Hsslive.co.in: Kerala Higher Secondary News, Plus Two Notes, Plus One Notes, Plus two study material, Higher Secondary Question Paper.

Wednesday, September 14, 2022

AP Board Class 8 Hindi निबंध लेखन Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 8th Hindi निबंध लेखन Book Answers

AP Board Class 8 Hindi निबंध लेखन Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 8th Hindi निबंध लेखन Book Answers
AP Board Class 8 Hindi निबंध लेखन Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 8th Hindi निबंध लेखन Book Answers


AP Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks Solutions and answers for students are now available in pdf format. Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Book answers and solutions are one of the most important study materials for any student. The Andhra Pradesh State Board Class 8th Hindi निबंध लेखन books are published by the Andhra Pradesh Board Publishers. These Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi निबंध लेखन textbooks are prepared by a group of expert faculty members. Students can download these AP Board STD 8th Hindi निबंध लेखन book solutions pdf online from this page.

Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks Solutions PDF

Andhra Pradesh State Board STD 8th Hindi निबंध लेखन Books Solutions with Answers are prepared and published by the Andhra Pradesh Board Publishers. It is an autonomous organization to advise and assist qualitative improvements in school education. If you are in search of AP Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Books Answers Solutions, then you are in the right place. Here is a complete hub of Andhra Pradesh State Board Class 8th Hindi निबंध लेखन solutions that are available here for free PDF downloads to help students for their adequate preparation. You can find all the subjects of Andhra Pradesh Board STD 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks. These Andhra Pradesh State Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks Solutions English PDF will be helpful for effective education, and a maximum number of questions in exams are chosen from Andhra Pradesh Board.

Andhra Pradesh State Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Books Solutions

Board AP Board
Materials Textbook Solutions/Guide
Format DOC/PDF
Class 8th
Subject Hindi
Chapters Hindi निबंध लेखन
Provider Hsslive


How to download Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbook Solutions Answers PDF Online?

  1. Visit our website - Hsslive
  2. Click on the Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Answers.
  3. Look for your Andhra Pradesh Board STD 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks PDF.
  4. Now download or read the Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbook Solutions for PDF Free.


AP Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks Solutions with Answer PDF Download

Find below the list of all AP Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbook Solutions for PDF’s for you to download and prepare for the upcoming exams:

1. पुस्तकालय (ग्रन्थालय)(గ్రంథాలయము)

ग्रन्थालय में अनेक प्रकार की पुस्तकें रखी जाती हैं। कुछ पुस्तकों से केवल मनोविनोद होता है। कुछ पुस्तकों को पढ़ने से ज्ञान प्राप्त होता है। पुस्तकें अच्छे मित्र के समान जीवन भर काम आती हैं।

साधारणतया पुस्तकालय में सभी दैनिक पित्रकाओं के साथ कई विशेष पत्रिकाएँ और बडे-बडे ग्रन्थों के साथ सभी आवश्यक किताबें इतिहास, भूगोल विज्ञान आदि किताबों के अतिरिक्त, कहानियाँ, उपन्यास, नाटक आदि किताबों का इन्तज़ाम होता है। जो लोग इन सब किताबों को खरीदकर नहीं पढ़ सकते हैं, उनके लिए ग्रन्थालय अत्यन्त लाभदायक है।

हमारे देश में तंजावूर के सरस्वती ग्रन्थालय अत्यन्त महत्व का है। ऐसे ग्रन्थालय देश में कई स्थानों पर स्थापित करने की अत्यन्त आवश्यकता है। साधारणतः हर एक गाँव में छोटे-छोटे ग्रन्थालयों के होने की अत्यंत आवश्यकता है।

2. समाचार-पत्र (వార్తాపత్రిక)

आजकल दुनियाँ में समाचार पत्रों का महत्वपूर्ण स्थान है। इनसे हमें संसार के सभी प्रातों के समाचारों के अतिरिक्त राजनैतिक टीका-टिप्पणी, अच्छे-अच्छे लेख, वस्तुओं के भाव कई प्रकार के विज्ञापन और सिनेमा संबंधी सचित्र विज्ञान आदि प्रकाशित होते हैं। संसार के सभी प्रांतों के समाचार शीघ्र ही पहुँचाते हैं।
समाचार पत्र कई प्रकार के होते हैं। इनमें दैनिक पत्रों की बड़ी माँग होती है। इसके अलावा साप्ताहिक, मासिक और पाक्षिक पत्र भी देश की विभिन्न भाषाओं में निकलते हैं। दैनिक पत्रों में राजनीति, समाज और विज्ञापन संबंधी सुन्दर लेख प्रकाशित होते हैं। सुन्दर कहानियाँ और धारावाहिक उपन्यास भी प्रकाशित होते रहते हैं। आजकल व्यापार, अर्थशात्र, सिनेमा आदि क्षेत्रों में विशेष पत्र, पत्रिकाएँ भी निकली हैं। मन बहलाव और ज्ञान -विज्ञान के लिये ये समाचार पत्र बहुत उपयोगी सिद्ध होते हैं।

3. सिनेमा से लाभ और हानि (సినిమా లాభ నష్టములు)

सिनेमा या चलन-चित्र से हमें कई लाभ हैं। एक गरीब आदमी घूम फिरकर संसार के सभी सुन्दर दृश्य नहीं देख सकता । लेकिन इनके द्वारा आसानी से थोडा समय और थोडे पैसों से देख सकता है। हम काम करते-करते थक जाते हैं। इसलिए मनोरंजन के बिना अपने काम अधिक समय तक नहीं कर सकते हैं। थोडे से मनोरंजन से हम में स्फूर्ति आती है और काम करने का नया उत्साह पैदा होता है। इन चलन चित्रों से हम बहुत विषय सीख सकते हैं। कई चलनचित्रों के द्वारा राष्ट्रीय भाषाओं का प्रचार भी हो रहा है। देश भक्ति संबन्धी कई प्रकार के दृश्य दिखाये जा रहे हैं। इसके ज़रिए समाज सुधार का काम आसानी से हो सकता है। समाज के दुराचार दिखाकर उनको दूर करने का प्रयत्न किया जा सकता है। ___ सिनेमाओं से बहुत हानियाँ भी हैं। पैसा कमाने के उद्देश्य से आजकल के निर्माता उत्तम चित्र नहीं बनाते । ताकि दुष्परिणामों का असर युवकों पर पड़ता है और वे बिगडे जा रहे हैं। सिनेमाओं को अधिक देखने से आँखों के रोग बढ जाते हैं।

4. विद्यार्थी जीवन (విద్యార్థి జీవితము)

जो बालक विद्या का आर्जन करता है उसे विद्यार्थी कहते हैं। जो विद्यार्थी महान व्यक्तियों से अच्छी बातों को सीखना चाहता है। वही आदर्श विद्यार्थी बन सकता है। आदर्श विद्यार्थी को अपने हृदय में सेवा का भाव रखना चाहिए। उसको अच्छे गुणों को लेना चाहिये। उसको विनम्र और आज्ञाकारी बनना चाहिए। उसको शांतचित्त से अपने गुरु के उपदेशों को सुनना चाहिए। उसको सरलता और सादगी की ओर ध्यान देना चाहिए। उसको स्वच्छ पवित्र जीवन बिताना चाहिए। उसको स्वावलंबी बनना चाहिये। उसको अपने कर्तव्य को निभाना चाहिए। उसको समाज और देश का उपकार करना चाहिए। महापुरुषों की जीवनियों से प्रेरणा लेनी चाहिए । उसको समय का सदुपयोग करना चाहिये। आदर्श विद्यार्थी को सच्चा और सदाचारी बनना चाहिए।

5. किसी राष्ट्रीय त्योहार (पन्द्रह अगस्त) (జాతీయ పండగ) (ఆగష్టు 15)

हमारे भारत में कई तरह के त्योहार मनाये जाते हैं। जैसे दीपावली, दशहरा,क्रिसमस, रमज़ान आदि। इनके अतिरिक्त कुछ ऐसे त्योहार हैं जिनका राष्ट्रीय महत्व होता है। उन त्योहारों को सभी धर्मों के लोग समान रूप से मनाते हैं। भारत का गणतंत्र दिवस, अगस्त पन्द्रह का स्वतंत्र दिवस आदि राष्ट्रीय त्योहार है।

हमारे स्कूल में इस वर्ष अगस्त पन्द्रह का स्वतंत्र दिवस बड़े धूम-धाम से मनाया गया । विद्यालय में सर्वत्र रंग-बिरंगे झण्डे फहराये गये। सब लडके प्रातःकाल की प्रार्थना के लिए निकल पड़े । आठ बजे राष्ट्रीय झण्डे की वंदना की गयी । स्काऊट तथा एन. सी. सी. संबन्धी विन्यास हुए। इस अवसर पर खेल-कूद की प्रतियोगिताएं हुयी। विजेताओं को पुरस्कार बाँटी गयीं। दोपहर को सभा हुई। हमारे प्रधानाध्यापक महोदय और अन्य अध्यापक महोदयों ने राष्ट्रीय त्योहारों के महत्व एवं विद्यार्थियों में देशभक्ति और सेवा की भावनाएँ जागृत की हैं। इन त्योहारों से हमारे नेता और उनकी कुर्बानियों की याद बनी रहती है।

6. राष्ट्रभाषा हिन्दी (జాతీయబాష హిందీ)

भारत एक विशाल देश है। इसमें अनेक राज्य हैं। प्रत्येक राज्य की अपनी प्रादेशिक भाषा होती हैं। . राज्य की सीमा के अंदर प्रादेशिक भाषा में काम चलता हैं। परंतु राज्यों के बीच में व्यवहार करने के लिए एक सामान्य संपर्क भाषा की आवश्यकता है। देश की प्रादेशिक भाषाओं में जिसे अधिक लोग बोलते और समझते हैं वही देश की राष्ट्र भाषा बन सकती है। इन सभी गुणों के होने के कारण प्राचीन संस्कृति और सभ्यता से पूर्ण होने के कारण हिन्दी भाषा राष्ट्रभाषा घोषित की गयी है।

इसलिए देश के करोड़ों लोगों से बोली जानेवाली हिन्दी को हमारे संविधान ने राष्ट्रभाषा घोषित की अंतर प्रांतीय और अखिल भारतीय व्यवहारों के लिए हिन्दी का उपयोग किया जाता है। प्रत्येक राज्य में वहाँ की प्रादेशिक भाषा, राज्यभाषा बनी ।

7. समय का मूल्य (సమయము యొక్క విలువ)

हमारे जीवन में जो समय बीत गया है फिर नहीं आयेगा। जो समय का मूल्य नहीं जातने हैं, वे समय का दुरुपयोग करते हैं। जो बचपन में पढाई से जी चुरा लेते हैं उन्हें आगे चलकर पछताना पड़ता है। जो समय का सदुपयोग करते हैं, वे जीवन में उन्नति अवश्य पाते हैं। जो सुस्त रहते हैं वे समय का दुरुपयोग करते हैं और आज का काम कल पर डालते रहते हैं, समय का महत्व नहीं जानते हैं। जो समय का महत्व जानते हैं वे समय का सदुपयोग करते हैं। महात्मा गाँधीजी समय के बडे पाबन्द थे।

छात्रों को समय पालन की बड़ी आवश्यकता है उन्हें व्यायाम, अध्ययन सैर सपाटे आदि के लिए समय निश्चित कर लेना चाहिए। समय निश्चित करना पर्याप्त नहीं है। नियमपूर्वक उसका पालन करना अत्यन्य आवश्यक है। बचपन से समय पालन करना अत्यंत आवश्यक है। जो समय पालन का अच्छा अभ्यास करते हैं, वे आगे चलकर अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।

8. व्यायाम से लाभ (వ్యాయామం వలన లాభాలు)

व्यायाम से बहुत लाभ हैं। व्यायाम शक्ति देने वाला है और सफलता का साधन भी है। इसीलिए व्यायाम स्वास्थ्य और सफलता की कुंजी कहलाता है। नियम के अनुसार व्यायाम करेंगे तो हमेशा नीरोग रहते हैं। तंदुरुस्ती बनी रहती है।

व्यायाम करने की बहुत रीतियाँ हैं। कुस्ती लडना, कसरत करना, खेलना-कूदना, दन्ड-बैठक आदि व्यायाम के भेद माने जाते हैं। टहलना और घूमना भी एक प्रकार का व्यायाम है। व्यायाम करने से श्वासक्रिया खूब होती है। उससे शरीर का रक्त शुद्ध होता है। शुद्ध रक्त से स्वास्थ्य बना रहता है और जल्दी कोई बीमारी नहीं होती । व्यायाम करने से पाचन शक्ति बढती है और शरीर में स्फूर्ति आती है।

9.जनवरी 26 (జనవరి 26)

जनवरी को गणतंत्र दिवस कहते हैं। 1950 में इसी दिन पहले-पहल स्वतंत्र भारत का नया संविधान बनाया गया था । उसकी यादगार में इस दिन सारे देश में आनंद और उत्साह से मनाते हैं क्योंकि 26 जनवरी को ही देश को पूर्ण स्वाधीन की शपथ ली गयी थी। इसके पहले “स्वाधीनता दिवस” नाम से मनाया जा रहा था ।

यह गणतंत्र दिवस सारे भारत में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। लेकिन हमारी राजधानी दिल्ली में इसकी शोभा निराली होती है। इस दिन सभी को छुट्टी मिलती है। बाज़ार बन्द रहते हैं। दिल्ली में जल, स्थल और वायुसेना के टुकड़ियाँ राष्ट्रपति को वंदना करती है। इस समारोह को देखने के लिए दूर-दूर से लोग दिल्ली पहुँचते हैं।

इस दिन राष्ट्रपति सजधजकर अभिवादन स्वीकार करते हैं। प्रधान मंत्री राष्ट्रपति का स्वागत करते हैं।

10. दूरदर्शन (టేలివిజన్)

दूरदर्शन को ‘टेलिविज़न’ भी कहते हैं। “टेली”का अर्थ है दूर और “विज़न” का अर्थ है प्रतिबिंब जिस यन्त्र की सहायता से दूर-दूर के दृश्यों का प्रतिबिंब हम घर बैठे देख सकते हैं उसे दूरदर्शन कहते हैं। देखने में यह रेडियो जैसा होता है। इसमें एक परदा लगा रहता है। परदे पर सारे दृश्य दिखायी देते हैं। फ़िल्म और नाटक भी देख सकते हैं। इसमें दृश्य और ध्वनि दोनों का समन्वय प्रसार किया जाता है। इन्हें प्रसारित करने का साधन रेडियो स्टेशन के समान होता है । इसकी महानता का श्रेय महान वैज्ञानिक डॉ. भाभा के प्रयत्नों से हैं।

दूरदर्शन से बहुत लाभ हैं। व्यापार, सामाजिक कार्य, वाद-विवाद, खेल, कृषि विज्ञान, नृत्य आदि इसके द्वारा दिखाये जा सकते हैं। दिन -ब-दिन इसकी माँग बढ़ रही है। अब गाँवों में भी इसका प्रसार अच्छी तरह हो रही है। इसके सुधार में वैज्ञानिक रात – दिन काम कर रहे हैं।

11. पाठशाला में रवेलों का महत्व (పాఠశాలలో ఆటలు గొప్పదనం)

विद्या का उद्देश्य बालक का सर्वतोमुखी विकास करना है। याने शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक | पाठ्य पुस्तकों के द्वारा विद्यार्थी का मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है। मगर शारीरिक रूप से उसे मज़बूत बनाने के लिए व्यायाम की ज़रूरत है। व्यायाम का दूसरा रूप ही खेल है। इसलिए पाठशाला में खोलों का आयोजन किया गया है। खेल सिखाने के लिए विशेष अध्यापकों को नियुक्त भी किया गया है।

कबड्डी, खो-खो, वालीबॉल, हॉकी, टेनिस, टेन्नीकाइट, बैडमेंटन आदि तरह-तरह के खेल खेलाये जाते हैं। इससे विद्यार्थी मज़बूत बनते हैं। उत्साह बढ़ता है। खून साफ़ होता है। पढ़ाई में मन लगा सकता है।

अगर विद्यार्थी बलहीन और बीमारग्रस्त होता है, तो वह पढ़ाई में मन लगा नहीं सकता है। वह पढ़ाई में सब बच्चों से पीछे पड़ जाता है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है। इस उक्ति को दृष्टि में रखकर ही पाठशाला में खेलों के लिए स्थान दिया गया है। खेलों का बड़ा महत्व है। खेलों से छात्रों में होड का भाव बढ़ता है। हर विषय में प्रथम रहने का भाव बढ़ जाता है।

12. बाल दिवस (బాలల దినోత్సవం)

पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधान मंत्री थे। वे आधुनिक भारत के निर्माता हैं। वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे । बच्चे भी बड़े प्यार से उनको चाचा नेहरू कहते थे। उनका जन्म नवंबर 14 को हुआ था। इसलिए हर साल नवंबर 14 को बाल दिवस मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों को छुट्टी दी जाती है।

बाल दिवस के दिन बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। स्कूलों में बच्चों के लिए लेखन, भाषण, चित्रकला आदि में प्रतियोगिता होती है । विजेताओं को पुरस्कार दिये जाते हैं। बच्चों से संबंधित फ़िल्मों का प्रदर्शन किया जाता है। बच्चों में मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं।

नेहरूजी के जीवन से संबंधित कुछ कार्यक्रम भी होते हैं। नेहरूजी की सेवाओं की याद करते हैं। कहींकहीं स्वस्थ और सुंदर बालकों को पुरस्कार देते हैं । कुछ शहरों में गरीब बच्चों को कपडे, मिठाइयाँ आदि बाँटते हैं।

13. मध्यपान निषेध (మద్యపాన నిషేధం)

प्रस्तावना :
मनुष्य सामाजिक प्राणी है। इस संसार में उसे अनेक कष्टों का सामना करना पडता है। दुःख भी भोगना पडता है। उन्हें भूलने के लिए अनेक उपाय करता है। मनोरंजन के साधन भी इसी उद्देश्य से बने हुए हैं। मद्य या नशे का सेवन भी इसी उद्देश्य से किया जाता है। नशे के सेवन से वह सामान्य स्थिति को कुछ समय तक भूल जाता है। उसे कुछ समय तक एक प्रकार की शांति का अनुभव होता है। लेकिन यह बुरी आदत है। इसकी आदत होने पर अधिक से अधिक सेवन करता रहता है। इसलिए तबीयत खराब होकर जीवन को नष्ट कर लेता है। सामाजिक दृष्टि से यह हानिकारक माना जाता है।

विषय विश्लेषण :
संसार में मद्यपान संबंधी अनेक चीजें हैं। उनके उपयोग से मनुष्य नाश हो जाता है। शराब, भंग, अफीम, तंबाकू आदि बुहत सी वस्तुएँ विनाशकारक हैं। इनके व्यापार से बडा लाभ होता है और सरकार का कोश भी भर जाता है। इस आदत के वशीभूत होने पर उसे छोडना असंभव होता है।

उपसंहार :
मद्यपान की आदत से जुआ और वेश्यागमन में बन्दी होकर जीवन को दुःखमय कर ले रहे हैं। अतः सरकार का कर्तव्य है कि मद्यपान निषेध में काठिन्यता दिखाकर निषेध करने की अत्यंत आवश्यकता है। इससे गरीब लोगों की बडी सहायता होती है। उनका जीवन सुखमय बन सकता है।

14. राष्ट्रभाषा हिन्दी (జాతీయబాష హిందీ)

प्रस्तावना :
भारत एक विशाल देश है। इसमें अनेक राज्य हैं। प्रत्येक राज्य की अपनी प्रादेशिक भाषा होती है। राज्य के अंदर प्रादेशिक भाषा में काम चलता है। परंतु राज्यों के बीच व्यवहार के लिए एक संपर्क भाषा की आवश्यकता है। सारे देश के काम जिस भाषा में चलाये जाते हैं, उसे राष्ट्रभाषा कहते हैं। राष्ट्रभाषा के ये गुण होते हैं।

  1. वह देश के अधिकांश लोगों से बोली और समझी जाती है।
  2. उसमें प्राचीन साहित्य होता है।
  3. उसमें देश की सभ्यता और संस्कृति झलकती है।

हमारे देश में अनेक प्रादेशिक भाषाएँ हैं। जैसे – हिन्दी, बंगाली, उडिया, मराठी, तेलुगु, तमिल, कन्नड आदि। इनमें अकेली हिन्दी राष्ट्रभाषा बनने योग्य है। उसे देश के अधिकांश लोग बोलते और समझते हैं। उसमें प्राचीन साहित्य है। तुलसी, सूरदास, जयशंकर प्रसाद जैसे श्रेष्ठ कवियों की रचनाएँ मिलती हैं। उसमें हमारे देश की सभ्यता और संस्कृति झलकती है। यह संस्कृत गर्भित भाषा है। इसी कारण हमारे संविधान में हिन्दी राष्ट्रभाषा बनायी गयी। सरकारी काम – काज हिन्दी में हो रहे हैं। हिन्दी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि है। इस लिपि की यह सुलभ विशेषता है कि – इसमें जो लिखा जाता है वही पढ़ा जाता है।

उपसंहार :
भारतीय अखंडता और एकता के लिए हिन्दी का प्रचार और प्रसार अत्यंत अनिवार्य है। हर एक भारतीय को हिन्दी सीखने की अत्यंत आवश्यकता है। इसके द्वारा ही सभी प्रान्तों में एकता बढ़ सकती है। और आपस में मित्रता भी बढ़ सकती है।

15. कंप्यूटर (కంప్యూటర్)

प्रस्तावना :
यह विज्ञान का युग है। कुछ वर्ष पहले संसार के सामने एक नया आविष्कार आया उसे अंग्रेज़ी में कम्प्यूटर और हिन्दी में संगणक कहते हैं।

भूमिका (लाभ) :
आज के युग को हम कम्प्यूटर युग कह सकते हैं। आजकल हर क्षेत्र में इसका ज़ोरदार उपयोग और प्रयोग हो रहा है। चाहे व्यापारिक क्षेत्र हो, राजनैतिक क्षेत्र हो, यहाँ तक कि विद्या, वैद्य और संशोधन के क्षेत्र में भी ये बडे सहायकारी हो गये हैं। इसे हिन्दी में “संगणक” कहते हैं। गणना, गुणना आदि यह आसानी से कर सकता है। मनुष्य की बौद्धिक शक्ति की बचत के लिए इसका निर्माण हुआ है। आधुनिक कम्प्यूटर के निर्माण में चार्लस बाबेज और डॉ. होवर्ड एकन का नाम मशहूर हैं।

विषय प्रवेश :
परीक्षा पत्र तैयार करना, उनकी जाँच करना – इसके सहारे आजकल पूरा किया जा रहा है। जिस काम के लिए सैकड़ों लोग काम करते हैं, उस काम को यह अकेला कर सकता है। हम जिस समस्या का परिष्कार नहीं कर पाते हैं, उसे यह आसानी से सुलझा सकता है।

विश्लेषण :
चिकित्सा के क्षेत्र में भी इसका उपयोग बडे पैमाने पर हो रहा है। इसके द्वारा यह सिद्ध हो गया कि – ” सब तरह के काम यह कर सकता है।”

उपसंहार :
इसकी प्रगति दिन – ब – दिन हो रही है। रॉकेटों के प्रयोग, खगोल के अनुसंधान में इसके ज़रिये कई प्रयोग हो रहे हैं। यह वैज्ञानिकों के लिए एक वरदान है। हर छात्र को इसका प्रयोग करना सीखना है। इसके द्वारा देश की अभिवृद्धि अवश्य हो सकती है। लेकिन बेरोज़गारी बढने की संभावना है।

16.आदर्श नेता (ఆదర్శ ఆదర్శ నాయకుడు)

प्रस्तावना :
गाँधीजी भारत के सभी लोगों के लिए भी आदर्श नेता थे। उन्होंने लोगों को सादगी जीवन बिताने का उपदेश दिया। स्वयं आचरण में रखकर, हर कार्य उन्होंने दूसरों को मार्गदर्शन किया। नेहरू, पटेल आदि महान नेता उनके आदर्श पर ही चले हैं। महात्मा गाँधीजी मेरे अत्यंत प्रिय नेता हैं।

जीवन परिचय :
गाँधीजी का जन्म गुजरात के पोरबन्दर में हुआ। बैरिस्टर पढकर उन्होंने वकालत शुरू की। दक्षिण अफ्रीका में उनको जिन मुसीबतों का सामना करना पड़ा। उनके कारण वे आज़ादी की लड़ाई में कूद पडे। असहयोग आन्दोलन, नमक सत्याग्रह, भारत छोडो आदि आन्दोलनों के ज़रिए लोगों में जागरूकता लायी। अंग्रेजों के विरुद्ध लडने के लिए लोगों को तैयार किया। वे अहिंसावादी थे। समय का पालन करनेवाले महान पुरुषों में प्रमुख थे। उनके महान सत्याग्रहों से प्रभावित होकर अंग्रेज़ भारत छोडकर चले गये। अगस्त 15,1947 को भारत आज़ाद हुआ। महात्मा गाँधीजी के सतत प्रयत्न से यह संपन्न हुआ।

उपसंहार :
गाँधीजी की मृत्यु नाथुरां गाड्से के द्वारा 30 – 1 – 1948 को बिरला भवन में हुई। गाँधीजी का जीवन, चरित्र आदि का प्रभाव मेरे ऊपर पड़ा है। वे हमारे लिए आदर्श नेता ही नहीं, महान प्रिय नेता भी हैं।

17. पंड (వృక్షాలు)

मानव जीवन में पेडों का महत्वपूर्ण स्थान हैं। पेड को पादप, वृक्ष, और तरु भी कहते हैं। पेडों से हमें कई लाभ मिलते हैं। जैसे :

  • पेड हमें फूल – फल देते हैं। पेड हमें छाया देते हैं।
  • पेड पक्षियों का आवास स्थान है। पेड पर्यावरण में संतुलन लाते है।
  • पेडों से हमें औषधियाँ मिलती है। पेड़ वर्षा देते है।
  • पेडों से हमें आक्सिजन मिलता है।
  • पेड जब सूख जाते हैं। तब उन से हम मेज़, कुर्सियाँ, दरवाजे, नावें आदि बनाते हैं।
  • पेड पृथ्वी को गरमी से बचाते हैं। पेडों के कारण ऋतुएँ समय पर आते हैं। इसलिए कहा जाता है कि वृक्षो रक्षिति रक्षितः। यदि वृक्षों को हम रक्षा करें तो वे हमारी रक्षा करते हैं।

18. दीवाली (దీపావళి)

दीपावली एक राष्ट्रीय त्योहार है। यह किसी न किसी रूप में भारत भर में मनाया जाता है। दीपावली हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है। यह दक्षिण भारत में आश्विन मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह अन्धकार पर प्रकाश डालनेवाला त्योहार है। इस त्योहार के संबन्ध में एक कहानी प्रसिद्ध है कि प्राचीनकाल में नरकासुर नामक एक क्रूर राक्षस रहता था । वह सभी को बहुत सताता था। बहुत स्त्रियों को कारागार में बन्दकर दिया था। लोगों में त्राहि-त्राहि मच गई । सभी लोगों ने जाकर भगवान कृष्ण से प्रार्थना की हैं कि उस राक्षस को मारकर हमारी रक्षा कीजिए। श्रीकृष्ण ने सत्यभामा समेत जाकर नरकासुर को युद्ध में मार डाला। उस दिन की याद में लोग हर साल दीवाली मनाते हैं। उस दिन लोग घरों को साफ़ करके घर-घर में दीप जलाकर खुशी मनाते हैं। बच्चे नये कपडे पहनकर पटाखे आदि छोडते हैं। पकवान खाते हैं। बन्धु लोग आते हैं। मंदिर में जाकर भगवान की पूजा करते हैं। खासकर लक्ष्मी की पूजा करते हैं। उस दिन से व्यापारी लोग पुराने हिसाब ठीक करके नये हिसाब शुरू करते हैं।

19. पर्यावरण और प्रदूषण (వాతావరణ కాలుష్యము)

पर्यावरण याने वातावरण है। पर्यावरण में संतुलन होना चाहिए। नहीं तो हमें कई हानियाँ होती हैं। पशु, पक्षी और हम सब मनुष्य हवा में से आक्सीजन लेते हैं और कार्बन-डाइ-आक्सइड छोडते हैं। यह इसी रूप में पर्यावरण में फैलता है। पेड-पौधों की सहायता से पर्यावरण संतुलित हो जाता है।

पर्यावरण के असंतुलन से मौसम समय पर नहीं आता और वर्षा नियमित रूप से नहीं होते । वर्षा हुई भी तो कहीं अतिवृष्टि कहीं अल्पवृष्टि होती है।

पर्यावरण के प्रदूषण को रोकने में हम सब सहयोग दे सकते हैं। सबसे पहले तो हम गंदगी न फैलाएँ। अपने आसपास की नालियों को साफ़ रखें। कूडा – कचरा जहाँ-तहाँ न फेंकें। जंगल के वृक्ष न काटें। हमारे यहाँ पेड लगाना पुण्य कार्य माना गया है।

पर्यावरण हमारा रक्षा कवच है। हमारे स्वस्थ जीवन का आधार साफ़-सुथरा पर्यावरण ही है। पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें उपर्युक्त कामों को करना चाहिए।

20. वृक्ष हमारे साथी (వృక్షాలు మన మిత్రులు)

प्रस्तावना :
वृक्ष या पेड हमारे साथी हैं। जीवन की राह में वे हमारी मदद करते ही रहते हैं। वे न केवल हमारे साथी हैं, बल्कि पशु-पक्षी के भी साथी हैं। वृक्ष महान होते हैं। उन्हीं के नीचे सिध्दार्थ ने ज्ञान प्राप्त कर लिया है। वे मानव समाज के अनादि से मित्र हैं। प्रकृति की शोभा इनसे ही बढ़ती है। वृक्ष हमारे साथी हैं। वे सदा हमें अपनी छाया प्रदान करके लाभ पहुंचाते हैं।
1) मानव को फूल, फल और छाया देते हैं। ईधन देते हैं।
2) अनेक प्रकार की उपयोगी चीजें इनसे मिलती हैं।

विश्लेषण :
जैसे दरवाज़े, कुर्सियाँ, गाडियाँ इत्यादि।
4) अपनी हरियाली से पर्यावरण को संतुलित रखते हैं।
5) प्राणवायु प्रदान करते हैं। गृह निर्माण में काम आते हैं।

उपसंहार :
हमें वृक्षारोपण को बनाये रखना चाहिए। वृक्षों का संरक्षण करना चाहिए। वृक्षों की पूजा करनी चाहिए क्योंकि वे हमारे साथी हैं। हम इनकी रक्षा करें तो वे हमारी रक्षा करेंगे।

21. आधुनिक विज्ञान की प्रगति (ఆధునిక విజ్ఞాన ప్రగతి)

प्रस्तावना :
आज का युग विज्ञान का है। विज्ञान ने प्रकृति को जीत लिया है। मानव जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है। दिन-ब-दिन विज्ञान में नये-नये आविष्कार हो रहे हैं। इनका सदुपयोग करने से मानव कल्याण होगा। दुर्विनियोग करने से बहुत नष्ट यानी मानव विनाश होगा।
विज्ञान से ये लाभ हैं –

  1. मोटर, रेल, जहाज़, हवाई जहाज़ आदि विज्ञान के वरदान हैं। इनकी सहायता से कुछ ही घंटों में सुदूर प्रांतों को जा सकते हैं।
  2. समाचार पत्र, रेडियो, टेलिविज़न आदि विज्ञान के आविष्कार हैं। ये लोगों को मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान प्रदान करते हैं।
  3. बिजली हमारे दैनिक जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। बिजली के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
  4. बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए आवश्यक आहार पदार्थों की उत्पत्ति में सहायक है।
  5. नित्य जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायकारी है। लोगों के जीवन को सरल तथा सुगम बनाया है।
  6. रोगों को दूर करने के लिए कई प्रकार की दवाओं और अनेक प्रकार के उपकरणों का आविष्कार . किया है।
  7. विज्ञान ने अंधों को आँख, बधिरों को कान और गूगों को ज़बान भी दी है।

विज्ञान से कई नष्ट भी हैं –

  1. विज्ञान ने अणुबम, उदजन बम, मेगटन बम आदि अणु अस्त्रों का आविष्कार किया। इनके कारण विश्व में युद्ध और अशांति का वातावरण है।
  2. मनुष्य आलसी, तार्किक और स्वार्थी बन गया है। उपसंहार : उसका सदुपयोग करेंगे तो वह कल्याणकारी ही होगा। आज दिन-ब-दिन, नये-नये आविष्कार हो रहे हैं। इनसे हमें अत्यंत लाभ है।

22. कृत्रिम उपग्रह (కృత్రిమ ఉపగ్రహం)

प्रस्तावना (भूमिका) :
ग्रहों की परिक्रमा करने वाले आकाशीय पिंडों को उपग्रह कहते हैं। कृत्रिम उपग्रह तो मानव द्वारा बनाये गये ऐसे यंत्र हैं, जो धरती के चारों ओर निरंतर घूमते रहते हैं।

विषय विश्लेषण :
अंतरिक्ष के रहस्यों का अध्ययन करने के लिए सर्वप्रथम रूस ने 1957 में स्पुतनिक -1 कृत्रिम उपग्रह को अंतरिक्ष में छोडा था। भारत ने अपना पहला उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ को 1975 में अंतरिक्ष में छोडा था। दूसरा भास्कर – 1 को 1979 को छोड़ा था। इसके बाद भारत ने रोहिणी, एप्पल और भास्कर – 2 को भी छोडा था। उन उपग्रहों को अंतरिक्ष में रॉकेटों की सहायता से भेजा जाता है। ये धरती की परिक्रमा करने लगते हैं। परिक्रमा करनेवाले मार्ग को उपग्रह की कक्षा कहते हैं। इन कृत्रिम उपग्रहों से हमें बहुत कुछ प्रगति करने का अवसर मिला। धरती एवं अंतरिक्ष के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है।

निष्कर्ष :
अनेक प्रकार की वैज्ञानिक खोजों के लिए कृत्रिम उपग्रहों का निर्माण किया गया। ये कई प्रकार के होते हैं। वैज्ञानिक उपग्रह, मौसमी उपग्रह, भू – प्रेक्षण उपग्रह, संचार उपग्रह आदि। वैज्ञानिक उपग्रह, वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए और रक्षा उपग्रह सैनिकों की रक्षा के लिए काम आते हैं। मौसम उपग्रह से मौसमी जानकारी प्राप्त करते हैं। भू – प्रेक्षण से भू संपदा, खनिज संपदा, वन, फसल, जल आदि की खोज होती है। संचार उपग्रहों से टेलिफ़ोन और टेलिविज़न संदेश भेजे जाते हैं और पाये जाते हैं। आजकल के सभी वैज्ञानिक विषय कृत्रिम – उपग्रहों पर आधारित होकर चल रहे हैं।


AP Board Textbook Solutions PDF for Class 8th Hindi


Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks for Exam Preparations

Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbook Solutions can be of great help in your Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi निबंध लेखन exam preparation. The AP Board STD 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks study material, used with the English medium textbooks, can help you complete the entire Class 8th Hindi निबंध लेखन Books State Board syllabus with maximum efficiency.

FAQs Regarding Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbook Solutions


How to get AP Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbook Answers??

Students can download the Andhra Pradesh Board Class 8 Hindi निबंध लेखन Answers PDF from the links provided above.

Can we get a Andhra Pradesh State Board Book PDF for all Classes?

Yes you can get Andhra Pradesh Board Text Book PDF for all classes using the links provided in the above article.

Important Terms

Andhra Pradesh Board Class 8th Hindi निबंध लेखन, AP Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks, Andhra Pradesh State Board Class 8th Hindi निबंध लेखन, Andhra Pradesh State Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbook solutions, AP Board Class 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks Solutions, Andhra Pradesh Board STD 8th Hindi निबंध लेखन, AP Board STD 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks, Andhra Pradesh State Board STD 8th Hindi निबंध लेखन, Andhra Pradesh State Board STD 8th Hindi निबंध लेखन Textbook solutions, AP Board STD 8th Hindi निबंध लेखन Textbooks Solutions,
Share:

0 Comments:

Post a Comment

Plus Two (+2) Previous Year Question Papers

Plus Two (+2) Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Physics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Chemistry Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Maths Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Zoology Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Botany Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Computer Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Computer Application Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Commerce Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Humanities Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Economics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) History Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Islamic History Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Psychology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Sociology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Political Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Geography Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Accountancy Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Business Studies Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) English Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Hindi Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Arabic Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Kaithang Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Malayalam Previous Year Chapter Wise Question Papers

Plus One (+1) Previous Year Question Papers

Plus One (+1) Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Physics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Chemistry Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Maths Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Zoology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Botany Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Computer Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Computer Application Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Commerce Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Humanities Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Economics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) History Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Islamic History Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Psychology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Sociology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Political Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Geography Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Accountancy Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Business Studies Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) English Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Hindi Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Arabic Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Kaithang Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Malayalam Previous Year Chapter Wise Question Papers
Copyright © HSSlive: Plus One & Plus Two Notes & Solutions for Kerala State Board About | Contact | Privacy Policy