BSEB Class 10 Social Science History Chapter 6 शहरीकरण एवं शहरी जीवन Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 10th Social Science History Chapter 6 शहरीकरण एवं शहरी जीवन Book Answers |
Bihar Board Class 10th Social Science History Chapter 6 शहरीकरण एवं शहरी जीवन Textbooks Solutions PDF
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Board | BSEB |
Materials | Textbook Solutions/Guide |
Format | DOC/PDF |
Class | 10th |
Subject | Social Science History Chapter 6 शहरीकरण एवं शहरी जीवन |
Chapters | All |
Provider | Hsslive |
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वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
नीचे दिये गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। जो आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे उनमें सही का चिह्न लगायें।
प्रश्न 1.
सामंती व्यवस्था से हटकर किस प्रकार की शहरी व्यवस्था की प्रवृत्ति बढ़ी?
(क) प्रगतिशील प्रवृति
(ख) आक्रामक प्रवृति
(ग) रूढ़िवादी प्रवृति
(घ) शोषणकारी प्रवृति
उत्तर-
(क) प्रगतिशील प्रवृति
प्रश्न 2.
शहर को आधुनिक व्यक्ति का किस प्रकार का क्षेत्र माना जाता है ?
(क) सीमित क्षेत्र
(ख) प्रभावी क्षेत्र
(ग) विस्तृत क्षेत्र ।
(घ) सभी
उत्तर-
(ख) प्रभावी क्षेत्र
प्रश्न 3.
स्थायी कृषि के प्रभाव से कैसा जमाव संभव हुआ?
(क) संपत्ति
(ख) ज्ञान
(ग) शांति
(घ) बहुमूल्य धातु
उत्तर-
(क) संपत्ति
प्रश्न 4.
एक प्रतियोगी एवं उद्यमी प्रवृति से प्रेरित किस प्रकार की अर्थव्यवस्था लागू की गई?
(क) जीवन-निर्वाह अर्थव्यवस्था
(ख) मृदा प्रधान अर्थव्यवस्था
(ग) शिथिल अर्थव्यवस्था
(घ) सभी
उत्तर-
(ख) मृदा प्रधान अर्थव्यवस्था
प्रश्न 5.
आधुनिक काल में औद्योगीकरण ने किसके स्वरूप को गहन रूप से प्रभावित किया ?
(क) ग्रामीणीकरण
(ख) शहरीकरण
(ग) कस्बा
(घ) बन्दरगाहो
उत्तर-
(ख) शहरीकरण
प्रश्न 6.
जनसंख्या का घनत्व सबसे अधिक कहाँ होता है ?
(क) ग्रामा
(ख) कस्बा
(ग) नगर
(घ) महानगर
उत्तर-
(घ) महानगर
प्रश्न 7.
1810 से 1880 ई. तक लंदन की आबादी 10 लाख से बढ़कर कहाँ तक पहुंची ?
(क) 20 लाख
(ख) 30 लाख
(ग) 40 लाख
(घ) 50 लाख
उत्तर-
(ग) 40 लाख
प्रश्न 8.
लंदन में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा कब लागू हुई ?
(क) 1850
(ख) 1855
(ग) 1860
(घ) 1870
उत्तर-
(घ) 1870
प्रश्न 9.
कौन-सा सामाजिक वर्ग बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में उभरकर आया?
(क) उद्योगपति वर्ग
(ख) पूँजीपति वर्ग
(ग) श्रमिक वर्ग
(घ) मध्यम वर्ग
उत्तर-
(घ) मध्यम वर्ग
प्रश्न 10.
पूँजीपति वर्ग के द्वारा किस वर्ग का शोषण हुआ?
(क) श्रमिक वर्ग
(ख) मध्यम वर्ग
(ग) कृषक वर्ग
(घ) सभी
उत्तर-
(क) श्रमिक वर्ग
निम्नलिखित में रिक्त स्थानों को भरें:
प्रश्न 1.
शहरों के विस्तार में भव्य………..”का निर्माण हुआ।
उत्तर-
परफोटोक
प्रश्न 2.
लंदन भारी संख्या में………….”को आकर्षित करने में सफल हुआ।
उत्तर-
प्रवासिया
प्रश्न 3.
शहरों में रहने वाले…………”से सीमित थे।
उत्तर-
बाध्यताआ
प्रश्न 4.
…………”देशों में नगरों के प्रति रुझान देखा जाता है।
उत्तर-
विकासशील
प्रश्न 5.
…………..”के द्वारा निवास तथा आवासीय पद्धति, जन यातायात के साधन, जन स्वास्थ्य इत्यादि के उपाय किये गये।
उत्तर-
नगर प्रबंधन
समूहों का मिलान करें:
उत्तर-
1. (ङ), 2. (घ), 3. (क), 4. (ख), 5. (ग)।
लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर (60 शब्दों में उत्तर दें)
प्रश्न 1.
किन तीन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हई?
उत्तर-
औद्योगिक पूँजीवाद का उदय, विश्व के विशाल भूभाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना एवं लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास। यही तीन प्रक्रियाएँ हैं जिसने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई।
प्रश्न 2.
समाज़ का वर्गीकरण ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में किस भिन्नता के आधार पर किया जाता है ?
उत्तर-
ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में समाज का वर्गीकरण निम्न आधारों पर किया जाता है – (i) आर्थिक तथा (ii) प्रशासनिक संदर्भ।
प्रश्न 3.
आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय बनावट के दो प्रमुख आधार क्या हैं ?
उत्तर-
(i) जनसंख्या का घनत्व तथा (ii) कृषि आधारित क्रियाओं का अनुपात।
प्रश्न 4.
गाँव के कृषि जन्य आर्थिक क्रियाकलापों की विशेषता को दर्शायें।
उत्तर-
गाँवों की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि-संबंधी व्यवसाय से जुड़ा ह अधिकांश वस्तुएँ कृषि उत्पाद ही होती हैं जो इनकी आय का प्रमुख स्रोत होता है। आय का प्रमुख स्रोत होता होता है।
प्रश्न 5.
शहर किस प्रकार की क्रियाओं का केन्द्र होता है
उत्तर-
शहर राजनीतिक प्राधिकार का केन्द्र होता है जहाँ दस्तकार, व्यापारी और अधिकारी बसने लगते हैं।
प्रश्न 6.
नगरीय जीवन एवं आधुनिकता एक-दूसरे से अभिन्न रूप से कैसे जुड़े हुए हैं ?
उत्तर-
परिवर्तन प्रकृति का अटूट नियम है। समय के साथ आ रहे बदलावों को हम आधुनिकता की श्रेणी में रखते हैं। यह परिवर्तन हमारे वेशभूषा, जीवन स्तर इत्यादि में आता है जो सर्वप्रथम शहरी क्षेत्रों में ही परिलक्षित होता है। आधुनिक संचार सुविधाएँ, आधुनिक घरेलू उपयोगी पदार्थों, नई-नई डिजाइनों वाले वेशभूषा इत्यादि, सर्वप्रथम नगरीय जीवन में ही दिखाई देता है क्योंकि उन्हें अपनाने के लिए वहाँ आवश्यक संसाधन एवं माध्यम उपलब्ध है।
प्रश्न 7.
नगरों में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग अल्पसंख्यक है ऐसी मान्यता क्यों बनी है?
उत्तर-
किसी भी नगर में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग अल्पसंख्यक होता है। ऐसी मान्यता का मुख्य कारण है पूँजी का असमान वितरण। पूँजी कुछ मुट्ठी पर लोगों के पास ही सीमित होती है जिसे पूँजीपति वर्ग कहते हैं और अपनी पूँजी के बल पर वह हर कार्यक्षेत्र में विशेष रूप से सफलता प्राप्त कर लेता है।
प्रश्न 8.
नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना किस प्रकार के आंदोलन या प्रयास से बनी?
उत्तर-
नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना का विकास मुख्यतः आर्थिक एवं राजनैतिक प्रयास से हुआ, क्योंकि लोगों को अपनी आर्थिक स्थिति को उन्नत करने के लिए राजनैतिक अधिकारों को जानना जरूरी हो गया।
प्रश्न 9.
व्यावसायिक पूँजीवाद ने किस प्रकार नगरों के उदभव में अपना योगदान दिया?
उत्तर-
व्यावसायिक पूँजीवाद ने नगरों के उद्भव में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया क्योंकि इनके कारण ही नगरों में शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य सुविधाएँ आदि का विकास हुआ। व्यापार एवं धर्म शहरों की स्थापना के मुख्य आधार थे। व्यावसायिक पूँजीवाद के कारण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती गयी जिससे नगरों के उद्भव को बल मिला।
प्रश्न 10.
शहरों के उद्भव में मध्यम वर्ग की भूमिका किस प्रकार की रही ?
उत्तर-
मध्यम वर्ग एक नए शिक्षित वर्ग के रूप में उभरा, जो विभिन्न पेशों में रहकर भी औसतन एक समान आय प्राप्त करने वाले वर्ग के रूप में उभर कर आया एवं बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में स्वीकार किए गए। यह विभिन्न रूप में कार्यरत रहे जैसे शिक्षक, वकील, चिकित्सक, इंजीनियर, क्लर्क, एकाउंटेंट्स परन्तु इनके जीवन मूल्य के आदर्श समान रहे और आर्थिक स्थिति भी एक वेतनभोगी वर्ग के रूप में उभर कर आई।
प्रश्न 11.
श्रमिक वर्ग का आगमन शहरों में किन परिस्थितियों के अन्तर्गत हुआ?
उत्तर-
शहरों में फैक्टरी प्रणाली की स्थापना के कारण ग्रामीण क्षेत्रों का भूमिविहीन कृषक वर्ग रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन करने लगा।
प्रश्न 12.
शहरों ने किन नई समस्याओं को जन्म दिया?
उत्तर-
शहरों ने निम्नलिखित नई समस्याओं को जन्म दिया
- आवास की समस्या,
- जलापूर्ति की समस्या,
- प्रदूषण की समस्या।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें)
प्रश्न 1.
शहरों क विकास की पृष्ठभूमि एवं उसकी प्रक्रिया पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
शहरों के विकास की पृष्ठभूमि मध्यकालीन सामंती सामाजिक संरचना एवं मध्यकालीन जीवन मूल्य तेरहवीं शताब्दी तक अपने शिखर पर था। कई प्रतिरोधों के पश्चात भी यह व्यवस्था ने नई एवं बाह्य शक्तियों को जो इसे परिवर्तित करना चाहती थी यथासंभव नियंत्रित रखा, रोका और अपने में समाहित किया। अंततः एक नई सामाजिक एवं राजनीतिक संरचना विकसित हुई, जो अपनी परम्पराओं एवं स्वरूप के लिए प्राचीन परिपाटी के प्रति ऋणी तो थी, किन्तु नवीन राजनीतिक एवं आर्थिक अवधारणाओं को स्वीकार करती थी जो अधिक लौकिक एवं जिज्ञासु प्रवृत्ति से प्रेरित थी। इसी पृष्ठभूमि में शहरी जीवन का पुनः उदय हुआ।
शहरीकरण की प्रक्रिया- तीन ऐतिहासिक प्रक्रियाओं ने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई।
- औद्योगिक पूँजीवाद का उदय।
- विश्व के विशाल भू-भाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना।
- लोकतांत्रिक आदशों का विकास।
इस तरह ग्रामीण एवं सामंती व्यवस्था से हटकर एक प्रगतिशील शहरी व्यवस्था की ओर बढ़ने की प्रवृत्ति बढ़ी। अतः नगरवाद जनसमूह के एक बड़े भाग की जीवन पद्धति के रूप में आधुनिक घटना है।
प्रश्न 2.
ग्रामीण तथा नगरीय जीवन के बीच की भिन्नता को स्पष्ट करें।
उत्तर-
(i) गाँव और शहर के बीच काफी भिन्नताएं हैं। गाँव की आबादी कम होती है नगर की ज्यादा; गाँव में खेती और पशुपालन मुख्य आजीविका है, शहर में व्यापार और उत्पादन, गाँव में प्राकृतिक वातावरण स्वच्छ है, शहर में प्रदूषित। शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य सुविधाएँ आदि में शहर अधिक उन्नत अवस्था में होते हैं। शहर में आधुनिकताओं का बोलबाला होता है जबकि ग्रामीण क्षेत्र आधुनिकता से काफी दूर होता है।
नगर में रोजगार के साधनों की अधिकता होती है जबकि गाँव में रोजगार के साधन नहीं के बराबर होते हैं। ग्रामीणों का जीवन स्तर निम्न होता है, नगरीय लोगों का जीवन स्तर उच्च होता है। ग्रामीण लोग सामान्य तौर पर निष्कपट और ईमानदार होते हैं जबकि नगरीय लोगों में घृणा, इर्ष्या, द्वेष इत्यादि अधिक होते हैं।
प्रश्न 3.
शहरी जीवन में किस प्रकार के सामाजिक बदलाए आए।
उत्तर-
शहरीकरण की प्रक्रिया ने सामाजिक जीवन में काफी बदलाव लाया। ग्रामीण जीवन मुख्यतः कृषिप्रधान अर्थव्यवस्था पर आधारित थी परंतु नगरीय जीवन गतिशील मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था पर आधारित था।
रोजगार के साधनों की अधिकता के कारण शहर में लोगों का जीवन स्तर ऊपर उठने लगा जिससे शिक्षा का प्रसार सामाजिक जीवन में एक नया बदलाव लेकर आया। लोगों में स्वार्थ की भावना बढ़ने लगी, अधिकाधिक धनपार्जन के लिए प्रतिस्पर्धी माहौल बढ़ने लगा। लोगों के जीवन में सुविधाएँ तो बढ़ने लगीं परन्तु कलुषता और कुविचार भी बढ़ने लगे जिससे मानवता की भावना घटने लगी। लोग सिर्फ अपने ही बारे में सोचने लगे। सामाजिक जीवन में आधुनिकता का बोलबाला बढ़ने लगा। नगरीय जीवन और आधुनिकता एक-दूसरे के पूरक बन गए। व्यक्तिवाद की भावना बढ़ने लगी।
प्रश्न 4.
शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यम वर्ग मजदूर वर्ग की भूमिका की चर्चा करें।
उत्तर-
शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यम वर्ग एवं मजदूर वर्ग की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।
व्यवसायी वर्ग ने अपने व्यापारिक उद्देश्य की पूर्ति हेतु वाणिज्यिक कार्यस्थलों, जन परिवहन प्रणाली औद्योगिक केन्द्रों इत्यादि की स्थापना करना प्रारंभ किया जिससे धीरे-धीरे वहाँ की आबादी बढ़ने लगी, सामाजिक परिवर्तन होने लगा और छोटा-सा क्षेत्र शहर में तब्दील होने लगा।
मध्यम वर्ग धीरे-धीरे एक नए शिक्षित वर्ग के रूप में उभरने लगा। इस वर्ग से शिक्षक, वकील, चिकित्सक, इंजीनियर, क्लर्क, एकाउंटेंट्स इत्यादि विभिन्न पदों पर लोग आसीन होने लगे। इनकी आर्थिक स्थिति उन्नत होने लगी जिससे सामाजिक जीवन में परिवर्तन आया और शहरीकरण की प्रक्रिया आरंभ हुई।
गांव के किसान और मजदूर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की ओर पलायन करने लगे जिससे शहरीकरण की प्रक्रिया को बल मिला।
प्रश्न 5.
एक औपनिवेशिक शहर के रूप में बम्बई शहर के विकास की समीक्षा करें।
उत्तर-
बम्बई औपनिवेशिक भारत की वाणिज्यिक राजधानी थी। एक प्रमुख बंदरगाह होने के नाते यह अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र था जहाँ से कपास और अफीम जैसे कच्चे माल बड़ी तादाद में रवाना किए जाते थे। इस व्यापार के कारण न सिर्फ व्यापारी और महाजन बल्कि कारीगर एवं दुकानदार भी बम्बई में बसे। कपड़ा मिलें खुलने पर और अधिक संख्या में लोग इस शहर की ओर उन्मुख हुए। 1954 ई. में पहली कपड़ा मिल स्थापित हुई और 1921 ई. तक वहाँ 85 कपड़ा मिलें खुल चुकी थीं जिनमें लगभग 1,46,000 मजदूर काम कर रहे थे। 1931 तक लगभग एक चौथाई ही बम्बई के निवासी थे बाकी निवासी बाहर से आकर बसे थे। बम्बई का प्रति व्यक्ति क्षेत्रफल केवल 9.5 वर्ग गज था। वहाँ प्रति मकान में 20 व्यक्ति रहते थे।
मुम्बई का विकास सुनियोजित तरीके से नहीं हो सका। बल्कि 1800 के आसपास बम्बई फोर्ट एरिया का केन्द्र था और दो हिस्सों में बंटा हुआ था। एक हिस्से में ‘नेटिव’ रहते थे और दूसरे में यूरोपीय या ‘गोरे’ रहते थे। कोर्ट आबादी उत्तर में एक यूरोपीय उपनगर और औद्योगिक पट्टी में भी विकसित होने लगी थी। दक्षिण में इसी तरह की उपनगरीय आबादी और एक छावनी थी। यह नस्ली विभाजन अन्य प्रेसीडेंसी शहरों में भी रही।
19वीं शताब्दी के मध्य तक व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए और अधिक जमीन की जरूरत महसूस हुई तो सरकार और निजी कम्पनियों के द्वारा नयी योजनाएँ बनाई गईं। 1864 में मालाबार हिल से कोलबा के आखिरी छोर तक के पश्चिमी तट को विकसित करने का ठेका बैंक बेरिक्लेमेशन कम्पनी को मिला। 20वीं शताब्दी के आने तक जिस प्रकार आबादी तेजी से बढ़ी अधिक-से-अधिक जमीन को घेर लिया गया और समुद्री जमीन को विकसित किया जाने लगा।
एक सफल भूमि विकास परियोजना बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट के अन्तर्गत शुरू की गई। ट्रस्ट ने 1914 से 1918 के बीच एक सूखी गोद का निर्माण किया और उसकी खुदाई से जो मिट्टी निकली उसका इस्तेमाल करके 22 एकड़ का बालार्ड एस्टेट बना डाला। इसके बाद मशहूर मरीन ड्राइव बनाया गया।
Bihar Board Class 10 History शहरीकरण एवं शहरी जीवन Additional Important Questions and Answers
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
प्राचीन इराक का सबसे प्रमख नगर कौन-सा था?
उत्तर-
उर प्राचीन इराक का सबसे प्रमुख नगर था।
प्रश्न 2.
1880 में दुर्गाचरण राय की प्रकाशित पुस्तक का क्या नाम था ?
उत्तर-
देबोगेरमत्ये आगमन।
प्रश्न 3.
इंगलैंड में संयमता आन्दोलन किसने चलाया ?
उत्तर-
इंगलैंड में संयमता आन्दोलन मध्यमवर्ग ने चलाया।
प्रश्न 4.
भारत में धुआँ निरोधक कानून सबसे पहले कहाँ और कब बनाया गया?
उत्तर-
भारत में धुआँ निरोधक कानून सबसे पहले कलकत्ता में 1863 में बनाया गया।
प्रश्न 5.
आधुनिक काल में शहरीकरण पर सबसे बड़ा प्रभाव किसका पड़ा है?
उत्तर-
आधुनिक शहरों के उदय को औद्योगिक पूँजीवाद के उदय ने गहरे रूप से प्रभावित किया है।
प्रश्न 6.
उन दो कानूनों के नाम लिखें जिनके द्वारा इंगलैंड में बाल श्रमिकों को कारखानों में काम करने से रोक दिया गया ?
उत्तर-
जिन दो कानूनों ने इंगलैंड में बाल श्रमिकों को कारखानों में नाम करने से रोक दिया था वे है-
- अनिवार्य ये प्राथमिक शिक्षा तथा
- 1902 का फैक्ट्री कानून।
प्रश्न 7.
शहरीकरण का पुरुषों और महिलाओं पर समान रूप से क्या प्रभाव पड़ा?
उत्सर-
शहरीकरण का पुरुषों और महिलाओं पर समान प्रभाव पड़ा। दोनों के व्यक्तिगत स्वतंत्रता अधिकारों और कार्यों पर बल दिया गया।
प्रश्न 8.
बंबई की चॉल किस प्रकार की इमारत थी? इनका निर्माण कबसे आरंभ हुआ?
उत्तर-
बंबई में बाहर से आए हुए मजदूरों के आवास के लिए ही बड़ी संख्या में चॉल बनवाए गए। चॉल बहुमंजिली इमारतें थी। इसका निर्माण 1860 के दशक से आरंभ हुआ था।
प्रश्न 9.
उन दो फिल्मों के नाम लिखे जिनमें बंबई के अंतर्विरोधी आयामों का उल्लेख किया गया है?
उत्तर-
सी.आई.डी. और गेस्ट हाउस।
प्रश्न 10.
शहरों की सबसे बड़ी समस्या क्या थी?
उत्तर-
शहरों की सबसे बड़ी समस्या बढ़ती जनसंख्या एवं उनके पुर्नवास (आवास) की थी।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
8वीं शताब्दी के मध्य से लंदन की आबादी बढ़ने के क्या कारण थे?
उत्तर-
लंदन इंगलैंड का एक बड़ा नगर था। इंगलैंड की राजधानी होने के कारण इसकी आबादी लगातार बढ़ती गई। जहां 1750 तक इसकी आबादी 6 लाख थी वहीं 1890 तक लंदन की जनसंख्या 40 लाख हो गई। यद्यपि लंदन में कारखाने नहीं थे परंतु वहाँ रोजगार के अन्य अवसर उपलब्ध थे। इसलिए इंगलैंड के विभिन्न भागों से लोग वहाँ आकर बसने लगे। प्रथम विश्वयुद्ध तक लंदन में मोटर और बिजली के समान भी बड़े स्तर पर बनाए जाने लगे। इससे नए-नए कारखाने खुले। इससे भी लंदन की आबादी बढ़ती गयी।
प्रश्न 2.
19 वीं शताब्दी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई?
उत्तर-
19वीं शताब्दी के मध्य से बंबई का विकास एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर के रूप में होने लगा था। यहाँ से अफीम और कपास का निर्यात किया जाता था। व्यापार के विकास के साथ-साथ यह प्रशासनिक रूप में पश्चिम भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्यालय भी बन गया।
औद्योगीकरण का जब विकास हुआ तो बम्बई बड़े औद्योगिक केन्द्र के रूप में बदल गया। 1819 में आंग्ल-मराठा युद्ध में मराठों की पराजय के बाद ईस्ट इंडिया कम्पनी ने बम्बई को बम्बई प्रेसीडेंसी की राजधानी बनाई। इसके बाद बम्बई शहर का तेजी से विकास हुआ। व्यापारी, कारीगर, उद्योगपति, दुकानदार, श्रमिक बड़ी संख्या में यहाँ आकर बसने लगे। इससे बम्बई पश्चिमी भारत का सबसे प्रमुख नगर बन गया तथा इसकी आबादी में काफी वृद्धि हुई।
प्रश्न 3.
19 वीं 20 वीं शताब्दियों में लंदन में कामकाजी महिलाओं में किस प्रकार का बदलाव आया ? इसके क्या कारण थे?
उत्तर-
18वीं, 20वीं शताब्दी में जब इंगलैंड में कारखाने स्थापित होने लगे तब बड़ी संख्या में स्त्रियाँ भी इनमें काम करने लगी। लेकिन कुछ समय बाद तकनीक में परिवर्तन के कारण जब कुशल श्रमिकों की आवश्यकता हुई तो इन स्त्रियों को कारखानों से हटाया जाने लगा। कारखानों में काम बंद होने पर स्त्रियाँ घरेलु काम-धंधों में लग गई। कुछ स्त्रियाँ अपने घर ही रहकर कपड़े सिलने, ऊनी वस्त्र बुनने तथा कपड़ा धोने का काम करने लगी। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जब पुरुष बड़ी संख्या में युद्ध में शामिल होने लगे तथा युद्धकालीन आवश्यक सामग्रियों की मांग बढ़ गई तो लंदन की कामकाजी महिलाओं में फिर से बदलाव आया। वे विभिन्न उद्योगों तथा दफ्तरों में काम करने लगी। इस प्रकार महिलाओं के आर्थिक क्रियाकलापों में महत्वपूर्ण बदलाव आया। औद्योगीकरण तथा प्रथम विश्वयुद्ध इस बदलाव के प्रमुख कारण थे।
प्रश्न 4.
19 वीं शताब्दी में धनी लंदनवासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत क्यों की?
उत्तर-
19 वीं शताब्दी में लंदन में गरीबों के आवास से जुड़ी एक महत्वपूर्ण समस्या थी। कारखाने व्यवस्था ने लंदन नगर का स्वरूप परिवर्तित कर दिया। कारखानों में काम करने के लिए बड़ी संख्या में लोग इंगलैंड के विभिन्न भागों से लंदन में आकर बसने लगे थे। परंतु उनके सामने मुख्य समस्या आवास की थी। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए धनी लंदन वासियों ने गरीबों के लिए मकान बनाने की वकालत शुरू की। वैसे धनी लोग जिनके पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध की शहर में बाहर से आनेवाले गरीब लोगों के लिए टेनेमेंट्स बनाने लगे। ये कामचलाऊ और असुरक्षित अपार्टमेंट या मकान थे। ऐसे मकान शहर के गरीब इलाकों में बनवाए गए।
प्रश्न 5.
बम्बई की बहुतेरी फिल्में शहर में बाहर से आनेवालों की जिन्दगी पर क्यों आधृत होती थी?
उत्तर-
बंबई नगर भीड़-भाड़, गंदगी, गरीबी, सम्पन्नता के साथ-साथ सपनों का शहर भी था। यहाँ अनेक लोग सुनहरे सपने संजोए हुए आते थे। इनमें बहुतों के सपने पूरे होते थे तो अनेक निराश हो जाते थे। बंबई को लोग सपनों का शहर या ‘मायापुरी’ मानते थे। औद्योगिक और आर्थिक केन्द्र होने के अतिरिक्त बम्बई रूपहले दुनिया या फिल्म उद्योग का भी केन्द्र था। पिल्मी दुनिया से आकृष्ट होकर इस उद्योग में अपना भविष्य तलाशने एवं सँवारने प्रतिवर्ष हजारों लोग इस शहर में आते इसलिए बंबई में अधिकांश फिल्में शहर से आनेवालों की जिन्दगी और उनकी आशाओं और निराशा पर केन्द्रित कर बनाई जाती थी।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
शहरीकरण से आप क्या समझते हैं ? शहरीकरण ने सहायक तत्वों का उल्लेख करें?
उत्तर-
शहरीकरण का इतिहास काफी पुराना है। मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ शहरों का भी उदय और विकास हुआ। सुमेर (मेसोपोटामिया), हड़प्पा (भारत-पाकिस्तान) रोम और यूनानी सभ्यताओं में अनेक नगर विकसित हुए। मध्यकालीन और आधुनिक काल में भी शहरीकरण की प्रक्रिया जारी रही। प्राचनी, मध्यकालीन और आधुनिक शहरों के स्वरूप में अंतर देखा जा सकता है। इन सभी शहरों की एक साझा विशेषता थी कि नगर गैर-कृषक उत्पादन व्यवसाय व्यापार के केन्द्र थे। शहरों की जीवन-शैली ग्रामों से भिन्न थी शहरों में नगरी जीवन एवं संस्कृति का विकास हुआ।
शहरीकरण उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसके अंतर्गत गाँव, छोटे कस्बे, शहर, नगर और महानगर में तब्दील हो जाते हैं। शहरों के उदय और विकास में अनेक कारणों का योगदान रहा है। इनमें आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक कारण प्रमुख हैं।
शहरीरकण के सहायक तत्व-आधुनिक शहरों के उदय में तीन तत्वों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ये हैं-
- औद्योगिक पूँजीवाद का उदय
- उपनिवेशवाद का विकास तथा
- लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास। शहरीकरण ने आर्थिक व्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक एवं राजनीतिक व्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला।
प्रश्न 2.
19 वीं सदी में इंगलैंड में मनोरंजन के कौन-से साधन थे ?
उत्तर-
19वीं सदी में इंगलैंड के शहरवासियों के लिए विभिन्न प्रकार के मनोरंजन की व्यवस्था की गयी। मशीनी जीवन व्यतीत करने के साथ-साथ रविवार एवं छुट्टियों का दिन आराम और मनोरंजन में व्यतीत करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों ने अलग-अलग रास्ते ढूँढे। 18वीं सदी के अंतिम दशक से तीन-चार सौ घनी एवं संभ्रात परिवार के लोगों के मनोरंजन के लिए अपेक्ष, रंगमंच और शास्त्रीय संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। 19वीं सदी में । मनोरंजन का एक प्रमुख केन्द्र शराबखाना था। रेलवे का आरंभ होने के पूर्व शराबखानों में लोग घोड़ा गाड़ियों से आते थे। शराबखाने सामान्यतः घोड़ागाड़ियों के रास्ते में स्थापित किए गए। इनमें मुसाफिर आकार ठहरते थे और रात्रि विश्राम भी करते थे। ये मुगलकालीन भारत में प्रचलित सराय के समान थे। जब रेल और बस का उपयोग बढ़ा तो घोड़ागाड़ियों का व्यवहार कम हो गया। अब शराबखाने रेलवे स्टेशन और बस पड़ावों के निकट बनाए गए।
19वीं शताब्दी से लंदनवासियों को अपने इतिहास की जानकारी देने के लिए संग्रहालय एवं कला दीर्घाएँ सरकार द्वारा खोली गई। पुस्तकालय भी स्थापित किए गए जो एक ही साथ मनोरंजन एवं ज्ञान-वर्द्धन के केन्द्र बन गए। 1810 में संग्रहालयों में प्रवेश शुल्क समाप्त कर देने से दर्शकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। लाखों लोग इन संग्रहालयों में आने लगे। समाज के निम्न तबके । के लोग अपने मनोरंजन के लिए संगीत सभा का आयोजन करते थे।
प्रश्न 3.
लंदन में भूमिगत रेलवे का निर्माण क्यों किया गया ? इसकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर-
उमर लंदन शहर का जब विस्तार हुआ तब यह शहर इतना विशालकाय हो गया कि लोगों को अपने कार्यस्थल पर पैदल पहुंचना मुश्किल होने लगा। लंदन में बाहर से आनेवाले को भी यहाँ पहुँचना मुश्किल हो रहा था। इसलिए परिवहन के साधनों के विकास के अंतर्गत भूमिगत रेलवे के विकास की योजना बनाई गई। इसका सबसे बड़ा लाभ यह था कि लोग उपनगरीय बस्तियों से सुविधापूर्वक लंदन आकर अपना काम कर सकते थे। इसका दूसरा लाभ यह था कि भूमिगत रेलवे की सुविधा होने से लंदन पर आबादी का बोझ कम हो जाता। इसलिए 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में लंदन में भूमिगत रहा था विकास किया गया। लंदन में ही विश्व की पहली भूमिगत रेल बनी। इसका आरंभ 10 जनवरी 1863 को हुआ। यह रेल लाइन लंदन के पैडिंग्टन और फैरिंग्टन स्ट्रीट के बीच चलाई गई।
लेकिन भूमिगत रेलवे के विकास के साथ लोगों द्वारा इसकी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की गई। आरंभ में लोगों को भूमिगत रेल से यात्रा करना असुविधाजनक और भयभीत कर देनेवाला लगता था। अखबार में एक पाठक ने भूमिगत रेल में अपनी यात्रा का अनुभव करते हुए लिखा था कि भूमिगत रेलगाड़ियों को फौरन बंद कर देना चाहिए। ये स्वास्थ्य के लिए भयानक खतरा है। इसी तरह की निराशाजनक प्रतिक्रिया कुछ अन्य लोगों की भी थी। उनका कहना था कि “इन लौह दैत्यों ने शहर की अफरातफरी और अस्वास्थ्यकर माहौल को और बढ़ा दिया है।” विख्यात अंग्रेजी उपन्यासकार चार्ल्स डिकेंस भी अपने उपन्यास ‘डॉम्बी एंडवसन’ में भूमिगत रेलवे द्वारा लाएगा विनाश का उल्लेख करते हैं। भूमिगत रेल निर्माण से गरीब तबकों पर बुरा असर पड़ा। अनुमानतः दो मील लम्बी लाइन बिछाने के लिए नौ सौ घर गरीबों के गिरा दिए जाते थे। इस प्रकार भूमिगत रेलवे के निर्माण द्वारा बड़ी संख्या में गरीबों की बस्तियाँ उजाड़ी जा रही थी।
प्रश्न 4.
शहरीकरण का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा? प्रदूषण को रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए?
उत्तर-
शहरीकरण की प्रक्रिया का प्रतिकूल प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है। शहरों में कल-कारखानों के खुलने, बेतरतीब भीड़, गाड़ियों और लोगों की लगातार आवाजाही, धूल और गंदगी से पर्यावरण प्रदूषित होता है। शहरों के विस्तार के क्रम में प्राकृतिक वातावरण को नष्ट कर दिया गया था। जंगल का काटना, पहाड़ियों को समतल करना तथा तटीय इलाकों को भूमि के रूप में परिवर्तित करना आदि से पर्यावरण प्रदूषित हुई। हवा पानी को गंदगी ने प्रदूषित कर दिया। शहरों की भीड़, शोर-शराबे ने वायु प्रदूषण को बढ़ाया।
लेकिन धीरे-धीरे नगर नियोजक इन समस्याओं की ओर ध्यान देने लगे। सरकार ने समय-समय पर शहरों के पर्यावरण में सुधार लाने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास किए। शहर में गंदगी फैलानेवाले इलाकों की सफाई करवाई गई। गंदे कारखाने को शहर से बाहर स्थानांतरित करने का प्रयास किया गया। भारत में पहली बार कलकत्ता में ही धुआं निरोधक कानून 1863 में पारित किया गया। बंगाल धुआं निरोधक आयोग के प्रयासों से कलंकत्ता में औद्योगिक इकाइयों से निकलनेवाले धुएँ पर नियंत्रण लाकर वायु प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया गया। इसके पूर्व 1840 के दशक तक इंगलैंड के प्रमुख औद्योगिक शहरों में धुआँ नियंत्रक कानून लागू किए गए।
Bihar Board Class 10 History शहरीकरण एवं शहरी जीवन Notes
- समाजशास्त्री के अनुसार नगरीय जीवन तथा आधुनिकता एक दूसरे के पूरक हैं और शहर को आधुनिक व्यक्ति का प्रभाव क्षेत्र माना जाता है।
- तीन ऐतिहासिक प्रक्रियाओं ने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई। पहला-औद्योगिक पूँजीवाद का उदय, दूसरे विश्व के विशाल भू-भाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना और तीसरा लोकतांत्रिक आदर्शों का विकास।
- कस्बा -ग्रामीण अंचल में एक छोटे नगर को माना जाता है जो अधिकांशतः स्थानीय विशिष्ट व्यक्ति का केन्द्र होता है।
- गंज -एक छोटे स्थायी बाजार को कहा जाता है। कस्बा और गंज दोनों कपड़ा, फूल, सब्जी
तथा दूध उत्पादों से संबद्ध थे। - महानगर -किसी प्रांत या देश का विशाल घनी आबादी वाला शहर जो प्रायः वहाँ की राजधानी भी होता है।
- दुनिया की सबसे पहली भूमिगत रेल के पहले खंड का उद्घाटन 10 जनवरी, 1863 ई. को. किया गया। यह रेल लाइन लंदन की पैडिंग्ल और कैरिंगटन के बीच स्थित थी।
- 1911 ई. के दिल्ली दरबार में बिहार को पृथक राज्य का रूप दिया गया। 1912 ई. में बिहार एवंउड़ीसा को पृथक राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ और पटना इसकी राजधानी बनी।
- वर्तमानपटना की आबादी 12 लाख से अधिक है और इसका क्षेत्रफल 250 वर्ग किमी है। कोलकाता के बाद पूर्वी भारत का सबसे बड़ा नगर है आबादी के घनत्व के दृष्टिकोण से
- यह भारत का 14वाँ सर्वाधिक आबादी वाला नगर है।
- घेटा -सामान्यतः यह शब्द मध्य यूरोपीय शहरों में यहूदियों की बस्ती के लिए प्रयोग किया जाता है। आज के संदर्भ में यह विशिष्ट धर्म, नृजाति, या समान पहचान वाले लोगों के साथ रहने को इंगित करता है।
- बम्बई औपनिवेशिक भारत की वाणिज्यिक राजधानी थी।
- 1854 ई. में बम्बई में पहली सूती मिल की स्थापना हुई।
- 1901 की जनगणना के अनुसारबम्बई की लगभग 80 प्रतिशत आबादी चॉलों में रहती थी।
- बम्बई के सुनियोजित विकास के लिए 1898 मेंसिटी ऑफ बंबई इम्प्रवमेंट ट्रस्ट की स्थापना की गयी।
- शेरशाह के समय प्राचीन पाटलिपुत्र, पटना के नाम से विख्यात हुआ।
- 18वीं शताब्दी के प्रारंभ में मुगलराजकुमार अजीमुशान ने इस पटना का पुनर्निमाण कराया और इसे अजीमाबाद नाम दिया।
- 1870 में लंदन में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा कानून लागू किए गए।
- कामचलाऊ और अक्सर बेहिसाब भीड़ वाले अपार्टमेंट मकान ट्रेनेमेंट्स कहलाते थे।
- सभ्यता आंदोलन को मध्यम वर्ग ने चलाया।
- लंदन के धनी लोगों के लिए वास्तुकार और योजनाकार वेनेजर हावर्ड ने बागीचों के शहर या गार्डन सिटी की योजना तैयार की। दुनिया की सबसे पहली भूमिगत रेल लाइन 10 जनवरी, 1863 कोलंदन के पैडिग्टन और फैरिंग्टन स्ट्रीट के बीच चलाई गई।
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