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Monday, July 4, 2022

BSEB Class 8 Sanskrit Chapter 3 अस्माकं देश: Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 8th Sanskrit Chapter 3 अस्माकं देश: Book Answers

BSEB Class 8 Sanskrit Chapter 3 अस्माकं देश: Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 8th Sanskrit Chapter 3 अस्माकं देश: Book Answers
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Bihar Board Class 8th Sanskrit Chapter 3 अस्माकं देश: Textbooks Solutions PDF

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Bihar Board Class 8th Sanskrit Chapter 3 अस्माकं देश: Books Solutions

Board BSEB
Materials Textbook Solutions/Guide
Format DOC/PDF
Class 8th
Subject Sanskrit Chapter 3 अस्माकं देश:
Chapters All
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Bihar Board Class 8 Sanskrit 3 अस्माकं देश: Text Book Questions and Answers

उत्तरं यत् समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम् ।
वर्ष तद् भारतं प्राहुः भारती यत्र सन्नतिः ॥

अर्थ – जो समुद्र के उत्तर और हिमालय से दक्षिण का भू-भाग है वह देश भारत कहलाता है। यहाँ की संतान भारतीय कहलाते हैं।

अस्माकं देश: भारतवर्षमिति कथ्यते । प्राचीनकालात् अस्य देशस्य प्राकृतिकी समृद्धिः साहित्यिक योगदानं, सांस्कृतिक वैभवं च आश्चर्यकरं बभूव । अत्रैव वेदानाम् आविर्भावः सप्तसिन्धुप्रदेशे जातः, यत्र भौतिकम् आध्यात्मिकं च चिन्तनम् अद्भुतम् आसीत् । उत्तरभारते महाकाव्यानां पुराणानां शास्त्राणां च व्यापकता दक्षिणदेशभागमपि स्वप्रकाशे आनयत् ।

तत्रापि शिलप्पदिकारम्-प्रभृतयः ग्रन्थाः प्राचीनकालतः एव तमिलसाहित्यस्य गौरवं वर्धितवन्तः । सम्पूर्णस्य भारतस्य सांस्कृतिके एकत्वे पुराणानां . योदानम् अविस्मरणीयम् । इदानीं भारतस्य जने-जने धर्मस्थलानां तीर्थयात्रार्थ योऽभिनिवेशः दृश्यते स नूनं पुराणसाहित्यकृतम् । दक्षिणस्य निवासी बदरीकेदारयात्रां करोति, उत्तररस्य निवासी रामेश्वर कन्याकुमारीतीर्थं च गन्तुमिच्छति । एवमेव द्वारिकाकामाख्यादिषु स्थलेषु गच्छन्ति तीर्थयात्रिकाः

अर्थ – हमारा देश भारतवर्ष कहलाता है। प्राचीनकाल से ही इस देश की प्राकृतिक सम्पन्नता, साहित्यिक योगदान और सांस्कृतिक सम्पन्नता आश्चर्य पैदा करने वाला है। यहाँ ही वेदों की उत्पत्ति सात नदियों (सिन्धु, झेलम, चेनाब, रावी, व्यास, सतलज और सरस्वती) वाला प्रदेश में हुई ।

जहाँ की भौतिक और आध्यात्मिक चिन्तन अद्भुत था। उत्तर भारत में महाकाव्यों का, पुराणों का और शास्त्रों की व्यापकता दक्षिणदेश के भाग को भी अपने प्रकाश में लाया । वहाँ भी “शिलप्पदिकारम्” (तमिल भाषा का एक महाकाव्य का नाम है) आदि अनेक ग्रन्थ प्राचीनकाल से ही तमिल साहित्य के गौरव को बढ़ा रहा है। सम्पूर्ण भारत को सांस्कृतिक एकता प्रदान करने में पुराणों का योगदान नहीं भुलाने योग्य है। इस समय भारत के लोगों में धर्मस्थलों या तीर्थ यात्रा

के प्रति जो लगाव देखा जाता है वह निश्चित रूप से पुराण-साहित्यों की देन ‘ है। दक्षिण के निवासी बदरीनाथ और केदारनाथ की यात्रा करते हैं तो उत्तर,

के निवासी रामेश्वरम् और कन्याकुमारी तीर्थ जाना चाहते हैं। उसी प्रकार द्वारिका, कामाख्या आदि स्थानों में तीर्थयात्री जाते हैं।

अस्य देशस्य नद्यः पुण्यतोयाः मन्यन्ते, पर्वताः पवित्राः कथ्यन्ते, वृक्षाः पूज्यन्ते । प्रकृति प्रति भारतीयानाम् आश्चर्यकरम् आकर्षणमासीत् । पूजनीयत्वात् प्रकृतेः प्रदूषणं पापं मन्यते स्म । अत एवं पर्यावरणस्य कापि समस्या अत्र नासीत् ।।

अर्थ – इस देश की नदियों को पवित्र जलवाली मानी जाती है। यहाँ के पर्वतों को पवित्र कहा जाता है। यहाँ के वृक्ष पूजे जाते हैं। प्रकृति के प्रति भारतीयों का आकर्षण आश्चर्य पैदा करने वाला था। पूजनीय होने के कारण प्रकृति को प्रदूषित करना पाप माना जाता था। इसीलिए पर्यावरण की कोई भी समस्या यहाँ नहीं थी। ..

अस्मिन् देशे विज्ञानस्यापि महती प्रतिष्ठा आसीत् । वास्तुशिल्पिन: ‘विशालानि मन्दिराणि निर्मान्ति स्म । भवनानि भव्यानि क्रियन्ते स्म ।

आकाशपिण्डानि ज्योतिर्विद्भिः अधीयन्ते स्म । अत्र चिकित्साशास्त्रमपि प्रगतिशीलम् । गणितशास्त्रे शून्यस्य कल्पना भारतेन कृता येन दशमलव-गणना प्रभारत, अन्यदेशेष्वपि गता।

अर्थ – इस देश में विज्ञान की भी बहुत बड़ी प्रतिष्ठा थी । वास्तु और शिल्पकार लोग बड़े-बड़े मंदिरों का निर्माण करते थे। सुन्दर-सुन्दर भवन बनाये जाते थे। आकाशीय ग्रहपिण्डों की ज्योतिषियों के द्वारा अध्ययन किये जाते थे। यहाँ के चिकित्सा शास्त्र भी प्रगतिशील थे। गणितशास्त्र में शून्य की कल्पना भारत के द्वारा ही किया गया जिससे दशमलव की गणना का प्रारम्भ हुआ और अन्य देशों में भी गया।

भारतस्य प्राचीन गौरवं मध्यकाले किञ्चित् तिरोहितं पराधीनतया किन्तु सम्प्रति शिक्षिताः सन्तः जनाः आधुनिके विज्ञानेऽपि प्रतिभां दर्शयन्ति। सी० वी० रमण-जगदीशचन्द्र बसु-मेघनाथसाहा-होमी जहांगीर भाभा-विक्रम साराभाई प्रभृतयः वैज्ञानिकाः आधुनिकभारतस्य गौरववर्धकाः । एवं महात्मा गाँधीसदृशः कर्मवीरः, रवीन्द्रनाथठाकुरसदृशः साहित्यकार: अरविन्दसदृशः दार्शनिकः, राधाकृष्णन्सदृशः शिक्षकः राजेन्द्रप्रसादसदृशः स्थितप्रज्ञः इत्यादयः वर्तमानभारतस्य गौरवरूपाः नेतारः सन्ति

अर्थ – भारत का प्राचीन गौरव मध्यकाल में पराधीन (गुलाम) होने के कारण कुछ लुप्त जैसा हो गया। किन्तु वर्तमान में कुछ शिक्षित लोग हैं जो . आधुनिक विज्ञान में भी अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं। सी० वी० रमण, ‘जगदीशचन्द्र बसु, मेघनाथ साह, होमी जहांगीर भाभा, विक्रम साराभाई इत्यादि

वैज्ञानिक लोग आधुनिक भारत के गौरव को बढ़ाने वाले हैं। उसी प्रकार महात्मा गाँधी जैसे कर्मवीर, रवीन्द्रनाथ ठाकुर जैसे साहित्यकार अरविन्द जैसे दार्शनिक, राधाकृष्णन जैसे शिक्षक, राजेन्द्र प्रसाद जैसे स्थिर बुद्धि वाले इत्यादि लोग वर्तमान भारत के प्रतिष्ठित नेता लोग हैं।

सम्प्रति देशस्य विकासः सार्वत्रिकः वर्तते । कृषिक्षेत्रे नवीनाः प्रयोगाः, संचारसाधनानि उत्कृष्टानि अन्तरिक्षक्षेत्रेऽपि विशिष्टं योगदानं स्वास्थ्यं प्रति जनजागरणं, चिकित्सासुविधानां वृद्धिः सर्वशिक्षाभियानम् इत्यादीनि उल्लेखनीयानि सन्ति । सर्वथापि देशः संसारस्य अग्रगण्येषु गणनीयो वर्तते।

अर्थ – आजकल देश का विकास सभी क्षेत्रों में हो रहा है। कृषि क्षेत्र में नये-नये प्रयोग, उत्तम संचार साधन अन्तरिक्ष क्षेत्र में भी विशिष्ट योगदान, स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरण, चिकित्सा सुविधाओं की वृद्धि, सर्वशिक्षा अभियान इत्यादि उल्लेखनीय हैं। सब प्रकार हमारे देश को संसार के अग्रगणियों में गिना जाएगा।

शब्दार्थ

उत्तरम् = उत्तर दिशा में । यत् = जो । समुद्रस्य = समुद्र का/के/की । हिमाद्रेः = हिमालय के । दक्षिणम् = दक्षिण दिशा में । वर्षम् = देश, वर्ष, वृष्टि । भारतम् = भारत (नामक देश)। प्राहुः = कहते हैं। भारती = भारतीय । यत्र = जहाँ । संततिः = संतान । अस्माकम् = हमारा, हमलोगों का । इति = ऐसा । कथ्यते = कहा जाता है। प्राचीनकालात् = प्राचीन काल से । अस्य = इसका । प्राकृतिकी = प्राकृतिक । समृद्धिः = सम्पन्नता । साहित्यिकम् = साहित्य सम्बन्धी । सांस्कृतिकम् = सांस्कृतिक, संस्कृति से सम्बन्धित । वैभवम् = समृद्धि, सम्पन्नता । आश्चर्यकरम् = आश्चर्य उत्पन्न करने वाला । बभूव = था/हुआ । अत्रैव (अत्र + एव) = यहीं । वेदानाम् = वेदों का । आविर्भावः = जन्म, उत्पत्ति । सप्तसिन्धुप्रदेशे = सप्तसैन्धव क्षेत्र में (सिन्ध. सेलम, चेनाब, रावी, व्यास, सतलज व घग्घर (सरस्वती) सात

नदियों वाला क्षेत्र) । जातः = हुआ। भौतिकम् = भौतिक, सांसारिक । आध्यात्मिकम् = आध्यात्मिक (आत्मा से सम्बन्धित)। चिन्तनम् = चिन्तन, मनन । अद्भुतम् = अद्भुत (जो आज से पहले न देखा गया हो)। उत्तरभारते = उत्तर भारत में । महाकाव्यानाम् = महाकाव्यों का । पुराणानाम् = पुराणों का । शास्त्राणाम् = शास्त्रों का । व्यापकता = विस्तार । दक्षिणम् = दक्षिण को । देशभागमपि (देशभागम् + अपि) = देश के भाग को भी। स्वप्रकाशे = अपने प्रकाश में । आनयत् = लाया । तत्रापि (तत्र + अपि) = वहीं। शिलप्पदिकारम् = शिलप्पदिकारम् (तमिल साहित्य का एक महाकाव्य) । प्रभृतयः = इत्यादि । प्राचीनकालतः = प्राचीन काल से । तमिलसाहित्यस्य = तमिल साहित्य का । गौरवम् = गौरव को । वर्धितवन्तः = बढ़ाये हुए हैं। सम्पूर्णस्य = सम्पूर्ण का, समस्त का । भारतस्य = भारत’

का । सांस्कृतिके = सांस्कृतिक में । एकत्वे = एकता में । अविस्मरणीयम् = नहीं भुलाये जाने योग्य (है) । इदानीम् = इस समय । जने-जने = जन-जन में, लोगों में । धर्मस्थलानाम् = धर्म स्थलों का/की/के । तीर्थयात्रार्थम् = तीर्थ यात्रा के लिए । योऽभिनिवेश: (यः + अभिनिवेशः) = जो लगाव । दृश्यते = देखा जाता है। नूनम् = निश्चित रूप से । पुराणसाहित्यकृतम् = पुराण-साहित्य के द्वारा किया गया । दक्षिणस्य निवासी = दक्षिण (भारत) के रहनेवाले । बदरीकेदारयात्राम् = बद्री (नाथ) और केदार (नाथ) की यात्रा (को) । करोति = करता है। उत्तरस्य = उत्तर का। रामेश्वरं कन्याकुमारी तीर्थं च = रामेश्वर और कन्याकुमारी तीर्थ (को) । गन्तुमिच्छति (गन्तुम् + इच्छति) = जाना चाहता है। एवमेव (एवम् + एव) = उसी प्रकार ।

द्वारिकाकामाख्यादिषु = द्वारिका, कामाख्या आदि में । स्थलेषु = स्थलों में/पर । तीर्थयात्रिकाः = तीर्थयात्री । नद्यः = नदियाँ । पुण्यतोयाः = पवित्र जलवाली । मन्यन्ते = माने जाते हैं, मानी जाती हैं । कथ्यन्ते = कहे जाते हैं। पूज्यन्ते = पूजे जाते हैं। प्रकृति प्रति = प्रकृति के प्रति । भारतीयानाम् = भारतीयों का । आकर्षणमासीत् ( आकर्षणम् + आमीत्) = आकर्षण था। पूजनीयत्वात् = पूज्य होने (के कारण) से । प्रकृतेः = प्रकृति का । प्रदूषणम् = प्रदूषण । मन्यते स्म = माना जाता था। अतएव = इसीलिए । पर्यावरणस्य = पर्यावरण की। कापि = कोई भी। अत्र = यहाँ । नासीत् (न + आसीत्) = नहीं था। अस्मिन् देशे = इस देश में। विज्ञानस्यापि (विज्ञानस्य + अपि) = विज्ञान का भी।

महती = बड़ी । प्रतिष्ठा = इज्जत, सम्मान । वास्तुशिल्पिनः = वास्तुकार-शिल्पकार (भवन का नक्शा बनानेकाले)। विशालानि मन्दिराणि = बड़े मन्दिरों को। निर्मान्ति स्म = बनाते थे। भवनानि = भवन, मकान । भव्यानि = भव्य, सुन्दर, आकर्षक । क्रियन्ते स्म = बनाये जाते थे। आकाशपिण्डानि = आकाशीय पिण्डों (ग्रह, उपग्रह, नक्षत्रादि) को । ज्योतिर्विद्भिः = ज्योतिषियों के द्वारा । अधीयन्ते स्म = अध्ययन किये जाते थे। चिकित्साशास्त्रमपि (चिकित्साशास्त्रम् + अपि) = चिकित्सा शास्त्र भी । प्रगतिशीलम् = प्रगतिशील, लगातार आगे बढ़नेवाला। गणितशास्त्रे = गणितशास्त्र में ।

शून्यस्य = शून्य की, (का, के) । भारतेन = भारत के द्वारा । कृता = किया गया । येन = जिससे । दशमलवगणना = दशमलव की गणना (गिनती)। प्रारभत = आरम्भ हुआ। अन्यदेशेष्वपि (अन्यदेशेषु + अपि) = दूसरे देशों में भी। गता = गयी। किञ्चित् = कुछ । तिरोहितम् = लुप्त, गायब । पराधीनतया = पराधीनता से, गुलामी से, दूसरे के अधीन रहने से । सम्प्रति = इस समय । शिक्षिताः = शिक्षित, पढ़े-लिखे लोग । सन्तः = होते हुए । आधुनिके = आधुनिक में, आज के समय में । विज्ञानेपि (विज्ञाने + अपि) = विज्ञान में भी। प्रतिभाम् = प्रतिभा को । दर्शयन्ति = दिखाते हैं । आधुनिकभारतस्य = आधुनिक भारत के। गौरववर्धकाः = गौरव, प्रतिष्ठा, सम्मान बढ़ानेवाले । सदृशः = (के) समान । स्थितप्रज्ञः = जिसने आत्मतत्त्व को जानकर स्थिरता प्राप्त कर ली है (समसुखदु:ख) । इत्यादय = इत्यादि।

वर्तमानभारतस्य = वर्तमान भारत के । गौरवरूपाः = गौरवरूप, प्रतिष्ठापूर्ण । नेतारः = नेता (बहुवचन)। सार्वत्रिकः = सभी क्षेत्रों वाला । कृषिक्षेत्रे = कृषि क्षेत्र में । नवीनाः प्रयोगाः = नये प्रयोग । संचारसाधनानि = संचार के साधन – (यथा-दूरभाष, वायुयान इत्यादि)। उत्कृष्टानि = उत्तम । अन्तरिक्षक्षेत्रेऽपि (अन्तरिक्षक्षेत्रे + अपि) = अन्तरिक्ष क्षेत्र में भी । विशिष्टम् = विशेष । स्वास्थ्यं प्रति = स्वास्थ्य के प्रति । जनजागरणम् = जन-जागरूकता । चिकित्सासुविधानां = चिकित्सा सुविधाओं को । वृद्धिः = बढ़ोत्तरी । सर्वशिक्षाभियानम् = विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में उत्थान के लिए चलाया गया कार्यक्रम । इत्यादीनि = इत्यादि । उल्लेखनीयानि = उल्लेखनीय । सर्वथापि (सर्वथा + अपि) = सभी प्रकार से । अग्रगण्येषु = अग्रगण्यों में । गणनीयः = गणना-योग्य

व्याकरणम्

सन्धि-विच्छेद

हिमाद्रेश्चैव = हिमाद्रेः + च + एव (विसर्ग सन्धि, वृद्धि सन्धि)। अत्रैव = अत्र + एव (वृद्धि सन्धि)। योऽभिनिवेशः = यः + अभिनिवेशः । नासीत् = न + आसीत् (दीर्घ सन्धि) । अन्यदेशेष्वपि = अन्यदेशेषु + अपि (यण् सन्धि) । विज्ञानेऽपि = विज्ञाने + अपि (पूर्वरूप सन्धि) । अन्तरिक्षक्षेत्रेऽपि = अन्तरिक्षक्षेत्रे + अपि (पूर्वरूप सन्धि) । सर्वथापि = सर्वथा + अपि (दीर्घ सन्धि )।

प्रकृति-प्रत्यय-विभाग: प

अभ्यास

मौखिक

Asmakam Desh In Sanskrit Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 1.
अधोलिखितानां पदानाम् उच्चारणं कुरुत:
उत्तरम्:
हिमाद्रेश्च, प्राहुः, साहित्यिकम्, आविर्भावः, शिलप्पदिकारम् अविस्मरणीयम्, योऽभिनिवेशः, द्वारिकाकामाख्यादिषु, पुण्यतोयाः, वास्तुशिल्पिनः, ज्योतिर्विद्भिः, चिकित्साशास्त्रम्, अन्तरिक्षक्षेत्रेऽपि, अग्रगण्येषु ।

अस्माकं देश Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 2.
निम्नलिखितानां पदानाम् अर्थं वदत :
उत्तरम्:
अस्माकम् = हमारे । प्राचीनकालात् = प्राचीन काल से । समृद्धिः = उन्नति । वेदानाम् = वेदों का । आध्यात्मिकम् = आध्यात्मिक । वर्धितवन्तः = बढ़ा रहा है। अविस्मरणीयम् = नहीं भूलाने योग्य । इदानीम् = इस समय । अभिनिवेशः = लगाव (प्रेम) । गन्तुमिच्छति = जाना चाहता है। पुण्यतोयाः = पवित्र जल वाली । मन्यन्ते = मानी जाती हैं। पूजनीयत्वात् – पूजनीय होने के कारण। प्रदूषणम् = गन्दगी। आकाशपिण्डानि = आकाशीय पिण्डों को । ज्योतिर्विद्भिः = ज्योतिषियों के द्वारा । अन्यदेशेष्वपि = अन्य देशों में भी । तिरोहितम् = ह्रास । स्थितप्रज्ञः = स्थिर बुद्धि वाला (सुख-दु:ख में समान रहने वाला) । सार्वत्रिकः = सब प्रकार से। संचार साधनानि = संचार के साधन (दूरसंचार, यातायात के साधन)। जन जागरणम् = लोगों का जागरूक होना । सर्वशिक्षाभियानम् = सर्व शिक्षा अभियान । सर्वथापि = सभी प्रकार से । गणनीयः = गिनने योग्य।

Asmakam Desh Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 3.
भारतवर्षस्य विषये दश वाक्यानि स्व मातृभाषायां वदत् ।
(भारत देश पर दस वाक्य में अपनी मातृभाषा (हिन्दी) में लिखें।)
उत्तरम्:
हमारा भारत महान है। इस देश का इतिहास गौरवपूर्ण है। यहाँ हिन्दू-मुस्लिम, सिख ईसाई सभी लोग प्रेम से रहते हैं। यह कृषि-प्रधान देश है।

भारत की भाषा हिन्दा । यहाँ गंगा-यमुना आदि नदियाँ बहती हैं। भारत के उत्तर में हिमालय, दक्षिण में समुद्र, पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश है।

भारत में राम-कृष्ण-गाँधी जैसे अनेक महापुरुषं उत्पन्न हुए। भारत को आर्यावर्त, हिन्दुस्तान, इण्डिया इत्यादि नाम से भी लोग जानते हैं। भारत सभी क्षेत्रों में विकासशील है।

अस्माकं देशः Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 4
अधोलिखिताना प्रश्नानाम् उत्तरम् एकपदेन लिखत

(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए।)
प्रश्नोत्तरम् :

(क) अस्माकं देशः किं?
उत्तरम्:
भारतः।

(ख) भारतवर्षम् हिमालयस्य (हिमाद्रेः) कस्यां दिशायां वर्तते ?
उत्तरम्:
दक्षिणे।

(ग) भारतस्य दक्षिण दिशायां कः सागरः वर्तते ?
उत्तरम्:
हिन्दमहासागरः।

(घ) वेदानां आविर्भावः कस्मिन् प्रदेशे जातः ?
उत्तरम्:
सप्तसिन्धु प्रदेशे।

(ङ) लप्पदिकारम्” इति कस्याः भाषायाः महाकाव्यम् ।
उत्तरम्:
तमिलभाषायाः।

(च) कस्मात कारणात् प्रकृते प्रदूषणं पापं मन्यते स्म ?
उत्तरम्:
पूजनीयत्वात् ।

(छ) आकाश पिण्डानि कैः अधीयन्ते स्म ?
उत्तरम्:
ज्योतिर्विद्भिः।

(ज) गणितशास्त्रे शून्यस्य कल्पना केन कृता?
उत्तरम्:
भारतेन ।

अस्माकं भारत देश कीदृशः अस्ति Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 5.
मेलनं कुरुत
(क) वेदाः – (1) तमिल महाकाव्यम्।
(ख) भारतवर्षम् – (2) भारतवर्षे
(ग) शिलप्पदिकारम् – (3) ऋक्-यजुः साम-अथर्व
(घ) शून्यस्य कल्पना – (4) राष्ट्रम्
(ङ) सी. वी. रमणः – (5) दार्शनिकः
(च) श्री अरविन्दः – (6) वैज्ञानिकः
(छ) सर्वशिक्षाभियानम् – (7) स्थितप्रज्ञः
(ज) श्री राजेन्द्र प्रसादः – (8) शैक्षिकोत्थान कार्यक्रमः। :
उत्तरम्:
(क) (3)
(ख) (4)
(ग) (1)
(घ) (2)
(ङ) (6)
(च) (5)
(छ) (8)
(ज) (7)

Asmakam Desh Par Nibandh Sanskrit Mein Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 6.
कोष्ठात् पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत

(क) भारतवर्ष हिमालयस्य …………. दिशायां वर्तते । (उत्तर, दक्षिण)
(ख) ………. निवासी प्रार्येण बदरीकेदारयात्रां करोति । (उत्तरस्य/दक्षिणस्य)
(ग) भारतस्य गौरवं …………. काले किञ्चित् तिरोहितम् (प्राचीने/मध्ये)
(घ) डॉ. होमी जहाँगीर भाभा एकः ………….. आसीत् (वैज्ञानिक:/राजनीतिज्ञः)
(ङ) सम्प्रति राष्ट्रस्य विकासः ……………….. | (सार्वत्रिक:/एकाङ्गिकः)
उत्तरम्:
(क) उत्तर ।
(ख) दक्षिणस्य ।
(ग) मध्ये ।
(घ) वैज्ञानिकः ।
(ङ) सार्वत्रिकः।

Asmakam Desh In Hindi Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 7.
निम्नलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तर पूर्ण वाक्येन लिखत

(क) अस्माकं देशः किं कथ्यते ?
उत्तरम्:
अस्माकं देश: भारतवर्षम् कथ्यते ।

(ख) वेदानाम् आविर्भावः कस्मिन प्रदेशे जातः ?
उत्तरम्:
वेदानाम् आविर्भावः सप्तसैन्धुप्रदेशे जातः।

(ग) वेदेषु किम् अद्भुतम् आसीत ?
उत्तरम्:
वेदेषु भौतिकम् आध्यात्मिकं च चिन्तनम् अद्भुतम् आसीत् ।

(घ) का प्रति भारतीयानाम् आश्चर्यकरम् आकर्षणमासीत् ?
उत्तरम्:
प्रकृति प्रति भारतीयानाम् आश्चर्यकरम् आकर्षणमासीत् ।

(ङ) भारतवर्षे के विशालानि मन्दिराणि निर्मान्ति स्म ?
उत्तरम्:
वास्तुशिल्पिन: विशालानि मन्दिराणि निर्मान्ति स्म ।।

(च) गणितशास्त्रे शून्यस्य कल्पना केन कृता?
उत्तरम्:
गणितशास्त्रे शून्यस्य कल्पना भारतेन कृता ।

Asmakam Desh Nibandh In Sanskrit Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 8.
निम्नलिखितानां पदानां बहुवचनं लिखत

प्रश्न – उत्तरम्

  1. कथ्यते – कथ्यन्ते
  2. आसीत् – आसन्
  3. वर्धितवान् – वधितवन्तः
  4. करोति – कुर्वन्ति
  5. इच्छति – इच्छन्ति
  6. मन्यते – मन्यन्ते
  7. अधीयते – अधियन्ते
  8. गतः – गताः
  9. दर्शयति – दर्शयन्ति ।
  10. सदृशः – सदृशाः
  11. वर्तते – वर्तन्ते ।

अस्माकं Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 9.
संस्कृते अनुवादं कुरुत

(क) हमारा देश ‘भारतवर्ष’ कहा जाता है।
उत्तरम्:
अस्माकं देशः ‘भारतवर्षम्’ कथ्यते ।

(ख) यहीं (अत्रैव) सप्तसैन्धव क्षेत्र में वेदों की उत्पत्ति हुई।
उत्तरम्:
अत्रैव सप्तसिन्धु क्षेत्रे वेदानां, उत्पत्तिः अभवत् ।

(ग) दक्षिण के निवासी प्रायः बद्रीकेदारनाथ की यात्रा करते हैं।
उत्तरम्:
दक्षिणस्य निवासिनः प्रायः बद्री केदारनास्य यात्रां कुर्वन्ति ।

(घ) उत्तर के निवासी रामेश्वर और कन्या कुमारी की यात्रा पर जाना चाहते हैं।
उत्तरम्:
उत्तरस्य निवासिनः रामेश्वरं कन्याकुमारी च यात्रायाम् गन्तुम् इच्छन्ति ।

(ङ) इस देश के पर्वत पवित्र कहे जाते हैं।
उत्तरम्:
अस्य देशस्य पर्वताः पवित्राः कथ्यन्ते ।

(च) इस देश में वृक्ष पूजे जाते हैं।
उत्तरम्:
अस्मिन् देशे वृक्षाः पूज्यन्ते ।

अस्माकं भारत देश कीदृश अस्ति Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 10.
पदानि योजयित्वा लिखत

प्रश्न – उत्तरम्

  1. भारतवर्षम् + इति – भारतवर्षमिति
  2. देशभागम् + अपि – देशभागमपि
  3. गन्तुम् + इच्छति – गन्तुमिच्छति
  4. आकर्षणम् + आसीत् – आकर्षणमासीत्
  5. चिकित्साशास्त्रम् + अपि चिकित्साशास्त्रमपि

अस्माकं भारत देश Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 11.
भिन्न प्रकृतिकं पदं चिनुत

(क) कथ्यते, नीयते, मन्यते, अमन्यत, क्रियते ।
उत्तरम्:
अमन्यत ।

(ख) देशः, ग्रन्थः, तीर्थयात्रिकः, जनः, लता।
उत्तरम्:
लता।

(ग) उत्तरम, दक्षिणम्, भारतवर्षम्, वृक्षः, प्रदूषणम् ।
उत्तरम्:
वृक्षः।

(घ) कन्या, कुमारी, नदी, विज्ञानम्, समस्या ।
उत्तरम्:
विज्ञानम् ।

Asmakam Bharat Desh Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 12.
अधोलिखितपदेषु प्रकृति-प्रत्ययविभागं कुरुत
यथा

  1. पदानि – प्रकृति + प्रत्ययः
  2. कथयितुम – कथ् + तुमुन्

उत्तरम्:
(क) पठितुम् – पठ् + तुमुन्
(ख) गन्तुम् – गम् + तुमुन् ।
(ग) हसितुम् – हस् + तुमुन्
(घ) द्रष्टुम् – दृश् + तुमुन्
(ङ) कर्तुम् – कृ + … तुमुन्

अस्माकं देश इन संस्कृत Bihar Board Chapter 3 प्रश्न 13.
विशेष्य-विशेषणानाम् उचितं मेलनं कुरुत

विशेष्य-पदानि – विशेषण-पदानि
(क) चिन्तनम् – (1) पवित्राः
(ख) नद्यः – (2) महती
(ग) पर्वताः – (3) नवीनाः
(घ) प्रतिष्ठा – (4) पुण्यतोयाः
(ङ) प्रयोगाः (5) अद्भुतम्
उत्तरम्:
(क) – (5)
(ख) – (4)
(ग) – (1)
(घ) – (2)
(ङ) – (3)


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