Hsslive.co.in: Kerala Higher Secondary News, Plus Two Notes, Plus One Notes, Plus two study material, Higher Secondary Question Paper.

Wednesday, July 13, 2022

BSEB Class 6 Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Book Answers

BSEB Class 6 Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Book Answers
BSEB Class 6 Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Book Answers


BSEB Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks Solutions and answers for students are now available in pdf format. Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Book answers and solutions are one of the most important study materials for any student. The Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार books are published by the Bihar Board Publishers. These Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार textbooks are prepared by a group of expert faculty members. Students can download these BSEB STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार book solutions pdf online from this page.

Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks Solutions PDF

Bihar Board STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Books Solutions with Answers are prepared and published by the Bihar Board Publishers. It is an autonomous organization to advise and assist qualitative improvements in school education. If you are in search of BSEB Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Books Answers Solutions, then you are in the right place. Here is a complete hub of Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार solutions that are available here for free PDF downloads to help students for their adequate preparation. You can find all the subjects of Bihar Board STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks. These Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks Solutions English PDF will be helpful for effective education, and a maximum number of questions in exams are chosen from Bihar Board.

Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Books Solutions

Board BSEB
Materials Textbook Solutions/Guide
Format DOC/PDF
Class 6th
Subject Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार
Chapters All
Provider Hsslive


How to download Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbook Solutions Answers PDF Online?

  1. Visit our website - Hsslive
  2. Click on the Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Answers.
  3. Look for your Bihar Board STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks PDF.
  4. Now download or read the Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbook Solutions for PDF Free.


BSEB Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks Solutions with Answer PDF Download

Find below the list of all BSEB Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbook Solutions for PDF’s for you to download and prepare for the upcoming exams:

Bihar Board Class 6 Hindi फसलों का त्योहार Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से –

प्रश्न 1.
अप्पी दिदिया बुरी फँसी कैसे?
उत्तर:
दिदिया को चुड़ा-दही, खिचड़ी, तिलकुट आदि पसंद नहीं है ये सब चीज तो मकर संक्रांति के दिन खाने ही पड़ेंगे। इसलिए दिदिया बुरी फंसी।

प्रश्न 2.
संथाल के लोग सरहुल कब और कैसे मनाते हैं ?
उत्तर:
संथाल परगना क्षेत्र या उसके बाहर रहने वाले संथाली फरवरी-मार्च में सरहुल मनाते हैं।

इस दिन विशेष रूप से ‘साल’ के पेड़ की पूजा की जाती है। इस समय साल के वृक्ष में फूल आने लगते हैं जिसका स्वागत और शृंगार संथाल लोग करते हैं। रात भर नाचने-गाने का क्रम चलता है। अगले दिन घर-घर जाकर फूलों के पौधे लगाये जाते हैं। तीसरे दिन पूजा होती है और फिर कानों पर ‘सरई’ के फूल लगाय जाते हैं जो सौभाग्य-सूचक माना जाता है। चावल, मुर्गा का विशेष पकवान बनता है जिसे खाना, खिलाना उत्सव का अंग होता है। भावार्थ का कॉलम 2 भी देखें।

प्रश्न 3.
आपके यहाँ फसलों के त्योहार को किस नाम से जाना जाता है और कैसे मनाया जाता है ?
उत्तर:
बिहार राज्य के अधिकतर भाग में फसलों का यह त्योहार खिचड़ी, मकर-संक्रान्ति, तिल-संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है। इसके मनाये जाने का सविस्तार चर्चा भावार्थ के कॉलम । (एक) में की गयी है। छात्र इस प्रश्न के उत्तर के लिये वह अंश देखें और उनके घर या क्षेत्र में कोई और समारोह भी इस उपलक्ष में होता है तो इसकी भी चर्चा यहाँ कर दें।

प्रश्न 4.
मकर संक्रांति के दिन तिल को किस रूप में प्रयोग करते हैं ?
उत्तर:
मकर संक्रांति के दिन तिल-गुड़ चावल मिलाकर पूजा किया जाता है। उसको प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। तील का दान होता है । तिल-गुड़ या चीनी से बने तिलकुट खाया जाता है ।

प्रश्न 5.
स्तंभ ‘क’ में त्योहारों के नाम दिए गए हैं, जिसे स्तंभ ‘ख’ में दिए गए राज्यों के नाम से मिलान कीजिए।
प्रश्नोत्तर –

प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों के आगे कोष्ठक में सही (✓) या गलत (☓) का निशान लगाइए।
प्रश्नोत्तर –
(क) तिलकुट गया से आया था। (✓)
(ख) भारत में फसलों का त्योहार अप्रैल के मध्य में मनाया जाता है । (☓)
(ग) सरहुल का जश्न चार दिनों तक चलता है। (☓)
(घ) पोंगल पर्व में ‘साल’ के पेड़ की पूजा की जाती है। (☓)

पाठ से आगे –

प्रश्न 1.
इसके अतिरिक्त आपको कौन-सा त्योहार/पर्व अच्छा लगता है? इस त्योहार/पर्व को आप कैसे मनाते हैं? अपने शब्दों में लिखिए।
उदाहरण : चैत्र-रामनवमी।
उत्तर:
मुझे दीपावली अच्छी लगती है। दीपावली आने के पूर्व से ही घरों की सफाई शुरू हो जाती है। उस दिन घर-दरवाजे को सजाया जाता है। _ छोटे-छोटे दीयों, सीरीज बल्बों से घर को रोशन किया जाता है। घर में गणेश-लक्ष्मी की विधिवत पूजा की जाती है। तरह-तरह के पकवान घर में बनते हैं। मिठाइयाँ आती हैं। छोटे-छोटे बच्चे घरौंदा बनाते हैं, उसे सजाते हैं। मिट्टी के खिलौनें तथा कुल्ही-चुकिया से घरौंदे का संस्कार किया जाता है। उन मिट्टी के बर्तनों में लावा, मुढ़ी, बताशे आदि भरे जाते हैं जो प्रसाद के रूप में सबको बाँटा जाता है। फिर पटाखे, फुलझड़ियाँ, आसमान तारे, घिरनी आदि से आतिशबाजी की जाती है जिसमें घर के सभी सदस्य सम्मिलित होते हैं। यह ज्योति और आनन्द का पर्व है जो भारत में सर्वत्र मनाया जाता है।

प्रश्न 2.
हिन्दी महीनों के नाम लिखिए तथा उस महीने में मनाये जाने वाले पर्वो का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:


प्रश्न 3.
निम्नांकित पंक्तियाँ भोजपुरी भाषा में लिखी गई हैं। इन पंक्तियों को आप अपनी मातृभाषा में लिखिए।

(क) आज ई लोग के उठे के नइखे का? बोल जल्दी तैयार होखस”
उत्तर:
आज लगता है कि इनलोगों को जगना नहीं है- इनलोगों को कहो कि जल्दी उठकर तैयार हो जायें।

(ख)” जा भाग के देख, केरा के पत्ता आईल कि ना?”
उत्तर:
दौड़कर जाकर देखो कि केले का पत्ता अभी तक आया या नहीं?

व्याकरण –

प्रश्न 1.
नीचे दिये गये शब्दों की ध्वनि के आधार पर तीन-तीन शब्द लिखें
उत्तर:
बुराई – भलाई, अच्छाई, मिठाई
गाड़ीवान – धनवान, भगवान, पहलवान
पाठशाला – धर्मशाला अतिथिशाला, पनशाला।
मचिया – खटिया, रसिया, धनिया!
तूफान – उफान, जूबान, मेहरबान

प्रश्न 2.
इन शब्द-समूहों को वाक्य से स्पष्ट करें.
उत्तर:
(क) तिल-तिल जलना : अपनी शिकायत सुनकर वह तिल-तिल जलता रहा।
(ख) तिल रखने की जगह : उस सभा में अपार भीड़ के कारण कहीं तिल रखने की भी जगह नहीं थी।
(ग) तिल का ताड़ करना : उस बात का उसने तिल का ताड बना दिया।
(घ) तिल दान करना : मकर-संक्रान्ति के दिन तिल का दान करना चाहिये।
(ङ) तिलमिलाना : उसकी बेसिर पैर की बात सनकर वह तिलमिला गया।

फसलों का त्योहार Summary in Hindi

पाठ का सार-संक्षेप

भारत एक विशाल देश है । विशालता के साथ इस देश में विविधता पलती है और इस विविधता में ही इसकी विशेषता है। अनेक जातियाँ, इन जातियों के अपने संस्कार, पर्व-त्योहार वेष-भूषा, रंगीन गीत, नृत्य और बाद्य, ‘तरह-तरह के भोजन-पकवान और बोलियाँ भी। पर इन विविधताओं के बीच एक एकता है जो पूरे देश को बाँधता है – हमारी संस्कृति एक है. हमारी राष्ट्रीयता एक है। पर्व-त्योहारों का तो प्राचर्य है इस देश में। ये पर्व-त्योहार ही हमारे जीवन को गति देते हैं और जीवन में रस घोलते हैं।

रोमन (अंगरेजी)कैलेण्डर के अनुसार जो पहला पर्व जनवरी माह में आता है उसे हम मकर संक्रान्ति के नाम से जानते हैं। इसे तिल संक्रान्ति भी कहते हैं क्योंकि इस पर्व में तिल का बड़ा महत्व होता है -तिल स्नान, तिल दान, भगवान को तिल-गुड़ का अर्पण और. तिल से बनी मिठाइयों का रसास्वादन (खाया जाना)। पूरा दिन तिलमय रहता है। इसी दिन खिचड़ी खाये जाने की भी प्रथा है। ये खिचड़ी खंत की नयी फसल के पहले अन्न (चावल) से बनायी जाती है और इसका अपना एक विशेष महत्व माना जाता है।

1. इस पर्व को मनाये जाने का एक सुन्दर चित्र लेखक ने निबन्ध के आरम्भ में दिया। सबसे पहले लेखक उस काल में मौसम का चित्र खींचता है- सारा दिन बारसी (आग की अंगीठी) के आगे बैठकर हाथ तापते गजर’ जाता है। पूरे दस दिन हो गये सूरज भगवान दिखायी नहीं दिये। सुबह, रजाई से निकलने की हिम्मत ही नहीं हो रही थी। बाहर समय का अंदाज बिल्कुल नहीं हो रहा था पर घर में चहल-पहल आरम्भ हो गया था। चापाकल चलने की आवाज और उससे बहते पानी का स्वर कानों में पड़ रहा था। कोई हाँक लगा रहा था “जा भाग के देख, केरा के पत्ता आइल कि ना?”

नहा-धोकर सभी एक कमरे में इकट्ठा हुये। चाचा और चाची ने चकाचक सफेद धोती और कुर्ता पहन रखा था। “खिचड़ी में अइसन जाड़ हम कब्बो ना देखनी, देह कनकना दे ता।” पापा को धोती में ज्यादा ठंढ लग रही थी। सामने मचिया पर खादी की सफेद साड़ी पहने दादी बैठी थी। दादी के आज धुले बाल-सफेद सेमल की रूई की तरह हल्के-फुल्के दूर से ही चमक रहे थे। दादी के सामने केले के कई पत्ते कतार में रखे थे जिनमें तिल, मीठा यानी गुड, चावल आदि के छोटे-छोटे ढेर रखे थे। परिवार के सभी लोगों को बारी-बारी से आकर पत्ते पर सजाये नवान्न (नया अन्य) और मीठा, तिल आदि को प्रणाम करना था और यह सभी प्रार्थना-भाव से कर रहे थे कि उनका जीवन अन्न से पूर्ण रहे। अन्य उनके कुल-परिवार को परिपूर्णता दे। इस अनुष्ठान की समाप्ति के बाद इस अन्न, तिल आदि को दान कर दिया जाता

आज दही-चूड़ा खाने का दिन है पर अप्पी दीदी को यह पसन्द नहीं, पर आज उनकी मनपसन्द का नाश्ता मिलने वाला नहीं था – आज का भोजन तो यही है। फिर घर में आज नये चावल से स्वादिष्ट खिचड़ी बनायी जायेगी। मुझे स्कूल के दिनों की याद आती है जब हम नाव पर बैठकर गंगा की सैर को जाते थे और रेत में उसपार पतंग उड़ाने का आनन्द लेते थे। यह एक पिकनिक का दिन होता था जब गुरुजी और अन्य छात्र दोस्त मिलकर वहाँ खिचड़ी बनाते थे। कोई मटर, प्याज छीलने का काम करता, कोई ईंट इकट्टी कर चूल्हा बना लेता और फिर लजीज खिचड़ी बनती। वैसी खिचड़ी फिर दुबारा खाने को नहीं मिली। उस खिचड़ी में एक अद्भुत स्वाद मिलता।

फसलों का यह त्योहार देश के सभी राज्यों में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। इस दिन से सूर्य का ताप बढने और ठिठुरन के क्रमशः कम होने का भी स्वागत किया जाता है। सूर्य इस दिन से मकर रेखा से उत्तर की ओर संचरण करते हैं और सूर्य की गर्मी से शरीर में स्फूर्ति आती है। अच्छी पैदावार और अन्न के घर में आने का स्वागत किसान करते हैं- यह पर्व उनकी प्रसन्नता को व्यक्त करने का माध्यम बनता है।

उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश में इसे मकर-संक्रान्ति या तिल संक्रान्ति, असम में बीहू, केरल में ओणम – तमिलनाडु में पोंगल, पंजाब में लोहड़ी झारखंड में सरहुल और गुजरात का पतंग-उत्सव के रूप में मनाया जाता है। ये सभी फसल से जुड़े त्योहार हैं और जनवरी से मध्य अप्रैल तक अलग-अलग क्षेत्रों में मनाया जाता है।

इस निबन्ध में लेखक: लग-अलग राज्यों. क्षेत्रों में मनाये जाने वाले इस फसल त्योहार की एक झाँकी प्रस्तुत की है। इसे हम एक-एक कर देखते है।

2. झारखंड में यह त्योहार ‘सरहुल’ के नाम से मनाया जाता है। समारोह चार दिनों तक चलता है। अलग – अलग जनजातियाँ इसे अलग-अलग समय, में मनाती हैं। संताल लोग इसका आयोजन फरवरी-मार्च में, ओरांव जनजाति के लोग मार्च-अप्रिल में मनाते हैं। इस पर्व में आदिवासी भाई-बहन प्रकृति की पूजा करते हैं। वृक्ष पेड़-पौधे उनके सहचर होते हैं अतः उस दिन विशेष रूप से ‘साल’ वृक्ष की पूजा की जाती है। आदिवासी अपने गाँव, घर को अत्यन्त साफ-सुथरा रखते हैं पर इस अवसर पर घरों की विशेष लिपाई-पुताई होती है और उन्हें सजाया जाता है। फिर स्त्री-पुरुष मिलकर कमर में बाँहें डालकर नृत्य करते हैं। नृत्य के बोल और मांदर की ध्वनि से घाटी गूंज उठती है। यह सिलसिला रातभर चलता है। अगले दिन लोग घर-घर जाकर फूल लगाते हैं और उन्हें वर्ष की शुभकामना देते हैं। घरों से चंदे, मांगे जाते हैं जिनमें विशेष रूप से चावल, मिश्री और मुर्गा की मांग होती है। फिर सहभोज का दौर चलता है। तीसरे दिन पूजा की जाती है और ‘सरई’ के फूल कानों पर लगाकर आशीर्वाद लेते और देते हैं। इस अवसर पर धान की भी पूजा की जाती है। पूजा किया हुआ आशीर्वादी धान ही अगली फसल में बोया जाता है।

3. दक्षिण क्षेत्र के राज्य तमिलनाडु में मकर संक्रान्ति का पर्व ‘पोंगल’ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन खरीफ की पैदावार के अन्न घरों में आते हैं। नये धान को कूटकर चावल निकाला जाता है और मिट्टी के नये मटके में चावल, दूध और गुड़ मिलाकर धूप में रखा जाता है। हल्दी की गांठे मटके के चारों ओर बाँध दी जाती है जो शुभ फलदायक माना जाता है। इस मटके को दिन के दस-बारह बजे तक धूप में रखा जाता है। धूप के ताप से मटके के मिश्रण में उबाल आने लगता है और मटके के अन्न के दाने बाहर गिरने लगते हैं। फिर घर के लोग आहलादित स्तर में बोल उठते हैं – पोंगल-पोंगल! यह एक प्रकार की सीठी खिचड़ी ही प्रकृति के नैसर्गिक ताप से बनती है और शुभ फल देने वाली मानी जाती है।

4. अब लेखक गुजरात राज्य की चर्चा करता है जहाँ ‘मकर-संक्रान्ति का उत्सव पतंगबाजी का उत्सव होता है। प्रत्येक गुजराती इस दिन, चाहे वह किसी जाति, धर्म या आयु का हो पतंग अवश्य उडाता है। विभिन्न प्रकार, आकार एवं रंग के पतंग आकाश में एक साथ घरों की छतों से उड़ते दिखायी देते हैं। मानों ये बदलती प्रकृति का स्वागत कर रहे हैं। उड़ते पतंग इनके हृदय – की उमंग और प्रफुल्लता को व्यक्त करते हैं।

5. समुद्र तल के पास बसा तमिलनाडु, जंगलों के बीच बसा झारखंड, बिहार मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश के मैदानी भाग, गुजरात की धरती जो रेगिस्तान को छूती है, से बढ़कर लेखक हमको पहाड़ पर ले चलता है। उत्तराखंड की हिमालय-शृंखला के मध्य में स्थित कुमाऊँ का क्षेत्र। इस क्षेत्र में मकर संक्रान्ति का पर्व ‘धुधुतिया’ के नाम से मनाया जाता है। इस दिन आटे में गड मिलाकर अच्छी तरह गूंधा जाता है और फिर उसके पकवान बनाये जाते हैं। इस पकवान को विभिन्न आकार देकर बनाया जाता है। जैसे डमरू, तलवार, अनार (दाड़िम)फूल आदि। फिर इस पकवान से माला बनायी जाती है जिसके बीच-बीच में संतरा और गन्ने के टुकड़े पिरोये जाते हैं। सुबह-सुबह यह माला बच्चों को दी जाती है। बच्चे इसे लेकर पहाड़ों पर चले जाते हैं और माला के पकवान तोड़-तोड़कर पक्षियों को खिलाते हैं और उनसे अपनी कामना प्रकट करते हैं।

वे एक गीत गाते हैं- कौआ आओ, धुधूत आओ

ले कौआ बड़ौ, म के दे जा सोने का घड़ौ, खा लै पूड़ी, म के दे जा सोने की छडी

तो यह है पूरे देश के अंचलों से मकर-संक्रान्ति मनाने की झाँकी। लोग ठंड से सिकुड़े चले जाते हैं पर पवित्र नदियों में डुबकी लगाने के लिये उमड़ पड़ते हैं और उसके बाद दही-चूड़ा का रसास्वादन करते हैं। इस दिन तिल का स्थान यानी पानी में तिल डालकर स्नान, तिल का विशेष पकवान बनाना, खाना, तिल का दान, आग में तिल डालना या हवन करना श्रेयस्कर है। यह क्रिया सभी स्थानों पर किसी न किसी रूप में सम्पन्न होती है। पाँच प्रकार के नये अन्नों से बनी खिचड़ी या चावल गुड़ की खीर मकर संक्रान्ति या तिल संक्रान्ति के अलग-अलग स्वरूप हैं।


BSEB Textbook Solutions PDF for Class 6th


Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks for Exam Preparations

Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbook Solutions can be of great help in your Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार exam preparation. The BSEB STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks study material, used with the English medium textbooks, can help you complete the entire Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Books State Board syllabus with maximum efficiency.

FAQs Regarding Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbook Solutions


How to get BSEB Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbook Answers??

Students can download the Bihar Board Class 6 Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Answers PDF from the links provided above.

Can we get a Bihar Board Book PDF for all Classes?

Yes you can get Bihar Board Text Book PDF for all classes using the links provided in the above article.

Important Terms

Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार, BSEB Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks, Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार, Bihar Board Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbook solutions, BSEB Class 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks Solutions, Bihar Board STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार, BSEB STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks, Bihar Board STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार, Bihar Board STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbook solutions, BSEB STD 6th Hindi Kislay Chapter 17 फसलों का त्योहार Textbooks Solutions,
Share:

0 Comments:

Post a Comment

Plus Two (+2) Previous Year Question Papers

Plus Two (+2) Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Physics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Chemistry Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Maths Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Zoology Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Botany Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Computer Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Computer Application Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Commerce Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Humanities Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Economics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) History Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Islamic History Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Psychology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Sociology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Political Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Geography Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Accountancy Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Business Studies Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) English Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Hindi Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Arabic Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Kaithang Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Malayalam Previous Year Chapter Wise Question Papers

Plus One (+1) Previous Year Question Papers

Plus One (+1) Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Physics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Chemistry Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Maths Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Zoology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Botany Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Computer Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Computer Application Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Commerce Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Humanities Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Economics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) History Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Islamic History Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Psychology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Sociology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Political Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Geography Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Accountancy Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Business Studies Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) English Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Hindi Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Arabic Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Kaithang Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Malayalam Previous Year Chapter Wise Question Papers
Copyright © HSSlive: Plus One & Plus Two Notes & Solutions for Kerala State Board About | Contact | Privacy Policy