![]() |
BSEB Class 9 Hindi व्याकरण समास Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण समास Book Answers |
Bihar Board Class 9th Hindi व्याकरण समास Textbooks Solutions PDF
Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण समास Books Solutions with Answers are prepared and published by the Bihar Board Publishers. It is an autonomous organization to advise and assist qualitative improvements in school education. If you are in search of BSEB Class 9th Hindi व्याकरण समास Books Answers Solutions, then you are in the right place. Here is a complete hub of Bihar Board Class 9th Hindi व्याकरण समास solutions that are available here for free PDF downloads to help students for their adequate preparation. You can find all the subjects of Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण समास Textbooks. These Bihar Board Class 9th Hindi व्याकरण समास Textbooks Solutions English PDF will be helpful for effective education, and a maximum number of questions in exams are chosen from Bihar Board.Bihar Board Class 9th Hindi व्याकरण समास Books Solutions
Board | BSEB |
Materials | Textbook Solutions/Guide |
Format | DOC/PDF |
Class | 9th |
Subject | Hindi व्याकरण समास |
Chapters | All |
Provider | Hsslive |
How to download Bihar Board Class 9th Hindi व्याकरण समास Textbook Solutions Answers PDF Online?
- Visit our website - Hsslive
- Click on the Bihar Board Class 9th Hindi व्याकरण समास Answers.
- Look for your Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण समास Textbooks PDF.
- Now download or read the Bihar Board Class 9th Hindi व्याकरण समास Textbook Solutions for PDF Free.
BSEB Class 9th Hindi व्याकरण समास Textbooks Solutions with Answer PDF Download
Find below the list of all BSEB Class 9th Hindi व्याकरण समास Textbook Solutions for PDF’s for you to download and prepare for the upcoming exams:Bihar Board Class 9 Hindi व्याकरण समास Questions and Answers
समास की परिभाषा-दो या दो से अधिक पदों के मेल या संयोग को समास कहते हैं। उन पदों के मेल से बने हुए शब्द की सामाजिक शब्द कहते हैं।
जैसे-‘पाप’ और ‘पुण्य’ दो पदों को मिलाकर ‘पाप-पुण्य’ एक सामासिक शब्द हुआ।
समास के भेद
पदों की प्रधानता के आधार पर समास के निम्नलिखित चार भेद किए जाते
(1) पहला पद प्रधान-अव्ययीभाव
(2) दूसरा पद प्रधान-तत्पुरुष
(3) दोनों पद प्रधान-द्वंद्व
(4) कोई भी पद प्रधान नहीं-बहुब्रीहि ।
इन चारों प्रमुख भेदों के अतिरिक्त कर्मधारय और द्विगु दो समास और भी हैं, जिन्हें विद्वानों ने तत्पुरुष का भेद बताया है । इनको मिलाकर समास के छ: भेद हो जाते हैं
1. अव्ययीभाव
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त पद अव्यय (फ़िया, विशेषण) का काम करे, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं । जैसे-यथाशक्ति, भरपेट, प्रतिदिन, बीचों बीच।
अव्ययीभाव के कुछ उदाहरण
यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार
यथासंभव = जैसा संभव हो
यथामति = मति के अनुसार
यथाविधि = विधि के अनुसार
प्रतिदिन = दिन दिन
प्रत्येक = एक-एक
मनमन = मन ही मन
द्वार-द्वार = द्वार ही द्वार
निधडक = बिना धडक
आजीवन = जीवन-पर्यंत
बाकायदा = कायदे के अनुसार
आसमुद्र = समुद्र पर्यंत
बेखटके = खटके के बिना
दिनों दिन = दिन के बाद दिन
निडर = बिना डर
घर घर = हर घर ।
अनजाने जाने बिना
बीचों बीच = ठीक बीच में
रातों रात = रात ही रात
हाथों-हाथ = हाथ ही हाथ
हर रोज = रोज रोज
बेशक = बिना संदेह
वेफायदा = फायदे (लाभ) के बिना
आमरण = मरण-पर्यंत
आजानु = जानुओं (घुटनों) तक
भर-पेट = पेट भर कर
भरसक = पूरी शक्ति से
2. तत्पुरुष
तत्पुरुष का शाब्दिक अर्थ है (तत् = वह, पुरुष = आदमी) वह (दूसरा) आदमी । इस प्रकार ‘तत्पुरुष’ शब्द का अपना एक अच्छा उदाहरण है । इसी आध पर पर इसका नाम यह पड़ा है, क्योंकि ‘तत्पुरुष’ समास का दूसरा पद प्रधान होता है। इस प्रकार जिस समास का दूसरा पद प्रधान होता है और दोनों पदों के बीच प्रथम (कर्ता) तथा अंतिम (संबोधन) कारक के अतिरिक्त शेष किसी भी कारक की विभक्ति का लोप पाया जाता है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे –
राज-पुरुष = राजा का पुरुष
राह खर्च = राह के लिए खर्च
ऋण-मुक्त = ऋण से मुक्त
बनवास = वन में वास
तत्पुरुष के छः भेद हैं जिनका परिचय इस प्रकार है –
(क) कर्म तत्पुरुष
जिसमें कर्म कारक की विभक्ति का लोप पाया जाता है। जैसे –
ग्रंथ-कर्ता = ग्रंथ को करने वाला
आशातीत = आशा को लांघ कर गया हुआ
स्वर्ग प्राप्त = स्वर्ग को प्राप्त
जल-पिपासु = जल को पीने की इच्छा वाला
देशगत = देश को गत (गया हुआ)
गृहागत = गृह को आगत (आया हुआ)
यश प्राप्त = यश को प्राप्त
ग्रंथकार = ग्रंथ को रचने वाला
परलोक गमन = परलोक को गमन
ग्राम-गत = ग्राम को गत (गया हुआ)
(ख) करण तत्पुरुष
जिसमें करण कारक की विभक्ति का लोप पाया जाता है। जैसे –
हस्तलिखित = हस्त से लिखित
ईश्वर प्रदत्त = ईश्वर से प्रदत्त
तुलसीकृत = तुलसी से कृत
कष्ट साध्य = कष्ट से साध्य
बाणबिद्ध = बाण से बिद्ध
गुरुकृत = गुरु से किया हुआ
वज्र-हत = वज्र से हत
मदांध = मद से अंधा
दुःखार्त्त = दुःख से आर्त्त अकाल
पीड़ित = अकाल से पीड़ित
मन-माना = मन से माना हुआ
रेखांकित = रेखा से अंकित
मुँह-मांगा = मुँह से मांगा हुआ
कीर्ति-युक्त = कीर्ति से युक्त
मनगढंत = मन से गढ़ी हुई
अनुभव-जन्य = अनुभव से जन्य
कपड़छन = कपड़े से छना हुआ
गुण-युक्त = गुण से युक्त
मदमाता = मद से माता
जन्म-रोगी = जन्म से रोगी
शोकाकुल = शोक से आकुल
दईमारा – दई से मारा हुआ
प्रेमातुर = प्रेम से आतुर
बिहारी रचित = बिहारी द्वारा रचित
दयार्द्र = दया से आर्द्र
(ग) संप्रदान तत्पुरुष जिसमें संप्रदान कारक की विभक्ति का लोप पाया जाता है । जैसे
देशभक्ति = देश के लिए भक्ति
ठकुरसुहाती = ठाकुर को सुहाती
रण-निमंत्रण= रण के लिए निमंत्रण
आरामकुर्सी = आराम के लिए कुर्सी
कृष्णार्पण = कृष्ण के लिए अर्पण
बलि-पशु = बलि के लिए पशु
यज्ञ-शाला = यज्ञ के लिए शाला
विद्यागृह = विद्या के लिए गृह
क्रीड़ा-क्षेत्र = क्रीड़ा के लिए क्षेत्र
गुरु दक्षिणा = गुरु के लिए दक्षिणा
राह-खर्च = राह के लिए खर्च
हवन-सामग्री = हवन के लिए सामग्री
रसोई घर = रसोई के लिए घर
मार्ग-व्यय – मार्ग के लिए व्यय
रोकड़ बही = रोकड़ के लिए बही
युद्ध-भूमि – युद्ध के लिए भूमि
हथकड़ी = हाथों के लिए कड़ी
राज्यलिप्सा = राज्य के लिए लिप्सा
माल गाड़ी = माल के लिए गाड़ी
डाकगाड़ी = डाक के लिए गाड़ी
पाठशाला = पाठ के लिए शाला
जेब खर्च = जेब के लिए खर्च
(घ) अपादान तत्पुरुष जिसमें अपादान कारक की विभक्ति का लोप पाया जाता है । जैसे
पथ-भ्रष्ट = पथ से भ्रष्ट
आकाश पतित = आकाश से पतित
भयभीत = भय से भीत
धर्म भ्रष्ट = धर्म से भ्रष्ट
पदच्युत = पद से च्युत
देश निकाला = देश से निकालना
ऋणमुक्त = ऋण से मुक्त गुरु
भाई = गुरु के संबंध से भाई
देश निर्वासित = देश से निर्वासित
रोग मुक्त = रोग से मुक्त
बंधन मुक्त = बंधन से मुक्त
कामचोर = काम से जी चुराने वाला
ईश्वर विमुख = ईश्वर से विमुख
आकाशवाणी = आकाश से आगत वाणी
मदोन्मत्त = मद से उन्मत्त
जन्मांध = जन्म से अंधा व
विद्याहीन = विद्या से हीन
(ङ) संबंध तत्पुरुष जिसमें संबंध कारक की विभक्ति का लोप पाया जाता है। जैसे
मृगशावक = मृग का शावक
राजरानी = राजा का रानी
वज्रपात = वज्र का पात
अमचूर = आम का चूर
घुड़दौड़ = घोड़ों की दौड़
बैलगाड़ी = बैलों की गाड़ी
लखपति = लाखों (रुपये) का पति
वनमानुष = वन का मानुष
दीनानाथ = दीनों का नाथ
देवालय = देवों का आलय
रामकहानी = राम की कहानी
लक्ष्मी पति = लक्ष्मी का पति
रेलकुली = रेल का कुली
रामानुज = राम का अनुज
चायबगान = चाय के बगीचे आदि
पितृगृह = पिता का घर
वाचस्पति = वाचः (वाणी) के पति
राजपुत्र = राजा का पुत्र
विद्याभ्यासी = विद्या का अभ्यासी
पराधीन = पर (अन्य) का अधीन
रामाश्रय = राम का आश्रय
राष्ट्रपति = राष्ट्रपति का पति
अछूतोद्धार = अछूतों का उद्धार
पवनपुत्र = पवन का पुत्र
विचाराधीन = विचार के अधीन
राजकुमार = राजा का कुमार
(च) अधिकरण तत्पुरुष जिसमें अधिकरण कारक की विभक्ति का लोप पाया जाता है। जैसे-
देशाटन – देशों का अटन
दानवीर = दान (देने) में वीर
वनवास = वन में वास
कविशिरोमणि = कवियों में शिरोमणि
कविश्रेष्ठ = कवियों में श्रेष्ठ
आत्म-विश्वास = आत्म (स्वयं) पर विश्वास
आनंद-मग्न = आनंद में मग्न
आप बीती = अपने घर बीती
गृह प्रवेश = गृह में प्रवेश
घुड़ सवार = घोड़े पर सवार
शरणागत = शरण में आगत
कानाफूसी = कानों में फुसफुसाहट
ध्यानावस्थित= ध्यान में अवस्थित
हरफनमौला = हरफन में मौला कला
प्रवीण = कला में प्रवीण
नगरवास = नगर में वास
शोक मग्न = शोक में मग्न
घर-वास = घर में वास
इनके अतिरिक्त तत्पुरुष के कुछ अन्य भेद और भी माने जाते हैं
(i) नञ् तत्पुरुष
निषेध या अभाव के अर्थ में किसी शब्द से पूर्व ‘अ’ या ‘अन्’ लगाने से जो । समास बनता है, उसे नञ् तत्पुरुष कहते हैं । जैसे –
अहित = न हित
अपूर्ण = न पूर्ण
अधर्म = न धर्म
असंभव = न संभव
अब्राह्मण = न ब्राह्मण
अन्याय = न न्याय
अनुदार = न उदार
अनाश्रित = न आश्रित
अनिष्ट = न इष्ट
अनाचार = न आचार
विशेष-(क) प्रायः संस्कृत शब्दों में जिस शब्द के आदि में व्यंजन होता है,
तो ‘न’ समास में उस शब्द से पूर्व ‘अ’ जुड़ता है और यदि शब्द के आदि में स्वर होता है, तो उसप्से पूर्व ‘अन्’ जुड़ता है । जैसे –
अन् + अन्य = अनन्य
अन् + उत्तीर्ण = अनुत्तीर्ण
अ + वांछित = अवांछित
अ + स्थिर = अस्थिर
(ख) किन्तु उक्त नियम प्रायः तत्सम शब्दों पर ही लागू होता है, हिन्दी शब्दों पर नहीं। हिन्दी शब्दों में सर्वत्र ऐसा नहीं होता । जैसे –
अन् + चाहा = अनचाहा
‘अ+ काज = अकाज
अन् + होनी = अनहोनी
अन + वन = अनबन
अ + न्याय = अन्याय
अन + देखा = अनदेखा
अ + टूट = अटूट
अ + सुंदर = असुंदर
(ग) हिन्दी और संस्कृत शब्दों के अतिरिक्त ‘गैर’ और ‘ना’ आनेवाले शब्द भी ‘नञ्’ तत्पुरुष के अन्तर्गत आ जाते हैं। जैसे –
नागवर
नापसंद
गैर हाजिर
नाबालिग
नालायक
गैरवाजिब
(ii) अलुक् तत्पुरुष
जिस तत्पुरुष समास में पहले पद की विभक्ति का लोप नहीं होता, उसे ‘अलक्’ समास कहते हैं। जैसे –
मनसिज = मनों में उत्पन्न
युधिष्ठिर = युद्ध में स्थिर
वाचस्पति = वाणी का पति
धनञ्जय = धन की जय करने वाला
विश्वंभर = विश्व को भरने वाला
खेचर = आकाश में विचरने वाला
(iii) उपपद तत्पुरुष
जिस तत्पुरुष समास का स्वतंत्र रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता, ऐसे सामासिक शब्दों को ‘उपमद’ तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे-
जलज = जल + ज (‘ज’ का अर्थ उत्पन्न अर्थात् पैदा होनेवाला है, पर इस शब्द को अलग से प्रयोग नहीं किया जा सकता है ।)
इसी प्रकार –
तटस्थ = तट + स्थ
गृहस्थ = गृह + स्थ
पंकज = पंक + ज
जलद = जल + द
कृतघ्न = कृत + न
उरग = उर + ग
तिलचट्टा = तिल + चट्टा
लकड़फोड़ = लकड़ + फोड़
बटमार = बट + मार
घरघसा = घर + घसा
पनडुब्बी = पन + डुब्बी
घुड़चढ़ी = घुड़ + चढ़ी
कलमतराश = कलम + तराश
सौदागर = सौदा + गर
गरीबनिवाज = गरीब + निवाज
चोबदार = चोब + दार
(iv) कर्मधारय
जिस समास के दोनों पदों के बीच विशेष्य विशेषण अथवा उपमेय-उपमान का संबंध हो और दोनों पदों में एक ही कारक (कर्ता कारक) की विभक्ति आए, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
जैसे –
नीलकमल = नीला है जो कमल
महाविद्यालय = महान् है जो विद्यालय
लाल मिर्च = लाल है जो मिर्च
काला-पानी = काल है जो पानी
पुरुषोत्तम = पुरुषों में है जो उत्तम
चरण-कमल = कमल रूपी चरण
महाराज = महान् है जो राजा
प्राण-प्रिय = प्राणों के समान प्रिय
चंद्रमुख = चंद्र के समान है जो मुख ।
बज्र देह = वज्र के समान देह
सिंहपुरुषः = सिंह के समान है जो पुरुष ।
विद्या धन = विद्या रूप धन ।
नील-कंठ = नीला है जो कंठ
देहलता = देह रूपी लता
महाजन = महान् है जो जन
घनश्याम = घन के समान श्याम
पीतांबर = पीत है जो अंबर
काली मिर्च = काली है जो मिर्च
सज्जन = सत् (अच्छा ) है जो जन
महारानी = महान् है जो रानी
भलामानस = भला है जो मानस (मनुष्य)
नील गाय = नीली है जो गाय
सद्गुण = सद् (अच्छे) है जो गुण
कर-कमल = कमल के समान कर
शुभागमन = शुभ है जो आगमन
मुखचंद्र = मुख रूपी चंद्र
नीलांबर = नीला है जो अंबर
नरसिंह = सिंह के समान है जो नर
भव-सागर = भव रूपी सागर
मानबोचित = मानवों के लिए है जो उचित
बुद्धिबल = बुद्धि रूपी बल
पुरुष रत्न = पुरुषों में है जो रत्न
गुरुदेव = गुरु रूपी देव
घृतान्न = घृत में मिला हुआ अन्न
कर पल्ल्व = पल्लव रूपी कर
पर्णशाला = पर्ण (पत्तों से) निर्गत शाला
कमल-नयन = कमल के समान नयन
छाया-तरु = छाया प्रधान तरु
कनक-लता = कनक की सी लता
वन मानुष = वन में निवास करने वाला
मानुष चंद्रमुख = चन्द्र के समान मुख
गुरु भाई = गुरु के संबंध से भाई
मृगनयन = मृग के नयन के समान नयन
बैलगाड़ी = बैलों से खींची जाने वाली गाड़ी
कुसुम-कोमल = कुसुम के समान कोमल
माल-गाड़ी = माल ले जाने वाली गाड़ी
सिंह नाद = सिंह के नाद के समान नाद
गुड़म्बा = गुड़ से पकाया हुआ आम
जन्मान्तर = अंतर (अन्य) जन्म
दही-बड़ा = दही में डूबा हुआ बड़ा
नराधम = अधम है जो नर
जेब-घड़ी = जेब में रखी जाने वाली घड़ी
दीनदयालु = दीनों पर है जो दयालु
पन-चक्की = पानी से चलने वाली चक्की
मुनिवर = मुनियों में है जो श्रेष्ठ
(v) द्विगु
जिस समास में पहला पद संख्यावाचक (गिनती बताने वाला) हो, दोनों पदों बीच विशेषण विशेष्य संबंध हो और समस्त पद समूह या समाहार का ज्ञान । राए, उसे द्विगु समास कहते हैं। जैसे-
शताब्दी = शत (सौ) शब्दों (वर्षों) का समूह
त्रिवेणी = तीन वेणियों (नदियों) का समाहार
सतसई सात सौ दोहों का समूह सप्ताह
सप्त (सात) अह (दिनों) का समूह
चौराहा = चार राहों का समाहार
सप्तर्षि = सात ऋषियों का समूह
चौमासा = चार मासों का समाहार
अष्टाध्यायी = अष्ट (आठ) अध्यायों का समूह
अठन्नी = आठ आनों का समूह
त्रिभुवन = तीन भुवनों (लोकों) का समूह
पंसेरी = पांच सेरों को समाहार
पंचवटी = पांच बट (वृक्षों) का समाहार
दोपहर = दो पहरों का समाहार
नवग्रह = व ग्रहों का समाहार
त्रिफला = तीन फलों का समूह
चतुर्वर्ण = चार वर्णों का समाहार
चौपाई = चार पदों का समूह
चतुष्पदी = चार पदों का समाहार
नव-रत्न = नव रत्नों का समूह
पंचतत्व = मांन तत्वों का समह
(vi)द्वंद्व
जिस समस्त पद के दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह (अलग-अलग) करने पर दोनों पदों के बीच ‘और’, ‘तथा’, ‘अथवा’, ‘या’, आदि योजक शब्द लगे उसे द्वंद्व समास कहते हैं । जैसे –
अन्न जल = अन्न और जल
दीन-ईमान = दीन और ईमान
पाप-पुण्य = पाप और पुण्य
लव-कुश = लव और कुश
धर्माधर्म = धर्म और अधर्म
नमक-मिर्च = नमक और मिर्च
वेद-पुराण = वेद और पुराण
अमीर गरीब = अमीर और गरीब
दाल रोटी = दाल और रोटी
राजा-रंक = राजा और रंक
नदी-नाले = नदी और नाले
राधा-कृष्ण = राधा और कृष्ण
रुपया-पैसा = रुपया और पैसा
निशि-वासर = निश (रात) और वासर (दिन)
दूध-दही = दूध और दही
देश-विदेश = देश और विदेश
आबहवा = आब (आना) और हवा
माँ-बाप = माँ और बाप
आमद-रफ्त = आमद (आना) और रफ्त (जाना)
ऊंच नीच = ऊंच और नीच
नाम-निशान = नाम और निशान
सुख-दुःख = सुख और दुःख
भाता-पिता = माता और पिता
धन-धाम = धन और धाम
भाई-बहन = भाई और बह’
भला-बुरा = भला और बुरा
रात-दिन = रात और इन
पाप-पुण्य = पाप और पुण्य
घी-शक्कर = घी और शक्कर
छोटा-बड़ा = छोटा या बड़ा
नर-नारी = नर और ना
जात-कुजात = जात या कुजात
गुण दोष = गुण तथा दोष
ऊँचा-नीचा = ऊँचा या नीचा
देश-विदे = देश और प्रदेश
न्यूनाधिक = न्यून (कम) अथवा अधिक
राम-लक्ष्मण = राम और लक्ष्मण
थेड़ा-बहु = थेड़ा बहुत
भीमार्जुन = भीम और अर्जुन
(vii) बहुब्रीहि
जिस समास का कोई भी पद प्रधान नहीं हो और दोनों पद मिलकर किसी अन्य शब्द (संज्ञा) के विशेषण होते हैं, उसे ‘बहुब्र हि’ समाहस ५ हते हैं । जैसे –
चक्रधर = चक्र को धारण करने वाला अर्थात विष्णु
गजानन = गज के समान आनन (मुख) है जिसका अर्थात् राश
बारहसिंगा = बारह सींग हैं जिसके ऐसा मृग विशेष
पीतांबर = पीत (पीले) अंबर (वस्त्र) हैं जिस्: के अर्थात् ‘कृष्ण’
चंद्रशेखर = चंद्र है शेखर (मस्तक) पर जिसके अर्थात् ‘शिव
नील-कंठ = नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिन
शुभ्र स्त्र = शुभ्र (स्वच्छ) है वस्त्र जिसका अर्थात् सरस्वती
अजातशत्रु- नहीं पैदा हुआ हो शत्रु जिसका (कोई व्यक्ति)
कुरूप = कुत्सित (बुरा) हे रूप, जिसका (कोई व्यक्ति)
बड़बोला = बड़े बोल बोलने वाला (कोई व्यक्ति)
लंबोदर = लंबा है उदर (पेट) जिसका अर्थात् गणेश
महात्मा = महान् है आत्मा जिसकी (व्यक्ति-विशेष)
सुलोचना = सुंदर है लोचन (नेत्र) जिसके (स्त्री विशेष)
आजानुबाहु = अजानु (घुटनों तक) लंबी हैं भुजाएँ जिसको (व्यक्ति विशेष)
दिगंबर = दिशाएँ ही हैं वस्त्र जिसके अर्थात् नग्न
राजीव-लोचन = राजीव (कमल) के समान लोचन (नेत्र) हैं जिसके (व्यक्ति-विशेष)
चंद्रमुखी = चंद्र के समान मुख है जिसकी अर्थात् (कोई स्त्री)
चतुर्भुज = चार हैं भुजाएँ जिसकी अर्थात् विष्णु
अलोना = (अ) नहीं है लोन (नमक) जिसमें ऐसी कोई पकी सब्जी
अंशुमाली = अंशु (किरणें) हैं माला जिसकी अर्थात् सूर्य
लमकना = लंबे हो कान जिसके अर्थात् चूहा
तिमजिला = तीन है मंजिल जिसमें वह मकान
अनाथ – जिसका कोई नाथ (स्वामी या संरक्षक) न हो (कोई बालक)
असार = सार (तत्त्व) न हो जिसमें (वह वस्तु)
दशानन = दश हैं आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावण
पंचानन = पाँच 3 आनन जिसके अर्थात् सिंह
सहस्रबाहु – सहस्र (हजार) हैं भुजाएँ जिसकी अर्थात् दैत्यराज
षट्कोण = षट् (छ:) कोण है जिसमें (वह आकृति)
मृगलोचनी = मृग के समान लोचन हैं जिसके (कोई स्त्री)
बज्रांगी (बजरंगी) = बज्र के समान कठोर हो हृदय जिसका (कोई व्यक्ति)
पाषाण हृदय = पाषाण के समान कठोर हो हृदय जिसका (कोई व्यक्ति)
सतखंडा = सात है खंड जिसमें (वह भवन)
सितार = सितार (तीन) हों जिसमें (वह बाजा)
त्रिनेत्र = तीन हैं नेत्र जिसके अर्थात् शिव
द्विरद = द्वि (दो) हों दर (दाँत) जिसके अर्थात हाथी
चारपाई = चार हैं पाए जिसमें अर्थात् खाट
कलह प्रिय = कलह (क्लेश, झगड़ा, प्रिय हो जिसको (कोई व्यक्ति)
कनफटा = कान हो फटा हुआ जिसका (कोई व्यक्ति)
मनचल = मन रहता तो चलायमान जिसका (कोई व्यक्ति)
मृत्युञ्जय = मृत्यु को भी जीत लिया जिसने अर्थात् शंकर
सिरकटा = सिर हो कटा हुआ जिनका (कोई भूत प्रेतादि)
पतझड़ = पत्ते झड़ते हैं जिसमें वह ऋतु
भघनाद – मेघ के समान नाद है जिसका अर्थात् रावण का पुत्र
धनश्याम = घन के समान श्याम है जो अर्थात् कृष्ण
मक्खीचूस = मक्खी को भी चूस लेने वाला अर्थात् कृपण (कंजूस)
विषधर = विष को धारण करने वाला अर्थात् सर्प
गिरिधर = गिरी (पर्वत) को धारण करने वाला कृष्ण
जितेंद्रिय = जीत ली है इंद्रियां जिसने (संयमी पुरुष)
कृत-कार्य = कर लिया है कार्य जिसने (सफल व्यक्ति)
इन्द्रजित = इंद्र को जीत लिया है जिसने (मेघनाद)
विष-पायी = विष पी लिया है जिसने (शिव)
चक्रपाणि = चक्र है पाणि : (हाथ) में जिसके अर्थात् विष्णु
त्रिगुण = तीन हैं गुण जिसमें (ऐसी कोई वरतु)
रत्न-गर्भा = रत्न् हैं गर्भ हैं जिसके अर्थात् पृथ्वी
नीरज = नीर (जल) में जन्म लेने वाला अर्थात् कमल
स्वरान्त = स्वर है अंत में जिसके ( ऐसा शब्द)
त्रिभुज = तीन हैं भुजाएँ जिसमें (वह आकृति)
फुल्लोत्पल = फुल्ल (खिले) हैं उत्पल (कमल) जिसमें ऐसा तालाब)
धर्मात्मा = धर्म में आत्मा लीन है जिसकी (कोई व्यक्ति)।
BSEB Textbook Solutions PDF for Class 9th
- BSEB Class 9 Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 1 कहानी का प्लाँट Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 1 कहानी का प्लाँट Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 2 भारत का पुरातन विद्यापीठ : नालंदा Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 2 भारत का पुरातन विद्यापीठ : नालंदा Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 3 ग्रीम-गीत का मर्म Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 3 ग्रीम-गीत का मर्म Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 4 लाल पान की बेगम Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 4 लाल पान की बेगम Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 5 भारतीय चित्रपट : मूक फिल्मों से सवाक फिल्मों तक Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 5 भारतीय चित्रपट : मूक फिल्मों से सवाक फिल्मों तक Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 6 अष्टावक्र Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 6 अष्टावक्र Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 7 टॉलस्टाय के घर में Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 7 टॉलस्टाय के घर में Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 8 पधारो म्हारे देश Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 8 पधारो म्हारे देश Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 9 रेल-यात्रा Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 9 रेल-यात्रा Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 10 निबंध Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 10 निबंध Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 11 सूखी नदी का पुल Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 11 सूखी नदी का पुल Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 12 शिक्षा में हेर-फेर Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 12 शिक्षा में हेर-फेर Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 1 रैदास के पद Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 1 रैदास के पद Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 2 मंझन के पद Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 2 मंझन के पद Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 3 गुरु गोविंद सिंह के पद Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 3 गुरु गोविंद सिंह के पद Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 4 पलक पाँवड़े (अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरीऔध’) Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 4 पलक पाँवड़े (अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरीऔध’) Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 5 मै नीर भरी दुःख की बदली (महादेवी वर्मा) Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 5 मै नीर भरी दुःख की बदली (महादेवी वर्मा) Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 6 आ रही रवि के सवारी (हरिवंशराय बच्चन) Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 6 आ रही रवि के सवारी (हरिवंशराय बच्चन) Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 7 पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा (केदारनाथ अग्रवाल) Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 7 पूरा हिन्दुस्तान मिलेगा (केदारनाथ अग्रवाल) Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 8 मेरा ईश्वर (लीलाधर जगूड़ी) Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 8 मेरा ईश्वर (लीलाधर जगूड़ी) Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 9 रूको बच्चों (राजेश जोशी) Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 9 रूको बच्चों (राजेश जोशी) Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 10 निम्मो की मौत (विजय कुमार) Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 10 निम्मो की मौत (विजय कुमार) Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 11 समुद्र (सीताकांत महापात्र) Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 11 समुद्र (सीताकांत महापात्र) Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Godhuli Chapter 12 कुछ सवाल (पाब्लो नेरुदा) Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Godhuli Chapter 12 कुछ सवाल (पाब्लो नेरुदा) Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Varnika Chapter 1 बिहार का लोकगायन Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Varnika Chapter 1 बिहार का लोकगायन Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Varnika Chapter 2 बिहार की संगीत साधना Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Varnika Chapter 2 बिहार की संगीत साधना Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Varnika Chapter 3 बिहार में नृत्यकला Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Varnika Chapter 3 बिहार में नृत्यकला Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Varnika Chapter 4 बिहार में चित्रकला Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Varnika Chapter 4 बिहार में चित्रकला Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Varnika Chapter 5 मधुबनी की चित्रकला Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Varnika Chapter 5 मधुबनी की चित्रकला Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Varnika Chapter 6 बिहार में नाट्यकला Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Varnika Chapter 6 बिहार में नाट्यकला Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi Varnika Chapter 7 बिहार का सिनेमा संसार Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi Varnika Chapter 7 बिहार का सिनेमा संसार Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण अपठित गद्यांश Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण अपठित गद्यांश Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण निबंध लेखन Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण निबंध लेखन Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण लिंग Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण लिंग Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण वचन Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण वचन Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण काल Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण काल Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण वाच्य Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण वाच्य Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण परसर्ग ‘ने’ का क्रिया पर प्रभाव Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण परसर्ग ‘ने’ का क्रिया पर प्रभाव Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण वाच्य परिवर्तन Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण वाच्य परिवर्तन Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण सन्धि Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण सन्धि Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण समास Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण समास Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण पर्यायवाची, विलोम तथा श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण पर्यायवाची, विलोम तथा श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण अनेक शब्दों के लिए एक शब्द Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण अनेक शब्दों के लिए एक शब्द Book Answers
- BSEB Class 9 Hindi व्याकरण मुहावरे Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 9th Hindi व्याकरण मुहावरे Book Answers
0 Comments:
Post a Comment