Hsslive.co.in: Kerala Higher Secondary News, Plus Two Notes, Plus One Notes, Plus two study material, Higher Secondary Question Paper.

Saturday, June 18, 2022

BSEB Class 12 Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Book Answers

BSEB Class 12 Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Book Answers
BSEB Class 12 Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbook Solutions PDF: Download Bihar Board STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Book Answers


BSEB Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks Solutions and answers for students are now available in pdf format. Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Book answers and solutions are one of the most important study materials for any student. The Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context books are published by the Bihar Board Publishers. These Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context textbooks are prepared by a group of expert faculty members. Students can download these BSEB STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context book solutions pdf online from this page.

Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks Solutions PDF

Bihar Board STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Books Solutions with Answers are prepared and published by the Bihar Board Publishers. It is an autonomous organization to advise and assist qualitative improvements in school education. If you are in search of BSEB Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Books Answers Solutions, then you are in the right place. Here is a complete hub of Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context solutions that are available here for free PDF downloads to help students for their adequate preparation. You can find all the subjects of Bihar Board STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks. These Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks Solutions English PDF will be helpful for effective education, and a maximum number of questions in exams are chosen from Bihar Board.

Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Books Solutions

Board BSEB
Materials Textbook Solutions/Guide
Format DOC/PDF
Class 12th
Subject Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context
Chapters All
Provider Hsslive


How to download Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbook Solutions Answers PDF Online?

  1. Visit our website - Hsslive
  2. Click on the Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Answers.
  3. Look for your Bihar Board STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks PDF.
  4. Now download or read the Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbook Solutions for PDF Free.


BSEB Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks Solutions with Answer PDF Download

Find below the list of all BSEB Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbook Solutions for PDF’s for you to download and prepare for the upcoming exams:

Bihar Board Class 12 Geography भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास Textbook Questions and Answers

(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

प्रश्न 1.
प्रदेशीय नियोजन का संबंध है –
(क) आर्थिक व्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों का विकास
(ख) क्षेत्र विशेष के विकास का उपागम
(ग) परिवहन जल तंत्र में क्षेत्रीय अंतर
(घ) ग्रामीण क्षेत्रों का विकास
उत्तर:
(क) आर्थिक व्यवस्था के विभिन्न सेक्टरों का विकास

प्रश्न 2.
आई.टी.डी.पी. निम्नलिखित में से किस संदर्भ में वर्णित है?
(क) समन्वित पर्यटन विकास प्रोग्राम
(ख) समन्वित यात्रा विकास प्रोग्राम
(ग) समन्वित जनजातीय विकास प्रोग्राम
(घ) समन्वित परिवहन विकास प्रोग्राम
उत्तर:
(ग) समन्वित जनजातीय विकास प्रोग्राम

प्रश्न 3.
इंदिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र में सतत्पोषणीय विकास के लिए इनमें से कौन-सा सबसे महत्त्वपूर्ण कारक है?
(क) कृषि विकास
(ख) पारितंत्र विकास
(ग) परिवहन विकास
(घ) भूमि उपनिवेशन
उत्तर:
(क) कृषि विकास

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।

प्रश्न 1.
भरमौर जनजातीय क्षेत्र में समन्वित जनजातीय विकास कार्यक्रम के सामाजिक लाभ क्या हैं?
उत्तर:
भरमौर जनजातीय क्षेत्र में समन्वित जनजातीय विकास कार्यक्रम लागू होने से सामाजिक लाभों में साक्षरता दर में तेजी से वृद्धि, लिंग अनुपात में सुधार और बाल-विवाह में कमी शामिल हैं। इस क्षेत्र में स्त्री साक्षरता दर 1971 में 1.88 प्रतिशत से बढ़कर 2001 में 42.83 प्रतिशत हो गई।

प्रश्न 2.
सतत्पोषणीय विकास की संकल्पना को परिभाषित करें।
उत्तर:
सतत्पोपणीय विकास का अर्थ है-‘एक ऐसा विकास जिसमें भविष्य में आने वाली पीढ़ियाँ की आवश्यकता पूर्ति को प्रभावित किए बिना वर्तमान पीढ़ी द्वारा अपनी आवश्यकता की पूर्ति करना। अतः विकास एक बहु-आयामी संकल्पना है और अर्थव्यवस्था, समाज तथा पर्यावरण में सकारात्मक व अनुत्क्रमीय परिवर्तन का द्योतक है।

प्रश्न 3.
इंदिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र का सिंचाई पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
नहरीनहरी सिंचाई के प्रसार से इस प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था प्रत्यक्ष रूप में रूपांतरित हो गई है। इस क्षेत्र में सफलतापूर्वक फसलें उगाने के लिए मृदा नमी सबसे महत्त्वपूर्ण सीमाकरी कारक रहा है। यहाँ की पारंपरिक फसलों, चना, बाजरा, और ज्वार का स्थान गेहूँ, कपास, मूंगफली और चावल ने ले लिया है।

(ग) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।

प्रश्न 1.
सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम और कृषि जलवायु नियोजन पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखें। ये कार्यक्रम देश में शुष्क भूमि कृषि विकास में कैसे सहायता करते हैं?
उत्तर:
सूखा संभावी क्षेत्र कार्यक्रम और कृषि जलवायु नियोजन कार्यक्रम की शुरुआत चौथी पंचवर्षीय योजना में हुई। इसका उद्देश्य सूखा संभावी क्षेत्रों में लोगो को रोजगार उपलब्ध करवाना और सूखे के प्रभाव को कम करने के लिए उत्पादन के साधनों को विकसित करना था। पाँचवीं पंचवर्षीय योजना में इसके कार्यक्षेत्र को और विस्तृत किया गया। इसमें सिंचाई परियोजनाओं, भूमि विकास कार्यक्रमों, वनीकरण, चरागाह विकास और आधारभूत ग्रामीण अवसंरचना जैसे विद्युत, सड़कों, बाजार, ऋण सुविधाओं और सेवाओं पर जोर दिया गया।

पिछड़े क्षेत्रों के विकास की राष्ट्रीय समिति ने इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन की समीक्षा की जिसमें यह पाया गया कि सूखा संभावित क्षेत्रों में वैकल्पिक रोजगार अवसर पैदा करने की आवश्यकता है। इन क्षेत्रों का विकास करने की अन्य रणनीतियों में सूक्ष्म-स्तर पर समन्वित जल-संभर विकास कार्यक्रम अपनाना चाहिए। इन क्षेत्रों के विकास की रणनीति में जल, मिट्टी, पौधों, मानव तथा पशु जनसंख्या के बीच पारिस्थितिकीय संतुलन, पुनःस्थापन पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए।

1967 में योजना आयोग ने देश में 67 जिलों की पहचान सूखा संभावी जिलों के रूप में की। 1972 में सिंचाई आयोग ने 30 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र का मापदंड लेकर सूखा संभावी क्षेत्रों का परिसीमन किया। भारत में सूखा संभावी क्षेत्र मुख्यतः राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र, आंध्र प्रदेश के रायलसीमा और तेलंगाना पठार, कर्नाटक पठार और तमिलनाडु की उच्च भूमि तथा आंतरिक भाग के शुष्क और अर्ध-शुष्क भागों में फैले हुए हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के सूखा प्रभावित क्षेत्र सिंचाई के प्रसार के कारण सूखे से बच जाते हैं।

प्रश्न 2.
इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र में सतत्पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के लिए उपाय सुझाएँ।
उत्तर:
इंदिरा गाँधी नहर कमान क्षेत्र में सतत्पोषणीय विकास को बढ़ावा देने वाले कुछ उपाय इस प्रकार हैं:

  1. पहली और सबसे महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है जल प्रबंधन नीति का कठोरता से कार्यान्वयन करना। इस नहर परियोजना के चरण-1 में कमान क्षेत्र में फसल रक्षण सिंचाई और चरण-2 में फसल उगाने और चरागाह विकास के लिए विस्तारित सिंचाई का प्रावधान है।
  2. इस क्षेत्र में शस्य प्रतिरूप में सामान्यतः जल सघन फसलों को नहीं बोया जाना चाहिए। इसका पालन करते हुए किसानों का बागाती कृषि के अंतर्गत खट्टे फलों की खेती करनी चाहिए।
  3. कमान क्षेत्र विकास कार्यक्रम जैसे नालों को पक्का करना, भूमि विकास तथा समतलन और वारबंदी (ओसरा) पद्धति (निकास के कमान क्षेत्र में नहर के जल का समान वितरण) प्रभावी रूप से कार्यान्वित की जाए ताकि बहते जल की क्षति मार्ग में कम हो सके।
  4. इस प्रकार जलाक्रांत एवं लवण से प्रभावित भूमि का पुनरूद्धार किया जाएगा।
  5. वनीकरण, वृक्षों का रक्षण मेखला (shelterbelt) का निर्माण और चरागाह विकास। इस क्षेत्र, विशेषकर चरण-2 के भंगुर पर्यावरण, में पारितंत्र-विकास (eco-development) के लिए अति आवश्यक है।
  6. इस प्रदेश में सामाजिक सतत् पोषणता का लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकता है यदि निर्धन आर्थिक स्थिति वाले भूआवंटियों को कृषि के लिए पर्याप्त मात्रा में वित्तीय और संस्थागत सहायता उपलब्ध करवाई जाए।
  7. मात्र कृषि और पशुपालन के विकास से इन क्षेत्रों में आर्थिक सतत्पोषणीय विकास की अवधारणा को साकार नहीं किया जा सकता। कृषि और इससे सम्बन्धित क्रियाकलापों को अर्थव्यवस्था के अन्य सेक्टरों के साथ विकसित करना पड़ेगा।
  8. इनसे इस क्षेत्र में आर्थिक विविधीकरण होगा तथा मूल आबादी गाँवों, कृषि-सेवा केन्द्रों (सुविधा गाँवों) और विपणन केन्द्रों (मंदी कस्बों) के बीच प्रकार्यात्मक संबंध स्थापित होगा।

Bihar Board Class 12 Geography भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास Additional Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
नियोजन प्रदेश किसे कहते हैं?
उत्तर:
नियोजन प्रदेश वह भू-भाग है जिसमें आर्थिक निर्णयों को कार्यान्वित किया जाता है। अतः नियोजन प्रदेश वस्तुतः प्रशासनिक प्रदेश ही होते हैं।

प्रश्न 2.
संक्रमण क्षेत्र का क्या अर्थ है?
उत्तर:
किन्हीं भी दो प्रदेशों को एक दूसरे से पृथक् करने के लिए कोई निश्चित सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है, क्योंकि दोनों प्रदेशों के सीमावर्ती क्षेत्र में मिली-जुली दशाएँ मिलती हैं। इसे संक्रमण क्षेत्र कहते हैं।

प्रश्न 3.
पंचवर्षीय योजनाओं की उपलब्धियाँ कौन-कौन सी थी?
उत्तर:

  1. राष्ट्रीय उत्पादों में शुद्ध वृद्धि।
  2. अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि।
  3. उपभोग की स्थिति में सुधार।
  4. रोजगार की स्थिति।

प्रश्न 4.
‘नियोजन’ से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
आर्थिक और सामाजिक क्रियाओं के क्रम, अनुक्रम को विकसित करने की प्रक्रिया को नियोजन कहते हैं।

प्रश्न 5.
प्रदेश क्या है?
उत्तर:
प्रदेश वह भू-भाग है, जिसमें भौगोलिक दशाओं की समानता तथा विकास सम्बन्धी समस्याओं की समरूपता हो। इन विशेषताओं के कारण यह अन्य भागों से भिन्न होता है।

प्रश्न 6.
आर्थिक प्रदेश किसे कहते हैं?
उत्तर:
आर्थिक प्रदेश राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाला एक भू-भाग होता है जिसमें आर्थिक क्रियाओं के संगठन, अवस्थिति एवं वितरण का अध्ययन किया जाता है।

प्रश्न 7.
आर्थिक योजना के लिए तीन स्तरीय प्रादेशिक विभाजन का वर्णन करें।
उत्तर:
आर्थिक योजना बनाने के लिए आर्थिक प्रदेशों की रचना की जाती है। देश को प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के क्षेत्रों में बाँटा जाता है। विकास कार्यों को विभिन्न स्तरों पर बाँट दिया गया है –

  1. वृहतस्तरीय प्रदेश
  2. मध्य स्तरीय प्रदेश
  3. अल्पार्थक प्रदेश।

प्रश्न 8.
पर्यावरण पर औद्योगिक विकास के अनापेक्षित प्रभावों के विषय में लोगों की चिंता कौन सी दो पुस्तकों द्वारा प्रकट हुई?
उत्तर:
1968 में प्रकाशित एहरलिच की पुस्तक ‘द पापुलेशन बम’ और 1972 में मीडोस और अन्य द्वारा लिखी पुस्तक द लिमिट टू ग्रोथ’ के प्रकाशन ने पर्यावरण विदों की चिंता और भी गहरी की।

प्रश्न 9.
आई.टी.डी.पी. का पूरा नाम क्या है?
उत्तर:
समन्वित जनजातीय विकास परियोजना।

प्रश्न 10.
भरमौर का क्षेत्र कौन-कौन से अक्षांशों के बीच स्थित है?
उत्तर:
भरमौर का क्षेत्र 32° 11′ उत्तर से 32°41′ उत्तर अंक्षाशों तथा 76°22′ पूर्व से 76°53′ पूर्व देशान्तरों के बीच स्थित है।

प्रश्न 11.
सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
अपर्याप्त प्राकृतिक संसाधनों वाले सूखा प्रवण क्षेत्रों में गांवों की गरीबी को कम करने के लिए उत्पादक परिसंपत्तियों का निर्माण करना।

प्रश्न 12.
जनजातीय विकास कार्यक्रम किन क्षेत्रों में शुरु किए गए?
उत्तर:
ये कार्यक्रम उन क्षेत्रों में शुरु किए गए जिनकी कुल जनसंख्या में 50% या उससे अधिक संख्या में जन-जाति के लोग रहते हैं।

प्रश्न 13.
सामुदायिक विकास कार्यक्रम किस पंचवर्षीय योजना में शुरु किया गया?
उत्तर:
यह कार्यक्रम प्रथम पंचवर्षीय योजना में शुरु किया गया। इसके लिए पूरे देश को खंडों में विभाजित किया गया।

प्रश्न 14.
विकास शब्द से आप क्या अभिप्राय रखते हैं?
उत्तर:
सामान्यता समाज विशेष की स्थिति और उसके द्वारा अनुभव किए गए परिवर्तन की प्रक्रिया को विकास समझा जाता है।

प्रश्न 15.
जनजातीय समन्वित विकास उपयोजना लागू होने से कौन से सामाजिक लाभ हुए?
उत्तर:
सामाजिक लाभों से साक्षरता दर में तेजी से वृद्धि, लिंग अनुपात में सुधार और बाल-विवाह में कमी आदि लाभ प्राप्त हुए।

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
विकास से आप क्या समझते हैं? इसके मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर:
विकास का तात्पर्य लोगों के रहन-सहन के स्तर एवं मानव कल्याण की सामान्य दशाओं को बढ़ावा देना है। विकास के मुख्य उद्देश्य –

  1. लोगों के रहन-सहन का स्तर ऊँचा हो।
  2. मानव कल्याण की सामान्य दशाओं को बढ़ावा देना हो।
  3. आर्थिक उत्पादनों में वृद्धि की जाए ताकि लोगों का रहन-सहन स्तर ऊँचा हो।
  4. प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हो। व्यक्ति आय विकास का महत्त्वपूर्ण सूचक है।
  5. समाज के सभी वर्गों का समान रूप से विकास हो।
  6. राष्ट्रीय आय में वृद्धि हो।
  7. देश के सभी भाग आर्थिक विकास की दृष्टि से उन्नत हों।

प्रश्न 2.
प्रादेशिक विकास के संदर्भ में विकास की धारणा क्या है?
उत्तर:
प्रादेशिक विकास के संदर्भ में विकास की धारणा है कि लोगों का रहन-सहन ऊँचा हो तथा मानव कल्याण की सामान्य दशाओं में वृद्धि हो। प्रति व्यक्ति आय विकास का महत्त्वपूर्ण सूचक है। इसलिए लोगों की प्रति व्यक्ति आय बढ़े। आर्थिक उत्पाद तथा राष्ट्रीय आय में वृद्धि हो। इस प्रकार देश के सभी भागों में तथा समाज के सभी वर्गों में समान रूप से उन्नति हो।

प्रश्न 3.
कृषि जलवायु मण्डलों पर आधारित विकास नियोजन क्यों लाभदायक है?
उत्तर:
भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश में विभिन्न प्रदेशों के आर्थिक विकास के लिए कृषि खण्ड का विकास बहुत आवश्यक है। अतः कृषि जलवायु मण्डलों पर आधारित कृषि विकास नियोजन लाभदायक है। कृषि का विकास मूलतः जलवायु पर निर्भर करता है। इसलिए कृषि संसाधनों का पूर्ण उपयोग किया जा सकता है। कृषि नियोजन से कृषि सम्भाव्यताओं का पूर्ण उपयोग करके क्षेत्रीय विषमताओं को कम किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
भारत में बहुराष्ट्रीय नियोजन क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
बहुराष्ट्रीय नियोजन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय लक्ष्यों एवं उद्देश्यों की पहचान करना है। इन लक्ष्यों व उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए उचित नीतियों का निर्धारण किया जाता है। बहुस्तरीय योजना खण्डीय योजना होती है। जिसमें देश को छोटे-छोटे क्षेत्रों में बाँट लिया जाता है। प्राथमिक, द्वितीयक, तथा तृतीयक खण्ड बनाए जाते हैं। भारत एक विशाल देश है जिसे उपमहाद्वीप की संज्ञा दी जाती है। इसलिए भारत के विकास के लिए बहुस्तरीय नियोजन आवश्यक है। भारत के विभिन्न भागों के विकास में असंतुलन है। इस नियोजन से इन प्रादेशिक विषमताओं को दूर करके एक समकालीन विकास किया जा सकता है। पहली योजनाओं में राष्ट्र तथा राज्य ही नियोजन का क्षेत्र रहे हैं। परन्तु अब विकास खण्ड तथा गाँव ही योजनाओं को पूरा करने का कार्य करती है। इसलिए देश के आकार, प्रशासनिक ढाँचे, भौगोलिक संरचना को देखते हुए बहुस्तरीय नियोजन आवश्यक है।

प्रश्न 5.
क्षेत्र, मण्डल तथा प्रदेश में अन्तर स्पष्ट करो।
उत्तर:
भूगोल किसी भू-भाग में भौगोलिक संघटनों की विविधिता का अध्ययन किया जाता है। यह, भू-भाग एक क्षेत्रमण्डल अथवा प्रदेश हो सकता है। जब किसी भू-भाग में कोई विशेष परिघटना पाई जाती हो तो उसे क्षेत्र कहते हैं। जैसे-लावा मिट्टी क्षेत्र। मण्डल वह सीमित भाग है जो अध्ययन किए जाने वाले तत्त्व की बहुलता, सघनता या तीव्रता को प्रदर्शित करता है। जैसे-जलवायु मण्डल, रेलवे मण्डल। प्रदेश वह भू-भाग है जिसमें भौगोलिक, आर्थिक तथा सांसकृतिक दशाओं की समानता तथा समांगता हो। जैसे-प्राकृतिक प्रदेश, औद्योगिक प्रदेश।

प्रश्न 6.
योजना आयोग द्वारा निर्धारित कृषि जलवायु प्रदेशों के नाम लिखिए?
उत्तर:
कृषि जलवायु मण्डल-मिट्टी, जलवायु, धरातल, जल संसाधनों की सुविधाओं के आधार पर योजना आयोग ने देश को निम्नलिखित 15 कृषि जलवायु क्षेत्रों में बाँटा है –

  1. पश्चिमी हिमालय प्रदेश
  2. पूर्वी हिमालय प्रदेश
  3. गंगा की निचली घाटी का मैदान
  4. गंगा की मध्य घाटी का मैदान
  5. गंगा की ऊपरी घाटी का मैदान
  6. ट्रांस-गंगा का मैदान
  7. पूर्वी पठार एवं पहाड़ी प्रदेश
  8. मध्य पठार एवं पहाड़ी प्रदेश
  9. पश्चिमी पठार एवं पहाड़ी प्रदेश
  10. दक्षिणी पठार एवं पहाड़ी प्रदेश
  11. पूर्वी तटीय मैदान तथा पहाड़ी प्रदेश
  12. पश्चिमी तटीय मैदान तथा पहाड़ी प्रदेश
  13. गुजरात का मैदान तथा पहाड़ी प्रदेश
  14. पश्चिमी शुष्क प्रदेश
  15. द्वीप प्रदेश

प्रश्न 7.
एक स्तरीय तथा बहुस्तरीय योजना में क्या अंतर है?
उत्तर:
एक स्तरीय योजना:
किसी देश की प्राकृतिक सम्पदा के संतुलित विकास के लिए आर्थिक प्रादेशीयकरण की योजनाएँ बनाई जाती हैं। एक लम्बे काल तक की योजना राष्ट्रीय स्तर पर बनाई जाती है। यह योजना प्राय केन्द्रित तथा खण्डात्मक होती है। इसे एक स्तरीय या सैक्टोल योजना भी कहते हैं। इसमें विभिन्न क्षेत्रों को क्रमबद्ध करके उच्च स्तर पर योजना को पूरा करने की नीति बनाई जाती है। इसी योजना में निम्न स्तरीय प्रदेश मुख्य योजना के पूरक कार्य करते हैं।

बहुराष्ट्रीय योजना:
इस योजना में किसी देश को छोटे-छोटे भागों में बाँटा जाता है। बड़े आकार के देशों को अधिक संख्या के छोटे क्षेत्रों में बाँटा जाता है। भारत जैसे बड़े देश में राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का विकास बहुस्तरीय प्रणाली के रूप में आवश्यक है। बहुस्तरीय प्रणाली एक स्तरीय प्रणाली की प्रतिकूल नहीं होती है। इस प्रणाली द्वारा किसी प्रदेश का समाकलित विकास किया जाता है। विभिन्न प्रदेशों में आर्थिक विषमताओं को कम करके राष्ट्र स्तरीय योजनाओं के लक्ष्य को प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 8.
विभिन्न विशेषताओं के आधार पर प्रदेशों के प्रकार बताओ?
उत्तर:
प्रदेश प्राय: एक या एक से अधिक विशेषताओं के आधार पर अन्य भागों से भिन्न होता हैं अत: प्रदेश भी कई प्रकार के होते हैं –

  1. प्राकृतिक प्रदेश-जो प्राकृतिक विशेषताओं पर आधारित हों, जैसे, प्राकृतिक वनस्पति, प्रदेश, उष्ण कटिबन्धीय वर्षा के वन प्रदेश।
  2. सांस्कृतिक प्रदेश-जैसे भाषा के आधार पर भाषाई प्रदेश-तेलगू प्रदेश, तमिल प्रदेश।
  3. आर्थिक प्रदेश-जैसे मुंबई का पृष्ठ प्रदेश।
  4. औद्योगिक प्रदेश-उद्योगों के आधार पर दामोदार घाटी संकुल।

प्रश्न 9.
नीचे से नियोजन’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
नियोजन द्वारा राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त किया जाता है। नियोजन द्वारा अर्थव्यवस्था को खण्डीय पक्षों में बाँटा जाता है। भारत में आरम्भ में नियोजन का स्तर राष्ट्र तथा राज्य रहे हैं। इसके पश्चात् जिला एवं विकास खण्ड को नियोजन की इकाई के रूप में लिया गया है। इस प्रकार नियोजन क्रिया का विकेन्द्रीकरण किया गया। इस प्रकार विकास खण्ड के नियोजन से ग्रामीण विकास को सुदृढ़ बनाया गया। इसे नीचे से नियोजन कहते हैं।

प्रश्न 10.
भारत के विकास में प्रादेशिक विषमताओं की प्रमुख विशेषताओं का वितरण लिखिए।
उत्तर:
प्रादेशिक विषमताएँ इस प्रकार हैं –

  1. आंतरिक भागों की तुलना में तटीय क्षेत्र अधिक विकसित हैं।
  2. व्यापारिक कृषि के क्षेत्र में विकास अधिक व्यापक है, पंजाब और केरल के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में विषमता कम है।
  3. जन-जातीय क्षेत्र अभी भी कम विकसित हैं।
  4. भौतिक बाधाओं जैसे शुष्क जलवायु उबड़-खाबड़ पर्वतीय या पठारी भूमि, और प्रायः आने वाली बाढ़ों से पीड़ित क्षेत्रों तथा अलगाव के कारण उन्नत प्रौद्योगिक से वंचित क्षेत्र पिछड़े (अविकसित) ही रह गए हैं।

पचास और साठ के दशकों के दौरान प्रादेशिक विकास की नीतियाँ क्षेत्रीय विकास को प्रोत्साहित करती थीं ताकि विनिवेश से अधिकतम लाभ कमाया जा सके। द्वितीय पंचवर्षीय योजना की अवधि में केन्द्रोमुखी बिन्दुओं के रूप में कुछ विशाल औद्योगिक केन्द्र स्थापित किए गए थे। प्रथम दो योजनाओं में वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में वृद्धि तो हुई, लेकिन इससे प्रादेशिक असंतुलन पैदा हो गये थे। उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से सम्बन्धित नई आर्थिक नीति के द्वारा विकास की गति अधिक सुविधायुक्त क्षेत्रों में तेजी से हो रही है। इससे प्रादेशिक विषमता में वृद्धि हो रही है।

प्रश्न 11.
विकास खण्ड नियोजन की क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर:
विकास खण्ड स्तर पर नियोजन भारत के लिए आवश्यक है, परन्तु इसमें कई समस्याएँ हैं –

  1. इस स्तर पर नियोजन की कोई संस्था नहीं है।
  2. विकास खण्ड योजना अधिकारी कोई निर्णय लेने की क्षमता नहीं रखता।
  3. विकास खण्ड अधिकारी ऊपर के अधिकारियों से आज्ञा लेकर कार्य करती हैं।
  4. विकास खण्ड अधिकारी के पास योजना बनाने की क्षमता नहीं होती।
  5. सभी विकास खण्ड स्तर पर उपयुक्त इकाइयाँ नहीं बन पाती।
  6. विकास खण्ड एक जैसे समृद्ध नहीं होते।
  7. विकास खण्ड में विकास केन्द्रों का चयन तथा विकास आवश्यक है।

प्रश्न 12.
संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए।

  1. चौथी पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य।
  2. टिकाऊ विकास की आवश्यकता।

उत्तर:
1. चौथी पंचवर्षीय योजना:

  • विकास की गति को तेज करना।
  • कृषीय उत्पादन में उतार-चढ़ाव को घटाना।
  • विदेशी सहायता की अनिश्चितताओं के प्रभाव को कम करना।
  • कमजोर तथा विकसित क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को उत्प्रेरित करने के लिए उद्योगों को सारे देश में फैलाया गया।

2. टिकाऊ विकास की आवश्यकता:
लाभों के समान वितरण के साथ आर्थिक प्रगति तथा परितंत्र को कम से कम हानि के उद्देश्य को टिकाऊ विकास की विधि से प्राप्त किया जा सकता है। विकास के अनेक प्रकार पर्यावरण के उन्हीं संसाधनों का ह्रास करते हैं जिन पर वे आधारित होते हैं। इससे आर्थिक विकास में बाधा पड़ती है। इसलिए टिकाऊ विकास परितंत्र के स्थायित्व का सदैव ध्यान रख सकता है।

उत्पादक संरचनाओं और सम्बन्धों के साथ अर्थव्यवस्था और सामाजिक व्यवसाय में प्रगति से आय के न्यायपूर्ण वितरण शक्ति और अवसरों का न्यायपूर्ण वितरण सुनिश्चित होते हैं जो सामाजिक शान्ति के लिए आधार प्रदान करते हैं। टिकाऊ विकास की सामाजिक संदर्भ में आवश्यकता रहती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
आर्थिक योजना के लिए तीन स्तरीय प्रादेशिक विभाजन का वर्णन करें।
उत्तर:
आर्थिक योजना बनाने के लिए आर्थिक प्रदेशों की रचना की जाती है। देश को प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के क्षेत्रों में बाँटा जाता है। इन बहुस्तरीय प्रदेशों की रचना से विकास कार्यों को विभिन्न स्तरों पर बाँट दिया जाता है। यह स्तर इस प्रकार है –

  1. वृहत स्तरीय प्रदेश।
  2. मध्यम स्तरीय प्रदेश।
  3. अल्पार्थक स्तरीय प्रदेश।

1. वृहत स्तरीय प्रदेश:
यह सबसे उच्च स्तर के प्रदेश होते हैं। इसमें एक से अधिक राज्य शामिल होते हैं। इस प्रदेश में अपनी सीमाओं के अन्दर पूर्ण विकास की क्षमता होती है। प्रायः एक क्षेत्र में स्थित मध्यम स्तर के प्रदेशों को मिलाकर विस्तृत प्रदेश बनाया जाता है। यह क्षेत्र भौतिक सम्पदा, कच्चे माल, शक्ति साधनों में आत्मनिर्भर होता है। भारत को 13 विस्तृत प्रादेशीय इकाइयों में बाँटा गया है ।

2. मध्यम स्तरीय प्रदेश:
यह प्रदेश एक या एक से अधिक राज्यों के कुछ एक जिलों का सम्मिलित रूप होता है। इस प्रदेश की रचना विस्तृत प्रदेश के छोटे विभागों के रूप में की जाती है। कई अल्पार्थक स्तर के प्रदेशों को मिलाने से मध्य स्तर का प्रदेश बन जाता है। भारत को 35 माध्यम स्तरीय प्रदेशों में बाँटा गया है।

3. अल्पार्थक प्रदेश:
ये प्रदेश सबसे छोटा तथा निम्न स्तर के योजना प्रदेश होते हैं। इसमें एक जिले से कम क्षेत्र में कुछ तहसीलें या कुछ विकास खण्ड शामिल होते हैं। इस क्षेत्र प्रदेश में कई विकास केन्द्र कायम हो जाते हैं। इनके पृष्ठ प्रदेश मिलकर एक अल्पार्थक प्रदेश का निर्माण करते हैं।

प्रश्न 2.
आर्थिक विकास तथा प्रौद्योगिक किस प्रकार सामाजिक तथा प्रादेशिक विषमताओं को जन्म देता है?
उत्तर:
विकास का मुख्य उद्देश्य लोगों के रहन-सहन तथा मानव कल्याण की दशाओं में वृद्धि करना है। यह संकल्प मूल्य-घनात्मक है। विकास का अर्थ परिवर्तन है। परन्तु परिवर्तन का केवल घनात्मक पक्ष ही मान्य है। विकास की स्थिति को पलटा नहीं जा सकता। आर्थिक विकास से प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है। परन्तु आर्थिक विकास सभी वर्गों तथा सभी प्रदेशों में समान होता। आर्थिक विकास वर्ग तटस्थ नहीं होता। इसका लाभ समाज के कुछ ही वर्ग प्राप्त करते हैं। सभी प्रकार कुछ प्रदेश विकास के उच्च स्तर को प्राप्त कर लेते हैं, परन्तु कुछ प्रदेश उस स्तर को प्राप्त नहीं कर सकते। इसका विकास सामाजिक तथा प्रादेशिक विषमताओं को जन्म देता है। इसी प्रकार प्रौद्योगिक के विभिन्न स्तर सभी वर्गों को प्राप्त नहीं है। प्रौद्योगिक भी विभिन्न वर्गों एवं प्रदेशों के बीच विषमता को जन्म देती है।

मुख्य प्रादेशिक विषमताएँ इस प्रकार हैं –

  1. आंतरिक भागों की तुलना में तटीय क्षेत्र अधिक विकसित है।
  2. व्यापारिक कृषि के क्षेत्र में विकास अधिक व्यापक है, पंजाब और केरल के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में विषमता कम है।
  3. जन-जातीय क्षेत्र अभी भी कम विकसित हैं।
  4. भौतिक बाधाओं जैसे शुष्क जलवायु, उबड़-खाबड़ पर्वतीय या पठारी भूमि, और प्रायः आने वाली बाढ़ों से पीड़ित क्षेत्रों तथा अलगाव के कारण उन्नत प्रौद्योगिकी से वंचित क्षेत्र पिछड़े (अविकसित) ही रह गए हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित के उत्तर संक्षेप में दीजिए –

  1. नियोजन किसे कहते हैं?
  2. किसी देश के विकास के लिए नियोजन क्यों आवश्यक हैं?
  3. दूसरी पंचवर्षीय योजना के क्या उद्देश्य थे?
  4. 1966-69 के दौरान वार्षिक योजनाओं के विशिष्ट लक्षण कौन-कौन से थे?

उत्तर:
1. नियोजन:
आर्थिक और सामाजिक क्रियाओं के क्रम/अनुक्रम को विकसित करने की प्रक्रिया को नियोजन कहते हैं।

2. नियोजन की आवश्यकता:
राष्ट्रीय योजना संकल्पनात्मक और सैद्धान्तिक पक्षों पर विचार करती है। सभी आवश्यकताओं और संभावनाओं पर बल देती है, कौन से लक्ष्य पूरे करने हैं तथा कौन सी विधियाँ अपनानी हैं इन पर विचार करती है। जबकि योजनाओं को पूरा करने का दायित्व राज्यों का होता है। संविधान के संशोधनों के द्वारा नियोजन को स्थानीय स्तर के विकास का अनिवार्य अंग बना लिया गया है।

3. दूसरी पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य –

  • राष्ट्रीय आय में 25% की वृद्धि।
  • आधारभूत तथा भारी उद्योगों के विकास पर विशेष जोर देते हुए तीव्र औद्योगीकरण
  • रोजगारों के अवसरों का विस्तार।
  • असमानताओं में कमी। इस योजना में आधारभूत और भारी उद्योगों के विकास पर विशेष बल दिया गया।

4. 1966-69 के दौरान योजनाओं के विशिष्ट लक्षण-इन योजनाओं में पैकेज कार्यक्रमों को अपनाया गया। पैकेज कार्यक्रमों में सुनिश्चित वर्षा और सिंचाई वाले चयनित क्षेत्रों में अधिक आधक उपज देने वाले बीज, उर्वरक, पीड़कनाशी और ऋण की सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई। इसे गहन कृषीय जिला कार्यक्रम के नाम से जाना जाता है। इस पैकेज कार्यक्रम के द्वारा ही तथाकथित हरित क्रान्ति का सूत्रपात हुआ।

प्रश्न 4.
भारत की पंचवर्षीय योजनाओं की प्रमुख उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्रमुख उपलब्धियाँ:
1. राष्ट्रीय उत्पादों में शुद्ध वृद्धि:
(1950-51 से 2000-01) नियोजन व्यवस्था में भारतीय अर्थव्यवस्था ने बहुत प्रगति की है। प्रतिवर्ष 4.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। इस योजना के देश खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर बनाया गया था। 1979-80 के सूखे के बावजूद पांचवी योजना की अवधि में पर्याप्त प्रगति हुई। छठी और सातवीं योजनाओं के दौरान शुद्ध घरेलू उत्पादों की वार्षिक चक्रवृद्धि दर 5.0% से अधिक थी। आठवीं योजना में सबसे अधिक वृद्धि दर नौवीं योजना काल में पुनः धीमी हो गई थी।

2. अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में वृद्धि:
शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादों और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि दर मुख्य रूप से कृषि की उपलब्धियों पर आश्रित थी। कृषि की तुलना में औद्योगिक वृद्धि दर निरंतर ऊँची बनी रही। अर्थव्यवस्था में विकास के साथ देश की औद्योगिक संरचना में विविधता आ गई। इस अवधि में औद्योगिक उत्पादन में 5.5% की दर से वृद्धि हुई जबकि कृषि, उत्पादन केवल 3.0% की दर से बढ़ा। चतुर्थक क्षेत्र के उत्पादन में बहुत तेज वृद्धि हुई। व्यापार और परिवहन तथा वित्तीय सेवाओं में से प्रत्येक का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 16 गुना बढ़ा।

द्वितीयक क्षेत्र में विनिर्माण, बिजली, गैस और जल की आपूर्ति में तेजी से विस्तार हुआ। तृतीयक क्षेत्र में व्यापार, परिवहन, लोक प्रशासन की रक्षा ने बहत वृद्धि हुई। ये सभी भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती परिपक्वता के परिचायक हैं। कामगारों की संरचना में कोई अधिक परिवर्तन नहीं हुआ। प्रति व्यक्ति आय में सापेक्षिक गिरावट आई।

3. उपभोग की स्थिति में सुधार:
अनाजों और दालों की प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन की उपलब्धता 1951 में 394 ग्राम थी जो 2001 में बढ़कर 417 ग्राम हो गई। खाद्य तेलों की प्रतिव्यक्ति उपलब्धता तीन गुनी हो गई। घरेलू उपयोग के लिए बिजली की उपलब्धता में वृद्धि भी प्रभावशाली है।

4. गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों की सफलता:
योजना आयोग, गरीबी के विस्तार का आंकलन राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर करता रहा है। गरीबी के रेखा के नीचे रहने वाले लोगों के प्रतिशत के रूप में अभिव्यक्त गरीबी के विस्तार में निरन्तर कमी आई है। गरीबी का अनुपात तो घट गया, लेकिन गरीबों की कुल संख्या आज भी 26 करोड़ बनी हुई है।

5. रोजगार की स्थिति:
कुल संख्या में रोजगार 1983 में 30.3 करोड़ थे, जो बढ़कर 2000 में 39.7 करोड़ हो गए। रोजगार के अवसरों में वृद्धि, जनसंख्या वृद्धि के अनुरूप से कम हुई है। रोजगार के संगठित क्षेत्र में वार्षिक वृद्धि दर में बहुत तेज गिरावट आई है। शिक्षित बेरोजगारों की संख्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित के उत्तर संक्षेप में दीजिए –

  1. भारत में रोजगार की क्या स्थिति है?
  2. उन क्षेत्रों के नाम बताइए जहाँ जन-जातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम शुरु किए गए थे?
  3. सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रमों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  4. गहन कृषीय विकास कार्यक्रम कब लागू किया गया?

उत्तर:
1. भारत में रोजगार की स्थिति:
रोजगार जनन भी नियोजन की प्राथमिकताओं में से एक रही है। कुल संख्या में रोजगार 1983 में 30.3 करोड़ थे, जो बढ़कर 2000 में 39.7 करोड़ हो गए। समग्र रोजगार की औसत वार्षिक वृद्धि दर 1972-78 की अवधि में 2.73% थी, जो घटकर 1983-88 में 1.54 तथा 1993-2000 में 1.03% रह गई। रोजगार के संगठित क्षेत्र में वार्षिक वृद्धि दर से बहुत तेज गिरावट आई। सन् 2000 में यह गिरावट 0.17% पर पहुँच गई। शिक्षित बेरोजगारों की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। 1996-97 में रोजगार ढूँढ़ने वाले 3.7 करोड़ लोगों के नाम रोजगार के दफ्तरों में पंजीकृत थे।

2. जनजातीय क्षेत्र:
ये कार्यक्रम उन्हीं क्षेत्रों के लिए तैयार किए गए जिनकी कुल जनसंख्या में 50 प्रतिशत या उससे अधिक संख्या में जन-जाति के लोग रहते हैं। उपयोजना क्षेत्र के मुख्य दीर्घावधि उद्देश्य थे-जन-जातीय और अन्य लोगों के विकास के स्तरों के अंतर को कम करना तथा जन-जातीय समुदायों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना। इस कार्यक्रम के लिए चुने गए क्षेत्र इन राज्यों में स्थित थे। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, झारखंड और राजस्थान। ऐसे कार्यक्रम आम आदमी के लाभ, विशेष रूप से सबसे कमजोर वर्ग के लिए बनाए गए थे। ये कार्यक्रम क्षेत्र की विशेष समस्याओं को सुलझाने के लिए बनाए गए थे।

3. सूखा प्रवर्ण क्षेत्र की विशेषताएँ –

  • अभावग्रस्त लोगों के लिए काम के अवसर जुटाए गए।
  • भूमि और मजदूरी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए विकासात्मक कार्य शुरु किए गए थे।
  • इन कार्यक्रम में क्षेत्र के समन्वित विकास पर जोर दिया गया था।
  • कार्यक्रम निम्नलिखित से सम्बन्धित थे, सिंचाई परियोजनाएँ, भूमि विकास कार्यक्रम, वनरोपण, वनीकरण, घासभूमि विकास, ग्रामीण विद्युतीकरण और अवसंरचनात्मक विकास कार्यक्रम।

4. गहन कृषीय विकास कार्यक्रम-इसे तीसरी पंचवर्षीय योजना के दौरान लागू किया गया। इस नीति के अनुसार कुछ ऐसे जिलों को चुनना था, जिनमें कृषि विकास की प्रबल संभावनाएँ थीं।
तालिका: मुख्य फसलों के अंतर्गत क्षेत्र, उत्पादन, तथा उपज में अग्रणी भारत के पांच राज्य

वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 1.
क्रियाओं को विकसित करने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
(A) नियोजन
(B) भोजन
(C) विकास
(D) योजना।
उत्तर:
(A) नियोजन

प्रश्न 2.
एम. विश्वेश्वरैया ने दस वर्षीय योजना कब प्रकाशित की थी?
(A) 1836
(B) 1936
(C) 1944
(D) 1926
उत्तर:
(B) 1936

प्रश्न 3.
टाटा और बिड़ला ने बंबई योजना कब बनाई?
(A) 1944
(B) 1952
(C) 1956
(D) 1936
उत्तर:
(A) 1944

प्रश्न 4.
किस पंचवर्षीय योजना में भारत में समाजवादी समाज की स्थापना का प्रतिरूप किया गया?
(A) प्रथम पंचवर्षीय योजना
(B) द्वितीय पंचवर्षीय योजना
(C) चौथी पंचवर्षीय योजना
(D) छठी पंचवर्षीय योजना
उत्तर:
(B) द्वितीय पंचवर्षीय योजना

प्रश्न 5.
टिकाऊ विकास की आवश्यकता का उद्देश्य किस योजना में रखा गया था?
(A) नौवीं पंचवर्षीय योजना
(B) चौथी पंचवर्षीय योजना
(C) तृतीय पंचवर्षीय योजना
(D) प्रथम पंचवर्षीय योजना
उत्तर:
(A) नौवीं पंचवर्षीय योजना

प्रश्न 6.
शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादों और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि दर मुख्य रूप से किस पर आधारित थी?
(A) उद्योग
(B) कृषि
(C) योजना
(D) राष्ट्रीय आय
उत्तर:
(B) कृषि

प्रश्न 7.
रोजगारों की संख्या 2000 में कितनी हो गई?
(A) 30.3 करोड़
(B) 33.3 करोड़
(C) 39.7 करोड़
(D) 37.9 करोड़
उत्तर:
(C) 39.7 करोड़

प्रश्न 8.
उन क्षेत्रों में कौन सा विकास कार्यक्रम शुरु किया गया जहाँ 50% से अधिक जन-जाति के लोग रहते हैं?
(A) जनजातीय विकास कार्यक्रम
(B) पहाड़ी क्षेत्र विकास कार्यक्रम
(C) गहन कृषीय विकास कार्यक्रम
(D) सामुदायिक विकास कार्यक्रम
उत्तर:
(A) जनजातीय विकास कार्यक्रम

प्रश्न 9.
सामुदायिक विकास कार्यक्रम किस पंचवर्षीय योजना में शुरु किया गया?
(A) प्रथम पंचवर्षीय योजना
(B) द्वितीय पंचवर्षीय योजना
(C) पांचवी पंचवर्षीय योजना
(D) नौवीं पंचवर्षीय योजना
उत्तर:
(A) प्रथम पंचवर्षीय योजना

प्रश्न 10.
‘गहन कृषि विकास कार्यक्रम’ किस पंचवर्षीय योजना में लागू किया गया?
(A) प्रथम पंचवर्षीय योजना
(B) चौथी पंचवर्षीय योजना
(C) तीसरी पंचवर्षीय योजना
(D) छठी पंचवर्षीय योजना
उत्तर:
(C) तीसरी पंचवर्षीय योजना

प्रश्न 11.
SFDA का क्या अर्थ है?
(A) लघु कृषक विकास संस्था
(B) सीमांत किसान विकास संस्था
(C) (A) और (B) दोनों
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(A) लघु कृषक विकास संस्था

प्रश्न 12.
पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम में देश के कितने जिलों को शामिल किया गया है?
(A) 12
(B) 13
(C) 14
(D) 15
उत्तर:
(D) 15

प्रश्न 13.
1967 में योजना आयोग ने देश में कितने जिलों की पहचान सूखा संभावी जिलों के रूप में की थी?
(A) 60
(B) 70
(C) 67
(D) 77
उत्तर:
(C) 67

प्रश्न 14.
2001 की जनगणना के अनुसार, भरमौर उपमंडल की जनसंख्या कितनी थी?
(A) 32,246
(B) 30,246
(C) 28,246
(D) 26,246
उत्तर:
(A) 32,246

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
अपने क्षेत्र में कार्यान्वित किए जा रहे क्षेत्र विकास कार्यक्रमों के बारे में पता लगाएँ। इन कार्यक्रमों का आपके आस-पास समाज और अर्थव्यवस्था पर हुए प्रभाव का विश्लेषण करें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
आप अपना क्षेत्र चुनें अथवा एक ऐसे क्षेत्र की पहचान करें जहाँ बहुत गंभीर पर्यावरणीय और सामाजिक आर्थिक समस्याएँ हैं, इस क्षेत्र के संसाधनों का अनुमान लगाएँ और उनकी एक सूची तैयार करें। जैसा कि इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र के लिए किया गया है, इस क्षेत्र में सतत्पोषणीय विकास को बढ़ाया देने वाले उपाय सुझाएँ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।


BSEB Textbook Solutions PDF for Class 12th


Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks for Exam Preparations

Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbook Solutions can be of great help in your Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context exam preparation. The BSEB STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks study material, used with the English medium textbooks, can help you complete the entire Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Books State Board syllabus with maximum efficiency.

FAQs Regarding Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbook Solutions


How to get BSEB Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbook Answers??

Students can download the Bihar Board Class 12 Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Answers PDF from the links provided above.

Can we get a Bihar Board Book PDF for all Classes?

Yes you can get Bihar Board Text Book PDF for all classes using the links provided in the above article.

Important Terms

Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context, BSEB Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks, Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context, Bihar Board Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbook solutions, BSEB Class 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks Solutions, Bihar Board STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context, BSEB STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks, Bihar Board STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context, Bihar Board STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbook solutions, BSEB STD 12th Geography Planning and Sustainable Development in Indian Context Textbooks Solutions,
Share:

0 Comments:

Post a Comment

Plus Two (+2) Previous Year Question Papers

Plus Two (+2) Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Physics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Chemistry Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Maths Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Zoology Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Botany Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Computer Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Computer Application Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Commerce Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Humanities Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Economics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) History Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Islamic History Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Psychology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Sociology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Political Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Geography Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Accountancy Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Business Studies Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) English Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Hindi Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Arabic Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus Two (+2) Kaithang Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus Two (+2) Malayalam Previous Year Chapter Wise Question Papers

Plus One (+1) Previous Year Question Papers

Plus One (+1) Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Physics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Chemistry Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Maths Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Zoology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Botany Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Computer Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Computer Application Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Commerce Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Humanities Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Economics Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) History Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Islamic History Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Psychology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Sociology Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Political Science Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Geography Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Accountancy Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Business Studies Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) English Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Hindi Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Arabic Previous Year Chapter Wise Question Papers, Plus One (+1) Kaithang Previous Year Chapter Wise Question Papers , Plus One (+1) Malayalam Previous Year Chapter Wise Question Papers
Copyright © HSSlive: Plus One & Plus Two Notes & Solutions for Kerala State Board About | Contact | Privacy Policy