BSEB Class 11 Economics Human Capital Formation in India Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 11th Economics Human Capital Formation in India Book Answers |
Bihar Board Class 11th Economics Human Capital Formation in India Textbooks Solutions PDF
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Board | BSEB |
Materials | Textbook Solutions/Guide |
Format | DOC/PDF |
Class | 11th |
Subject | Economics Human Capital Formation in India |
Chapters | All |
Provider | Hsslive |
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प्रश्न 1.
मानव पूँजी के स्रोत लिखें।
उत्तर:
मानव पूँजी के स्रोत हैं –
- शिक्षा में निवेश
- स्वास्थ्य में निवेश
- कार्य पर प्रशिक्षण में निवेश
- देशांतर में निवेश, तथा
- सूचना में निवेश
प्रश्न 2.
किसी देश की शैक्षिक उपलब्धियों के दो सूचक क्या होंगे?
उत्तर:
किसी देश की शैक्षिक उपलब्धियों के दो सूचक हैं –
- अपेक्षाकृत अधिक आय अर्जित करना तथा
- आर्थिक समृद्धि में अधिक योगदान
प्रश्न 3.
भारत में शैक्षिक उपलब्धियों के क्षेत्र में क्षेत्रीय विषमताएँ क्यों दिखाई दे रही हैं?
उत्तर:
शैक्षिक उपलब्धियों के क्षेत्र में क्षेत्रीय विषमताओं के अनेक कारण हैं। इनमें प्रमुख हैं-भौगोलिक कारक, दूसरे क्षेत्रीय सरकारों की शिक्षा में अलग-अलग नीतियाँ है।
प्रश्न 4.
मानव पूँजी निर्माण और मानव विकास के भेद को स्पष्ट करें।
उत्तर:
मानव पूँजी की अवधारणा शिक्षा और स्वास्थ्य को श्रम की उत्पादकता बढ़ाने का माध्यम मानती है। इसके विपरीत मानव विकास इस विचार पर आधारित है कि शिक्षा और स्वास्थ्य मानव कल्याण के अभिन्न अंग हैं, क्योंकि जब लोगों में पढ़ने-लिखने तथा सुदीर्घ स्वस्थ जीवन यापन की क्षमता आती है, तभी वह ऐसे अन्य कार्य चयन करने में सक्षम हो पाते हैं जिन्हें वे महत्त्वपूर्ण मानते हैं। मानव पूँजी मानव को किसी साध्य की प्राप्ति का साधन मानता है। यह साध्य उत्पादकता की वृद्धि है।
प्रश्न 5.
मानव पूँजी की तुलना में मानव विकास किस प्रकार अधिक व्यापक है?
उत्तर:
मानव पूँजी तथा मानव विकास दोनों पारिभाषित शब्द मिलते-जुलते भले ही प्रतीत होते हैं परंतु मानव पूँजी की तुलना में मानव विकास अधिक व्यापक है। मानव पूँजी तो शिक्षा और स्वास्थ्य को श्रम उत्पादकता बढ़ाने का माध्यम मानती है, जबकि मानव विकास शिक्षा और स्वास्थ्य को मानव कल्याण का अभिन्न अंग मानता है। मानव पूँजी मानव को किसी साध्य की प्राप्ति का साधन मानती है।
यह साध्य उत्पादकता में वृद्धि का है। मानव पूँजी विचार के अनुसार शिक्षा और स्वास्थ्य पर किया गया निवेश अनुत्पादक है, अगर उससे वस्तुओं तथा सेवाओं के निर्गत में वृद्धि न हो। इसके विपरीत मानव विकास के परिप्रेक्ष्य में मानव स्वयं साध्य भी है। भले ही शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर निवेश से श्रम की उत्पादकता में सुधार न हो किन्तु इसके माध्यम से मानव कल्याण का संवर्धन तो होना ही चाहिए।
प्रश्न 6.
मानव पूँजी निर्माण में किन कारकों का योगदान रहता है?
उत्तर:
मानव पूंजी निर्माण में शिक्षा, स्वास्थ्य प्रशिक्षण आदि कारकों का योगदान रहता है।
प्रश्न 7.
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले दो सरकारी संगठनों के नाम बताइए।
उत्तर:
शिक्षा क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले दो सरकारी संगठन हैं –
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् तथा
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
स्वास्थ्य क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले दो सरकारी संगठन हैं –
- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद् तथा
- राज्य स्तरों पर स्वास्थ्य मंत्रालय
प्रश्न 8.
शिक्षा को किसी राष्ट्र के विकास का एक महत्त्वपूर्ण आगत माना जाता है। क्यों?
उत्तर:
शिक्षा को किसी राष्ट्र के विकास का एक महत्त्वपूर्ण आगत निम्नलिखित कारणों से माना जाता है –
- शिक्षा कार्यक्षेत्र में कुशलता को बढ़ाती है।
- शिक्षा श्रम एवं कौशल में वृद्धि लाती है।
- शिक्षा व्यक्ति को अधिक आय सृजन के योग्य बनाती है।
- शिक्षा लोगों को उच्चतम सामाजिक स्थिति और गौरव प्रदान करती है।
- शिक्षा किसी व्यक्ति को अपने जीवन में बेहतर विकल्पों का चयन कर पाने के योग्य बनाती है।
- शिक्षा श्रम शक्ति की उपलब्धता के साथ-साथ नई प्रौद्योगिकी को अपनाने में भी सहायक होती है।
- शिक्षा, विकास प्रक्रिया को तेज करती है।
प्रश्न 9.
पूँजी निर्माण के निम्नलिखित स्रोतों पर चर्चा कीजिए –
- स्वास्थ्य आधारित संरचना
- प्रवसन पर व्यय
उत्तर:
1. स्वास्थ्य आधारित संरचना:
स्वास्थ्य को किसी व्यक्ति के साथ-साथ देश के विकास के लिए एक महत्त्वपूर्ण आगत माना जाता है। स्वास्थ्य पर व्यय मानव पूंजी के निर्माण का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। स्वास्थ्य व्यय के विभिन्न रूप हैं –
- टीकाकरण
- चिकित्सीय आयुर्विज्ञान (बीमारियों के क्रम में उसकी चिकित्सा)
- सामाजिक आयुर्विज्ञान (स्वास्थ्य सम्बन्धी साक्षरता या ज्ञान का प्रसार)
- स्वच्छ पेय जल का प्रावधान आदि
स्वास्थ्य तथा पोषण से मनुष्य की शारीरिक शक्तियों का विकास होता है। स्वास्थ्य का सम्बन्ध केवल रोग निवारण से नहीं अपितु इससे कहीं अधिक है। स्वास्थ्य का सम्बन्ध शारीरिक एवं मानसिक सुख एवं कल्याण में है। एक स्वस्थ व्यक्ति शारीरिक दृष्टि से पूर्णतया कार्य करने योग्य होता है। एक स्वस्थ रोगी पुरुष की अपेक्षा अच्छा काम कर सकता है। एक रोगी कार्यकर्ता जिसके पास चिकित्सा सुविधायें नहीं हैं, कई दिन काम पर नहीं आ सकता और परिणामस्वरूप उत्पादन में कमी आयेगी। अतः स्वास्थ्य मानव पूँजी का एक आवश्यक साधन है।
2. प्रवजन पर व्यय (Expenditure on Migration):
प्रवजन से अभिप्राय नौकरी की तलाश में या अधिक आय प्राप्त करने के लिए अथवा व्यावसायिक अवसर अधिक होने के कारण एक स्थान (देश) से दूसरे स्थान (देश) जाना। यह प्रवजन आन्तरिक भी हो सकता है और बाह्य भी। देश के एक भाग से देश के दूसरे भाग में नौकरी आदि की तलाश आदि के लिए जाने को आन्तरिक प्रवजन कहते हैं। भारत में गाँवों नौकरी प्राप्त करने के लिए काफी संख्या में लोग निरंतर शहरों में आ रहे हैं।
विदेशी प्रवजन उसे कहते हैं जब एक देश के लोग (भारतीय) नौकरी प्राप्त करने के लिए दूसरे देश जाते हैं। इन दोनों प्रकार के प्रवजन में परिवहन व्यय आता है। जिस देश में भारतीय जाते हैं, वहाँ पर रहने की लागत अधिक होती है। अपरिचित, सामाजिक तथा सांस्कृतिक ढाँचे में रहने के कारण मानसिक लागत आती है परंतु विदेशों में बढ़ी हुई आय इन लागतों से अधिक होती है। अतः प्रवजन पर व्यय भी मानव पूँजी निर्माण का एक स्रोत है।
प्रश्न 10.
मानव संसाधनों को प्रभावी प्रयोग के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा पर व्यय सम्बन्धी जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता का निरूपण करें।
उत्तर:
जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता-मानव संसाधनों का अपने प्रयोग करने के लिए शिक्षा तथा स्वास्थ्य पर खर्च करना पड़ता है परंतु शिक्षा तथा स्वास्थ्य पर आने वाले व्यय की जानकारी प्राप्त करना आवश्यक है। सूचनाओं से हमें पता चलता है कि कौन-कौन सी शैक्षणिक संस्थायें हमें निपुणता प्रदान करती हैं जिससे हमें नौकरी मिल सके और निपुणता को प्राप्त करने के लिए हमें कितना व्यय करना पड़ेगा। मानव पूंजी में निवेश करने तथा प्राप्त मानव पूँजी स्टॉक को कुशलतापूर्वक प्रयोग करने के बारे में निर्णय लेने के लिए सूचनाएँ आवश्यक हैं।
प्रश्न 11.
मानव पूंजी में निवेश आर्थिक संवृद्धि में किस प्रकार सहायक होता है?
उत्तर:
मानव पूँजी में निवेश (शिक्षा तथा स्वास्थ्य आदि के रूप में) आर्थिक संवृद्धि लाता है। शिक्षा व्यक्ति के श्रम-कौशल में वृद्धि करती है। उसकी अर्जन शक्ति में वृद्धि करती है। आर्थिक शक्ति में वृद्धि होने से उसकी आय में वृद्धि होती है। उसकी आय में वृद्धि होने से देश की राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है। जिसके परिणामस्वरूप आर्थिक संवृद्धि होती है। शिक्षित व्यक्ति का राष्ट्रीय आय में योगदान अशिक्षित व्यक्ति की अपेक्षा अधिक होता है।
इस प्रकार एक स्वस्थ व्यक्ति अधिक समय तक बिना बाधा के श्रम की पूर्ति कर सकता है। स्वास्थ्य और पोषण से मनुष्य की शारीरिक क्षमताओं का विकास होता है। स्वास्थ्य का सम्बन्ध केवल रोग निवारण से नहीं अपितु इससे अधिक है। स्वास्थ्य का सम्बन्ध शारीरिक एवं मानसिक सुख और कल्याण से है। स्वास्थ्य व्यक्ति शारीरिक दृष्टि से पूर्णतया काम करने योग्य होता है।
वह रोगी पुरुष की अपेक्षा अच्छा काम कर सकता है और अधिक आय का अर्जन कर सकता है। प्रशिक्षण से भी श्रमिक की कार्यकुशलता तथा उत्पादकता में वृद्धि होती है। प्रवजन तथा सूचना प्राप्त करने पर भी मनुष्य अधिक आय का अर्जन कर सकता है। परिणामस्वरूप आर्थिक संवृद्धि होती है। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि मानव पूँजी में निवेश आर्थिक संवृद्धि में सहायक होता है।
इस बात की पुष्टि निम्न सारणी में की गई है –
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रकों में विकास के चुने हुए सूचक –
प्रश्न 12.
विश्व भर में औसत शैक्षिक स्तर में सुधार के साथ-साथ विषमताओं में कमी की प्रवृत्ति पाई गई है। टिप्पणी करें।
उत्तर:
यह पूर्णतया सत्य है कि विश्व स्तर पर औसत शैक्षिक स्तर में सुधार आ रहा है। शिक्षा स्तर में सुधार आने के साथ विषमताओं में भी कमी की प्रवृत्ति होती जा रही है।
प्रश्न 13.
किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास में शिक्षा की भूमिका का विश्लेषण करें।
उत्तर:
राष्ट्र के आर्थिक विकास में शिक्षा की भूमिका (Role of education in the economic development of a nation):
राष्ट्र के आर्थिक विकास में शिक्षा की बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है। शिक्षित व्यक्ति आर्थिक विकास की आधारशिला है। शिक्षित व्यक्ति आर्थिक संरचनाओं का समुचित उपयोग कर सकता है। शिक्षा व्यक्तियों की क्षमता का विस्तार करती है। शिक्षा से देश के सभी क्षेत्रों में प्राकृतिक तथा मानव संसाधनों का समुचित प्रयोग करने में सहायता मिलती है। शिक्षा मनुष्य को विवेकशील और तर्कशील बनाती है तथा उसकी सामान्य सूझ-बूझ को विकसित करती है।
शिक्षा से मनुष्य का दृष्टिकोण वैज्ञानिक और औचित्यपूर्ण बनता है जो नई चीजों को समझने और अपनाने में बहुत सहायक होता है। शिक्षा में निवेश मानव पूँजी का एक प्रमुख स्रोत माना जाता है। शिक्षा अर्जन शक्ति में वृद्धि लाती है। शिक्षित व्यक्ति का समाज में आदर-मान होता है। वह देश पर भार नहीं अपितु देश के आर्थिक विकास में योगदान देने वाला होता है।
प्रश्न 14.
समझाइए कि शिक्षा में निवेश आर्थिक संवृद्धि को किस तरह प्रभावित करता है?
उत्तर:
शिक्षा में निवेश करने से मनुष्य की अर्जन क्षमता में वृद्धि होती है। शिक्षित व्यक्ति विवेकशील तथा तर्कशील होता है। वह अशिक्षित व्यक्ति से अधिक आय कमाता है तथा राष्ट्रीय आय में अशिक्षित व्यक्ति से अधिक योगदान देता है। आर्थिक संवृद्धि देश की राष्ट्रीय आय में वृद्धि से है। शिक्षित व्यक्ति प्राकृतिक संसाधनों का उचित शोषण करके उत्पादन में वृद्धि करने में सहायक होता है।
प्रश्न 15.
किसी व्यक्ति के लिए कार्य के दौरान प्रशिक्षण क्यों आवश्यक होता है?
उत्तर:
काम पर लगे हुए कर्मचारियों की कुशलता तथा उत्पादकता बढ़ाने के लिए तथा . उत्पादन के नवीनतम उत्पादन विधि से परिचित कराने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देना आवश्यक होता है।
प्रश्न 16.
मानव पूँजी और आर्थिक संवृद्धि के बीच सम्बन्ध स्पष्ट करें।
उत्तर:
मानव पूँजी और आर्थिक संवृद्धि में सम्बन्ध-मानव पूँजी और आर्थिक संवृद्धि के बीच काफी घनिष्ठ सम्बन्ध है । ये दोनों एक-दूसरे को सहारा देते हैं। शिक्षित व्यक्ति का श्रम कौशल अशिक्षित की अपेक्षा अधिक होता है। इसी कारण वह अपेक्षाकृत अधिक आय अर्जित कर पाता है। आर्थिक संवृद्धि का अर्थ देश की वास्तविक आर्थिक आय में वृद्धि से होता है तो फिर स्वाभाविक ही है कि किसी शिक्षित व्यक्ति का योगदान अशिक्षित व्यक्ति की तुलना में कहीं अधिक होगा।
एक स्वस्थ व्यक्ति अधिक समय तक बिना बाधा के श्रम की पूर्ति कर सकता है। मानव पूँजी तथा आर्थिक संवृद्धि के बीच कारण प्रभाव सम्बन्ध का स्पष्ट निरुपण कठिन होता है, परंतु निम्न सारणी में देख सकते हैं कि वे दोनों क्षेत्र में साथ-साथ संवृद्ध हुए हैं। संभवतः प्रत्येक क्षेत्र की संवृद्धि से दूसरे क्षेत्र की संवृद्धि को संहारा दिया है।
प्रश्न 17.
भारत में स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन की आवश्यकता पर चर्चा करें।
उत्तर:
भारत में स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता निम्न कारणों से है –
- स्त्री शिक्षा नारी को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करती है।
- स्त्री शिक्षा नारी के सामाजिक स्तर में सुधार लाती है।
- स्त्री शिक्षा प्रजनन दर पर अनुकूल प्रभाव डालती है।
- इससे बच्चों तथा स्त्रियों के स्वास्थ्य देखभाल पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
- स्त्री शिक्षा से साक्षरता दर में वृद्धि होगी।
कहा जाता है कि ‘यदि तुम एक व्यक्ति को पढ़ाते हो तो केवल एक व्यक्ति को पढ़ाते हो। इसके विपरीत ‘यदि तुम एक लड़की को पढ़ाते हो तो तुम एक परिवार का पढ़ाते हो।’
प्रश्न 18.
शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों में सरकार के विविध प्रकार के हस्तक्षेपों के पक्ष में तक दीजिए।
उत्तर:
संतुलित अहार की उपलब्धता, बेहतर आवास सुविधाएँ, स्वच्छ एवं प्रदूषण रहित पर्यावरण, बीमारियों पर नियंत्रण से भारत के लोग स्वस्थ हो सकते हैं। अच्छे स्वास्थ्य से मानवीय संसाधनों की उत्पादकता में वृद्धि होती है। सामान्यतः एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क रहता है। एक स्वस्थ व्यक्ति, अस्वस्थ की तुलना में ज्यादा कुशल हो सकता है।
शिक्षा के उचित प्रबंध से ज्यादा लोग प्राकृतिक संसाधनों के बारे में ज्यादा जान सकते हैं एवं उनका ज्यादा उपयोग कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में, शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर निवेश मानव पूँजी के अच्छे स्रोत हैं। इस निवेश से उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है। अतः इन क्षेत्रों पर सरकार का हस्तक्षेप आवश्यक है।
सरकार निम्न प्रकार से शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर नियंत्रण कर सकती है:
- निजी क्षेत्र की एकाधिकारात्मक प्रवृत्ति को रोकने के लिए।
- निजी क्षेत्र द्वारा लोगों के शोषण को रोकने के लिए।
- गरीबी रेखा से नीचे निवास करने वाले लोगों को स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु।
- सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को मुफ्त शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु।
प्रश्न 19.
भारत में मानव पूँजी निर्माण की मुख्य समस्याएँ क्या हैं?
उत्तर:
भारत में मानव पूँजी निर्माण की मुख्य समस्याएँ –
- शिक्षा के सभी स्तरों पर (प्राथमिक शिक्षा, उच्चतर शिक्षा तथा तृतीयक शैक्षिक संस्थायें) व्यय बहुत कम है। अत: शिक्षा के स्तरों पर व्यय में वृद्धि करनी चाहिए।
- राज्यों में होने वाले प्रति व्यक्ति शिक्षा व्यय में काफी अंतर है। जहाँ लक्षद्वीप में इसका उच्च स्तर 3,440 रुपये है, वहीं बिहार में यह मात्र 386 रुपये है। इस प्रकार की विषमताओं के कारण ही विभिन्न राज्यों में शिक्षा के अवसरों और शैक्षिक उपलब्धियों के स्तर में बहुत भारी अंतर हो जाता है।
- शिक्षा व्यय बहुत ही अपर्याप्त है।
प्रश्न 20.
क्या आपके विचार में सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में लिए जाने वाले शुल्कों की संरचना निर्धारित करनी चाहिए। यदि हाँ, तो क्यों?
उत्तर:
सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों के लिए जाने वाले शुल्कों की संरचना निर्धारित करनी चाहिए। वर्तमान में प्रत्येक संस्थान का शुल्क अलग-अलग है, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों के लोग अधिक शुल्क वाले संस्थानों का लाभ नहीं उठा पाते। शुल्क निर्धारण से यह असमानता समाप्त हो जाएगी और प्रत्येक नागरिक को इसका लाभ मिलेगा।
Bihar Board Class 11 Economics भारत में मानव पूँजी का निर्माण Additional Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित संस्थाओं का पूरा नाम लिखें –
- NCERT
- UGC
- AICTE
उत्तर:
- NCERT का पूरा नाम: National Council of Educational Research and Training.
- UGC का पूरा नाम: University Grants Commission
- AICTE का पूरा नाम: All India Council for Technical Education.
प्रश्न 2.
भारत में सेवा क्षेत्र का कौन नियमन करते हैं?
उत्तर:
भारत में –
- संघ तथा राज्य स्तर पर स्वास्थ्य मंत्रालय
- स्वास्थ्य विभाग तथा
- विभिन्न संस्थायें सेवा क्षेत्र का नियमन करती हैं
प्रश्न 3.
शहरीकरण के प्रभाव लिखें।
उत्तर:
प्रभाव (Effect):
- शहरों में बढ़ती भीड़
- आधारिक संरचना एवं सार्वजनिक सेवाओं की ओर कमी
- शहरी जीवन गुणात्मक दृष्टि से निरंतर बिगड़ रहा है
- शहरी बेरोजगारी में वृद्धि
प्रश्न 4.
‘पुट्टा निष्कासन’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
अकुशल तथा अर्द्धकुशल श्रमिकों का काम की तलाश में विकसित देशों में जाना तथा वहाँ स्थायी रूप से निवास करने की प्रक्रिया को ‘पुट्ठा निष्कासन’ कहते हैं।
प्रश्न 5.
‘मस्तिष्क मिष्कासन’ किसे कहते हैं?
उत्तर:
उच्च शिक्षित तथा तकनीकी योग्यता से लैस व्यक्तियों का विकसित देशों में काम की तलाश में जाना तथा वहीं पर स्थायी रूप से रहना ‘मस्तिष्क निष्कासन’ कहलाता है।
प्रश्न 6.
कंपनियाँ पूँजीगत वस्तुओं में निवेश क्यों करती हैं?
उत्तर:
भविष्य में अपनी आय बढ़ाने के लिये कंपनियाँ पूँजीगत वस्तुओं में निवेश करती हैं।
प्रश्न 7.
भारत में शिक्षा क्षेत्र की कौन-सी संस्थाएँ नियमन करती हैं?
उत्तर:
भारत में शिक्षा क्षेत्र का निम्नलिखित संस्थायें नियमन (Regulate) करती हैं –
- केन्द्र तथा राज्य स्तर पर शिक्षा मंत्रालय
- शिक्षा विभाग तथा
- अन्य संगठन जैसे एन.सी.ई.आर.टी. (NCERT), यू.जी.सी. (UGC), तथा ए.आई.सी. टी.ई. (AICTE)
प्रश्न 8.
शिक्षा के महत्त्व को दर्शाने वाले कोई तीन बिन्दु लिखें।
उत्तर:
- शिक्षा मनुष्य को विवेकशील और तर्कशील बनाती है।
- शिक्षा से मनुष्य की सामान्य सूझ-बूझ विकसित होती है।
- शिक्षा से मनुष्य का दृष्टिकोण वैज्ञानिक बनता है।
प्रश्न 9.
प्रवसन या देशांतर से क्या अभिप्राय है? यह कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
प्रवसन या प्रवास से अभिप्राय है लोगों का देश के अंतर एक स्थान से दूसरे स्थान तथा एक देश से दूसरे देश में बसना। यह दो प्रकार का होता है –
- आन्तरिक प्रवास तथा
- अन्तर्राष्ट्रीय प्रवास
प्रश्न 10.
संविधान के कौन से संशोधन ने 6-14 वर्ष समूह के बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा का मौलिक अधिकार प्रदान किया?
उत्तर:
संविधान के 86वें संशोधन में 6-14 समूह के बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा का मौलिक अधिकार प्रदान किया गया है।
प्रश्न 11.
वर्तमान सरकार ने आगामी वर्षों में सकल घरेलू उत्पाद का कितना प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने का मन बनाया है?
उत्तर:
सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत।
प्रश्न 12.
2004-2005 ई. के केंद्रीय बजट में भारत सरकार ने शिक्षा कर (Educationcess) से कितनी राशि आय के रूप में प्राप्त करने का अनुमान लगाया है और यह राशि किस मद पर खर्च की जानी थी?
उत्तर:
2004-2005 के केंद्रीय बजट में भारत सरकार ने शिक्षा कर से 4000-5000 करोड़ की राशि आय के रूप में प्राप्त करने का अनुमान लगाया और यह राशि प्रारम्भिक शिक्षा मद पर खर्च की जानी थी।
प्रश्न 13.
सकल घरेलू उत्पाद शिक्षा व्यय का प्रतिशत क्या दर्शाया है?
उत्तर:
सकल घरेलू उत्पाद शिक्षा व्यय का प्रतिशत यह दर्शाता है कि हमारे देश में हमारी आय का कितना प्रतिशत भाग शिक्षा के विकास पर खर्च किया जा रहा है।
प्रश्न 14.
1952-2000 ई. की समयावधि में सकल घरेलू उत्पाद का कितना प्रतिशत शिक्षा व्यय बढ़ गया?
उत्तर:
1952-2000 ई. को समयावधि में सकल घरेलू उत्पाद का शिक्षा व्यय का प्रतिशत 0-64 से बढ़कर 4.2 हो गया।
प्रश्न 15.
शिक्षा पर कुल व्यय का बड़ा भाग किस प्रकार की शिक्षा (प्राथमिक, उच्च, उच्चतम) पर खर्च किया जाता है?
उत्तर:
प्राथमिक शिक्षा पर।
प्रश्न 16.
आन्तरिक प्रवजन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
आन्तरिक प्रवास से अभिप्राय है देश के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान पर बसना।
प्रश्न 17.
हमारे देश में स्कूल स्तर पर शिक्षा क्रम को बीच में अधुरा छोड़ने वाले छात्रों की संख्या बहुत अधिक है। इसके दो दुष्प्रभाव लिखें।
उत्तर:
- इससे बाल श्रम को बढ़ावा मिलता है।
- मानव पूँजी को हानि होती है।
प्रश्न 18.
भारत में 1990 ई. में पुरुषों की प्रौढ़ शिक्षा दर कितनी थी और 2000 ई. में यह कितनी हो गई?
उत्तर:
भारत में 1990 ई. में पुरुषों (15 से ऊपर) की प्रौढ़ शिक्षा दर पुरुषों की 61.9 प्रतिशत थी जो कि बढ़कर 2000 ई. में 68.4 हो गई।
प्रश्न 19.
एक देश की शिक्षा में उपलब्धि किन-किन रूपों द्वारा मापी जा सकती है?
उत्तर:
- प्रौढ़ साक्षरता स्तर
- प्राथमिक शिक्षा की पूरी पढ़ाई, तथा
- युवा साक्षरता दर
प्रश्न 20.
भारत सरकार ने शिक्षा प्रसार के लिये कई कदम उठाये हैं। उनमें से कोई दो उपाय लिखें।
उत्तर:
- उच्च शिक्षा के लिए काफी धनराशि की व्यवस्था तथा
- उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिये ऋण कार्यक्रम बनाये गये हैं
प्रश्न 21.
2004-05 ई. के केन्द्रीय बजट में भारत सरकार ने सभी संघीय करों पर कितना प्रतिशत शिक्षा शुल्क लगाया है और इससे कितनी राशि प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया है?
उत्तर:
दो प्रतिशत 1 अनुमान लगाया गया है कि शिक्षा शुल्क से 4000-5000 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
प्रश्न 22.
मानव संसाधनों से और अधिक मानव पूंजी उत्पन्न करने के लिये हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर:
मानव संसाधन से और अधिक मानव पूंजी उत्पन्न करने के लिये हमें मानव पूँजी में निवेश करना चाहिए।
प्रश्न 23.
कौन व्यक्ति अच्छा कार्य कर सकता है एक रोगी पुरुष या एक स्वस्थ व्यक्ति?
उत्तर:
एक स्वस्थ व्यक्ति।
प्रश्न 24.
काम से अनुपस्थित रहने पर उत्पादन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ता है दूसरे शब्दों में उत्पादन में हानि होती है।
प्रश्न 25.
निरोधात्मक दवाइयों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
निरोधात्मक दवाइयों से अभिप्राय उन दवाइयों से है जिनके सेवन से रोग पर रोक लगती है। जैसे-टीकाकरण।
प्रश्न 26.
रोगहर दवाइयों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
रोगहर दवाइयों से अभिप्राय उन दवाइयों से है जो रोग का निवारण करने के लिये रोगी को दी जाती है।
प्रश्न 27.
सामाजिक दवाइयों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
सामाजिक दवाइयों से अभिप्राय है-स्वास्थ्य साक्षरता का प्रसार करना।
प्रश्न 28.
केरल की साक्षरता दर बताइए।
उत्तर:
केरल की साक्षरता दर लगभग शत-प्रतिशत है।
प्रश्न 29.
भौतिक पूँजी और मानवीय पूँजी में एक अंतर लिखें।
उत्तर:
भौतिक पूँजी दृश्य है और यह अन्य वस्तुओं की तरह बाजार में सरलता से बेची जा सकती है, परंतु मानवीय पूँजी अदृश्य है। इसे बाजार में नहीं बेचा जा सकता केवल इसकी सेवाओं को ही बेचा जा सकता है।
प्रश्न 30.
किस प्रकार की पूँजी (भौतिक पूँजी या मानवीय पूँजी) को अपने स्वामी से पृथक किया जा सकता है?
उत्तर:
भौतिक पूँजी को अपने स्वामी से पृथक किया जा सकता है।
प्रश्न 31.
विभिन्न देशों में कौन सी पूँजी (भौतिक पूँजी या मानवीय पूँजी) पूर्णतः गतिशील है?
उत्तर:
भौतिक पूँजी।
प्रश्न 32.
शिक्षा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
शिक्षा से अभिप्राय है-दिमाग, ज्ञान का भण्डारण करना और इसके बारे में बातें तथा वाद-विवाद द्वारा इसका सम्प्रेषण करना।
प्रश्न 33.
क्या मनुष्य केवल शिक्षा से सहारे जीवित रह सकता है?
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 34.
मनुष्य शिक्षा पर खर्च क्यों करता है?
उत्तर:
मनुष्य शिक्षा पर खर्च इसलिये करता है क्योंकि शिक्षा उसे अधिक अर्जन करने के लिये समर्थ बनाती है और समाज में उसका सामाजिक स्तर ऊपर उठाती है।
प्रश्न 35.
अर्थशास्त्रियों ने एक राष्ट्र में शैक्षणिक अवसरों के विस्तार पर क्यों बल दिया है?
उत्तर:
क्योंकि शिक्षित समाज निरक्षर समाज की अपेक्षा विकास की अच्छी सुविधायें प्रदान करता है।
प्रश्न 36.
स्वास्थ्य में निवेश से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
स्वास्थ्य में निवेश से अभिप्राय है-निरोधात्मक दवाइयों, रोगहर तथा सामाजिक दवाइयों, शुद्ध पेयजल तथा सफाई की व्यवस्था पर होने वाले व्यय।
प्रश्न 37.
स्वास्थ्य में निवेश क्यों किया जाता है?
उत्तर:
श्रमिकों को स्वस्थ रखने और उनको दीर्घ काल के लिये काम करने के योग्य बनाने के लिये स्वास्थ्य में निवेश किया जाता है।
प्रश्न 38.
स्वास्थ्य पर निवेश (व्यय) को मानव पूँजी निर्माण का स्रोत क्यों माना जाता है।
उत्तर:
क्योंकि स्वास्थ्य पर व्यय स्वस्थ श्रम शक्ति की पूर्ति में वृद्धि करता है।
प्रश्न 39.
प्रशिक्षण का क्या अर्थ है?
उत्तर:
प्रशिक्षण का अर्थ है किसी विशिष्ट काम को करने के लिये कुशलता और ज्ञान देना। इससे काम की कुशलता बढ़ती है।
प्रश्न 40.
प्रशिक्षण से संगठन को होने वाले कोई दो लाभ लिखें।
उत्तर:
- प्रशिक्षण से उत्पादन में वृद्धि होती है।
- प्रशिक्षण से प्रचालन में मितव्ययिता आती है।
प्रश्न 41.
कार्य-स्थल पर प्रशिक्षण (On the job training) से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
कार्यस्थल पर प्रशिक्षण से अभिप्राय है, कार्यरत श्रमिकों को पर्यवेक्षक द्वारा कार्यस्थल पर ही प्रशिक्षण देना। दूसरे शब्दों में प्रशिक्षण की इस पद्धति के अन्तर्गत श्रमिक काम को वास्तविक परिवेश में सीखता है। यह पद्धति प्रचालन कर्मचारियों की सबसे प्रभावी पद्धति है।
प्रश्न 42.
कार्यस्थल पर प्रशिक्षण व्यय किस प्रकार मानव पूँजी निर्माण का एक स्रोत है?
उत्तर:
क्योंकि प्रशिक्षित श्रमिकों से उत्पादकता में वृद्धि हो जाती है और इस बढ़ी हुई उत्पादकता से होने वाले लाभ प्रशिक्षण पर होने वाले व्यय से अधिक होते हैं।
प्रश्न 43.
स्वस्थ रहने से क्या लाभ हैं?
उत्तर:
स्वस्थ रहने से मनुष्य की कार्यकुशलता तथा उत्पादकता में वृद्धि होती है। एक स्वस्थ व्यक्ति शारीरिक दृष्टि से पूर्णतया कार्य करने योग्य होता है।
प्रश्न 44.
मानव पूँजी निर्माण किसे कहते हैं?
उत्तर:
मानव संसाधनों में निवेश की क्रिया को मानव पूँजी निर्माण कहते हैं।
प्रश्न 45.
शिक्षा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
शिक्षा से अभिप्राय ज्ञान प्राप्त करना, ज्ञान को पुस्तकों में लिखना, ज्ञान का वार्तालाप, संगीत तथा वाद विवाद द्वारा प्रसारण करना।
प्रश्न 46.
लोग शिक्षा पर पैसा क्यों खर्च करते हैं? एक कारण लिखें।
उत्तर:
लोग शिक्षा पर पैसा इसलिये खर्च करते हैं क्योंकि उन्हें इस बात की आशा होती है कि शिक्षा से उनमें निपुणता आ जायेगी और वे अपेक्षाकृत अधिक धन कमा सकेंगे।
प्रश्न 47.
शिक्षा से हम अधिक धन कमा सकते हैं। इसके अतिरिक्त शिक्षा से हमें और भी कई लाभ प्राप्त होते हैं। कोई ऐसा लाभ बतायें।
उत्तर:
शिक्षा से समाज में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ती है।
प्रश्न 48.
एक देश में मानव संसाधनों के दो प्रमुख स्रोत लिखें।
उत्तर:
- शिक्षा तथा
- स्वास्थ्य
प्रश्न 49.
मानव संसाधनों के विकास से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मानव संसाधनों के विकास का अभिप्राय है लोगों का जीवन अच्छा और सुरक्षित हो तथा मानसिक और भौतिक प्रतिभाओं का पूर्ण विकास हो।
प्रश्न 50.
मानव संसाधनों के विकास के लिये क्या आवश्यक है?
उत्तर:
मानव संसाधनों के विकास के लिये भोजन, पोषण, शिक्षा, प्रशिक्षण, जल-आपूर्ति आदि में सुधार आवश्यक है।
प्रश्न 51.
मानव संसाधनों से और अधिक मानव पूँजी उत्पन्न करने के लिये हमें किसमें निवेश करने की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
मानव संसाधनों से और अधिक मानव पूँजी उत्पन्न करने के लिये हमें मानव पूँजी में निवेश करने की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 52.
शिक्षा मानव को किसमें परिवर्तित करती है?
उत्तर:
शिक्षा मानव को मानव पूँजी में परिवर्तित करती है।
प्रश्न 53.
लक्षद्वीप तथा बिहार में प्रति व्यक्ति शिक्षा व्यय कितना है?
उत्तर:
लक्षद्वीप तथा बिहार में प्रति व्यक्ति शिक्षा व्यय क्रमशः 3440 रुपये तथा 386 रुपये है।
प्रश्न 54.
शिक्षा आयोग 1964-66 ई. ने शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का कितना प्रतिशत खर्च करने की सिफारिश की थी?
उत्तर:
शिक्षा आयोग 1964-66 ई. ने शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 6 प्रतिशत खर्च करने की सिफारिश की थी।
प्रश्न 55.
‘मानवीय पूँजी आर्थिक संवृद्धि लाती है’ यह सिद्ध करने के लिये अनुभव सिद्ध प्रमाण (Empirical Evidence) क्यों अस्पष्ट है? कारण लिखें।
उत्तर:
मापने के समस्याओं के कारण अनुभव सिद्ध प्रमाण अस्पष्ट है। उदाहरण के लिये स्कूल में बिताये गये वर्ष, अध्यापक-शिष्य अनुपात तथा नामांकन दर (Enrolmentation) शिक्षा की गुणवत्ता को नहीं दर्शा सकते। इसी प्रकार मुद्रा जीवन प्रत्याशा और मृत्यु दर एक देश के लोगों के वास्तविक स्वास्थ्य स्तर को नहीं दर्शा सकते।
प्रश्न 56.
तृतीय स्तरीय शिक्षा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
तृतीय स्तरीय शिक्षा से अभिप्राय कॉलेज, विश्वविद्यालय तथा तकनीकी शिक्षा के स्तर से है।
लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
मानव विकास हेतु शिक्षा क्यों अनिवार्य है?
उत्तर:
निम्न कारणों से शिक्षा मानव विकास के लिये अनिवार्य है –
- शिक्षा से मनुष्य का स्र्वांगीण विकास होता है।
- शिक्षा से मनुष्य निपुण कार्यकर्ता बन जाता है तथा अशिक्षित कार्यकर्ता से अधिक वेतन लेता है।
- शिक्षा से मनुष्य का सामाजिक स्तर बढ़ जाता है और उसकी समाज में प्रतिष्ठा होती है।
- शिक्षा प्राप्त करने से मनुष्य शराब पीना, जुआ खेलना आदि बुरी आदतों से बच जाता है।
- शिक्षा व्यक्ति को एक अच्छा नागरिक बनाने में सहायता करती है।
प्रश्न 2.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में कौन-कौन सी गतिविधियाँ आती हैं?
उत्तर:
स्वास्थ्य के क्षेत्र में निम्नलिखित गतिविधियाँ आती हैं –
- जनसंख्या दवाइयों पर नियंत्रण
- नशीली दवाइयों पर नियंत्रण
- खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकना
- स्वास्थ्य हेतु मुख्य संक्रामक तथा गैर-संक्रामक रोगों का पूरी तरह से प्रतिरक्षण तथा निवारण
प्रश्न 3.
भौतिक तथा मानवीय पूँजी में अंतर बतावें।
उत्तर:
भौतिक तथा मानवीय पूँजी में अंतर –
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
विश्व में भारत का मानव विकास सूचकांक क्या है?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) विभिन्न देशों के लिए मानव विकास सूचकांकों का संकलन करता है। इसके लिए विश्वसनीय आँकड़े सुलभता से प्राप्त हो जाते हैं। विभिन्न मानव विकास रिपोर्ट में उपलब्ध राष्ट्रों में भारत की स्थिति नीचे दी गई सारणी से स्पष्ट है –
प्रश्न 2.
मानव पूँजी और मानव विकास में अंतर बतावें।
उत्तर:
मानव पूँजी और मानव विकास में अंतर (Difference between Human Capital and Human Development):
प्रश्न 3.
मानवीय पूँजी के विभिन्न स्रोत कौन-कौन से हैं? समझाइये।
उत्तर:
मानवीय पूँजी के विभिन्न स्रोत इस प्रकार हैं –
1. शिक्षा में निवेश (Investment in education):
शिक्षा में निवेश मानवीय पूँजी का एक स्रोत माना जाता है। शिक्षा मनुष्य को विवेकशील तथा तर्कशील बनाती है तथा उसकी सामान्य सूझ को विकसित करती है। शिक्षा से मनुष्य का दृष्टिकोण वैज्ञानिक और औचित्यपूर्ण बनता है जो नई चीजों को समझने और अपनाने में सहायक होता है। शिक्षा से अर्जन-क्षमता बढ़ती है। इससे समाज में सामाजिक स्तर ऊँचा होता है और लोगों को शिक्षित होने का गौरव प्राप्त होता है।
2. स्वास्थ्य में निवेश (Investment in Health):
शिक्षा और प्रशिक्षण से मनुष्य की मानसिक प्रतिभाओं का विकास होता है परंतु स्वास्थ्य और पोषण से मनुष्य की शारीरिक क्षमताओं का विकास होता है। स्वास्थ्य का संबंध केवल रोग निवारण से नहीं, अपितु इससे कहीं अधिक है। स्वास्थ्य का संबंध शारीरिक एवं मानसिक सुख एवं कल्याण से है। एक स्वस्थ व्यक्ति शारीरिक दृष्टि से पूर्णतया कार्य करने योग्य होता है।
हम जानते हैं कि एक स्वस्थ मनुष्य रोगी पुरुष की अपेक्षा अच्छा काम कर सकता है। एक रोगी कार्यकर्ता जिसके पास चिकित्सा सुविधाएँ नहीं हैं कई दिन काम पर नहीं आ सकता परिणामस्वरूप उत्पादन में कमी आयेगी। यदि वह कार्यकर्ता या सरकार उसकी बीमारी को ठीक करने पर व्यय करती है तब वह शीघ्र ही कार्य करने योग्य हो जायेगा।
अतः स्वास्थ्य मानव पूंजी निर्माण का एक आवश्यक साधन है। स्वास्थ्य व्यय के मुख्य घटक हैं-टीकाकरण, रोग ठीक करने वाली दवाइयाँ, शुद्ध जल की व्यवस्था और वे सब प्रकार के व्यय जो श्रमिकों को स्वस्थ रखने के लिये तथा लंबे समय तक काम करने के योग्य बनाने के लिए किये जाते हैं। स्वास्थ्य व्यय, स्वस्थ श्रम शक्ति की पूर्ति को प्रत्यक्ष रूप से बढ़ाते हैं। अत: स्वास्थ्य पर व्यय (निवेश) मानव पूंजी निर्माण का एक साधन है।
3. कार्य प्रशिक्षण पर व्यय (Expenditure on the job traning to labourers):
कार्य स्थल पर प्रशिक्षण में अभिप्राय श्रमिकों को उसके आसन्न पर्यवेक्षक द्वारा कार्यस्थल पर ही प्रशिक्षण देना है। दूसरे शब्दों में प्रशिक्षण की इस विधि के अन्तर्गत श्रमिक काम को वास्तविक परिवेश में सीखता है। यह प्रशिक्षिण दो प्रकार से दिया जा सकता है –
- अपने कारखने में ही तथा
- कारखाने से परे अन्य स्थानों पर। दोनों ही स्थितियों में कर्मचारी का मालिक ही व्यय करता है। बाद में मालिक इस व्यय को कर्मचारी की उत्पादकता से होने वाले अतिरिक्त लाभ से पूरा कर लेता है।
4. प्रवजन पर व्यय (Expenditure on Migration):
प्रवजन से अभिप्राय नौकरी की तलाश में, अधिक आय को प्राप्त करने के लिए या व्यावसायिक अवसर अधिक होने के कारण एक स्थान (देश) से दूसरे स्थान (देश) जाना । यह देशान्तरण आन्तरिक भी हो सकता है और विदेशी भी। देश के एक भाग से देश के दूसरे भाग में नौकरी की तलाश आदि के लिये जाने को आन्तरिक देशांतर कहते हैं। भारत में गाँव से लोग नौकरी प्राप्त करने के लिये काफी संख्या में निरंतर आ रहे हैं।
विदेशी प्रवसन उस देशांतर को कहते हैं जब एक देश के लोग (भारतीय) नौकरी प्राप्त करने के लिये दूसरे देश में जाते हैं। इन दोनों प्रकार के देशांतर में परिवहन व्यय आता है। जिस देश में भारतीय जाते हैं, वहाँ पर रहने की लागत अधिक होती है। अपरिचित सामाजिक तथा सांस्कृतिक ढाँचे में रहने के कारण मानसिक लागत आती है। परंतु विदेशों में बढ़ी हुई आय इन लागतों से अधिक होती है। अतः प्रवजन (migration) पर व्यय भी मानव पूँजी निर्माण का एक स्रोत (source) है।
5. सूचना प्राप्त करने पर व्यय (Expenditure incurred on getting education):
जिस प्रकार लोग शिक्षा तथा स्वास्थ्य पर खर्च करते हैं उसी प्रकार के श्रम बाजार तथा अन्य बाजारों के बारे में सूचना प्राप्त करने के लिये भी व्यय करते हैं। सूचनाओं से हमें पता चलता है कि विभिन्न नौकरियों पर क्या-क्या वेतन मिलता है। इससे हमें यह भी पता चलता है कि. कौन-सी शैक्षणिक संस्थायें हमें निपुणता प्रदान करती हैं जिससे हमें नौकरी मिल सके और उस निपुणता को प्राप्त करने में हमें कितना व्यय करना पड़ेगा।
मानव पूंजी में निवेश करने तथा प्राप्त मानव पूँजी स्टॉक का कुशलतापूर्वक प्रयोग करने के बारे में निर्णय लेने के लिये ये सूचनायें आवयश्क हैं। अतः श्रम बाजार तथा अन्य बाजार के बारे में सूचना लेने के लिये किये गये खर्चे भी मानव पूँजी निर्माण का एक स्रोत हैं।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
शताब्दी के अन्त में भारत में साक्षर अनुपात था –
(a) 1/6
(b) 2/3
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) 2/3
प्रश्न 2.
वर्ष 2001 में भारत में साक्षरों की संख्या हो गई है –
(a) 57 करोड़
(b) 75 करोड़
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) 57 करोड़
प्रश्न 3.
भारतवर्ष में शिक्षा पर कुल व्यय सकल घरेलू उत्पाद का प्रतिशत है –
(a) 4 प्रतिशत
(b) 4 प्रतिशत से ज्यादा
(c) 4 प्रतिशत से कम
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) 4 प्रतिशत से कम
प्रश्न 4.
हमारे देश में शिक्षा प्रणाली लागू है –
(a) 10 + 2 + 2
(b) 10 + 2 + 3
(c) 11 + 3
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) 10 + 2 + 3
प्रश्न 5.
भारत में वर्तमान जीवन प्रत्याशा है –
(a) 65 वर्ष
(b) 70 वर्ष
(c) 60 वर्ष
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) 65 वर्ष
प्रश्न 6.
ग्रामीण क्षेत्र में जिला स्तर पर स्वास्थ्य की देखभाल करता है –
(a) स्वास्थ्य उपकेन्द्र
(b) स्वास्थ्य केन्द्र
(c) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
प्रश्न 7.
ओरल पोलियो टीका दिया जाता है –
(a) पोलियो
(b) डिफथेरिया
(c) अधापन रोकथाम के लिए
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) पोलियो
प्रश्न 8.
वर्ष 1994 भारत में प्लेग फैला था –
(a) दिल्ली में
(b) सूरत में
(c) भोपाल में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) सूरत में
प्रश्न 9.
भारत में चेचक उन्मूलन का वर्ष है –
(a) 1967
(b) 1977
(c) 1987
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) 1977
प्रश्न 10.
1991 में भारत में आवासों की कुल कमी है –
(a) 38 लाख
(b) 31 लाख
(c) 8 लाख
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) 38 लाख
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