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AP Board Class 8 Hindi Chapter 10 अनमोल रत्न कविता Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 8th Hindi Chapter 10 अनमोल रत्न कविता Book Answers |
Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi Chapter 10 अनमोल रत्न कविता Textbooks Solutions PDF
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Board | AP Board |
Materials | Textbook Solutions/Guide |
Format | DOC/PDF |
Class | 8th |
Subject | Hindi |
Chapters | Hindi Chapter 10 अनमोल रत्न कविता |
Provider | Hsslive |
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AP Board Class 8th Hindi Chapter 10 अनमोल रत्न कविता Textbooks Solutions with Answer PDF Download
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प्रश्न 1.
चित्र में क्या क्या दिखाई दे रहा है?
उत्तर:
चित्र में अध्यापिका और छात्र - छात्राएँ दिखाई दे रहे हैं।
प्रश्न 2.
वे क्या कर रहे हैं?
उत्तर:
अध्यापिका हिन्दी पाठ पढ़ा रही हैं। छात्र ध्यान से सुन रहे हैं।
प्रश्न 3.
श्यामपट पर लिखे सुवचन से तुम क्या समझते हो?
उत्तर:
‘हर एक अच्छी बात अधिक मूल्यवान होती है। अर्थात अच्छी बातों का अधिक महत्व होता है।
सुनो - बोलो
प्रश्न 1.
पाठ में दिये गये चित्र के बारे में बातचीत करो।
उत्तर:
चित्र की श्रृंखला के पहले चित्र में तुलसीदास एक पेड़ के नीचे बैठे हुए हैं। ये राम भक्त हैं। दूसरे चित्र में रहीम का तस्वीर है। रहीम नीतिबद्ध दोहों के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रश्न 2.
पाठ का शीर्षक तुम्हें कैसा लगा और क्यों?
उत्तर:
दोहों का शीर्षक मुझे बहुत अच्छा लगा क्योंकि रत्न तो बहुत क़ीमती चीज़ है। अनमोल रत्न का मतलब उन रानों की कीमत हम तोल नहीं सकते। वास्तव में अच्छी बातों के मूल्य हम नहीं तोल सकते । ये हमारे जीवन में बहुत काम आते हैं। इसलिए अच्छी बातों को अनमोल रत्न कहना उचित ही है।
प्रश्न 3.
इन दोहों से तुम क्या सीखते हो ?
उत्तर:
इन दोहों से हम नीति तथा लोक व्यवहार के बारे में सीखते हैं।
प्रश्न 4.
दोहों में किन - किन मूल्यों के बारे में बताया गया है?
उत्तर:
दोहों में तुलसी और रहीम, पाप और पुण्य के बारे में, आपत्ति में साथ रहने के अच्छे गुणों के बारे में दूसरों से व्यवहार करने की तरीके के बारे में और आडंबरों से बाहर अर्थात बडप्पन को बनाये रखना आदि नैतिक एवं सामाजिक मूल्यों के बारे में बताये।
प्रश्न 5.
तुलसी और रहीम के समय की स्थिति कैसी रही होगी ?
उत्तर:
तुलसीदास और रहीम भक्ति काल के प्रमुख कवि थे। आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार भक्ति काल का समय सं. 1375 से 1700 तक माना है। तत्कालीन भारतीय समाज में हिंदु - मुस्लिम दो संस्कृतियों व विचार धाराओं का पारस्परिक संघर्ष हो रहा था । साहित्य की दृष्टि से हिंदी साहित्य के भक्ति काल को उसका स्वर्णयुग मानते हैं। ज्ञानाश्रयी - प्रेमाश्रयी, सगुण - निर्गुण, राम भक्ति - कृष्ण भक्ति, संत - सूफी इस प्रकार के तरह-तरह की भक्ति धाराओं से समाज प्रभावित होने लगा।
पढ़ो
अ) नीचे दिये गये वाक्यों के भाव बतलाने वाले वाक्य दोहों में पहचानकर उत्तर - पुस्तिका में लिखो।
प्रश्न 1.
हमारा शरीर खेत के समान है।
उत्तर:
तुलसी काया खेत है, मनसा भयो किसान |
प्रश्न 2.
लाख प्रयत्न करने पर भी बात नहीं बनती है।
उत्तर:
बिगरी बात बनै नहिं, लाख करो किन कोय।
प्रश्न 3.
बडे अपने बडाई नहीं करते हैं।
उत्तर:
बडे बडाई न करें, बडो न बोलैं बोल।
आ) नीचे दी गयी पंक्तियों के बाद आनेवाली पंक्ति लिखो।
1. तुलसी साथी विपत्ति- विद्या विनय - विवेक।
2. रहीमन हीरा कब कहै - लाख टका मेरो मोल।
3. पाप - पुण्य दोऊ बीज है - बुवै सो लुनै निदान।
इ) नीचे दी गयी पंक्तियाँ पढ़ो।
बडा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड खजूर।
पंथी को छाया नहीं, फल लागै अति दूर।।
अब इन प्रश्नों के उत्तर दो।
प्रश्न 1.
खजूर का पेड कैसा होता है?
उत्तर:
खजूर का पेड बडा होता है ।
प्रश्न 2.
इस दोहे में खजूर के पेड की तुलना किसके साथ की गयी है?
उत्तर:
इस दोहे में खजूर के पेड की तुलना बड़े लोगों के साथ की गयी है।
प्रश्न 3.
इस दोहे का भाव अपने शब्दों में बताओ।
उत्तर:
बड़े लोग दूसरों की सहायता न करें तो बडे कहना बेकार है। इसके लिए एक उदाहरण दिया गया कि खजूर पेड बडा होने पर भी कुछ भी फ़ायदा नहीं है। क्योंकि वह पंथी को छाया नहीं देता और फल भी बहुत दूर में लगे रहने के कारण खाने योग्य नहीं है।
ई) नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखो।
प्रश्न 1.
तुलसीदास ने शरीर और मन की तुलना किसके साथ की है?
उत्तर:
तुलसीदास ने शरीर को खेत के साथ और मन को किसान के साथ तुलना की है।
प्रश्न 2.
रहीम के अनुसार फटे दूध से क्या नहीं बनता है?
उत्तर:
रहीम के अनुसार फटे दूध को मथने पर भी मक्खन नहीं बनता है।
प्रश्न 2.
हीरा अपने बारे में क्या नहीं कहता?
उत्तर:
हीरा अपने बारे में कभी इस प्रकार नहीं कहता कि उसका मोल लाख टके का है।
प्रश्न 3.
विपत्ति के समय हमारा साथ कौन देता है?
उत्तर:
विपत्ति के समय शिक्षा, विनय, विवेक, साहस अच्छे कार्य और सच्चाई हमारा साथ देते हैं।
लिरवो
अ) नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखो।
प्रश्न 1.
तुलसीदास ने शरीर की खेत व मन की किसान से तुलना क्यों की होगी?
उत्तर:
तुलसीदास ने शरीर की तुलना खेत से और मन की तुलना किसान से की है। क्योंकि पाप और पुण्य दो.बीजों में मन रूपी किसान, शरीर रूपी खेत में जो बोये जाते हैं, उसीके फल को हम प्राप्त करते हैं।
प्रश्न 2.
तुम विपत्ति का सामना कैसे करोगे ? क्यों?
उत्तर:
मैं विपत्ति का सामना विद्या, विनय, विवेक, साहस, अच्छे कार्य और सच्चाई से करूँगा। क्योंकि ये सभी विपत्ति का सामना करने के लिए आवश्यक हैं।
प्रश्न 3.
तुलसीदास जी के बारे में लिखो।
उत्तर:
हिन्दी साहित्य के श्रेष्ठ कवि तुलसीदास का जन्म बांदा जिले के राजापुर नामक गाँव में हुआ। पिता का नाम आत्माराम और माता का नाम हुलसी था। तुलसी का जन्म मूला नक्षत्र में होने के कारण पिता ने उन्हें अशुभ समझकर त्याग दिया । बाबा नरहरिदास ने आपको शिक्षा - दीक्षा दी।
तुलसी का विवाह रत्नावली नामक कन्या से हुआ | तुलसीदास अपनी पत्नी से अपार प्यार करते थे। एक बार पत्नी की फटकार सुनकर वे विरक्त हो गये और काशी चले गये। काशी में रहकर उन्होंने संस्कृत का खूब अध्ययन करके अनेक काव्य लिखें । उनमें रामचरितमानस, विनय पत्रिका, गीतावली, कवितावली आदि बहुत प्रसिद्ध हैं। रामचरितमानस उनका श्रेष्ठ काव्य है।
तुलसीदास की भक्ति दास्य भाव की है।
प्रश्न 4.
रहीम जी के बारे में तुम क्या जानते हो?
उत्तर:
अब्दुल रहीम खान का जन्म 1556 में हुआ था। उनके पिता का नाम बैरम खाँ था। वे अकबर के अभिभावक थे । रहीम अच्छे दानी थे। वे स्वंय कवि थे और अन्य कवियों का आदर करते थे। रहीम ने जीवन के दोनों पक्षों (सुख और दुःख) का गहरा अनुभव प्राप्त किया था । इस अनुभव के आधार पर उन्होंने बहुत दोहे लिखे थे। इन दोहों का संकलन ”रहीम दोहावली” या ”रहीम सत्सई’ में हुआ है। उनके असंख्य दोहे नीति, उपदेश और लोक व्यवहार से संबंधित हैं। वे अत्यंत लोकप्रिय हैं। अकबर की मृत्यु के बाद जहँगीर और रहीम में वैमनस्य हो गया । इस कारण रहीम के अंतिम दिन कष्टों में बीते।
आ) ”अनमोल रत्न” दोहों का भाव अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर:
अनमोल रत्न पाठ दो कवियों का संगम है। एक तो महात्मा तुलसीदास और दूसरा पंडित रहीम। दोनों अपने - अपने दोहों के माध्यम से अमूल्य विषय बतायें। अपने पहले दोहे में तुलसी कहते हैं कि ”मानव शरीर खेत के समान और मन किसान के समान है। पाप - पुण्य किसान के हाथ में बीज हैं। जो बोया जाता है उसी को प्राप्त करना पडता है।
अपने दूसरे दोहे में तुलसीदास कहते हैं कि विपत्ति के समय कोई हमारा साथ नहीं देते। केवल शिक्षा, विनय, विवेक, साहस, अच्छे कार्य और सच्चाई ही साथ देते हैं।
रहीम के अनुसार जब बात बिगड जाती है तो किसी के लाख प्रयत्न करने पर भी बनती नहीं हैं। इसके लिए रहीम यह उदाहरण दिये कि एक बार दूध फट जाता है तो उसे कितने बार मथने पर भी मक्खन नहीं बनता।
रहीम के दूसरे दोहे के अनुसार जो सचमुच बड़े होते हैं वे अपनी बडाई कभी नहीं किया करते । बडे - बडे बोल बोला नहीं करते । इसके लिए रहीम यह उदाहरण दिये कि हीरा कभी भी अपने बारे में स्वयं नहीं कहता कि उसका मोल लाख टके का है। इस प्रकार तुलसी और रहीम अपने - अपने दोहों के माध्यम से अमूल्य रत्नों को दिये।
शब्द भंडार
अ) दोहे में आये कुछ शब्द नीचे दिये गये हैं। अब इन शब्दों से एक-एक वाक्य बनाओ।
खेत | किसान खेत में काम करते हैं। |
विपत्ति | विपत्ति के समय साथ रहने वाला ही सच्चा मित्र है। |
विनय | छात्रों के लिए विनय आभूषण है। |
दूध | हँस दूध और पानी को अलग करता है। |
हीरा | हीरे पृथ्वी के अंदर मिलते हैं। |
आ) नीचे दी गयी पंक्ति पढ़ो | समझो।
“लाख टका मेरो मोल’।
इस पंक्ति में ’टका’ शब्द का प्रयोग विशेष अर्थ के लिए हुआ है। पुराने समय में टके का बड़ा महत्व था। अंग्रेजों के समय यह भारत की मुद्रा थी, जिसका मूल्य दो आना (पैसे) था । इसी शब्द पर कई मुहावरे भी हैं, जैसे -
- टका-सा मुँह लेकर रह जाना । (उदास होना)
- टके - टके को मोहताज होना। (गरीब होना)
- टका पास न होना। (धन की कमी होना)
अब तुम पता लगाओ कि टका को इन भाषाओं में क्या कहते हैं?
- तेलुगु - बेडा
- कन्नड़ - सेकडा
- तमिल - बेडा
- मराठी - बेडा
इ) नीचे दिये गये शब्द पढ़ो। समझो। लिखो।
बिगरी - बिगड़ी, to be spoilt
माखन - मक्ख न, butter
फाटे - फटे , torn
भाषा की बात
अ) पढ़ो - समझो।
आ) ऊपर दिये गये शब्दों में से किन्हीं दो शब्दों से वाक्य प्रयोग करो।
- किसान खेत में काम करते हैं।
- सृष्टि में केवल मनुष्य को ही विवेक शक्ति है।
सृजनात्मक अभिव्यक्ति
अ) पाठ में बताई गयी नीतियों के आधार पर नारे बनाओ।
उत्तर:
- जैसी करनी वैसी भरनी।
- विद्या विपत्ति में साथ रहती है।
- लाख प्रयत्न से भी बिगडी बात नहीं बनती।
- बडे लोग अपने बडप्पन की प्रशंसा कभी नहीं करते।
प्रशंसा
अ) तुलसीदास और रहीम के दोहों का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
उत्तर:
तुलसीदास जी के दोहे भगवान श्रीराम से संबंधित और नीतिपरक होते हैं। रहीम के दोहे नीतिपरक और उपदेशात्मक होते हैं। उनकी कविता में कल्पना की प्रचुरता के साथ - साथ भावुकता की अधिकता भी है।
परियोजना कार्य
तुलसी और रहीम के अन्य दोहे ढूँढो। उन्हें लिखो और कक्षा में लगाओ।
तुलसी संत सुअंब तरु, फूलि फलहिं परहेत।
इतते ये पाहन हनत, उतते वे फल देत || - तुलसी
एक भरोसो एक बल, एक आस बिस्वास।
एक राम घनश्याम हित, चातक तुलसीदास ।। - तुलसी
रहिमन लाख भली करो, अगुनी अगुन न जाय ।
राग सुनत पय पियत हूँ, सांप सहज धर खाय || - रहीम
रहिमन प्रीति सराहिये, मिले होत रंग दून।
ज्यों जरदी हरदी तजै, तजै सफ़ेदी चून || - रहीम
अनमोल रत्न Summary in English
This lesson titled ’Invaluable Gems’ is a confluence of two poets. One of them is Mahatma Tulasidas and the other, the great sage Rahim. They explained to us many precious things through their poems. Tulasidas explains in his first poem as follows. “If we assume human body as a field, the mind is like a farmer. Sin and virtue are the seeds in the hands of the farmer. As you sow, so shall you reap.”
Tulasidas in his second poem interprets that no one will be with us in times of disasters. Only education, obedience, courage, good deeds and truth will accompany us. They alone will be with us forever.
Rahim, in his first poem, says that once the word failed, we cannot rectify it even though we try lakhs of times. For instance, if the milk turns sour, we cannot procure butter from it though we churn it number of times.
In his second poem, Rahim says that those who are really great never proclaim about their greatness. They never boast of themselves. For example a diamond never reveals its greatness and value.
Thus, Tulasidas and Rahim offered us invaluable germs.
अर्थग्राह्यता – प्रतिक्रिया
पठित – पद्यांश
नीचे दिये गये पद्यांशा को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।
1. तुलसी काया खेत है, मनसा भयो किसान।
पाप – पुण्य दोऊ बीज है, बुवै सो लुनै निदान।
प्रश्न :
1. तुलसीदास के अनुसार काया किसके समान है?
उत्तर:
तुलसीदास के अनुसार काया या शरीर खेत के समान है।
2. तुलसीदास के अनुसार मन किसके समान है?
उत्तर:
तुलसीदास के अनुसार मन किसान के समान है।
3. पाप – पुण्य दोनों क्या हैं?
उत्तर:
पाप – पुण्य दोनों बीज हैं।
4. बुवै – शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर:
‘बुवै’ शब्द का अर्थ है “बोना”।
5. उपर्युक्त यह पद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर:
उपर्युक्त यह पद्यांश ‘अनमोल रत्न’ नामक पाठ ले लिया गया है।
2. तुलसी साथी विपत्ति, विद्या – विनय – विवेक।
साहस,सुकृति, सुसत्य व्रत, राम भरोसे एक।
बिगरी बात बनै नहिं, लाख करो किन कोय।
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय।।
प्रश्न :
1. उपर्युक्त पहले दोहे के कवि कौन हैं?
उत्तर:
उपर्युक्त पहले दोहे के कवि हैं श्री ‘ तुलसीदास ।
2. तुलसीदास के अनुसार विपत्तियों में हमारी सहायता करनेवाले या साथ रहनेवाले कौन हैं?
उत्तर:
तुलसीदास के अनुसार विपत्तियों में विद्या, विनय, विवेक, साहस, सुकृति, सुसत्यव्रत आदि हमारे सहायता करनेवाले या साथ देनेवाले हैं।
3. दूसरे दोहे के कवि कौन हैं?
उत्तर:
दूसरे दोहे के कवि “रहीम” हैं।
4. फाटे दूध को मथने से क्या नहीं मिलता है?
उत्तर:
फाटे दूध को मथने से मक्खन नहीं मिलता है।
5. कैसी बात नहीं बनती है?
उत्तर:
बिगरी (बिगडी) बात नहीं बनती है।
3. बडे बड़ाई न करें, बड़ो न बोलैं बोला ।
रहीमन हीरा कब कहै, लाख टका मेरो मोल।।
प्रश्न :
1. बड़े लोग क्या नहीं करते?
उत्तर:
बड़े लोग बडाई नहीं करते।
2. बडे – बडे बोल कौन नहीं बोला करते हैं?
उत्तर:
बड़े लोग बड़े- बडे बोल नहीं बोला करते।
3. उपर्युक्त दोहे के कवि कौन हैं?
उत्तर:
उपर्युक्त दोहे के कवि हैं श्री “रहीम”।
4. हीरा क्या नहीं कहता है?
उत्तर:
हीरा यह नहीं कहता है कि “मैरा मोल लाख टका है।”
5. उपर्युक्त पद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर:
उपर्युक्त पद्यांश ‘अनमोल रत्न’ पाठ से लिया गया है।
अपठित – पद्यांश
निम्न लिखित पद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में से चुनकर लिखिए।
1. नहीं बजती उसके हाथों में कोई वीणा,
नहीं होता कोई अनुराग – राग – आलाप,
नूपुरों में भी रुनझुन रुनझुन नहीं,
सिर्फ एक अव्यक्त शब्द – सा ‘चुप, चुप, चुप’,
है गूंज रहा सब कहीं।
प्रश्न :
1. उसके हाथों में क्या नहीं बजती?
A) कोई वीणा
B) कोई राग
C) नूपुर
D) रुनझुन
उत्तर:
A) कोई वीणा
2. इनमें भी रुनझुन – रुनझुन नहीं
A) वीणा में
B) अनुराग में
C) नूपुरों में
D) हाथों में
उत्तर:
C) नूपुरों में
3. सब कहीं क्या गूंज रहा है?
A) वीणा
B) चुप, चुप, चुप
C) नूपुर
D) राग
उत्तर:
B) चुप, चुप, चुप
4. क्या – क्या नहीं होता है?
A) अनुराग
B) राग
C) आलाप
D) ये सब
उत्तर:
D) ये सब
5. हाथ शब्द का पर्यायवाची शब्द पहचानिए।
A) पैर
B) पग
C) कर
D) त्रिभुज
उत्तर:
C) कर
2. पुष्कर सोता है निज सर में,
भ्रमर सो रहा है पुष्कर में,
गुंजन सोया कभी भ्रमर में,
सो, मेरे गृह – गुंजन, सो !
सो, मेरे अंचल – धन, सो !
प्रश्न :
1. पुष्कर यहाँ सोता है
A) निज सर में
B) सागर में
C) नाल में
D) झील में
उत्तर:
A) निज सर में
2. कभी अमर में कौन सोया है?
A) भ्रमर
B) पुष्कर
C) गुंजन
D) सर
उत्तर:
C) गुंजन
3. अमर कहाँ सो रहा है?
A) पुष्कर में
B) निज सर में
C) गृह में
D) गुंजन में
उत्तर:
A) पुष्कर में
4. सो, मेरे …… सो। रिक्त स्थान की पूर्ति करो।
A) भ्रमर
B) पुष्कर
C) गुंजन
D) अंचल धन
उत्तर:
D) अंचल धन
5. गृह शब्द का अर्थ पहचानिए।
A) घर
B) वन
C) कमल
D) नयन
उत्तर:
A) घर
3. झर – झर, झर – झर झरता झरना।
आलस कभी न करता झरना।
थक कर कभी न सोता झरना।
प्यास सभी की हरता झरना ॥
प्रश्न :
1. प्यास सभी की कौन हरता है?
A) झरना
B) सागर
C) कुआ
D) नल
उत्तर:
A) झरना
2. यह थक कर कभी नहीं सोता है
A) कौआ
B) मोर
C) झरना
D) हिरण
उत्तर:
C) झरना
3. झरना कभी – भी यह नहीं करता
A) गृह कार्य
B) आलस
C) दुख
D) शब्द
उत्तर:
B) आलस
4. झरना ऐसा झरता है
A) टर – टर
B) धन – धन
C) चम – चम
D) झर – झर
उत्तर:
D) झर – झर
5. इस पद्य का उचित शीर्षक पहचानिए।
A) सागर
B) पर्वत
C) झरना
D) नदी
उत्तर:
C) झरना
4. बचो अर्चना से, फूल माला से,
अंधी अनुशंसा की हाला से,
बचो वंदना की वंचना से, आत्म रति से,
चलो आत्म पोषण से, आत्म की क्षति से।
प्रश्न :
1. हमें किससे बचना है?
A) साँप से
B) सिहं से
C) बाघ से
D) अर्चना से
उत्तर:
D) अर्चना से
2. हमें इसकी वंचना से बचना है
A) हाला की
B) वंदना की
C) अंधी की
D) फूलमाला की
उत्तर:
B) वंदना की
3. हमें किस पोषण से चलना है?
A) आत्म
B) शरीर
C) हृदय
D) मन
उत्तर:
A) आत्म
4. अंधी अनुशंसा की हाला से हमें क्या करना चाहिए?
A) बचना
B) भागना
C) फ़सना
D) फैलना
उत्तर:
A) बचना
5. हमें इससे भी बचना चाहिए।
A) शिक्षा से
B) दंड से
C) आत्मरति से
D) इन सबसे
उत्तर:
C) आत्मरति से
5. जयमाला ले अपने कर में
जयदेवी है तुम्हें बुलाती।
अमृत पुत्र हो, डर काहे का
बढे चलो, तुम बढ़े चलो।
मुड – मुड कर मत देखो, मानव !
बहु दूर तुम्हे तो चलना है,
सोचो अपने मन में हरदम
यह हिन्दुस्तान तुम्हारा है।
प्रश्न :
1. तुम्हें कौन बुलाती है?
A) जेष्टादेवी
B) लक्ष्मीदेवी
C) जयदेवी
D) ये सब
उत्तर:
C) जयदेवी
2. जय देवी के कर में क्या है?
A) दीप
B) हार
C) मोती का हार
D) जयमाला
उत्तर:
D) जयमाला
3. कितना दूर तुम्हें चलना है?
A) कुछ दूर
B) बहुदूर
C) दो मील
D) योजन
उत्तर:
B) बहुदूर
4. अपने मन में हर दम क्या सोचना है?
A) यह हिन्दुस्तान तुम्हारा है।
B) यह पाकिस्तान तुम्हारा है।
C) यह रूस तुम्हारा है।
D) ये सब
उत्तर:
A) यह हिन्दुस्तान तुम्हारा है।
5. तुम कैसे पुत्र हो?
A) विष
B) ज़हर
C) वीर
D) अमृत
उत्तर:
D) अमृत
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