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Wednesday, July 20, 2022

AP Board Class 9 Hindi Chapter 9 रमज़ान Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 9th Hindi Chapter 9 रमज़ान Book Answers

AP Board Class 9 Hindi Chapter 9 रमज़ान Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 9th Hindi Chapter 9 रमज़ान Book Answers
AP Board Class 9 Hindi Chapter 9 रमज़ान Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 9th Hindi Chapter 9 रमज़ान Book Answers


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Andhra Pradesh Board Class 9th Hindi Chapter 9 रमज़ान Textbooks Solutions PDF

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Board AP Board
Materials Textbook Solutions/Guide
Format DOC/PDF
Class 9th
Subject Maths
Chapters Hindi Chapter 9 रमज़ान
Provider Hsslive


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9th Class Hindi Chapter 9 रमज़ान Textbook Questions and Answers

InText Questions (Textbook Page No. 44)


प्रश्न 1.
चित्र में क्या दिखायी दे रहा है?
उत्तर:
चित्र में इस्लाम धर्म के दो लडके गले मिल रहे हैं।

प्रश्न 2.
देश के विकास के लिए एकता का क्या महत्व है?
उत्तर:
यह सच ही है कि देश के विकास के लिए एकता का होना अत्यंत आवश्यक है । देश भर के जनता एकता के साथ रहेंगे तो वह देश सारी क्षेत्रों में विकास पा सकेगा। दुनिया भर में उन्नति कर सकेगा।

प्रश्न 3.
हम धार्मिक सद्भावना कैसे बढ़ा सकते हैं?
उत्तर:
विविध धर्मों के त्यौहारों को मनाकर, विविध धर्मोवालों से मिल -जुलकर रहते, भाईचारे और स्नेह के द्वारा धार्मिक सद्भावना को हम बढ़ा सकते हैं।

अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रिया

अ) इन प्रश्नों के उत्तर सोचकर लिरिवए।

प्रश्न 1.
सद्भावना के विकास में त्यौहारों का क्या महत्व है?
उत्तर:
व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के जीवन में त्यौहारों का विशेष महत्व होता है। त्यौहारों से मानव जीवन में सक्रियता बढती है। परिवार में उल्लास और आनंद छा जाता है। त्यौहार हमारी सामाजिक सोच और सामुदायिक जीवन को विकसित करते हैं, सामाजिक संबन्धों में आनेवाले तनावों को कम करते हैं। पारस्परिक प्रेम संबन्धों को मज़बूत करते हैं। त्यौहार राष्ट्र को एक सूत्र में बाँधते हैं। त्यौहार हमें अनुभव कराते हैं कि हमारी एक गौरवशाली परंपरा है और संस्कृति है। इनसे सद्भावना का विकास ज़रूर होता है।

प्रश्न 2.
त्यौहार मनाने में बच्चों की खुशियाँ कैसी होती हैं?
उत्तर:
मानव जीवन में त्यौहारों का मनाना खास विषय होता है। त्यौहार मनाने में बच्चे बहुत खुशी से भाग लेते हैं। बच्चे तो नादान और निर्मल हृदयवाले होते हैं। इसलिए वे बिना किसी भेदभाव के सबसे प्रेमपूर्वक मिलजाते हैं। खुशी से अपने दोस्तों का अभिनंदन करते हैं। त्यौहार के समय नये कपडे पहनते हैं। विविध व्यंजनों के साथ भोजन करते हैं। इससे बच्चों की खुशियों की सीमा नहीं रहती है। संक्रांति, दीवाली, उगादि आदि त्यौहरों के समय तो उन त्यौहारों से संबन्धित चीज़ों से खेलते-कूदते हैं। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस आदि त्यौहारों में भी वे बडे खुश रहते और श्रद्धा से त्यौहार मनाकर देश भक्ति मन में भर लेते हैं।

प्रश्न 3.
‘मानव सेवा ही माधव सेवा है।’ इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए |
उत्तर:
मानव सामाजिक प्राणी है। हर एक व्यक्ति समाज का अंग ही है। ज्ञानी और बुद्धिमान होने के कारण सबसे मानव मिलजुलकर रहना चाहता है। इसलिए समाज में रहनेवाले लोगों के बारे में सोचना आवश्यक सहायता करना मानव का सच्चा धर्म है। सेवा भाव ही मानव का उत्तम गुण है। अपने जीवन को सुचारू रूप से बिताते, साथ ही लोगों के काम आते, ज़रूरतमंदों की सहयता करने में तत्पर रहना है। मुसीबतों में रहे लोगों के कष्टों को दूर करना मानवता का चिह्न है। इसीलिए कहा गया है कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। अर्थ है कि मानव की सेवा ही भगवान की सेवा है।

आ) पाठ पढ़िए | अभ्यास – कार्य कीजिए ।

पाठ के आधार पर वाक्यों को सही क्रम दीजिए ।

1. सभी धर्मों के लोग विविध प्रकार के उत्सव व त्यौहार मनाते हैं | ( )
2. यहाँ अनेक धर्मों व जातियों के लोग रहते हैं । ( )
3. ये त्यौहार समाज में खुशी और सजगता लाते हैं । ( )
4. भारत प्राचीन और विशाल देश है । ( 1 )
उत्तर:
1) 3
2) 2
3) 4
4) 1

इन वाक्यों के भाव स्पष्ट कीजिए ।

प्रश्न 1.
नागरिकता और सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं ।
उत्तर:
रोज़ा रखने से मनुष्य में आत्मसंयम, आत्म नियंत्रण, आत्मविश्वास, आत्मानुशासन आदि गुण विकसित होते हैं । इसलिए नागरिकता और सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं । सच्चे अर्थ में नागरिक क्या और कौन है ? समाज के प्रति हमारा कर्तव्य क्या है ? आदि भावनाएँ बढ़ती हैं।

प्रश्न 2.
उपवासों का यह पावन पर्व हमें मानव कल्याण का संदेश देता है।
उत्तर:
उपवासों का त्योहार रमज़ान पावन पर्व है । यह शांति, अहिंसा, त्याग, परोपकार, न्याय, धर्म आदि गुणों का विकास करके मानव कल्याण का संदेश देता है |

नीचे दी गयी पंक्तियाँ पढ़िए । प्रश्नों के उत्तर लिखिए |
सूरज चाँद सितारों वाली
हमदर्दी की प्यारी-प्यारी, ईद मुबारक ।
हमको, तुमको, सबको अपनी,
मीठी-मीठी ईद मुबारक ||

प्रश्न 1.
सूरज, चाँद, सितारों वाली क्या है?
उत्तर:
सूरज, चाँद, सितारों वाली “ईद” है ।

प्रश्न 2.
ईद कैसी होती है ?
उत्तर:
ईद प्यारी-प्यारी मीठी -मीठी होती है।

प्रश्न 3.
किस-किसको “ईद मुबारक” की शुभकामनाएँ दी गयी हैं ?
उत्तर:
हमको, तुमको और सबको ईद मुबारक की शुभकामनाएँ दी गयी हैं ।

इ) निम्नलिखित इस्लामी महीनों के नाम पढ़िए और समझिए ।

अभिव्यक्ति – सृजनात्मकता

अ) इन प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

प्रश्न 1.
रमज़ान का त्यौहार विश्व कल्याण की भावना को बढ़ाने में सहायक है । कैसे?
(या)
विश्व कल्याण की भावना को बढ़ाने में रमजान की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
रमज़ान के महीने में रोजा रखने के कारण लोगों में आत्मसंयम, आत्मनियंत्रण, आत्मविश्वास और आत्मअनुशासन आदि गुण विकसित होते हैं। जिससे मानवता और सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं। अपने कर्तव्यों का बोध होता है। गरीबों के दुख – दर्दो का अनुभव किया जाता है और उसकी सहायता की जाती है। जिससे भाईचारे का विकास होता है। रमज़ान के महीने में चारों ओर परोपकार की भावना छा जाती है। जिससे मानव सेवा के पथ पर बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इस रमज़ान के महीने में विशेष रूप से दुआएँ माँगी जाती हैं। जिनमें विश्व कल्याण की भावना होती है। रमज़ान शांति, अहिंसा, त्याग , परोपकार, न्याय और धर्म आदि गुणों का विकास होता है। उपर्युक्त इन सारे कारणों से हम कह सकते हैं कि रमजान का त्यौहार विश्व कल्याण की भावना को बढ़ाने में सहायक है।

प्रश्न 2.
रमज़ान के त्यौहार के पीछे चाँद और सूरज की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
इस्लामी महीना चाँद के निकलने से शुरू होता है। रमज़ान का चाँद निकलने पर इसकी सूचना विविध प्रकार से दी जाती है। रमज़ान मास की सूचना मिलते ही मुस्लमान भाई रोजों की तैयारियों में लग जाते हैं और रमज़ान के महीने भर रोजें रखते हैं। रोज़ा यानि उपवास है। रोज़ा रखने के लिए सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटा पहले आहार लिया जाता है। इसे सहरी कहते हैं। इस प्रकार रमज़ान त्यौहार के पीछे चाँद और सूरज की भूमिका होती है।

प्रश्न 3.
त्यौहार किस तरह समाज में खुशी और सजगता लाते हैं?
उत्तर:
भारत विशाल एवं प्राचीन देश है। यहाँ अनेक धर्म, जाति और संप्रदाय के लोग रहते हैं। सभी धर्मों के लोग विविध प्रकार से उत्सव व त्यौहार मनाते हैं। ये त्यौहार समाज में खुशी और सजगता लाते हैं। ये भारतीय संस्कृति की शोभा में चार चाँद लगाते हैं। व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के जीवन में त्यौहारों का अपना विशेष महत्व होता है। सभी के लिए इनका विशेष प्रयोजन है। जिम्मेदारियाँ और नित्य की एक रसता व्यक्ति के जीवन में नीरसता उत्पन्न करती है – रोज एक जैसी जीवन चर्चा, एक जैसा भोजन, वहीं कपड़े, वहीं दौड़ – धूप। इसीलिए हर परिवार में त्यौहार की बेचैनी के साथ प्रतीक्षा रहती है। जब त्यौहार आजाता है। तो पूरे परिवार में सक्रियता बढ़ जाती है। परिवार में आनंद और उल्लास छा जाता है। हमारी नीरसता और ऊब समाप्त हो जाती है। हमारा जीवन नयी शक्ति नयी उमंग और उत्साह से भर जाता है। पर्व पारस्परिक प्रेम संबंधों को मजबूत करते हैं। त्यौहार हमें उल्लास, उत्साह और उमंग भर देते हैं।

इस प्रकार त्यौहार समाज में खुशी और सजगता लाते हैं।

आ) पाठ में रमज़ान के त्यौहार के बारे में बताया गया है। आप किसी त्यौहार के बारे में निबंध लिखिए।
उत्तर: संक्रांति (पोंगल)
प्रस्तावना :
भारत का भूगोल निराला है। यहाँ सब तरह की ऋतुएँ, सब तरह के मौसम तथा सब तरह की वनस्पतियाँ पायी जाती है। प्रकृति का हमें अनुपम वरदान मिला है। हम भारतवासी पर्व मनाकर प्रकृति के प्रति अपना आभार प्रकट करते हैं।

मकर संक्रांति भारत का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। इसे दक्षिण भारत के लोग पोंगल भी कहते हैं। यह ऋतु प्रधान पर्व है। उत्तर और दक्षिण भारत में यह त्यौहार धूम – धाम से मनाया जाता है। संक्राति हर साल 14 जनवरी को मनायी जाती है। इस त्यौहार का संबंध सूर्य भगवान से है। सूर्य भगवान इस दिन. दक्षिणायन से उत्तरायण चलता है। इस कारण इसे उत्तरायण भी कहते हैं। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। ऐसा विश्वास है इस दिन स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं।

विषय :
सूर्य भगवान की कृपा से बहुत फ़सलें होती हैं। इसलिए कृतज्ञ किसान नयी फ़सल से सूर्य भगवान ‘ को पोंगल बनाकर पोंगल के दिन भेंट चढ़ाते हैं। बन्धु – मित्रों से मिलकर खुशी मनाते हैं।

यह त्यौहार तीन दिन मनाया जाता है। पहले दिन को भोगी कहते हैं। दूसरे दिन को संक्रांति (पोंगल) मनाते हैं। तीसरे दिन को कनुमा कहते हैं।

इस दिन बड़े सबेरे ही जागकर सिरो स्नान करके नये कपडे पहनते हैं। तरह – तरह के पकवान बनाकर खाते हैं। इस त्यौहार की तैयारी एक मीहने के पहले से ही होती है। घर और मकान साफ़ किये जाते हैं। चूना पोता जाता है।

उपसंहार :
त्यौहार के समय किसान लोग बैलों की, गायों की पूजा करते हैं। गाँव – गाँव में कोलाहल मच जाता है। मुर्गों की होड भेड़ों की भिडाई आदि होते हैं। बैलों की होड भी होती है। बच्चे रंग – बिरंगे पतंगे उड़ाते हैं। इस तरह सब लोग आनंद प्रमोद के साथ त्यौहार मनाते हैं।

इ) किसी त्यौहार की शुभकामनाएँ देते हुए तीन संक्षिप्त संदेश (एस.एम.एस.) लिखिए |
उत्तर:

  1. ईद मुबारक
  2. हमदर्दी की प्यारी-प्यारी ईद मुबारक
  3. ईद-उल-फितर की शुभकामनाएँ

ई) आत्मसंयम और अनुशासन का हमारे जीवन में क्या महत्व है? बताइए।
उत्तर:
हमारे मानव जीवन में आत्मसंयम और अनुशासन दोनों का विशेष महत्व रहता है। इन दोनों से हमारा जीवन नियमबद्ध रहता है। हमारे जीवन में इन दोनों के कारण विकास आता है। इन दोनों के कारण ही देश की उन्नति होती है। आत्मसंयम : आत्मा को नियंत्रित रखना ही आत्मसंयम है। आत्मसंयम के कारण हम कोई भी इच्छाओं के बिना जी सकते हैं। आत्मसंयम के कारण हमें अपने कर्तव्यों के प्रति बोध होता है। इसीके कारण मानवता तथा सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं। आत्मसंयम के कारण ही गरीबों और ज़रूरतमंदों की सहायता की प्रेरणा मिलती है। आत्मसंयम के कारण ही आत्म नियंत्रण आत्मविश्वास, आत्मधैर्य आदि भावनाएँ विकसित होती हैं।

अनुशासन :
हमें जो करना है, जो न करना है, कैसा जीना है, कैसे न जीना है, समाज में कैसा रहना है आदि हमें अनुशासन के द्वारा ही मालूम होते हैं । नियमबद्ध तथा शासनबद्ध रहना ही अनुशासन है। हर एक में आत्मानुशासन होना चाहिए। अनुशासनसहित समाज ही उत्तम समाज है। अनुशासित देश ही उत्तम देश है। इससे कर्तव्य बोध होता है।

भाषा की बात

अ) वाक्य पढ़िए । भेद समझिए ।

1) रोज़े रखते हैं। – रोज़े रखे जाते हैं।
2) बच्चे खुशी मनाते हैं । – बच्चों के द्वारा खुशी मनायी जाती है ।
3) ईद का चाँद देखते हैं। – ईद का चाँद देखा जाता है ।
4) इसे सहरी कहते हैं। – इसे सहरी कहा जाता है ।
5) लड़के ने रोटी खायी । – लड़के से रोटी खायी गयी ।
6) . लड़का रोटी खाता है । – लड़के से रोटी खायी जाती है ।
7) लड़का दौड़ नहीं सकता। – लड़के से दौड़ा नहीं जाता ।

ऊपर दिये गये वाक्यों में कुछ क्रियाएँ कर्ता के अनुसार हैं और कुछ कर्म के अनुसार हैं। इन्हीं में कुछ क्रियाएँ क्रिया भाव के अनुसार हैं। इस तरह वाक्य के रूप को वाध्य कहते हैं ।
वाच्य के प्रकार –

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
किसी एक व्यंजन बनाने की विधि पता कीजिए और लिखिए ।
अ) उगादि पच्चडी
आ) शीरखुर्मा
इ) क्रिसमस केक
उत्तर:
अ) उगादि पच्चडी
पच्चडी का अर्थ चटनी है | उगादि त्योहार के दिन बनायी जानेवाली इस चट्नी या पच्चडी में षड् रुचियाँ होती हैं ।

विशेषतः
इसे उगादि पर्व दिन में बनाने के कारण इसे उगादि पच्चडी कहते हैं ।

इसे बनाने आवश्यक चीजें :
इमली थोडा सा, गुड पर्याप्त, कच्चा आम एक, नमक पप्ति, नीम के फूल एक कप, हरी मिर्च एक आदि । इस चटनी में इमली से खटास, गुड से मिठास, कच्चे आम से कसैलापन, नमक से नमकीन, नीम के फूलों से कडुआहट और हरी मिर्च से तीखापन आदि षड्चियाँ होती हैं ।

विधि :
पहले पहल थोडा सा इमली लेकर उसमें पर्याप्त पानी जोडकर रस बनाइए | उसमें गुड को पीसकर डालना चाहिए | उसके बाद कच्चे आम को छोटे-छोटे टुकडे करके उसमें डालना है । बाद में थोडा सा नमक और नीम के फूल मिलाइए | इसमें हरी मिर्च छोटे-छोटे टुकडे करके डालना चाहिए। यदि चाहे तो ईख का रस थोडा सा डाल भी सकते हैं तो बन गई उगादि पच्चडी।

उगादि पच्चडी के जो स्वाद हैं वे जीवन के तरह-तरह के अनुभवों के प्रतीक हैं । इससे हमें संदेश मिलता है कि जीवन सुख-दुखों का मिलन (संगम) है ।

रमज़ान Summary in English

India is an ancient country. It is a large country. The people belonging to different races, religions live here. The people of every religion celebrate various festivals and celebrations. These festivals give them immense happiness and awareness and enhance the glory of the Indian culture. Eid-Ul-Fitr is one of the eminent festivals. It is otherwise called Ramzan.

Ramzan is an important festival for the Muslims. In fact, it is the ninth month according to Islamic Lunar Calendar. There are 5 important principles in Islam. They are : 1) Tauhid 2) Namaz 3) Roza (Fasting) 4) Zakat 5) Haj Pilgrimage. Among these, the third principles of Roza. It is Roza. It is followed in the month of Ramzan. It is also called the month of prayers. It is believed that the Muslims’ holy book ‘Quran-e-sharif’ was revealed in this very month.

Ramzan begins after the moon has been sighted. It is indicated in various ways. When the Muslims receive the indication regarding the Ramzan month they get involved in Roza arrangements. They follow Roza (Fasting) during the Ramzan month: To follow Roza, they take food about one and a half hour before sunrise. It is called ‘Sahari’.

After Sahari the fasting begins. During the fasting time it is not allowed to drink even water. Thus, concentrating mind on Allah while following Roza and taking part in day-to-day activities is the main objective of Ramzan.

Besides good health, one can develop the virtuous qualities such as self-control, selfconfidence, self-discipline etc., by following Roza. With these qualities, the feeling of togetherness grows. One can realise sorrows and troubles of the poor and they will be helped.

After sunset they take dates, fruits, almonds and water etc., and break the fast. It is called Iftar. In many places Iftar feasts are arranged. The fraternal feeling is evoked through these. During the Ramzan month the Muslims do Namaz.called Tarawih, a special prayer in addition to the Namaz 5 times a day. In this, ‘Quran-e-Sharif’ is completely read. Most of the people give Zakat in this month. They give 2½% of their wealth, gold, silver, money and annual incomes as charity to poor and needy people. The charity thus given is called Zakat. Besides, it is compulsory to give charity (Fitra) before Eid Namaz. That is why, this is also called Eid-Ul-Fitr. In this manner the feeling of mutual benefaction and cooperation prevails everywhere.. By this, everyone gets inspired to serve the mankind. In this very month, ‘Shab-e-Qadr’ (The night of awakening) is held. This is considered as an auspicious night. So even the children stay awake and get involved in prayers along with adults throughout the night. ‘Atekaf’ is one of the specialities of Ramzan. Staying at mosque, they immerse themselves in the devotion of Allah. This is called Atekaf. During this month, the Muslims do special prayers and want the blessings of Allah. The idea of welfare of the world is involved in this.

After the completion of fasting, Eid-Ul-Fitr is celebrated the following day with much enthusiasm and fervour. This will be the first day of Shawwal month. On the day of Eid festival everyone wears new clothes. They use perfumes, Semiya is specially made. Eid prayer is held at Idgah. In this prayer, children and grown-ups, rich and poor, everybody stand in a row. It is worth-seeing. Later, they hug one another and convey Eid wishes. On this festive occasion people of different religions also take part in the celebration. In this manner the whole atmosphere changes luminously with religious righteousness.

Though it is a religious festival, Ramzan is prominent in a communal view. It develops such qualities as peace, non-violence, sacrifice, mutual beneficence, charity and justness etc. It leads us to the path of humanity. This holy festival including fasts, binds us with the principles of good feelings and gives a message for the prosperity of mankind:

रमज़ान Summary in Telugu

భారతదేశం ప్రాచీనమైన దేశం, విశాలమైన దేశం ఇక్కడ అనేక జాతులకు, మతాలకు చెందినవారు నివశిస్తున్నారు. అన్ని మతాలకు చెందిన ప్రజలు రకరకాల ఉత్సవాలు మరియు పండుగలను జరుపుకుంటారు. ఈ పండుగలు సమాజంలో సంతోషాన్ని, చైతన్యాన్ని తీసుకువస్తాయి. ఇవి భారతీయ సంస్కృతి శోభను ఇనుమడింపజేయడంలో అగ్రస్థానాన్ని పొందుతాయి. ఇలాంటి మహత్వపూర్ణమైన పండుగలలో ఈద్-ఉల్-ఫితర్ ఒకటి. దీనిని రంజాన్ అని కూడా అంటారు.

రంజాన్ మహమ్మదీయుల ముఖ్య పండుగ. వాస్తవంగా చెప్పాలంటే రంజాన్ అనునది మహమ్మదీయుల (ఇస్లాం) మతం యొక్క 9వ నెల పేరు. ఇస్లాం మతంలో ముఖ్యమైన (ప్రాథమికమైన) 5 సిద్ధాంతాలు కలవు. అవి :1) తౌహీద్ 2) నమాజ్ 3) రోజా (ఉపవాసం) 4) జకాత్ 5) హజ్ యాత్ర. వీటిలో మూడవ సిద్ధాంతం రోజా. ఇది రంజాన్ మాసంలో పాటించబడుతుంది. దీనిని ప్రార్థనల నెల (ప్రార్థనల పండుగ నెల) అని అంటారు. ఈ నెలలోనే మహమ్మదీయుల పవిత్ర గ్రంథం ఖురాన్-ఎ-శరీఫ్ జన్మించినదని వీరి నమ్మకం.

మహమ్మదీయుల (ఇస్లాం) నెల చంద్రోదయంతో ప్రారంభమగుతుంది. రంజాన్ చంద్రుడు వచ్చిన తర్వాత ఆ సూచన రకరకాలుగా ఇవ్వబడుతుంది. రంజాన్ నెల సూచన రాగానే మహమ్మదీయ సోదరులు రోజా ఏర్పాట్లలో నిమగ్నమై యుంటారు. వీరు రంజాన్ మాసమంతా రోజా (ఉపవాసం) ఉంటారు. రోజా అనగా ఉపవాసం అని అర్థం. రోజా ఉండడానికి సూర్యోదయానికి దాదాపుగా గంటన్నర ముందు ఆహారం తీసుకుంటారు. దీనినే ‘సహరీ’ అంటారు.

సహరీ తర్వాత నుండి ఉపవాసం ప్రారంభమవుతుంది. వీరి ఉపవాస సమయంలో మంచినీరు త్రాగడం కూడా నిషేధం విధించబడుతుంది. ఈ విధంగా రోజా (ఉపవాసం) ఉంటూ దైనందిన కార్యకలాపాలు చేస్తూనే తమ మనస్సును అల్లాహ్ యందు నిలపడం రంజాన్ పండుగ ముఖ్యోద్దేశ్యం.

రోజా (ఉపవాసం) ఉండడం వల్ల మానవుడు ఆరోగ్యంగా ఉండి ఆత్మసంయమనం, ఆత్మవిశ్వాసం, స్వీయ క్రమశిక్షణ మొదలగు సుగుణాలను వికసింపజేసుకుంటాడు. వీటి ద్వారా సామాజిక భావన పెరుగుతుంది. తన కర్తవ్యాలేమిటో బోధపడతాయి. పేదల దు:ఖం, బాధలు తెలుస్తాయి. వారికి సహాయం చేయడం జరుగుతుంది.

సూర్యాస్తమయం అవగానే ఖర్జూరపండ్లు, పండ్లు, బాదంపప్పు, మంచినీరు మొదలగు వానిని స్వీకరించి రోజా (ఉపవాసం) విరమిస్తారు. దీనిని ఇఫ్తార్ అని అంటారు. చాలా ప్రదేశాలలో ఇఫ్తార్ విందులు కూడా ఏర్పాటు చేయబడతాయి. వీటి ద్వారా సోదరభావం వికసించబడుతుంది. రంజాన్ మాసంలో రోజుకి 5 సార్లు నమాజుతో పాటు విశేషంగా “తరావీహ్” అను నమాజు కూడా జరుగుతుంది. దీనిలో ముఖ్యంగా ఖురాన్-ఎ-శరీఫ్ ను సంపూర్ణంగా చదవడం జరుగుతుంది. ఎక్కువమంది ప్రజలు ఇదే నెలలో జకాత్ ఇస్తారు. వారు తమ సంపదలో, బంగారంలో, వెండి, ధనం, వార్షిక ఆదాయాలలో 2½ శాతం పేదవారికి, అవసరాలు ఉన్నవారికి పంచిపెడతారు. ఈ విధంగా ఇచ్చే దానాన్నే “జకాత్” అంటారు. దీనికి తోడుగా ఈద్ నమాజుకి ముందు (ఫిత్రా) దానం కూడా ఇవ్వడం తప్పనిసరి. అందువల్లనే దీన్ని ఈద్-ఉల్-ఫితర్ అని కూడా అంటారు. ఈ విధంగా రంజాన్ మాసంలో సర్వత్రా పరోపకార భావన నెలకొంటుంది. దీని ద్వారా అందరూ మానవసేవా పథంలో నడవడానికి ప్రేరణ లభిస్తుంది. ఈ నెలలోనే శబ్-ఎ-కదర్ మేల్కొలుపుల రాత్రి ఉంటుంది. ఇది ఒక మహత్వ పూర్ణమైన రాత్రి. అందువలన పిల్లలు కూడా పెద్దవారితో రాత్రంతా మెలకువతో ఉండి, ప్రార్థనలలో లీనమవుతారు. రంజాన్ విశేషతలలో “ఏతేకాఫ్” అనేది కూడా ఒకటి. పూర్తిగా మసీదులో ఉండి అల్లాహ్ భక్తిలో లీనమవడం ఎతేకాఫ్. ఈ నెలలో విశేషంగా భగవంతుని ప్రార్థనలు చేసి ఆశ్శీసులు కోరతారు. దీనిలో విశ్వ కళ్యా ణ భావన ఇమిడి ఉంది.

రంజాన్ రోజా (ఉపవాసాలు) లు పూర్తి కాగానే మరుసటి రోజు ఈద్-ఉల్-ఫితర్ జరుపుకుంటారు. ఇది శవ్వాల్ మాసపు మొదటి రోజు అగును. ఈద్ పండుగ రోజు అందరూ నూతన వస్త్రములను ధరించెదరు, అత్తరు వ్రాసుకొనెదరు. విశేషంగా సేమ్యా తయారుచేసెదరు. ఈద్ నమాజును ఈద్ గాప్ లో చదువుకుంటారు. ఈ నమాజులో చిన్నలు- పెద్దలు, ధనవంతులు, పేదవారు, అందరూ కలసి ఒకే లైనులో నిలబడెదరు. ఈ దృశ్యము చూడదగినది. దీని తర్వాత ఒకరినొకరు ఆప్యాయతతో కౌగిలించుకొంటూ ఈద్ పండుగ శుభాకాంక్షలు తెలియచేసుకుంటారు. ఈ సంతోష సమయంలో వివిధ మతాలకు చెందిన ప్రజలు కూడా పాల్గొంటారు. ఈద్ శుభాకాంక్షలను తెలియజేస్తారు. ఈ విధంగా మతపరమైన సద్భావనతో వాతావరణమంతా శోభాయమానంగా మారిపోతుంది.

రంజాన్ మతపరమైన పండగే అయినప్పటికీ సామాజికదృష్ట్యా మహత్వపూర్ణమైనది. ఇది శాంతి, అహింస, త్యాగం, పరోపకారం, న్యాయం, ధర్మం అనే గుణాలను వికశింపజేస్తుంది. మనలను మానవత్వపు మార్గంలో పయనింపచేస్తుంది. ఉపవాసాలతో కూడిన ఈ పవిత్ర పండుగ సద్భావన సూత్రాలలో మనల్ని బంధించి మానవ కళ్యాణ సందేశం ఇస్తుంది.

अर्थग्राहयता – प्रतिक्रिया

1. निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए |

रोज़ा सूर्यास्त के साथ ही खजूर, फल, मेवा, पानी आदि से खोला जाता है। इसे ‘इफ़तार’ कहते हैं कई स्थानों पर इफ़तार की दावत भी रखी जाती है। जिससे भाईचारे का विकास होता है। रमज़ान में पाँच फ़र्ज नमाजों के साथ – साथ विशेष नमाज़ ‘तरावीह’ होती है।
प्रश्न :
1. रोज़ा किनसे खोला जाता है?
उत्तर:
रोजा खजूर फल, मेवा पानी आदि से खोला जाता है।

2. इफतार की दावत से किस भावना का विकास होता है?
उत्तर:
इफ़तार की दावत से भाईचारे भावना का विकास होता है।

3. रमज़ान महीने की विशेष नमाज को क्या कहते हैं?
उत्तर:
रमज़ान महीने की विशष नमाज को “तरावीह’ कहते हैं।

4. “इफ़तार” माने क्या है?
उत्तर:
रोजा खोलने को इफ़तार कहते हैं।

5. ‘सूर्यास्त’ – किन दो शब्दों से बना है?
उत्तर:
सूर्य + अस्त

2. निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। सही विकल्प से संबंधित अक्षर चुनकर कोष्ठक में रखिए।

डॉ. विक्रम अंबालाल साराभाई को भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक माना जाता है। आपका जन्म गुजरात राज्य के अहमदाबाद में 12 अगस्त, 1919 को हुआ था। आपने भारत में 35 से ज़्यादा संस्थान खोले। भारत में उनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) की स्थापना में रहा है। विज्ञान के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए सन् 1966 में पद्मभूषण | और सन् 1972 में पद्मविभूषण (मृत्योपरांत) से सम्मानित किया गया। लिताबाद
प्रश्न :
1. भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक किनको मानते हैं।
A) ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
B) विक्रम साराभाई
C) होमी जहँगीर बाबा
D) कस्तूरी रंगन
उत्तर:
B) विक्रम साराभाई

2. विक्रम साराभाई का जन्म यहाँ हुआ –
A) अहमदाबाद
B) इलाहाबाद
C) हैदराबाद
D) दौलताबाद
उत्तर:
A) अहमदाबाद

3. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान की स्थापना इस वर्ष में हुई –
A) उन्नीस सौ उनचास
B) उन्नीस सौ उनासी
C) उन्नीस सौ उनहत्तर
D) उन्नीस सौ उनसठ
उत्तर:
C) उन्नीस सौ उनहत्तर

4. विक्रम साराभाई को इन उपाधियों से सम्मानित किया गया –
A) पद्मभूषण और पद्मश्री
B) भारत रत्न और पद्मभूषण
C) पद्मविभूषण और पद्मश्री
D) पद्मभूषण और पद्मविभूषण
उत्तर:
D) पद्मभूषण और पद्मविभूषण

5. ‘मृत्यु’ का विलोम शब्द पहचानिए।
A) जीवन
B) जन्म
C) मरण
D) पोषण
उत्तर:
B) जन्म

निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए।

1. ईद के दिन सब नये कपड़े पहनते हैं। (क्रिया शब्द पहचानिए।)
A) ईद
B) पहनते
C) नये
D) कपडे
उत्तर:
B) पहनते

2. रोज़े रखने से आत्मानुशासन का विकास होता है। (रेखांकित शब्द का संधि विच्छेद पहचानिए।) |
A) आत्मा + अनुशासन
B) आत्मानु + शासन
C) आ + त्मनुशासन
D) आत्मा + नुशासन
उत्तर:
A) आत्मा + अनुशासन

3. ईद के दिन नये कपडे पहनते हैं। (विशेषण शब्द पहचानिए।)
A) ईद
B) के
C) पहनते हैं
D) नये
उत्तर:
D) नये

4. त्यौहार भारतीय संस्कृति की शोभा में चार चाँद लगाते हैं। (रेखांकित मुहावरे का अर्थ लिखिए।)
A) अधिक करुप बनाना
B) चाँद को उतारना
C) अत्यधिक सुन्दर बनाना
D) अपना काम बनाना
उत्तर:
C) अत्यधिक सुन्दर बनाना

5. रमजान पर्व का सामाजिक दृष्टि से भी महत्व है। रेखांकित शब्द में प्रत्यय पहचानिए।
A) क
B) इक
C)जिक
D) माजिक
उत्तर:
B) इक

6. अधिकतर लोग रमज़ान महीने में ज़कात देते है। क्रिया शब्द पहचानिए।
A) अधिकतर
B) देते है
C) लोग
D) रमज़ान
उत्तर:
B) देते है

अर्थग्राह्यता – प्रतिक्रिया

पठित – गद्यांश

निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।

1. रमज़ान धार्मिक पर्व होते हुए भी सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह शांति, अहिंसा, त्याग,परोपकार, न्याय, धर्म आदि गुणों का विकास करता है। हमें मानवता के पथ पर बढ़ने की प्रेरणा देता है। उपवासों का यह पावन पर्व हमें सद्भावना के सूत्र में बांधकर मानव कल्याण का संदेश देता है।
प्रश्न :
1. उपवासों का पावन पर्व क्या है?
उत्तर:
रमज़ान उपवासों का पावन पर्व है।

2. सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्व क्या है?
उत्तर:
सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्व है ‘रमज़ान”|

3. रमज़ान किन – किन गुणों का विकास करता है?
उत्तर:
रमज़ान शांति, अहिंसा, त्याग, परोपकार, न्याय, धर्म आदि गुणों का विकास करता है।

4. रमज़ान हमें क्या संदेश देता है?
उत्तर:
रमज़ान हमें मानव कल्याण का संदेश देता है।

5. उपर्युक्त गद्यांश किस पाट से दिया गया है?
उत्तर:
उपर्युक्त गद्यांश “रमज़ान” नामक पाठ से दिया गया है।

2. रमज़ान इस्लाम धर्म का प्रमुख त्यौहार है। वास्तव में रमज़ान इस्लाम धर्म के नौवें महीने का नाम है। | इस्लाम धर्म के पाँच बुनियादी सिद्धांत हैं। 1. तौहीद, 2. नमाज़, 3. रोज़ा, 4. ज़कात, 5. हन। इनमें तीसरा सिद्धांत ‘रोज़ा’ है। इसे रमज़ान के महीने में अदा किया जाता है। यह इबादतों (प्रार्थनाओं) व बरकतों का महीना है। यह माना जाता है कि इसी महीने में पवित्र ग्रंथ ‘कुरान – ए – शरीफ़’ नाज़िल हुआ है।
प्रश्न :
1. इस्लाम धर्म का प्रमुख त्यौहार क्या है?
उत्तर:
इस्लाम धर्म का प्रमुख त्यौहार है “रमज़ान”।

2. इस्लाम धर्म के बुनियादी सिद्धांत क्या – क्या हैं?
उत्तर:
इस्लाम धर्म के पाँच बुनियादी सिद्धांत हैं । वे हैं-
1. तौहीद
2. नमाज़
3. रोज़ा
4. ज़कात
5. हज

3. इबादतों वे बरकतों का महीना क्या है?
उत्तर:
रमज़ान इबादतों व बरकतों को महीना है।

4. पवित्र ग्रंथ कुरान – ए – शरीफ़’ का नाजिल कब हुआ है?
उत्तर:
पवित्र ग्रंथ ‘कुरान – ए – शरीफ़’ का नाज़िल रमज़ान के महीने में हुआ है।

5. उपर्युक्त इस गद्यांश में किस पर्व के बारे में सूचना दी गयी है?
उत्तर:
उपर्युक्त इस गद्यांश में रमज़ान पर्व के बारे में सूचना दी गयी है।

3. भारत प्राचीन और विशाल देश है यहाँ अनेक धर्मों व जातियों के लोग रहते हैं। सभी धर्मों के लोग विविध प्रकार के उत्सव व त्यौहार मनाते हैं। ये त्यौहार समाज में खुशी और सजगता लाते हैं। ये भारतीय संस्कृति की शोभा में चार चाँद लगाते हैं। ऐसे ही महत्वपूर्ण त्यौहारों में से ईद – उल – फ़ितर भी एक है। इसे रमज़ान भी कहते हैं।
प्रश्न:
1. प्राचीन और विशाल देश क्या है?
उत्तर:
भारत प्राचीन और विशाल देश है।

2. त्यौहार समाज में क्या – क्या लाते हैं?
उत्तर:
त्यौहार समाज में सजगता और खुशी लाते हैं।

3. ईद – उल – फ़ितर को और क्या कहते हैं?
उत्तर:
ईद – उल – फ़ितर को रमज़ान भी कहते हैं।

4. अनेक धर्मों और जातियों के लोग कहाँ रहते हैं?
उत्तर:
भारत में अनेक धर्मों और जातियों के लोग रहते हैं।

5. भारतीय संस्कृति की शोभा में चार चाँद लगाने वाले क्या है?
उत्तर:
त्यौहार एवं पर्व भारतीय संस्कृति की शोभा में चार चाँद लगाने वाले हैं।

अपठित – गद्यांश

नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर चुनकर कोष्ठक में लिखिए।

1. बापू के वे पक्के अनुयायी थे। जब से कांग्रेज ने अस्पृश्यता – निवारण संबंधी प्रस्ताव पास किया, | तभी से इस दिशा में उन्होंने काम शुरु कर दिया था। उस समय के वातावरण के अनुरूप. जमनालालजी ने हरिजन – बस्तियों में प्रचारक रख दिये थे और हरिजन छात्रों को छात्रवृत्तियाँ देना शुरू. कर दिया था। इसका सारा ख़र्च वे अपने पास से देते थे। पर इससे उनका दिल नहीं भरता और वे सोचा करते थे कि कोई बड़ा और ठोस काम इस दिशा में किया जाए। उन्हें सूझा कि हरिजनों को सार्वजनिक कुओं से पानी लेने की छूट होनी चाहिए और मंदिरों में देवदर्शन की इज़ाज़त मिलनी चाहिए। उन्होंने अपने घर में सुधार करने का निश्चय किया।
प्रश्न :
1. वे किसके पक्के अनुयायी थे?
A) नेहरू
B) शिवाजी
C) बापू
D) भारती
उत्तर:
C) बापू

2. हरिजन छात्रों को छात्र वृत्तियाँ देना किसने शुरूकर दिया था?
A) जमनालाल जी
B) नेहरू जी
C) राजाजी
D) गाँधीजी
उत्तर:
A) जमनालाल जी

3. अस्पृश्यता निवारण संबंधी प्रस्ताव किसने पास किया?
A) बापू
B) जमनालाल जी
C) कांग्रेस
D) ये सब
उत्तर:
C) कांग्रेस

4. सार्वजनिक कुओं से पानी लेने की छूट किन्हें चाहिए?
A) जनजातीय लोगों को
B) हरिजनों को
C) हिन्दुओं को
D) इन सबको
उत्तर:
B) हरिजनों को

5. हरिजन बस्तियों में इन्होंने प्रचारक रख दिये
A) बापू
B) जमनालाल
C) नेहरू
D) राजाजी
उत्तर:
B) जमनालाल

2. मनुष्य मृत्यु को असुन्दर ही नहीं, अपवित्र भी मानता है। उसके प्रियतम आत्मीय जन का शब भी उसके निकट अपवित्र, अस्पृश्य तथा भयजनक हो उठता है। जब मृत्यु इतनी अपवित्र और असुन्दर है तब उसे बाँटेत घूमना क्यों अपवित्र और असुन्दर कार्य नहीं हैं, यह मैं समझ नहीं पाती। आकाश में रंग – बिरंगे फूलों की घटाओं के समान उड़ते हुए और वीणा, वंशी, मुरज, जलतंरग आदि का वृंदवादन बजाते हुए पक्षी कितने सुन्दर जान पड़ते हैं। मनुष्य ने बन्दूक उठायी, निशाना साधा और कई गाते उडते पक्षी धरती पर ढेले के समान आ गिरे। किसी की लाल – पीली चोंचवाली गर्दन टूट गयी है, किसी के पीले सुन्दर पंजे टेढ़े हो गये हैं और किसी के इन्द्रधनुषी पंख बिखर गये हैं। क्षत – विक्षत रक्तस्त्रात उन मृत – अधमृत लघु गातों में न अब संगीत है, न सौंदर्य। परन्तु तब भी मारनेवाला अपनी सफलता पर नाव उठता है। पक्षी जगत में ही नहीं, पशु जगत में भी मनुष्य की ध्वंसलीला ऐसी ही निष्ठुर है।
प्रश्न :
1. मनुष्य मृत्यु को कैसा मानता है?
A) असुंदर – अपवित्र
B) सुंदर – पवित्र
C) पवित्र ही नहीं अवश्य
D) ये सब
उत्तर:
A) असुंदर – अपवित्र

2. आकाश में सुंदर जान पड़ने वाले क्या है?
A) विमान
B) मेघ
C) पक्षी
D) ये सब
उत्तर:
C) पक्षी

3. किसकी ध्वंस लीला निष्ठुर है?
A) पक्षी
B) पशु
C) मनुष्य
D) राक्षस
उत्तर:
C) मनुष्य

4. मारनेवाला अपनी …. पर नाच उठता है।
A) असफलता
B) सफलता
C) तीर
D) संगीत
उत्तर:
B) सफलता

5. मानव के प्रियतम आत्मीय जन का शव भी कैसे लगता है?
A) अपवित्र
B) अस्पृश्य
C) भयजनक
D) ये सब
उत्तर:
D) ये सब

3. हमारे राज – चिन्ह में सामने दिखाई देनेवाले तीन सिंहों की मूर्तियों के नीचे एक चक्र रखा गया है। यह धर्म – चक्र कहलाता है। इसमें चौबीस छड़ें हैं। इनको उन्नति का प्रतीक मान सकते हैं। हमारे राष्ट्रीय झण्डे में यही धर्म – चक्र रखा गया है।
प्रश्न :
1. हमारे राज चिन्ह में सामने कितने सिंहों की मूर्तियाँ दिखायी देते हैं?
A) दो
B) तीन
C) चार
D) केवल एक
उत्तर:
B) तीन

2. सिंहों की मूर्तियों के नीचे क्या रखा गया है?
A) त्रिशूल
B) शूल
C) काँटा
D) चक्र
उत्तर:
D) चक्र

3. यह चक्र क्या कहलाता है?
A) शुभ चक्र
B) शंकुचक्र
C) धर्म चक्र
D) श्रीचक्र
उत्तर:
C) धर्म चक्र

4. धर्म चक्र में कितने छड़े हैं?
A) 20
B) 24
C) 34
D) 14
उत्तर:
B) 24

5. हमारे राष्ट्रीय झंडे में क्या रखा गया है?
A) विष्णु चक्र
B) भूचक्र
C) श्रीचक्र
D) धर्म चक्र
उत्तर:
D) धर्म चक्र

4. हमारे यात्री – दल में जो फ्रेंच महिला थीं, वह भारतीय पोशाक धारण करती थीं। भारतीय जीवन के साथ बिलकुल हिल- मिल जाने की उनकी कोशिश को देखते हुए मुझे सूट – बूट पहनेवाले यहाँ के बाबू लोगों की याद आती है। ज़रा – सी अंग्रेजी पढ़कर हमारे लोग अंग्रेजों की नकल करने की कोशिश करते हैं और इधर यूरोप के भाई – बहन यहाँ आकर भारतीय बनने की कोशिश करते हैं। वह फ्रेंच बहन हमारे साथ ही पैदल चलती थीं। ज़मीन पर पलथी मारकर बैठती थीं, हाथ से (बिना छुरी – काँटे के) खाना खाती थीं। वह भूदान का कार्य देखने आयी थीं। लोग प्राणों से भी प्रिय ज़मीन को दान में कैसे देते हैं, यह उनके लिए एक भारी समस्या बन गयी थी। भूदान – यज्ञ के द्वारा अहिंसक समाज – रचना हो सकती है, वह बात तो उन्हें असंभव – सी लगती थी।
प्रश्न :
1. यात्री दल में किस देश की महिला थी?
A) अमेरिका
B) चीनी
C) फ्रेंच
D) जपान
उत्तर:
C) फ्रेंच

2. फ्रेंच महला भारत क्यों आयी थी?
A) ताज महल देखने
B) भूदान कार्य देखने
C) नमक सत्याग्रह देखने
D) गाँधीजी को देखने
उत्तर:
B) भूदान कार्य देखने

3. अहिंसक समाज – रचना किसके द्वारा होती है?
A) भूदान यज्ञ
B) अन्नदान यज्ञ
C) विद्या दान यज्ञ
D) इन सबसे
उत्तर:
A) भूदान यज्ञ

4. फ्रेंच महिला कैसी पोशाक धारण करती थी?
A) फ्रेंच पोशाक
B) अमेरिकीय पोशाक
C) चीनी पोशाक
D) भारतीय पोशाक
उत्तर:
D) भारतीय पोशाक

5. फ्रेंच महिला के लिए एक भारी समस्या क्या बन गयी?
A) लोग प्राणों से प्रिय ज़मीन को दान में कैसे देते हैं।
B) लोग कैसे पैदल चलते हैं?
C) लोग क्यों भूदान करते हैं?
D) भूदान से क्या – क्या लाभ पायेंगे।
उत्तर:
A) लोग प्राणों से प्रिय ज़मीन को दान में कैसे देते हैं।

5. भारत हमारा देश है। यह पुराना और विशाल देश है। इसके उत्तर में ऊँचा हिमालय पहाड़ है। इसके बराबर ऊँचा पहाड़ दुनिया भर में कहीं नहीं है। हमारे देश को हिन्दुस्तान भी कहते हैं।

भारत के पूरब, पश्चिम और दक्षिण में समुद्र हैं। इसलिए इसे प्राय – द्वीप (Peninsula) कहते | हैं। गंगा, यमुना, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, तुंगभद्रा, नर्मदा आदि हमारे देश की प्रसिद्ध और पवित्र नदियाँ हैं।
प्रश्न :
1. इस उपर्युक्त अनुच्छेद (गद्यांश) में प्रस्तावित पुराना और विशाल देश क्या है?
A) आफ्रिका
B) भारत
C) अमेरिका
D) फिनलैंड
उत्तर:
A) आफ्रिका

2. भारत देश को और क्या कहते हैं?
A) किजकिस्तान
B) लाल द्वीप
C) हिन्दुस्तान
D) रेगिस्तान
उत्तर:
C) हिन्दुस्तान

3. भारत के पूरब, पश्चिम और दक्षिण में क्या है?
A) नदियाँ
B) समुद्र
C) पर्वत
D) ये सब
उत्तर:
B) समुद्र

4. भारत देश के उत्तर में क्या है?
A) गहरा समुद्र
B) ऊँचा हिमालय
C) हिंद महासागर
D) बंगला की खाडी
उत्तर:
B) ऊँचा हिमालय

5. भारत देश पश्चिम, पूरब और दक्षिण इन तीनों ओर समुद्र होने के कारण इसे क्या कहते हैं?
A) द्वीप
B) प्रायद्वीप
C) महानगर
D) सिंहल द्वीप
उत्तर:
B) प्रायद्वीप


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