इयत्ता ११ हिंदी गजलें मराठी स्वाध्याय PDF |
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इयत्ता ११ हिंदी गजलें स्वाध्याय
मंडळाचे नाव |
Maharashtra Board |
ग्रेडचे नाव |
११ |
विषय |
हिंदी गजलें |
वर्ष |
2022 |
स्वरूप |
PDF/DOC |
प्रदाता |
|
अधिकृत संकेतस्थळ |
mahahsscboard.in |
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इयत्ता ११ हिंदी गजलें स्वाध्याय उपाय
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आकलन
1. लिखिए :
प्रश्न अ.
गजलकार के अनुसार दोस्ती का अर्थ –
उत्तर :
दोस्ती को महसूस किया जाता है। दोस्ती में छोटा-बड़ा अमीर-गरीब इस तरह का भेद-भाव नहीं होता। जिससे दोस्ती की जाती है उसके गुण-अवगुण से हम परिचित होते हैं। एक-दूसरे के सुख-दुःख में सहयोग देते हैं। एक दोस्त हमदर्द, मार्गदर्शक, पथ प्रदर्शक होता है। अच्छी-बुरी बातें मान-सम्मान, पद-अधिकार, संपत्ति आदि बातों से कहीं ऊपर दोस्ती होती है। एक-दूसरे के मन की बात बिना बोले ही समझ में आती है। सभी रिश्तों से ऊपर दोस्ती का रिश्ता होता है।
प्रश्न आ.
कवि ने इनसे सावधान किया है –
उत्तर :
- बुराइयाँ, शत्रु, तथाकथित लोग (धनी-मानी, अमीर-राजा आदि।)
- कुप्रवृत्तियों के लोग, कड़वी सच्ची बातें, दुःख
- आपदाएँ-विपदाएँ, समस्याएँ, कठिनाइयाँ आदि अभावजन्य बातें।
प्रश्न इ.
प्रकृति से संबंधित शब्द तथा उनके लिए कविता में आए संदर्भ –
शब्द – संदर्भ
(a) ……………………… – ………………………
(b) ……………………… – ………………………
(c) ……………………… – ………………………
(d) ……………………… – ………………………
उत्तर :
शब्द – संदर्भ
(1) तूफाँ – तूफाँ तो इस शहर में अक्सर आता है।
(2) सैलाब – आँखों में सैलाब का मंजर आता है।
(3) बादल – सूखे बादल होंठों पर कुछ लिखते हैं।
(4) समंदर – पानी पीने रोज समंदर आता है।
काव्य सौंदर्य
2.
प्रश्न अ.
गजल में प्रयुक्त विरोधाभासवाली दो पंक्तियाँ ढूँढ़कर उनका अर्थ लिखिए।
उत्तर :
याद कर देवताओं के अवतार
हम फकीरों का सिलसिला भी मान।
अर्थ : दोस्त भले ही अपनों से तथाकथित बड़े लोगों से ताल्लुक रखता हो पर, हम जैसे साधारण गरीबों की बात भी माननी चाहिए।
प्रश्न आ.
‘कागज की पोशाक शब्द की प्रतीकात्मकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
समाचार पत्र में बाते प्रकाशित होना, श्वेत-सफेद बगुलों जैसे अवसरवादियों पर प्रस्तुत पंक्ति में व्यंग्य किया है। हाथी के दाँत दिखाने के और तथा खाने के और होते हैं, कथनी और करनी में अंतर रखना – अखबार इन सबका भंडाफोड़ करता है।
अभिव्यक्ति
3.
प्रश्न अ.
‘जीवन की सर्वोत्तम पूँजी मित्रता है, इसपर अपना मंतव्य लिखिए।
उत्तर :
मित्रता या दोस्ती दो या अधिक व्यक्तियों के बीच पारस्परिक लगाव का संबंध है। जब दो दिल एक-दूसरे के प्रति सच्ची अत्मीयता से भरे होते हैं, तब उस संबंध को मित्रता कहते हैं। यह संगठन की तुलना में अधिक सशक्त वैयक्तिक बंधन है। जीवन में मित्रों के चुनाव की उपयुक्तता पर उसके जीवन की सफलता निर्भर हो जाती है; क्योंकि संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण पर बड़ा भारी पड़ता है।
हमें अपने मित्रों से यह आशा रखनी चाहिए कि वे उत्तम संकल्पों में दृढ़ रहेंगे, दोष और त्रुटियों से हमें बचाएँगे, जब हम कुमार्ग पर पैर रखेंगे, तब वे हमें सचेत करेंगे, जब हम हतोत्साहित होंगे तब हमें उत्साहित करेंगे। सारांश यह है कि वे हमें जीवन निर्वाह करने में हर तरह से सहायता करें।
सच्ची मित्रता में उत्तम से उत्तम वैद्य की-सी निपुणता और परख होती है, माँ जैसा धैर्य और कोमलता होती है। ऐसी ही मित्रता करने का प्रयत्न करना चाहिए।
प्रश्न आ.
‘आधुनिक युग में बढ़ती प्रदर्शन प्रवृत्ति विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
प्रदर्शन एक ऐसा शब्द है जो युवाओं, वृद्धों, महिलाओं व बच्चों में समान रूप से लोकप्रिय है। कपड़ों, खाद्य पदार्थों, फास्ट फूड, नृत्य (पश्चिमी धुनों पर), विवाहों, समारोहों इत्यादि पर प्रदर्शन की अमिट छाप दिखाई पड़ती है। प्रदर्शन कभी स्थिर नही रहता। यह एक परिवर्तनवादी नशा है, जो सिर पर चढ़कर बोलता है। यदि किसी महिला ने पुरानी स्टाइल या डिझाइन की साडी या लहंगा पहना हो तो संभव है कि उसे “Out of Fashion” की संज्ञा दी जाए। यह संभव है कि अगली किसी पार्टी पर उसे आमंत्रित ही न किया जाए।
आज के दौर में जो व्यक्ति “आऊट ऑफ फैशन” हो जाता है उसकी मार्केट वैल्यू” गिर जाती है। अत: उसे स्वयं को भौतिकवाद की दौड़ में अपना स्थान सुनिश्चित करने हेतु कपड़ों, खानपान, घर, बच्चों, जीवनसाथी व दफ्तर, कारोबार, आदि के संदर्भ में नवीनतम प्रदर्शन की वस्तुओं, सुविधाओं, और विचारों को अपनाना पड़ता है। पदर्शन एक भेड़चाल की तरह है।
मेरे विचार में फैशनेबल होना बुरा नहीं है। परंतु दकियानुसी कपड़ों को प्रदर्शन करना या कम-से-कम वस्त्र पहनने का नाम भी तो फैशन नहीं है। इस में युवा पीढ़ी कुछ ज्यादा ही संजीदा है। वक्त के साथ बदलते प्रदर्शन पर यह पीढ़ी न सिर्फ नजर रखती है बल्कि उसे अपनाने में भी देर नहीं करती।
रसास्वादन
4. गजल में निहित जीवन के विविध भावों को आत्मसात करते हुए रसास्वादन कीजिए।
उत्तर :
(i) शीर्षक : दोस्ती, मौजूद
(ii) रचनाकार : डॉ. राहत इंदौरी
(iii) केंद्रीय कल्पना : डॉ. राहत इंदौरी जी के ‘दो कदम और सही’ गजल संग्रह से ‘दोस्ती’ गजल ली गई है जिसमें गजलकार दोस्ती का अर्थ और महत्त्व से हमें परिचित कराते हैं। दूसरी गजल ‘मौजूद’ गजल संग्रह से संकलित है जो हौसला निर्माण करने वाली, उत्साह दिलाने वाली, सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता को जगाने वाली गजल है। इस गजल में जिंदगी के अलग-अलग रंगों का इजहार खूबसूरती से किया गया है। जीवन में दोस्त हमदर्द, मार्गदर्शक, होता है। एक-दूसरे के मन की बात बिना बोले ही समझ जाते हैं। एक-दूसरे के सुख-दुःख में सहभागी होते हैं। जीवन में दोस्त का स्थान महत्त्वपूर्ण होता है।
(iv) रस-अलंकार : प्रस्तुत कविता गजल है जिसका हर शेर स्वयंपूर्ण है। नए रदीफ, नई बहर, नए मजमून, नया शिल्प का जादू इन गजलों में बिखरा हुआ है।
(v) प्रतीक विधान : प्रस्तुत गजलों में जिंदगी के अलग-अलग रंगों का खूबसूरत इजहार है। संवेदनशीलता, सकारात्मकता, हौसला और उत्साह जगाने में ये गजलें सफल हुई हैं।
(vi) कल्पना : कवि ने कागजों के बीच की खामोशियाँ पढ़ने की कल्पना की है, जो हमारी संवेदनशीलता को जगाती है। कातिल कागज का पोशाक पहनने वाला व्यक्ति अर्थात स्वार्थी, झूठा और दोगला व्यवहार करने वाला व्यक्ति जिससे हमें सर्तक, सावधान रहने की बात कही है।
(vii) पसंद की पंकितयां तथ प्रभाव
‘सूख चुका हूँ फिर भी मेरे साहिल पर
पानी पीने रोज समंदर आता है।’
अर्थात शक्ति क्षीण हो जाने के बाद भी देने का उत्साह कम नहीं हुआ है और जो भीड़ रूपी समुंदर किनारे पर पानी पीने आता है उनको पानी देने का हौसला भी गजलकार रखते हैं। यही है जीवन की सकारात्मकता का इजहार।
(viii) कविता पसंद आने के कारण : मुझे इन गजलों की संवेदनशीलता और सकारात्मकता अच्छी लगती है। वर्तमान स्थिति पर कसा व्यंग्य भी मुझे प्रभावित करता है और सावधान रहने के लिए प्रेरित करता है। गजल की असली कसौटी उसकी प्रभावोत्पादकता होती है जिसमें गजलकार सफल हुए है।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान
5. जानकारी दीजिए:
प्रश्न अ.
डॉ. राहत इंदौरी जी की गजलों की विशेषताएँ –
उत्तर :
- जीवन और जगत के विभिन्न पहलुओं पर गजलें की हैं।
- वर्तमान परिवेश पर जो टिप्पणी उन्होंने अपनी गजलों में की है, वो आज की राजनीति, सांप्रदायिकता, धार्मिक पाखंड और पर्यावरण पर बड़े ही मार्मिक भाव से की है।
- छोटी-बड़ी बहर की गजल में उनका प्रतीक और बिंब विद्यमान है, जो नितांत मौलिक और अद्वितीय है।
- नए रदीफ, नई बहर, नए मजमून, नया शिल्प उनकी गजलों में जादू की तरह बिखरा है।
प्रश्न आ.
अन्य गजलकारों के नाम
उत्तर :
मिर्जा असदुल्ला खाँ ‘गालिब’, दुष्यंत कुमार, वसीम बरेलवी, निदा फाजली, राजेंद्रनाथ रहबर, रतन पॅडोरवी, गुलजार।
अलंकार
यमक – काव्य में एक ही शब्द की आवृत्ति हो तथा प्रत्येक बार उस शब्द का अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।
उदा. –
(१) कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।
इहिं खाए बौराय नर, उहि पाए बौराय।
– बिहारी
(२) तीन बेर खाती है,
सो तीन बेर खाती हैं।
– भूषण
श्लेष – जहाँ किसी काव्य में एक शब्द के एक से अधिक अर्थ निकलते हों, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।
उदा. –
(१) रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गएन ऊबरे, मोती मानुस चून॥
– रहीम
(२) चिर जीवौ जोरी जुरै, क्यों न सनेह गंभीर।
को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के बीर॥
– बिहारी
Yuvakbharati Hindi 11th Textbook Solutions Chapter 9 गजलें (अ) दोस्ती (आ) मौजूद Additional Important Questions and Answers
कृतिपत्रिका
(अ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :
पदयांश : दोस्त है तो ……………………………………………………………………………………………………………….. हर्फ का सदा भी मान। (पाठ्य पुस्तक पृष्ठ क्र. 46) |
प्रश्न 1.
लिखिए :
उत्तर :
(i) दिल को समझना है – …………………………………
(ii) याद करना है – …………………………………
(iii) इन्हें पढ़ना है – …………………………………
(iv) इनका सिलसिला मानना है – …………………………………
उत्तर :
(i) सबसे बड़ा हरीफ
(ii) देवताओं के अवतार
(iii) कागजों की खामोशियाँ
(iv) फकीरों का
प्रश्न 2.
(i) निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए :
(1) कवि ने एक-एक वाक्य को सदा मानने के लिए कहा है – …………………………………….
(2) कवि कभी-कभी सच भी बोल देता है – …………………………………….
उत्तर :
(1) असत्य
(2) सत्य
(ii) सही विकल्प चुनकर पंक्ति पूर्ण कीजिए :
(1) इस संग को …………………………. भी मान (खदा / सदा)
(2) मुझसे …………………………. भी कर, बुरा भी मान (दोस्ती / शिकवा)
उत्तर :
(1) खुदा
(2) शिकवा
प्रश्न 3.
पद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
प्रस्तुत पद्यांश कवि डॉ. राहत इंदौरी जी लिखित गजल है जिसमें कवि ने दोस्ती का अर्थ और महत्त्व समझाया है। कवि कहते हैं कि अगर तुम मुझे अपना दोस्त मानते हो तो मेरे विचारों को भी मानना पड़ेगा। कुछ विचारों पर आप नाराजगी व्यक्त भी कर सकते हो, लेकिन कुछ विचार तुम्हें मानने ही पड़ेंगे।
मनुष्य के दिल को सबसे बड़ा शत्रु मान लेना चाहिए। हमें पत्थर को भी खुदा मानना चाहिए। युगों के अनुसार देवताओं के अवतार माने जाते हैं लेकिन साधुओं की, फकीरों की भी लंबी परंपरा हमारे समाज में पाई जाती है। कागजों के बीच के शब्दों का स्वर हमें सुनाई देना चाहिए। हमें संवेदनशील होना चाहिए।
(आ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :
पद्यांश : तूफाँ तो इस शहर ……………………………………………………………………………………………………………………… बाहर आता है। (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 47) |
प्रश्न 1.
सहसंबंध लिखिए :
उत्तर :
- दाँत – जहरीले
- साँप का – मंत्र
- आँखों में – सैलाब
- तकरीरो में – जौहर
प्रश्न 2.
पद्यांश के आधार पर दो ऐसे प्रश्न वनाइए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों :
(i) तूफाँ – ……………………………..
(ii) होंठ – ……………………………..
उत्तर :
(i) तूफाँ – इस शहर में अक्सर कौन आता है ?
(ii) होंठ – सूखे बादल किस पर कुछ लिखते हैं ?
प्रश्न 3.
पद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
प्रस्तुत पद्यांश कवि डॉ. राहत इंदौरी जी लिखित गजल है। गजलकार मनुष्य के दोगलेपन पर व्यंग्य कसते हुए कहते हैं कि हमारे शहर में तूफान तो हमेशा आते हैं, पता नहीं अब वह किसे बरबाद करेगा। कोई भी उसके चपेट में आ सकता है। हमारे जीवन में संकट हमेशा आते हैं, उन संकटों से लड़ने के लिए हमें हमेशा तैयार रहना पड़ेगा।
हमे हमेशा सतर्क और चौकन्ना रहना पड़ेगा भले ही उनके दाँत जहरीले होंगे लेकिन हमें भी उस जहर का इलाज करना आना चाहिए।
सूखे हुए बादल (हमारी भ्रष्ट व्यवस्था) हमारे भाग्य (होंठों) पर कुछ प्रभाव जरूर छोड़ जाते हैं। इसके कारण आँखों में सैलाब का दृश्य नजर आता है जो सारी व्यवस्था को नष्ट कर नया भविष्य दे सकता है। कोई व्यक्ति जब अपने विचार बयाँ।
करता है, तब उसकी योग्यता का पता चलता है।
(इ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए
पद्यांश : बचकर रहना, एक कातिल …………………………………………………………………………………………. ख्वाब मयस्सर आता है। (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. 47) |
प्रश्न 1.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए :
‘क’ | ‘ख’ |
(1) …………………….. | …………………….. |
(2) …………………….. | …………………….. |
(3) …………………….. | …………………….. |
(4) …………………….. | …………………….. |
उत्तर :
(1) कागज | पोशाक |
(2) जहन | तअफ्फन |
(3) कपड़ा | इत्र |
(4) आँख | ख्वाब |
प्रश्न 2.
कारण लिखिए :
(i) बचकर रहना है क्योंकि ………………………………..
(ii) रहमत पर फैलाए मिलने आती है क्योंकि ………………………………..
उत्तर :
(i) बचकर रहना है क्योंकि इस बस्ती में एक कातिल कागज की पोशाक पहनकर हत्याएँ करने आता है।
(ii) रहमत पर फैलाए मिलने आती है क्योंकि हमारी पलकों पर कोई पयंबर आता है।
प्रश्न 3.
पद्यांश का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए :
उत्तर :
प्रस्तुत पद्यांश डॉ. राहत इंदौरी जी लिखित एक गजल है। गजलकार हमें वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए सतर्क रहने का परामर्श दे रहे हैं। वे कह रहे हैं कि एक हत्यारा इस बस्ती में कागज की पोशाक पहनकर हत्याएँ करने आता है। व्यक्ति हमेशा अपने कर्मों की दुर्गंध अपने मस्तिष्क में भरता है।
जो दूसरों के बारे में बुरा सोचता है उसका कभी भला नहीं होता। जहाँ दया, सहानुभूति, प्रेम, अपनापन जैसी भावनाएँ होती हैं वहीं पर ईश्वर की रहमत बरसती है। कवि स्वयं भी सूखे हुए जलाशय की तरह सूखा बना है परंतु प्यास बुझाने की आस लिए समुंदर प्रतिदिन उसके किनारे पर आता है अर्थात शक्ति क्षीण हो जाने पर भी मदद करने वाले के पास मदद माँगने वालों की भीड़ लगी रहती है।
अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। हमारे सपने जब साकार होते हैं, पूर्ण होते हैं तब आँखों को सुकून मिलता है।
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