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AP Board Class 9 Hindi Chapter 5 फुटबॉल Textbook Solutions PDF: Download Andhra Pradesh Board STD 9th Hindi Chapter 5 फुटबॉल Book Answers |
Andhra Pradesh Board Class 9th Hindi Chapter 5 फुटबॉल Textbooks Solutions PDF
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Board | AP Board |
Materials | Textbook Solutions/Guide |
Format | DOC/PDF |
Class | 9th |
Subject | Maths |
Chapters | Hindi Chapter 5 फुटबॉल |
Provider | Hsslive |
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AP Board Class 9th Hindi Chapter 5 फुटबॉल Textbooks Solutions with Answer PDF Download
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InText Questions (Textbook Page No. 22)
प्रश्न 1.
चित्र में क्या दिखाई दे रहा है?
उत्तर:
चित्र में दो लड़के (टेबुल टेन्निस के खिलाड़ी, हाथ में राकेट (बैट) लेकर खडे हुए हैं।) एक के गले में मेडल है। दूसरे के पीठ पर थैला है।
प्रश्न 2.
वे क्या कर रहे हैं?
उत्तर:
वे दोनों एक दूसरे के कमर पर हाथ रखकर एक दूसरे के कंधे मिलाकर खडे हुए हैं।
(या)
वे दोनों प्यार से गले लग रहे हैं।
प्रश्न 3.
एक – दूसरे से क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर:
वे एक – दूसरे से जीत की शुभकामनाएँ कहना चाहते हैं।
अर्थव्राह्यता-प्रतिक्रिया
अ) प्रश्नों के उत्तर सोचकर बताइए।
प्रश्न 1.
‘खेलों से मनोरंजन होता है’ अपने विचार बताइए।
उत्तर:
खेलों से मनोरंजन होता है। बच्चों के मनोरंजन और पसंदी साधनाओं में खेलों का ही अधिक महत्व है। खेलों से शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास होता है। विद्यार्थी सुबह दस बजे से लेकर शाम को पाँच बजे तक पाठशालाओं में पढ़ाई के कारण मानसिक थकान का अनुभव करते हैं तो खेल उन्हें मनोरंजन देकर पढ़ाई में रुचि उत्पन्न करते हैं।
प्रश्न 2.
अपने मनपसंद खेल के बारे में बताइए।
उत्तर:
मेरा मनपसंद खेल क्रिकेट है । इसमें दो टीम होते हैं। एक – एक टीम में ग्यारह खिलाडी होते हैं। एक एक्स्ट्रा खिलाडी भी होता है। एक टीम बाउलिंग करता तो दूसरा टीम बैटिंग करता है। बैटिंग पूरा होने के बाद एक पक्ष वाले जितने रन बना लेते उनसे एक रन अधिक बनाना दूसरे पक्ष का लक्ष्य होता है । यदि वह टीम उतने रन बनाने में विफल हो तो हार जाएगा ।
आ) पाठ के आधार पर वाक्यों को उचित क्रम दीजिए।
1. जीतने की कोशिश करो। ( 4 )
2. यह प्रेम का खेल है। ( 2 )
3. फुटबॉल सचाई का खेल है। ( 1 )
4. इस बार हारोगे, तो अगली बार जीतोगे। (3)
इ) अनुच्छेद पढ़िए। भाव लिरिवए ।
खेल बच्चों के जीवन का अनोखा अंग है। इससे मानसिक और शारीरिक विकास होता है। खेलों से मानसिक थकान दूर होती है । जीवन परिश्रमी बनता है। शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए खेलों को अपने जीवन में महत्व देना अनिवार्य है।
उत्तर:
खेल बच्चों के जीवन का अंग है। खेलों से मानसिक और शारीरिक विकास होता है। मानसिक थकावट दूर होता है और बच्चे परिश्रमी बनते हैं | स्वस्थ रहते हैं। खेलों को महत्व देना ज़रूरी है।
ई) इन प्रश्नों के उत्तर तीन वाक्यों में दीजिए।
प्रश्न 1.
फुटबॉल खेल में गोल रक्षक का क्या महत्व है?
उत्तर:
फुटबॉल एक खास मैदानी खेल है । इस खेल में गोल रक्षक का महत्वपूर्ण स्थान रहता है। खेल में दोनों पक्षों के खिलाडी गेंद को मारते विपक्षी के बाक्स में भेजने का भरसक प्रयत्न करते हैं। गोल रक्षक बडी सतर्कता से गेंद पर ही नज़र रखकर, गेंद किस ओर से भी आये, अंदर घुसने न देने का प्रयत्न करता है। गोल रक्षक के सामर्थ्य पर ही खेल में जीत या हार संभव हो सकता है |
प्रश्न 2.
किसी भी खेल में नेतृत्व भावना की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
क्रिकेट, वालीबॉल, फुटबॉल आदि खेलों में अधिक खिलाडी खेलते हैं। उन खिलाडियों में एक योग्य व्यक्ति को नेता (कप्तान) बनाकर टीम का नेतृत्व करने की ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है । तब वह नेता बना व्यक्ति समझदारी, निपुणता से खिलाडियों में एकता की भावना भरते खेलने प्रोत्साहित करता रहता है। खिलाडी की योग्यता के अनुसार विविध स्थान देकर खेल में जीत प्राप्त करने का भरसक प्रयत्न करता है। अपने साथी खिलाडियों में उत्साह भरना, किसी कष्ट समय पर भी उनकी निंदा न करके ज़िम्मेदारी से खेलने की चेतना उनमें भरता है। सारे खिलाडियों को बिना किसी भेदभाव के खेल में अपनी पूरी योग्यता दिखाने का मौका देने का सही प्रयत्न नेता करता है । अपने नेतृत्व के टीम को विजयपथ पर ले जाने का गुरुतर भार नेता पर ही रहता है।
अभिव्यक्ति – सृजनात्मकता
अ) इन प्रश्नों के उत्तर लिरिवए ।
प्रश्न 1.
खेलों से किन गुणों का विकास होता है?
उत्तर:
- खेलों से निम्न लिखित गुणों का विकास होता है।
- विपक्षी के खेल को समझने और सराहने का गुण
- मिलजुलकर रहने का भाव
- अपनी हार और जीत से कुछ सीख
- ताकत और सावधानी का विकास
- टीम स्पिरिट का विकास
- परस्पर प्रेम भावना
- सब मिलकर सोचने की भावना
- सचाई से जीने की प्रेरणा
- खेलों से भाईचारे की भावना
प्रश्न 2.
आपको कौन-सा खेल पसंद है और क्यों?
उत्तर:
मुझे फुटबॉल का खेल पसंद है। क्योंकि फुटबॉल का खेल अकेले एक आदमी का खेल नहीं। यह टीम का खेल है, मिलजुलकर खेलने का खेल है। यह ताकत और सावधानी का खेल है। यह चुस्ती का खेल है। यह नज़र का खेल है। फुटबॉल पर नज़र, साथियों पर नज़र। यह ऐसा खेल है जिसमें एक की ताकत सबकी ताकत है और एक की कमज़ोरी सबकी कमज़ोरी है। यह प्रेम और सचाई का खेल है।
प्रश्न 3.
पढाई के साथ – साथ खेलों की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
पढ़ाई के साथ – साथ खेलों की आवश्यकता इन निम्न लिखित कारणों से होती है।
- स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। स्वस्थ शरीर के लिए खेलों की जरूरत है। तभी हमें पढ़ने के विषयों के प्रति संबंध स्थापित होता है।
- खेलों से मानसिक तथा शारीरिक थकावट दूर हो कर पढ़ाई के प्रति रुचि उत्पन्न होता है।
- खेलों से आत्म निर्भरता बढ़ती है इसलिए हम जो भी पढ़े वह आत्मसात हो जाता है।
- खेलों से छात्रों में मनोविनोद होता है। इसलिए फिर वे पढने में जी लगा सकते हैं।
- खेलों के द्वारा छात्रों में अनुशासन तथा सहयोग की भावना बढ़ती है ये दोनों छात्रों की पढ़ाई में सहयोग देते हैं।
- खेलों के द्वारा जीवन में परिश्रमी बनने का भाव उत्पन्न होता है जिससे छात्र खूब परिश्रम करके पढ़ाई में जीत पायेंगे।
- खेल बच्चों के जीवन का अनोखा अंग है।
- छात्र खेलते – कूदते, खेलों के माध्यम से अच्छी तरह पढ़ सकते हैं।
- खेलों से मानसिक तथा शारीरिक विकास होता है जो पढ़ाई में सहायक होता है।
आ) “फुटबॉल’ पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
(या)
फुटबॉल मिलजुलकर खेलने का खेल है। फुटबॉल खेल के बारे में आप क्या जानते हैं? लिखिए।
उत्तर:
‘फुटबॉल” नामक पाठ में लेखक फुटबॉल खेल के बारे में और उसके प्रति आपने लगाव के बारे में वर्णन करते हैं। जो इस प्रकार है –
फुटबॉल सचाई का खेल है। यह प्रेम का खेल है । इसमें दो पक्ष होते हैं। फुटबॉल प्रायः हमारे सभी स्कूलों में खेला जाता है।
लेखक को वॉलीबाल खेलते-खेलते फुटबॉल भी खेलने का शौक पैदा हुआ | तब से फुटबॉल लेखक का प्रिय खेल हो गया। लेखक दिन में, रात में, मैदान में, खेत में जब समय मिले तब फुटबॉल खेलने लगा। __फुटबॉल अकेला एक आदमी का खेल नहीं। यह टीम का खेल है । मिलजुलकर खेलने का खेल है। इसमें एक की ताकत सबकी ताकत है, एक की कमज़ोरी सबकी कमज़ोरी है।
इस खेल में भी हार और जीत दोनों होते हैं। जीत और हार दोनों से सीख मिलता है। अंत में लेखक आशा करता है कि आज तक तो वह किसी बडी टीम में नहीं खेला लेकिन वह एक न एक दिन देश की किसी
भी बड़ी टीम में खेलेगा।
इ) किसी एक खेल के बारे में लिखिए |
उत्तर:
क्रिकेट :
क्रिकेट बडा ही मनोरंजक खेल है। बच्चे, युवक, वृद्ध, अफ़सर, व्यापारी, अध्यापक तथा आफ़ीसों के बाबू आदि सभी के मन में क्रिकेट मैच देखने की उमंग उठती है।
क्रिकेट खेल में दो दल होते हैं। प्रत्येक दल में ग्यारह खिलाडी खेलते हैं। खेल खेलने के लिए बहुत बड़े मैदान की आवश्यकता होती है। इसके बीच में पिच होती है। इस पिच पर मैटिग (चढ़ाई) बिछा दिया जाता है।
खेल शुरू होने से पहले दोनों दल के एक-एक खिलाडी बारी – बारी से आकर विकटों के सामने खडा होता है और गेंद से हिट लगाकर (पीटकर) रन बनाता है। एक खिलाडी विकटों के पीछे खडा होता है। जिसे विकट कीपर कहते हैं। एक दूसरे खिलाडी गेंद फेंकने वाले के पीछे खडा होता है, इसे रनर कहते हैं। दूसरे दल का एक खिलाडी जिसे बउलर या गेंदबाज़ कहते हैं। विकटों को लक्ष्य बनाकर गेंद इस प्रकार फेंकने का प्रयास करता है कि वह विकटों पर जाकर लगे।
यदि एक दल के सभी खिलाडी खेल लेते हैं तो दूसरे दल के खिलाडी जो कि पहले फील्डिंग करते थे, खेलना आरंभ कर देते हैं। जिस दल के रन अधिक होते हैं, वह दल विजयी माना जाता है ।
ई) ‘हार – जीत खेल का एक हिस्सा है।’ इस पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
मानव के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए खेल अत्यंत आवश्यक अंग है। खेलों से मानसिक थकावट दूर होती है। शरीर तंदुरुस्त रहकर, जीवन परिश्रमी बनता है। खेलों को खेल ही समझने चाहिए | खेल ही जीवन नहीं समझना है।
हर खेल में दो पक्ष ज़रूर होते हैं। एक पक्ष जीतता है तो दूसरा हार जाता है। यह तो अनिवार्य है। तभी खेल का फल मालूम होता है। हार-जीत दोनों खेल का एक हिस्सा है। इन दोनों का समान अस्तित्व रहता है। खेल में वैर भाव नहीं रखना चाहिए। एक बार हारेगा तो अगली बार जीतेगा | जीतने की कोशिश करनी है। हार या जीत खिलाडियों की गलतियों, कमजोरियों, लिये जानेवाले निर्णयों आदि अनेक मुख्य विषयों पर आधारित होते हैं। अपनी हार को असमर्थता और विपक्षी की सफलता को समर्थता नहीं समझनी चाहिए।
खेल तो खेल ही है । उसे प्रमे से चाव से खेलना चाहिए। इस बार हार होगी तो विफल न होकर अगली बार ज़रूर जीत होगी, ऐसी भावना रखकर कोशिश करनी है। वही सच्चा खिलाडी का महान गुण है। सच्चा खिलाडी जीते हुए पक्षवालों के खेल को समझने की कोशिश करेगा। उनकी प्रशंसा ज़रूर करेगा। अपनी हार का कारण क्या है? इस पर विचार करेगा। इस तरह अपनी हार या जीत से कुछ न कुछ ज़रूर सीखनेवाला ही सच्चा खिलाडी है।
भाषा की बात
अ) वाक्य पढ़िए और अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद समझिए ।
परियोजना कार्य
वर्ग-पहेली में खेलों के नाम छिपे हैं । उन्हें पहचानिए । किसी एक के बारे में जानकारी इकट्ठा कीजिए।
उत्तर:
- खो-खो
- फुटबॉल
- क्रिकेट
- हॉकी
- टेनिस
इनमें से क्रिकेट खेल के बारे में अभिव्यक्ति -सृजनात्मकता के अंतर्गत प्रश्न संख्या ‘ई में जानकारी दी गयी है। उसे पढ़िए।
फुटबॉल Summary in English
Football is often played in our schools. Soon after I found a football. I went to play the game. We keep on playing football. As I kept on playing. I grew a liking towards the game football. Besides, it became my favourite game.
Whether it is a day or night, field or playground, when I found time I was there. Football was with me. At first I would play the game all alone. Then it was a toy for me. Later I realised that it was everybody’s thing. It’s a wonderful thing. Two teams play the game. Thousands of spectators watch it.
Football is not a one-man game. It is a game played by teams. It is a game played together. It is a game played with energy and concentration. It is a game played with intellect and agility. It is a game played with attention. Attention on football, attention on friends, attention on opposition, attention on goal, attention on line, attention on time and attention on one’s own. It’s a sort of game in which one’s energy becomes everybody’s energy and one’s weakness becomes everybody’s weakness.
Football is an honest game. It’s a game which enhances love. The player who has hostile feelings is not called so. There are two sides. One wins and one loses. Then why should one have feelings such as anger and enmity? If they lose now, they will win next time. Do sincere effort to win. If the opposition wins, try to understand the way they played. Appreciate them. Do learn from your failure. Do learn from your success.
So far I haven’t played in any big team. But one day or other I will certainly play in a big team belonged to my country. Besides, I would like to play outside also. My wish will certainly be accomplished today or tomorrow.
फुटबॉल Summary in Telugu
ఫుట్ బాల్ తరచుగా మన పాఠశాలలన్నింటిలో ఆడబడుచున్నది. ఫుట్ బాల్ లభించగానే ఆడటానికి నేను వెళ్లిపోయాను. మనం వాలీబాల్ ఆడుతూనే ఉంటాం. ఈ విధంగా ఆడుతూ ఆడుతూ ఫుట్ బాల్ ఆట పట్ల ఇష్టం ఏర్పడినది. అంతేకాదు ఫుట్ బాల్ ఆట నా ప్రియమైన ఆట అయినది.
పగలేమి, రాత్రి ఏమి, పొలమేమిటి, ఆటస్థలమేమిటి, ఎప్పుడు సమయం దొరికితే అప్పుడు నేనున్నాను. నా ఫుట్ బాల్ ఉంది. మొదట్లో నేను ఒంటరిగానే ఫుట్ బాల్ ఆడుకునేవాణ్ణి. అప్పుడు నాకు అది ఒక ఆట బొమ్మ. తర్వాత ఇది అందరి వస్తువని నాకు అర్థమైనది. ఇది అద్భుతమైన వస్తువు. ఫుట్ బాల్ అందరి వస్తువు. రెండు పక్షాలు ఆడతాయి. వేలకొలది ప్రజలు చూస్తారు.
ఫుట్ బాల్ ఆట ఒంటరిగా ఒక మనిషి ఆడే ఆట కాదు. ఇది టీం (కొంతమంది ఆటగాళ్ళు) ఆడే ఆట. కలిసిమెలిసి ఆడే ఆట. ఇది శక్తితో మరియు ఏకాగ్రతతో (జాగరూకతతో) ఆడే ఆట. ఇది తెలివితేటలతో చురుకుదనంతో ఆడే ఆట. ఇది దృష్టితో ఆడే ఆట. ఫుట్ బాల్ మీద దృష్టి, స్నేహితుల మీద దృష్టి, విపక్షం మీద దృష్టి, గోల్ మీద దృష్టి, గీత (లైన్) మీద దృష్టి, సమయంపై దృష్టి మరియు తన మీద దృష్టి. ఇది ఎలాంటి ఆట అంటే ఒకరి శక్తి అందరి శక్తి, ఒకరి బలహీనత అందరి బలహీనత అయ్యే ఆట.
ఫుట్ బాల్ నిజాయితీ ఆట. ఇది ప్రేమను పెంచే ఆట. వైరభావం ఉన్నవాడు ఆటగాడే కాదు. రెండు పక్షాలుంటాయి. ఒకరు గెలుస్తారు. ఒకరు ఓడతారు. దీనిలో కోపం, వైరం(శతృత్వం) అనే భావాలెందుకు ? ఇప్పుడు ఓడిపోతే ఇంకోసారి గెలుస్తారు. గెలిచే ప్రయత్నం చేయి. ఎదుటివారు (ప్రతిపక్షం) గెలిస్తే వారి ఆటను అర్థం చేసుకో, వారిని పొగుడు. నీ ఓటమి నుండి నేర్చుకో, నీ విజయం నుండి నేర్చుకో.
ఈనాటి వరకు నేనే పెద్ద టీంలోనూ ఆడలేదు. కానీ నేను ఏదో ఒక రోజున నా దేశానికే చెందిన ఏదో ఒక పెద్ద టీంలో తప్పనిసరిగా ఆడతా. అంతేకాదు నేను బయట కూడా ఆడాలని అనుకుంటున్నా. ఈ రోజు కాకపోతే రేపైనా నా కోరిక తప్పనిసరిగా నెరవేరుతుంది.
अर्थग्राहयता – प्रतिक्रिया
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए।
“फुटबॉल सचाई का खेल है। यह प्रेम का खेल है। इसमें जो वैर – भाव रखे, वह खिलाड़ी नहीं। दो पक्ष हैं, एक जीतेगा और दूसरा हारेगा। इसमें नाराज़गी या वैर – भाव की क्या बात ? इस बार हारोगे तो अगली बार जीतोगे।”
प्रश्न :
1. फुटबॉल किस प्रकार का खेल है?
उत्तर:
फुटबॉल सचाई और प्रेम का खेल है।
2. खेल में वैरभाव रखनेवाला क्या नहीं कहलाता है?
उत्तर:
खेल में वैरभाव रखनेवाला खिलाडी नहीं कहलाता है।
3. फुटबाल में कितने पक्ष खेलते हैं?
उत्तर:
फुटबाल में दो पक्ष खेलते हैं।
4. “हारना” शब्द का विलोम शब्द क्या है?
उत्तर:
हारना x जीतना (‘हारना’ शब्द का विलोम शब्द है “जीतना”।
5. यह गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर:
यह गद्यांश “फुटबाल” पाठ से लिया गया है।
निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर दीजिए। सही विकल्प से संबंधित अक्षर चुनकर कोष्ठक में रखिए।
“मनुष्य के लिए स्वस्थ रहना अत्यन्त आवश्यक है। तंदुरुस्त रहने से मन प्रसन्न रहता है। मनुष्य दुगुने उत्साह के साथ अपने काम में लग सकता है। इसके विपरीत अस्वस्थ रहने से वह उदास हो जाता है। मन नीरस रहता है। इसलिए कहा गया है कि स्वस्थ तन में स्वस्थ मन और मस्तिष्क का
निवास होता है।”
प्रश्न :
1. मनुष्य के लिए कैसे रहना अत्यंत आवश्यक है?
A) उदास
B) स्वस्थ
C) नीरस
D) दुःखी
उत्तर:
B) स्वस्थ
2. तन्दुरुस्त रहने से मन कैसा रहता है?
A) प्रसन्न
B) नीरस
C) उदास
D) बेचैनी
उत्तर:
A) प्रसन्न
3. मनुष्य अस्वस्थ रहने पर क्या हो जाता है?
A) स्वस्थ
B) चुस्त
C) अच्छा
D) उदास
उत्तर:
D) उदास
4. स्वस्थ तन में किसका निवास होता है?
A) स्वस्थ मन
B) स्वस्थ मस्तिष्क
C) स्वस्थ और मस्तिक
D) कुछ नहीं
उत्तर:
A) स्वस्थ मन
5. “स्वस्थ’ शब्द का विलोम शब्द क्या है?
A) अस्वस्थ
B) प्रसन्न उत्तर
C) सुख
D) उत्साह
उत्तर:
A) अस्वस्थ
निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए।
1. मैं हूँ, मेरा फुटबाल । (वाक्य में सर्वनाम शब्द क्या हैं ?)
A) मैं
B) हूँ
C) फुटबॉल
D) कुछ नहीं
उत्तर:
A) मैं
2. शुद्ध रूप पहचानिए।
A) हजारों लोग देखता है।
B) हजार लोग देखता हैं।
C) हजारों लोग देखते हैं।
D) हजारों लोग देखते है।
उत्तर:
C) हजारों लोग देखते हैं।
3. समय मिलता तो हम फुटबाल खेलते। (संज्ञा शब्द पहचानिए।)
A) मिलता
B) तो
C) हम
D) फुटबाल
उत्तर:
D) फुटबाल
4. सही क्रम वाला वाक्य पहचानिए।
A) प्रायः हमारे सभी स्कूलों में खेला जाता है फुटबॉल।
B) फुटबॉल प्रायः हमारे सभी स्कूलों में खेला जाता है।
C) हमारे सभी स्कूलों में फुटबाल प्रायः खेला जाता है।
D) सभी स्कूलों में खेला जाता है फुटबाल प्रायः।
उत्तर:
B) फुटबॉल प्रायः हमारे सभी स्कूलों में खेला जाता है।
5. पढ़ाई के साथ – साथ खेलों की आवश्यकता है। (रेखांकित शब्द का विलोमशब्द पहचानिए।)
A) निरावश्यकता
B) परावशयकता
C) आवश्यकताहीन
D) अनावश्यकता
उत्तर:
D) अनावश्यकता
6. राम दिन – रात फुटबॉल खेलता रहता है। रेखांकित शब्द का समास पहचानिए।
A) तत्पुरुष समास
B) द्विगु समास
C) द्वंद्व समास
D) अव्ययीभाव समास
उत्तर:
C) द्वंद्व समास
7. खेल में विपक्ष पर नज़र रखना है। रेखांकित शब्द का उपसर्ग पहचानिए।
A) क्ष
B) पक्ष
C) वि
D) विप
उत्तर:
C) वि
8. खिलाड़ी ने फुटबॉल को ज़ोर से मारा। इस वाक्य में क्रिया विशेषण शब्द पहचानिए।
A) मारा
B) खिलाडी
C) जोर से
D) फुटबॉल
उत्तर:
B) खिलाडी
9. फुटबॉल सचाई ………. खेल है। उचित कारक चिह्न पहचानिए|
A) के
B) का
(B )
C) की
D) को
उत्तर:
B) का
10. फुटबॉल अकेले एक आदमी का खेल नहीं है। संज्ञा शब्द को पहचानिए।
A) अकेले
B) एक
C) नहीं है
D) फुटबॉल
उत्तर:
D) फुटबॉल
11. फुटबॉल ताकत और सावधानी का खेल है। (रेखांकित शब्द का अर्थ क्या है?)
A) कमज़ोरी
B) शक्ति
C) तप
D) ताज
उत्तर:
B) शक्ति
अर्थग्राह्यता – प्रतिक्रिया
पठित – गद्यांश
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।
1. फुटबॉल सचाई का खेल है। यह प्रेम का खेल है। इसमें जो वैर – भाव रखे, वह खिलाड़ी नहीं। दो पक्ष हैं, एक जीतेगा और दूसरा हारेगा। इसमें नाराज़गी या वैर – भाव की क्या बात? इस बार हारोगे तो अगली बार जीतोगे। जीतने की कोशिश करो। विपक्षी अगर जीतता है तो उसके खेल को समझो और उसकी सराहना करो। अपनी हार से भी सीखो और अपनी जीत से भी सीखो।
प्रश्न :
1. फुटबॉल कैसा खेल है?
उत्तर:
फुटबॉल सचाई का खेल है। यह प्रेम का खेल है।
2. फुटबॉल खेल में कितने पक्ष होते हैं?
उत्तर:
फुटबॉल खेल में दो पक्ष होते हैं।
3. विपक्षी अगर जीतता है तो हमें क्या करना है?
उत्तर:
विपक्षी अगर जीतता है तो उसके खेल को समझना और उसकी सराहना करना चाहिए।
4. हमें किन – किनसे सीखना है?
उत्तर:
हमें हार और जीत दोनों से सीखना है।
5. वैर – भाव रखनेवाला क्या नहीं हो सकता?
उत्तर:
वैर भाव रखने वाला खिलाड़ी नहीं हो सकता।
2. फुटबॉल का खेल अकेले एक आदमी का खेल नहीं। यह टीम का खेल है, मिलजुलकर खेलने का खेल है, यह ताकत और सावधानी का खेल है, यह चुस्ती का खेल है, यह नज़र का खेल है। फुटबॉल पर नज़र, साथियों पर नज़र, विपक्षियों पर नज़र, गोल पर नज़र, लाइन पर नज़र, समय पर नज़र, अपने पर नज़र । यह ऐसा खेल है जिसमें एक की ताकत सबकी ताकत है और एक की कमज़ोरी सबकी कमज़ोरी है।
प्रश्न :
1. टीम का खेल क्या है?
उत्तर:
फुटबॉल टीम का खेल है।
2. ताकत और सावधानी का खेल क्या है?
उत्तर:
ताकत और सावधानी का खेल है “फुटबॉल”।
3. इस उपर्युक्त अनुच्छेद में किस खेल के बारे में बताया गया है?
उत्तर:
इस उपर्युक्त अनुच्छेद में फुटबॉल खेल के बारे में बताया गया है।
4. फुटबॉल खेल में किन – किन पर नज़र रखनी पडती है?
उत्तर:
फुटबॉल खेल में फुटबॉल पर नज़र, साथियों पर नज़र, विपक्षियों पर नज़र, गोल पर नज़र, लाइन पर नज़र, समय पर नज़र और अपने पर नज़र रखनी पडती हैं।
5. उपर्युक्त अनुच्छेद किस पाट से लिया गया है?
उत्तर:
उपर्युक्त अनुच्छेद “फुटबॉल” पाठ से लिया गया है।
3. फुटबॉल प्रायः हमारे सभी स्कूलों में खेला जाता है। फुटबॉल मिला और लेकर खेलने निकल गये। यों भी हम लोग वालीबॉल तो खेलते ही आये हैं। इस तरह खेलते – खेलते फुटबॉल भी खेलने का शौक पैदा हो गया और फुटबॉल मेरा प्रिय खेल बन गया।
प्रश्न :
1. प्रायः सभी स्कूलों में क्या खेला जाता है?
उत्तर:
प्रायः सभी स्कूलों में फुटबॉल खेला जाता है।
2. यों भी हम लोग क्या खेलते ही आये हैं?
उत्तर:
यों भी हम लोग वालीबॉल खेलते ही आये हैं।
3. लेखक का प्रिय खेल क्या बन गया ?
उत्तर:
फुटबॉल लेखक का प्रिय खेल बन गया ।
4. लेखक को क्या मिला ? और क्या खेलने निकल गये ?
उत्तर:
लेखक को फुटबॉल मिला और फुटबॉल खेलने निकल गये।
5. उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
उत्तर:
उपर्युक्त गद्यांश ‘फुटबॉल’ पाठ से लिया गया है।
अपठित – गद्यांश
नीचे दिये गये गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर चुनकर कोष्ठक में लिखिए।
1. लक्ष्मीबाई का जन्म 16 नवंबर, 1835 ई. को हुआ था। इनके पिता का नाम मोरोपंत ताम्बे और माता का नाम भागीरथी बाई था। लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मनुबाई था। मनु की माता का स्वर्गवास उनके बचपन में ही हो गया। पिता ने ही उनका पालन – पोषण किया। नाना साहेब बचपन में मनु के साथी थे।
प्रश्न :
1. लक्ष्मीबाई का जन्म किस साल में हुआ?
A) 1935
B) 1835
C) 1845
D) 1855
उत्तर:
B) 1835
2. लक्ष्मीबाई के पिता कौन थे?
A) मोरोपंत तांबे
B) नाना साहेब
C) गंगाधर
D) भागीरथी बाई
उत्तर:
A) मोरोपंत तांबे
3. लक्ष्मीबाई की माता का नाम क्या है?
A) जमुना बाई
B) लता बाई
C) भागीरथी बाई
D) मनुबाई
उत्तर:
C) भागीरथी बाई
4. मनुबाई किनके बचपन का नाम था?
A) भागीरथी बाई
B) जमुना बाई
C) राधा बाई
D) लक्ष्मीबाई
उत्तर:
D) लक्ष्मीबाई
5. लक्ष्मीबाई का पालन – पोषण किसने किया?
A) माता
B) पिता
C) भाई
D) चाचा
उत्तर:
B) पिता
2. मुगल सम्राटों में शाहजहाँ बड़ा ही सहृदय, विलासप्रिय एवं कला मर्मज्ञ था। रानी मुमताज महल रूप की रानी थी। अपने गुणों एवं सौंदर्य से उन्होंने शाहजहाँ को वशीभूत कर रखा था। दोनों ओर प्रेम का बन्धन था और इस बन्धन में ही सुख था। किन्तु मृत्यु की क्रूर दृष्टि से किसका सुख देखा गया है? महारानी बीमार हुई और अन्तिम घड़ियाँ निकट आने लगीं। जगत् का मोह भी बढ़ने लगा। मृत्यु की ओर बढ़ती हुई मुमताज़ ने कामना की कि उसकी समाधि असाधारण हो । पति ने आर्द्र हृदय से बिछुड़ती हुई प्रिया को कुछ वचन दिये थे। ताजमहल उसी वचन की पूर्ति का प्रयत्न है।
प्रश्न :
1. रूप की रानी कौन थी?
A) रानी मुंताज महल
B) रानी जुबेदा बेगम
C) रुद्रमदेवी
D) रानी चंडी देवी
उत्तर:
A) रानी मुंताज महल
2. बडा ही सहृदय, विलासप्रिय एवं कलामर्मज्ञ कौन था?
A) जहंगीर
B) औरंगजेब
C) अकबर
D) शाहजहाँ
उत्तर:
D) शाहजहाँ
3. मृत्यु की ओर बढ़ती हुई मुंताज की कामना क्या थी?
A) उसकी समाधि असाधारण हो
C) सुंदर भवन की कामना चाहिए
D) ये सब चाहिए
उत्तर:
A) उसकी समाधि असाधारण हो
4. मुमताज ने शाहजहाँ को कैसे वशीभूत कर रखा?
A) दंड देते हुए
B) अपने सौंदर्य और गुणों से
C) प्यार से
D) इन सबसे
उत्तर:
B) अपने सौंदर्य और गुणों से
5. शाहजहाँ इस वंश का सम्राट था
A) गुलाम
B) तुम्लक
C) संगम
D) मुगल
उत्तर:
D) मुगल
3. आज की शिक्षा प्रणाली में जो सबसे बड़ी खराबी है, उसे अब मैं तीव्रता से महसूस कर रही हूँ। पिछले 18 वर्षों के मेरे अध्ययन काल में मुझे न कभी जंगल से लकड़ी लानी पड़ी थी, न कभी गायें चरानी पड़ी थी। इसलिए मेरा शरीर किसी भी प्रकार के परिश्रम के लिए सर्वथा असमर्थ बन गया था। यात्रा में शरीक होने पर पहले ही दिन मेरा स्वास्थ्य बिगड़ गया । पिछले 18 वर्षों के दरमियान में किसी भी विषय में प्रवीण न हो सकी, यह बात तो थी ही, लेकिन उधर वर्षा के महिलाश्रम की नर्मदा बेन मुझ – जैसी ही नौसिखुआ होते हुए भी बड़ी फुर्ती से विनोबाजी के साथ चल रही थी।
प्रश्न :
1. आज की शिक्षण प्रणाली कैसी है?
A) बहुत अच्छी
B) बडी खराबी
C) सुविधाजनक
D) रटंत
उत्तर:
B) बडी खराबी
2. लेखिका का शरीर किसके लिए असमर्थ बन गया ?
A) किसी भी प्रकार के परिश्रम के लिए
B) बोझ ढोने
C) आराम लेने के लिए
D) इन सबके लिए
उत्तर:
A) किसी भी प्रकार के परिश्रम के लिए
3. यात्रा में शरीक होने पर लेखिका का स्वास्थ्य कब बिगड गया ?
A) दूसरे ही दिन
B) तीसरे ही दिन
C) पहले ही दिन
D) पाँचवे दिन
उत्तर:
C) पहले ही दिन
4. कितने वर्षों के पिछले के दरमियान में लेखिका किसी भी विषय में प्रवीण न बनी?
A) 28
B) 19
C) 38
D) 18
उत्तर:
D) 18
5. बड़ी फुर्ती से विनोबा के साथ कौन चल रही थी?
A) लेखिका
B) कस्तूरी बाई
C) विमला
D) नर्मदा बेन
उत्तर:
D) नर्मदा बेन
4. डॉ. अंबेडकर राजनैतिक आज़ादी के साथ सामाजिक और आर्थिक आज़ादी भी चाहते थे। उनको कमज़ोर वर्ग के प्रति सहानुभूति थी। वे उनके दुखों को दूर करने का प्रयत्न करते थे। दर असल वे पीड़ित मानवता के प्रवक्ता थे। वे सच्चे राष्ट्रप्रेमी और समाज सुधारक थे।
प्रश्न :
1. कमज़ोर वर्ग के प्रति सहानुभूति किसे थी?
A) राजाजी को
B) गाँधीजी को
C) डॉ. अंबेडकर को
D) नानक को
उत्तर:
A) राजाजी को
2. डॉ. अंबेड्कर किसके प्रवक्ता थे?
A) पीडित मानवता के
B) हिंसा के
C) विज्ञान के
D) अशांति के
उत्तर:
A) पीडित मानवता के
3. सच्चे राष्ट्रप्रेमी और समाज सुधारक कौन थे?
A) नेहरू
B) तिलक
C) बोस
D) अंबेड्कर
उत्तर:
D) अंबेड्कर
4. डॉ. अंबेडकर राजनैतिक आज़ादी के साथ – साथ किस आजादी को चाहते थे?
A) धार्मिक
B) नैतिक
C) सामाजिक तथा आर्थिक
D) समानता रूपी
उत्तर:
C) सामाजिक तथा आर्थिक
5. उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपर्युक्त शीर्षक निम्न में से क्या होगा?
A) आज़ादी
B) डॉ. अंबेड्कर
C) डॉ. राधाकृष्णन
D) डॉ. मेहता।
उत्तर:
B) डॉ. अंबेड्कर
5. आज के दिन इसी समय मैंने अपने दोस्त कैलाश के साथ किशनसिंह होटल में तीन नबंर की चाय पी थी। किशनसिंह की बनाई चाय के नंबर हुआ करते थे – एक नंबर की चाय हलकी, दो नंबर की मध्यम तेज़ और तीन नंबर की स्पेशल हुआ करती थी।
प्रश्न :
1. किस होटल में चाय पी थी?
A) किशोर सिंह
B) किलाडी सिंह
c) किरण सिंह
D) किशन सिंह
उत्तर:
D) किशन सिंह
2. चाय किसने बनायी?
A) किसान सिंह
B) किशन सिंह
C) किशोर सिंह
D) ये सब
उत्तर:
B) किशन सिंह
3. किशनसिंह की बनाई चाय के कितने नबंर हुआ करते?
A) दो
B) तीन
C) चार
D) पाँच
उत्तर:
B) तीन
4. तीन नंबर की चाय कैसी हुआ करती?
A) मध्यम
B) हलकी
C) स्पेशल
D) तेज़
उत्तर:
C) स्पेशल
5. इस अनुच्छेद में एक दोस्त का नाम आया – वह कौन है?
A) किशनसिंह
B) किशोर
C) कैलाश
D) विनोद
उत्तर:
C) कैलाश
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