है और अधिकांश लोग खेती में कार्यरत होते हैं। जहां बड़े परिवारों को परिसंपति माना जाता है। जीवन-प्रत्याशा निम्न होती है, अधिकांश लोग अशिक्षित होते हैं और उनके प्रौद्योगिकी स्तर निम्न होते हैं। 200 वर्ष पूर्व विश्व के सभी देश इसी अवस्था में थे।

द्वितीय अवस्था के प्रारंभ में प्रजननशीलता ऊंची बनी रहती है लेकिन यह समय के साथ घटती जाती है। यह अवस्था घटी हुए मृत्यु दर के साथ आती है। स्वास्थ्य संबंधी दशाओं व स्वच्छता के सुधार के साथ मर्त्यता में कमी आती है। इस अंतर के कारण, जनसंख्या में होने वाला शुद्ध योग उच्च होता है। अंतिम अवस्था में प्रजननशीलता और मर्त्यता दोनों अधिक घट जाती है। जनसंख्या या तो स्थिर हो जाती है या मंद गति से बढ़ती है। जनसंख्या नगरीय और शिक्षित हो जाती है तथा उसके पास तकनीकी ज्ञान होता है। ऐसी जनसंख्या विचारपूर्वक परिवार के आकार को नियंत्रित करती है। इससे प्रदर्शित होता है कि मनुष्य जाति अत्यधिक नम्य है और अपनी प्रजननशीलता को समायोजित करने की योग्यता रखती है। वर्तमान में विभिन्न देश जनांकिकीय संक्रमण की विभिन्न अवस्थाओं में है।

Bihar Board Class 12 Geography विश्व जनसंख्या-वितरण, घनत्व और वृद्धि Additional Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
मनुष्य, मानव भूगोल का केन्द्र बिंदु है, कैसे?
उत्तर:
संसाधनों के उत्पदक, निर्माता तथा उपयोगकर्ता के रूप में वह पर्यावरण को प्रभावित करने के साथ-साथ उसे समयानुसार परिवर्तित भी करता है।

प्रश्न 2.
गत 500 वर्षों में मानव जनसंख्या में कितनी वृद्धि हुई?
उत्तर:
गत 500 वर्षों में मानव जनसंख्या में दस गुणा से अधिक की वृद्धि हुई।

प्रश्न 3.
आर्थिक कारक जनसंख्या के वितरण को कैसे प्रभावित करते हैं? संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
कठिन आर्थिक दशाओं, बेराजगारी, धर्म, जातीय या राजनीतिक असहिष्णुता, वर्ग संघर्ष तथा युद्ध जैसे विभिन्न प्रतिवर्ष कारकों के प्रभाव से लोग एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में प्रवास कर सकते हैं। दूसरी ओर उन्नत आर्थिक अवसर जैसे अपकर्ष कारक लोगों को एक स्थान पर आकर्षित कर सकते हैं।

प्रश्न 4.
जनंसख्या वितरण के प्रतिरूप में जनसंख्या घनत्व की क्या भूमिका है? संक्षिप्त उत्तर दीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या का घनत्व, जनसंख्या वितरण को विश्लेषित करने वाला एक महत्त्वपूर्ण माप है। यह एक देश में जनसंख्या तथा क्षेत्रफल के बीच अनुपात को प्रदर्शित करता है। अंकगणितीय जनसंख्या घनत्व, कुल जनसंख्या को कुछ क्षेत्रफल से विभाजित कर प्राप्त करते हैं। यह जनसंख्या को संक्रंदण की मात्रा को समझने का सबसे सरल तरीका है।

प्रश्न 5.
राजनीतिक कारक जनसंख्या की वितरण प्रणाली को कैसे प्रभावित करते हैं? संक्षिप्त में बताइये।
उत्तर:
आर्थिक कठिनाइयों, राजनीतिक अशांति और युद्ध के कारण जनसंख्या का स्थानांतरण इतिहास के अभूतपूर्व घटना है। विगत दशकों की कुछ घटनाओं ने लाखों-लाख लोगों को शारणार्थी बना दिया है। ऐसी घटनाओं में फारस की खाड़ी का युद्ध, रवांडा और श्रीलंका के जातीय झगड़े सोवियत का विघटन तथा 15 स्वतंत्र राष्ट्रों का उदय आदि प्रमुख आदि घटनाएं हैं।

प्रश्न 6.
महाद्वीपों पर जनसंख्या का वितरण असमान है। क्यों?
उत्तर:
पृथ्वी पर जनसंख्या के असमान वितरण एवं वृद्धि को अनेक कारकों ने प्रभावित किया है, जैसे – भौतिक कारक, सांस्कृतिक कारक, आर्थिक कारक, राजनीतिक कारक।

प्रश्न 7.
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले भौतिक कारक की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
धरातल पर जनसंख्या के वितरण तथा वृद्धि को प्रभावित करने में भौतिक विशेषताओं का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। उच्चावच, जलवायु, मिट्टी, प्राकृतिक वनस्पति, जल, खनिज संपदा कुछ महत्त्वपूर्ण भौतिक कारक हैं।

प्रश्न 8.
जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले सांस्कृतिक कारकों की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या के वितरण में मनुष्य की संस्कृति की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। प्राचीन परम्परायें तथा व्यवहार, धर्म और भाषा भी जनसंख्या के संकेन्द्रण तथा बिखराव को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका के विभिन्न भागों में जर्मन, स्पैनिश, फ्रांसिसी तथा चीनी जैसे अलग-अलग राष्ट्रीयताओं के लोगों का जमाव, स्पष्टतः उनकी पसंद को प्रकट करता है।

प्रश्न 9.
विश्व के दस सर्वाधिक आबाद देशों में विश्व की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। इस दस देशों में से छह एशिया में अवस्थित हैं। उन देशों के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. चीन
  2. भारत
  3. इंडोनेशिया
  4. पाकिस्तान
  5. बांग्लादेश
  6. जापान

प्रश्न 10.
जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि क्या है?
उत्तर:
यदि दो समय अंतराल के बीच जनसंख्या कम हो जाए तो उसे जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि कहते हैं। यह तब होती है जब जन्म दर मृत्यु दर से कम हो जाए अथवा लोग अन्य देश में प्रवास कर जाएं।

प्रश्न 11.
मध्यम जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
पश्चिमी चीन, दक्षिणी भारत एशिया में तथा नार्वे और स्वीडन यूरोप में।

प्रश्न 12.
जनसंख्या वृद्धि से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
यह किसी एक क्षेत्र विशेष में निवासियों की संख्या में, निश्चित समय के भीतर जैसे 10 वर्ष में परिवर्तन को दर्शाता है। इस परिवर्तन को कुल संख्या या प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

प्रश्न 13.
प्रवास से आपका क्या तात्पर्य है? संक्षिप्त उत्तर दीजिए।
उत्तर:
प्रवास जनसंख्या परिवर्तन का तीसरा महत्त्वपूर्ण घटक है। इसे मनुष्य तथा संसाधन के बीच बेहतर संतुलन प्राप्त करने की दिशा में एक स्वस्फूर्त प्रभाव के रूप में विश्लेषित किया जा सकता है। यह मनुष्य के निवास का स्थाई या अर्द्ध-स्थाई परिवर्तन है। प्रवास किसी क्षेत्र में जनसंख्या की संरचना और परिवर्तन को निश्चित करने वाला प्रजनन और मृत्यु की अपेक्षा सम्भवतः एक अधिक महत्त्वपूर्ण कारक है।

प्रश्न 14.
जनसंख्या का घनत्व किसे कहते हैं?
उत्तर:
लोगों की संख्या और भूमि के आकार के बीच का अनुपात जनसंख्या का घनत्व कहलाता है।

प्रश्न 15.
विश्व के किन क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व सबसे कम है?
उत्तर:
उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के निकट, ऊष्ण और शीत मरुस्थल और विषुवत रेखा के निकट उच्च वर्षा के अन्य क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व अत्यंत कम है।

प्रश्न 16.
जनसंख्या वृद्धि धीमी होने का क्या कारण हैं?
उत्तर:
एड्स/ एच. आई. आई. वी. जैसे धातक महामारियों ने अफ्रीका, स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रमंडल के कुछ भागों और एशिया में मृत्यु दर बढ़ा दी है और औसत-प्रत्याशा घटा दी है। इससे जनसंख्या वृद्धि धीमी हुई है।

प्रश्न 17.
जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी क्षेत्र विशेष में दो समय अंतरालों में जन्म और मृत्यु के अंतर से बढ़ने वाली जनसंख्या को उस क्षेत्र की प्राकृतिक वृद्धि कहते हैं। प्राकृतिक वृद्धि = जन्म – मृत्यु।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
आंतरिक प्रवास क्या है?
उत्तर:
आंतरिक प्रवास एक अपेक्षाकृत प्रचलित जनसांख्यिकीय प्रक्रिया है। इसमें हजारों लाखों लोग गांव छोड़कर नगरों की ओर या अति आबाद क्षेत्र से बेहतर अवसर प्रदान करनेवाले प्रदेशों की ओर प्रवास करते हैं। इनमें उच्च वेतन, सस्ती भूमि, अच्छा स्तर तथा आर्थिक प्रगति के अवसर शामिल हैं। ऐसे स्थानांतरण के फलस्वरूप ग्रामीण प्रवासियों का अधिकांश भाग नगरों की ओर पलायन करता है। इसके कारण नगरों में बड़ी संख्या में झुग्गी-झोंपड़ी, बस्तियों की संख्या बढ़ रही है।

प्रश्न 2.
सोपानी प्रवास किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे देशों में जहां कुल जनसंख्या का तीन चौथाई भाग नगरीकृत है, वहां एक नगर से दूसरे नगर के बीच अर्थात् अंतर्नगरीय प्रवास अधिक प्रचलित है। ऐसी प्रवासी प्रायः एक नगरीय केन्द्र से दूसरे नगरीय केन्द्र में आते जाते रहते हैं। कुछ ऐसे भी उदाहरण हैं कि गांवों से लोग पहले निकटवर्ती नगर में आते हैं, तथा कुछ समय वहां रहने के पश्चात् उससे बड़े नगर में चले जाते हैं। इसे सोपानी प्रवास कहा जाता है। आज पूरे विश्व के महानगरों में शक्तिशाली चुंबकीय आकर्षण है। नगर से नगर की ओर प्रवास आर्थिक कारणों से होता है, क्योंकि छोटे नगरों की तुलना में यहां रोजगार के बेहतर और विविध अवसर और अनेकों अन्य सुविधाएं प्राप्त हैं। परिणामस्वरूप बड़े नगर अनुपात से अधिक बड़े होते जा रहे हैं, जबकि छोटे नगरों में वृद्धि रुक सी गई है।

प्रश्न 3.
अंतर्राष्ट्रीय प्रवास किसे कहते हैं?
उत्तर:
अंतर्राष्ट्रीय प्रवास देशों तथा महाद्वीपों के बीच लोगों के स्थानांतरण को कहते हैं। अपेक्षाकृत कम समय में ही जनसंख्या के प्रतिरूपों में परिवर्तन लाने में प्रवास की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। हाल के दशकों में अंतर्राष्ट्रीय प्रवास में पुनः वृद्धि हो रही है। स्वैच्छिक प्रवास बहुतों को अधिक आर्थिक लाभ या अन्य रोजगार के अवसर प्रदान करता है। दूसरी ओर समुचित संख्या में लोगों को दूसरे देशों में गृह-युद्ध, राजनीतिक अशांति या पर्यावरणीय अवक्रम के कारण दूसरे देशों में जाना पड़ता है। जो आजकल सामान्य बात नहीं है। इक्कीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में, संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार विश्वभर में लगभग 12 करोड़ लो अपनी जन्मभूमि से बाहर रह रहे थे जिसमें 1.5 करोड़ शरणार्थी थे।

प्रश्न 4.
जनसांख्यिकीय संक्रमण मॉडल क्या है?
उत्तर:
वर्तमान जनसांख्यिकीय प्रवृत्ति को देखने से यह स्पष्ट होता है कि विकासशील देशों में वार्षिक जनसंख्या वृद्धि विकसित देशों की तुलना में 20 गुना से भी अधिक है। यद्यपि दोनों ही समूहों में अशोधित मृत्यु-दर भिन्न है, तथापि औसत अशोधित जन्म-दर विकासशील देशों में विकसित देशों की तुलना में लगभग तीन गुणा अधिक है। ऐसा क्यों है? नोटेस्टीन नामक जनसांख्यिकीयविद से आर्थिक विकास की प्रक्रियाओं एवं जनसंख्या वृद्धि के बीच एक निकट का संबंध देखा है।

जब एक कृषि प्रधान ग्रामीण समाज प्रौद्योगिकी आधारित नगरीय समाज में बदलता है जब जनसांख्यिकीय प्रवृत्तियों में भी परिवर्तन होता है। औद्योगिकरण एवं आर्थिक विकास से सम्बद्ध नगरीकरण प्रक्रिया सहसम्बंधित जनसंख्या की गद्यत्यात्मकता में परिवर्तन को जनसांख्यिकीय संक्रमण मॉडल के रूप में दर्शाया जाता है।

प्रश्न 5.
जनसंख्या में कमी होना चिंता का विषय क्यों है?
उत्तर:
क्योंकि जो संसाधन किसी दिए गये स्तर पर एक जनसंख्या का पालन करते थे, उस जनसंख्या का पालन करने में अब वे सक्षम नहीं हैं। यदि जन-प्रवास को विपरीत दिशा में नहीं मोड़ा जाता तो उस समाज की आधारभूत संरचना स्वयंमेव अस्थिर हो सकती है। जनवृद्धि सामाजिक समृद्धि और उन्नति की सूचक होती है, क्योंकि संसाधन आधार बढ़ते हैं। फिर भी, यदि: भूमि तथा अन्य महत्त्वपूर्ण संसाधन, आधार बढ़ते हैं। फिर भी, यदि भूमि तथा अन्य महत्त्वपूर्ण संसाधन कम हैं, तो इसे एक अन्य विशिष्ट समस्या के रूप में देखा जाता है।

विकसित देशों में जहां संसाधन आधार समूचित मात्रा में या भरपूर अथवा उनका अल्प उपयोग हुआ हो, वहां जनसंख्या वृद्धि को प्रोत्साहित करने वाली नीतियां अपनाई जाती है, जैसे – प्राकृतिक वृद्धि के लिए प्रोत्साहन, बड़े परिवार के लिए करों में समुचित छूट और अप्रवास को स्वीकृति आदि जैसी नीतियों को अपनाया जाता है।

प्रश्न 6.
वर्तमान जनसंख्या वृद्धि-दर से विश्व के प्रमुख देशों की जनसंख्या कब दुगुनी हो जायेगी?
उत्तर:
वर्तमान जनसंख्या वृद्धि की दर 2 से 2.9 प्रतिशत वृद्धि के अनुसार 71 देशों की जनसंख्या अगले 24 से 30 वर्षों में दुगुनी हो जायेगी । 3 से 4.4 प्रतिशत वृद्धि दर वाले 14 देशों की जनसंख्या को दो गुनी होने में 16 से 23 वर्ष लगेंगे। विश्व की एक चौथाई जनसंख्या 90 देशों में निवास करती है। जिनकी जनसंख्या एक या दो पीढ़ी में दुगुनी हो जायेगी। भारत एक मध्यम उदाहरण प्रस्तुत करता है यहां वर्तमान वृद्धि-दर 1.9 प्रतिशत है। इसी दर पर देश की एक अरब आबादी को दो अरब होने में 36 वर्ष लगेंगे।

प्रश्न 7.
जन्म-दर को प्रभावित करने वाले कारक मुख्य रूप से आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक होते हैं, भौतिक नहीं। संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
उत्तर:
जन्म-दर को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने वाला एक अन्य कारक जनसंख्या संरचना है, विशेषतः यह जनसंख्या की आयु संरचना है। जन्म-दर तथा प्रजनन दरों में तुलना इस कारक का महत्त्व स्पष्ट करेगी। उदाहरणतः 1982 में सिंगापुर तथा स्पेन दोनों में ही एक सी अशोधित जन्म दरें (17.2 और 15.2 प्रति हजार 421) थीं लेकिन, सिंगापुर की प्रजनन दर (58) से स्पेन की दर से (73.1) काफी कम थी, क्योंकि उसकी आयु सरंचना अधिक युवा थी।

दूसरे शब्दों में, उच्च युवा-प्रौढों के उच्च अनुपात वाले क्षेत्र में उच्च जन्म-दर की संभावना हो सकती है। नए नगर, नई बस्तियाँ तथा उच्च आव्रजन दर वाले प्रदेश इस वर्ग में आते हैं। इस प्रकार हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि प्रजनन दर को प्रभावित करने वाले कारक मुख्य रूप से आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक होते हैं, भौतिक नहीं।

प्रश्न 8.
कुछ अफ्रीकी देशों की एड्स के प्रभाव से मृत्यु-दर तथा जीवन प्रत्याशा में आई परिवर्तन दर (1990-1999) को तालिका बनाकर समझाइये।
उत्तर:

प्रश्न 9.
जनसांख्यिकीय संक्रमण के पांच प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
(क) आदिकालीन जनसांख्यिकी अवधि तथा परिवर्तनशील जन्म-दर और मृत्यु-दर तथा धीमी जनसंख्या वृद्धि।
(ख) प्रसरणशील या युवा जनसांख्यिकीय या युवा जनसांख्यिकीय अवधि उच्च जन्म-दर और घटती मृत्यु-दर तथा जनसंख्या में तीव्र वृद्धि।
(ग) परवर्ती प्रसरणशील जनसांख्यिकीय अवधि घटती जन्म की जन्म-दर तथा निम्न मृत्यु-दर तथा जनसंख्या वृद्धि की घटती दर।
(घ) निम्न परिवर्तनशील अथवा परिपक्व जनसांख्यिकीय निम्न जन्म-दर और उच्च मृत्यु-दर तथा घटती जनसंख्या।
(ङ) जनसंख्या की लगभग शून्य वृद्धि-दर, जन्म-दर और मृत्यु-दर के लगभग समान होने से।

प्रश्न 10.
उच्च जनसंख्या घनत्व के क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
अनुकूल जलवायु वाले ऊपजाऊ मैदान तथा उच्च औद्योगिकृत और नगरीकृत क्षेत्र सामान्यतः घने आबाद हैं। संसार में 100 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. से अधिक उच्च जन घनत्व के चार प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं –
(क) पूर्वी एशिया (चीन, जापान, कोरिया, ताइवान)
(ख)दक्षिणी तथा दक्षिण-पूर्व एशिया,
(ग) उत्तर-पश्चिमी यूरोप (यूनाइडेट किंग्डम, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड बेल्जियम, लग्जेमबर्ग, आयरलैंड, डेनमार्क, स्पेन, इटली), और
(घ) उत्तर अमेरिका का पूर्वी तट। वास्तविक अर्थों में विश्व की लगभग आधी जनसंख्या मात्र 5 प्रतिशत क्षेत्र पर ही संकेन्दित हैं, जबकि कुल क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत भाग निर्जन है।

प्रश्न 11.
जनसांख्यिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था की संक्षिप्त में विवेचना कीजिए।
उत्तर:
प्रथम अवस्था आर्थिक विकास की प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले की जनसांख्यिकीय प्रवृत्तियों को प्रकट करती है। इससे औद्योगिक विकास से पहले की यूरोप की जनसांख्यिकीय अथवा जापान की उन्नीसवीं सदी के मध्य में या सम्भवत: उष्ण-वनों में एकांकी निवास करने वाली एक जनजाति-समुदाय की जनसांख्यिकीय विषमताओं को प्रदर्शित करती है। इस काल की सामान्य विशेषता यह है कि जनसंख्या का आकार छोटा होता है और कुछ समय के लिए स्थिर शुद्ध वृद्धि-दर लगभग 1 प्रतिशत होती है। जन्म तथा मृत्यु-दर दोनों ही बहुत उच्च हैं लेकिन सम्पन्नता के काल में मृत्यु-दर में कमी आती है, जबकि अकाल, महामारियों या युद्ध के समय में इनमें वृद्धि होती है।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित देशों के लिए जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि-दर (1995-2000) को प्रदर्शित करने वाले एक उपयुक्त आरेख की रचना कीजिए: बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, यू.के., भारत, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका, थाइलैंड, जापान, जर्मनी, नाइजीरिया, बुल्गारिया, इटली, रवांडा, उरुग्वे, आस्ट्रेलिया, लाइवेरिया, मैक्सिको, रूस, गिनी, कोलम्बिया।
उत्तर:

चित्र: विश्व जनसंख्या में अनुमानित वृद्धि

प्रश्न 13.
विश्व के रेखा मानचित्र पर निम्न को उचित आभाओं द्वारा प्रदर्शित कीजिए: अफ्रीका, एशिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका और औशनियां में से एक-एक सबसे अधिक घने तथा सबसे अधिक विरल जनसंख्या वाले देश: देश। संदर्भ के लिए परिशिष्ट 1 देखिये।
उत्तर:

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
जनसंख्या वृद्धि और ह्रास के प्रभावों को समझाइये।
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि किसी एक क्षेत्र विशेष में निवासियों की संख्या में, एक निश्चित समय के भीतर जैसे 10 वर्ष में परिवर्तन को दर्शाता है। इस परिवर्तन को कुल संख्या या प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

तालिका: विश्व जनसंख्या में अनुमानित वृद्धि

समय या क्षेत्र में संदर्भ में जनसंख्या के परिवर्तन को निश्चित करने के लिए मूल तत्त्व, जन्म-दर, मृत्यु-दर तथा प्रवास हैं। एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्ति पर जन्म तथा मृत्यु की संख्या को क्रमशः अशोधित जन्म-दर (CBR) तथा अशोधित मृत्यु दर (CDR) कहते हैं। एक वर्ष के भीतर जन्म तथा मृत्यु की संख्या में अन्तर द्वारा प्राकृतिक वृद्धि अथवा ह्रास की वार्षिक दर निश्चित होती है। उन्नीसवीं सदी में तथा बीसवीं सदी के प्रारंभ तक, विभिन्न देशों और महाद्वीपों के मध्य जनांकिकी परिवर्तनों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला कारक प्रवास का महत्त्व अब घट गया है। तथापि देश के भीतर अभी भी प्रवास महत्त्वपूर्ण जनसंख्या-विभेद उत्पन्न करने वाला कारक है। जन्म-दर तथा मृत्यु-दर के साथ प्रवसन (अप्रवास एवं उत्प्रवास) के प्रभाव की गणना में रखे तो उसे वास्तविक जन-वृद्धि दर कहा जाता है।

चित्र: वास्तविक जन-वृद्धि दर

प्रश्न 2.
कायिक या फिजियोलॉजिकल घनत्व का वर्णन करो।
उत्तर:
साधारण अंकगणितीय घनत्व की तुलना में कायिक या पोषक घनत्व, मनुष्य और भूमि के अनुपात की गणना की अधिक परिष्कृत विधि है। इसमें कुल क्षेत्रफल की जगह कुल कृषि भूमि या फसल क्षेत्र से कुल जनसंख्या को विभाजित किया जाता है।

इस प्रकार यह कुल जनसंख्या और कुल कृषि क्षेत्र के बीच अनुपात है। विकासशील देशों में जहां जीवन निर्वाह कृषि, आर्थिक क्रियाओं में सबसे महत्त्वपूर्ण है, कायिक घनत्व से कृषि की गहनता प्रतिबिंबित होती है। एशिया के लगभग सभी अधिक जनसंख्या वाले विकासशील देशों में जैसे भारत, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में औसतन प्रति व्यक्ति फसल क्षेत्र एक एकड़ से कम (0.4 हेक्टेयर) है। भारत में एक हेक्टेयर कृषि भूमि पर 5 व्यक्ति, चीन में 12 व्यक्ति, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में 1.5 व्यक्ति आश्रित हैं। अधिकांश कृषि प्रधान देशों में फसलों के लिए उपयुक्त लगभग सारी भूमि पर खेती की जा रही है। अत: ज्यों-ज्यों जनसंख्या बढ़ रही है, अधिक से अधिक जनसंख्या को वर्तमान में उपलब्ध कृषि क्षेत्र पर ही आश्रित होना पड़ रहा है। चूंकि कृषि उत्पादकता में स्थान-स्थान पर विभिन्नता पायी जाती है, अत: कायिक घनत्व भी जनसंख्या के दबाव का एक काम चलाऊ मापन ही प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 3.
विगत कुछ शताब्दियों में जनसंख्या वृद्धि तीव्र क्यों हो रही है? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विकास की प्रारम्भिक अवस्थाओं में आखेटक, संग्राहक तथा कृषक केवल साधारण औजारों का प्रयोग करते थे और एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते रहते थे। 8000 से 12000 वर्ष पूर्व आई कृषि-क्रांति के बाद भी विश्व की जनसंख्या बहुत कम थी और उनके क्रिया-कलाप साधारण प्रकृति के थे। इस प्रकार मानव का प्रकृति के ऊपर बहुत कम प्रभाव था। जनसंख्या वृद्धि धीमी थी, जिसकी पृष्टि इस बात से की जा सकती है कि पहली शताब्दी में विश्व की कुल जनसंख्या मात्र 2.5 करोड़ ही थी।

सोलहवीं तथा सत्रहवीं शताब्दी में व्यापार के विस्तार से जनसंख्या में तेजी से औद्योगिक क्रांति के प्रारंभ (लगभग 1705) में विश्व की जनसंख्या लगभग 50 करोड़ थी। तथापि अठारहवीं सदी में औद्योगिक क्रांति के बाद जनसंख्या में विस्फोट हुआ। प्रौद्योगिकी में आए परिवर्तनों नाटकीय की श्रृंखला ने बड़ी तीव्रता से संसाधन आधार को विस्तृत किया। जिससे जनसंख्या तीव्र विद्धि को आधार मिला और यह सिलसिला दो शताब्दियों तक चलता रहा है।

भाप के इंजन के विकास के बाद पहले तो वह मनुष्य तथा पशु ऊर्जा का पूरक बना और बाद में इसका स्थान ग्रहण कर लिया। जिसने जल और पवन को यांत्रिकृत ऊर्जा प्रदान की। यांत्रिकरण से कृषि और औद्योगिक उत्पादन में सुधार आया। वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिक उन्नति के कारण आर्थिक रूप से सम्पन्न देशों में लोगों की जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि हुई। चिकित्सा सुविधाओं तथा स्वच्छता में सुधार से भूमण्डलीय (वैशिक) जनसंख्या में नाटकीय रूप से और तेजी से परिवर्तन आया है। महामारियों और अन्य संक्रामक बीमारियों के टीके लगाने, कई रोगों की जीवाणुओं को नष्ट करने या उन्हें कम करने तथा स्वच्छता में सुधार होने से लगभग सभी देशों में मृत्यु-दर में काफी तेजी से कमी आई है।

जब औद्योगिक क्रांति प्रारंभ हुई, उस समय विश्व की जनसंख्या 0.12 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी। लेकिन बाद में यह दर अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 1930 तक 1 प्रतिशत और 1960 तक 2.1 प्रतिशत हो गयी जनसंख्या की यह तीव्र वृद्धि-दर विश्व के लिए चिंता का विषय बन गयी है। अनेक विकसित देशों ने इस पर तुरंत ध्यान दिया है। छोटे-छोटे विकासशील देश इस तीव्र वृद्धि को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। विगत चार दशकों में वृद्धि-दर में धीमी गति से कमी आयी है। वर्तमान वृद्धि-दर 14 प्रतिशत है।

एक अनुमान है कि विश्व की जनसंख्या 2010 में 6.8 अरब तथा वर्ष 2025 में 8 अरब तक पहुंच जायेगी। ऐसा माना जा रहा है कि अगले 25 वर्षों में होने वाली कुल जनसंख्या की वृद्धि का 98 प्रतिशत से अधिक (लगभग 2 अरब) भाग विकासशील देशों का होगा। विकसित राष्ट्रों में जहां आज विश्व की 20 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है, वहां वर्ष 2025 में केवल 15 प्रतिशत जनसंख्या ही रहेगी।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए:

  1. 21 वीं सदी के प्रारंभ में विश्व की जनसंख्या कितनी थी?
  2. जनसंख्या के वितरण को कौन से कारक प्रभावित करते हैं?
  3. जनसंख्या घनत्व किसे कहते हैं।
  4. विश्व में उच्च जनसंख्या घनत्व के चार प्रमुख क्षेत्र कौन से हैं?
  5. जनसंख्या वृद्धि से क्या अभिप्राय है?
  6. जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटकों के नाम बताइये।
  7. विश्व जनसंख्या वृद्धि की वर्तमान दर क्या है?

उत्तर:

  1. 21 वीं शताब्दी के प्रारंभ में विश्व की कुल जनसंख्या 6 अरब हो गई थी। जो मात्र एक शताब्दी में ही 1.6 अरब से चार गुणा बढ़ गई थी।
  2. जनसंख्या के वितरण को – (क) भौतिक कारक, (ख) सांस्कृतिक कारक और (ग) राजनीतिक कारक आदि प्रभावित करते हैं।
  3. जनसंख्या वितरण के प्रतिरूप को विश्लेषित करने वाले माप को जनसंख्या का घनत्व कहते हैं। यह किसी भी देश की जनसंख्या तथा क्षेत्रफल के बीच के अनुपात को प्रदर्शित करता है। अंकगणितीय जनसंख्या घनत्व, कुल जनसंख्या को कुल क्षेत्रफल से विभाजित कर प्राप्त करते हैं। यह जनसंख्या के संकेन्द्रण की मात्रा को समझने का सबसे सरल तरीका है।
  4. संसार में 100 व्यक्ति प्रतिवर्ग कि. मी. से अधिक उच्च जनसंख्या घनत्व के चार प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं –
  5. पूर्वी एशिया (चीन, जापान, कोरिया, ताइवान), (ख) दक्षिणी तथा दक्षिण-पूर्व एशिया,
  6. उत्तर-पश्चिमी यूरोप (यूनाइटेड किंग्डम, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, लग्जेमबर्ग, आयरलैंड, डेनमार्क, स्पेन, इटली), और
  7. उत्तर अमेरिका का पूर्वी तट।
  8. जनसंख्या वृद्धि से हमारा अभिप्राय यह है कि – जनसंख्या वृद्धि किसी एक क्षेत्र विशेष में निवासियों की जनसंख्या में, एक निश्चित समय के भीतर जैसे 10 वर्ष में परिवर्तन को दर्शाती है। इस परिवर्तन को कुल संख्या या प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
  9. समय या क्षेत्र के संदर्भ में जनसंख्या के परिवर्तन को निश्चित करने वाले तीन मूल घटक हैं – (क) जन्म-दर, (ख) मृत्यु-दर तथा (ग) प्रवास।
  10. विश्व जनसंख्या वृद्धि की वर्तमान दर 14 प्रतिशत है। एक अनुमान के अनुसार 71 देशों की जनसंख्या 24-30 वर्षों में इसी दर से दोगुनी हो जाएगी।

प्रश्न 5.
विश्व में जनसंख्या वितरण तथा जनसंख्या के घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी पर जनसंख्या के असमान वितरण, घनत्व एवं वृद्धि को अनेक कारकों ने प्रभावित किया है। जनसंख्या के घनत्व और वितरण को प्रभावित करने वाले कारक इस प्रकार हैं –

1. भौतिक कारक:
धरातल पर जनसंख्या के वितरण तथा वृद्धि को प्रभावित करने में भौतिक विशेषताओं का महत्त्वपूर्ण योगदान माना गया है। उच्चावच, जलवायु, मिट्टी, प्राकृतिक वनस्पति, जल, खनिज, संपदा कुछ महत्त्वपूर्ण भौतिक कारक हैं। पर्वतीय तथा उबड़-खाबड़ प्रदेश मानव के रहने के लिए अनुपयुक्त होते हैं। अनुकूल भौतिक पर्यावरण को हमशा ही मानव बसाव में प्रमुखता दी गई है। हजारों वर्ष पहले पश्चिमी एशिया और मिस्र की मरुभूमि, यहां बसने वाली नील, दजला और फरात नदियों के कारण अत्यधिक उपजाऊ भू-भाग थे। इसीलिए यहां प्राचीन सभ्यताओं का विकास हुआ।

चित्र: भारत में जनसंख्या धनत्व

चित्र: भारत में जनसंख्या का वितरण

सामान्यतया मैदानी आर्द जलवायु वाले, उपजाऊ मिट्टियों से युक्त लंबे वर्धन काल वाले प्रदेशों में सघन जनसंख्या पाई जाती है। इसके विपरीत कठोर और विषम जलवायु, अनुवर मिट्टियों वाले प्रदेशों में जनसंख्या विरल पाई जाती है। तथापि भौतिक पर्यावरण में मानवीय परिवर्तन में जनसंख्या वितरण प्रतिरूप को अत्यधिक बदल दिया है।

2. सांस्कृतिक कारक:
जनसंख्या के वितरण में मनुष्य की संस्कृति की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। प्राचीन परम्परायें तथा व्यवहार, धर्म और भाषा भी जनसंख्या के संकेन्द्रण तथा विखराव को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिये, संयुक्त राज्य अमेरिका के विभिन्न भागों में जर्मन, स्पेनिश, फ्रांसिसी तथा चीनी जैसी अलग-अलग राष्ट्रीयताओं के लोगों का जमाव, स्पष्टतः उनकी अपनी पसंद को प्रकट करता है। इस जमाव का मुख्य कारण लोगों का अपनी-अपनी संस्कृति से जुड़ा होना ही है।

3. आर्थिक कारक:
कठिन आर्थिक दशाओं, बेराजगारी, धर्म, जातीय या राजनीतिक असहिष्णुता वर्ग-संघर्ष तथा युद्ध जैसे विभिन्न प्रतिवर्ष कारकों के प्रभाव से लोग एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में प्रवास कर सकते हैं। दूसरी ओर उन्नत आर्थिक अवसर जैसे अपकर्ष कारक लोगों को एक स्थान पर आकर्षित कर सकते हैं। आधुनिक विश्व के विविध बस्ती प्रतिरूप प्रतिकर्ष एवं अपकर्ष कारकों के सम्मिलित प्रभाव को दर्शाते हैं। उदाहरणार्थ – लगभग दस लाख से अधिक आइरिश लोग अपने देश में 1864 के आलू-अकाल के पश्चात उत्तरी अमेरिका में जाकर बस गए इन अप्रवासियों को सस्ती कृषि भूमि और कारखानों में रोजगार मिल गया। उनके मित्रों और रिश्तेदारों के द्वारा उत्तरी अमेरिका में रोजगार के अधिक अवसर होने की खबर यूरोप और एशिया में पहुंची तो प्रवासियों के समूह वहां जाकर बसने लगे। संयुक्त राज्य अमेरिका तथा दूसरे विकसित देशों में आजकल भारत से कम्प्यूटर-विशेषज्ञों (पेशेवर लोगों) का जाना, इस प्रकार का एक अन्य उदाहरण है।

4. राजनीतिक कारक:
आर्थिक कठिनाइयों, राजनीतिक अशांति और युद्ध के कारण जनसंख्या का स्थानांतरण इतिहास की अभूतपूर्व घटना है। विगत दशकों की कुछ घटनाओं ने लाखों-लाख लोगों को शरणार्थी बना दिया है। ऐसी घटनाओं में फारस की खाड़ी का युद्ध, कांगों लोकतांत्रिक गणतंत्र (जायर), इथियोपिया, सूडान और चाड़ के गृहयुद्ध, रवांडा और श्रीलंका के जातीय झगड़े एवं क्रांतिया, हैती की सैनिक क्रांतियाँ, सोवियत संघ का विघटन तथा 15 स्वतंत्र राष्ट्रों का उदय, यूगोस्लाविया तथा चेकोस्लोवाकिया का जातीय विभेद के आधार पर अनेक गणराज्यों में विघटन और चीन का तिब्बत की जनसंख्या पर प्रभाव एवं तिब्बती शरणार्थियों का फैलाव आदि प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय सरकारों के राजनीतिक नियंत्रण एवं नीतियों ने भी जनसंख्या वृद्धि हास अथवा प्रवास को प्रेरित किया है।

संक्षेप में, यह कहा जा सकता है कि वर्तमान जनसंख्या का प्रतिरूप गतिशील है और ये नये-पुराने दोनों ही प्रकार की जनांकिकीय प्रवृत्तियों को प्रतिबिंबित करते हैं। उदाहरणार्थ – चीन, भारत, दक्षिण-पूर्वी एशिया में बड़ी नदियों की घाटियों तथा डेल्टाई भागों में कृषि के उच्च उत्पादन के फलस्वरूप लंबे समय से बहुत बड़ी जनसंख्या का भरण-पोषण हो रहा है। दूसरी ओर पश्चिमी यूरोप तथा उत्तर-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में सघन नगरीय जनसंख्या के बसाव के कारण औद्योगिक-क्रांति, आर्थिक विकास तथा उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के वृहत् स्तर पर हुआ प्रवास है।

प्रश्न 6.
निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:
(क) विश्व जनसंख्या की दो गुणा होने की अवधि
(ख) जनांकिकीय संक्रमण
उत्तर:
(क) विश्व जनसंख्या के दो गुणा होने की अवधि-जनसंख्या वृद्धि में तुलना करने की दूसरी विधि है। इसमें इस बात की गणना की जाती है कि वर्तमान वार्षिक वृद्धि दर पर कोई जनसंख्या कितने वर्षों की अवधि में दो गुणा हो जायेगी। सारणी में, विश्व में कुल जनसंख्या के दो गुणे में लगने वाले समय को दर्शाया गया है। ध्यान से देखें दो गुणे समय में कितनी तेजी से कमी हो रही है। विभिन्न प्रदेशों में जनसंख्या दुगुनी होने के समय में अत्यधिक भिन्नता दिखाई पड़ती है।

सारणी: विश्व जनसंख्या की दुगनी होने की अवधि अवधि

(प्रक्षेपित आंकड़े)

वर्तमान प्राकृतिक वृद्धि के संदर्भ में कुछ चुने गये देशों/प्रदेशों के लिये जनसंख्या के दुगनी होने का समय दिया गया है।

सारणी: चुने गये देशों तथा संसार के प्रमुख प्रदेशों में जनसंख्या के दुगनी होने की अवधि

उपरोक्त आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि विकसित देशों में जनसंख्या के दुगुनी होने की अवधि दी गयी है। वर्तमान की 2 से 2.9 प्रतिशत वृद्धि-दर के अनुसार 71 देशों की जनसंख्या 24-30 वर्षों में दोगुनी हो जायेगी। उसे 4.4 प्रतिशत वृद्धि वाले 14 देशों की जनसंख्या को दो गुनी होने में 16 से 23 वर्ष लगेंगे। विश्व की एक चौथाई जनसंख्या 90 देशों में निवास करती है। जिनकी जनसंख्या एक या दो पीढ़ी में दोगुनी हो जायेगी। भारत एक मध्यम उदाहरण प्रस्तुत करता है यहां वर्तमान वृद्धि-दर 1.9 प्रतिशत है। इसी दर पर देश की एक अरब आबादी को दो अरब होने में 36 वर्ष लगेंगे।

(ख) जनांकिकीय संक्रमण-वर्तमान जनांकिकीय प्रवृत्ति को देखने से यह स्पष्ट होता है कि विकासशील देशों में जनसंख्या वृद्धि का वार्षिक औसत विकसित देशों की तुलना में 20 गुने से भी अधिक है। यद्यपि दोनों ही समूहों में अशोधित मृत्यु-दर भिन्न है, तथापि औसत अशोधित जन्म-दर विकासशील देशों में विकसित देशों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक है। ऐसा क्यों है? नोटेस्टीन नामक जनांकिकीविद ने आर्थिक विकास की प्रक्रियाओं एवं जनसंख्या वृद्धि के बीच एक निकट का संबंध देखा है। जब एक कृषि प्रधान ग्रामीण, समाज प्रौद्योगिकी आधारित नगरीय समाज में बदलता है तब जनांकिकीय प्रवृत्तियों में भी परिवर्तन होता है।

चित्र 2.1 में औद्योगिकरण एवं आर्थिक विकास से संबंधित नगरीकरण प्रक्रिया सह-सम्बन्धित जनसंख्या गत्यात्मकता में परिवर्तन को जनांकिकीय संक्रमण मॉडल के रूप में दर्शाया गया है। प्रथम अवस्था चित्र में आर्थिक विकास की प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले की जनांकिकी प्रवृत्तियों को प्रकट करती है। इससे औद्योगिक विकास से पहले की यूरोप की जनांकिकी, अथवा जापान के उन्नीसवीं सदी के मध्य में या सम्भवत: उष्ण वनों में एकांकी निवास करने वाली एक जनजाति-समुदाय की जनांकिकीय विषमताओं को प्रदर्शित करता है। इस काल की सामान्य विशेषता यह है कि जनसंख्या का आकार छोटा होता है और कुछ समय तक के लिये स्थिर शुद्ध वृद्धि-दर लगभग। प्रतिशत होता है। जन्म तथा मृत्यु-दर दोनों ही बहुत उच्च हैं लेकिन सम्पन्नता के काल में मृत्यु-दर में कमी आती है, जबकि अकाल, महामारियों या युद्ध के समय में इनमें वृद्धि होती है।

आर्थिक व्यवसाय तथा आर्थिक विकास

दूसरी अवस्था:
प्रौद्योगिकी क्रांति के साथ प्रारंभ होती है, जो आर्थिक विकास की प्रारंभिक अवस्था की विशेषता है। अठारहवीं तथा उन्नसवीं सदी के यूरोप और उत्तर अमेरिका में औद्योगिक क्रांति ने परिवहन, कृषि तथा चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतियों को जन्म दिया। इन्होंने सम्मिलित रूप से आर्थिक विकास के स्तर को ऊंचा उठाया। इसके साथ खान-पान, लोक – स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं के उन्नत होने से मृत्यु-दर में तेजी से गिरावट आई। लेकिन जन्म-दर समृद्धि के प्रारम्भिक काल में ऊंची बनी रही। आगे चलकर इसमें भी कमी आने लगी लेकिन धीमी गति से, क्योंकि परिवार के आकार संबंधी सामाजिक-सांस्कृतिक प्रथाओं को बदलती परिस्थितियों के साथ सामंजस्य स्थापित करने में समय परिस्थितयों के साथ सामंजस्य स्थापित करने में समय लगता है जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या वृद्धि तेजी से हुई।

तृतीय अवस्था तृतीय अवस्था में मृत्यु दर नीचे स्तर पर लगभग स्थिर हो जाती है। जबकि जन्म-दर में कमी होने पर भी उसमें उतार-चढ़ाव आता रहता है। जनसंख्या की शुद्ध वृद्धि-दर लगभग शून्य रहती है। दूसरी अवस्था को भी तीन वर्गों में विभाजित करते हैं –

1. काल का प्रारंभ।

2. जनसंख्या विस्फोट का मध्य काल तथा।

3. वृद्धि के चरण के पूरा होने का काल। इस प्रकार कुल मिलाकर जनसंख्या वृद्धि के पांच प्रकार देखे जा सकते हैं। देखें चित्र संसार के सभी देश इस वर्गीकरण में आ जाते हैं। लेकिन विकसित और विकासशील देशों में एक चौथी एक वर्ष में प्रति हजार व्यक्ति पर मृत्यु की संख्या को, अशोधित मृत्यु-दर (CDR) कहते हैं।

4. निरंतर बड़े हो रहे नगर केन्द्रो पर ग्रामीण जनसंख्या का प्रवास, प्रतिकर्षण और अपकर्षण कारकों के कारण होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पाई जाने वाली प्रतिकूल दशाएं जैसे निर्धनता, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन और अन्य सुविधाओं की खराब दशाएं वहां की जनसंख्या को दूसरे स्थानों पर रहने के लिए बाध्य करती हैं। जिसे प्रतिकर्षण कहते हैं। प्रतिकर्षण के विपरीत नगरों तथा लक्षित क्षेत्रों के प्रमुख आकर्षण कारक कहलाते हैं। इनमें उच्च वेतन, सस्ती भूमि, अच्छा-स्तर तथा आर्थिक प्रगति के अवसर शामिल हैं। ऐसे स्थानांतरण के फलस्वरूप ग्रामीण प्रवासियों का अधिकांश भाग नगरों की ओर पलायन करता है। इसके कारण नगरों में बड़ी संख्या में झुग्गी-झोंपड़ी बस्तियों की संख्या बढ़ रही है।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
जनसंख्या के वितरण को कौन से कारक प्रभावित करते हैं,
(A) जनसंख्या वृद्धि
(B) जनसख्या का घनत्व
(C) जनसंख्या घनत्व के क्षेत्र
(D) भौतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक कारक
उत्तर:
(D) भौतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक कारक

प्रश्न 2.
संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व का तीसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। साथ ही यह क्षेत्रफल की दृष्टि से भी विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश है। इसका जनसंख्या घनत्व कितना है?
(A) 20 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
(B) 58 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
(C) 28 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
(D) 18 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
उत्तर:
(C) 28 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी

प्रश्न 3.
रूस को छोड़कर यूरोप के स्वतंत्र देशों में सम्मिलित रूप से कितने लोग रहते हैं।
(A) 50 करोड़
(B) 58.2 करोड़
(C) 104 करोड़
(D) 20 करोड़
उत्तर:
(B) 58.2 करोड़

प्रश्न 4.
भारत में एक हेक्टेयर कृषि भूमि पर कितने व्यक्ति आश्रित हैं?
(A) 5
(B) 1.5
(C) 1.2
(D) 0.4
उत्तर:
(A) 5

प्रश्न 5.
प्रौद्योगिकी ने कौन-कौन से आधुनिक नगरों में कृत्रिम पर्यावरण को जन्म दिया।
(A) लास एंजिल्स
(B) सैनडियागो
(C) कैलिफोर्निया और एरीजोना
(D) सभी नगरों में
उत्तर:
(D) सभी नगरों में

प्रश्न 6.
यूरोप और जर्मनी की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि कितने प्रतिशत है?
(A) 3.3
(B) 2.8
(C) -0.1
(D) -0.6
उत्तर:
(C) -0.1

प्रश्न 7.
लैटिन अमेरिका, बांग्लादेश की जनसंख्या 1.8 प्रतिशत वार्षिक जनसंख्या वृद्धि-दर से कितने वर्षों में दुगुनी हो जायेगी?
(A) 36
(B) 58
(C) 46
(D) 38
उत्तर:
(D) 38

प्रश्न 8.
भारत की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि-दर कितनी है?
(A) 2.0
(B) 1.9
(C) 2.5
(D) 2.6
उत्तर:
(B) 1.9

प्रश्न 9.
2012 ई. में विश्व की जनसंख्या अनुमानित कितनी हो जायेगी?
(A) 800 करोड़
(B) 1000 करोड़
(C) 2000 करोड़
(D) 500 करोड़
उत्तर:
(A) 800 करोड़

प्रश्न 10.
जनसंख्या वृद्धि का परिणाम निम्न में अचानक आई किस गिरावट के कारण से है?
(A) अकाल
(B) बीमारी
(C) युद्ध
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 11.
पृथ्वी पर जनसंख्या अनुमानित कितनी है?
(A) 100 करोड़
(B) 50 करोड़
(C) 200 करोड़
(D) 600 करोड़ से भी अधिक
उत्तर:
(D) 600 करोड़ से भी अधिक

प्रश्न 12.
जनसंख्या परिवर्तन के घटक कौन हैं?
(A) जन्म
(B) मृत्यु
(C) प्रवास
(D) सभी
उत्तर:
(D) सभी

प्रश्न 13.
वह स्थान जहां से लोग गमन करते हैं? क्या कहलाता है?
उत्तर:
उद्गम स्थान।

प्रश्न 14.
प्रवासी जो एक स्थान से बाहर चले जाते हैं क्या कहलाते हैं।

भौगोलिक कुशलताएँ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित देशों के लिए जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि (1995-2000) को प्रदर्शित करने वाले एक उपयुक्त आरेख की रचना कीजिए –
(Prepare a suitable diagram to show the annual growth rate of population (1995-2000) for the following countries)

उत्तर:
उपरोक्त देशों की जनसंख्या वृद्धि दर (1995-2000) निम्नलिखित है –

प्रश्न 2.
विश्व के रेखा मानचित्र पर निम्न को उचित अभाओं द्वारा प्रदर्शित कीजिए: अफ्रीका, एशिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका और ओशीनिया में एक-एक सबसे अधिक घने तथा सबसे विरल जनसंख्या वाले देश।
(On the outline map of the world, show the following with suitable symbols : Mostly densely and lensely populated countries and one each in Africa, Asia, Europe, Latin America and Occenia.
उत्तर:

मानचित्र कार्य

प्रश्न 1.
विश्व के रूपरेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाइए व उनके नाम लिखिए:
(On the outline map of the world show and name the following)

  1. यूरोप और एशिया के ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि दर वाले देश।
  2. तीन प्रतिशत से अधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाले अफ्रीकी देश (मानचित्र देखें) संकेत: तीन प्रतिशत से अधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाले अफ्रीकी देश


मैडगास्कर, नाइजर, रवांडा, सियरालोन, सोमालिया। यूरोप के नकारात्मक जनसंख्या वृद्धि के देश: अल्बनिया, वलगेरिया, क्रोएशिया, चैकोस्लोवालिया, इस्टोनिया, लटाविया, लुथानिया, रोमानिया, स्लावकिया। एशिया: जापान।


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