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Wednesday, September 14, 2022

AP Board Class 8 Hindi Chapter 11 हार के आगे जीत है जीवनी Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 8th Hindi Chapter 11 हार के आगे जीत है जीवनी Book Answers

AP Board Class 8 Hindi Chapter 11 हार के आगे जीत है जीवनी Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 8th Hindi Chapter 11 हार के आगे जीत है जीवनी Book Answers
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Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi Chapter 11 हार के आगे जीत है जीवनी Textbooks Solutions PDF

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Andhra Pradesh State Board Class 8th Hindi Chapter 11 हार के आगे जीत है जीवनी Books Solutions

Board AP Board
Materials Textbook Solutions/Guide
Format DOC/PDF
Class 8th
Subject Hindi
Chapters Hindi Chapter 11 हार के आगे जीत है जीवनी
Provider Hsslive


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8th Class Hindi Chapter 11 हार‌ ‌के‌ ‌आगे‌ ‌जीत‌ ‌है‌‌ Textbook Questions and Answers


प्रश्न 1.
‌चित्र‌ ‌में‌ ‌क्या‌ ‌क्या‌ ‌दिखाई‌ ‌दे‌ ‌रहा‌ ‌है‌?
उत्तर:
‌चित्र‌ ‌में‌ ‌अपाहिज‌ ‌लोग,‌ ‌गेंद‌ ‌और‌ ‌खेल‌ ‌का‌ ‌मैदान‌ ‌दिखाई‌ ‌दे‌ ‌रहे‌ ‌हैं।‌‌

प्रश्न 2.
वे‌ ‌क्या‌ ‌कर‌ ‌रहे‌ ‌हैं‌?
उत्तर:
‌वे‌ ‌सभी‌ ‌फुटबॉल‌ ‌खेल,‌ ‌खेल‌ ‌रहे‌ ‌हैं।‌

प्रश्न 3.
‌इसे‌ ‌देखने‌ ‌पर‌ ‌हमारे‌ ‌मन‌ ‌में‌ ‌क्या‌ ‌विचार‌ ‌उठते‌ ‌हैं‌?
उत्तर:
‌इसे‌ ‌देखने‌ ‌पर‌ ‌हमारे‌ ‌मन‌ ‌में‌ ‌यह‌ ‌विचार‌ ‌उठते‌ ‌हैं‌ ‌कि‌ ‌अपाहिजों‌ ‌को‌ ‌भी‌ ‌मन‌ ‌होता‌ ‌है,‌ ‌कुछ‌ ‌आशाएँ‌ ‌ओर‌‌ आकांक्षाएँ‌ ‌होती‌ ‌हैं।‌ ‌उन‌ ‌आशाओं‌ ‌और‌ ‌आकांक्षाओं‌ ‌को‌ ‌सफल‌ ‌बनाने‌ ‌में‌ ‌हमें‌ ‌उन्हें‌ ‌सहयोग‌ ‌देना‌ ‌चाहिए।

सुनो‌ ‌-‌ ‌बोलो‌

प्रश्न 1.
‌पाठ‌ ‌का‌ ‌शीर्षक‌ ‌कैसा‌ ‌लगा‌ ‌और‌ ‌क्यों?‌
उत्तर:
‌‌पाठ‌ ‌का‌ ‌शीर्षक‌ ‌मुझे‌ ‌बहुत‌ ‌अच्छा‌ ‌लगा।‌ ‌क्योंकि‌ ‌हारने‌ ‌वाला‌ ‌हमेशा‌ ‌नहीं‌ ‌हारता‌ ‌और‌ ‌जीतने‌ ‌वाला‌ ‌हमेशा‌‌ नहीं‌ ‌जीत‌ ‌सकता‌ ‌।‌ ‌लेकिन‌ ‌जब‌ ‌हम‌ ‌हार‌ ‌जाते‌ ‌हैं‌ ‌तब‌ ‌हम‌ ‌अपने‌ ‌असफलता‌ ‌पर‌ ‌निराश‌ ‌नहीं‌ ‌होकर‌‌ असफलता‌ ‌के‌ ‌कमियों‌ ‌को‌ ‌पूरा‌ ‌करते‌ ‌हुए‌ ‌दोबारा‌ ‌कोशिश‌ ‌करने‌ ‌से‌ ‌ज़रूर‌ ‌जीत‌ ‌लेते‌ ‌हैं।

प्रश्न 2.
‌शारीरिक‌ ‌रूप‌ ‌से‌ ‌कमज़ोर‌ ‌लोगों‌ ‌को‌ ‌किन‌ ‌कठिनाइयों‌ ‌का‌ ‌सामना‌ ‌करना‌ ‌पड़ता‌ ‌है‌?
उत्तर:
‌‌शारीरिक‌ ‌रूप‌ ‌से‌ ‌कमज़ोर‌ ‌लोगों‌ ‌को‌ ‌कई‌ ‌कठिनाइयों‌ ‌का‌ ‌सामना‌ ‌करना‌ ‌पड़ता‌ ‌है।‌ ‌वे‌ ‌किसी‌ ‌काम‌ ‌को‌ ‌नहीं‌‌ कर‌ ‌सकते।‌ ‌न‌ ‌फिर‌ ‌सकते‌ ‌हैं।‌ ‌न‌ ‌चल‌ ‌सकते‌ ‌हैं।‌ ‌कुछ‌ ‌लोग‌ ‌ऐसे‌ ‌होते‌ ‌हैं,‌ ‌जो‌ ‌न‌ ‌सुन‌ ‌सकते‌ ‌हैं‌ ‌न‌ ‌बोल‌ ‌सकते‌‌ और‌ ‌न‌ ‌देख‌ ‌सकते‌ ‌हैं।‌ ‌ऐसे‌ ‌लोग‌ ‌कहीं‌ ‌नहीं‌ ‌जा‌ ‌सकते‌ ‌हैं।‌

प्रश्न 3.
‌विल्मा‌ ‌अपनी‌ ‌माँ‌ ‌से‌ ‌प्रेरित‌ ‌हुई‌ ‌।‌ ‌तुम्हें‌ ‌किनसे‌ ‌प्रेरणा‌ ‌मिलती‌ ‌है‌?
उत्तर:
‌‌मुझे‌ ‌अपने‌ ‌माँ-बाप,‌ ‌अध्यापक‌ ‌से‌ ‌प्रेरणा‌ ‌मिलती‌ ‌है।

प्रश्न 4.
‌विल्मा‌ ‌की‌ ‌तुम्हें‌ ‌कौन‌ ‌-‌ ‌सी‌ ‌बात‌ ‌सबसे‌ ‌अच्छी‌ ‌लगी‌ ‌और‌ ‌क्यों‌‌?
उत्तर:
‌‌विल्मा‌ ‌को‌ ‌चार‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌उम्र‌ ‌में‌ ‌पोलियो‌ ‌हो‌ ‌गया‌ ‌था।‌ ‌डॉक्टरों‌ ‌ने‌ ‌अपनी‌ ‌निस्सहायता‌ ‌प्रकट‌ ‌करने‌ ‌पर‌ ‌भी‌ ‌उसने‌‌ स्वयं‌ ‌पर‌ ‌भरोसा‌ ‌रखकर‌ ‌मेहनत‌ ‌और‌ ‌लगन‌ ‌से‌ ‌धैर्य‌ ‌के‌ ‌साथ‌ ‌बैसाखियाँ‌ ‌उतारकर‌ ‌चलना‌ ‌आरंभ‌ ‌किया।‌ ‌इस‌ ‌प्रयास‌ ‌में‌ ‌कई‌ ‌बार‌ ‌ज़ख्मी‌ ‌होने‌ ‌पर‌ ‌भी‌ ‌अपने‌ ‌लक्ष्य‌ ‌को‌ ‌नहीं‌ ‌छोडना‌ ‌मुझे‌ ‌बहुत‌ ‌अच्छी‌ ‌लगी।‌ ‌क्योंकि‌ ‌वह‌ ‌अपनी‌‌ माँ‌ ‌की‌ ‌बातों‌ ‌पर‌ ‌और‌ ‌खुद‌ ‌अपने‌ ‌पर‌ ‌विश्वास‌ ‌रखते‌ ‌हुए‌ ‌आगे‌ ‌बढी।‌ ‌और‌ ‌कामयाब‌ ‌हो‌ ‌गई।

प्रश्न 5.
पोलियो‌ ‌का‌ ‌विज्ञापन‌ ‌”दो‌ ‌बूंद‌ ‌जिंदगी‌ ‌की’‌ ‌से‌ ‌आप‌ ‌क्या‌ ‌समझते‌ ‌हैं?‌
उत्तर:
‌”दो‌ ‌बूंद‌ ‌ज़िंदगी‌ ‌की”‌ ‌यह‌ ‌विज्ञापन‌ ‌बहुत‌ ‌सोच‌ ‌समझकर‌ ‌रखा‌ ‌गया‌ ‌है।‌ ‌पोलियो‌ ‌को‌ ‌समूल‌ ‌निर्मूलन‌ ‌करने‌‌ की‌ ‌उद्देश्य‌ ‌से‌ ‌सरकार‌ ‌मुफ़्त‌ ‌में‌ ‌वैक्सिन‌ ‌दे‌ ‌रहा‌ ‌है।‌ ‌पाँच‌ ‌साल‌ ‌से‌ ‌कम‌ ‌उम्र‌ ‌के‌ ‌बच्चों‌ ‌के‌ ‌लिए‌ ‌दो‌ ‌बूंद‌ ‌देने‌‌ से‌ ‌जिंदगी‌ ‌भर‌ ‌पोलियो‌ ‌से‌ ‌मुक्त‌ ‌रह‌ ‌सकते‌ ‌हैं।

पढ़ो

अ)‌ ‌नीचे‌ ‌दिये‌ ‌गये‌ ‌वाक्य‌ ‌पढ़ो।‌ ‌किसने‌ ‌कहा‌ ‌बताओ।‌‌

वाक्य‌‌ किसने‌ ‌कहा‌?‌
अ)‌ ‌मैं‌ ‌क्या‌ ‌कर‌ ‌सकती‌ ‌हूँ‌ ‌जबकि‌ ‌मैं‌ ‌चल‌ ‌ही‌ ‌नहीं‌ ‌पाती‌ ‌हूँ?‌ ‌ ‌”विल्मा’‌ ‌ने‌ ‌कहा।‌
आ)‌ ‌दौड़‌ ‌की‌ ‌कला‌ ‌मैं‌ ‌तुम्हें‌ ‌सिखाऊँगा।‌‌ ‘टेंपल‌ ‌’नामक‌ ‌कोच‌ ‌ने‌ ‌कहा।
इ)‌ ‌ज़मीन‌ ‌पर‌ ‌अपने‌ ‌कदम‌ ‌सीधे‌ ‌नहीं‌ ‌रख‌ ‌पायेगी।‌ ‌’डॉक्टरों‌ ‌ने‌ ‌कहा।‌
‌ई)‌ ‌क्या‌ ‌मैं‌ ‌दुनिया‌ ‌की‌ ‌सबसे‌ ‌तेज‌ ‌धावक‌ ‌बन‌ ‌सकती‌ ‌हूँ।‌ ‌’विल्मा’‌ ‌ने‌ ‌कहा।‌
‌उ)‌ ‌तुम्हारी‌ ‌इसी‌ ‌इच्छाशक्ति‌ ‌की‌ ‌वजह‌ ‌से‌ ‌कोई‌ ‌भी‌ ‌तुम्हें‌ नहीं‌ ‌रोक‌ ‌सकता।‌ ‌’टेंपल’‌ ‌नामक‌ ‌कोच‌ ‌ने‌ ‌कहा।‌‌

आ)‌ ‌चित्र‌ ‌देखो‌ ‌।‌ ‌उससे‌ ‌जुडे‌ ‌वाक्य‌ ‌पाठ‌ ‌में‌ ‌ढूँढो‌ ‌।‌ ‌रेखांकित‌ ‌करो।‌‌

तब‌ ‌से‌ ‌वह‌ ‌बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌सहारे‌ ‌चलती‌ ‌थी।‌


‌एक‌ ‌साल‌ ‌के‌ ‌बाद‌ ‌वह‌ ‌बिना‌ बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌चलने‌ ‌में‌‌ ‌कामयाब‌ ‌हो‌ ‌गई।‌‌


विल्मा‌ ‌ने‌ ‌गिरी‌ ‌हुई‌ ‌बेटन‌ ‌उठायी‌ ‌और‌ ‌यंत्र‌ ‌की‌ ‌तरह‌ ‌तेज़ी‌ ‌से‌ ‌दौडी।‌‌


यह‌ ‌उसके‌ ‌कठोर‌ ‌परिश्रम‌ ‌का‌ ‌ही‌ ‌परिणाम‌ ‌था‌ ‌कि‌ ‌उसने‌ ‌1960‌ ‌के‌ ‌रोम‌ ‌ओलिम्पिक‌ ‌में‌ ‌100‌ ‌व‌ ‌200‌ ‌मीटर‌ ‌की‌ ‌दौड‌ ‌और‌ ‌400‌ ‌मीटर‌ ‌की‌ ‌रिले‌ ‌दौड‌ ‌में‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीते।‌ ‌और‌ ‌एक‌ ‌ही‌ ‌ओलम्पिक‌ ‌में‌ ‌तीन‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌‌ जीतने‌ ‌वाली‌ ‌पहली‌ ‌अमेरिकी‌ ‌एथलीट‌ ‌बनी।‌‌

इ)‌ ‌’अपने‌ ‌पैरों‌ ‌पर‌ ‌खडे‌ ‌होना’‌ ‌का‌ ‌अर्थ‌ ‌पता‌ ‌लगाओ,‌ ‌दो‌ ‌वाक्य‌ ‌लिखो।
‌उत्तर:
अपने‌ ‌पैरों‌ ‌पर‌ ‌खडे‌ ‌के‌ ‌दो‌ ‌अर्थ‌ ‌बता‌ ‌सकते‌ ‌हैं।‌ ‌एक‌ ‌तो‌ ‌अपने‌ ‌पैरों‌ ‌पर‌ ‌खडे‌ ‌होने‌ ‌का‌ ‌अर्थ‌ ‌बिना‌ ‌सहारे‌‌ अपने‌ ‌आप‌ ‌अपने‌ ‌पाँव‌ ‌पर‌ ‌खडे‌ ‌रहना‌ ‌|‌ ‌दूसरा‌ ‌तो‌ ‌यह‌ ‌है‌ ‌कि‌ ‌किसी‌ ‌दूसरों‌ ‌की‌ ‌सहायता‌ ‌के‌ ‌बिना‌ ‌अपने‌‌ आप‌ ‌का‌ ‌पालन‌ ‌-‌ ‌पोषण‌ ‌करलेना‌ ‌भी‌ ‌अपने‌ ‌पैरों‌ ‌पर‌ ‌खड़े‌ ‌होने‌ ‌का‌ ‌अर्थ‌ ‌है।‌

ई)‌ ‌नीचे‌ ‌दिये‌ ‌गये‌ ‌प्रश्नों‌ ‌के‌ ‌उत्तर‌ ‌लिखो‌।
प्रश्न 1.
‌विल्मा‌ ‌को‌ ‌कौन‌ ‌-सी‌ ‌बीमारी‌ ‌थी‌ ?‌
उत्तर:
‌विल्मा‌ ‌को‌ ‌पोलियो‌ ‌की‌ ‌बीमारी‌ ‌थी।‌‌

प्रश्न 2.
विल्मा‌ ‌की‌ ‌सफलता‌ ‌में‌ ‌उसकी‌ ‌माँ‌ ‌का‌ ‌क्या‌ ‌हाथ‌ ‌था‌ ?‌
उत्तर:
‌विल्मा‌ ‌की‌ ‌सफलता‌ ‌में‌ ‌उसकी‌ ‌माँ‌ ‌का‌ ‌बडा‌ ‌हाथ‌ ‌था‌ ‌।‌ ‌वह‌ ‌बडी‌ ‌धर्मपरायण,‌ ‌सकारात्मक,‌ ‌मनोवृत्ति‌ ‌वाली‌‌ साहसी‌ ‌महिला‌ ‌थी‌ ‌|‌ ‌उसने‌ ‌पूरे‌ ‌आत्मविश्वास‌ ‌के‌ ‌साथ‌ ‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌हौसला‌ ‌बढ़ाई‌ ‌।‌ ‌वह‌ ‌हमेशा‌ ‌विल्मा‌ ‌के‌ ‌हिम्मत‌ ‌को‌ ‌आगे‌ ‌बढ़ाती‌ ‌रही‌ ‌।

प्रश्न 3.
‌ओलंपिक‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌मुकाबला‌ ‌किससे‌ ‌था‌ ‌?‌ ‌इस‌ ‌मुकाबले‌ ‌में‌ ‌उसका‌ ‌प्रदर्शन‌ ‌कैसा‌ ‌था?‌
उत्तर:
ओलंपिक‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌मुकाबला‌ ‌दुनिया‌ ‌के‌ ‌सबसे‌ ‌तेज़‌ ‌दौडनेवालों‌ ‌में‌ ‌एक‌ ‌”जुत्ता‌ ‌हेन”‌ ‌से‌ ‌था‌ ‌जिसे‌ ‌कोई‌‌ भी‌ ‌हरा‌ ‌नहीं‌ ‌पाया‌ ‌था‌ ‌।‌ ‌पहली‌ ‌दौड‌ ‌100‌ ‌मीटर‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌जुत्ता‌ ‌को‌ ‌हराकर‌ ‌अपना‌ ‌पहला‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीता।‌ ‌दूसरी‌ ‌दौड‌ ‌200‌ ‌मीटर‌ ‌में‌ ‌भी‌ ‌उसने‌ ‌दूसरी‌ ‌बार‌ ‌हराकर‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीता‌ ‌|‌ ‌तीसरी‌ ‌दौड‌ ‌400‌ ‌मीटर‌ ‌की‌ ‌रिले‌ ‌रेस‌ ‌थी‌ ‌और‌ ‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌मुकाबला‌ ‌एक‌ ‌बार‌ ‌फिर‌ ‌जुत्ता‌ ‌से‌ ‌ही‌ ‌था‌ ‌।‌ ‌रिले‌ ‌में‌ ‌रेस‌ ‌का‌ ‌आखरी‌ ‌हिस्सा‌ ‌टीम‌ ‌का‌ ‌सबसे‌ ‌तेज़‌ ‌खिलाडी‌ ‌ही‌ ‌दौडता‌ ‌है।‌ ‌जब‌ ‌अंत‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌की‌ ‌दौडने‌ ‌की‌ ‌बारी‌ ‌आई‌ ‌उससे‌ ‌बेटन‌ ‌छूट‌ ‌गयी।‌ ‌लेकिन‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌देख‌ ‌लिया‌ ‌कि‌ ‌दूसरे‌ ‌छोर‌ ‌पर‌ ‌जुत्ता‌ ‌हेन‌ ‌तेज़ी‌ ‌से‌ ‌दौडी‌ ‌चली‌ ‌आ‌ ‌रही‌ ‌है।‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌गिरी‌ ‌हुई‌ ‌बेटन‌ ‌उठाई‌ ‌और‌ ‌यंत्र‌ ‌की‌ ‌तरह‌ ‌तेज़ी‌ ‌से‌ ‌दौडी‌ ‌तथा‌ ‌जुत्ता‌ ‌को‌ ‌तीसरी‌ ‌बार‌ ‌भी‌ ‌हराया‌ ‌और‌ ‌अपना‌ ‌तीसरा‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीता‌ ‌।‌‌

लिरवो‌‌

अ)‌ ‌नीचे‌ ‌दिये‌ ‌गये‌ ‌प्रश्नों‌ ‌के‌ ‌उत्तर‌ ‌लिखो।‌

प्रश्न 1.
विल्मा‌ ‌की‌ ‌माँ‌ ‌ने‌ ‌उसे‌ ‌प्रेरणा‌ ‌नहीं‌ ‌दी‌ ‌होती‌ ‌तो‌ ‌क्या‌ ‌होता‌?‌ ‌सोचकर‌ ‌लिखो।‌
उत्तर:
‌विल्मा‌ ‌की‌ ‌माँ‌ ‌प्रेरणा‌ ‌नहीं‌ ‌दी‌ ‌होती‌ ‌तो‌ ‌विल्मा‌ ‌ऐसी‌ ‌अपाहिज‌ ‌की‌ ‌तरह‌ ‌ही‌ ‌रह‌ ‌जाती‌ ‌थी।‌ ‌विल्मा‌ ‌की‌‌ सफलता‌ ‌में‌ ‌उसकी‌ ‌माँ‌ ‌का‌ ‌बडा‌ ‌हाथ‌ ‌था।‌ ‌माँ‌ ‌सदा‌ ‌उसके‌ ‌साथ‌ ‌रहकर‌ ‌उसमें‌ ‌आत्मविश्वास‌ ‌जगाती‌ ‌रही।‌‌ इस‌ ‌प्रकार‌ ‌विल्मा‌ ‌की‌ ‌सफलता‌ ‌में‌ ‌उसकी‌ ‌माँ‌ ‌की‌ ‌प्रेरणा‌ ‌अधिक‌ ‌थी।‌

प्रश्न 2.
‌सफलता‌ ‌हमारे‌ ‌कदम‌ ‌कब‌ ‌चूमती‌ ‌है?
उत्तर:
‌किसी‌ ‌ने‌ ‌कहा‌ ‌कि‌ ‌”फैल्यूर्स‌ ‌आर‌ ‌स्टेप्पिंग‌ ‌स्टोन्स‌ ‌टु‌ ‌सक्सेस”‌ ‌ठीक‌ ‌ही‌ ‌कहा‌ ‌जब‌ ‌हम‌ ‌असफल‌ ‌हो‌ ‌जाते‌‌ हैं,‌ ‌तब‌ ‌हम‌ ‌अपने‌ ‌धैर्य‌ ‌को‌ ‌मत‌ ‌छोडकर‌ ‌असफलता‌ ‌की‌ ‌कमियों‌ ‌को‌ ‌पूरा‌ ‌करके‌ ‌अर्थात‌ ‌असफलताओं‌ ‌के‌ ‌सीढ़ियों‌ ‌पर‌ ‌कदम‌ ‌रखते‌ ‌मेहनत‌ ‌और‌ ‌लगन,‌ ‌दृढ‌ ‌विश्वास‌ ‌और‌ ‌स्वयं‌ ‌पर‌ ‌भरोसे‌ ‌के‌ ‌साथ‌ ‌आगे‌ ‌चलने‌ ‌से‌ ‌सफलता‌ ‌हमारे‌ ‌कदम‌ ‌चूमती‌ ‌है।‌ ‌अर्थात‌ ‌तन,‌ ‌मन‌ ‌व‌ ‌आत्मा‌ ‌से‌ ‌जो‌ ‌मज़बूत‌ ‌होता‌ ‌है‌ ‌सफलता‌ ‌उसके‌‌ कदम‌ ‌चूमती‌ ‌है।

प्रश्न 3.
‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌जीवन‌ ‌प्रेरणादायक‌ ‌है।‌ ‌कैसे?
उत्तर:
‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌जीवन‌ ‌हमारे‌ ‌लिए‌ ‌ज़रूर‌ ‌प्रेरणादायक‌ ‌है‌ ‌क्योंकि‌ ‌विल्मा‌ ‌अपाहिज‌ ‌लडकी‌ ‌थी।‌ ‌डॉक्टरों‌ ‌ने‌ ‌भी‌‌ अपनी‌ ‌निस्सहायता‌ ‌प्रकट‌ ‌करने‌ ‌पर‌ ‌भी‌ ‌वह‌ ‌हिम्मत‌ ‌न‌ ‌हारकर‌ ‌स्वयं‌ ‌पर‌ ‌भरोसा‌ ‌रखते‌ ‌हुए‌ ‌मेहनत‌ ‌और‌‌ लगन‌ ‌से‌ ‌एक‌ ‌ही‌ ‌ओलंपिक‌ ‌में‌ ‌तीन‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीतनेवाली‌ ‌पहली‌ ‌अमेरिकी‌ ‌एथलीट‌ ‌बनी‌ ‌।‌

आ)‌ ‌इस‌ ‌पाठ‌ ‌का‌ ‌सारांश‌ ‌अपने‌ ‌शब्दों‌ ‌में‌ ‌लिखो।‌
उत्तर:
‌‌तन,‌ ‌मन‌ ‌व‌ ‌आत्मा‌ ‌से‌ ‌जो‌ ‌मज़बूत‌ ‌होता‌ ‌है‌ ‌सफलता‌ ‌उसके‌ ‌कदम‌ ‌चूमती‌ ‌है।‌ ‌शारीरिक‌ ‌तंदुरुस्ती,‌ ‌मानसिक‌‌ संतुलन,‌ ‌आत्मबल‌ ‌इन‌ ‌तीनों‌ ‌प्रकार‌ ‌की‌ ‌क्षमताओं‌ ‌का‌ ‌दूसरा‌ ‌नाम‌ ‌ही‌ ‌”विल्मा‌ ‌ग्लोडियन‌ ‌रुडाल्फ़’‌ ‌है‌ ‌।‌ ‌अमेरिका‌ ‌के‌ ‌”टेनेसी”‌ ‌प्रान्त‌ ‌में‌ ‌एक‌ ‌रेलवे‌ ‌मज़दूर‌ ‌के‌ ‌घर‌ ‌में‌ ‌23‌ ‌जून,‌ ‌1940‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌जन्म‌ ‌लिया।‌ ‌जिसकी‌ ‌माँ‌ ‌घर-घर‌ ‌जाकर‌ ‌झाडू-पोछा‌ ‌लगाती‌ ‌थी।‌ ‌विल्मा‌ ‌को‌ ‌चार‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌उम्र‌ ‌में‌ ‌पोलियो‌ ‌हो‌ ‌गया‌ ‌था।‌ ‌तब‌ ‌से‌ ‌वह‌ ‌बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌सहारे‌ ‌चलती‌ ‌थी‌ ‌।‌ ‌डॉक्टरों‌ ‌ने‌ ‌भी‌ ‌निस्सहायता‌ ‌प्रकट‌ ‌की‌ ‌।‌ ‌उसकी‌ ‌माँ‌ ‌बडी‌ ‌धर्म‌ ‌परायण,‌ ‌सकारात्मक‌ ‌मनोवृत्ति‌ ‌वाली‌ ‌साहसी‌ ‌महिला‌ ‌थी‌ ‌।‌ ‌विल्मा‌ ‌अपनी‌ ‌माँ‌ ‌से‌ ‌पूछती‌ ‌है‌ ‌कि‌ ‌क्या‌ ‌मैं‌ ‌दुनिया‌ ‌की‌ ‌सबसे‌ ‌तेज़‌ ‌धावक‌ ‌बन‌ ‌सकती‌ ‌हूँ?‌ ‌माँ‌ ‌ने‌ ‌प्यार‌ ‌के‌ ‌साथ‌ ‌कहा‌ ‌कि‌ ‌”ईश्वर‌ ‌पर‌ ‌विश्वास,‌ ‌स्वयं‌ ‌पर‌ ‌भरोसा,‌ ‌मेहनत‌ ‌और‌ ‌लगन‌ ‌से‌ ‌तुम‌ ‌जो‌ ‌चाहे‌ ‌वह‌ ‌प्राप्त‌ ‌कर‌ ‌सकती‌ ‌हो’

माँ ‌की‌ ‌प्रेरणा‌ ‌व‌ ‌हिम्मत‌ ‌से‌ ‌9‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌विल्मा‌ ‌बैसाखियाँ‌ ‌उतार‌ ‌फेंकी‌ ‌और‌ ‌उसने‌ ‌चलना‌ ‌प्रारंभ‌ ‌किया।‌ ‌वह‌ ‌कई‌ ‌बार‌ ‌जख़्मी‌ ‌होने‌ ‌पर‌ ‌भी‌ ‌हिम्मत‌ ‌न‌ ‌हारी‌ ‌।‌ ‌आख़िर‌ ‌एक‌ ‌साल‌ ‌के‌ ‌बाद‌ ‌वह‌ ‌बिना‌ ‌बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌चलने‌ ‌में‌ ‌कामयाब‌ ‌हो‌ ‌गई।‌ ‌आठवीं‌ ‌कक्षा‌ ‌में‌ ‌पहली‌ ‌दौड‌ ‌प्रतियोगिता‌ ‌में‌ ‌हिस्सा‌ ‌लिया‌ ‌और‌ ‌वह‌ ‌सबसे‌ ‌पीछे‌ ‌रही।‌ ‌चार‌ ‌बार‌ ‌हार‌ ‌जाने‌ ‌के‌ ‌बाद‌ ‌पाँचवे‌ ‌बार‌ ‌प्रथम‌ ‌स्थान‌ ‌प्राप्त‌ ‌कर‌ ‌लिया।‌‌

15‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌उम्र‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌टेनेसी‌ ‌स्टेट‌ ‌विश्वविद्यालय‌ ‌में‌ ‌’टेंपल’‌ ‌नामक‌ ‌एक‌ ‌कोच‌ ‌से‌ ‌मिलकर‌ ‌उनसे‌ ‌वचन‌ ‌लिया‌ ‌कि‌ ‌”दौड‌ ‌की‌ ‌कला‌ ‌मैं‌ ‌सिखाऊँगा।”‌ ‌आखिर‌ ‌एक‌ ‌दिन‌ ‌विल्मा‌ ‌ओलंपिक‌ ‌में‌ ‌हिस्सा‌ ‌ले‌ ‌रही‌ ‌थी।‌ ‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌मुकाबला‌ ‌”जुत्ता‌ ‌हेन”‌ ‌से‌ ‌था।‌ ‌जिसे‌ ‌कोई‌ ‌भी‌ ‌हरा‌ ‌नहीं‌ ‌पाया‌ ‌था।‌ ‌100‌ ‌मीटर‌ ‌दौड‌ ‌200‌ ‌मीटर‌ ‌दौड‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌जुत्ता‌ ‌को‌ ‌दो‌ ‌बार‌ ‌हराकर‌ ‌दो‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीता‌ ‌|‌ ‌अब‌ ‌400‌ ‌मीटर‌ ‌की‌ ‌रिले‌ ‌रेस‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌मुकाबला‌ ‌फिर‌ ‌जुत्ता‌ ‌से‌ ‌ही‌ ‌था।‌ ‌रिले‌ ‌में‌ ‌रेस‌ ‌का‌ ‌आखिरी‌ ‌हिस्सा‌ ‌टीम‌ ‌का‌ ‌सबसे‌ ‌तेज़‌ ‌खिलाडी‌ ‌ही‌ ‌दौडता‌ ‌है।‌ ‌पहले‌ ‌तीन‌ ‌खूब‌ ‌दौडे‌ ‌और‌ ‌’बेटन’‌ ‌भी‌ ‌आसानी‌ ‌से‌ ‌बदली‌ ‌|‌ ‌जब‌ ‌विल्मा‌ ‌के‌ ‌दौडने‌ ‌की‌ ‌बारी‌ ‌आयी‌ ‌उससे‌ ‌बेटन‌ ‌छूट‌ ‌गई‌ ‌।‌ ‌इधर‌ ‌दूसरी‌ ‌छोर‌ ‌पर‌ ‌जुत्ता‌ ‌तेज़ी‌ ‌से‌ ‌दौड़ी‌ ‌चली‌ ‌आ‌ ‌रही‌ ‌है।‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌गिरी‌ ‌हुई‌ ‌बेटन‌ ‌उठायी‌ ‌और‌ ‌यंत्र‌ ‌की‌ ‌तरह‌ ‌तेज़ी‌ ‌से‌ ‌दौडी‌ ‌और‌ ‌जुत्ता‌ ‌को‌ ‌तीसरी‌ ‌बार‌ ‌भी‌ ‌हराया‌ ‌और‌ ‌तीसरा‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीता‌ ‌|‌ ‌एक‌ ‌पोलियो‌ ‌ग्रस्त‌ ‌महिला‌ ‌1960‌ ‌के‌ ‌रोम‌ ‌ओलम्पिक‌ ‌में‌ ‌दुनिया‌ ‌की‌ ‌सबसे‌ ‌तेज़‌ ‌धावक‌ ‌बन‌ ‌गयी‌ ‌और‌ ‌एक‌ ‌ही‌ ‌ओलम्पिक‌ ‌में‌ ‌तीन‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीतने‌ ‌वाली‌ ‌पहली‌ ‌अमेरिकी‌ ‌’एथलीट’‌ ‌बनी‌ ‌।‌‌

शब्द‌ ‌भंडार‌‌

अ)‌ ‌किसका‌ ‌क्या‌ ‌अर्थ‌ ‌है,‌ ‌लिखो।‌‌

धावक‌ ‌जो‌ ‌तेज़‌ ‌दौड़ता‌ ‌है,‌ ‌उसे‌ ‌धावक‌ ‌कहते‌ ‌हैं।‌‌
ओलंपिक‌ ‌हर‌ ‌चार‌ ‌साल‌ ‌को‌ ‌एक‌ ‌बार‌ ‌मनाने‌ ‌का‌ ‌खेलों‌ ‌का‌ ‌उत्सव।‌
‌रिले‌ ‌दौड़‌ ‌दौडने,‌ ‌में‌ ‌4 × 400‌ ‌रिले‌ ‌दौड‌ ‌होती‌ ‌है।‌
बेटन‌ ‌रिले‌ ‌दौड‌ ‌में‌ ‌एक‌ ‌व्यक्ति‌ ‌की‌ ‌हाथ‌ ‌से‌ ‌दूसरा‌ ‌लेने‌ ‌का‌ ‌चीज़।
पोलियो‌ ‌‌पाँच‌ ‌साल‌ ‌के‌ ‌अंदर‌ ‌के‌ ‌बच्चों‌ ‌को‌ ‌आनेवाला‌ ‌रोग‌ ‌जिससे‌‌ शरीर‌ ‌के‌ ‌अंग‌ ‌(पाँव)‌ ‌अचेत‌ ‌पड‌ ‌जाते‌ ‌हैं।‌

आ)‌ ‌भारतीय‌ ‌ओलंपिक‌ ‌विजेताओं‌ ‌के‌ ‌चित्र‌ ‌देखो।‌ ‌किसी‌ ‌एक‌ ‌के‌ ‌बारे‌ ‌में‌ ‌तीन‌ ‌वाक्य‌ ‌लिखो।
‌‌
उत्तर:
‌‌1.‌ ‌कसाबा‌ ‌दादू‌ ‌साहेब‌ ‌जादव‌ ‌:कसाबा‌ ‌दादू‌ ‌साहेब‌ ‌जादव”‌ ‌भारत‌ ‌देश”‌ ‌की‌ ‌ओर‌ ‌से‌ ‌प्रथम‌ ‌ओलम्पिक‌ ‌विजे

2.‌ ‌लिएंडर‌ ‌एड्रियन‌ ‌पेस‌ ‌:
‌लिएंडर‌ ‌एड्रियन‌ ‌पेस‌ ‌(बंगाली‌ ‌17‌ ‌जून)‌ ‌1973‌ ‌में‌ ‌जन्मे‌ ‌एक‌ ‌भारतीय‌ ‌पेशेवर‌ ‌खिलाडी‌ ‌है‌ ‌जो‌ ‌वर्तमान‌ ‌में‌ ‌सुविधाओं‌ ‌डबल्स‌ ‌में‌ ‌घटनाओं‌ ‌एटीपी‌ ‌दूर‌ ‌और‌ ‌डेविस‌ ‌कप‌ ‌टूर्नामेंट,‌ ‌सात‌ और‌ ‌छह‌ ‌मिश्रित‌ ‌युगल‌ ‌ग्रैंड‌ ‌स्लैम‌ ‌खिताब‌ ‌जीता‌ ‌है‌ ‌वह‌ ‌भारत‌ ‌का‌ ‌सर्वोच्च‌ ‌खेल‌ ‌सम्मान‌ ‌के‌ ‌प्राप्तकत‌ ‌राजीव‌ ‌गांधी‌ ‌खेल‌ ‌रत्न‌ ‌पुरस्कार‌ ‌1996-1997‌ ‌में,‌ ‌अर्जुन‌ ‌पुरस्कार,‌ ‌1990‌ ‌में‌ ‌अपने‌ ‌उत्कृष्ट‌ ‌योगदान‌ ‌के‌ ‌भारत‌ ‌में‌ ‌टेनिस‌ ‌और‌ ‌पद्म‌ ‌पुरस्कार‌ ‌2001‌ ‌में,‌ ‌पेस‌ ‌पुरुष‌ ‌युगल‌ ‌में‌ ‌2012‌ ‌में‌ ‌ऑस्ट्रेलियन‌ ‌ओपन‌ ‌जीतने‌ ‌।‌‌ बाद‌ ‌करियर‌ ‌ग्रैंड‌ ‌स्लैम‌ ‌पूरा‌ ‌किया।‌

3.‌ ‌कर्णम‌ ‌मल्लेश्वरी‌ ‌:‌
‌एक‌ ‌भारतीय‌ ‌भारोत्तोलक।‌ ‌उसे‌ ‌पहली‌ ‌बार‌ ‌वह‌ ‌’राष्ट्रीय‌ ‌जूनियर‌ ‌चैम्पियनशिप‌ ‌वर‌ ‌,‌‌ उठाने‌ ‌भाग‌ ‌लिया,‌ ‌और‌ ‌पहले‌ ‌खडी‌ ‌थी।‌

4.‌ ‌राजवर्धन‌ ‌सिंह‌ ‌राठौरः ‌
‌राजवर्धन‌ ‌सिंह‌ ‌राठौर‌ ‌(29‌ ‌जनवरी‌ ‌1970‌ ‌में‌ ‌जन्म,‌ ‌जैसलमेर,‌ ‌राज्यस्थान)‌ ‌।‌‌ भारतीय‌ ‌शूटर‌ ‌जो‌ ‌पुरुषों‌ ‌में‌ ‌रजत‌ ‌पदक‌ ‌जीता‌ ‌डबल‌ ‌ट्रैप‌ ‌में‌ ‌2004‌ ‌के‌ ‌ग्रीष्मकालीन‌ ‌ओलंपिक‌ ‌|

5.‌ ‌विजयेंदर‌ ‌:‌ ‌भारतीय‌ ‌स्टार‌ ‌मुक्केबाज़‌ ‌विजयेंदर‌ ‌सिंह‌ ‌75‌ ‌किलोग्राम‌ ‌वर्ग‌ ‌के‌ ‌क्वार्टर‌ ‌फाइनल‌ ‌में‌ ‌पहुंच‌ ‌गए।‌ ‌विजयेंदर‌ ‌…‌ ‌पहले‌ ‌राउंड‌ ‌में‌ ‌विजयेंदर‌ ‌सिंह‌ ‌ज़्यादा‌ ‌आक्रमक‌ ‌नहीं‌ ‌रहे‌ ‌बल्कि‌ ‌उन्होंने‌ ‌विरोधी‌ ‌को‌ ‌पः‌ ‌।‌‌
हुए‌ ‌जवाबी‌ ‌हमलों‌ ‌पर‌ ‌ध्यान‌ ‌दिया।‌ ‌

6.‌ ‌अभिनव‌ ‌बिंद्रा‌ ‌:‌
‌अचूक‌ ‌निशानेबाज़‌ ‌युवा‌ ‌है‌ ‌और‌ ‌अपने‌ ‌गोल‌ ‌को‌ ‌वे‌ ‌मछली‌ ‌की‌ ‌आँख‌ ‌की‌ ‌तरह‌ ‌ही‌ ‌देखते‌ ‌हैं।‌ ‌उनका‌ ‌निशान‌ ‌अचूक‌ ‌होता‌ ‌है।‌ ‌यही‌ ‌कारण‌ ‌है‌ ‌कि‌ ‌मात्र‌ ‌18‌ ‌साल‌ ‌की‌ ‌उम्र‌ ‌से‌ ‌इस‌ ‌नौजवान‌ ‌निशानेबाज़‌‌
अभिनव‌ ‌बिंद्रा‌ ‌को‌ ‌अर्जुन‌ ‌अवार्ड‌ ‌से‌ ‌नवाज़ा‌ ‌गया।‌

7.‌ ‌विजय‌ ‌कुमार‌ ‌:‌
‌हिमाचल‌ ‌प्रदेश‌ ‌के‌ ‌रहने‌ ‌वाले‌ ‌विजय‌ ‌कुमार‌ ‌भारतीय‌ ‌सेना‌ ‌की‌ ‌मार्क्समैनशिप‌ ‌यूनिट‌ ‌में‌ ‌सूबेदार‌ ‌हैं।‌ ‌वर्तमान‌ ‌में‌ ‌वे‌ ‌मध्यप्रदेश‌ ‌के‌ ‌महू‌ ‌में‌ ‌पदस्थ‌ ‌हैं।‌‌

8.‌ ‌सुशील‌ ‌कुमार‌ ‌:‌
सुशील‌ ‌कुमार‌ ‌का‌ ‌जन्म‌ ‌26‌ ‌मई,‌ ‌1983‌ ‌को‌ ‌दिल्ली‌ ‌के‌ ‌नजफ़गढ‌ ‌इलाके‌ ‌के‌ ‌बापरोला‌ ‌गाँव‌ में‌ ‌एक‌ ‌जाट‌ ‌परिवार‌ ‌में‌ ‌हुआ।‌ ‌उनके‌ ‌पिता‌ ‌दीवान‌ ‌सिंह‌ ‌दिल्ली‌ ‌परिवहन‌ ‌निगम‌ ‌में‌ ‌ड्राइवर‌ ‌थे‌ ‌जबकि‌ ‌उनकी‌‌ माता‌ ‌कमला‌ ‌देवी‌ ‌गृहणी‌ ‌हैं।‌ ‌वे‌ ‌तीन‌ ‌भाइयों‌ ‌के‌ ‌परिवार‌ ‌में‌ ‌सबसे‌ ‌बड़े‌ ‌हैं।

‌9.‌ ‌सायना‌ ‌नेहवाल‌ ‌:
सायना‌ ‌नेहवाल‌ ‌लंदन‌ ‌ओलंपिक‌ ‌में‌ ‌कांस्य‌ ‌जीतने‌ ‌वाली‌ ‌भारत‌ ‌की‌ ‌बैडमिंटन‌ ‌स्टार‌ ‌सायना‌‌ नेहवाल‌ ‌विश्व‌ ‌में‌ ‌नबंर‌ ‌-‌ ‌2‌ ‌रैंकिंग‌ ‌पर‌ ‌बरकरार‌ ‌है।‌ ‌इसके‌ ‌पहले‌ ‌जारी‌ ‌हुई‌ ‌रैकिंग‌ ‌में‌ ‌वह‌ ‌तीसरे‌ ‌स्थान‌ ‌पर‌‌ थी।‌‌

10.‌ ‌योगेश्वर‌ ‌दतः
भारतीय‌ ‌पहलवान‌ ‌योगेश्वर‌ ‌दत्त‌ ‌ने‌ ‌ओलंपिक‌ ‌खेलों‌ ‌की‌ ‌कुश्ती‌ ‌प्रतियोगिता‌ ‌में‌ ‌फ्रीस्टाइल‌ ‌के‌‌ 60‌ ‌किलो‌ ‌वज़न‌ ‌वर्ग‌ ‌के‌ ‌रेपेचेज‌ ‌प्ले‌ ‌ऑफ़‌ ‌मुकाबले‌ ‌में‌ ‌उत्तर‌ ‌कोरिया‌ ‌के‌ ‌जांग‌ ‌म्यांग‌ ‌री‌ ‌को‌ ‌हराकर‌ ‌कांस्य‌‌ पदक‌ ‌जीता।‌

11.‌ ‌गगन‌ ‌नारंग‌ ‌:‌
‌भारत‌ ‌के‌ ‌स्टार‌ ‌निशानेबाज़‌ ‌गगन‌ ‌नारंग‌ ‌ने‌ ‌कांस्य‌ ‌पदक‌ ‌जीतकर‌ ‌लंदन‌ ‌ओलंपिक‌ ‌में‌ भारत‌ ‌की‌ ‌झोली‌ ‌में‌ ‌पहला‌ ‌पदक‌ ‌डाला‌ ‌|‌ ‌नारंग‌ ‌ने‌ ‌10‌ ‌मीटर‌ ‌एयर‌ ‌राइफ़ल‌ ‌स्पर्धा‌ ‌में‌ ‌कांस्य‌ ‌जीता।‌

12.‌ ‌मेरी‌ ‌कोम‌ ‌:‌
‌भारत‌ ‌की‌ ‌महिला‌ ‌मुक्केबाज़‌ ‌एमसी‌ ‌मेरीकोम‌ ‌और‌ ‌सरिता‌ ‌देवी‌ ‌ने‌ ‌रविवार‌ ‌को‌ ‌मंगोलिया‌ ‌के‌‌ शहर‌ ‌उलानबतार‌ ‌में‌ ‌सम्पन्न‌ ‌छठी‌ ‌एशियाई‌ ‌महिला‌ ‌मुक्केबाज़ी‌ ‌चैम्पियनशिप‌ ‌में‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीता।‌‌

परियोजना‌ ‌कार्य‌

‌तुम‌ ‌अपने‌ ‌मनपसंद‌ ‌खिलाड़ी‌ ‌के‌ ‌बारे‌ ‌में‌ ‌नीचे‌ ‌दी‌ ‌गयी‌ ‌जानकारियाँ‌ ‌लिखो।

1.खिलाडी‌ ‌का‌ ‌नाम‌‌ सचिन‌ ‌तेंदूल्कर‌‌
2. खेल क्रिकेट‌
3.‌ ‌कितने‌ ‌वर्षों‌ ‌से‌ ‌खेल‌ ‌रहा‌ ‌है? 23
4.‌ ‌सम्मान‌‌ पद्मविभूषण‌
5.‌ ‌क्यों‌ ‌पसंद‌ ‌है?‌‌ अच्छे‌ ‌बल्लेबाज़‌ ‌होने‌ ‌से‌‌

प्रशंसा‌‌

खेल‌ ‌में‌ ‌हार-जीत‌ ‌लगी‌ ‌रहती‌ ‌है।‌ ‌हार‌ ‌के‌ ‌प्रति‌ ‌तुम‌ ‌कैसी‌ ‌प्रतिक्रिया‌ ‌व्यक्त‌ ‌करोगे।‌
उत्तर:
‌‌‌खेल‌ ‌में‌ ‌जीतनेवाला‌ ‌एक‌ ‌या‌ ‌एक‌ ‌टीम‌ ‌ही‌ ‌हो‌ ‌सकता‌ ‌है।‌ ‌अगर‌ ‌मैं‌ ‌हार‌ ‌गया‌ ‌तो‌ ‌असफलता‌ ‌पर‌ ‌निराश‌‌ न‌ ‌होकर,‌ ‌कमियों‌ ‌को‌ ‌पूरा‌ ‌करते‌ ‌हुए‌ ‌दोबारा‌ ‌कोशिश‌ ‌करूँगा।‌‌ “असफलताओं‌ ‌के‌ ‌सीढ़ियों‌ ‌पर‌ ‌कदम‌ ‌रखते‌ ‌हुए‌ ‌ऊपर‌ ‌चढ़ना‌ ‌सीलूँगा”‌

सृजनात्मक‌ ‌अभिव्यक्ति‌‌

विल्मा‌ ‌का‌ ‌साक्षात्कार‌ ‌लेने‌ ‌के‌ ‌लिए‌ ‌एक‌ ‌प्रश्नावली‌ ‌तैयार‌ ‌करो।‌
उत्तर:
‌‌

  1. क्या‌ ‌आपकी‌ ‌माता‌ ‌जी‌ ‌से‌ ‌ही‌ ‌आपको‌ ‌प्रेरणा‌ ‌मिली‌ ‌है‌?‌‌
  2. ‌आप‌ ‌किस‌ ‌कक्षा‌ ‌से‌ ‌चलने‌ ‌योग्य‌ ‌बने‌‌?
  3. आपका‌ ‌पहला‌ ‌धावक‌ ‌कब‌ ‌शुरू‌ ‌हुआ?‌‌
  4. आप‌ ‌किस‌ ‌साल‌ ‌के‌ ‌ओलिंपिक‌ ‌में‌ ‌भाग‌ ‌ली‌ ‌थी‌?‌
  5. ‌आप‌ ‌जैसे‌ ‌अपाहिजों‌ ‌को‌ ‌आपका‌ ‌संदेश‌ ‌क्या‌ ‌है‌?‌‌
  6. स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीतने‌ ‌पर‌ ‌आपकी‌ ‌अनुभव‌ ‌कैसी‌ ‌थी‌?‌‌

भाषा‌ ‌की‌ ‌बात‌‌

रेखांकित‌ ‌शब्द‌ ‌के‌ ‌स्थान‌ ‌पर‌ ‌बेटा,‌ ‌भाई,‌ ‌बहन,‌ ‌मित्र,‌ ‌छात्र‌ ‌शब्दों‌ ‌का‌ ‌प्रयोग‌ ‌करते‌ ‌हुए‌ ‌वाक्य‌ ‌फिर‌ ‌से‌ ‌लिखो।‌
“मेरी‌ ‌बेटी,‌ ‌जो‌ ‌तुम‌ ‌चाहो‌ ‌प्राप्त‌ ‌कर‌ ‌सकती‌ ‌हो।”‌‌
जैसे‌ ‌:‌ ‌”मेरे‌ ‌बेटे,‌ ‌जो‌ ‌तुम‌ ‌चाहो‌ ‌प्राप्त‌ ‌कर‌ ‌सकते‌ ‌हो।’‌
उत्तर:
‌‌मेरे‌ ‌भाई,‌ ‌जो‌ ‌तुम‌ ‌चाहो‌ ‌प्राप्त‌ ‌कर‌ ‌सकते‌ ‌हो।‌‌
मेरी‌ ‌बहन,‌ ‌जो‌ ‌तुम‌ ‌चाहो‌ ‌प्राप्त‌ ‌कर‌ ‌सकती‌ ‌हो।‌
‌मेरे‌ ‌मित्र,‌ ‌जो‌ ‌तुम‌ ‌चाहो‌ ‌प्राप्त‌ ‌कर‌ ‌सकते‌ ‌हो।‌‌
मेरे‌ ‌छात्र,‌ ‌जो‌ ‌तुम‌ ‌चाहो‌ ‌प्राप्त‌ ‌कर‌ ‌सकते‌ ‌हो।‌

हार‌ ‌के‌ ‌आगे‌ ‌जीत‌ ‌है‌‌ Summary‌‌ in English

Those‌ ‌who‌ ‌are‌ ‌strong‌ ‌in‌ ‌aspects‌ ‌of‌ ‌body,‌ ‌mind‌ ‌and‌ ‌soul‌ ‌can‌ ‌attain‌ ‌success.‌ ‌Wilma‌ ‌Glodian‌ ‌Rudolph‌ ‌is‌ ‌the‌ ‌embodiment‌ ‌of‌ ‌three‌ ‌powers‌ ‌viz.,‌ ‌health,‌ ‌maturity‌ ‌of‌ ‌mind‌ ‌and‌ ‌spiritual‌ ‌power.‌ ‌Wilma‌ ‌was‌ ‌born‌ ‌in‌ ‌the‌ ‌family‌ ‌of‌ ‌a‌ ‌railway‌ ‌porter‌ ‌on‌ ‌23rd‌ ‌June‌ ‌1940.‌ ‌Her‌ ‌mother‌ ‌was‌ ‌a‌ ‌housemaid.‌ ‌When‌ ‌Wilma‌ ‌was‌ ‌four,‌ ‌she‌ ‌was‌ ‌afflicted‌ ‌with‌ ‌Polio.‌ ‌Since‌ ‌then,‌ ‌she‌ ‌would‌ ‌walk‌ ‌with‌ ‌the‌ ‌help‌ ‌of‌ ‌crutches.‌ ‌Doctors‌ ‌also‌ ‌declared‌ ‌hopeless.‌ ‌Her‌ ‌mother‌ ‌was‌ ‌a‌ ‌charitable,‌ ‌virtuous‌ ‌and‌ ‌brave‌ ‌woman.‌ ‌Wilma‌ ‌asked‌ ‌her‌ ‌mother‌ ‌if‌ ‌she‌ ‌could‌ ‌become‌ ‌the‌ ‌fastest‌ ‌runner‌ ‌in‌ ‌the‌ ‌world.‌ ‌Then‌ ‌her‌ ‌mother‌ ‌told‌ ‌her‌ ‌that‌ ‌one‌ ‌would‌ ‌acquire‌ ‌what‌ ‌one‌ ‌wanted‌ ‌by‌ ‌hard‌ ‌work‌ ‌having‌ ‌perseverance,‌ ‌concentration‌ ‌and‌ ‌faith‌ ‌on‌ ‌God.‌‌

Inspired‌ ‌and‌ ‌supported‌ ‌by‌ ‌her‌ ‌mother,‌ ‌Wilma‌ ‌started‌ ‌walking‌ ‌without‌ ‌the‌ ‌crutches‌ ‌at‌ ‌the‌ ‌age‌ ‌of‌ ‌9.‌ ‌Though‌ ‌she‌ ‌was‌ ‌injured,‌ ‌she‌ ‌didn’t‌ ‌lose‌ ‌heart.‌ ‌A‌ ‌year‌ ‌later‌ ‌she‌ ‌could‌ ‌walk‌ ‌without‌ ‌the‌ ‌crutches.‌ ‌For‌ ‌the‌ ‌first‌ ‌time,‌ ‌she‌ ‌participated‌ ‌in‌ ‌a‌ ‌running‌ ‌race‌ ‌when‌ ‌was‌ ‌in‌ ‌8th‌ ‌class‌ ‌and‌ ‌lagged‌ ‌behind‌ ‌every‌ ‌runner.‌ ‌She‌ ‌failed‌ ‌four‌ ‌times‌ ‌and‌ ‌it‌ ‌was‌ ‌the‌ ‌fifth‌ ‌time‌ ‌she‌ ‌got‌ ‌the‌ ‌first‌ ‌place.‌‌

At‌ ‌the‌ ‌age‌ ‌of‌ ‌15,‌ ‌Wilma‌ ‌met‌ ‌a‌ ‌coach‌ ‌named‌ ‌Temple‌ ‌at‌ ‌Tennesse‌ ‌State‌ ‌University.‌ ‌She‌ ‌took‌ ‌a‌ ‌promise‌ ‌from‌ ‌him‌ ‌that‌ ‌he‌ ‌would‌ ‌teach‌ ‌her‌ ‌the‌ ‌art‌ ‌of‌ ‌running.‌ ‌In‌ ‌1960‌ ‌she‌ ‌could‌ ‌participate‌‌ in‌ ‌Rome‌ ‌Olympics.‌ ‌Wilma‌ ‌was‌ ‌competing‌ ‌against‌ ‌Jutta‌ ‌Hein.‌ ‌Jutta‌ ‌Hein‌ ‌was‌ ‌never‌ ‌defeated‌ ‌till‌ ‌then‌ ‌Wilma‌ ‌won‌ ‌two‌ ‌gold‌ ‌medals‌ ‌defeating‌ ‌Jutta‌ ‌in‌ ‌100‌ ‌m‌ ‌relay‌ ‌and‌ ‌200‌ ‌m‌ ‌relay.‌ ‌Again‌ ‌she‌ ‌had‌ ‌to‌ ‌compete‌ ‌against‌ ‌Jutta‌ ‌in‌ ‌400‌ ‌m‌ ‌relay.‌ ‌The‌ ‌ones‌ ‌in‌ ‌the‌ ‌final‌ ‌team‌ ‌who‌ ‌run‌ ‌well‌ ‌participate‌ ‌in‌ ‌relay.‌ ‌First‌ ‌three‌ ‌athletes‌ ‌ran‌ ‌well‌ ‌and‌ ‌changed‌ ‌the‌ ‌baton‌ ‌(baton‌ ‌is‌ ‌a‌ ‌small‌ ‌light‌ ‌stick‌ ‌that‌ ‌one‌ ‌member‌ ‌of‌ ‌a‌ ‌team‌ ‌in‌ ‌a‌ ‌relay‌ ‌race‌ ‌passes‌ ‌to‌ ‌the‌ ‌next‌ ‌person‌ ‌to‌ ‌run)‌ ‌easily.‌ ‌But‌ ‌at‌ ‌the‌ ‌time‌ ‌of‌ ‌Wilma’s‌ ‌running,‌ ‌baton‌ ‌slipped‌ ‌from‌ ‌her‌ ‌hands.‌ ‌On‌ ‌the‌ ‌other‌ ‌hand‌ ‌Jutta‌ ‌was‌ ‌running‌ ‌fast.‌‌

Wilma‌ ‌took‌ ‌the‌ ‌baton‌ ‌slipped‌ ‌from‌ ‌her‌ ‌hands‌ ‌and‌ ‌ran‌ ‌fast‌ ‌like‌ ‌a‌ ‌machine.‌ ‌Defeating‌ ‌Jutta‌ ‌for‌ ‌the‌ ‌third‌ ‌time,‌ ‌she‌ ‌won‌ ‌the‌ ‌third‌ ‌gold‌ ‌medal‌ ‌also.‌ ‌She,‌ ‌a‌ ‌woman‌ ‌who‌ ‌was‌ ‌afflicted‌ ‌with‌ ‌Polio,‌ ‌became‌ ‌the‌ ‌fastest‌ ‌runner‌ ‌in‌ ‌the‌ ‌world.‌ ‌She‌ ‌set‌ ‌a‌ ‌world‌ ‌record‌ ‌as‌ ‌the‌ ‌first‌ ‌American‌ ‌woman‌ ‌athlete‌ ‌for‌ ‌bagging‌ ‌three‌ ‌gold‌ ‌medals‌ ‌during‌ ‌a‌ ‌single‌ ‌Olympic‌ ‌Games.‌‌

अर्थग्राहयता‌ ‌-‌ ‌प्रतिक्रिया‌

‌निम्नलिखित‌ ‌गद्यांश‌ ‌पढ़कर‌ ‌दिये‌ ‌गये‌ ‌प्रश्नों‌ ‌के‌ ‌उत्तर‌ ‌एक‌ ‌वाक्य‌ ‌में‌ ‌लिखिए।

1. माँ ‌की‌ ‌प्रेरणा‌ ‌व‌ ‌हिम्मत‌ ‌से‌ ‌9‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌बैसाखियाँ‌ ‌उतार‌ ‌फेंकी‌ ‌व‌ ‌चलना‌ ‌प्रारंभ‌ ‌किया।‌ ‌अचानक‌ ‌बैसाखियाँ‌ ‌उतार‌ ‌देने‌ ‌के‌ ‌बाद‌ ‌चलने‌ ‌के‌ ‌प्रयास‌ ‌में‌ ‌कई‌ ‌बार‌ ‌ज़ख्मी‌ ‌होती‌ ‌रही,‌ ‌दर्द‌ ‌झेलती‌ ‌रही‌ ‌;‌ ‌लेकिन‌ ‌उसने‌ ‌हिम्मत‌ ‌नहीं‌ ‌हारी‌ ‌और‌ ‌कोई‌ ‌सहारा‌ ‌नहीं‌ ‌लिया‌ ‌।‌ ‌आखिरकार‌ ‌एक‌ ‌साल‌ ‌के‌ ‌बाद‌ ‌वह‌ ‌बिना‌ ‌बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌चलने‌ ‌में‌ ‌कामयाब‌ ‌हो‌ ‌गयी‌ ‌।‌ ‌इस‌ ‌प्रकार‌ ‌आठवीं‌ ‌कक्षा‌ ‌में‌ ‌आते-आते‌ ‌उसने‌ ‌अपनी‌ ‌पहली‌ ‌दौड़‌ ‌प्रतियोगिता‌ ‌में‌ ‌हिस्सा‌ ‌लिया‌ ‌।‌
‌प्रश्न‌ ‌:‌‌
‌1.‌ ‌किसकी‌ ‌प्रेरणा‌ ‌से‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌चलना‌ ‌प्रारंभ‌ ‌किया‌?‌
उत्तर:
‌माँ‌ ‌की‌ ‌प्रेरणा‌ ‌से‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌चलना‌ ‌प्रारंभ‌ ‌किया।

2.‌ ‌कब‌ ‌वह‌ ‌बिना‌ ‌बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌चलने‌ ‌में‌ ‌कामयाब‌ ‌हो‌ ‌गयी‌?‌
उत्तर:
एक‌ ‌साल‌ ‌के‌ ‌बाद‌ ‌वह‌ ‌बिना‌ ‌बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌चलने‌ ‌में‌ ‌कामयाब‌ ‌हो‌ ‌गयी।‌

3.‌ ‌’प्रयास’‌ ‌का‌ ‌अर्थ‌ ‌क्या‌ ‌है‌?‌
उत्तर:
‌प्रयास‌ ‌का‌ ‌अर्थ‌ ‌है‌ ‌-‌ ‌कोशिश‌

4.‌ ‌उसने‌ ‌किस‌ ‌प्रतियोगिता‌ ‌में‌ ‌भाग‌ ‌लिया‌?
उत्तर:
उसने‌ ‌पहली‌ ‌दौड‌ ‌प्रतियोगिता‌ ‌में‌ ‌भाग‌ ‌लिया।‌

‌5.‌ ‌यह‌ ‌गद्यांश‌ ‌किस‌ ‌पाठ‌ ‌से‌ ‌दिया‌ ‌गया‌ ‌है‌?‌
उत्तर:
यह‌ ‌गद्यांश‌ ‌’हार‌ ‌के‌ ‌आगे‌ ‌जीते‌ ‌है‌ ‌पाठ‌ ‌से‌ ‌दिया‌ ‌गया।‌‌

2.‌ ‌अमेरिका‌ ‌के‌ ‌टेनेसी‌ ‌प्रांत‌ ‌में‌ ‌एक‌ ‌रेलवे‌ ‌मज़दूर‌ ‌के‌ ‌घर‌ ‌में‌ ‌23‌ ‌जून,‌ ‌1940‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌जन्म‌ ‌लिया,‌ ‌जिसकी‌ ‌|‌‌ माँ‌ ‌घर‌ ‌-‌ ‌घर‌ ‌जाकर‌ ‌झाडू‌ ‌-‌ ‌पोछा‌ ‌लगाती‌ ‌थी।‌ ‌वह‌ ‌नौ‌ ‌वर्ष‌ ‌तक‌ ‌ज़मीन‌ ‌पर‌ ‌कभी‌ ‌पाँव‌ ‌रखकर‌ ‌नहीं‌ ‌चल‌ ‌सकी,‌ ‌क्योंकि‌ ‌उसको‌ ‌चार‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌उम्र‌ ‌में‌ ‌पोलियो‌ ‌हो‌ ‌गया‌ ‌था।‌ ‌तब‌ ‌से‌ ‌वह‌ ‌बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌सहारे‌ ‌चलती‌ ‌थी।‌
‌प्रश्न‌‌ :
1.‌ ‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌जन्म‌ ‌कब‌ ‌हुआ?‌
उत्तर:
विल्मा‌ ‌का‌ ‌जन्म‌ ‌23‌ ‌जून,‌ ‌1940‌ ‌में‌ ‌हुआ।‌

2.‌ ‌विल्मा‌ ‌की‌ ‌माँ‌ ‌क्या‌ ‌करती‌ ‌थी‌?
उत्तर:
‌विल्मा‌ ‌की‌ ‌माँ‌ ‌घर‌ ‌-‌ ‌घर‌ ‌जाकर‌ ‌झाडू-‌ ‌पोछा‌ ‌लगाती‌ ‌थी।‌

3.‌ ‌विल्मा‌ ‌को‌ ‌क्या‌ ‌हो‌ ‌गया‌ ‌था‌?
उत्तर:
विल्मा‌ ‌को‌ ‌पोलियो‌ ‌हो‌ ‌गया‌ ‌था।‌

4.‌ ‌ज़मीन‌ ‌शब्द‌ ‌का‌ ‌समानार्थी‌ ‌शब्द‌ ‌क्या‌ ‌है?‌
उत्तर:
जमीन‌ ‌शब्द‌ ‌का‌ ‌समानार्थी‌ ‌शब्द‌ ‌है‌ ‌’पृथ्वी’।

‌5.‌ ‌यह‌ ‌गद्यांश‌ ‌किस‌ ‌पाठ‌ ‌से‌ ‌दिया‌ ‌गया‌ ‌है?
उत्तर:
यह‌ ‌गद्यांश‌ ‌‘हार‌ ‌के‌ ‌आगे‌ ‌जीते‌ ‌है’‌ ‌पाठ‌ ‌से‌ ‌दिया‌ ‌गया।

‌2.‌ ‌निम्नलिखित‌ ‌गद्यांश‌ ‌पढ़कर‌ ‌दिये‌ ‌गये‌ ‌प्रश्नों‌ ‌के‌ ‌उत्तर‌ ‌विकल्पों‌ ‌से‌ ‌चुनकर‌ ‌रिक्तस्थानों‌ ‌में‌ ‌लिखिए।‌‌

1. ‌वृक्ष‌ ‌हमारे‌ ‌जीवन‌ ‌के‌ ‌लिए‌ ‌सबसे‌ ‌ज़्यादा‌ ‌ज़रूरी‌ ‌है‌ ‌।‌ ‌वृक्ष‌ ‌ही‌ ‌हमें‌ ‌जीवन‌ ‌देते‌ ‌हैं‌ ‌।‌ ‌वृक्षों‌ ‌से‌ ‌ही‌ ‌हमें‌ ‌प्राणवायु‌ ‌मिलती‌ ‌है‌ ‌।‌ ‌वृक्ष‌ ‌मिट्टी‌ ‌को‌ ‌कटने‌ ‌से‌ ‌रोकते‌ ‌हैं।‌ ‌लेकिन‌ ‌मनुष्य‌ ‌अपने‌ ‌स्वार्थ‌ ‌के‌ ‌लिए‌ ‌वृक्षों‌ ‌को‌ ‌काट‌ ‌रहे‌ ‌हैं।‌ ‌जिससे‌ ‌धरती‌ ‌पर‌ ‌हरियाली‌ ‌कम‌ ‌होती‌ ‌जा‌ ‌रही‌ ‌है।‌‌
प्रश्न‌ ‌:
1.‌ ‌वृक्षों‌ ‌से‌ ‌क्या‌ ‌मिलती‌ ‌है‌?
A)‌ ‌प्राणवायु‌
‌B)‌ ‌जीवन‌
C)‌ ‌धरती‌
‌D)‌ ‌मिट्टी‌
उत्तर‌ :
A)‌ ‌प्राणवायु‌

2.‌ ‌हमारे‌ ‌जीवन‌ ‌के‌ ‌लिए‌ ‌किसकी‌ ‌ज़रूरी‌ ‌है‌?
A)‌ ‌धरती‌
B)‌ ‌मिट्टी
‌C)‌ ‌वृक्ष‌‌
D)‌ ‌पर्यावरण‌
उत्तर‌ :
‌C)‌ ‌वृक्ष‌‌

3.‌ ‌मनुष्य‌ ‌क्यों‌ ‌वृक्षों‌ ‌को‌ ‌काट‌ ‌रहा‌ ‌है‌?‌
A)‌ ‌निस्वार्थ‌‌
B)‌ ‌स्वार्थ‌
‌C)‌ ‌हरियाली‌
D)‌ ‌प्राणवायु‌
उत्तर‌ :
B)‌ ‌स्वार्थ‌

4.‌ ‌धरती‌ ‌का‌ ‌’पर्याय’‌ ‌शब्द‌ ‌क्या‌ ‌है‌?
A)‌ ‌हरियाली‌
B)‌ ‌मनुष्य‌‌
C) भूमि
D)‌ ‌वृक्ष‌
उत्तर‌ :
C) भूमि

5.‌ ‌वृक्षों‌ ‌के‌ ‌न‌ ‌रहने‌ ‌से‌ ‌किसकी‌ ‌कमी‌ ‌होती‌ ‌है‌?‌‌
A)‌ ‌हरियाली‌
B)‌ ‌जीवन‌
‌C)‌ ‌मनुष्य‌‌
D)‌ ‌मिट्टी‌
‌उत्तर‌ :
A)‌ ‌हरियाली‌

2.‌ ‌एक‌ ‌कौआ‌ ‌ने‌ ‌मोर‌ ‌के‌ ‌पंख‌ ‌लगा‌ ‌लिये।‌ ‌अपने‌ ‌को‌ ‌मोर‌ ‌समझकर‌ ‌मोरों‌ ‌की‌ ‌एक‌ ‌टोली‌ ‌में‌ ‌जा‌ ‌घुसा।‌ ‌उसे‌ ‌|‌‌
देखकर‌ ‌मोरों‌ ‌की‌ ‌टोली‌ ‌ने‌ ‌उसे‌ ‌फ़ौरन‌ ‌पहचान‌ ‌लिया।‌ ‌दूसरे‌ ‌ही‌ ‌पल‌ ‌सारे‌ ‌मोर‌ ‌उसपर‌ ‌झपट‌ ‌पड़े।‌ ‌चोंच‌ ‌|‌ ‌मारकर‌ ‌उसे‌ ‌अपनी‌ ‌टोली‌ ‌से‌ ‌दूर‌ ‌भगा‌ ‌दिया।‌ ‌रोता‌ ‌कौआ‌ ‌अपने‌ ‌घर‌ ‌में‌ ‌वापस‌ ‌लौट‌ ‌आया।‌‌
प्रश्न‌ :
‌1.‌ ‌कौए‌ ‌ने‌ ‌किसके‌ ‌पंख‌ ‌लगा‌ ‌लिये?
A)‌ ‌तीतर‌‌
B)‌ ‌मोर‌
‌C)‌ ‌कोयल‌
‌D)‌ ‌हंस‌
‌उत्तर‌ :
B)‌ ‌मोर‌

2.‌ ‌कौआ‌ ‌किनकी‌ ‌टोली‌ ‌में‌ ‌जा‌ ‌घुसा‌?
A)‌ ‌कौए‌
B)‌ ‌कोयल‌
C)‌ ‌हंस‌‌
D)‌ ‌मोर‌
उत्तर‌ :
D)‌ ‌मोर‌

3.‌ ‌मोरों‌ ‌ने‌ ‌कौआ‌ ‌को‌ ‌कैसे‌ ‌भगा‌ ‌दिया‌?
A)‌ ‌चोंच‌ ‌मारकर‌
B)‌ ‌पहचानकर‌
‌C)‌ ‌डराकर‌
‌D)‌ ‌दौडाकर‌
‌उत्तर‌ :
A)‌ ‌चोंच‌ ‌मारकर‌

4.‌ ‌टोली‌ ‌शब्द‌ ‌का‌ ‌बहुवचन‌ ‌रूप‌ ‌क्या‌ ‌है?
A)‌ ‌ढोलिए‌
B) टोलियाँ‌
C)‌ ‌टोलियों‌‌
D)‌ ‌टोली
‌उत्तर‌ :
B) टोलियाँ‌

5.‌ ‌कौआ‌ ‌रोता‌ ‌हुआ‌ ‌कहाँ‌ ‌लौट‌ ‌आया‌?
A)‌ ‌अपने‌ ‌घर‌ ‌में‌
B)‌ ‌टोली‌ ‌में‌
C)‌ ‌मोरों‌ ‌में‌
D)‌ ‌कौओं‌ ‌में‌
‌उत्तर‌ :
A)‌ ‌अपने‌ ‌घर‌ ‌में‌

अर्थग्राह्यता‌ ‌-प्रतिक्रिया‌‌

पठित‌ ‌-‌ ‌गद्यांश‌

‌नीचे‌ ‌दिये‌ ‌गये‌ ‌गद्यांश‌ ‌को‌ ‌पढ़कर‌ ‌प्रश्नों‌ ‌के‌ ‌उत्तर‌ ‌एक‌ ‌वाक्य‌ ‌में‌ ‌लिखिए।‌

‌1.‌ ‌उसकी‌ ‌माँ‌ ‌बड़ी‌ ‌धर्मपरायण,‌ ‌सकारात्मक‌ ‌मनोवृत्ति‌ ‌वाली‌ ‌साहसी‌ ‌महिला‌ ‌थी।‌ ‌माँ‌ ‌की‌‌ आदर्शवादी‌ ‌बातें‌ ‌सुनकर‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌कहा,‌ ‌“माँ,‌ ‌मैं‌ ‌क्या‌ ‌कर‌ ‌सकती‌ ‌हूँ‌ ‌जबकि‌ ‌मैं‌ ‌चल‌ ‌ही‌ ‌नहीं‌ ‌पाती‌ ‌हूँ?”‌ ‌”मेरी‌ ‌बेटी,‌ ‌तुम‌ ‌जो‌ ‌चाहो‌ ‌प्राप्त‌ ‌कर‌ ‌सकती‌ ‌हो।“‌ ‌माँ‌ ‌ने‌ ‌आत्मविश्वास‌ ‌के‌ ‌साथ‌ ‌कहा।‌ ‌”क्या‌ ‌मैं‌ ‌दुनिया‌ ‌की‌ ‌सबसे‌ ‌तेज़‌ ‌धावक‌ ‌बन‌ ‌सकती‌ ‌हूँ?”‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌तुरंत‌ ‌प्रश्न‌ ‌किया।‌ ‌”क्यों‌ ‌नहीं‌ ‌मेरी‌ ‌बेटी,‌ ‌मुझे‌ ‌तुझ‌ ‌पर‌ ‌पूरा‌ ‌विश्वास‌ ‌है।”‌‌

माँ ‌ने‌ ‌दृढ़‌ ‌विश्वास‌ ‌के‌ ‌साथ‌ ‌कहा।‌
प्रश्न‌ :
1.‌ ‌माँ ‌‌ने‌ ‌दृढ‌ ‌विश्वास‌ ‌के‌ ‌साथ‌ ‌क्या‌ ‌कहा‌?‌
‌उत्तर‌ :
माँ ‌ने‌ ‌दृढ़‌ ‌विश्वास‌ ‌के‌ ‌साथ‌ ‌कहा‌ ‌कि‌ ‌”क्यों‌ ‌नहीं‌‌ मेरी‌ ‌बेटी,‌ ‌मुझे‌ ‌तुझ‌ ‌पर‌ ‌पूरा‌ ‌विश्वास‌ ‌है।”

2.‌ माँ की‌ ‌आदर्शवादी‌ ‌बातें‌ ‌सुनकर‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌क्या‌ ‌कहा‌?‌
‌उत्तर‌ :
माँ ‌‌‌की‌ ‌आदर्शवादी‌ ‌बातें‌ ‌सुनकर‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌कहा‌‌ “माँ ‌‌ ‌मैं‌ ‌क्या‌ ‌कर‌ ‌सकती‌ ‌हूँ‌ ‌जब‌ ‌कि‌ ‌मैं‌ ‌चल‌ ‌ही‌‌ नहीं‌ ‌पाती‌ ‌हूँ?”

3.‌ ‌विल्मा‌ ‌की‌ ‌माँ‌ ‌कैसी‌ ‌थी‌‌?‌‌
‌उत्तर‌ :
‌विल्मा‌ ‌की‌ ‌माँ‌ ‌बड़ी‌ ‌धर्मपरायण,‌ ‌सकारात्मक‌ ‌मनोवृत्ति‌ ‌वाली‌ ‌साहसी‌ ‌महिला‌ ‌थी।

4. ‌माँ ‌ने‌ ‌आत्म‌ ‌विश्वास‌ ‌के‌ ‌साथ‌ ‌क्या‌ ‌कहा‌ ‌था‌?‌‌
‌उत्तर‌ :
‌माँ ‌‌ने‌ ‌आत्मविश्वास‌ ‌के‌ ‌साथ‌ ‌कहा‌ ‌था‌ ‌”मेरी बेटी,‌ ‌तुम‌ ‌जो‌ ‌चाहो,‌ ‌प्राप्त‌ ‌कर‌ ‌सकती‌ ‌हो।”

5.‌ ‌यह‌ ‌उपर्युक्त‌ ‌गद्यांश‌ ‌किस‌ ‌पाठ‌ ‌से‌ ‌दिया‌ ‌गया‌ ‌है?‌‌
उत्तर‌ :
यह‌ ‌उपर्युक्त‌ ‌गद्यांश‌ ‌’हार‌ ‌के‌ ‌आगे‌ ‌जीत‌ ‌है’‌‌ नामक‌ ‌पाठ‌ ‌से‌ ‌दिया‌ ‌गया‌ ‌है।

2.‌ ‌15‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌उम्र‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌टेनेसी‌ ‌स्टेट‌ ‌विश्वविद्यालय‌ ‌गयी,‌ ‌जहाँ‌ ‌वह‌ ‌एड‌ ‌टेंपल‌ ‌नाम‌ ‌के‌ ‌एक‌ ‌कोच‌ ‌से‌ ‌मिली।‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌अपनी‌ ‌यह‌ ‌इच्छा‌ ‌व्यक्त‌ ‌की‌ ‌कि‌ ‌मैं‌ ‌दुनिया‌ ‌की‌ ‌सबसे‌ ‌तेज़‌ ‌धाविका‌ ‌बनना‌ ‌चाहती‌ ‌हूँ।‌ ‌तब‌ ‌टेंपल‌ ‌ने‌ ‌कहा,‌ ‌“तुम्हारी‌ ‌इसी‌ ‌इच्छाशक्ति‌ ‌की‌ ‌वजह‌ ‌से‌ ‌कोई‌ ‌भी‌ ‌तुम्हे‌ ‌नहीं‌ ‌रोक‌ ‌सकता,‌ ‌और‌ ‌साथ‌ ‌में‌ ‌मैं‌ ‌भी‌ ‌तुम्हारी‌ ‌मदद‌ ‌करूँगा।‌ ‌दौड‌ ‌की‌ ‌कला‌ ‌मैं‌ ‌तुम्हें‌ ‌सिखाऊँगा।”‌‌
प्रश्न‌ :
‌1.‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌अपनी‌ ‌कौन‌ ‌सी‌ ‌इच्छा‌ ‌व्यक्ति‌ ‌की‌?‌‌
उत्तर‌ :
विल्मा‌ ‌ने‌ ‌अपनी‌ ‌यह‌ ‌इच्छा‌ ‌व्यक्त‌ ‌की‌ ‌कि‌ ‌मैं‌‌ दुनिया‌ ‌के‌ ‌सबसे‌ ‌तेज़‌ ‌धाविका‌ ‌बनना‌ ‌चाहती‌ ‌हूँ।‌

2.‌ ‌टेंपल‌ ‌ने‌ ‌क्या‌ ‌कहा‌‌?‌‌
उत्तर‌ :
टेंपल‌ ‌ने‌ ‌कहा‌ ‌कि‌ ‌”तुम्हारी‌ ‌इसी‌ ‌इच्छा‌ ‌शक्ति‌‌ की‌ ‌वजह‌ ‌से‌ ‌कोई‌ ‌भी‌ ‌तुम्हें‌ ‌नहीं‌ ‌रोक‌ ‌सकता,‌ ‌और‌ ‌साथ‌ ‌में‌ ‌मैं‌ ‌भी‌ ‌तुम्हारी‌ ‌मदद‌ ‌करूँगा।‌ ‌दौड़‌ ‌की‌ ‌कला‌ ‌मैं‌ ‌तुम्हें‌ ‌सिखाऊँगा।”‌

3.‌ ‌विल्मा‌ ‌टेनेसी‌ ‌स्टेट‌ ‌विश्व‌ ‌विद्यालय‌ ‌कब‌ ‌गयी‌?‌‌
उत्तर‌ :
15‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌उम्र‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌टेनेसी‌ ‌स्टेट‌ ‌विश्व‌‌ विद्यालय‌ ‌गयी।

4.‌ ‌टेनेसी‌ ‌विश्व‌ ‌विद्यालय‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌किससे‌ ‌मिली‌?
उत्तर‌ :
‌टेनेसी‌ ‌विश्व‌ ‌विद्यालय‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌एड‌ ‌टेंपल‌ ‌नामक‌ एक‌ ‌कोच‌ ‌से‌ ‌मिली।‌‌

5.‌ ‌”धाविका”‌ ‌शब्द‌ ‌का‌ ‌लिंग‌ ‌बदलिए।‌
उत्तर‌ :
‌’धाविका”‌ ‌शब्द‌ ‌का‌ ‌पुंलिंग‌ ‌रूप‌ ‌है‌ ‌”धावक।”‌

3. ‌‌माँ ‌की‌ ‌प्रेरणा‌ ‌व‌ ‌हिम्मत‌ ‌से‌ ‌9‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌बैसाखियाँ‌ ‌उतार‌ ‌फेंकी‌ ‌व‌ ‌चलना‌ ‌प्रारम्भ‌ ‌किया।‌ ‌अचानक‌ ‌बैसाखियाँ‌ ‌उतार‌ ‌देने‌ ‌के‌ ‌बाद‌ ‌चलने‌ ‌के‌ ‌प्रयास‌ ‌में‌ ‌कई‌ ‌बार‌ ‌ज़ख्मी‌ ‌होती‌ ‌रही,‌ ‌दर्द‌ ‌झेलती‌ ‌रही,‌ ‌लेकिन‌ ‌उसने‌ ‌हिम्मत‌ ‌नहीं‌ ‌हारी‌ ‌और‌ ‌कोई‌ ‌सहारा‌ ‌नहीं‌ ‌लिया‌ ‌।‌ ‌आखिरकार‌ ‌एक‌ ‌साल‌ ‌के‌ ‌बाद‌ ‌वह‌ ‌बिना‌ ‌बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌चलने‌ ‌में‌ ‌कामयाब‌ ‌हो‌ ‌गयी‌ ‌।‌ ‌इस‌ ‌प्रकार‌ ‌आठवीं‌ ‌कक्षा‌ ‌में‌ ‌आते‌ ‌-‌ ‌आते‌ ‌उसने‌ ‌अपनी‌ ‌पहली‌ ‌दौड़‌ ‌प्रतियोगिता‌ ‌में‌ ‌हिस्सा‌ ‌लिया‌ ‌और‌ ‌वह‌ ‌सबसे‌ ‌पीछे‌ ‌रही‌ ‌।‌‌
प्रश्न‌ :
1.‌ ‌बिना‌ ‌बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌चलने‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌कब‌ ‌कामयाब‌ ‌हो‌ ‌गयी?‌‌
उत्तर‌ :
आखिरकार‌ ‌एक‌ ‌साल‌ ‌के‌ ‌बाद‌ ‌वह‌ ‌बिना‌‌ बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌चलने‌ ‌में‌ ‌कामयाब‌ ‌हो‌ ‌गयी।‌

2.‌ ‌उसने‌ ‌अपनी‌ ‌पहली‌ ‌दौड‌ ‌प्रतियोगिता‌ ‌में‌ ‌कब‌ ‌हिस्सा‌ ‌लिया‌?‌‌
उत्तर‌ :
आठवीं‌ ‌कक्षा‌ ‌में‌ ‌आते‌ ‌-‌ ‌आते‌ ‌उसने‌ ‌अपनी‌‌ पहली‌ ‌दौड‌ ‌प्रतियोगिता‌ ‌में‌ ‌हिस्सा‌ ‌लिया।‌

3.‌ ‌किनकी‌ ‌प्रेरणा‌ ‌से‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌बैसाखियों‌ ‌को‌ ‌उतार‌ ‌फेंकी‌‌?
उत्तर‌ :
मों‌ ‌की‌ ‌प्रेरणा‌ ‌से‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌बैसाखियाँ‌ ‌उतार‌‌ फेंकी।
‌‌
4.‌ ‌जब‌ ‌विल्मा‌ ‌बैसाखियाँ‌ ‌उतार‌ ‌फेंकी‌ ‌तब‌ ‌वह‌ ‌कितने‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌लडकी‌ ‌थी‌?‌‌
उत्तर‌ :
जब‌ ‌विल्मा‌ ‌बैसाखियाँ‌ ‌उतार‌ ‌फेंकी‌ ‌तब‌ ‌विल्मा‌ ‌9‌‌ वर्ष‌ ‌की‌ ‌लडकी‌ ‌थी।‌

5.‌ ‌उपर्युक्त‌ ‌गद्यांश‌ ‌किस‌ ‌पाठ‌ ‌से‌ ‌दिया‌ ‌गया‌ ‌है?‌‌
उत्तर‌ :
उपर्युक्त‌ ‌गद्यांश‌ ‌‘हार‌ ‌के‌ ‌आगे‌ ‌जीत‌ ‌है’‌ ‌नामक‌‌ ‌पाठ‌ ‌से‌ ‌दिया‌ ‌गया‌ ‌है।‌

4.‌ ‌आखिर‌ ‌वह‌ ‌दिन‌ ‌आया‌ ‌जब‌ ‌विल्मा‌ ‌ओलम्पिक‌ ‌में‌ ‌हिस्सा‌ ‌ले‌ ‌रही‌ ‌थी।‌ ‌ओलम्पिक‌ ‌में‌ ‌दुनिया‌ ‌के‌‌ |‌ ‌सबसे‌ ‌तेज‌ ‌दौडने‌ ‌वालों‌ ‌से‌ ‌मुकाबला‌ ‌करना‌ ‌पड़ता‌ ‌है।‌ ‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌मुकाबला‌ ‌जुत्ता‌ ‌हेन‌ ‌से‌ ‌था,‌ ‌जिसे‌ ‌|‌ ‌कोई‌ ‌भी‌ ‌हरा‌ ‌नहीं‌ ‌पाया‌ ‌था।‌ ‌पहली‌ ‌दौड़‌ ‌100‌ ‌मीटर‌ ‌की‌ ‌थी।‌ ‌इसमें‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌जुत्ता‌ ‌को‌ ‌हरा‌ ‌कर‌‌ अपना‌ ‌पहला‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीता।‌ ‌दूसरी‌ ‌दौड़‌ ‌200‌ ‌मीटर‌ ‌की‌ ‌थी।‌ ‌इसमें‌ ‌भी‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌जुत्ता‌ ‌को‌ ‌दूसरी‌ ‌बार‌ ‌हराया‌ ‌और‌ ‌उसने‌ ‌दूसरा‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीता।‌ ‌तीसरी‌ ‌दौड़‌ ‌400‌ ‌मीटर‌ ‌की‌ ‌रिले‌ ‌रेस‌ ‌थी‌‌ और‌ ‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌मुकाबला‌ ‌एक‌ ‌बार‌ ‌फिर‌ ‌जुत्ता‌ ‌से‌ ‌ही‌ ‌था‌ ‌।
प्रश्न‌ :
‌1.‌ ‌ओलम्पिक‌ ‌में‌ ‌क्या‌ ‌करना‌ ‌पडता‌ ‌है?‌‌
उत्तर‌ :
ओलम्पिक‌ ‌में‌ ‌दुनिया‌ ‌के‌ ‌सब‌ ‌से‌ ‌तेज़‌ ‌दौडनेवालों‌‌ से‌ ‌मुकाबला‌ ‌करना‌ ‌पड़ता‌ ‌है।

2.‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌किसे‌ ‌हराकर‌ ‌अपना‌ ‌पहला‌ ‌स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीता‌?‌‌
उत्तर‌ :
‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌जुत्ता‌ ‌हेन‌ ‌को‌ ‌हराकर‌ ‌अपना‌ ‌पहला‌‌ स्वर्ण‌ ‌पदक‌ ‌जीता।‌

3.‌ ‌दूसरी‌ ‌दौड‌ ‌कितने‌ ‌मीटर‌ ‌की‌ ‌थी‌?
उत्तर‌ :
‌दूसरी‌ ‌दौड़‌ ‌200‌ ‌मीटर‌ ‌की‌ ‌थी।‌

‌4.‌ ‌दूसरी‌ ‌बार‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌किसे‌ ‌हराया‌?
उत्तर‌ :
‌दूसरी‌ ‌बार‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌जुत्ता‌ ‌हेन‌ ‌को‌ ‌हराया।‌‌

5.‌ ‌तीसरी‌ ‌दौड़‌ ‌कितने‌ ‌मीटर‌ ‌की‌ ‌रिले‌ ‌रेस‌ ‌थी‌?‌‌
उत्तर‌ :
तीसरी‌ ‌दौड़‌ ‌400‌ ‌मीटर‌ ‌की‌ ‌रिले‌ ‌रेस‌ ‌थी।

5.‌ ‌अमेरिका‌ ‌के‌ ‌टेनेसी‌ ‌प्रान्त‌ ‌में‌ ‌एक‌ ‌रेलवे‌ ‌मज़दूर‌ ‌के‌ ‌घर‌ ‌में‌ ‌23‌ ‌जून,‌ ‌1940‌ ‌में‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌जन्म‌‌ लिया,‌ ‌जिसकी‌ ‌माँ‌ ‌घर‌ ‌-‌ ‌घर‌ ‌जाकर‌ ‌झाडू‌ ‌-‌ ‌पोछा‌ ‌लगाती‌ ‌थी।‌ ‌वह‌ ‌नौ‌ ‌वर्ष‌ ‌तक‌ ‌ज़मीन‌ ‌पर‌ ‌कभी‌ ‌पाँव‌ ‌रखकर‌ ‌नहीं‌ ‌चल‌ ‌सकी,‌ ‌क्योंकि‌ ‌उसको‌ ‌चार‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌उम्र‌ ‌में‌ ‌पोलियो‌ ‌हो‌ ‌गया‌ ‌था।‌ ‌तब‌ ‌से‌ ‌वह‌ ‌बैसाखियों‌ ‌के‌ ‌सहारे‌ ‌चलती‌ ‌थी।‌ ‌डॉक्टरों‌ ‌ने‌ ‌जवाब‌ ‌दे‌ ‌दिया‌ ‌था‌ ‌कि‌ ‌कभी‌ ‌भी‌ ‌ज़मीन‌ ‌पर‌ ‌अपने‌‌ कदम‌ ‌सीधे‌ ‌नहीं‌ ‌रख‌ ‌पायेगी।
‌प्रश्न‌ :
‌1.‌ ‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌जन्म‌ ‌कब‌ ‌हुआ‌?‌‌
उत्तर‌ :
‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌जन्म‌ ‌23‌ ‌जून,‌ ‌1940‌ ‌में‌ ‌हुआ।‌

2.‌ ‌विल्मा‌ ‌की‌ ‌माँ‌ ‌क्या‌ ‌काम‌ ‌करती‌ ‌थी‌?‌‌
उत्तर‌ :
विल्मा‌ ‌की‌ ‌माँ‌ ‌घर‌ ‌-‌ ‌घर‌ ‌जाकर‌ ‌झाडू‌ ‌-‌ ‌पोछा‌‌ लगाती‌ ‌थी।‌

3.‌ ‌विल्मा‌ ‌को‌ ‌किस‌ ‌उम्र‌ ‌में‌ ‌पोलियो‌ ‌हो‌ ‌गया‌ ‌था?‌‌
उत्तर‌ :
‌विल्मा‌ ‌को‌ ‌चार‌ ‌वर्ष‌ ‌की‌ ‌उम्र‌ ‌में‌ ‌पोलियो‌ ‌हो‌ ‌गया‌‌ था।

4.‌ ‌डॉक्टरों‌ ‌ने‌ ‌क्या‌ ‌जवाब‌ ‌दिया‌?
उत्तर‌ :
‌डॉक्टरों‌ ‌ने‌ ‌जवाब‌ ‌दिया‌ ‌था‌ ‌कि‌ ‌वह‌ ‌कभी‌ ‌भी‌‌ ज़मीन‌ ‌पर‌ ‌अपने‌ ‌क़दम‌ ‌सीधे‌ ‌नहीं‌ ‌रख‌ ‌पायेगी।

5.‌ ‌विल्मा‌ ‌का‌ ‌जन्म‌ ‌कहाँ‌ ‌हुआ‌?
उत्तर‌ :
विल्मा‌ ‌का‌ ‌जन्म‌ ‌अमेरिका‌ ‌के‌ ‌टेनेसी‌ ‌प्रांत‌ ‌में‌‌ एक‌ ‌रेलवे‌ ‌मज़दूर‌ ‌के‌ ‌घर‌ ‌में‌ ‌हुआ‌ ‌था।

6. तन,‌ ‌मन‌ ‌व‌ ‌आत्मा‌ ‌से‌ ‌जो‌ ‌मज़बूत‌ ‌होता‌ ‌है,‌ ‌सफलता‌ ‌उसके‌ ‌क़दम‌ ‌चूमती‌ ‌है।‌ ‌शक्ति‌ ‌के‌ ‌लिए‌ ‌शारीरिक‌ ‌तंदुरुस्ती‌ ‌चाहिए,‌ ‌निश्चित‌ ‌परिस्थिति‌ ‌में‌ ‌समय‌ ‌पर‌ ‌अपना‌ ‌प्रदर्शन‌ ‌करने‌ ‌के‌ ‌लिए‌ ‌मानसिक‌ ‌सन्तुलन‌ ‌चाहिए‌ ‌व‌ ‌मूल्यों‌ ‌के‌ ‌अनुरूप‌ ‌जीने‌ ‌हेतु‌ ‌आत्म‌ ‌-‌ ‌बल‌ ‌चाहिए।‌ ‌इन‌ ‌तीनों‌ ‌ही‌ ‌प्रकार‌ ‌की‌‌ क्षमताओं‌ ‌का‌ ‌दूसरा‌ ‌नाम‌ ‌ही‌ ‌’विल्मा‌ ‌ग्लोडियन‌ ‌रुडाल्फ’।‌ ‌है।‌
‌प्रश्न‌ :
1.‌ ‌सफलता‌ ‌किसके‌ ‌कदम‌ ‌चूमती‌ ‌है?‌‌
उत्तर‌ :
तन,‌ ‌मन‌ ‌व‌ ‌आत्मा‌ ‌से‌ ‌जो‌ ‌मज़बूत‌ ‌होता‌ ‌है,‌‌ सफलता‌ ‌उसके‌ ‌क़दम‌ ‌चूमती‌ ‌है।‌

2.‌ ‌शक्ति‌ ‌के‌ ‌लिए‌ ‌क्या‌ ‌चाहिए?‌‌
उत्तर‌ :
‌शक्ति‌ ‌के‌ ‌लिए‌ ‌शारीरिक‌ ‌तंदुरुस्ती‌ ‌चाहिए।

3.‌ ‌तीनों‌ ‌ही‌ ‌प्रकार‌ ‌की‌ ‌क्षमताओं‌ ‌का‌ ‌दूसरा‌ ‌नाम‌ ‌कौन‌ ‌-‌ ‌सा‌ ‌है?‌‌
उत्तर‌ :
‌तीनों‌ ‌ही‌ ‌प्रकार‌ ‌की‌ ‌क्षमताओं‌ ‌का‌ ‌दूसरा‌ ‌नाम‌ विल्मा‌ ‌ग्लोडियन‌ ‌रुडाल्फ़‌ ‌है।

4.‌ ‌निश्चिय‌ ‌परिस्थिति‌ ‌में‌ ‌समय‌ ‌पर‌ ‌अपना‌ ‌प्रदर्शन‌ ‌करने‌ ‌क्या‌ ‌चाहिए‌ ‌?‌‌
उत्तर‌ :
निश्चित‌ ‌परिस्थिति‌ ‌में‌ ‌समय‌ ‌पर‌ ‌अपने‌ ‌प्रदर्शन‌‌ करने‌ ‌के‌ ‌लिए‌ ‌मानसिक‌ ‌संतुलन‌ ‌चाहिए।‌

5.‌ ‌हमें‌ ‌आत्म‌ ‌बल‌ ‌क्यों‌ ‌चाहिए?‌
उत्तर‌ :
मूल्यों‌ ‌के‌ ‌अनुरूप‌ ‌जीने‌ ‌हेतु‌ ‌हमें‌ ‌आत्मबल‌ ‌चाहिए।‌

7. रिले‌ ‌में‌ ‌रेस‌ ‌का‌ ‌आखिरी‌ ‌हिस्सा‌ ‌टीम‌ ‌का‌ ‌सबसे‌ ‌तेज‌ ‌खिलाड़ी‌ ‌ही‌ ‌दौड़ता‌ ‌है।‌ ‌विल्मा‌ ‌की‌ ‌टीम‌ ‌के‌ ‌तीन‌ ‌लोग‌ ‌रिले‌ ‌रेस‌ ‌के‌ ‌शुरूआती‌ ‌तीन‌ ‌हिस्से‌ ‌में‌ ‌दौड़े‌ ‌और‌ ‌आसानी‌ ‌से‌ ‌बेटन‌ ‌बदली।‌ ‌जब‌ ‌विल्मा‌ ‌के‌ ‌दौड़ने‌ ‌की‌ ‌बारी‌ ‌आई,‌ ‌उससे‌ ‌बेटन‌ ‌छूट‌ ‌गयी।‌ ‌लेकिन‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌देख‌ ‌लिया‌ ‌कि‌ ‌दूसरे‌ ‌छोर‌ ‌पर‌ ‌जुत्ता‌ ‌|‌ ‌हेन‌ ‌तेज़ी‌ ‌से‌ ‌दोड़ी‌ ‌चली‌ ‌आ‌ ‌रही‌ ‌है।‌ ‌विल्मा‌ ‌ने‌ ‌गिरी‌ ‌हुई‌ ‌बेटन‌ ‌उठायी‌ ‌और‌ ‌यंत्र‌ ‌की‌ ‌तरह‌ ‌तेज़ी‌ ‌से‌ ‌दौडी‌ ‌लथा‌ ‌जुत्ता‌ ‌को‌ ‌तीसरी‌ ‌बार‌ ‌भी‌ ‌हराया‌ ‌और‌ ‌अपना‌ ‌तीसरा‌ ‌पदक‌ ‌स्वर्ण‌ ‌जीता।‌ ‌यह‌ ‌बात‌ ‌इतिहास‌ ‌के‌ ‌पन्नों‌ ‌में‌ ‌दर्ज‌ ‌हो‌ ‌गयी‌ ‌कि‌ ‌एक‌ ‌पोलियोग्रस्त‌ ‌महिला‌ ‌1960‌ ‌के‌ ‌रोम‌ ‌ओलम्पिक‌ ‌में‌ ‌दुनिया‌ ‌की‌ ‌सबसे‌ ‌तेज़‌ ‌धावक‌ ‌बन‌ ‌गयी।‌‌
प्रश्न‌‌ :
1.‌ ‌विल्मा‌ ‌के‌ ‌दौड़ने‌ ‌की‌ ‌बारी‌ ‌आयी‌ ‌तो‌ ‌क्या‌ ‌छूट‌ ‌गयी‌?‌
उत्तर‌ :
विल्मा‌ ‌के‌ ‌दौडने‌ ‌की‌ ‌बारी‌ ‌आयी‌ ‌तो‌ ‌उससे‌‌ बेटन‌ ‌छूट‌ ‌गयी।‌

2.‌ ‌दूसरे‌ ‌छोर‌ ‌पर‌ ‌कौन‌ ‌तेज़ी‌ ‌से‌ ‌दोडी‌ ‌चली‌ ‌आ‌ ‌रही‌ ‌है‌?
उत्तर‌ :
दूसरे‌ ‌छोर‌ ‌पर‌ ‌जुत्ता‌ ‌हेन‌ ‌दौडी‌ ‌चली‌ ‌आ‌ ‌रही‌‌ है‌।‌

3.‌ ‌जुत्ता‌ ‌को‌ ‌कितनी‌ ‌बार‌ ‌हराया‌ ‌गया‌?‌‌
उत्तर‌ :
‌जुत्ता‌ ‌को‌ ‌तीन‌ ‌बार‌ ‌हराया‌ ‌गया।‌

4.‌ ‌इतिहास‌ ‌के‌ ‌पन्नों‌ ‌में‌ ‌क्या‌ ‌दर्ज‌ ‌हो‌ ‌गयी‌‌?‌‌
उत्तर‌ :
यह‌ ‌बात‌ ‌इतिहास‌ ‌के‌ ‌पन्नों‌ ‌में‌ ‌दर्ज‌ ‌हो‌ ‌गयी‌ ‌कि‌‌ एक‌ ‌पोलियो‌ ‌ग्रस्त‌ ‌महिला‌ ‌1960‌ ‌के‌ ‌रोम‌ ‌ओलम्पिक‌ ‌में‌ ‌दुनिया‌ ‌की‌ ‌सबसे‌ ‌तेज़‌ ‌धावक‌ ‌बन‌‌ गयी।‌‌

5.‌ ‌उपर्युक्त‌ ‌गद्यांश‌ ‌किस‌ ‌पाठ‌ ‌से‌ ‌दिया‌ ‌गया‌ ‌है?‌‌
उत्तर‌ :
‌उपर्युक्त‌ ‌गद्यांश‌ ‌’हार‌ ‌के‌ ‌आगे‌ ‌जीत‌ ‌है’‌ ‌नामक‌‌ पाठ‌ ‌से‌ ‌दिया‌ ‌गया‌ ‌है।

अपठित‌ ‌-‌ ‌गद्यांश‌ ‌

‌निम्न‌ ‌लिखित‌ ‌गद्यांश‌ ‌पढ़कर‌ ‌दिये‌ ‌गये‌ ‌प्रश्नों‌ ‌के‌ ‌उत्तर‌ ‌विकल्पों‌ ‌में‌ ‌से‌ ‌चुनकर‌ ‌लिखिए।‌‌
प्रश्न‌ ‌:
1.‌ ‌रविवार‌ ‌का‌ ‌दिन‌ ‌था।‌ ‌श्रीमति‌ ‌स्टो‌ ‌गिरिजाघर‌ ‌गयी‌ ‌हुई‌ ‌थीं‌ ‌और‌ ‌वहाँ‌ ‌धर्मोपदेश‌ ‌सुन‌ ‌रही‌ ‌थी‌ ‌कि‌ ‌एक‌‌ साथ‌ ‌उनके‌ ‌मन‌ ‌में‌ ‌पुस्तक‌ ‌प्रारंभ‌ ‌कर‌ ‌देने‌ ‌की‌ ‌प्रेरणा‌ ‌उत्पन्न‌ ‌हुई‌ ‌और‌ ‌उन्होंने‌ ‌पहला‌ ‌अध्याय‌ ‌वहीं‌ ‌पर‌ ‌बैठे‌ ‌-‌ ‌बैठे‌ ‌लिख‌ ‌डाला।‌ ‌फिर‌ ‌उन्होंने‌ ‌वह‌ ‌अध्याय‌ ‌अपने‌ ‌बच्चों‌ ‌को‌ ‌सुनाया‌ ‌जिसे‌ ‌सुनकर‌ ‌बच्चों‌ ‌की‌ ‌आँखों‌ ‌से‌ ‌आँसू‌ ‌टप‌ ‌-‌ ‌टप‌ ‌गिरने‌ ‌लगे।‌ ‌इतने‌ ‌में‌ ‌श्रीमति‌ ‌स्टो‌ ‌के‌ ‌पतिदेव‌ ‌भी‌ ‌आ‌ ‌गये।‌ ‌बच्चों‌ ‌को‌ ‌रोते‌ ‌हुए‌ ‌देखकर‌ ‌वे‌ ‌आश्चर्यचकित‌ ‌रह‌ ‌गये।‌ ‌समझ‌ ‌में‌ ‌नहीं‌ ‌आया‌ ‌कि‌ ‌माजरा‌ ‌क्या‌ ‌है?‌ ‌तब‌ ‌श्रीमति‌ ‌स्टो‌ ‌ने‌ ‌वह‌ ‌अध्याय‌ ‌पति‌ ‌को‌ ‌भी‌ ‌सुनाया‌ ‌और‌ ‌वे‌ ‌भी‌ ‌रोने‌ ‌लगे।‌ ‌इस‌ ‌प्रकार‌ ‌प्रारंभ‌ ‌हुआ‌ ‌इस‌ ‌महत्वपूर्ण‌ ‌ग्रंथ‌ ‌का,‌ ‌जिसने‌ ‌आगे‌ ‌चलकर‌ ‌संसार‌ ‌में‌ ‌अक्षय‌ ‌कीर्ति‌ ‌प्राप्त‌ ‌की,‌ ‌जिसका‌ ‌अनुवाद‌ ‌शीघ्र‌ ‌ही‌ ‌संसार‌ ‌की‌ ‌तेईस‌ ‌भाषाओं‌ ‌में‌ ‌हो‌ ‌गया‌ ‌और‌ ‌जिसकी‌ ‌लाखों‌ ‌कापियाँ‌ ‌जनता‌ ‌के‌ ‌हाथों‌ ‌तक‌ ‌पहुँच‌ ‌गयीं।‌ ‌इस‌ ‌पुस्तक‌ ‌का‌ ‌नाम‌ ‌है‌ ‌-‌ ‌’अंकल‌‌ टाम्स‌ ‌केबिन’‌ ‌अर्थात्‌ ‌-‌ ‌’टाम‌ ‌काका‌ ‌की‌ ‌कुटिया।’‌ ‌
प्रश्न‌ ‌:
‌1.‌ ‌श्रीमति‌ ‌स्टो‌ ‌कहाँ‌ ‌गयी‌ ‌हुई‌ ‌थी‌?‌‌
A)‌ ‌गिरिजा‌ ‌घर‌
B)‌ ‌मंदिर‌
C‌)‌ ‌मसजिद‌
D)‌ ‌मदरसा
उत्तर‌ :
A)‌ ‌गिरिजा‌ ‌घर‌

2.‌ ‌श्रीमति‌ ‌स्टो‌ ‌गिरिजाघर‌ ‌में‌ ‌क्या‌ ‌सुन‌ ‌रही‌ ‌थी‌?‌‌
A)‌ ‌गीतोपदेश‌
‌B)‌ ‌खुरान‌
‌C)‌ ‌धर्मोपदेश‌
D)‌ ‌ये‌ ‌सब‌
उत्तर‌ :
‌C)‌ ‌धर्मोपदेश‌

3.‌ ‌उस‌ ‌पुस्तक‌ ‌का‌ ‌अनुवाद‌ ‌संसार‌ ‌के‌ ‌कितनी‌ ‌भाषाओं‌ ‌में‌ ‌हुआ?
A) 23‌
B)‌ ‌33
C)‌ ‌43‌‌
D)‌ ‌53‌
उत्तर‌ :
A) 23‌

4.‌ ‌उस‌ ‌पुस्तक‌ ‌का‌ ‌नाम‌ ‌क्या‌ ‌है?
A)‌ ‌मम्मी‌ ‌और‌ ‌डाडी‌‌
B)‌ ‌गिरिजाघर‌ ‌में‌ ‌मम्मी‌
‌C)‌ ‌अंकल‌ ‌टाम्स‌ ‌केबिन‌‌
D)‌ ‌डाडी‌ ‌का‌ ‌केबिन‌
उत्तर‌ :
‌C)‌ ‌अंकल‌ ‌टाम्स‌ ‌केबिन‌‌

5.‌ ‌श्रीमति‌ ‌स्टो‌ ‌किस‌ ‌दिन‌ ‌गिरिजाघर‌ ‌गई‌?‌
A)‌ ‌सोमवार‌‌
B)‌ ‌शुक्रवार‌
C)‌ ‌शनिवार‌
D)‌ ‌रविवार‌
उत्तर‌ :
D)‌ ‌रविवार‌

2.‌ ‌बूढ़ा‌ ‌बोला‌ ‌-‌ ‌’बेटा,‌ ‌तुम‌ ‌ठीक‌ ‌कह‌ ‌रहे‌ ‌हो।‌ ‌लेकिन‌ ‌यह‌ ‌पौधा‌ ‌मैं‌ ‌अपने‌ ‌लिए‌ ‌नहीं‌ ‌लगा‌ ‌रहा‌ ‌।‌ ‌एक‌‌ दिन‌ ‌वह‌ ‌पौधा‌ ‌बड़ा‌ ‌हो‌ ‌जाएगा।‌ ‌और‌ ‌पेड़‌ ‌बन‌ ‌जाएगा।‌ ‌यह‌ ‌अपनी‌ ‌छाया‌ ‌से‌ ‌आने‌ ‌-‌ ‌जानेवाले‌ ‌यात्रियों‌ ‌को‌ ‌आराम‌ ‌देगा।‌ ‌गर्मी‌ ‌और‌ ‌बरसात‌ ‌से‌ ‌उन्हें‌ ‌बचा‌ ‌सकेगा।‌ ‌जब‌ ‌इसमें‌ ‌फल‌ ‌लगेंगे‌ ‌तब‌ ‌शायद‌ ‌मैं‌ ‌इस‌‌ दुनिया‌ ‌में‌ ‌न‌ ‌रहूँ,‌ ‌लेकिन‌ ‌इससे‌ ‌बहुत‌ ‌से‌ ‌लोग‌ ‌इसके‌ ‌फल‌ ‌खा‌ ‌सकेंगे”।‌
‌प्रश्न‌ ‌:‌
‌1.‌ ‌पौधा‌ ‌क्या‌ ‌बन‌ ‌जाएगा?‌
A)‌ ‌बडा‌‌
B)‌ ‌जंगल‌
C)‌ ‌पेड‌‌
D)‌ ‌लता‌
उत्तर‌ :
C)‌ ‌पेड‌‌

2.‌ ‌जब‌ ‌पेड़‌ ‌को‌ ‌फल‌ ‌लगेंगे‌ ‌तब‌ ‌उन्हें‌ ‌कौन‌ ‌खायेंगे?
‌A)‌ ‌बूढ़ा‌
B)‌ ‌बहुत‌ ‌से‌ ‌लोग‌
‌C)‌ ‌बेटे‌‌
D)‌ ‌ये‌ ‌सब‌
उत्तर‌ :
B)‌ ‌बहुत‌ ‌से‌ ‌लोग‌

3.‌ ‌”बेटा,‌ ‌तुम‌ ‌ठीक‌ ‌कह‌ ‌रहे‌ ‌हो।‌ ‌लेकिन‌ ‌यह‌ ‌पौधा‌ ‌मैं‌ ‌अपने‌ ‌लिए‌ ‌नहीं‌ ‌लगा‌ ‌रहा”‌ ‌-‌ ‌इस‌ ‌वाक्य‌ ‌को‌ ‌किसने‌‌ कहा?‌
A)‌ ‌बूढ़ा‌
B)‌ ‌बेटे‌‌
C)‌ ‌बेटी‌‌
D)‌ ‌स्त्री
उत्तर‌ :
A)‌ ‌बूढ़ा‌

4.‌ ‌गर्मी‌ ‌और‌ ‌बरसात‌ ‌से‌ ‌यह‌ ‌हमें‌ ‌बचा‌ ‌सकेगा।‌‌
A)‌ ‌नदी‌
B)‌ ‌सागर‌
C)‌ ‌पेड़‌‌
D)‌ ‌फल‌
उत्तर‌ :
C)‌ ‌पेड़‌‌

5.‌ ‌उपर्युक्त‌ ‌इस‌ ‌अनुच्छेद‌ ‌में‌ ‌किसके‌ ‌बारे‌ ‌में‌ ‌बताया‌ ‌गया‌?‌‌
A)‌ ‌जानवरों‌ ‌के‌
B)‌ ‌पक्षियों‌ ‌के‌
C)‌ ‌पेड़ों‌ ‌के‌
‌D)‌ ‌मनुष्यों‌ ‌के‌
उत्तर‌ :
C)‌ ‌पेड़ों‌ ‌के‌

3.‌ ‌मनुष्य‌ ‌मृत्यु‌ ‌को‌ ‌असुन्दर‌ ‌ही‌ ‌नहीं,‌ ‌अपवित्र‌ ‌भी‌ ‌मानता‌ ‌है।‌ ‌उसके‌ ‌प्रियतम‌ ‌आत्मीय‌ ‌जन‌ ‌का‌ ‌शव‌ ‌भी‌‌ उसके‌ ‌निकट‌ ‌अपवित्र,‌ ‌अस्पृश्य‌ ‌तथा‌ ‌भयजनक‌ ‌हो‌ ‌उठता‌ ‌है।‌ ‌जब‌ ‌मृत्यु‌ ‌इतनी‌ ‌अपवित्र‌ ‌और‌ ‌असुन्दर‌ ‌है‌ ‌तब‌ ‌उसे‌ ‌बाँटेत‌ ‌घूमना‌ ‌क्यों‌ ‌अपवित्र‌ ‌और‌ ‌असुन्दर‌ ‌कार्य‌ ‌नहीं‌ ‌हैं,‌ ‌यह‌ ‌मैं‌ ‌समझ‌ ‌नहीं‌ ‌पाती।‌ ‌आकाश‌ ‌में‌ ‌रंग‌ ‌-‌ ‌बिरंगे‌ ‌फूलों‌ ‌की‌ ‌घटाओं‌ ‌के‌ ‌समान‌ ‌उड़ते‌ ‌हुए‌ ‌और‌ ‌वीणा,‌ ‌वंशी,‌ ‌मुरज,‌ ‌जलतंरग‌ ‌आदि‌ ‌का‌ ‌वृंदवादन‌ ‌बजाते‌ ‌हुए‌ ‌पक्षी‌ ‌कितने‌ ‌सुन्दर‌ ‌जान‌ ‌पड़ते‌ ‌हैं।‌ ‌मनुष्य‌ ‌ने‌ ‌बन्दूक‌ ‌उठायी,‌ ‌निशाना‌ ‌साधा‌ ‌और‌‌ कई‌ ‌गाते‌ ‌उडते‌ ‌पक्षी‌ ‌धरती‌ ‌पर‌ ‌ढेले‌ ‌के‌ ‌समान‌ ‌आ‌ ‌गिरे।‌ ‌किसी‌ ‌की‌ ‌लाल‌ ‌-‌ ‌पीली‌ ‌चोंचवाली‌ ‌गर्दन‌ ‌टूट‌ ‌श्य‌ ‌है,‌ ‌किसी‌ ‌के‌ ‌पीले‌ ‌सुन्दर‌ ‌पंजे‌ ‌टेढ़े‌ ‌हो‌ ‌गये‌ ‌हैं‌ ‌और‌ ‌किसी‌ ‌के‌ ‌इन्द्रधनुषी‌ ‌रख‌ ‌बिखर‌ ‌गये‌ ‌हैं।‌ ‌क्षत‌ ‌विक्षत‌ ‌रक्तस्रात‌ ‌उन‌ ‌मृत‌ ‌-‌ ‌अधमृत‌ ‌लघु‌ ‌गात्रों‌ ‌में‌ ‌न‌ ‌अब‌ ‌संगीत‌ ‌है,‌ ‌न‌ ‌सौंदर्य।‌ ‌परन्तु‌ ‌तब‌ ‌भी‌ ‌मारनेवाला‌ ‌अपनी‌ ‌सफलता‌ ‌पर‌ ‌नाच‌ ‌उठता‌ ‌है।‌ ‌पक्षी‌ ‌जगत‌ ‌में‌ ‌ही‌ ‌नहीं,‌ ‌पशु‌ ‌जगत‌ ‌में‌ ‌भी‌ ‌मनुष्य‌ ‌की‌ ‌ध्वंसलीला‌ ‌ऐसी‌ ‌ही‌ ‌निष्ठुर‌ ‌है।‌
प्रश्न‌ ‌:
‌1.‌ ‌मनुष्य‌ ‌मृत्यु‌ ‌को‌ ‌कैसा‌ ‌मानता‌ ‌है?‌
A)‌ ‌असुंदर‌ ‌-‌ ‌अपवित्र‌‌
B)‌ ‌सुंदर‌ ‌-‌ ‌पवित्र‌
C)‌ ‌पवित्र‌ ‌ही‌ ‌नहीं‌ ‌अवश्य‌‌
D)‌ ‌ये‌ ‌सब‌
उत्तर‌ :
A)‌ ‌असुंदर‌ ‌-‌ ‌अपवित्र‌‌

2.‌ ‌आकाश‌ ‌में‌ ‌सुंदर‌ ‌जान‌ ‌पड़ने‌ ‌वाले‌ ‌क्या‌ ‌है?
A)‌ ‌विमान‌‌
B)‌ ‌मेघ‌
C)‌ ‌पक्षी‌‌
D)‌ ‌ये‌ ‌सब‌
उत्तर‌ :
C)‌ ‌पक्षी‌‌

3.‌ ‌किसकी‌ ‌ध्वंस‌ ‌लीला‌ ‌निष्ठुर‌ ‌है?
A)‌ ‌पक्षी‌‌
B)‌ ‌पशु‌
C)‌ ‌मनुष्य‌‌
D)‌ ‌राक्षस‌
उत्तर‌ :
C)‌ ‌मनुष्य‌‌

4.‌ ‌मारनेवाला‌ ‌अपनी‌ ‌….‌ ‌पर‌ ‌नाच‌ ‌उठता‌ ‌है‌
A)‌ ‌असफलता‌
B)‌ ‌सफलता‌ ‌
C)‌ ‌तीर‌‌
D)‌ ‌संगीत‌
उत्तर‌ :
B)‌ ‌सफलता‌ ‌

5.‌ ‌मानव‌ ‌के‌ ‌प्रियतम‌ ‌आत्मीय‌ ‌जन‌ ‌का‌ ‌शव‌ ‌भी‌ ‌कैसे‌ ‌लगता‌ ‌है?‌‌
A)‌ ‌अपवित्र‌‌
B)‌ ‌अस्पृश्य‌
C)‌ ‌भयजनक‌
‌D)‌ ‌ये‌ ‌सब‌
उत्तर‌ :
‌D)‌ ‌ये‌ ‌सब‌

4.‌ ‌बापू‌ ‌के‌ ‌वे‌ ‌पक्के‌ ‌अनुयायी‌ ‌थे।‌ ‌जब‌ ‌से‌ ‌कांग्रेज‌ ‌ने‌ ‌अस्पृश्यता‌ ‌-‌ ‌निवारण‌ ‌संबंधी‌ ‌प्रस्ताव‌ ‌पास‌ ‌किया,‌‌ तभी‌ ‌से‌ ‌इस‌ ‌दिशा‌ ‌में‌ ‌उन्होंने‌ ‌काम‌ ‌शुरु‌ ‌कर‌ ‌दिया‌ ‌था।‌ ‌उस‌ ‌समय‌ ‌के‌ ‌वातावरण‌ ‌के‌ ‌अनुरूप‌ ‌जमनालालजी‌ ‌ने‌ ‌हरिजन‌ ‌-‌ ‌बस्तियों‌ ‌में‌ ‌प्रचारक‌ ‌रख‌ ‌दिये‌ ‌थे‌ ‌और‌ ‌हरिजन‌ ‌छात्रों‌ ‌को‌ ‌छात्रवृत्तियाँ‌ ‌देना‌ ‌शुरु‌ ‌कर‌ ‌दिया‌ ‌था।‌ ‌इसका‌ ‌सारा‌ ‌खर्च‌ ‌वे‌ ‌अपने‌ ‌पास‌ ‌से‌ ‌देते‌ ‌थे।‌ ‌पर‌ ‌इससे‌ ‌उनका‌ ‌दिल‌ ‌नहीं‌ ‌भरता‌ ‌और‌ ‌वे‌ ‌सोचा‌ ‌करते‌ ‌थे‌ ‌कि‌ ‌कोई‌ ‌बड़ा‌ ‌और‌ ‌ठोस‌ ‌काम‌ ‌इस‌ ‌दिशा‌ ‌में‌ ‌किया‌ ‌जाए।‌ ‌उन्हें‌ ‌सूझा‌ ‌कि‌ ‌हरिजनों‌ ‌को‌ ‌सार्वजनिक‌ ‌कुओं‌ ‌से‌ ‌पानी‌ ‌लेने‌ ‌की‌ ‌छूट‌ ‌होनी‌ ‌चाहिए‌ ‌और‌ ‌मंदिरों‌ ‌में‌ ‌देवदर्शन‌ ‌की‌ ‌इजाजत‌ ‌मिलनी‌‌ चाहिए।‌ ‌उन्होंने‌ ‌अपने‌ ‌घर‌ ‌में‌ ‌सुधार‌ ‌करने‌ ‌का‌ ‌निश्चय‌ ‌किया।‌
‌प्रश्न‌ ‌:
1.‌ ‌वे‌ ‌किसके‌ ‌पक्के‌ ‌अनुयायी‌ ‌थे‌?‌‌
A)‌ ‌नेहरू‌
B)‌ ‌शिवाजी‌
C)‌ ‌बापू‌‌
D)‌ ‌भारती‌
उत्तर‌ :
C)‌ ‌बापू‌‌

2.‌ ‌हरिजन‌ ‌छात्रों‌ ‌को‌ ‌छात्र‌ ‌वृत्तियाँ‌ ‌देना‌ ‌किसने‌ ‌शुरूकर‌ ‌दिया‌ ‌था‌?‌‌
A)‌ ‌जमनालाल‌ ‌जी
‌B)‌ ‌नेहरू‌ ‌जी‌
C)‌ ‌राजाजी‌
D)‌ ‌गाँधीजी‌
उत्तर‌ :
A)‌ ‌जमनालाल‌ ‌जी

3.‌ ‌अस्पृस्यता‌ ‌निवारण‌ ‌संबंधी‌ ‌प्रस्ताव‌ ‌किसने‌ ‌पास‌ ‌किया‌?‌
A)‌ ‌बापू‌‌
B)‌ ‌जमनालाल‌ ‌जी‌
C)‌ ‌कांग्रेस‌
‌D)‌ ‌ये‌ ‌सब‌
उत्तर‌ :
C)‌ ‌कांग्रेस‌

4.‌ ‌सार्वजनिक‌ ‌कुओं‌ ‌से‌ ‌पानी‌ ‌लेने‌ ‌की‌ ‌छूट‌ ‌किन्हें‌ ‌चाहिए?‌
A)‌ ‌जनजातीय‌ ‌लोगों‌ ‌को‌
B)‌ ‌हरिजनों‌ ‌को‌
C)‌ ‌हिन्दुओं‌ ‌को
D)‌ ‌इन‌ ‌सबको‌
उत्तर‌ :
B)‌ ‌हरिजनों‌ ‌को‌

5.‌ ‌हरिजन‌ ‌बस्तियों‌ ‌में‌ ‌इन्होंने‌ ‌प्रचारक‌ ‌रख‌ ‌दिये‌
A)‌ ‌बापू‌
B)‌ ‌जमनालाल‌ ‌जी‌
‌C)‌ ‌नेहरू‌‌
D)‌ ‌राजाजी‌ ‌
उत्तर‌ :
B)‌ ‌जमनालाल‌ ‌जी‌


AP Board Textbook Solutions PDF for Class 8th Hindi


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