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Saturday, June 18, 2022

BSEB Class 12 History Colonial Cities Urbanisation Planning and Architecture Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 12th History Colonial Cities Urbanisation Planning and Architecture Book Answers

BSEB Class 12 History Colonial Cities Urbanisation Planning and Architecture Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 12th History Colonial Cities Urbanisation Planning and Architecture Book Answers
BSEB Class 12 History Colonial Cities Urbanisation Planning and Architecture Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 12th History Colonial Cities Urbanisation Planning and Architecture Book Answers


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Bihar Board Class 12th History Colonial Cities Urbanisation Planning and Architecture Textbooks Solutions PDF

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Bihar Board Class 12th History Colonial Cities Urbanisation Planning and Architecture Books Solutions

Board BSEB
Materials Textbook Solutions/Guide
Format DOC/PDF
Class 12th
Subject History Colonial Cities Urbanisation Planning and Architecture
Chapters All
Provider Hsslive


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Bihar Board Class 12 History औपनिवेशिक शहर : नगर, योजना , स्थापत्य Textbook Questions and Answers

उत्तर दीजिए (लगभग 100 से 150 शब्दों में)

प्रश्न 1.
औपनिवेशिक शहरों में रिकॉर्ड्स संभाल कर क्यों रखे जाते थे?
उत्तर:
औपनिवेशिक शहरों में रिकॉर्ड्स संभालकर रखने के कारण –

  1. आंकड़े और जानकारियों के आधार पर शासन को सुचारु रूपसे चलाने के लिए।
  2. व्यापारिक गतिविधि यों का विस्तृत ब्यौरा व्यापार को कुशलता से प्रोन्नत करने के लिए।
  3. शहरों के विस्तार के साथ शहरी नागरिकों के रहन-सहन, आचार-विचार, शैक्षिक जागरूकता, राजनीतिक रूझान आदि का अध्ययन करने के लिए।
  4. किसी स्थान की भौगोलिक बनावट और भू-दृश्यों को भलीभाँति समझने के बाद उन स्थानों पर शहरीकरण, साम्राज्य विस्तार आदि करने के लिए।
  5. जनसंख्या के आकार में होने वाली सामाजिक बढ़ोत्तरी का अध्ययन करके तद्नुसार प्रशासनिक तौर-तरीकों, नियम-कानूनों आदि को बनाने तथा उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए।

प्रश्न 2.
औपनिवेशिक संदर्भ में शहरीकरण के रुझानों को समझने के लिए जगणना संबंधी आँकड़े किस हद तक उपयोगी होते हैं?
उत्तर:
औपनिवेशिक संदर्भ में शहरीकरण के रुझानों को समझने के लिए जगणना संबंधी आँकड़ों का उपयोग –

  1. यह भारत में शहरीकरण की प्रवृत्ति के अनुसार जन-सुविधाएँ, आवाम एवं अन्य व्यवस्था करने में सहायक थे।
  2. इनसे बीमारियों से होने वाली मृत्यु, उम्र, लिंग, जाति एवं व्यवसाय के विषय में जानकारी मिलती है।
  3. औपनिवेशिक काल के वर्गीकरण, विन्यास आदि का गहन अध्ययन करके उपयुक्त निष्कर्ष लेने के लिए भी जनसंख्या के आँकड़े सहायक बनते हैं।
  4. तत्कालीन जनगणना आयुक्तों की आकलन और परिकलन की कमियों को समझकर सही निष्कर्ष तक पहुँचने के लिए।
  5. जनगणना एक ऐसा साधन थी जिसके आधार पर आबादी के विषय में सामाजिक जानकारियों को सरल आँकड़ों में परिवर्तित किया जाता था। परन्तु इस जानकारी में कई भ्रम थे।
  6. इन आंकड़ों के आधार पर ही अंग्रेज छल साधित कानून बनाकर भारतीय जनता को अपने जाल में बुरी तरह फँसा लेते थे सैन्य व्यवस्था भी इसी आधार पर की जाती थी।
  7. जहाँ की आजादी तीव्रता से बढ़ती थी अंग्रेज यह अनुमान लगा लेते थे कि वे इलाके समृद्ध हैं अतः इसी आधार पर भू-राजस्व एवं अन्य करों का निर्धारण करते थे।

प्रश्न 3.
“व्हाइट” और “ब्लैक” टाउन शब्दों का क्या महत्त्व था?
उत्तर:
व्हाइट और ब्लैक टाउन शब्दों का महत्त्व –

  1. औपनिवेशिक शहरों में गोरों (Whites) अर्थात् अंग्रेजों और कालों (Blacks) अर्थात् भारतीयों की अलग-अलग बस्तियाँ होती थीं। उस समय के लेखन में भारतीयों की बस्तियों को “ब्लैक टाउन” और गोरों की बस्तियों को “व्हाइट टाउन” कहा जाता था।
  2. इन शब्दों का प्रयोग नस्ली भेद प्रकट करने के लिए किया जाता था। अंग्रेजों की राजनीतिक सत्ता की मजबूती के साथ ही यह नस्ली भेद भी बढ़ता गया।
  3. इन दोनों बस्तियों के मकानों में भी अंतर होता था। भारतीय एजेंटों और बिचौलियों ने बाजार के आस-पास ब्लैक टाउन में परम्परागत ढंग के दालान मकान बनवाये। सिविल लाइन्स में बँगले होते थे। सुरक्षा के लिए इनके आस-पास छावनियाँ भी बसाई जाती थी।
  4. व्हाइट्स टाउन साफ सुथरे होते थे जबकि ब्लैक टाउन गंदे होते थे। यहाँ बीमारी फैलने का डर होता था।

प्रश्न 4.
प्रमुख भारतीय व्यापारियों ने औपनिवेशिक शहरों में खुद को किस तरह स्थापित किया?
उत्तर:
औपनिवेशिक शहरों में भारतीय व्यापारियों की दशा:
विशेष रूप से बम्बई के व्यापारियों ने अपनी आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत कर ली थी। बम्बई में व्यापार की एक महत्त्वपूर्ण वस्तु अफीम थी। भारतीय व्यापारी और बिचौलियों ने इस व्यापार से बहुत लाभ कमाया। उन्होंने बम्बई की अर्थव्यवस्था को मालवा, राजस्थान और सिंध जैसे अफीम उत्पादक इलाकों के साथ जोड़ दिया। कालांतर में ये व्यापारी पूँजीपति बन गए। पूँजीपति वर्ग में पारसी, मारवाड़ी, कोंकणी, मुसलमान, गुजराती, बनिये, बोहरा, यहूदी आदि विभिन्न समुदायों के लोग थे।

अमेरिका के गृहयुद्ध के समय भारतीय व्यापारियों और बिचौलियों के लिए कपास का व्यापार मुनाफे का सौदा था। भारतीय व्यापारियों ने इसका खूब लाभ उठाया। 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तक भारतीय व्यापारी कॉटन मिल जैसे नए उद्योगों में अपना पैसा लगाने लगे। निर्माण गतिविधियों में भी उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।

प्रश्न 5.
औपनिवेशिक मद्रास में शहरी और ग्रामीण तत्त्व किस हद तक घुलमिल गये थे?
उत्तर:
औपनिवेशिक मदास में शहरी और ग्रामीण तत्त्वों का घुल-मिल जाना:

  1. मद्रास शहर अनेक गाँवों को मिलाकर विकसित किया गया। यहाँ विविध समुदायों के लिए व्यवसाय एवं रोजगार के अवसर थे। अनेक प्रकार के कार्यवाही कई समुदाय मद्रास आकर यहीं बस गए।
  2. प्रारंभ में कंपनी के अधीन नौकरी पाने वालों में स्थानीय ग्रामीण वेल्लालार जाति थे। इन्होंने ब्रिटिश शासन के कारण मिले अवसरों का सर्वाधिक लाभ उठाया।
  3. तेलुगु कोमाटी समुदाय एक शक्तिशाली ताकतवर व्यावसायिक समूह था। इसका शहर के अनाज व्यवसाय पर नियंत्रण था।
  4. पेरियार और वन्नियार गरीब तबके का अधिसंख्यक कामगार वर्ग था । ये सभी लोग मद्रास शहर में ही रच-बस गए। उपर्युक्त तथ्य दर्शाते हैं कि मद्रास एक अर्ध ग्रामीण शहर बन गया था।

निम्नलिखित पर एक लघु निबन्ध लिखिए (लगभग 250 से 300 शब्दों में)

प्रश्न 6.
अठारहवीं शताब्दी में शहरी केन्द्रों का रूपान्तरण किस तरह हुआ?
उत्तर:
अठारहवीं शताब्दी में शहरी केन्द्रों का रूपान्तरण –

  1. मुगल साम्राज्य का पतन होने के साथ ही पुराने नगरों का अस्तित्व समाप्त हो गया और क्षेत्रीय शक्तियों का विकास होने के कारण नये नगर बनने लगे। इनमें लखनऊ, हैदराबाद, सेरिंगपट्म, पूना, नागपुर, बड़ौदा तथा तंजौर आदि उल्लेखनीय हैं।
  2. व्यापारी, प्रशासक, शिल्पकार तथा अन्य व्यवसायी पुराने नगरों से यहाँ आने लगे। यहाँ उनको काम तथा संरक्षण उपलब्ध था। चूँकि राज्यों के बीच युद्ध होते रहते थे इसलिए भाड़े के सैनिकों के लिए भी काम था।
  3. मुगल साम्राज्य के अधिकारियों ने कस्बे और गंज (छोटे स्थायी बाजार) की स्थापना की। इन शहरी केन्द्रों में यूरोपीय कम्पनियों ने भी धाक जमा ली। पुर्तगालियों ने पणजी में, डचों ने मछलीपट्टनम्, अंग्रेजों ने मद्रास तथा फ्रांसीसियों ने पांडिचेरी में अपने व्यापार केन्द्र खोल लिए।
  4. 18 वीं शताब्दी में स्थल आधारित साम्राज्यों का स्थान जलमार्ग आधारित यूरोपीय साम्राज्यों ने ले लिया। भारत में पूँजीवाद और वाणिज्यवाद को बढ़ावा मिलने लगा।
  5. मध्यकालीन शहरों-सूरत, मछलीपट्टनम् तथा ढाका का पतन हो गया।
  6. प्लासी युद्ध के पश्चात् अंग्रेजी व्यापार में वृद्धि हुई और मद्रास, कलकत्ता तथा बम्बई जैसे शहर आर्थिक राजधानियों के रूप में स्थापित हुए।
  7. ये शहर औपनिवेशिक प्रशासन और सत्ता के केन्द्र बन गये।
  8. इन शहरों को नये तरीके से बसाया गया और भवनों तथा संस्थानों का निर्माण किया गया। रोजगार के विकास के साथ ही यहाँ लोगों का आगमन भी तेज हो गया।

प्रश्न 7.
औपनिवेशिक शहर में सामने आने वाले नये तरह के सार्वजनिक स्थान कौन से थे? उनके उद्देश्य क्या थे?
उत्तर:
औपनिवेशिक शहर में सामने वाले नये तरह के सार्वजनिक स्थान और उनके उद्देश्य –

  1. 18 वीं शताब्दी तक मद्रास, कलकत्ता और बम्बई महत्त्वपूर्ण बन्दरगाह बन गये। यहाँ की बस्तियों में वस्तुओं के विशाल भंडार और कई कारखाने भी खुल गए थे।
  2. यूरोपीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा के कारण सुरक्षा के उद्देश्य से बस्तियों का दुर्गीकरण किया गया। भारतीयों की बस्तियाँ किलों से बाहर होती थीं। नस्ली भेदभाव के कारण गोरों के शहर को श्वेत शहर (White Town) और भारतीयों के शहर को ब्लैक शहर (Black Town) कहा जाने लगा।
  3. रेल परिवहन की सुविधा बढ़ने के साथ ही अन्य शहर भी बंदरगाह के शहरों से जुड़ गये। कलकत्ता के बाहरी शहरों में यूरोपियों ने अपनी जूट मिलें खोली ली।
  4. मद्रास की आबादी तृतीयक क्षेत्र या सेवा व्यवसाय (Tertiary Sector) में अधिक लगी हुई थी।
  5. भारत के दो औद्योगिक शहर-कानपुर और जमशेदपुर थे। कानपुर में चमड़े की वस्तुएँ, ऊनी और सूती कपड़े बनते थे जबकि जमशेदपुर में स्टील का उत्पादन होता था। अंग्रेजों के पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण भारत कभी भी एक आधुनिक औद्योगिक देश नहीं बन पाया।

प्रश्न 8.
उन्नीसवीं सदी में नगर नियोजन को प्रभावित करने वाली चिंताएँ कौन-सी थी?
उत्तर:
19 वीं सदी में नगर नियोजन को प्रभावित करने वाली चिंताएँ –

  1. शासक वर्ग के लिए नस्ली भेद-भाव पर आधारित क्लब, रेसकोर्स और रंगमंच बनाए गए थे।
  2. अमीर भारतीय एजेंटों और बिचौलियों के विस्तृत मकान ब्लैक टाउन में थे। वे अंग्रेज स्वामियों को खुश करने के लिए रंगीन पार्टियों करते थे और समाज में हैसियत दिखाने के लिए मंदिर बनवाते थे।
  3. मजदूर वर्ग के लोग शहर के विभिन्न इलाकों में कच्ची झोंपड़ियाँ बनाकर रहते थे। ये अपने यूरोपीय और भारतीय स्वामियों के लिए खाना पकाने, पालकी ढोने, गाड़ी ढोने, चौकीदारी, भारवाहक तथा निर्माण कार्यों और गोदी मजदूर के रूप में कार्य करते थे।
  4. 1857 के विद्रोह से अंग्रेज आशंकित रहने लगे। अपनी सुरक्षा के लिए उन्होंने ‘सिविल लाइन्स’ के नाम से नए शहरी इलाके विकसित किये। इसमें केवल अंग्रेज रहते थे और यहाँ की बस्तियों को छावनियों के रूप में विकसित किया गया।
  5. ब्लैक टाउन में स्वच्छता का अभाव था और शोरगुल होता था। प्रारंभ में अंग्रेजों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया परन्तु 1860-70 में प्लेग और हैजा फैलने के बाद अपने स्वास्थ्य की सलामती के लिए उन्होंने स्वच्छता कार्यों की ओर ध्यान देना आरम्भ किया था।
  6. किन स्थापत्य शैलियों के आधार पर इमारतें और भवन बनवाए जाएँ, यह भी एक चिंता का विषय था। पाश्चात्य स्थापत्य शैली, भारतीय स्थापत्य शैली, ग्रीक रोमन स्थापत्य शैली अथवा गॉथिक शैली विकल्प के रूप में थे।
  7. औपनिवेशिक शासन शहरों के रख-रखाव, सुधार और अन्य कार्यों को लागू करने के लिए पर्याप्त धन की जरूरत थी अत: एक लाटरी कमेटी का गठन किया गया।
  8. यातायात के साधनों की व्यवस्था भी एक समस्या थी।

प्रश्न 9.
नए शहरों में सामाजिक संबंध किस हद तक बदल गए?
उत्तर:
नए शहरों के सामाजिक संबंधों में बदलाव –

  • नये शहरों का सामाजिक जीवन अति सम्पन्नता और अति-निर्धनता का मिश्रित रूप था।
  • यहाँ की जिन्दगी अति व्यस्त थी। यहाँ यातायात के साधन घोड़ा गाड़ी, ट्राम या बस थे काम करने और आवास का स्थान अलग-अलग बनवाया गया था।
  • नए नगरों में टाउन हाल, पार्क, रंगशाला और सिनेमा हॉल जैसे सार्वजनिक स्थल थे।
  • यहाँ कई सामाजिक समूह थे और समान के विभिन्न वर्गों के लोग काम करने के लिए यहाँ आते थे।
  • मद्रास, बम्बई और कलकत्ता के नक्शे पुराने भारतीय शहरों से भिन्न थे। इनमें बनाए गए भवनों पर औपनिवेशिक उद्भव की स्पष्ट छाप थी।
  • अंग्रेजों और यूरोपियों के लिए हिल स्टेशन आदर्श स्थान बन गये थे। यहाँ की इमारतें यूरोपीय स्थापत्य शैली की होती थी। रेल परिवहन शुरू होने के साथ ही हिल स्टेशनों में अनेक प्रकार के लोग पहुँचने लगे थे। भारतीयों ने भी वहाँ रहना शुरू कर दिया।
  • जिन हिल स्टेशनों में चाय और कॉफी के बागान लगाए गए थे, वहाँ बड़ी संख्या में मजदूर आने लगे। इस तरह ये स्थान हिल स्टेशन यूरोपीय लोगों के लिए पर्यटन स्थल ही नहीं बल्कि व्यवसायिक आय का माध्यम भी बन गए थे।
  • मध्यवर्गीय वर्ग-क्लर्कों, शिक्षकों, वकीलों, डाक्टरों, इंजीनियरों और लेखाकार की मांग बढ़ने लगी। यहाँ शिक्षितों की संख्या अधिक थी।
  • समय के अनुसार तेजी से बदलाव आ रहे थे औरतें भी नौकरानी, फैक्ट्री मजदूर, शिक्षिका, रंगकर्मी और फिल्म कलाकारों के रूप में कई कार्य संपन्न कर रही थी।
  • मेहनत वश मजदूर शहरों के आकर्षण से प्रभावित होकर यहाँ रह रहे थे लेकिन उनकी आमदनी इतनी नहीं थी कि वे अपनी जीविका चला सकें।
  • नगरों में नस्ली-भेद-भाव चरम पर था। मद्रास में व्हाइट टाउन और ब्लैक टाउन में क्रमशः यूरोपीय और भारतीय अलग-अलग रहते थे। कम्पनी के लोगों को भारतीयों से विवाह करने की अनुमति नहीं थी।
  • यूरोपीय ईसाई होने के कारण डच और पुर्तगाल के नागरिकों को भी अंग्रेजों के साथ रहने की छूट थी। यूरोपियों के कम संख्या में थे अतः प्रशासकीय कार्य इन लोगों को भी सौंपे गए थे। मद्रास शहर का विकास मुट्ठी भर गोरों की आवश्यकता और सुविधाओ के अनुसार किया जा रहा था।

मानचित्र कार्य

प्रश्न 10.
भारत के नक्शे पर मुख्य नदियों और पर्वत श्रृंखलाओं को पारदर्शी कागज लगाकर रेखांकित करें। बम्बई, कलकत्ता और मद्रास सहित इस अध्याय में उल्लिखित दस शहरों को चिन्हित कीजिए और उनमें से किन्हीं दो शहरों के बारे में संक्षेप में लिखिए कि उन्नीसवीं सदी के दौरान उनका महत्त्व किस तरह बदल गया। उनमें से एक औपनिवेशिक शहर तथा दूसरा उससे पहले का शहर होना चाहिए।
उत्तर:

19 वीं शताब्दी का एक औपनिवेशिक शहर:

1. बम्बई:
बम्बई भारत के पश्चिमी तट पर स्थित एक विशाल बन्दरगाह है। यह शहर सात द्वीपों को मिलाकर बना है। प्रारंभ में यह पुर्तगाल के अधीन था। बंदरगाह होने के कारण यह औपनिवेशिक भारत की व्यापारिक राजधानी थी। 19 वीं शताब्दी तक भारत का आधा निर्यात और आयात इसी बंदरगाह से होता था। इस व्यापार की महत्वपूर्ण वस्तु अफीम थी। यहाँ कई पूँजीपति का विकास हुआ। 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में यह विश्व व्यापार से जुड़ गया। यहाँ पर बनवाई गई अनेक बड़ी इमारतें यूरोपीय शैली पर आधारित थीं।

19 वीं शताब्दी से पहले का एक प्राचीन शहर:

2. दिल्ली:
दिल्ली एक प्राचीन शहर है। यहाँ से महाभारत कालीन अवशेष प्राप्त हुए हैं। उस समय यह शहर इन्द्रप्रस्थ के रूप में जाना जाता था। 17 वीं शताब्दी में इसे शाहजहाँनाबाद कहा जाता था। इसको मुगल सम्राट शाहजहाँ ने बसाया था। यहाँ अनेक बड़ी इमारतें बनायी गईं जिनके अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। अंग्रेजों के शासन काल में नई दिल्ली की नींव रखी गई और 1911 ई. में इसे राजधानी के रूप में चुना गया। आज यह शहर भारत की राजधानी है। दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहाँ संसद सदस्य और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि के आवास और कार्यालय हैं। यहाँ सभी प्रदेशों और संघ राज्यों के निवासी और प्रतिनिधि रहते हैं।

परियोजना कार्य (कोई एक)

प्रश्न 11.
पता लगाइए कि आपके कस्बे या गाँव में स्थानीय प्रशासन कौन-सी सेवाएँ प्रदान करता है। क्या जलापूर्ति, आवास, यातायात और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता आदि सेवायें भी उनके हिस्से में आती हैं? इन सेवाओं के लिए संसाधनों की व्यवस्था कैसे की जाती है? नीतियाँ कैसे बनाई जाती हैं? क्या शहरी मजदूरों या ग्रामीण इलाकों के खेतीहर मजदूरों के पास नीति निर्धारण में हस्तक्षेप का अधिकार होता है? क्या उनसे राय ली जाती है? अपने निष्कर्षों के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 12.
अपने शहर या गाँव में पाँच तरह की इमारतों को चुनिए। प्रत्येक के बारे में पता लगाइये कि उन्हें कब बनाया गया, उनको बनाने का फैसला क्यों लिया गया। उनके लिए संसाधनों की व्यवस्था कैसे की गई, उनके निर्माण का जिम्मा किसने उठाया और उनको बनाने में कितना समय लगा। उन इमारतों के स्थापत्य या वास्तु शैली संबंधी आयामों का वर्णन करिए और औपनिवेशिक स्थापत्य से उनकी समानताओं या भिन्नताओं को चिन्हित कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 12 History औपनिवेशिक शहर : नगर, योजना , स्थापत्य Additional Important Questions and Answers

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
18 वीं शताब्दी के नगरों में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर:
यूरोप, रोम और इटली की स्थापत्य शैली के भवन बनने लगे। बम्बई, मद्रास और कलकत्ता जैसे विशाल ग्राम्य-शहर विकसित हुए तथा परंपरागत शहरों का महत्त्व लगातार घटने लगा।

प्रश्न 2.
मदास, बम्बई और कलकत्ता में अंग्रेज कब बसे और बम्बई उनके अधिकार में कैसे आया?
उत्तर:
1639 में मद्रास तथा 1690 में कलकत्ता में। पुर्तगाली शासक ने अंग्रेज राजकुमार के साथ अपनी पुत्री का विवाह कराते समय बम्बई को दहेज में दिया।\

प्रश्न 3.
भारत में जनगणना कब शुरू हुई?
उत्तर:

  1. अखिल भारतीय जनगणना का प्रथम प्रयास 1872 में किया गया।
  2. 1881 से दशकीय (प्रत्येक 10 साल बाद) जनगणना की एक नियमित व्यवस्था बन गई।

प्रश्न 4.
कस्बा और गंज में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

  1. ग्रामीण इलाके के एक छोटे नगर को कस्बा कहा जाता है। यह सामान्यतः स्थानीय विशिष्ट व्यक्ति का केन्द्र होता है।
  2. एक छोटे स्थायी बाजार को गंज कहा जाता है।

प्रश्न 5.
यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियों ने अपने आधार कहाँ-कहाँ स्थापित किए? उनके क्या प्रभाव पड़े?
उत्तर:

  1. पुर्तगालियों ने 1510 में पणजी में, डचों ने 1605 में मछलीपट्टनम् में, अंग्रेजों ने मद्रास में 1639 में तथा फ्रांसीसियों ने 1973 में पांडिचेरी में अपने आधार स्थापित किए।
  2. इन आधारों में व्यापारिक गतिविधियाँ बढ़ी और इनके आसपास नगर विकसित होने लगे।

प्रश्न 6.
व्हाइट और ब्लैक टाउन में क्या अंतर था?
उत्तर:

  1. ये दोनों शब्द नस्ली-भेदभाव के प्रतीक थे। अंग्रेजों द्वारा उत्पन्न किया गया था। अंग्रेजों ने पुराने कस्बों के आसपास के खेतों और चरागाहों को साफ करवा कर ‘सिविल लाइन्स’ के नाम से आवासीय क्षेत्र बनवाए। इन क्षेत्रों को व्हाइट टाउन कहा गया।
  2. सिविल लाइन के अलावा अन्य क्षेत्रों को ब्लैक टाउन कहा गया। यहाँ भारतीयों के आवास थे परन्तु यहाँ रहन-सहन का स्तर व्हाइट टाउन से निम्न था।

प्रश्न 7.
1853 में रेलवे का आगमन होने के बाद आर्थिक गतिविधि के केन्द्र परम्परागत शहरों से दूर क्यों जाने लगे?
उत्तर:
विदेशी व्यापार बढ़ाने के लिए।

प्रश्न 8.
जनगणना के दो दोष बताइए।
उत्तर:

  1. जनगणना से आबादी के विषय में सामाजिक जानकारियाँ प्राप्त की जाती हैं, परन्तु आबादी को कई वर्गों में बाँटने के कारण ऐसी जानकारियाँ एकदम सही नहीं पाई जाती।
  2. लोगों द्वारा जनगणना के कर्मचारी को सही जानकारी का न दिया जाना।

प्रश्न 9.
मद्रास के नये ब्लैक टाउन की विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:

  1. मद्रास का नया ब्लैक टाउन परम्परागत भारतीय शहरों जैसा ही था। वहाँ मन्दिर और बाजार के आसपास आवासीय मकान बनाये गये थे।
  2. मकान गलियों के किनारे स्थित थे। अलग-अलग गलियों में अलग-अलग जाति के लोग रहते थे। जैसे चिन्ताद्रीपेठ इलाका केवल बुनकरों के लिए था। वासरमेनपेठ में रंगसाज और धोबी रहते थे। रोयापुरम में ईसाई मल्लाह रहते थे जो कम्पनी के लिए काम करते थे।

प्रश्न 10.
औपनिवेशिक काल में यातायात के विकास का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:

  1. औपनिवेशिक काल में घोड़ा गाड़ी, ट्राम और बसों के रूप में यातायात का विकास हुआ। अब नगर के लोग केन्द्र से दूर जाकर भी बस सकते थे।
  2. समय के साथ काम करने और रहने की जगह दोनों एक-दूसरे से अलग होती गई। घर से कार्यालय या फैक्ट्री जाना आसान हो गया।

प्रश्न 11.
राइटर्स बिल्डिंग के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:

  1. अंग्रेजों की ईस्ट इण्डिया कंपनी के मुख्य प्रशासकीय कार्यालय समुद्र तट से दूर बनाये गये। कलकत्ता में स्थित राइटर्स बिल्डिंग इसका उदाहरण था।
  2. यह अंग्रेजों का कार्यालय था। यहाँ राइटर्स का अर्थ क्लर्कों से था। यह ब्रिटिश शासन में नौकरशाही के बढ़ते कद का संकेत था।

प्रश्न 12.
भारतीय नगरों में मजदूर वर्ग की क्या स्थिति थी?
उत्तर:

  1. भारतीय नगरों में मजदूर वर्ग के लोग अपने यूरोपीय और भारतीय स्वामियों के लिए खानसामा, पालकी वाहक, गाड़ीवान, चौकीदार, पोर्टर और निर्माण व गोदी मजदूर के रूप में विभिन्न सेवायें उपलब्ध कराते थे।
  2. वे शहर के विभिन्न इलाकों में कच्ची झोंपड़ियों में रहते थे।

प्रश्न 13.
छावनियों का क्या महत्त्व था?
उत्तर:

  1. छावनियाँ यूरोपीय लोगों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल था। इसके साथ भारतीय कस्बों की धनी और अव्यवस्थित बस्तियों के विपरीत व्यवस्थित शहरी जीवन का एक नमूना था।
  2. छावनियों को सुरक्षित स्थानों के रूप में विकसित किया गया। छावनियों में यूरोपीय कमान के अंतर्गत भारतीय सैनिक तैनात किये जाते थे। यहाँ चौड़ी सड़कें, बड़े बगीचे में बंगले, बैरक, परेड मैदान और चर्च आदि थे।

प्रश्न 14.
पहला हिल स्टेशन कब बना? हिल स्टेशन क्यों बनाये गये?
उत्तर:

  1. पहला हिल स्टेशन शिमला था जिसकी स्थापना गोरखा युद्ध (1815-16) के दौरान किया गया।
  2. हिल स्टेशन फौजियों को ठहरने, सरहद की चौकसी करने और दुश्मन के खिलाफ आक्रमण करने के लिए बनाये गये।

प्रश्न 15.
बम्बई भारत का सरताज शहर कैसे बना?
उत्तर:

  1. 1861 ई. में यह कपास का मुख्य निर्यातक केन्द्र बन गया। इंग्लैण्ड में अमेरिकी गृह युद्ध के कारण वहाँ से कपास नहीं आती थी। इसलिए दक्कन की सारी कपास बम्बई बंदरगाह से भेजी जाती थी।
  2. 1869 में स्वेज नहर खुल गया जिससे विश्व अर्थव्यवस्था के साथ बम्बई के संबंध मजबूत हो गये। इससे बम्बई सरकार और भारतीय व्यापारियों को खूब लाभ हुआ और वह भारत का सरताज शहर बन गया।

प्रश्न 16.
वैलेंज्ली ने कलकत्ता मिनट्स (1803) में किन बातों की ओर ध्यान आकृष्ट किया?
उत्तर:

  1. यह सरकार की बुनियादी जिम्मेदारी है कि वह इस विशाल शहर (कलकत्ता) में सड़कों, नालियों और जलमार्गों में सुधार की समग्र व्यवस्था बनाये।
  2. मकानों तथा सार्वजनिक भवनों के निर्माण व प्रसार के विषय में स्थायी नियम बनाकर और हर प्रकार की गड़बड़ियों को नियंत्रित करने के लिए स्थायी नियम बनाये जिससे स्वास्थ्य, सुरक्षा और सुविधा मिल सके।

प्रश्न 17.
दुबाश लोग कौन थे?
उत्तर:

  1. ये लोग ब्लैक टाउन में रहते थे और स्थानीय भाषा और अंग्रेजी दोनों को बोलना जानते थे।
  2. वे एजेंट और व्यापारी के रूप में कार्य करते थे और भारतीय समाज और गाँवों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाते थे। वे सम्पत्ति एकत्र करने के लिए सरकार में अपनी पहुँच का इस्तेमाल करते थे।

प्रश्न 18.
कलकत्ता का निर्माण कैसे हुआ?
उत्तर:

  1. कलकत्ता को सुतानाती, कोलकाता और गोविन्दपुर नामक तीन गाँवों को मिलाकर बनाया।
  2. इन तीनों के सबसे दक्षिण में पड़ने वाले गोविन्दपुर गाँव की जमीन को साफ करने के लिए वहाँ के व्यापारियों और बुनकरों को हटाने का आदेश जारी कर दिया गया।

प्रश्न 19.
मद्रास (चेन्नई) प्रेसीडेंसी कैसे बनाई गई थी?
उत्तर:

  1. 1801 में लार्ड डलहौजी ने कर्नाटक के पिठू नवाब पर एक नई संधि लाद दी और उसे विवश किया कि वह पेंशन लेकर अपना राज्य कंपनी को सौंप दे।
  2. इस प्रकार मैसूर से मालाबार समेत जो क्षेत्र छीने गये थे, उनमें कर्नाटक को मिलाकर मद्रास प्रेसीडेंसी बनाई गई थी जो 1947 तक जारी रही।

प्रश्न 20.
मध्यकालीन दक्षिण भारत के शहरों की विशेषतायें बताइए।
उत्तर:

  1. दक्षिण भारत, मदुराई और कोचीपुरम् जैसे नगरों का मुख्य केन्द्र मंदिर होता था।
  2. ये नगर महत्त्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र थे।
  3. धार्मिक संस्थानों का सर्वोच्य अधिकारी और मुख्य संरक्षक प्रायः शासक होता था।
  4. धार्मिक त्यौहारों को प्रायः मेलों के रूप में मनाया जाता था।

प्रश्न 21.
ग्रामीण इलाकों और कस्बों में क्या अंतर थे?
उत्तर:

  1. ग्रामीण अंचलों में लोग खेती, जंगलों से संग्रहण या पशुपालन द्वारा जीवन का निर्वाह करते थे। इसके विपरीत कस्बों में शिल्पकार, व्यापारी, प्रशासक तथा शासक आदि रहते थे।
  2. कस्बों और शहरों की किलेबंदी की जाती थी। यह किलेबंदी इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों से अलग करती थी।

प्रश्न 22.
चाल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:

  1. बम्बई में जगह की कमी और भीड़भाड़ को ध्यान में रखकर एक विशेष प्रकार की इमारतें बनवाई गई जिनको चाल कहा गया।
  2. ये बहुमंजिला इमारतें थीं। इनमें एक-एक कमरे वाली आवासीय इकाईयाँ बनाई जाती थीं। इमारत के सभी कमरों के सामने एक खुला बरामदा या गलियारा और बीच में दालान था।
  3. इस प्रकार की इमारतों में बहुत थोड़ी जगह में कई परिवारों के अनेक सदस्य रहते थे। इनके बीच सहयोग और भाईचारा था।

प्रश्न 23.
बम्बई में व्हाइट ब्लाक में इमारतों की विशेषतायें बताइये।
उत्तर:

  1. यहाँ की इमारतें यूरोपीय शैली पर आधारित थीं। इनमें शाही प्रदर्शन दिखाई देता था। एक अनजान देश में जाना-पहचाना सा भूदृश्य रचने और उपनिवेश में भी घर जैसा महसूस करने की अंग्रेजों की चाह इस शैली से प्रतिबिम्बित होती थी।
  2. अंग्रेजों को प्रतीत होता था कि यूरोपीय शैली उनकी श्रेष्ठता, अधिकार और सत्ता की प्रतीक होगी।
  3. वे सोचते थे कि यूरोपीय ढंग की दिखने वाली इमारतों से औपनिवेशिक स्वामियों और भारतीय प्रजा के बीच फर्क और फासला साफ दिखने लगेगा।

प्रश्न 24.
नव गॉथिक शैली तथा इंडो सारसिनिक शैलियों के दो-दो भवनों का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. नव गॉथिक शैली: यूनिवर्सिटी हाल, विक्टोरिया टर्मिनस।
  2. इंडो-सारसिनिक शैली: गेटवे आफ इंडिया, ताज महल होटल।

प्रश्न 25.
जनगणना में कौन सी कमियाँ थी?
उत्तर:

  1. जनगणना के आंकड़े किसी पूर्वाग्रह से प्रेरित हो सकते हैं।
  2. ये आंकड़े कई महत्त्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी नहीं देते हैं। जिन तथ्यों की ये जानकारी देते हैं, हो सकता है कि वे भी सही न हों।

प्रश्न 25.
19 वीं शताब्दी में बम्बई और कलकत्ता में उद्योगों की स्थापना के क्या कारण थे?
उत्तर:

  1. इन नगरों की जनसंख्या अधिक थी इसलिए यहाँ सस्ता श्रम उपलब्ध था।
  2. ये नगर रेलवे नेटवर्क द्वारा शेष भारत से जुड़े हुए थे। यहाँ देश के विभिन्न भागों से बड़ी मात्रा में निर्यात के लिए कच्चा माल आता था।

प्रश्न 26.
औपनिवेशिक काल में बम्बई, कलकत्ता तथा मद्रास में जनसंख्या वृद्धि के क्या कारण थे?
उत्तर:

  1. इन नगरों में रोजगार के अधिक अवसर थे।
  2. ये नगर प्रशासन और सत्ता के केन्द्र थे।
  3. इनमें नये भवनों तथा संस्थानों का विकास हुआ।

प्रश्न 27.
कलकत्ता की लॉटरी कमेटी (1817) क्या थी?
उत्तर:

  1. लॉटरी कमेटी लॉटरी बेचकर नगर नियोजन के लिए पैसा एकत्र करती थी।
  2. लार्ड वैलेज्ली के जाने के बाद कलकत्ता नगर के नियोजन का कार्य सरकार की सहायता से इसी कमेटी ने किया।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
18 वीं शताब्दी की व्यापार व्यवस्था में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर:
18 वीं शताब्दी की व्यापार व्यवस्था में परिवर्तन –

  1. मुगल साम्राज्य के अधि कारियों ने कस्बे और गंज की स्थापना की। इन शहरी केंद्रों में यूरोपीय कंपनियों ने भी धाक जमा ली। इनमें पुर्तगाली, डच, अंग्रेजी और फ्रांसीसी मुख्य थे।
  2. यहाँ व्यापारिक केन्द्रों के साथ-साथ नगर भी विकसित किये गये।
  3. भारत में पूँजीवाद और वाणिज्यवाद को बढ़ावा मिलने लगा। मध्यकालीन शहरों यथा-लाहौर, दिल्ली तथा आगरा का महत्त्व कम होने लगा।
  4. प्लासी युद्ध के पश्चात् अंग्रेजी व्यापार में वृद्धि हुई और मद्रास, कलकत्ता और बम्बई जैसे शहर आर्थिक राजधानियों के रूप में स्थापित हुए।

प्रश्न 2.
औपनिवेशिक काल की जनगणना में क्या दोष थे?
उत्तर:

  1. जनगणना के द्वारा समसामयिक सामाजिक जानकारियाँ प्राप्त की जाती हैं परन्तु अनेक लोग इस प्रक्रिया में मदद नहीं देते थे या जनगणना आयुक्तों को गलत जवाब देते थे।
  2. ऊँची जाति के लोग अपने घर की औरतों के बारे में जानकारी देने से हिचकते थे। उनके बारे में सार्वजनिक दृष्टि या सार्वजनिक जाँच को सही नहीं माना जाता था।
  3. शहरों के लोग अपनी पहचान वास्तविक से ऊँची हैसियत की देते थे। फेरी लगाने वाले या काम न रहने पर मजदूरी करने वाले लोग जनगणना कर्मचारी को यह बताते थे कि वे व्यापारी हैं।
  4. मृत्युदर और बीमारियों से संबंधित आंकड़ों को एकत्र करना भी असंभव था। क्योंकि लोग इसकी सूचना नहीं देते थे।
  5. इतिहासकारों को जनगणना जैसे स्रोतों का भारी एहतियात से इस्तेमाल करना पड़ता है और आंकड़ों की सावधानी से जॉच करनी पड़ती है।

प्रश्न 3.
नक्शों के गुण-दोषों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
नक्शे के गुण-दोष:

  1. सर्वेक्षण पद्धतियों और वैज्ञानिक औजारों के विकास तथा ब्रिटिश सरकार की आवश्यकताओं ने मानचित्रों की बड़ी सावधानी के साथ तैयार करने पर बल दिया।
  2. सर्वे ऑफ इंडिया (भारत सर्वेक्षण) द्वारा अनेक नक्शे बनाये गये। इसका गठन 1878 ई. में हुआ। उसक समय तैयार किये गये नक्शों से हमें पर्याप्त जानकारी मिलती है।
  3. नक्शों से अंग्रेज शासकों की सोच में निहित भेदभाव भी उजागर हो जाता है। उदाहरण के लिए-शहर में गरीबों की बड़ी-बड़ी बस्तियों को नक्शे पर चिन्हित नहीं किया गया क्योंकि शासकों के लिए ये महत्त्वहीन थे।
  4. इससे यह भी ज्ञात हुआ कि नक्शे पर मौजूद रिक्त स्थान अन्य विकास योजनाओं के लिए उपलब्ध हैं।

प्रश्न 4.
19 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में औपनिवेशिक शहरों के स्वरूप में क्या बदलाव आया?
उत्तर:
19 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में औपनिवेशिक शहरों के स्वरूप में बदलाव –

  1. 1857 के विद्रोह के पश्चात् अंग्रेज भारतीयों से आशंकित रहने लगे। उन्होंने वे अपनी बस्तियाँ अलग बनाने का निश्चय किया।
  2. पुराने कस्बों के आसपास मौजूद चरागाहों और खेतों को साफ कर दिया गया और सिविल लाइन्स नाम से नए शहरी इलाके विकसित किये गये। यहाँ केवल गोरों को बसाया गया।
  3. छावनियों को सुरक्षित स्थानों के रूप में विकसित किया गया। यहाँ यूरोपीय कमान के अंतर्गत भारतीय सैनिक तैनात किये गये। ये मुख्य शहर से जुड़े थे और यूरोपीयों के लिए पूर्णतः सुरक्षित स्थान थे।
  4. सिविल लाइन्स को स्वास्थ्यप्रद बनाया गया।

पश्न 5.
औपनिवेशिक भारत में उद्योगों के विकास की स्थिति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में औद्योगिक विकास की स्थिति –

  1. रेलवे नेटवर्क का विस्तार होने पर अनेक शहर बंदरगाहों से जुड़ गये।
  2. कई शहरों में कच्चा माल और सस्ते श्रमिकों का आवागमन आसान हो गया और फलस्वरूप वहाँ कारखाने लगाए जाने लगे।
  3. 1850 के दशक के बाद भारतीय व्यापारियों और उद्यमियों ने बम्बई में सूती कपड़ा मिलें लगाईं। कलकत्ता के बाहरी इलाकों में यूरोपियों के स्वामित्व वाली जूट मिलें खोली गईं। यह भारत में आधुनिक उद्योगों के विकास की शुरूआत थी।
  4. यद्यपि कलकत्ता, बम्बई और मद्रास आर्थिक दृष्टि से मजबूत हो चुके थे परन्तु उनकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से फैक्टरी उत्पादन पर आधारित नहीं थी। यहाँ की अधिकांश आबादी तृतीयक व्यवसाय में लगी थी। कानपुर और जमशेदपुर ही औद्योगिक नगरों की गिनती में थे।

प्रश्न 6.
औपनिवेशिक शासन में हिल स्टेशनों की स्थापना क्यों की गई?
उत्तर:
हिल स्टेशनों की स्थापना के कारण –

  1. ये हिल स्टेशन फौजियों को ठहराने, उनका ईलाज करवाने, सीमा की देख-रेख करने और शत्रु पर आक्रमण करने के लिए महत्त्वपूर्ण स्थान थे।
  2. हिल स्टेशनों की जलवायु इंग्लैण्ड की जलवायु जैसी ठंडी और मृदु थी।
  3. गर्म मौसम में बीमार होने के भय से वे इन हिल स्टेशनों में समय बिताना आवश्यक समझते थे।
  4. इन हिल स्टेशनों को सेनेटोरियम के रूप में भी विकसित किया गया। सिपाहियों को यहाँ विश्राम करने और इलाज करने के लिए भेजा जाता था।
  5. हिल स्टेशन ऐसे अंग्रेजों और यूरोपियनों के लिए भी आदर्श स्थान थे जो अपने घर जैसी मिलती-जुलती बस्तियाँ बसाना चाहते थे। उनकी इमारतें यूरोपीय शैली की होती थीं।

प्रश्न 7.
अंग्रेजों ने भारत में सफाई एवं स्वच्छता पर क्यों ध्यान दिया?
उत्तर:
अंग्रेजों द्वारा भारत में सफाई एवं स्वच्छता पर ध्यान देने के कारण –

  1. ब्लैक टाउन प्रायः गंदे रहने के कारण वहाँ प्लेग और हैजा जैसी फैली और हजारों लोगों की मृत्यु हो गई।
  2. ब्रिटिश अधिकारियों को भय था कि कहीं ये बीमारियाँ ब्लैक टाउन से व्हाइट टाउन में न फैल जाएँ।

प्रश्न 8.
औपनिवेशिक शहरों में कामगारों या श्रमिकों की स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
औपनिवेशिक शहरों में कामगारों की स्थिति –

  1. ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और बेरोजगार लोग काम की खोज में शहरों की ओर कूच कर रहे थे।
  2. कुछ लोगों को शहरं में नए अवसरों का स्रोत दिखाई दे रहा था जबकि कुछ अन्य को एक भिन्न जीवन शैली का आकर्षण खींच रहा था।
  3. शहर में खर्च की लागत को कम करने के लिए अधिकांश पुरुष प्रवासी अपना परिवार गाँव में छोड़कर आते थे।
  4. शहर की जिंदगी मजदूरों के लिए संघर्षपूर्ण थी। नौकरी अस्थाई थी, खाना महंगा था और आवास का खर्च उठाना मुश्किल था। इन कठिनाइयों के बावजूद कामगारों ने वहाँ प्रायः अपनी एक अलग जीवंत शहरी संस्कृति रच ली थी।
  5. वे धार्मिक त्यौहारों, तमाशों और स्वांग आदि में उत्साहपूर्वक हिस्सा लेते थे जिनमें प्रायः उनके भारतीय और यूरोपीय मालिकों का मजाक उड़ाया जाता था।

प्रश्न 9.
नए शहरों में औरतों के सामाजिक बदलाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
नए शहरों के महिला समाज में बदलाव –

  1. शहरों में औरतों को नये अवसर प्राप्त हुए। पत्र-पत्रिकाओं, आत्मकथाओं और पुस्तकों के माध्यम से मध्यवर्गीय औरतें खुद को अभिव्यक्त करने का प्रयास कर रही थीं।
  2. अब औरतें परम्परा से हटकर कार्य कर रही थीं। रूढ़िवादियों को यह भय सताने लगा कि इससे पुरुषों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।
  3. यहाँ तक कि सुधारक भी औरतों की शिक्षा के समर्थक होने के बावजूद उन्हें उच्च शिक्षित नहीं देखना चाहते थे। वे औरतों को माँ और पत्नी की परम्परागत भूमिका में देखना चाहते थे और उनका घर से बाहर निकलना उनके लिए गंवारा नहीं था।
  4. आगे चलकर सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की उपस्थिति बढ़ने लगी। वे फैक्ट्री मजदूर, नौकरानी, शिक्षिका, रंगकर्मी और फिल्म कलाकार के रूप में शहर के नए व्यवसायों में दाखिल होने लगी।

प्रश्न 10.
गारेर मठ क्या था? इसका क्या महत्त्व था?
उत्तर:
गारेर मठ:

  1. कलकत्ता में नवनिर्मित फोर्ट विलियम के आसपास एक विशाल जगह छोड़ दी गई जिसे स्थानीय लोग मैदान या गारेर मठ कहने लगे थे।
  2. खाली मैदान रखने का उद्देश्य यह था कि अगर शत्रु की सेना किले की ओर बढ़े तो उस पर किले से बिना किसी बाधा के गोलीबारी की जा सके।
  3. जब कलकत्ता में अंग्रेजों की स्थिति मजबूत हो गयी तो वे फोर्ट से बाहर मैदान के किनारे पर आवासीय इमारतें बनाने लगे।
  4. फोर्ट के आस-पास की विशाल खुली जगह (जो अभी भी मौजूद है) यहाँ की एक पहचान बन गई। यह कलकत्ता में नगर नियोजन की दृष्टि से प्रथम उल्लेखनीय काम था।

प्रश्न 11.
मद्रास में कौन-कौन से समुदाय आकर बस गये?
उत्तर:
मदास में बसने वाले समुदाय:
मद्रास में विविध समुदाय बसे थे जो निम्नलिखित हैं:

  1. दुबाश: ये ऐसे भारतीय थे जो स्थानीय भाषा और अंग्रेजी दोनों बोलना जानते थे। वे एजेंट और व्यापारी के रूप में काम करते थे और भारतीय समाज व गोरों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाते थे।
  2. वेल्लालार: यह एक स्थानीय ग्रामीण जाति थी। इसने ब्रिटिश शासन के मौकों का लाभ उठाया।
  3. तेलुगु कोमाटी समुदाय: यह एक ताकतवर व्यावसायिक समूह था। इसका शहर की अनाज व्यवस्था पर नियंत्रण था।
  4. पेरियार और वन्नियार: यह गरीब कामगार वर्ग था। ये मुस्लिम आबादी के मुख्य केन्द्र थे।

प्रश्न 12.
मद्रास में व्हाइट टाउन की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
मद्रास में व्हाइट टाउन की प्रमुख विशेषताएँ –

  1. मद्रास में व्हाइट टाउन सेंट जार्ज किले के आस-पास केन्द्रित था। वहाँ अधिक यूरोपीय रहते थे।
  2. दीवारों और बुओं से इसे एक खास किस्म की घेरेबंदी का रूप दे दिया गया था।
  3. किले के भीतर निवास करने का निर्णय रंग और धर्म के आधार पर किया जाता था। कंपनी के लोगों को भारतीयों के साथ विवाह करने की अनुमति नहीं थी।
  4. यूरोपीय ईसाई होने के कारण डच और पुर्तगालियों को वहाँ रहने की छूट थी। प्रशासकीय और न्यायिक व्यवस्था की संरचना भी गोरों के पक्ष में थी।
  5. संख्या की दृष्टि से कम होते हुए भी यूरोपीय लोग शासक थे और मद्रास का विकास शहर में रहने वाले नाम-मात्र की जरूरतों और सुविधाओं के अनुसार किया जा रहा था।

प्रश्न 13.
भवन निर्माण की नव-गॉथिक शैली की क्या विशिष्टताएँ थी?
उत्तर:
नव-गॉथिक शैली की विशेषताएँ:

  1. इसमें ऊँची उठी हुई छतें, नोकदार मेहराबें और बारीक साज-सज्जा होती थी।
  2. इस शैली का जन्म इमारतों में विशेषरूप से गिरिजाघरों से हुआ था। ये गिरिजाघर मध्यकाल में उत्तरी यूरोप में बनाए गए थे।
  3. नव-गॉथिक शैली को इंग्लैण्ड में 19वीं सदी के मध्य में दोबारा अपनाया गया।
  4. औपनिवेशिक सरकार ने बम्बई में बुनियादी ढाँचे का निर्माण करवाते समय इसी शैली को चुना।
  5. इस शैली में निर्मित इमारतें बम्बई का सचिवालय, बम्बई विश्वविद्यालय और उच्च न्यायालय हैं।

प्रश्न 14.
अंग्रेज उपनिवेश बनाने का खर्च भारत से उगाहते थे उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर:
उपनिवेश बनाने का खर्च:
ब्रिटिश कम्पनी का भारत में शासन करने का उद्देश्य यहाँ की संपदा और संसाधनों के शोषण करने का था। वह आरम्भ से ही इस नीति पर आश्रित थी कि भारतीय उन्हें इस देश को जीतने का खर्च स्वयं दें। उदाहरण के लिए कम्पनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 1683 में मद्रास के अधिकारियों को लिखा-‘हमारी इच्छा है कि आप धीरे-धीरे नगर (मद्रास) को किलाबंद करें और किले को इतना मजबूत बनाएँ कि वह किसी भारतीय राजा या भारत में डच शक्ति के आक्रमण के सामने अडिग रहे। हम आप से यह भी चाहते हैं कि आप अपना काम इस प्रकार जारी रखें कि नगर निवासी ही सारी मरम्मत और किलाबंदी का खर्च उठायें।

प्रश्न 15.
औपनिवेशिक काल में लॉटरी कमेटी का क्या महत्त्व था?
उत्तर:
औपनिवेशिक काल में लॉटरी कमेटी –

  1. कलकत्ता में नगर नियोजन के कार्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार की लॉटरी कमेटी की सहायता ली गई।
  2. लॉटरी कमेटी का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि नगर सुधार के लिए पैसे की व्यवस्था जनता के बीच लॉटरी बेचकर की जाती थी।
  3. वस्तुतः शहर के विकास के लिए धन की व्यवस्था करना नागरिकों की जिम्मेदारी मानी जाती थी न कि सरकार की। इसलिए लॉटरी कमेटी की स्थापना की गई।
  4. लॉटरी कमेटी की प्रमुख गतिविधियों में शहर के हिन्दुस्तानी आबादी वाले हिस्से में सड़क निर्माण और नदी किनारे ‘अवैध कब्जे’ हटाने जैसे कार्य शामिल थे।

प्रश्न 16.
16 वीं तथा 17 वीं शताब्दियों में मुगलों द्वारा बसाये गए शहरों की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
16 वीं तथा 17 वीं शताब्दियों में मुगलों द्वारा बसाये गए शहरों की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ –

  1. 16 वीं तथा 17 वीं शताब्दियों में मुगलों द्वारा बसाये गए शहरों में घनी जनसंख्या थी।
  2. यहाँ के विशाल भवन और पुष्पों के बाग शाही समृद्धि के द्योतक थे।
  3. आगरा, दिल्ली और लाहौर शाही प्रशासन तथा सत्ता के महत्त्वपूर्ण केन्द्र थे। साम्राज्य के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में रहने वाले मनसबदारों और जागीरदारों का इन सत्ता केन्द्रों में आवास निर्माण करना उनकी प्रतिष्ठा का मानक था।
  4. इन नगरों के शिल्पकार कुलीनवर्ग के परिवारों के लिए विशेष प्रकार के हस्तशिल्प का उत्पादन करते थे। शहर के बाजारों में ग्रामीण अंचलों से निवासियों और सेना के लिए अनाज लाया जाता था।
  5. राजकोष भी शाही राजधानी में ही स्थित था इसलिए राज्य का राजस्व नियमित रूप से राजधानी में ही आता रहता था।
  6. सम्राट एक किलेबंद महल में रहता था और नगर एक दीवार से घिरा था। इसमें अलग-अलग द्वारों से आवागमन पर नियंत्रण रखा जाता था।

प्रश्न 17.
रेलवे के आरम्भ से शहरीकरण की प्रक्रिया किस प्रकार तेज हुई?
उत्तर:
रेलवे और शहरीकरण की प्रक्रिया –

  1. अंग्रेजों के लिए इस देश से कच्चा माल ले जाना सुगम हो गया क्योंकि रेलमार्ग उत्पादन केन्द्रों को मुख्य बन्दरगाहों से जोड़ते थे।
  2. रेलमार्गों के विकास के कारण कम्पनी के आयात और निर्यात व्यापार को बढ़ावा मिला।
  3. रेलमार्गों के कारण ही अंग्रेजी प्रशासन में दृढ़ता आई और अंग्रेजों के लिए भारत पर शासन करना सरल हो गया। अब सैनिकों को शीघ्र तथा सुरक्षापूर्वक एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता था।
  4. अंग्रेजों के लिए उत्तरी-पश्चिमी भारत पर अधिकार दृढ़ करना सरल हो गया।
  5. रेलों के आरम्भ होने से आधुनिक उद्योग स्थापित करने में सुविधा रही।

प्रश्न 18.
उत्तर-पूर्वी राज्यों को हिल स्टेशनों की खानें क्यों कहा जाता है?
उत्तर:

  1. उत्तर: पूर्वी राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा तथा मिजोरम आते हैं, जो पहाड़ियों से भरे पड़े हैं।
  2. ये अधिकांश राज्य बहुत सुन्दर प्राकृतिक दृश्यों से घिरे हैं। यहाँ कई छोटी-छोटी नदियाँ, झरने और सुन्दर वन हैं।
  3. यहाँ कई प्रकार के जंगली पशु-पक्षी मिलते हैं।
  4. इन दृश्यों में देशी और विदेशी दोनों प्रकार के पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है।
  5. जम्मू-कश्मीर राज्य भी अपने रमणीक स्वास्थ्यवर्धक स्थलों और घाटियों के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 19.
“ब्रिटिश सरकार ने अपनी जाति श्रेष्ठता जताने के लिए सोच समझकर मद्रास शहर का विकास किया।” उचित तर्क देकर इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:

  1. मद्रास के किले में रहने का निर्णय रंग और धर्म के आधार पर लिया जाता था।
  2. कंपनी के लोगों को भारतीयों के साथ विवाह करने की अनुमति नहीं थी। यूरोपीय ईसाई होने के कारण डचों और पुर्तगालियों को वहाँ रहने की छूट थी।
  3. फोर्ट सेंट जार्ज, व्हाइट टाउन का केन्द्र बन गया। वहाँ अधिकतर यूरोपीय रहते थे। दीवारों और बुजों ने इसे एक विशेष प्रकार की घेरेबंदी प्रदान की।
  4. मद्रास का विकास वहाँ रहने वाले मुट्ठी भर गोरों की आवश्यकताओं और सुविधाओं को ध्यान में रखकर किया गया था।
  5. ब्लैक टाउन का विकास किले के बाहर हुआ था। इस आबादी को भी सीधी पहाड़ियों में बसाया गया था जो कि औपनिवेशिक शहरों की मुख्य विशेषता थी।
  6. प्रशासकीय और न्यायिक व्यवस्था भी गोरों के पक्ष में थी। संख्या की दृष्टि से कम होते हुए भी यूरोपीय लोग शासक थे।

प्रश्न 20.
बम्बई के सार्वजनिक भवनों के निर्माण में अंग्रेजों द्वारा प्रयोग में लाई गई किन्हीं दो वास्तुकला शैलियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
बम्बई के सार्वजनिक भवनों के निर्माण में अंग्रेजों द्वारा प्रयोग में लाई गई दो मुख्य शैलियाँ निम्नलिखित हैं –

  1. नव शास्त्रीय शैली (New Classic Style)
  2. गॉथिक शैली (Gothic Style)

1. नव शास्त्रीय शैली:
इस शैली में बड़े-बड़े स्तम्भों के पीछे रेखागणितीय संरचनायों का निर्माण किया जाता था। इस शैली का उद्भव मूल रूप से प्राचीन रोम की भवन निर्माण शैली से हुआ था। भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के लिए उसे विशेष रूप से अनुकूल माना जाता था। 1833 ई. में बम्बई का टाउन हॉल इसी शैली के अनुसार बनाया गया था। 1860 के दशक में बनाई गयी अनेक व्यावसायिक इमारतों के समूह को एल्फिस्टन सर्कल कहा जाता था। बाद में इसका नाम बदलकर हॉर्निमान सर्कल रख दिया गया था।

2. गॉथिक शैली:
गॉथिक शैली का जन्म विशेष रूप से मध्यकालीन गिरजाघर से हुआ था। इस शैली को इंग्लैंड में 19 वीं शताब्दी के मध्य में दोबारा अपनाया था। इस शैली की इमारतों में ऊँची उठी हुई छतें, नोकदार मेहराबें और बारीक साज सज्जा दिखाई पड़ती है। सचिवालय, बम्बई विश्वविद्यालय और उच्च न्यायालय जैसी कई शानदार इमारतें इसी शैली में बनाई गईं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
कलकत्ता के विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कलकत्ता (कोलकाता) का वर्णन:

  • कलकत्ता शहर तीन गाँवों सूतानाती, कोलकाता और गोविंदपुर को मिला कर बनाया गया था।
  • अंग्रेजों ने अनेक क्षेत्रों के पुराने बुनकरों और कारीगरों को हटने का आदेश दिया। शहर के मध्य नये बनाये गये फोर्ट विलियम के आस-पास के विशाल मैदान को खाली जगह के रूप में छोड़ दिया गया।
  • लार्ड वैलेज्ली ने 18वीं शताब्दी के अन्तिम वर्षों में अपने लिए गवर्नमेंट हाउस के नाम एक विशाल महल बनवाया जो अंग्रेजी सत्ता का प्रतीक माना जाने लगा।
  • वैलेन्ली कलकत्ता के आस-पास के जंगलों, गंदे तालाबों, जल निकासी की खस्ता हालात और बदबू फैलाने वाले गंदे पानी के ठहराव को देखकर बहुत चिंतित हो गया था। इसलिए स्वच्छता की दृष्टि शहर के बीचों-बीच में खुले स्थान छोड़े गये।
  • अनेक बाजारों, घाटों, कब्रिस्तानों और चमड़े साफ करने की इकाइयों को हटा दिया गया।
  • शहर को साफ करने के लिए 1817 में ‘लाटरी कमेटी’ का गठन किया गया। इस कमेटी ने शहर में स्वास्थ्य और सफाई के लिए एक नया नक्शा बनवाया।
  • सड़क निर्माण और अवैध बस्तियों को हटाने का कार्य शुरू किया गया।
  • भयंकर बीमारियों के दिनों में सरकार ने बड़ी मात्रा में स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करके कलकत्तावासियों की सहायता की।
  • जिन बस्तियों में सूर्य की रोशनी और साँस लेने के लिए हवा का प्रबंध नहीं था। वहाँ गंदे बस्तियों को उखाड़ फेंकने का कार्य किया गया।
  • तीनों औपनिवेशिक शहरों में नियोजन कार्य के अंतर्गत विशाल और भव्य इमारतें बनाई गईं।
  • राइटर्स नाम बिल्डिंग अंग्रेजों द्वारा कलकत्ता में बनाई गई। मूल रूप से उसे ईस्ट इंडिया कंपनी के नौकरों के लिए बनाया गया था ताकि जब वे भारत में आएँ तो उन्हें इसमें ठहराया जा सके। बाद में इसका उपयोग प्रशासनिक कार्यालय के रूप में किया जाने लगा।
  • कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण (Calcutta Mahanagar Development Authority) के 1600 करोड़ रुपये की लागत वाले कोलकाता वृहत् नगर कार्यक्रम पर काम चल रहा है। इन योजनाओं में 1267.35 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। इनमें से 18 परियोजनायें पूर्ण हो चुकी हैं।

प्रश्न 2.
बम्बई या मुम्बई नगर के विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
बम्बई या मुम्बई नगर का विकास:
वर्तमान मुम्बई का नाम मुंबादेवी के नाम से लिया गया है। यह नगर सात द्वीपों को मिलाकर विकसित हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि मुंबई में सबसे पहले व्यापारी तथा कृषक, चौदहवीं शताब्दी के मध्य में आकर बसे। ऐलीफेंटा की गुफाएँ तथा बालेश्वर मंदिर के भवन का एक भाग इसी काल में बनाए गए थे।

भारत में पुर्तगाली बस्तियों के राज्यपाल फ्रांसिस अल्मेड़ा (Francis Almeda) ने 1534 ई. में गुजरात के शासक बहादुरशाह से मुंबई के मुख्य द्वीप छीन लिए थे। उसने बेंसिन (Bassein) के स्थान पर एक दुर्ग बनाया। बांद्रा में सेंट एंड्रयू चर्च भी इसी काल में बनाया गया था। 1961 ई. में इंग्लैण्ड के सम्राट चार्ल्स द्वितीय को मुंबई द्वीप पुर्तगाल की राजकुमारी के साथ विवाह में दहेज स्वरूप मिला।

चार्ल्स द्वितीय ने इसको ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दिया था। ईस्ट इंडिया कंपनी ने जार्ज ओक्सेंडन को मुंबई नगर का प्रथम राज्यपाल (Governor) नियुक्त किया। मुंबई के दूसरे गवर्नर गेरॉल्ड गियर (Gerald Aungier) ने इस द्वीप को एक व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित किया। उसने निपुण श्रमिकों तथा व्यापारियों को इस ब्रिटिश बस्ती में बसने के लिए कई रियायतें प्रदान की। इन अवसरों का लाभ, गुजराती, पारसी, बोहरा, यहूदी तथा सूरत तथा डियू (Dew) जैसे भारतीय बनिया वर्ग ने लिया। मुंबई की जनसंख्या 1661 में 10,000 से बढ़कर 1675 ई. में 60,000 हो गई।

अंग्रेजों ने 1817 ई. में मराठों पर विजय पाने के पश्चात् मुंबई में बड़े पैमाने पर भूमि का सुधार करके उद्योग स्थापित किए। 1784 से लेकर 1845 तक का काल मुंबई के विकास का स्वर्ण काल था जब इन साठ वर्षों में सात द्वीपों को जोड़कर इसको एक महानगर बना दिया गया। इस काल में एक नियमित नागरिक प्रशासन स्थापित किया गया। 1853 ई. में थाणे और मुंबई के बीच 36 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का उद्घाटन किया गया। यह भारत में सबसे पहली रेलवे लाइन थी। इसके चार वर्ष पश्चात् मुंबई में पहली कपड़ा मिल की स्थापना की गई। इन कपड़ा मिलों के स्थापित होने से बहुसंख्या में मराठी श्रमिक मुंबई की (slums) में बस गए। अब नगर ने एक निश्चित आकार ले लिया था।

1857 ई. में भारतीयों ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया परन्तु उनका निर्दयता से दमन कर दिया गया। चार्ल्स फोरजेट (Charles Forjett) ने बहुसंख्यक भारतीयों को यह झूठा आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया कि उन्होंने दिवाली के अवसर पर मुंबई को बम से उड़ाने का षड्यंत्र बनाया था। कुछ निर्दोष लोगों को तोप से उड़ा दिया गया।

1861 ई. में अमेरिका में गृह युद्ध छिड़ जाने तथा 1869 में स्वेज नहर के खुल जाने से मुंबई से कपास आदि के निर्यात से मुंबई मुख्य व्यापारिक केन्द्र बन गया। The Great Indian Peninsular Railway के बनने से भारत में यात्रा करना आसान हो गया। नगर में व्यापार तथा संचार के साधनों का जाल फैल जाने से मगर समृद्ध होता गया। सरकार ने इस नगर में फ्लोरा फाऊंटेन, विक्टोरिया टर्मिनस स्टेशन (अब छत्रपति शिवाजी) जैसे भवन और हैंगिंग गार्डन तथा झीलें बनवाई।

1872 ई. में मुंबई नगरपालिका की स्थापना की गई। 1890 ई० में प्लेग फैला और उसने कई लोगों की जाने ले ली। नगर में एक ओर सरकार की सत्ता का प्रदर्शन है परंतु दूसरी ओर साधारण लोगों की दुर्दशा आज भी दिखाई देती है।

श्रमिक वर्ग के लोगों को आवासीय मकानों की समस्या का सामना करना पड़ा है। मिलों से काम करने वाले श्रमिकों के परिवार गाँवों में और वे महानगर में अपनी आजीविका कमाते आरंभ में मिल मालिकों ने अपने कारखानों के निकट बस्तियाँ स्थापित करके मजदूरों के रहने का प्रबंध किया। सेना के बैरकों की भांति प्रत्येक भवन में तीन मंजिली इमारतें होती थीं। प्रत्येक मंजिल में एक कमरा प्रति मजदूर रहने के लिए दिया जाता था तथा उनका एक साझा शौचालय होता था।

कई बार कई चालों का समूह एक खुले आंगन के इर्द-गिर्द बना होता था। इन चालों के समूह को बाड़ी (Wadi) कहते थे। नगर में मिलों की संख्या बढ़ जाने और मजदूरों के परिवार भी यहाँ आने के कारण चालों में रहने वाले लोगों की संख्या बहुत बढ़ गई। इसके साथ-साथ मिलों के इर्द-गिर्द गंदी बस्तियाँ भी अस्तित्व में आ गई। 1864 ई० में मुंबई के गवर्नर वार्टल फ्रेयर (Bartel Frere) ने मुंबई दुर्ग के बड़े-बड़े कमरों को गिरवा दिया। अब खंडहर सेंट जार्ज अस्पताल के पास इन कमरों के खण्डहर दिखाई पड़ते हैं। इन सबको तोड़कर बड़े-बड़े भवन बनाये गये जो नगर का केन्द्रीय भाग हैं। 20 वीं शताब्दी के आरम्भ से प्राकृतिक आपदाओं से लोगों को बचाने के लिए विशेष उपाय किये गए।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में कौन महानगर नहीं है?
(अ) मद्रास
(ब) कलकत्ता
(स) बम्बई
(द) इलाहाबाद
उत्तर:
(द) इलाहाबाद

प्रश्न 2.
मद्रास, कलकत्ता तथा बम्बई तीनों शहरों की एक सामान्य विशेषता क्या थी?
(अ) तीनों, शहर ब्रिटिश राज की राजधानियां थी
(ब) तीनों शहरों के लोग केवल अंग्रेजी भाषा-भाषी थे
(स) तीनों शहर मूलतः मत्स्य संग्रहण तथा बुनकरों के गाँव थे
(द) तीनों शहर विदेशी टकराव केन्द्र रहे हैं
उत्तर:
(स) तीनों शहर मूलतः मत्स्य संग्रहण तथा बुनकरों के गाँव थे

प्रश्न 3.
शाहजहाँ नाबाद को किसने बसाया था?
(अ) अकबर ने
(ब) जहाँगीर ने
(स) शाहजहाँ ने
(द) औरंगजेब ने
उत्तर:
(स) शाहजहाँ ने

प्रश्न 4.
1857 के विद्रोह के पूर्व दिल्ली के कोतवाल कौन थे?
(अ) गंगाधर नेहरू
(ब) मोतीलाल नेहरू
(स) अरुण नेहरू
(द) जवाहर लाल नेहरू
उत्तर:
(अ) गंगाधर नेहरू

प्रश्न 5.
ब्रिटिश काल में पहला हिल स्टेशन किसे बनाया गया था?
(अ) शिमला
(ब) दार्जिलिंग
(स) नैनीताल
(द) मनाली
उत्तर:
(अ) शिमला

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में कौन औपनिवेशिक काल का नहीं है?
(अ) इंडिया गेट
(ब) अजमेरी गेट
(स) तुर्कमान गेट
(द) दिल्ली गेट
उत्तर:
(अ) इंडिया गेट

प्रश्न 7.
शाहजहाँनाबाद कहाँ था?
(अ) कलकत्ता
(ब) दिल्ली
(स) मुम्बई
(द) मद्रास (चेन्नई)
उत्तर:
(ब) दिल्ली

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में दिल्ली का कोतवाल कौन था?
(अ) गंगाधर नेहरू
(ब) मोतीलाल नेहरू
(स) जवाहरलाल नेहरू
(द) इंदिरा गाँधी
उत्तर:
(अ) गंगाधर नेहरू

प्रश्न 9.
भारत में जनगणना कब नहीं हुई?
(अ) 1972
(ब) 1981
(स) 1991
(द) 1993
उत्तर:
(द) 1993

प्रश्न 10.
भारत में रेलवे की शुरुआत कब हुई?
(अ) 1853
(ब) 1852
(स) 1851
(द) 1850
उत्तर:
(अ) 1853

प्रश्न 11.
निम्नलिखित में कौन-सा फोर्ट (किला) ब्रिटिश काल का नहीं है?
(अ) फोर्ट सेंट जार्ज (मद्रास)
(ब) फोर्ट विलियम (कलकत्ता)
(स) फोर्ट (बम्बई)
(द) रेड फोर्ट (दिल्ली)
उत्तर:
(द) रेड फोर्ट (दिल्ली)

प्रश्न 12.
पहला हिल स्टेशन शिमला कब स्थापित हुआ?
(अ) 1815-16
(ब) 1818
(स) 1835
(द) 1850
उत्तर:
(अ) 1815-16

प्रश्न 13.
बम्बई की इमारतों में कौन-सी शैली नहीं थी?
(अ) नवशास्त्रीय शैली
(ब) नव-गॉथिक शैली
(स) इंडो-सारसिनिक शैली
(द) इंडो-ग्रीक शैली
उत्तर:
(द) इंडो-ग्रीक शैली

प्रश्न 14.
निम्नलिखित में कौन मिश्रित स्थापत्य शैली थी?
(अ) नवशास्त्रीय शैली
(ब) नव-गॉथिक शैली
(स) इंडो-सारसिनिक शैली
(द) अमरीकी शैली
उत्तर:
(स) इंडो-सारसिनिक शैली


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