AP Board Class 9 Hindi Chapter 12 जागो ग्राहक जागो! Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 9th Hindi Chapter 12 जागो ग्राहक जागो! Book Answers |
Andhra Pradesh Board Class 9th Hindi Chapter 12 जागो ग्राहक जागो! Textbooks Solutions PDF
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Board | AP Board |
Materials | Textbook Solutions/Guide |
Format | DOC/PDF |
Class | 9th |
Subject | Maths |
Chapters | Hindi Chapter 12 जागो ग्राहक जागो! |
Provider | Hsslive |
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InText Questions (Textbook Page No. 61)
प्रश्न 1.
ऊपर दिया गया विज्ञापन किसके बारे में है?
उत्तर:
ऊपर दिया गया विज्ञापन विश्व के नागरिकों को उनके अधिकार और उनका उपयोग करके सक्षम उपभोक्ता बनने के बारे में हैं।
प्रश्न 2.
ग्राहकों को जागरूक करने के लिए विज्ञापन क्यों दिया जाता है ?
उत्तर:
ग्राहकों को उपभोक्ताओं के अधिकारों के प्रति ज्ञान प्राप्त कराने, सक्षम उपभोक्ता बनाने के लिए विज्ञापन दिया जाता है।
प्रश्न 3.
इस विज्ञापन से हमें क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर:
इस विज्ञापन से विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के बारे में, जागरूक उपभोक्ता बनने के बारे में, सक्षम उपभोक्ता के बारे में, हमारे (उपभोक्ता) अधिकारों के बारे में, अपने क्षेत्र के उपभोक्ता फोरम के पते के बारे में, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्प-लाइन और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के बारे में हमें जानकारी मिलती है।
अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया
अ) प्रश्नों के उत्तर सोचकर लिरिवाए ।
प्रश्न 1.
क्रय-विक्रय में उपभोक्ता का क्या महत्व है?
उत्तर:
किसी वस्तु या सेवाओं का उपभोग करनेवाला उपभोक्ता कहलाता है । जैसे- विद्युत विभाग से बिजली, जल विभाग से जल व दूरसंचार से टेलीफ़ोन की सुविधाएँ प्राप्त करते हैं । इन सुविधाओं के लिए हम बिल की राशि जमा कराते हैं । इसलिए हम इन विभागों के उपभोक्ता कहलाते हैं । बाज़ार से सामान लाते हैं, उसका उपभोग करते हैं तो हम उस सामान के उपभोक्ता हुए । उपभोक्ताओं के बिना क्रयविक्रय नहीं होता। वस्तुओं की उत्पत्ति भी नहीं होती ।
प्रश्न 2.
उपभोक्ताओं को जागरूक करने में आप क्या योगदान दे सकते हैं?
उत्तर:
- हर साल मार्च 15 को उपभोक्ता दिवस मनाऊँगा |
- उपभोक्ताओं को सामान खरीदते समय सचेत करूँगा ।
- सामान खरीदते समय सावधानी रखने की सूचना दूंगा ।
- नकली सामान के प्रति जागरूक कराऊँगा ।
- वस्तु पर छपी कीमत से ज़्यादा मूल्य लें तो उसके बारे में भी जागरूक कराऊँगा ।
- प्रामाणित वस्तुओं को ही खरीदने की सूचना दूंगा ।
प्रश्न 3.
सरकार ग्राहकों की भलाई के लिए क्या करती है?
उत्तर:
सरकार ग्राहकों की भलाई के लिए ये काम करती हैं –
- हर साल 15 मार्च को उपभोक्ता (ग्राहक) दिवस मनाती |
- किसी ग्राहक को वस्तु के प्रति हानि हो तो सरकार विक्रेता से हानि पूरी करवाती है ।
- ग्राम पंचायत, नगर पालिका, माप-तोल विभाग, स्वास्थ्य विभाग, थाना या पुलीस चौकी के द्वारा सरकार शिकायतें लेने का प्रबंध करती ।
- ‘आई.एस.आई’ या ‘एग मार्क’ अंकित वस्तुओं के लिए सरकार प्रामाणिकता देती है ।
आ) इन प्रश्नों के लिए दादाजी ने क्या उत्तर दिये हैं, उन्हें ढूँढ़कर लिरिवए ।
प्रश्न 1.
क्यों दादाजी, बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज नहीं होगी?
उत्तर:
हाँ बेटी, तुमने सही कहा जागरूक उपभोक्ता वह है जो सामान खरीदते या सेवा प्राप्त करते समय रसीद या बिल लें | वस्तुओं के पैकेट पर लिखे विवरण ध्यान से पढ़ें । हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आई.एस.आई. या एग मार्क अंकित वस्तुओं का चुनाव करें । ये मार्क सरकार द्वारा प्रामाणित होते हैं।
प्रश्न 2.
दादाजी, उपभोक्ता कौन होते हैं ?
उत्तर:
ओ ! वाह तुम ने बहुत अच्छा प्रश्न किया है । बैठो, मैं समझाता हूँ | किसी वस्तु या सेवाओं का उपभोग करनेवाला उपभोक्ता कहलाता है । जैसे विद्युत विभाग से बिजली, जल विभाग से जल व दूर संचार से टेलिफ़ोन की सुविधाएँ प्राप्त करते हैं ।
प्रश्न 3.
अख़बार के साथ यह पीला कागज़ कैसा आया है?
उत्तर:
यह तो उपभोक्ताओं के लिए संदेश है । आज 15 मार्च है, उपभोक्ता दिवस है । प्रशासन ने ये परचे छपवाकर बाँटे हैं।
प्रश्न 4.
तो फिर जिला प्रशासन हमें सावधान क्यों कर रहा है ?
उत्तर:
क्योंकि, सामान बेचनेवाले कई बार घटिया सामान दे देते हैं ।
इ) पाठ में बच्चों द्वारा पूछे गये प्रश्न लिरिवए ।
जैसे –
साहिती : दादाजी, शिकायत करने से क्या होता है?
साहिती : दादाजी ! दादाजी ! आज अखबार के साथ. यह ज़िला कागज़ क्यों आया है ?
साहिती : दादाजी, ये उपभोक्ता कौन है?
साहिती : तो, फिर जिला प्रशासन हमें सावधान क्यों कर रहा है?
गौतम : ऐसे करनेवालों के साथ क्या करना चाहिए?
साहिती : दादाजी, शिकायत करने से क्या होता है?
गौतम : शिकायत दर्ज कराने के लिए क्या करना होता है?
साहिती : क्यों, दादाजी, बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज नहीं होगी?
ई) अनुच्छेद पढ़िए । इसके आधार पर तीन प्रश्न बनाइए।
भूकंप के विषय में शिक्षित करने की अधिक आवश्यकता है ताकि लोग जान सकें कि आपात स्थिति में क्या करना चाहिए । भूकंप के समय शीशे की खिड़कियों, दरवाज़ों, अलमारियों तथा आइनों से दूर रहना चाहिए तथा गिरनेवाली चीज़ों से बचने के लिए आपको मेज़ के नीचे अथवा मज़बूत चारपाई के नीचे चले जाना चाहिए । खुली जगह में जाने की कोशिश में आप दरवाज़ो अथवा सीढ़ियों की ओर दौड़ेंगे तो पायेंगे कि वे या तो टूट चुके हैं अथवा टूटकर गिरी हुई चीज़ों से अवरुद्ध हो चुके हैं । आपके सभी विद्युत-उपकरण तथा खाना बनाने की गैस के सिलेंडर बंद होना बिलकुल अनिवार्य है। उदाहरण के लिए जापान और कैलिफ़ोर्निया में भूकंप-ड्रिल, रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा होता है । बच्चे अपनी चारपाई के समीप टॉर्च और मज़बूत जूते रखने की आदत डाल लेते हैं ताकि रात के समय भूकंप आने पर वे सुरक्षित जगह पर पहुँच सकें ।
उत्तर:
- किस विषय में शिक्षित कराने की अधिक आवश्यकता है?
- भूकंप के समय किन-किन से दूर रहना ज़रूरी है?
- किन-किन चीज़ों को बंद होना बिलकुल अनिवार्य हैं?
अभिव्यक्ति – सजनात्मकता
अ) प्रश्नों के उत्तर लिरिवए ।
प्रश्न 1.
किसी एक वस्तु की प्रामाणिकता के बारे में लिखिए ।
उत्तर:
लोगों के विनिमय के लिए वस्तुएँ बनायी व तैयार की जाती हैं। ऐसी वस्तुएँ कुछ प्रामाणिक तथ्यों और सिद्धांतों के आधार पर ही बनायी जाती हैं। एक जागरूक उपभोक्ता/ग्राहक होने के नाते किसी चीज़ को खरीदते हैं तब हमें उस चीज़ की प्रामाणिकता सिद्ध करनेवाले विषयों पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए। जैसे – उस वस्तु के बनाने “इस्तेमाल किये गये पदार्थ, उनकी माप – तोल, उनसे होनेवाले लाभ, उपयोग, वज़न, अवधि, दाम, शुद्धता आदि से उस वस्तु की प्रामाणिकता का परिचय हमें होता है। इसी आशय से सरकार आई.एस. आई अगमार्क आदि प्रामाणिक चिह्नवाले चीज़े ही खरीदने की सलाह देती है। क्योंकि सरकार कई जाँच – पडताल के बाद ही ये प्रामाणिक चिह्न अंकित करने की अनुमति देती है।
प्रश्न 2.
किसी भी सामान को खरीदते समय रसीद या बिल लेना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
किसी भी सामान को खरीदते समय रसीद या बिल लेना निम्न लिखित इन कारणों से आवश्यक हैं।
जैसे –
- सामान बेचने वाले कई बार घटिया सामान दे देते हैं।
- इससे बचने के लिए बिल या रसीद लेना आवश्यक है।
- नकिली सामान से बचने के लिए भी बिल या रसीद लेना आवश्यक है।
- कुछ लोग अधिक धन कमाने के लालच में सामान में मिलावट करते हैं। वस्तु पर छपी कीमत से ज़्यादा मूल्य ले लेते हैं।
- इनसे बचने के लिए रसीद या बिल लेना आवश्यक है।
- कुछ व्यापारी तो कम तोलते हैं।
- इनसे भी बचे रहने के लिए बिल या रसीद लेना चाहिए।
- उपर्युक्त सभी कारणों से हमें “उपभोक्ता मंच में” शिकायत करने के लिए बिल या रसीद की आवश्यकता होती है। बिल या रसीद लेना हर एक जागरूक उपभोक्ता का अधिकार भी है।
प्रश्न 3.
बच्चों के पूछे गये प्रश्नों में आपको सब से अच्छा प्रश्न कौन-सा लगा और क्यों?
उत्तर:
बच्चों से पूछे गये प्रश्नों में मुझे साहिती द्वारा पूछे गये प्रश्न “क्यों दादाजी, बिना प्रमाण के शिकायत दर्ज नहीं होगी ?” ही अच्छा लगा क्यों कि शिकायत देने से पहले हमें यह मालूम होना चाहिए कि ‘एग मार्क’ क्या है? आई.एस.आई मार्क क्या है ? वस्तुओं के साथ बिल या रसीद क्यों लेना हैं ? आदि ।
आ) प्रत्येक व्यक्ति को कर्तव्य और अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए। क्यों?
उत्तर:
प्रत्येक व्यक्ति को कर्तव्य और अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए। क्योंकि वह अपने कर्तव्य और अधिकारों को ठीक तरह से निभा सकें। कर्तव्य और अधिकार दोनों परस्पर मिले जुले हैं। कर्तव्यों के बिना अधिकार नहीं हैं और उसी प्रकार अधिकारों के बिना कर्तव्य नहीं हैं। कर्तव्य और अधिकार दोनों एक सिक्के की दो ओर हैं। प्रत्येक व्यक्ति को एक ओर अपने कर्तव्यों का पालन करना है। उसी प्रकार दूसरी ओर अपने अधिकारों को प्राप्त करना है।
प्रश्न 1.
उपभोक्ता दिवस के बारे में आप क्या जानते हैं ? बताइए ।
उत्तर:
हमारे भारत देश में 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन् 1986 में इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधायक पारित हुआ था। इसके बाद इस अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गये। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजन पूर्ण बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया । और 15 मार्च, 2003 से लागू किया गया। परिणाम स्वरूप उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 में भी संशोधन किया गया और मार्च 2005 को अधिसूचित किया गया था।
भारत सरकार ने 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस घोषित किया है। क्योंकि भारत के राष्ट्रपति महोदय ने इसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अधिनियम को स्वीकारा था। इसके अतिरिक्त 15 मार्च को प्रत्येक वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय ग्राहक आंदोलन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। भारत देश में यह दिवस पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया । और आगे भी प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। सचमुच यह दिवस याद रखने योग्य है।
प्रश्न 2.
दादाजी बच्चों को उपभोक्ताओं के बारे में क्या समझा रहे थे?
उत्तर:
दादाजी उपभोक्ताओं के बारे में बच्चों को यह समझा रहे हैं –
- आज 15 मार्च है । आज उपभोक्ता दिवस है | जिला प्रशासन ने ये परचे छपवाकर बाँटे हैं । इनसे उपभोक्ताओं को सचेत किया गया है कि वे सामान खरीदते समय सावधानी रखें |
- किसी वस्तु या सेवाओं का उपभोग करनेवाले उपभोक्ता कहलाते हैं ।
- यदि किसी व्यापारी ने कम तोला है । सामान की कीमत अधिक ले ली है । या नकली सामान दिया है तो हमें उपभोक्ता मंच में शिकायत करनी चाहिए ।
- जागरूक उपभोक्ता वह है जो सामान खरीदते या सेवा प्राप्त करते समय रसीद या बिल लें । “एग मार्क” या आई.एस.आई मार्क वस्तुओं का ही चुनाव करें ।
प्रश्न 3.
एक उपभोक्ता के रूप में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
हर एक मानव समाज में उपभोक्ता ही है। कभी भी किसी भी हालत में उसकी हानि नहीं होनी चाहिए। इसके लिए उपभोक्ता को निम्न दी गयी बातों पर ध्यान देना या रखना चाहिए।
- वस्तु कब की बनी है, तथा उसके खराब होने की अवधि क्या है?
- वस्तु के निर्माता का पता और कम्पनी का नाम साफ़-साफ़ लिखा है या नहीं?
- वस्तु का वज़न, क़ीमत एवं बनाने की तारीख आदि लिखी हैं अथवा नहीं?
- क्या वस्तु पर आई.एस.आई लिखा गया है और उसके नम्बर स्पष्ट पढने लायक हैं या नहीं?
- वस्तु की पैकिंग आदि सही तथा सील ठीक है या नहीं?
- विक्रेता उसे खरीदने पर रसीद देने को तैयार है अथवा नहीं?
- ध्यान रहे कि चुकाई गई क़ीमत की रसीद लेना उपभोक्ता/ ग्राहक का अधिकार है।
यदि उपभोक्ता उक्त बातों को ध्यान में रखकर कोई चीज़ खरीदता है तो उसे साधारणतः परेशान
नहीं होना पडता ।
इ) ग्राहकों को जागरूक करने कुछ नारे बनाइए।
उत्तर:
वस्तु विनिमय में ग्राहकों का महत्वपूर्ण स्थान है। विनिमय अथवा सेवाएँ पानेवाली चीज़ों के प्रति ग्राहकों को जागरूक होना चाहिए। सरकार इस प्रभावशाली विषय की ओर ध्यान आकर्षित करने का भरसक प्रयत्न करती है। सही और अच्छी चीज़ों को पाना हर ग्राहक का प्रधान अधिकार है।
ऐसे महत्वपूर्ण ग्राहकों को जागरूक करने के कुछ नारे ये हैं।
1) सावधानी बरतिए – सही चीज़ पहचानिए
2) सही चीज़ की खरीदारी – होगी जीवन सुखकारी
3) जागो ग्राहक जागो – अपने अधिकारों को पहचानो
4) जागरूक उपभोक्ता – जीवन में सच्चा सुख पाता है
5) समझो अपने अधिकार – वे ही जीवन के सच्चे आधार
ई) सरकार द्वारा दी जानेवाली सुविधाएँ हमारे लिए किस प्रकार लाभकारी हैं? लिरिवाए।
उत्तर:
- सरकार हमें विद्युत विभाग से बिजली की सुविधा, जल विभाग से जल की सुविधा, दूर संचार विभाग से टेलिफोन की सुविधाओं से हमें लाभान्वित कर रही है।
- उपभोक्ता मंचों की स्थापना करके हमारी शिकायतें ले रही है।
- सरकार विक्रेता से उपभोक्ता को हुई हानि पूरी करवाती है।
- सरकार द्वारा घटिया सामान बदला भी जा सकता है। सरकार राशिमय ब्याज को भी लौटाती है।
- वस्तुओं पर सरकार द्वारा आई. एस. आई या एग मार्क प्रमाणित किये जाते हैं।
- ये चिह्न सरकार द्वारा जाँची परखी वस्तुओं पर ही अंकित किये जाते हैं।
- उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा उपभोक्ताओं को सचेत किया जाता है। इन सबके द्वारा हम बहुत लाभान्वित हो रहे हैं।
- इस प्रकार सरकार द्वारा दी जानेवाली सुविधाएँ हमारे लिए लाभकारी हैं।
भाषा की बात
अ) नीचे दी गयी संरख्याएँ पढ़िए । दैनिक जीवन में इन संख्याओं का इस्तेमाल कैसे करते हैं?
उत्तर:
हमारे मानव जीवन में संख्याओं का महत्वपूर्ण स्थान है। हमारा हर काम इनके उपयोग से ही होता है। दैनिक जीवन में आवश्यक चीज़ खरीदने, पायी सेवा का मूल्य अदा करने, हिसाबों में, पैसे देने, इस तरह हर काम में इन संख्याओं को इस्तेमाल करते हैं।
आ) 1.इन शब्दों पर ध्यान दीजिए। हिंसा अहिंसा, चेत – सचेत, रक्षा – सुरक्षा, उपस्थित – अनुपस्थित इस तरह किसी मूल शब्द के पूर्व में कोई शब्दांश जुड़कर मूल शब्द के अर्थ में परिवर्तन या विशेषता लाता है तो उसे उपसर्ग कहते हैं। अहिंसा में अ, सचेत में स, सुरक्षा में सु, अनुपस्थित में अन् उपसर्ग हैं। अब नीचे दिये गये शब्दों को समझकर उपसर्ग पहचानिए।
अपमान लापरवाह परदेश विदेश
उत्तर:
अप, ला, पर, वि।
2. इन शब्दों पर ध्यान दीजिए।
स्वतंत्र – स्वतंत्रता, भारत – भारतीय, इतिहास – ऐतिहासिक, ईमान – ईमानदार, दूध – दूधवाला, साहस – साहसी
इस तरह मूल शब्द के अंत में कोई शब्दांश या वर्ण जुड़कर परिवर्तन लाता है तो उसे प्रत्यय कहते हैं। स्वतंत्रता में ता, भारतीय में ईय, ऐतिहासिक में इक, ईमानदार में दार, दूधवाला में वाला, साहसी में ई प्रत्यय हैं। अब नीचे दिये गये शब्दों को समझकर प्रत्यय पहचानिए।
धनी सामाजिक मानवता प्रशंसनीय
उत्तर:
ई, इक, ता, ईय।
परियोजना कार्य
जल संरक्षण के उपाय के विषय में दिये जानेवाले विज्ञापनों का संग्रह कीजिए ।
उत्तर:
भूमि पर रहनेवाले प्राणि मात्र के लिए जल अत्यंत आवश्यक है। ऐसे मूल्यवान पानी का संरक्षण करके धरती को सदा समृद्ध रखना हर मानव का प्रमुख कर्तव्य है। इस बृहत कार्य के लिए दिये जानेवाले विज्ञापन कुछ इस प्रकार हैं।
1) समझदार बनो – जल संरक्षण करो।
2) जल संरक्षण करो – मानवता की प्रतिमूर्ति बनो।
3) जल अमूल्य धन है – इसका सदुपयोग ही मानव धर्म है।
4) जल की बचत करेंगे – अवनि को भरपूर रखेंगे।
5) जल का मूल्य जान लो- प्राणिमात्र की सेवा करो।
जागो ग्राहक जागो! Summary in English
One who consumes any thing or service is called a consumer. Every year Consumers’ Day is celebrated on 15th March. Through this, the consumers are made aware and they will be cautions while purchasing things.
We should be careful about adultarated goods. Some shopkeepers take more price than its real price and they swindle the consumers in weighing. The consumers incur loss by this. In such cases, one should lodge a complaint with Consumer’s Forum.
It is quite necessary for every customer to take bills or receipts for the purchased things and articles etc. The customer should read the details given on the packets carefully. We should purchase only the things with Agmark or ISI mark.
It is every customer’s duty and right to become aware about his safety, suggestions, selection of things, getting compensation in case of loss and knowing his rights.
जागो ग्राहक जागो! Summary in Telugu
ఏదేని వస్తువు లేదా సేవలను వినియోగించుకునేవాడిని వినియోగదారుడు అంటారు. ప్రతి సంవత్సరం 15 మార్చిన వినియోగదారుల దినోత్సవం జరుపబడుతుంది. దీని ద్వారా వినియోగదారులకు వస్తువు కొనేటప్పుడు జాగ్రత్తగా ఉండాలనే అవగాహనను కల్పించడం జరుగుతుంది.
మనము కలీ వస్తువులపై జాగరూకులమై ఉండాలి. కొంతమంది దుకాణదారులు వస్తువుపై ఉన్న ధర కంటే ఎక్కువ ధరను తీసుకుంటారు. తక్కువ తూస్తారు. వీటివల్ల వినియోగదారులకు నష్టం కలుగుతుంది. ఇలాంటప్పుడు మనం “వినియోగదారుల ఫోరమ్”లో ఫిర్యాదు చేయాలి.
ప్రతి ఒక్క వినియోగదారుడు వస్తువు, సామగ్రి లేదా వర్తక సామగ్రి యొక్క రశీదు తీసుకోవడం తప్పనిసరి. వస్తువు ప్యాకెట్ పై రాయబడిన వివరణ జాగ్రత్తగా చదవాలి. అగ్ మార్క్ లేదా ఐ.ఎస్.ఐ. గుర్తు గల వస్తువులను మాత్రమే కొసాలి.
సురక్ష, సూచన, వస్తువు ఎన్నిక, సౌలభ్యం లభించనప్పుడు ఫిర్యాదు – నష్టపరిహారం ఇంకా అధికారుల పట్ల జాగరూకత కలిగి ఉండటం వినియోగదారుని కర్తవ్యము, అధికారము.
अभिव्यक्ति – सृजनात्मकता
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर छह या आठ पंक्तियों में लिखिए।
उपभोक्ता दिवस के बारे में आप क्या जानते हैं? एक उपभोक्ता को किन – किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:
हमारे भारत देश में 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन् 1986 में इसी दिन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विधायक पारित हुआ था। इसके बाद इस अधिनियम में 1991 तथा 1993 में संशोधन किये गये। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को अधिकाधिक कार्यरत और प्रयोजन पूर्ण बनाने के लिए दिसंबर 2002 में एक व्यापक संशोधन लाया गया | और 15 मार्च, 2003 से लागू किया गया। परिणाम स्वरूप उपभोक्ता संरक्षण नियम, 1987 में भी संशोधन किया गया और मार्च 2005 को अधिसूचित किया गया था।
भारत सरकार ने 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस घोषित किया है। क्योंकि भारत के राष्ट्रपति महोदय ने इसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अधिनियम को स्वीकारा था। इसके अतिरिक्त 15 मार्च को प्रत्येक वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय ग्राहक आंदोलन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। भारत देश में यह दिवस पहली बार वर्ष 2000 में मनाया गया । और आगे भी प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। सचमुच यह दिवस याद रखने योग्य है।
हर एक मानव समाज में उपभोक्ता ही है। कभी भी किसी भी हालत में उसकी हानि नहीं होनी चाहिए। इसके लिए उपभोक्ता को निम्न दी गयी बातों पर ध्यान देना या रखना चाहिए।
- वस्तु कब की बनी है, तथा उसके खराब होने की अवधि क्या है?
- वस्तु के निर्माता का पता और कम्पनी का नाम साफ़-साफ़ लिखा है या नहीं?
- वस्तु का वज़न, क़ीमत एवं बनाने की तारीख आदि लिखी हैं अथवा नहीं?
- क्या वस्तु पर आई.एस.आई लिखा गया है और उसके नम्बर स्पष्ट पढने लायक हैं या नहीं?
- वस्तु की पैकिंग आदि सही तथा सील ठीक है या नहीं?
- विक्रेता उसे खरीदने पर रसीद देने को तैयार है अथवा नही?
- ध्यान रहे कि चुकाई गई क़ीमत की रसीद लेना उपभोक्ता/ ग्राहक का अधिकार है।
यदि उपभोक्ता उक्त बातों को ध्यान में रखकर कोई चीज़ खरीदता है तो उसे साधारणतः परेशान नहीं होना पडता।
1. दुकानदार ज्यादा मूल्य लेते हैं। (रेखांकित शब्द प्रत्यय पहचानिए।)
A) र
B) दार
C) आर
D) दर
उत्तर:
B) दार
2. अखबार के साथ पीला कागज आया है। (विशेषण शब्द पहचानिए।)
A) अखबार
B) कागज
C) के साथ
D) पीला
उत्तर:
D) पीला
3. गिद्ध लुप्त होते जा रहे हैं। रेखांकित शब्द का अर्थ पहचानिए|
A) शिकारी
B) आसक्त में
C) अदृश्य
D) उडान
उत्तर:
C) अदृश्य
4. उपभोक्ता को असुरक्षित वस्तु अथवा सेवा से सुरक्षित रहने का अधिकार है। रेखांकित शब्द में उपसर्ग पहचानिए|
A) असु
B) असुर
C) अ
D) त
उत्तर:
C) अ
5. जिला प्रशासन ने परचे बाँटे हैं। (रेखांकित शब्द में उपसर्ग पहचानिए।)
A) प्रशा
B) प्र
C) सन
D) न
उत्तर:
B) प्र
अर्थग्राहयता -प्रतिक्रिया
पठित – गद्यांश
निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।
1. जागरूक उपभोक्ता वह है जो सामान खरीदते या सेवा प्राप्त करते समय रसीद या बिल लें। वस्तुओं के पैकेट पर लिखे विवरण ध्यान से पढ़ें। हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आई. एस. आई. या एग मार्क अंकित वस्तुओं का चुनाव करें। ये मार्क सरकार द्वारा प्रामाणित होते हैं। ये चिह्न सरकार द्वारा जाँची परखी वस्तुओं पर ही लगाते हैं।
प्रश्न :
1. जागरूक उपभोक्ता कौन है?
उत्तर:
जागरूक उपभोक्ता वह है जो सामान खरीदते या प्राप्त करते समय रसीद या बिल ले।
2. किसे ध्यान से पढ़ना चाहिए?
उत्तर:
वस्तुओं के पैकेट पर लिखे विवरण ध्यान से पढ़ना चाहिए।
3. हमें क्या ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर:
हमें यह ध्यान रखने चाहिए कि आई.यस.आई या एग मार्क अंकित वस्तुओं का चुनाव करें।
4. सरकार के द्वारा प्रामाणित मार्क क्या है?
उत्तर:
सरकार के द्वारा प्रामाणित मार्क हैं – आई. एस. आई या एग मार्क।
5. उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर:
उपर्युक्त गद्यांश ‘जागो ग्राहक जागो’ पाठ से लिया गया है।
2. यह तो उपभोक्ताओं के लिए संदेश है। आज 15 मार्च है, उपभोक्ता दिवस है। जिला प्रशासन ने ये परचे छपवाकर बाँटे हैं। इनसे उपभोक्ताओं को सचेत किया गया है कि वे सामान खरीदते समय सावधानी रखें।
प्रश्न :
1. यह किनके लिए संदेश है?
उत्तर:
यह उपभोक्ताओं के लिए संदेश है।
2. परचे छपवाकर किसने बाँटे हैं?
उत्तर:
जिला प्रशासन ने परचे छपवाकर बाँटे हैं।
3. परचों से किन्हें सचेत किया गया है?
उत्तर:
परचों से उपभोक्ताओं को सचेत किया गया है।
4. उपभोक्ता दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर:
15 मार्च को उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है।
5. उपभोक्ताओं को क्या सचेत किया गया है?
उत्तर:
उपभोक्ताओं को सचेत किया गया है कि वे सामान खरीदते समय सावधानी रखें।
अपठित – गद्यांश
निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्प से कीजिए।
1. श्री एम. विश्वेश्वरय्या का जन्म 15 सितंबर 1861 को मैसूर राज्य के मुद्दनहल्ली नामक गाँव में हुआ। इनके पिता श्रीनिवास शास्त्री एवं माता वेंकटम्मा थे। उनके पिता वैद्य थे। बालक विश्वेश्वरय्या पढ़ने – लिखने में बड़े तेज़ थे। सत्रह वर्ष की उम्र में उन्होंने बेंगलूर सेंट्रल कॉलेज में बी.ए. पास किया। इसके बाद उनकी इंजिनीयरिंग की पढ़ाई पूना में हुई। इस परीक्षा में वे सर्वप्रथम निकले।
प्रश्न :
1. श्री एम. विश्वेश्वरय्या के पिता का नाम क्या था?
A) वेंकटय्या
B) श्रीनिवासशास्त्री
C) रामय्या
D) गोपय्या अवधानी
उत्तर:
B) श्रीनिवासशास्त्री
2. विश्वेश्वरय्या की इंजनीयरिंग पढाई कहाँ हुई?
A) पूना में
B) मैसूर में
C) कोलकत्ता में
D) मुंबई में
उत्तर:
A) पूना में
3. विश्वेश्वरय्या का जन्म कब हुआ?
A) 1961 को
B) 1971 को
C) 1861 को
D) 1868 को
उत्तर:
C) 1861 को
4. श्री विश्वेश्वरय्या के पिता कौन थे?
A) वैद्य
B) पुजारी
C) अध्यापक
D) वकील
उत्तर:
A) वैद्य
5. श्री एम. विश्वेश्वरय्या का जन्म कहाँ हुआ?
A) तिरुचनापल्ली में
B) मुदहमपल्ली में
C) बल्लारि में
D) मुद्दनहल्ली में
उत्तर:
D) मुद्दनहल्ली में
2. दक्षिण भारत में क़रीब – क़रीब सब जगहों में नारियल होते हैं। नारियल के पेड़ लगाने के लिए मध्यम आयु के पेड़ के फलों को काटकर लाते हैं। काटने के एक महीने के बाद उनको ज़मीन में गाड़ देते हैं। जब वे आठ नौ महीनों के पौधे हो जाते हैं, तब उनको उठाकर दूसरी जगहों पर गाड़ देते हैं । मछलियों की खाद से उनके पौधे बहुत बढ़ सकते हैं। अगर अच्छी खाद दी जाए, तो नारियल का पेड़ पाँच – छ: वर्षों में ही फल देने लगता है। नारियल के पेड़ वर्ष में तीन – चार बार या इससे अधिक बार भी फल देते हैं।
प्रश्न :
1. नारियल के पेड़ वर्ष में कितने बार फल देते हैं?
A) एक – दो
B) दो – तीन
C) तीन – चार
D) छ: – सात
उत्तर:
C) तीन – चार
2. नारियल के पेड़ लगाने किस आयु के पेड़ के फलों को काट कर लाते हैं?
A) मध्यम
B) तीस वर्ष
C) चालीस वर्ष
D) पचास वर्ष
उत्तर:
A) मध्यम
3. नारियल के पेड़ किस खाद से बहुत बढ़ सकते हैं?
A) मच्छरों
B) मछलियों
C) गाय के गोबर
D) इन सब से
उत्तर:
B) मछलियों
4. भारत देश के इस प्रांत में करीब – करीब सब जगहों में नारियल के पेड़ होते हैं
A) उत्तर
B) पश्चिम
C) दक्षिण
D) पूरब
उत्तर:
C) दक्षिण
5. अगर अच्छी खाद दी जाए तो नारियल के पेड़ कितने वर्षों में फल देने लगता है?
A) 5 – 6
B) 7 – 8
C) 9 – 10
D) 3 – 4
उत्तर:
A) 5 – 6
3. देश को स्वाधीनता मिल जाने से यह नहीं समझना चाहिए कि अब देशभक्ति की आवश्यकता नहीं रही या अब देशभक्तों के करने के लिए कुछ कार्य शेष नहीं हैं।
वस्तुत:
ऐसा समय कभी नहीं आ सकता, जब कि देशभक्त को करने के लिए कुछ शेष न रहे। क्योंकि देशभक्ति का कार्य केवल विदेशी शासन या आक्रमण के विरुद्ध लड़ना ही नहीं है, अपितु देश की दशा सुधारने के लिए अशिक्षा, गरीबी और सामाजिक विषमता के विरुद्ध लड़ना भी है। सभी देशों में सदा कुछ न कुछ त्रुटियाँ और अभाव अवश्य होते हैं, जिन्हें दूर करने के लिए देशभक्त कार्य कर सकता है।
प्रश्न :
1. देश की दशा सुधारने के लिए किसके विरुद्ध लडना है?
A) गरीब और सामाजिक विषमता के विरुद्ध
B) जाति – पाँति के विरुद्ध
C) हिंसा के विरुद्ध
D) इन सबके विरुद्ध
उत्तर:
A) गरीब और सामाजिक विषमता के विरुद्ध
2. देश को स्वाधीनता मिल जाने से क्या नहीं समझना चाहिए?
A) आंदोलन चलाने की आवश्यकता नहीं
B) देश भक्ति की आवश्यकता नहीं
C) विद्रोह करने की आवश्यकता नहीं
D) ये सब
उत्तर:
B) देश भक्ति की आवश्यकता नहीं
3. अशिक्षा, गरीबी और सामाजिक विषमता के विरुद्ध लड़ना किसका कार्य है?
A) सैनिकों का
B) वैमानिक दलों का
C) देश भक्त का
D) इन सबका
उत्तर:
B) वैमानिक दलों का
4. देश भक्त किन्हें दूर करने के लिए कार्य करता है?
A) त्रुटियाँ एवं अभाव
B) आंदोलन
C) क्रांति
D) हिंसा
उत्तर:
C) क्रांति
5. उपर्युक्त अनुच्छेद के लिए उपयुक्त शीर्षक चुनिए।
A) देश की स्वाधीनता
B) देश भक्त का कार्य
C) देश प्रेम
D) देश द्रोह
उत्तर:
B) देश भक्त का कार्य
4. गौरी ने प्रेम से अपने पति की ओर देखा। पति की आँखों से आँसू बह रहे थे। अब गौरी को भी अपनी गलतियाँ महसूस हुई और रोते हुए अपने पति से माफी मांगने लगी। अब उनका घर स्वर्ग बन गया। मौन धारण मनुष्य के हृदय में परिवर्तन लाता है। हृदय परिवर्तन नरक को स्वर्ग बनाता है। हाँ, मौन से बढ़कर कोई मंत्र नहीं है।
प्रश्न :
1. गौरी ने प्रेम से किसकी और देखा?
A) अपने पति की ओर
B) अपनी माँ की ओर
C) अपने पिता की ओर
D) इन सबकी ओर
उत्तर:
A) अपने पति की ओर
2. इसकी आँखों से आँसू बह रहे थे
A) पिता की
B) माता की
C) दादी की
D) पति की
उत्तर:
D) पति की
3. हृदय परिवर्तन नरक को क्या बनाता है?
A) स्वर्ग
B) दुखद
C) चैन
D) बेचैन
C) तंत्र
उत्तर:
A) स्वर्ग
4. इससे बढ़कर कोई मंत्र नहीं है
A) वाचन
B) मौन
C) तंत्र
D) यंत्र
उत्तर:
B) मौन
5. इन्होंने रोते हुए अपनी पति से माफियाँ माँगने लगी?
A) माता
B) पिता
C) पत्नी गौरी
D) यशोदा
उत्तर:
C) पत्नी गौरी
5. एक दिन की बात है। रामदास अपने कमरे में आराम कर रहा था कि इतने में दो तीन ग्वाले दौड़ते हुए उसके पास आये और कहा – “टीले की बाई ओर, नाले के पास की झड़ियों में बाघ छिपा हुआ है। रामदास ने तुरंत बंदूक थाम ली और कारतूस लेकर टीले की ओर चल पड़ा। रामदास ने देखा कि झाड़ियों में बाघ छिपा हुआ है। तुरंत रामदास ने उस पर गोली चलायी। गोली बाघ के माथे पर जा लगी, वह चित गिर पड़ा और उसी समय यह मर गया।
प्रश्न :
1. बाघ कहाँ छिपा हुआ है?
A) नदी में
B) झाड़ियों में
C) गुफ़ा में
D) कमरे में
उत्तर:
B) झाड़ियों में
2. अपने कमरे में कौन लेटे आराम कर रहे हैं?
A) बाघ
B) ग्वाला
C) रामदास
D) प्रेमदास
उत्तर:
C) रामदास
3. गोली कहाँ जा लगी?
A) बाघ के माथे पर
B) बाघ के पेट में
C) बाघ के पीठ में
D) बाघ के मुख पर
उत्तर:
A) बाघ के माथे पर
4. कितने ग्वाले दौडते हुए रामदास के पास आये?
A) दो
B) तीन
C) चार
D) दो – तीन
उत्तर:
D) दो – तीन
5. उपर्युक्त अनुच्छेद में बाघ को मारने वाले कौन थे?
A) रामदास
B) किशोरदास
C) श्यामदास
D) ये सब
उत्तर:
A) रामदास
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